Thursday, January 31, 2008

सुरेश साबू मित्र मंडल द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान

सीहोर 30 जनवरी (फुरसत)। स्वतंत्रता संग्राम सेनानीगण हमारे राष्ट्र की अमूल्य धरोहर है । आज हम सभी का यहर् कत्तव्य है कि हम उनके द्वारा दिलायी गई आजादी को संभालकर रखें और जैसा सपना हमारे देश के महान सेनानियों ने रामराज को देखा था उसे साकार करने का ईमानदारी से प्रयास करें । गांधीजी, भगतसिंह, सुभाषचंद बोस, रामप्रसाद बिस्मिल, अश्फाक उल्ला खां जैसे असंख्य ज्ञात और अज्ञात महापुरूषों ने आजादी की नींव का पत्थर बनकर हमें दासता से मुक्ति दिलायी । ऐसे महान देशभक्तों का सपना अवश्व साकार होगा । ऐसा हम सभी को विश्वास है । उक्त उद्गार सुरेश साबू मित्र मंडल द्वारा आयोजित स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि म।प्र। कांग्रेस विधायक दल के प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री सानसिंह वर्मा ने व्यक्त किये ।
श्री वर्मा ने युवाओं से आव्हान किया कि आज समाज और राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण हमारी संस्कृति से पाश्चात्य के भी उस पार जाने को है, इसे हमें दूर कर अपनी सांस्कृतिक सभ्यता की रक्षा करनी होगी । इस अवसर पर आल इंडिया हैंडीक्राफ्ट बोर्ड कपड़ा मंत्रालय नई दिल्ली के उपाध्यक्ष अक्षत कासट ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का देश के प्रति त्याग व समर्पण अतुलनीय है एवं वह सम्मान से भी परे है । यह हम सभी के लिए गौरव की बात है कि हमें आज भी भारत माता के सच्चे सपूतों का सम्मान करने का अवसर प्राप्त हुआ है । इसके लिये मैं सुरेश साबू मित्र मंडल को बधाई एंव धन्यवाद देता हूं । कार्यक्रम में उपस्थित सीहोर के पूर्व विधायक शंकरलाल साबू ने उपस्थित स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन करते हुए स्वतंत्रता संग्राम में सीहोर नगर के शहीदों का भी उल्लेख किया । जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश परमार ने अपने संबोधन में कहा कि हमें स्वतंत्रता के इन सेनानियों से सीख लेना चाहिये कि हमें जो बोलेंगे अच्छा बोलेंगे जो करेंगे अच्छा करेंगे तथा अपनी कथनी और करनी में अंतर नही करेंगें। श्री परमार ने सुरेश साबू मित्र मंडल को उक्त आयोजन आयोजित करने पर बधाई दी । कार्यक्रम में देवास विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष मनोज रजानी, उज्‍जैन के कांग्रेस नेता मनीष शर्मा व कांग्रेस नेता सुरेश साबू मंचासीन थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ उपस्थित अतिथियों ने राष्ट्रपति महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रावलित कर किया । अतिथियों को बेच युवक कांग्रेस अध्यक्ष राजकुमार जायसवाल, शैलेष अग्रवाल, राम मित्तल, राजेन्द्र शर्मा, दीपक शर्मा, अजय अग्रवाल, विनोद जैन, नीरज राठौर, आशीष गेहलोत, पार्षद ने लगाये । स्वागत भाषण कांग्रेस नेता प्रेमबंधु शर्मा ने दिया। सेनानी सम्मान कार्यक्रम पर पार्षद आशीष गेहलोत ने प्रकाश डाला। प्रारंभ में अतिथियों का पुष्पमाला से स्वागत सुरेश साबू, नंद गोपाल बियाणी, सुश्री रूकमणी रोहिला, रामनारायण ताम्रकार, मदन मोहन शर्मा, महेन्द्र सिंह अरोरा, हफीज चौधरी, दामोदर राय, अशोक श्रीवास्तव, संजय पालीवाल, प्रमोद मेहता, पंकज गुप्ता, पवन राठौर, राहुल यादव, दिनेश भैरवे, शंकर गुप्ता, मनोहर शर्मा, इरफान बेल्डर, समाजसेवी हरीश अग्रवाल, सुदेश राय, साकेत कासट, हरी सोनी, विनय पालीवाल, राजाराज कसोटिया, अखिलेश राठौर, विनीत राठौर, मनोज राठौर, मृदुल तोमर, सुनीलधाड़ी, सोनी शर्मा, पवन गुप्ता, लल्लू राठी, द्वारका मित्तल, सौभालसिंह भाटी, सोहेल मिर्जा, प्रकाश पोरवाल, जगदीश चौहान, जावर नगर पंचायत अध्यक्ष फूलसिंह मालवीय आदि ने किया । इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को जाकेट, सम्मान पत्र, श्रीफल भेंट कर श्रीवर्मा ने उदय सिंह आर्य, पूरनसिंह आर्य, बेनी प्रसाद राठौर, गोपाल राठोर, केसरीमल गिरोठिया, विद्यासागर समाधिया, भगवान दास अग्रवाल, अभिमन्यु राठौर, मुंशीलाल राठौर, गेंदालाल सूर्यवंशी, शांतिलाल जैन, अमृतलाल शर्मा, चंद्रकिशोर व्यास, श्याम सुंदर सक्सेना, देवबगस वर्मा का सम्मान किया । कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप चौहान ने किया एवं आभार राजेन्द्र शर्मा पूर्व पार्षद एवं अध्यक्ष सुरेश साबू मित्र मंडल न व्यक्त किया ।

जल प्रदाय नहीं होने से पेयजल के लिए भटकने लगे नगरवासी

सीहोर 30 जनवरी (फुरसत)। विगत पांच दिनों से पार्वती पेयजल योजना से सीहोर छावनी सहित अन्य क्षैत्रों में पेयजल आपूर्ति करने में नपा परिषद असफल सिद्ध हो रही है । पेयजल प्रदाय के लिए जब भी नागरिक परिषद के पेयजल प्रदाय के संबंध में जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करते है तो पहले तो उनहें संतोष जनक उत्तर नही दिया जाता है और दिया भी जाता है तो यह कहकर पल्ला झाड़ लेते है कि इन्टैकवेल पर रात्रि में विद्युत कटौती होने से पेयजल टंकियां नही भरा पाती है । परिणाम स्वरूप नगर में पेयजल आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हो रही है । पांच दिनों से नल नही चलने से छावनी, कस्बा, इंग्लिशपुरा, गंगा आश्रम, आदि क्षैत्रों में पेयजल संकट की स्थिति अभी से बनने लगी है । नागरिक पेयजल के लिए की खाक छानने लगे है।

स्वप्न में देवताओं ने दिये दर्शन और 20 दिन में तैयार हो गया काल भैरव मंदिर

मंदिर बनवाने वाले विद्युत मण्डल के कार्यपालन यंत्री सीहोर श्री सक्सेना के साथ घटे हैं अनेक दैवीय चमत्कार
सीहोर में बना चमत्‍कारिक भैरव तंत्र पर भैरव
मंदिर
सीहोर 30 जनवरी (विशेष संवाददाता फुरसत)। देव भूमि भारतवर्ष में देव चमत्कार तो आये दिन होते ही रहते हैं लेकिन वर्तमान विद्युत मण्डल कार्यपालन यंत्री रविन्द्र जीत सक्सेना के भाग्य इस मामले कुछ यादा ही प्रबल हैं। इन्हे अक्सर जिस क्षेत्र में यह यादा दिन रह लेते हैं वहाँ के आसपास के जाग्रत देव स्थानों के स्वप् आते हैं और फिर यदि वह देव स्थान खण्डहर की स्थिति में है या व्यवस्थित नहीं बना है अथवा वहाँ किसी को जानकारी ही नहीं है यहाँ भी कोई स्थान है तो फिर अपने स्वप् में दिखे स्थान को श्री रविन्द्र जीत ढूंढना शुरु कर देते हैं और जब स्वप्न में दिखा देव स्थान इन्हे ढूंढते-ढूंढते मिल जाता है तो फिर वह वहीं एक मंदिर बनवा देते हैं। यहाँ करोली वाली माता मंदिर गंज 7 जनवरी 2008 के पूर्व कभी रवीन्द्र जीत सक्सेना ने देखा भी नहीं था लेकिन स्वप् में आये इस मंदिर के दृश्य जब उन्होने एक कागज में उतारे तो विद्युत मण्डल में ही काम करने वाले पं। कमला प्रसाद ने चित्र देखकर बता दिया यह तो करोली वाली माता मंदिर है......।
आज मात्र 20 दिन के अंदर ही 30 जनवरी बुधवार माघ कृष्ण पक्ष अष्टमी को यहाँ काल भैरव का तंत्रोक्त विधि से भैरव यंत्र पर बना एक मंदिर पूर्ण हो चुका है जहाँ उनकी स्थापना हो गई। किसी यंत्र पर स्थापित अपनी तरह का यह एक ही मंदिर है जिसको लेकर नगर भर के धार्मिक लोगों में उत्सुकता भी जाग्रत हो गई है।
नगर के प्रसिध्द अन्नपूर्णा देवी करोली वाली माता मंदिर गंज के प्रांगण में आज काल भैरव मंदिर की विधिवत स्थापना की गई। यहाँ बड़ी संख्या में दर्शनार्थी उपस्थित थे। शहर के प्रसिध्द पंडित पृथ्वी बल्लभ जी दुबे ने काल भैरव की स्थापना के लिये यज्ञ-हवन आदि विधि विधान से कराये। यहाँ बने भैरव मंदिर को बकायदा भैरव यंत्र पर ही बनाया गया है। भैरव यंत्र के स्वरुप में ही मंदिर की सरंचना कराई जाकर फिर बीच में कालभैरव की स्थापना की गई है। काल भैरव जी महाराज के इस मंदिर की स्थापना विद्युत मण्डल के कार्यपालन यंत्री रविन्द्र जीत सक्सेना ने स्वयं कराई है। उन्हे यह प्रेरणा एक स्वप् के आधार पर हुई थी।
इस संबंध में फुरसत से बातचीत करते हुए श्री रविन्द्र जीत सक्सेना पुत्र शंभुदयाल सक्सेना ने बताया कि मुझ पर दैवीय आशीर्वाद कुछ ऐसा है कि समय-समय पर मुझे स्वप् आते रहते हैं और कई देवी-देवताओं से स्वप् में बातचीत भी मेरी होती है। उन्होने बताया कि पूर्व में जब मैं बरेली में कार्यरत था तो वहाँ मुझे पेड़ के नीचे बनी छोटी-सी मढ़िया के दर्शन स्वप्न में होते थे जहाँ साक्षात देवी नजर आती थीं और वह मुझे आशीर्वाद देती थीं। कई बार मुझे दर्शन तो हुए लेकिन वह स्थान कहाँ पर स्थित यह मुझे नहीं पता चल पाया।
फुरसत को श्री रविन्द्र जीत ने बताया कि फिर एक बार एक ग्रामीण मेरे पास आया उसका काम तो कुछ नहीं था लेकिन जबरन ही उसके गांव जाने का सौभाग्य मिला और तब जाकर स्वप् में दिखने वाला वह दैवीय स्थान मुझे सामने ही नजर आ गया। मैने वहाँ अपने स्तर पर चार खंबे खड़ेकर छोटा-सा मंदिर बनाने की शुरुआत की लेकिन देखते ही देखते ही मंदिर अच्छा खासा बन गया। वहाँ देवी दुर्गा की स्थापना की गई है।
धार्मिक स्वभाव के श्री रविन्द्र जीत से जब फुरसत ने पूछा कि आपको करोली वाली माता के मंदिर पर यह मंदिर बनाने की प्रेरणा कैसे मिली ? तो उन्होने बताया कि विगत 7 जनवरी को मुझे रात स्वप् आया जिसमें आसपास लगे दो-तीन पेड़ और तीन भवन दिखाई दिये। मैं वहाँ खड़ा था तभी तीनों तरफ से बड़े-बड़े शरीर धारी संत मेरी तरफ बहुत प्रसन्न मुद्रा में आते दिखाई दिये। मैने उन्हे देखकर सोचा की यह तो संत हैं तभी एक चौथे ने हंसकर कहा कि यह संत नहीं साक्षात काल भैरव व शिव गण हैं। मैने सामने देखा तो स्वयं भोलेनाथ थे। हम सभी ने करोली माता मंदिर के प्रांगण में आकर यहाँ दर्शन किये। गहन अंधेरा होने पर वह सब मुझ पर हंस रहे थे मैने पूछा यहाँ रोशनी नहीं है तो किसी ने एक कहा कि नहीं है तू क्या कर रहा है....? उनके ऐसा कहने पर घबराकर मेरी नींद खुल गई।
फुरसत ने पूछा कि फिर क्या हुआ तो रविन्द्र सक्सेना ने बताया कि स्वप् में दिखे मंदिर के आधार पर उन्होने इस बार कागज पर एक नक्शा जैसा बनाया और अच्छी तरह नक्शा बन जाने पर जब उन्होने सबसे पहले विद्युत मण्डल में ही कार्यरत पंडित कमला प्रसाद को दिखाकर पूछा कि क्या ऐसा-ऐसा कोई मंदिर है तो उन्होने तत्काल करोली माता मंदिर का नाम बताया। मैने पूछा कि वहाँ विद्युत आपूर्ति है या नहीं ? तो पं. कमला प्रसाद ने बताया कि दो माह से काट दी गई हैं तब मैने तत्काल आदेश देकर विधिवत विद्युत चालू कराई और यदि उसका कोई भार लगता हो तो उसे स्वयं वहन किया। दूसरे दिन 8 जनवरी को जब मैं कमला प्रसाद जी के साथ मंदिर देखने आया तो दंग रह गया। स्वप् में दिखा वहीं स्थान मेरे सामने था। मैरे तीनों से आये देवों के पास जाकर उन्हे प्रणाम किया। काल भैरव जी जिस पेड से आये थे वहाँ जाकर देखा तो मुझे कुछ आभास और आदेश हुआ था उसी के आधार पर वहाँ मिट्टी देखी तो एक छोटा-सा टीला दिखा जो भैरव जी की उपस्थिति का संकेत मुझे कर गया। और उसके बाद मंदिर निर्माण कार्य मैने शुरु किया जो इस स्वरुप में बन गया है आज उसकी स्थापना भी हो गई। यहाँ काल भैरव मंदिर की स्थापना पूर्ण विधि-विधान के साथ कराई गई।

Wednesday, January 30, 2008

युवाओं में श्रीराम जैसी मर्यादा, लक्ष्मण जैसा त्याग जरुरी है -अवधेशदास जी

जावर 29 जनवरी (फुरसत) । श्रीराम कथा के संगीत मय आयोजन के समापन अवसर पर महाराज ने कहा कि युवा देश में सामाजिक परिवर्तन तथा नवीन क्रांति के संचार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करे तथा तभी हमारे सामाजिक मूल्यों की स्थापना हो सकती है। उन्होंने कहा कि युवाओं में मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम के आदर्श चरित्र तथा लक्ष्मण जी जैसे त्याग की आवश्यकता है यदि हम रामचरित मानस ग्रन्थ को अपने जीवन में उतारकर कार्य करे तो जीवन में आमूल-चूल परिवर्तन महसूस करेंगे । उन्होंने कहा कि हमारे देश की संस्कृति तथा राष्ट्रीय एकता को बचाना है तो युवाओं को आगे आकर समाज, धर्म, एवं राजनीति में व्याप्त कुरूतियों को मिटाना होगा । तभी हम भारत वर्ष को विश्व में अनूठी पहचान दे सकते है। महाराज जी ने रामचरित मानस ग्रंथ के अनूठे प्रसंगो पर प्रकरण डालकर उपस्थित जन मानस का मन मोह लिया । वही गुरूजी के भजनो की संगीत मयी प्रस्तुति पर महिला, पुरूष, नवयुवक ,जमकर नाचे तथा संगीतमय भजनो ने दिल को छू लिया । संत श्री ने आयोजन समिति के सदस्यों को आर्शीवाद प्रदान कर अनूठे आयोजन हेतू बधाई दी । श्रीराम कथा के अंतिम दिन समापन अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में पूर्व संसदीय सचिव अजीत सिंह, क्षैत्रीय विधायक रघुनाथसिंह मालवीय, गगनसिंह पटेल, फूलसिंह मालवीय, सहित आष्टा के अनेक नागरिक मौजूद थे । समिति की ओर से विशेष अतिथियों को प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मान किया । अतिथियों ने गुरू महाराज की वंदना कर आर्शीवाद प्राप्त किया। कार्यक्र म का संचालन जयनारायण राठौर तथा आभार सुभाष भावसार ने माना।

एक मरा दो घायल

जावर 29 जनवरी (फुरसत)। आज शाम लगभग साढ़े चार बजे एक मोटर साईकिल पर दौलतपुर से मेहतवाड़ा की और आ रहे तीन युवक जो मोटर साईकिल पर बैठे थे। सीमा के पास गलत तरफ खड़े होकर बातचीत कर रहे थे।
तभी एक अज्ञात चुपहिया वाहन जो संभवत: मैक्स वाहन था ने इन्हे टक्कर मार दी जिसमें राकेश पिता दरियाव मालवीय उम्र 22 वर्ष की मृत्यु हो गई तथा मोटर साईकिल पर सवार दो अन्य बलवान व दयाराम घायल हो गये। जिन्हे बाद में इलाज के लिये आष्टा अस्पताल भेजा गया।

सड़क हादसों में तीन घायल

सीहोर 29 जनवरी (फुरसत)। जिले के मण्डी थाना क्षेत्र में अलग-अलग हुए सड़क हादसों में एक मासूम बच्ची सहित तीन लोग घायल हो गये। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिये हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रेल्वे प्लेटफार्म पर काम करने आये मजदूर बापूमाल की चार वर्षीय पुत्री सुकली गत रविवार की शाम पाँच बजे बकतल की और जाने वाले कच्चे रास्ते पर खेल रही थी तभी मोटर साईकिल एम.पी.37 एमबी 1109 के चालक ने तेजगति एवं लापरवाही पूर्वक वाहन चलाकर सुकली को टक्कर मार कर गंभीर रुप से घायल कर दिया जिसे उपचार हेतु कमला नेहरु अस्पताल भोपाल में भर्ती कराया गया है। इसी प्रकार आज बिजौरी श्यामपुर मार्ग पर बिजौरी के समीप मोटर साईकिल एम.पी.37 एम.ए. 5468 के चालक ने सीहोर से साईकिल से सेमलीखुर्द जा रहे मोहन सिंह की साईकिल में लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हुए पीछे से टक्कर मारकर घायल कर दिया और स्वयं ही घायल हो गया जिन्हे प्राथमिक उपचार हेतु सीहोर अस्पताल में दाखिल कराया गया है।

कायम हुई अनूठी साम्प्रदायिक सद्भाव की मिसाल, मुस्लिम युवक भी जमकर नाचे

जावर 29 जनवरी (फुरसत)। जावर नगर में संत श्रीरामदास बाबा सेवा समिति के तत्वाधान में आयोजित पांच दिवसीय श्री रामकथा के अवसर पर संत अवदेश दास महाराज की अमृतवाणी प्रवचन ने न सिर्फ लोगो के दिलो को जीत लिया अपितु जावर नगर में एक अनूठी मिसाल कायम करते हुए इतिहास लिख दिया । जावर नगर की इस पवित्र माटी में राष्ट्रीय संत अवधेश दास महाराज की विशाल शोभायात्रा स्थानीय श्री राममंदिर प्रांगण से प्रारंभ हुई जो नगर के प्रमुख मार्गो से गुजरी शोभायात्रा में बेंड बाजो, ढोल-ढमाको की धुनों पर नवयुवक जयकार लगाते तथा आयोजन में बड़ी संख्या में उपस्थित जनमानस ने पूरे नगर को राममय कर दिया ।
शोभायात्रा में संत को मालवा की परम्परानुसार बैलगाड़ी को रथ का आकार देकर मालवा संस्कृति की अनूठी झलक प्रस्तुत की । शोभायात्रा का स्थान-स्थान पर पुष्पवर्षा तथा महाराज का तिलक शाल एवं श्री फल से सम्मान किया गया। मुख्य रूप से नवयुवक दुर्गा उत्सव समिति भवानी नगर जावर, ब्लाक कांग्रेस कमेटी, नगर पंचायत, लुवाणा परिवार, जयहिन्द युवा ब्लब, पटेल परिवार, मुस्लिम त्यौहार कमेटी, सेन समाज , दिगम्बर जैन समाज, माहेश्वरी समाज, सेंधव समाज, हिन्दू उत्सव समिति, युवा मुस्लिम फेंस क्लब, सहित विभिन्न धार्मिक तथा राजनैतिक एवं सामाजिक संगठनों ने स्थान-स्थान पर जमकर पुष्पवर्षा कर नगर में एक अनूठा इतिहास रच दिया।
वही शोभायात्रा में भारी संख्या में उपस्थित नारी शक्ति ने मंगल गीत गाकर तथा नृत्य कर अपनी उपस्थिति दर्ज की ।
मुस्लिम समाज ने किया अनूठा सम्मान
आज निकली इस शोभायात्रा ने साम्प्रदायिक सोहार्द की अनूठी मिसाल कायम क र दी । संत जी की वाणी का प्रवाह इतना रंग लाया की मुस्लिम समाज के लोगो ने उनका अभूतपूर्व स्वागत किया तथा शोभायात्रा में भाग लेकर अनेक मुस्लिम युवक भी जमकर नाचे तथा साम्प्रदायिक सोहृार्द तथा सद्भाव की एक अनूठी मिसाल कायम कर दी । मुस्लिम त्यौहार कमेटी, एवं मुस्लिम युवा फेंस क्लब ने उनका साफा बांधकर सम्मान किया ।

अब हट रहा है काकड़ का अतिक्रमण

आष्टा 29 जनवरी (फुरसत)। कन्नौद मार्ग पर पोस्ट आफिस के पीछे कई वर्षों से एक सार्वजनिक रास्ते काकड़ पर अतिक्रमण होने से इस क्षेत्र के रहवासी काफी परेशान थे। यह रास्ता कन्नौद मार्ग से खेड़ापति हनुमान तक जाता था लेकिन अतिक्रमण होने के कारण जाने वालों को परेशानी होती थी।
पिछले दिनों राजस्व मंत्री कमल पटेल के आष्टा आगमन पर स्थानीय नागरिकों ने जब उक्त अतिक्रमण की शिकायत की तो तत्काल उन्होने इस मामले में एक और जहाँ राजस्‍व अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई वहीं तत्काल अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिये लेकिन तत्काल उस पर ऐसी कार्यवाही नहीं हुई जैसी एक मंत्री के आदेश पर होनी चाहिऐ थी। आज जब इस संबंध में तहसीलदार मालती मिश्रा से उक्त अतिक्रमण के मामले में जानना चाहा तो उन्होने बताया कि अतिक्रमण हट रहा है अतिक्रमणकर्ता को पटवारी द्वारा मौके पर जाकर मिनार से मिनार की नापकर चूने की लाईन डालकर अतिक्रमणकर्ता को बता दिया गया कि उक्त स्थान से अतिक्रमण शीघ्र हटा दें। उक्त काकड़ को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिये तहसीलदार ने जुर्माना कर बेदखली के आदेश भी दिये हैं।
तहसीलदार ने बताया कि शीघ्र ही उक्त काकड़ को अतिक्रमण से मुक्त करा दिया जायेगा। वहीं अतिक्रमण हटाने की गति धीमी होने से क्षेत्र के रहवासियों में प्रशासन की उक्त कार्यवाही को लेकर नाराजी बरकरार है।

झंडा फहराया तो सही.... लेकिन रात भर उतारा नहीं

जावर 29 जनवरी (फुरसत)। 26 जनवरी को जावर नगर में एक शिक्षण संस्था अमर मोति मेमोरियर स्कूल में प्रात: शान से राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया । लेकिन संस्था प्रमुख की लापरवाही के कारण उक्त राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को सूर्यअस्त के पूर्व सम्मान के साथ उतारा नही गया और वो रात भर फहराता रहा सुबह तेज हवा के कारण गिर गया तो उसे पड़ोसी दशरथसिंह नामक व्यक्ति ने सम्मान से उठाकर घर में रख लिया । जबकि जागरूक नागरिकों ने राष्ट्रीय ध्वज के इस अपमान को पंचनामा भी बनाया एवं तहसीलदार को इसकी सूचना भी की गई वही जावर में ऐसा हुआ पुलिस को इसकी सुचना नही है । जावर के जागरूक नागरिकों ने उक्त स्कूल संचालकों पर इस घोर लापरवाही बरतने पर राष्ट्रीय ध्वज को रात्रि में फहराता हुआ छोड़ने पर कार्यवाही की मांग प्रशासन से की है । जावर के उपेन्द्र एवं अतहर ने भी सुबह उक्त झण्डे को गिरा देखा।

उपभोक्ता फोरम ने दिलाया मेडिक्लेम बीमा मय हर्जाना

सीहोर 29 जनवरी (फुरसत)। जिला उपभोक्ता फोरम ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में आवेदक राजमल सेठी निवासी आष्टा को मेडिक्लेम पालिसी के अंतर्गत विपक्षी यूनाईटड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से 43,490- रुपये मेडिक्लेम दिलवाया एवं 5000-रु. मानसिक त्रास एवं 1000-रुपये परिवाद व्यय भी अदा किये जाने के आदेश पारित किये ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आवेदक राजमल सेठी निवासी आष्टा ने मेडिक्लेम पालिसी के रूप में 1,00,000-रुपये का बीमा कराया था । आवेदक किडनी एवं हृदय रोग से पीड़ित था आवेदक प्रतिवर्ष पालिसी रिन्यु कराता था। अनावेदक विपक्षी कंपनी ने आवेदक का मेडिक्लेम इस आधार पर निरस्त कर दिया था कि एक बार पालिसी के अंतर्गत पैसे लेने पर दोबारा क्लेम राशि का भुगतान नही किया जाता है । आवेदक ने अपने अधिवक्ता जी.डी.वैरागी से सलाह लेकर उपभोक्ता फोरम में आवेदन प्रस्तुत किया । अनावेदक ने उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत किया एवं आवेदक का आवेदन निरस्त करने की मांग की । जिला उपभोक्ता फोरम के विद्वान अध्यक्ष ए.के.तिवारी सदस्य अम्बादत्त भारती एवं सदस्या श्रीमति शकुंन विजयवर्गीय ने दोनो अधिवक्ताओं के तर्क श्रवण कर एवं रिकार्ड का अवलोकन कर आदेश पारित किया कि विपक्षी बीमा कंपनी आवेदक को मेडिक्लेम के रूप में 43,490- रुपये भुगतान करे एवं मानसिक त्रास स्वरूप 5000-रुपये वाद स्वरूप 1000-रुपये अदा करे । प्रकरण में आवेदक की और से पैरवी अधिवक्ता जी.डी.बैरागी ने की ।

जिले भर के अधिकारियों की मिली भगत से बड़े स्तर पर भरा रही गैस, खाद्य गैस का उपयोग हो रहा निजी वाहनों में

सीहोर २९ जनवरी (फुरसत)। जिस प्रकार नगर में हर तीसरा चार पहिया वाहन खुले आम घरेलू उपयोग में आने वाली गैस से चल रहा है और चार पहिया वाहनों में यही गैस भरकर कई लोग कमाई करने में लगे हुए हैं। स्कूलों में वाहन किराये पर चल रहे हैं उससे लगता है कि नगर में खाद्य विभाग नाम का कोई अमला अब शेष ही नहीं बचा है। आखिर खाद्य विभाग लोगों के जीवन से सौदा करके इतनी छूट क्यों दे रहा है ?
गत वर्ष बस स्टेण्ड पर अवैध रुप से एक व्यक्ति द्वारा मारुती वेन में जब घरेलू गैस टंकी से गैस भरी जा रही थी तभी अचानक वहाँ आग लग गई थी और एक बड़ा हादसा घट गया था। यह तो सौभाग्य ही रहा कि इसमें कोई व्यक्ति हताहत नहीं हुआ था सिर्फ एक व्यक्ति के हाथ जल गये थे जिसे पुलिस ने गुपचुप रुप से मामले से ही हटा दिया था लेकिन नगर में भी इस प्रकार के हादसे होते रहते हैं यह निश्चित ही है।
इन दिनों घरेलू गैस टंकी की कमी का सबसे बड़ा कारण यह है कि नगर भर के अधिकारियों के निजी चार पहिया वाहनों में गैस टंकियों का उपयोग हो रहा है इसके अलावा अन्य वजनदार और जुगाड़ू लोग भी इसी प्रकार घरेलू ईधन का उपयोग कर रहे हैं। बल्कि स्कूलों से बच्चों को लाने-ले जाने वाले कई वाहन मालिकों ने तो इसलिये ही यह धंधा करना शुरु किया है कि वह गैस की टंकी से सस्ता ईधन प्राप्त कर रहे हैं।
हालांकि सूत्र बताते हैं कि खाद्य अधिकारी ने विभिन्न विद्यालयों से इस संबंध में बातचीत भी की थी लेकिन पता चला कि विद्यालयों ने घरेलू गैस से उनके यहाँ वाहन चलने से स्पष्ट इंकार कर दिया है।
अब आवश्यकता है कि जिला खाद्य अधिकारी मामले को गंभीरता से लेकर एक बारगी अच्छी तरह से जांच अभियान प्रारंभ कर दें और वाहनों की धरपकड़ करें।

Tuesday, January 29, 2008

कड़ाके की सर्दी : सैकड़ो एकड़ में फसल जली

आक्रोशित कोली समाज ने निकाला मौन जुलुस पुलिस हिरासत में युवक की मौत का मामला गर्माया

सीहोर 28 जनवरी (फुरसत)। पुलिस हिरासत में मौत से आक्रोशित कोली समाज के महिला पुरूषों ने मौन जुलुस के साथ जिलाधीश कार्यालय पहुंचकर थाने में विरूद्व युवक हुकुमचंद शाक्य की संदेहास्पद मौत की उचित जांच कर कार्यवाही की मांग करते हुए एक नौ सूत्रिय ज्ञापन मृतक की पत्नि श्रीमति मीना शाक्य ने अपने समाज के लोगो के साथ पहुंचकर जिलाधीश को सौंपा ज्ञापन की प्रतिलिपियां मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, मानव अधिकार आयोग, पुलिस महानिरीक्षक, नेता प्रतिपक्ष, म.प्र. विधानसभा, पुलिस अधीक्षक सीहोर एवं प्रदेश भाजपा कार्यालय को भी भेजकर हुकुमचंद शाक्य की कोतवाली में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच की मांग करने एवं आरोपियों को पकड़ने की मांग की है।

गैस-केरोसिन से चल रहे वाहन पकड़ाये, डेढ़ लाख का अर्थदण्ड भी

सीहोर 28 जनवरी (फुरसत)। केरोसिन से चने वाले वाहनों और ईधन गैस का गलत उपयोग करने वालो के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही सुनिश्चित की गई है। कलेक्टर ने निर्देश पर जिला खाद्य विभाग द्वारा केरोसीन और गैस के दुरूपयोग को सख्ती से रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है । अभियान के तहत गत दिवस दो ट्रक और एक ट्रेक्टर के खिलाफ कार्यवाही कर डेढ़ लाख का जुर्माना किया गया । जिला आपूर्ति अधिकारी श्रीमति सुनीता शिरपुरकर ने बताया कि 9 जनवरी,08 को चांदबड़-श्यामपुर मार्ग पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग के दल ने केरोसीन से चलते हुए तीन वाहनों को जब्त किया और पुलिस अभिरक्षा में थाना मण्डी सीहोर को सौंपा गया । दल द्वारा तीनो वाहन मालिकों के खिलाफ आवश्यक बस्तु अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर जिलाधीश एवं जिला दण्डाधिकारी के न्यायालय में प्रस्तुत किया। प्रकरण में पारित निर्णय में जप्त ट्रक क्रं. एमकेओ-9059 के मालिक राकेश राठौर के विरूद्व 50 हजार, ट्रक क्रं. एमपी-09-केबी-1866 के मालिक गोवाल मेवाड़ा के विरूद्व 40 हजार तथा ट्रेक्टर क्रं. एमपी-ए-0229 के मालिक अखिलेश बिजोलिया के विरूद्व 60 हजार रूपये का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया । केरोसीन एवं ईधन गैस के दुरूपयोग को रोकने के लिए खाद्य विभाग का यह अभियान सतत जारी रहेगा ।

मुस्लिम वर्ग के साथ मेहमानों जैसा व्यवहार करना गलत है

जिस प्रकार किसी मेहमान के साथ व्यवहार किया जाता है ठीक उसी प्रकार नगर में हर बार सीहोर में मुस्लिम वर्ग के साथ व्यवहार होता देखा जाता है। यह कहाँ तक न्यायोचित है। एक तरफ सीहोर के राष्ट्रवादी मुस्लिम वर्ग के लोग हमेशा भारतवर्ष की संस्कृति में मिल-जुल रहना पसंद करते हैं और दूसरी तरफ उनके साथ राय शासन का ही एक विभाग कुछ ऐसा व्यवहार करता है जैसे वह कोई मेहमान हों.....।
असल में यहाँ बात विद्युत मण्डल की हो रही है जिसने इस बार राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर भी विद्युत कटोती जारी रखी । मण्डल ने तो विद्युत ही काटी लेकिन यहाँ नगर के नागरिकों को काटो तो खून नहीं वाली कहावत चरितार्थ हो रही थी। देश के इस महानतम राष्ट्रीय पर्व के दिन भी मण्डल द्वारा विद्युत की कटौती किये जाने को लेकर दिनभर तरह-तरह की चर्चाएं जारी थी और इन चर्चाओं में यह चर्चा भी जोरों पर थी कि आखिर मण्डल जानबूझकर ऐसी हरकतें क्यों करता है ? क्या दो-तीन दिन पूर्व से मात्र चार घंटे की कटौती को बराबर करके 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर आपूर्ति नहीं की जा सकती थी ? क्या बहुत ज्‍यादा जरुरी था जो गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय पर्व पर भी लाल किले से हो रहे सीधे प्रसारण मे विद्युत मण्डल ने विघ्न उत्पन्न कर दिया। क्या बहुत जरुरी था जो हर एक विद्यालय में सुबह झण्डा वंदन के लिये तैयार होकर जा रहे विद्यार्थियों को परेशान किया गया ? गणतंत्र दिवस पर सुबह-सुबह उठे नन्हे बच्चों को न तो हीटर से गर्म पानी मिल सका और ना ही विद्युत आपूर्ति होने के कारण वह सही से तैयार हो सके। भागमभाग अलग थी की झण्डा वंदन के लिये जल्दी से जाना है क्योंकि विशेष कार्यक्रम और विशेष अतिथि इस दिन हर एक विद्यालय में आते हैं ? आखिर क्या जरुरत थी कि सुबह निश्चित 6 से 8 ही विद्युत काटी जाती एक दिन पहले अधिक विद्युत काटकर या रात को विद्युत आपूर्ति बंद करके भी तो इसकी पूर्ति की जा सकती थी ? लेकिन मण्डल अपनी दोहरी नीति से कभी बाज आया है जो गणतंत्र दिवस के दिन आ जाता ?
विद्युत मण्डल की इस लापरवाही के कारण नगर में दिनभर चर्चा रही थी कि आखिरकार जब देश के राष्ट्रीय पर्व पर विद्युत काटी गई तो फिर ईद पर क्यों नहीं काटी गई? मण्डल अक्सर इस प्रकार की नीति चलाकर नगर में तरह-तरह की चर्चाओं को गर्म करवा देता है। आखिर मण्डल मुस्लिम वर्ग के साथ इस प्रकार का पक्षपात करके उन्हे क्या बताना या दिखाना चाहता है ? किसी मेहमानों की तरह सा व्यवहार मण्डल क्यों हर बार इस वर्ग से करता है ? क्योंकि जो मण्डल गणतंत्र दिवस पर विद्युत आपूर्ति नहीं कर सकता वह ईद को कर रहा हो तो निश्चित ही समझा जा सकता है कि मण्डल कहीं कोई संदेश या संकेत देना चाहता है ? उसका जो भी संदेश या संकेत हो उससे हमें कोई लेना-देना नहीं है। हमारा तो सीधा साधा मतलब है कि इस वर्ग के साथ इस प्रकार का व्यवहार कर क्यों मण्डल द्वारा इन्हे देश की मुख्यधारा से अलग-थलग करने का कुत्सित प्रयास किया जाता है। आखिरकार क्यों उनसे समान व्यवहार नहीं रखा जाता। क्यों उन्हे कुछ आभास कराने का प्रयास हर बार विद्युत मण्डल किया करता है। वह क्या चाहता है? स्पष्ट कर दे कभी मण्डल के बिलों में ईद मुबारक छाप दिया जाता है तो कभी कुछ कर दिया जाता है। यह जोड़ने का प्रयास है या तोड़ने का ? मण्डल की इस घटिया नीति से राष्ट्रवादी मुस्लिम भी नाराज दिखाई देते हैं। अच्छा हो मण्डल अपनी नीतियों में सुधार करे।

पश्चिम रेल्वे महाप्रबंधक ने नई रेल्वे लाईन का निरीक्षण किया

सीहोर 28 जनवरी (फुरसत)। विगत लम्बे समय से यहाँ बन रही रेल्वे की दूसरी लाईन को अंतिम रुप से विगत सप्ताह भर में तैयार कर लिया गया। यहाँ हाउसिंग बोर्ड और फंदा फाटक के रेल्वे द्वार पर विशेष रंग रोगन के अलावा वहाँ लाईन के आसपास की सड़के भी बना दी गई। मण्डी द्वार पर भी सारी कमियां पूरी कर ली गई। सोमवार को आज रतलाम से रेल्वे के जीएम ने आकर निरीक्षण भी कर लिया है। शीघ्र ही यह मार्ग व्यवस्थित रुप से शुरु हो जायेगा।
रेल्वे स्टेशन पर पश्चिम रेल्वे के जीएम ए.के.झिंगरन की विशेष निरीक्षण रेल आज बैरागढ़ से निरीक्षण करने के बाद सुबह करीब 11 बजे सीहोर पहुँची। इस रेल में जी.एम. उनके साथ विशेष अधिकारियों का दस्ता शामिल था। जिसमें रतलाम मण्डल के डीआरएम समेत अन्य अधिकारी भी साथ थे। फंदा से पचामा के बीच शुरु हुए डबल डबल ट्रेक लाईन का निरीक्षण करने के लिये जी.एम. श्री झिंगरन नई तैयार की दूसरी रेल्वे लाईन पर ही सीहोर पहुँचे। उन्होने दूसरी लाईन का यहाँ विधिवत शुभारंभ भी किया। इसी के साथ जीएम श्री झिंगरन ने सबसे पहले सीहोर रेल्वे स्टेशन पर पौधरोपण किया गया। इसके बाद रेल्वे स्टेशन पर लगी हुई प्याऊ, शौचालय, रेल्वे टिकिट खिड़की, टीटी कक्ष, विजिटर कक्ष, रेल्वे रिकार्ड, रेल्वे कंट्रोलिंग कक्ष आदि का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होने कुछ स्थानों पर नाराजी भी व्यक्त करते हुए व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिये।
श्री झिंगरन का कहना था कि रेल्वे स्टेशन पर आगामी अप्रैल तक रेल्वे फुट ब्रिज का निर्माण पूरा हो जायेगा जिसके कारण दूसरे स्टेशन पर पहुँचने के लिये यात्रियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। अर्थात आमने-सामने की दोनो लाईनों पर आने-जाने की व्यवस्था आसान हो जायेगी। एक्सप्रेस यात्री गाड़ियों के संबंध में उन्होने कहा कि रेल्वे स्टेशन पर मिलने पर ट्राफिक के आधार पर रेलों के स्टापेज के संबंध में निर्धारण किया जाता है। सीहोर स्टेशन पर भी नहीं रुकने वाली गाड़ियों के संबंध में विचार किया जा रहा है।

Monday, January 28, 2008

चार युवक बाना लिये तैयार बैठे रहे....और युवतियाँ नहीं आई

आष्टा 27 जनवरी (फुरसत)। तहसील के चार ग्रामों में विवाह की खुशियाँ छाई हुई थीं। यहाँ रहने वाले अलग-अलग चार युवकों ने विगत दो-तीन दिनों में अपनी-अपनी परम्पराओं के अनुसार विवाह की सारी रस्में की। चारों ग्रामों में आज मेरे यार की शादी धुनों पर नाचते-गाते हुए बाने भी निकले और खुशी छा गई। इन चारों ग्रामों में युवकों ने गांव वालों को भोजन भी दिया बधाईयाँ भी लीं। फिर परम्परा के अनुसार चारों युवकों को हल्दी लगी और बाने के बाद यह लड़की लिवाने के लिये घर से रवाना भी हो गये। चार ग्रामों के अलग-अलग लड़कों का आज एक ही स्थान पर एक ही ग्राम की चार युवतियों से विवाह होना तय था। चारों युवक गाजे-बाजे धूम-धमाके के साथ विवाह स्थल पर पहुँचे गये सारी तैयारियाँ पूर्ण हो चुकी थी। रसोई बन रही थी। सगे-संबंधी आ चुके थे पंडित जी मुहूर्त को लेकर चिंतित थे और सारी तैयारियाँ कर चुके थे.....लेकिन काफी देर इंतजार करने के बाद भी जब वधु पक्ष की चारों ही युवतियाँ नहीं पहुँची तो इनका परिणय सूत्र में बंधने का सपना धूमिल होने लगा। अंतत: जब युवतियों के घर ही वाहन दौड़ाये तो पता चला कि ग्राम चारों ही युवतियाँ नदारत हैं........क्या लड़कों का विवाह होगा ? आखिर कैसे तय हुआ था यह विवाह ? पढ़िये यह रोचक खबर ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आष्टा तहसील के ग्राम सवाजपुरा, मोलूखेडी, क़चनारिया, लोरासबड़ी में चार परिवारों में इनके पुत्र जिनका नाम बाबू मेवाड़ा, मुकेश मेवाड़ा, कृपाल मेवाड़ा एवं केदार मेवाड़ा बताया गया है इन चारों का विवाह एक शाजापुर जिले के बिजाना ग्राम के मध्यस्थ द्वारा शाजापुर जिले के ही ग्राम कानड़ में रहने वाली चार कन्याओं से कुछ दिनों पूर्व एक निश्चित राशि के तय होने के बाद तय कराया गया था तथा आज इन चारों अलग-अलग ग्राम के वर पक्षों को एक निश्चित तय स्थान ग्राम किलेरामा में पहुँचना था तथा चारों वधुओं को भी बारात लेकर यहीं आना था और यहाँ पर विवाह कार्यक्रम सम्पन्न होना था एवं किलेरामा एक स्कूल के अंदर विवाह कार्यक्रम की सभी तैयारियाँ भी सुबह से ही चल रही थी। भोजन बनाने वाला अपना काम शुरु कर चुका था। वर पक्ष यहाँ डेरा जमा चुका था और वधु पक्ष का इंतजार कर रहा था लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी जब वधु पक्ष नहीं पहुँचा तब हलचल प्रारंभ हुई। बाद में इन चारों वर पक्ष के परिजन वधु पक्ष के यहाँ पहुँचे। इस संबंध में मोलूखेड़ी के पप्पु मेवाड़ा से जब चर्चा हुई तो उसने बताया कि यह चारों कन्याएं जिन्हे आज परिणय सूत्र में बंधना था जब इनके घर पहुँचे तो यह कन्याएं घर पर नहीं थी। बाद में वर पक्ष के परिजन संबंधित ग्राम के लगने वाले थाना शाजापुर जिले के मोमनबड़ोदिया पहुँचे। पप्पु मेवाड़ा ने बताया कि इन लोगों के खिलाफ इन लोगों ने जो धोखाधड़ी की उसकी शिकायत पुलिस को की है तथा इन लोगों को आष्टा में जो राशि दी है उसकी शिकायत आष्टा थाने में भी हम करेंगे। इस संबंध में शाजापुर जिले के मोमनबड़ोदिया थाने के आरक्षक शंकरलाल से चर्चा की तो उन्होने दूरभाष पर बताया कि आष्टा के पास के ग्राम के कुछ लोग आये थे तथा उन्होने उनके साथ जो कुछ भी घटा वह उन्होने बताया था लेकिन उक्त पूरी घटना आष्टा क्षेत्र की है इसलिये यहाँ पर कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया है। वो लोग यहाँ आये जरुर थे तथा दूसरे पक्ष के लोग भी आये थे तथा दोनो पक्षों के लोगों में यहाँ पर कुछ चर्चा हुई है उसके बाद आष्टा से आये लोग वापस चले गये। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिजाना ग्राम के जिस व्यक्ति ने इस पूरे मामले की मध्यस्थता की थी उसने आज आष्टा से पहुँचे वर पक्ष के लोगों से एक दिन का समय मांगा है या तो वो उन चारों वधुओं को लेकर आयेगा या फिर जो राशि ली है वह राशि वापस देगा।

Saturday, January 26, 2008

क्लिनिक में आग लगी हजारों का नुकसान

आष्टा 25 जनवरी (फुरसत)। नगर के कन्नौद मार्ग पर स्थित चिकित्सक श्रीमति मीनल विनीत सिंघी के क्लिनिक में सुबह-सुबह अचानक आसपास के लोगों ने धुंआ उठते देखा तब पड़ोसियों ने तुरंत आग बुझाने के ठोस प्रयास किये तथा आग की सूचना डाक्टर को दी।
जिस वक्त आग लगी उस वक्त सुबह का समय था। पड़ोसियों ने कडी मेहनत कर आग को बढ़ने से रोका। सूचना के बाद फायर ब्रिगेड भी घटना स्थल पर पहुँची तथा समय से पूर्व ही आग पर काबू पा लिया गया। फिर भी आग में क्लिनिक का फर्नीचर आदि जल गया। मोटे अनुमान के अनुसार आग से 20-30 हजार का नुकसान माना जा रहा है।

पुलिस हिरासत में कैसे हुई मौत

कोतवाली के अंदर एक आरोपी ने मात्र घंटे भर में फांसी लगाकर आत्महत्या की ? 2 घंटे तक चला पुलिस के खिलाफ चक्काजाम
सीहोर 25 जनवरी (फुरसत)। सुबह 10 बजे जिला चिकित्सालय में एक शव लेकर दो पुलिस वाले आये। उन्होने बताया कि यह मरा हुआ ही रेल्वे स्टेशन के पास से मिला है। समझा गया कि यह ठंड के मारे मर गया। बात फैल भी गई। पुलिस वाले कुछ भी नहीं बोल रहे थे और मौन थे। मृतक का ना तो नाम बताया जा रहा था ना ही पता। लेकिन शरीर में ठंड की अकड़ के चिन्ह कहीं भी परिलक्षित नहीं हो रहे थे। डाक्टर भी मौन थे। करीब दो घंटे बाद जब मृतक के परिजन सक्रिय हुए तो भंडा फूटा कि यह शव पुलिस कोतवाली के अंदर से लाया गया है जिसे पुलिस ने सुबह ही पकड़ा था और करीब एक घंटे बाद कोतवाली के अंदर से इसका शव मिला। शव परिच्छेदन केन्द्र तक मृतक के परिजन पहुँच गये। वह पुलिस पर आक्षेप लगाते रहे और अंतत: नियति यह रही कि 2 बजे से 4 बजे तक कोतवाली चौराहे पर पुलिस के खिलाफ चक्काजाम हुआ। मृतक के परिजनों का कहना था कि पुलिस ने मार दिया और पुलिस कह रही थी कि उसने कोतवाली के अंदर फांसी लगा ली? अंतत: विशेष जांच के आश्वासन के बाद मामला कुछ ठंडा हुआ। प्रश् उठ रहा है कि आखिर फंदे से लटकी हुई लाश का पंचनामा पुलिस ने क्यों नहीं बनवाया ? आखिर फोटो क्यों नहीं उतरवाये गये ? आखिर दो घंटे बाद कहानी क्यों पेश की गई ?
करीब साढ़े दस बजे के आसपास जिला चिकित्सालय में एक शव लाया गया था जिसे दो पुलिस वाले लेकर आये थे। बहुत शांति के साथ इस शव के संबंध में यह प्रचारित किया जा रहा था कि मृतक को पुलिस रेल्वे स्टेशन से लेकर आई है। दोनो पुलिस वाले आरक्षक थे और चिकित्सकों से बातचीत कर मामला निपटवाने में लगे थे। तभी एक पत्रकार को इसकी जानकारी मिली तो उसने अपने स्तर पर पूछताछ शुरु की। पूछताछ में उसे भी यही बताया गया कि शव रेल्वे स्टेशन से लाया गया है। बताने वालों द्वारा प्रयास किया गया यह समझा जाये कि मृत अवस्था में ही व्यक्ति मिला है। जब ऐसी जानकारी मिली तो रात पडी मौसम की सबसे अधिक ठंड के कारण तो कहीं यह व्यक्ति नहीं मर गया ऐसी चर्चा शुरु हो गई और ठंड से एक व्यक्ति की मृत्यु की जानकारी सब और फैलने लगी।
यहाँ एक चिकित्सक से जब पत्रकारों ने जानना चाहा कि शव में अकड़न बिल्कुल नहीं है फिर यह ठंड में मरा हुआ कैसे हो सकता है ? तो इस पर चिकित्सक ने आश्चर्यजनक जबाव दिया कि रात 2-3 बजे भी मरा होगा तो ठंड में उतनी अकड़ शरीर में नहीं आती। यहाँ एक चिकित्सक ने उसके शरीर के कपड़े भी जो उघड़ रहे थे उन्हे ठीक किया ताकि कोई शरीर यादा न देख सके।
इधर जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा था वैसे-वैसे यह बात धीरे-धीरे फैल रही थी कि कोई व्यक्ति कोतवाली के अंदर मर गया है और उसका शव अस्पताल लाया गया है। पत्रकार यह समझ रहे थे कि एक व्यक्ति तो ठंड में मर ही चुका है यह दूसरा कोई व्यक्ति अब कोतवाली में भी मर गया है।
लेकिन समय बीतने के साथ जब करीब 12 बजे मृतक का शव परिच्छेदन केन्द्र पर ले जाया गया तो उनके परिजनों को सूचित किया गया। वहाँ परिजन भी पहँचे और बड़ी संख्या में पत्रकार व फोटो ग्राफर भी पहुँचे। यहाँ मृतक के परिजनों ने स्पष्ट कहा कि सुबह 8 बजे इसे घर से पुलिस ले गई और 10 बजे तक यह मर ही गया इतने कम समय में ऐसा क्या हुआ कि उसकी मौत हो गई ? मृतक का नाम हुकम चन्द्र रामगोपाल शाक्य बताया और उसे न्यायालय के किसी वारंट के कारण पकड़ा गया था जिसमें इसे राशि भरनी थी जो उसने नहीं भरी थी।
अब पुलिस की कहानी सामने आई- पुलिस ने कहा कि मृतक ने फांसी लगा ली। जब पूछा गया कि थाने के अंदर उसने कैसे फांसी लगा ली तो पुलिस ने इसका भी हाजिर जबाव दिया कि उसे लॉकअप में बंद कर दिया गया था, उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट था। उसने बाथरुम में जाकर कंबल से फांसी लगा ली। जब कंबल की मोटाई के संबंध में बातचीत हुई तो कहा गया कि कंबल बहुत पतली थी उसने कंबल चीरकर उसकी रस्सी बना ली और फिर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली और हमें तो उससे कोई मतलब ही नहीं था वह तो न्यायालय के कहने पर पकड़ा गया साधारण मुजरिम था उससे न तो पूछताछ करना थी और ना ही कोई अन्य जानकारी लेनी थी। हमें सिर्फ पकड़कर न्यायालय के समक्ष ले जाना था इसलिये उससे कोई मारपीट की संभावनाएं तक नहीं बनती।
लेकिन मृतक के परिजन यह कह रहे थे कि पुलिस रुपये मांग रही थी और वह भी 8 हजार रुपये में टूटक की बात कर रही थी ? मृतक के परिजनों के इस आरोप का पुलिस ने न तो खण्डन किया ना ही स्वीकारने जैसी कोई बात आई बल्कि पुलिस का कहना था कि उस पर न्यायालय ने जो जुर्माना लगाया था उसे जमा नहीं करने पर उसे पकड़ा गया था और बंद कर दिया था जहाँ उसने फांसी लगा ली। उधर शव परिच्छेदन डॉ तोमर द्वारा किया गया। और इधर करीब डेढ़ बजे तक आक्रोश फैल गया। मृतक के परिवार वालों का कहना था कि नन्हे-नन्हे उसके पाँच बच्चे हैं अब उनकी कौन देखभाल करेगा ? यहाँ कोतवाली चौराहे पर भारी भीड़ एकत्र हो गई और दो बजे तक इन्होने व्यवस्थित चक्काजाम शुरु कर दिया। जहाँ इंग्लिशपुरा मार्ग और गंज का मार्ग बंद कर दिया गया। बहुत बड़ी संख्या में पुलिस बल यहाँ उपस्थित था। बाहर से भी पुलिस बल बुलाया गया था। यहाँ मृतक का 5-6 वर्ष का नन्हा बालक पुलिस को अपशब्द बोलते हुए कह रहा था तुमने मेरे पिता को मार डाला....तुम्हे भगवान माफ नहीं करेगा.... तुम अत्याचारी हो....। यहाँ महिलाएं भी बड़ी संख्या में सड़क पर बैठ गई थी। करीब 4 बजे जाकर मामला जब थम सका जब एसडीएम श्री मिश्रा और एसडीओपी ने मिलकर यह आश्वासन दिया कि मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराई जायेगी और दोषियों के विरुध्द कार्यवाही होगी। आंदोलन करने वालों ने मांग रखी की परिवार के एक सदस्य को सरकार नौकरी दे इस पर उन्हे समझा दिया गया। मृतक के परिजनाें को रेडक्रास से 10 हजार रुपये भी दिये गये।

Friday, January 25, 2008

वन भूमि पर अतिक्रमण करने वालो ने की वनकर्मियों की धुनाई

सीहोर 24 जनवरी (नि.सं.)। शाहगंज पुलिस ने वन कर्मचारियों के साथ अभ्रद व्यवहार कर मारपीट करने वाले चार आरोपियों को त्वरित कार्यवाही करते हुये गिरफ्तार कर लिया है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम खटपुरा निवासी मंसूर भील, मरू उर्फ निर्भय, भागचन्द्र, जुल्लू उर्फ पवन ने मिलकर वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा था जिसे राजस्व एवं वनविभाग द्वारा संयुक्त रूप से प्रयास कर इस जमीन पर से इनका अवैध कब्जा दो-तीन वार हटवाया जा चुका था जिस पर पुन: इनके द्वारा कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा था गत बुधवार को वनविभाग का गस्तीदल जब इस जमीन पर चेक करने गया तो वहां पर अवैध लकड़ी बगैरह रखे मिले जिसे बन कर्मी अपने साथ जप्त कर ला रहे थे तभी इन चारों ने मिलकर उनके साथ अभ्रद व्यवहार व मारपीट की जिसमें एक वनकर्मी को चोट आई । शाहगंज थाना प्रभारी मनोज मिश्रा ने घटना की रिर्पोट पर प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए चारो आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया है ।

विश्वास के साथ श्रध्दा भी जरुरी है - अवधेश दास जी

जावर 24 जनवरी (फुरसत)। परम पूय संत अवधेश दास जी महाराज ने श्रीराम क था के दूसरे दिन कथा का प्रारंभ गुरु वंदना गुरु देव सहारा वन जाओ से किया। गुरुजी की शिष्या प्रियंका जोशी ने भी अपने गुरुजी का वंदन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। कथा में गुरुजी ने कहा कि जब तक शिव का विश्वास पार्वती की श्रध्दा भक्त के पास न हो तब तक कथा सुनने का कोई महत्व नहीं है। उन्होने कहा कि व्यक्ति में विश्वास के साथ श्रध्दा भी जरुरी है। प्रवचन के बीच-बीच में गुरुजी ने भक्ति गीत से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। गुरुजी ने राम अवतार का प्रसंग प्रस्तुत किया गुरुजी द्वारा की जा रही संगीतमय श्रीराम कथा का श्रवण का क्षेत्र की जनता सैकड़ो की संख्या में उपस्थित होकर धर्मलाभ उठा रही है। श्रीराम कथा में आज विशेष अतिथि के रुप में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेण्डी क्राफ्ट बोर्ड दिल्ली अक्षत कासट, राजकुमार जायसवाल अध्यक्ष युवक कांग्रेस, रघुवर गोहिया वरिष्ठ पत्रकार, आशीष गेहलोत पार्षद सीहोर पधारे थे। सभी अतिथियों का स्वागत समिति पदाधिकारियों ने किया। अतिथियों ने गुरुजी का स्वागत कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
श्रीराम कथा का श्रवण कर लाभ कमाया। समिति अध्यक्ष सचिन खत्री व बाबूलाल पटेल सहित सभी कार्यकर्ताओं ने अतिथियों को प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन सुभाष भावसार ने किया। कार्यक्रम के अंत में श्रीराम की आरती समिति के राजपाल ठाकुर, तेजपाल, शिवम सोनी, राकेश सिंह, वीरेन्द्र, कमलेश ठाकुर, तेज सिंह गुड्डु, सुदीप सिंह, राजेश लक्ष्कार, गुलाब सिंह, मयंक चौरसिया, शिवनारायण राठौर, विमल सोनी, चेतन पटेल, कृष्णपाल सिंह, हरिनारायण मालवीय कृपाजी, नीरज ठाकुर सहित सेकडों की संख्या में माता-बहन उपस्थित थे। अंत में प्रसाद वितरण किया गया।

महिला की कुंए में डूबने से मौत

आष्टा 24 जनवरी (फुरसत)। सिद्धिकगंज थाना अर्न्तगत आने वाले ग्राम बांदरिया हाट में एक विवाहिता की कुंए में डूबने से मौत हो गई है । पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम बांदरिया हाट में रहने वाले गजराज सिंह अजा. की 35 वर्षीय पत्नी सुमनबाई आज दोपहर को ग्राम के सार्वजनिक कुंये पर पानी भरने गई थी तभी अचानक पानी भरते समय वह कुंए में जा गिरी जिसकी डूबने से मौत हो गई । इसी प्रकार सुशीलनगर सिद्धीकगंज निवासी विनोद का साढ़े चार वर्षीय पुत्री अभिलाषा की मौत गत बुधवार को बिमारी के कारण हो गई । इधर दोराहा थाना अर्न्तगत आने वाले ग्राम बरखेड़ा खरेट निवासी 45 वर्षीय वीरमजी आ. धूलजी की मौत गत बुधवार को उसके मकानद पर सीने में दर्द होने के कारण उपचार हेतू लाते समय रास्ते में हो गई ।

रंगे हाथ पकड़े गए सटोरिए

आष्टा 24 जनवरी (फुरसत)। आष्टा पुलिस ने बजरंग कालोनी आष्टा निवासी हरिराम आ. भागीरथ काजीखेड़ी निवासी संजय आ. चन्दरसिंह कसाई पुरा निवासी रफीक आ. चन्दू खां, तथा कोतवाली पुलिस ने सीहोर निवासी राजेन्द्र आ. गोपी, मनीष राठौर, बमूलिया निवासी शंकरलाल आ. बाबूलाल, नयापुरा निवासी परमानंद आ. भवानी सिंह तथा मछलीपुल निवासी आत्माराम आ. रामप्रसाद को अवैश रूप से सट्टा पर्ची लिखते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है ।
पुलिस ने इनके कब्जे से 2860रुपये नगदी व सट्टा पर्ची जप्त कर धूत अधिनियम के तहत प्रकरण कायम किया है ।

ठंड ने दिखाया रंग

आष्टा 24 जनवरी (फुरसत)। किसी को इतनी उम्मीद नही थी कि मकर संक्रांति के बाद इतनी ठंड पडेग़ी ठंड ने ऐसा रंग दिखाया की अच्छो-अच्छो को एहसास करा दिया कि इसे कहते हे ठंड 4-5 दिनो से ठंड ने ऐसा रंग दिखाया की लोगो ने दिन-दिन भर टोपे, मफलर, श्वेटर को नही उतारे ठंड की चमक पड़ने से गर्म कपडे बेचने वालो के यहा अचानक ग्राहकी चल पड़ी है ।
पारा काफी नीचे आ गया पड़ रही ठंड फसलों के लिए अच्छी मानी जा रही है। वही आम जन ठंड से कंपकंपा उठा है। रात्रि में नगर में जिधर निगाह घुमाओ आलाव जलता नजर आता है ।ठंड में सुबह-सुबह लगने वाले स्कूलों में छोटे-छोटे बच्चों की उपस्थित कर हो गई है । वही इस ठंड से मौसमी बिमारी ने भी नागरिकों को घेरा है ।
कड़ाके की पड़ रही ठंड के कारण नगर के बाजार रात्रि में जल्दी बंद हो जाते है। और सुबह देर से खुल रहे है। कड़ाके की ठंड के कारण मवेशीयों की काफी परेशानी हो रही है । ठंड के कारण चाय की दुकानो पर बिक्री बढ़ गई है ।

पशु क्रूरता की बात करने वाले यह बतायें क्या पशुओं से भी गऐ बीते हैं सीहोर के ये यात्री...?

सीहोर 24 जनवरी (फुरसत)। पशु क्रूरता अधिनियम के तहत आये दिन गाय-बैल से भरे ट्रक पकड़ने वाले पुलिस वालों तथा सामाजिक संगठन पहले यह बतायें कि क्या नगर में चल रही यात्री बसों में यात्रा करने वाले मनुष्य पशुओं से भी गये-बीते हैं। बसों में उन्हे बैठने तो दूर लटकने तक की जगह उपलब्ध नहीं कराई जाती, ठूंस-ठूंस कर भरा जाता है तो फिर पशुओं की चिंता करने वालों को मनुष्यों की फिक्र क्यों नहीं सताती। क्या यातायात विभाग पहल कर नगर के यात्रियों की दशा सुधारने का काम करना उचित नहीं समझता?
उक्त बात नगर के वरिष्ठ समाजसेवी व सेवा संस्था के संस्थापक नेत्र प्रेरक कमल झंवर ने फुरसत से अपनी बातचीत के दौरान कही। श्री झंवर ने कहा कि नगर में आये दिन पशु क्रूरताओं के मामले देखने-सुनने को मिलते हैं लेकिन देखा गया कि जिन ट्रकों या वाहनों में वह पशु भरे जाते हैं उन्हे कम से कम खड़े रहने की तो जगह मिलती है लेकिन इसके बावजूद भी हर एक पशु से भरे वाहन की जांच पुलिस पूरी मुस्तैदी से करती है कि कहीं कोई मूक पशु के साथ अत्याचार तो नहीं हो रहा ? पुलिस की यह चौकस कार्यप्रणाली तारीफ के काबिल है वह पशु क्रूरता के खिलाफ अपना अभियान जारी रखे इससे कोई गिला शिकवा नहीं है लेकिन नगर में जिस प्रकार मनुष्य के साथ अमानवीय व्यवहार यात्री बस चालकों द्वारा किया जा रहा है उसके खिलाफ भी पुलिस की सक्रियता आवश्यक है।
उल्लेखनीय है कि यहाँ नगर में सीहोर से आष्टा के मध्य चलने वाले वाहनों में अधिकांशत: जितने भी यात्री बैठते हैं उन्हे ठूंस-ठूंस कर ही भरा जाता है। उन्हे सही से बैठने के लिये सीट तक नहीं दी जाती है। महिलाएं भी परेशानी के साथ बैठती हैं। बैठने की सीट पूरी होने के बाद भी दुगनी सवारियाँ इन वाहनों में भरी जाती है। वाहन चालक आगे भी अधिकाधिक सवारी बैठाता है और परिचालक पीछे सीट पूरी होने के बाद कईयों को खड़ा करवा देता है और फिर उसके बाद यात्रियों को लटकवा भी देता है।
इस प्रकार यात्री एक-दूसरे के बीच दबे-सिकुड़े बैठने को और यात्रा करने को मजबूर हो जाते हैं। कईयों की सांस फूल जाती है। कईयों की दशा ही बिगड़ जाती है। जो लटककर जाते हैं उनके जीवन के साथ खिलवाड़ की स्थिति रहती है। कुल मिलाकर पशुओं से यादा अत्याचार यात्री वाहनों में मनुष्यों के साथ हो रहा है और वह भी खुले आम हर दिन हो रहा है।
इसके बावजूद लम्बे समय से यातायात विभाग अपनी सेटिंग के चलते इन वाहन वालों से कभी कुछ नहीं कहता। वाहन चालक जैसे चाहे वैसे अपने वाहनों में यात्रियों को ठूंस-ठूंस कर भरते हैं, अभद्र व्यवहार करते हैं। महिलाओं को खासी परेशानी आती है लेकिन यातायात पुलिस का इसकी तरफ ध्यान नहीं जाता।
यदि कोई यात्री इसका व्यवस्था का विरोध करता है तो वाहन चालक-परिचालक या वाहन मालिक उनके साथ दुर्व्‍यवहार करते हैं और बात बढ़ने पर नौबत मारपीट तक पहुँच जाती है बल्कि उन्हे बीच रास्ते में भी छोड़ कर उन्हे बेइज्‍जत करने का क्रम भी यह लोग करने से बाज नहीं आते। आये दिन इस प्रकार की घटनाएं सीहोर से आष्टा के बीच आसानी से देखी जा सकती है।

Thursday, January 24, 2008

जांगड़ा समाज संत रवि दास जयंती मनायेगा

आष्टा 23 जनवरी (फुरसत)। समाज कल्याण परिषद शाखा आष्टा की विशेष बैठक संपन्न हुई जिसके संत शिरोमणी रविदास जंयती समारोह दि. 24 जनवरी,08 को आष्टा में बड़ी धूम-धाम से मनाने का सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया । जांगड़ा समाज आष्टा के अध्यक्ष बंशीलाल धनवाल एवं महामंत्री रमेश चंद्र कटारे ने एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी समाज के धार्मिक व अध्यात्मिक गुरूसंत शिरोमणी रविदास महाराज की जयंती समारोह दिनांक 24 जनवरी,08 को आष्टा में बड़ी धूम-धाम से मनाई जावेगी । सर्व सम्मिति से यह भी निर्णय लिया गया है कि जयंती समारोह में समाज के वरिष्ठ आईएएस. आईपीएस तथा समाज सेवी भारत सरकार की मंत्री जी का मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाये । बैठक में राकेश रेकवाल अध्यक्ष मंदिर समिति आष्टा, दिनेश गहरवाल, अनारसिंह धनवाल, रामचरण बकोरिया, रंजीतसिंह अटेरिया, सांवतसिंह, जगदीश रेकवाल, रमेश चंद्र दामड़िया, कैलाश बगाना, हरिराम रेकवाल, जगदीश प्रसाद, शंकरसिह, रामचंद्र अस्ताया, दिनेश रेकवाल, रमेश रकवाल, हनीरसिंह रेकवाल, प्रेमसिंह बडोदिया, देवकरण जागड़ा, फूलसिंह जागड़ा, रमेश चंद्र दगोंलिया, प्रेमसिंह बामनिया आदि प्रमुखों ने भाग लिया ।

वोट की राजनीति के कारण फांसी की सजा पाने वाला अफजल गुरु आज भी जिन्दा है -अनिल ओक

आष्टा 23 जनवरी (फुरसत)। जिस अफजल गुरू का फांसी की सजा मिली वो आज भी जिन्दा है क्यों क्योंकि वोट की राजनीति आड़े आ रही है । इस देश को राजनेताओं के भरोसे नही छोड़ा जा सकता है क्या कभी नेता को कुछ देते देखा गया नही नेता केवल लेता ही लेता है । वो अगर कुछ देता है तो जनता को झुठे कोरे आश्वासन और वादे देता है। आज युवा संगम में युवा यह दृढ़ निश्चिय करे कि जब भी भारत माता की रक्षा के लिए अगर उनकी आवश्यकता होगी तो वो सब कुछ अर्पण करने को तैयार रहूंगा ।
उक्त उद्गार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांतीय सेवा प्रमुख अनिल ओक ने नेताजी सुभाष चंद्र चौराहे पर आयोजित 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के 150 वर्ष पूर्ण होने पर उसकी स्मृति में आयोजित युवा संगम एवं सुभाष चंद्र बोस प्रतिमा का अनावरण अवसर पर व्यक्त किये । श्री ओक ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज युवा भटक रहा है । जिस युवा को देश भक्ति राष्ट्रभक्ति के गीत तराने गुनगुनाना चाहिये आज वो युवा जब दिल ही टुट गया तो जी कर क्या करे या इस दिल के टूकडे हजार हुए कोई यहां गिरा कोई वहां गिरा जैसे गीत गुनगुनाता है जबकि देश के नौजवान की आंखो के सामने इस प्रकार का भविष्य तैरना चाहिये की मै क्यों जी रहा हूं इस देश के लिए मैने क्या किया, इस समय के लिए मैने क्या किया और मुझे देश समाज राष्ट्र के लिए क्या करना चाहिये । श्री ओक ने वीर सावरकर जब जेल में थे उस वक्त का संस्मरण सुनाया कि जब सावरकर जेल मे थे । तो उनकी भाभी ने उनसे कहा कि वे माफी मांगकर जैल से बाहर आ जाये वे बाहर आजायेंगे तो बंश आगे बढ़ेगा । तब उन्होंने भाभी को पत्र लिखा था कि जब देश ही नहीं बचेगा तो वंश का क्या काम? उन्होंने कहा कि आज भी देश में ऐसा युवा है जिनके मन में देश के प्रति एवं देश के लिए कुछ करने के भाव रहते हेै । आज यह जो देश टिका है युवाओं एवं अच्छे लोगों के कारण ही टीका है । दृष्टि को दिल्ली और राजनीति से हटाकर देखों कई अच्छे अच्छे कार्य हो रहे है । युवा उसमें लगा है । उन्होंने वृद्ध हो जाने पर गाय को कसाईयों के हाथों बेचने वालो को आड़े हाथों लिया और पूछा कि जब वो दुध देती है तब तो उसे रखते हो और जब दूध देना बंद कर देती है तो उसे कसाईयों के हाथों बेच देते हो । अनिल जी ने कहा कि अब समय आ गया है ताली बजाने से काम नही चलेगा । अब युवाओं को ताल ठोक कर आगे आना होगा । आज युवाओं को संकल्पित होने की आवश्यकता है युवा संगम के इस शुभ अवसर पर हमें कुछ संकल्प लेना चाहिये आज युवा यह निश्चित करे क ी बुरी नीयत से भारत माता की और जो भी आंख उठेगी जो आक्रमण करेगा उसका मुंह तोड़ जवाब दिया जायेगा। भारत माता के लिए सर्वस अर्पण करने के लिए वो हमेशा तेयार रहेगा । उन्होंने स्वदेशी और विदेशी का मुद्दा भी सामने रखते हुए आव्हान किया की आज से निर्णय करे की हम अपना चौका और बाथरूम विदेशी बस्तुओं से मुक्त रखेगें । केवल स्वदेशी वस्तुओं का ही उपयोग करेंगे। उन्होंने उदाहरण दिया कि जिस प्रकार पत्नि और वैश्या में अंतर होता है बैसा ही अंतर स्वदेशी ओर विदेशी में है । स्वदेशी वस्तुएं पत्नि की तरह होती है । और विदेशी वस्तुएं वैश्या की तरह होती है । श्रीओक ने कहा कि शास्त्रों की रक्षा शस्त्रों से ही होगी निर्वल की रक्षा तो भगवान भी नही करता है । उन्होंने कहा कि गांधी जी की शांति की अंहिसा की बात करते थे। लेकिन उनके आराध्य भगवान श्री राम के हाथों में भी शस्त्र था आज युवा संगम कार्यक्रम में आष्टा एवं ग्राम-ग्राम से आये युवाओं को मंच सें तीन संकल्प दिलवाये आज से अपने-अपने घरो पर सात दिनों तक शहीदों की याद में एक-एक दीपक लगाऊंगा । घर में एक महापुरूष का चित्र अवश्य लगाऊॅगा । अपना बाथरूम एवं रसोईघर स्वदेशी वस्तुओं से ही सजाऊगा । अगर उक्त संकल्प के कारण आज का यह युवा संगम सफल होगा ।
युवा संगम के प्रारंभ में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चन्दनलाल बनबट कन्हैयालाल भूतिया एवं अनिल ओक ने दानदाता महेश मुदड़ा परिवार द्वारा अपने पिता श्री बाबूलाल मुदड़ा की स्मृति में स्थापित की गई नेताजी सुभाषचंद्र बोस की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया । महेश मुदड़ा ने प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया। प्रारंभ मे संतोष झंवर, राजू जायसवाल, दीपेश गौतम, गोविंद चौहान, शिव श्रीवादी आदि ने भजन प्रस्तुत किया । कार्यक्रम का समापन भजन गायक रामनारायण श्रीवादी के वन्दे मातरम् गीत से हुआ। कार्यक्रम का संचालन बाबू देब्वाल ने तथा अंत में आभार सत्येन्द्र सोंलकी, ने व्यक्त किया । कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवा, समाजसेवी, राजनेता, पत्रकार, आदि उपस्थित थे । आज उक्त कार्यक्रम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एवं युवा मंच के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया था।
ऐसे प्रतिदिन विदेशों को 3 करोड़ जाते है
आष्टा 23 जनवरी (फुरसत)। हम अपने बाथरूम में विदेशी साबुनो का इस्तेमाल करके किस प्रकार विदेशों की आर्थिक सहायता करते है । इसका उदाहरण अनिल ओक ने एक उदाहरण देकर किया उन्होंने बताया कि हम जो लक्स साबुन का इस्तेमाल करते है । वो उसकी लागत कीमत 1 रुपये 30 पैसें की आती है । बाजार में उक्त साबून 10 रुपये में हम लाते है, एक साबून पर उक्त साबून की निर्माता कंपनी 5रु. कमाती है, देश में 6 लाख ग्राम है 60लाख की टिकिया खरीदते है । प्रतिदिन 3 करोड़ रु. कंपनी कमाती है । इस प्रकार हम 3 करोड़ रु रोज साबून के माध्यम से विदेशों को देते है। कल्पना करों कि हम कब कर्ज से आजाद होगे । आज का युवा संगम तभी सफल होगा जब हम विदेशी वस्तुओं का वहिष्कार कर स्वदेशी वस्तुओं को अपनायेगे ।

बुधवारा में नाली की सफाई को लेकर झगड़ा

आष्टा 23 जनवरी (फुरसत)। आज नगर के बुधवारा क्षेत्र में एक निर्माणाधीन मकान के मालिक एवं पड़ोसियों ने मकान के सामने की नाली की सफाई एवं तराई को लेकर झगड़ा हो गया।
झगडे में एक व्यक्ति को काफी चोंट आई जिन्हे भोपाल रिफर किया गया। शेष अन्याें को मामूली चोंटे आई है। पुलिस ने बताया कि सुरेश ताम्रकार की शिकायत पर संतोष, विनोद, नंदू एवं कमल के खिलाफ तथा विनोद ताम्रकार ने हरिनारायण, सुनील, सुरेश एवं अनिल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने दोनो के प्रकरण दर्ज कर लिये हैं।

संगीतमय श्रीराम कथा का शुभारंभ

जावर 23 जनवरी। संतश्री रामदास बाबा सेवा समिति जावर के तत्वाधान में आयोजित श्रीराम कथा एवं मानस सम्मेलन का आज श्रीराम मंदिर में भव्य शुभारंभ हुआ। उजैन से पधारे कथावाचक श्री अवधेशदास जी के जावर आगमन पर जावर जोड़ से समिति अध्यक्ष सचिन खत्री के नेतृत्व में सैकड़ो कार्यकर्ता वाहन रैली के रुप में कथा स्थल लाये। यहाँ पर भव्य शुभारंभ हुआ।
प्रथम दिन अवधेश दास जी ने कहा कि हम कहीं भी रहें सुखी रहें या दुखी रहें लेकिन हर हाल में परमात्मा की कृपा का अनुभव हमें करते रहना चाहिऐ क्योंकि हमें जो यह मानव का तन मिला है तथा भारत जैसे देश में हम जन्में यह किसी पुण्य का ही फल है। कथा समाप्ति पर आरती हुई एवं प्रसाद का वितरण हुआ।

विजय शर्मा मण्डी बोर्ड अटैच

आष्टा 23 जनवरी (फुरसत)। आष्टा कृषि उपज मण्डी समिति मे एक साथ दो-दो सचिव के रहने से आष्टा मण्डी में असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई थी।
पूर्व सचिव विजय शर्मा को मण्डी बोर्ड से आष्टा भेजा था तथा आष्टा सचिव छोटू खान को आष्टा से खिरकिया भेज दिया गया था लेकिन छोटू खान द्वारा उच्च न्यायालय से स्टे लाने के बाद फिर आष्टा में एक साथ दो सचिव हो गये थे लेकिन आज मण्डी बोर्ड ने आये आदेश के अनुसार विजय शर्मा को मण्डी बोर्ड में अटैच कर दिया गया है तथा मण्डी आष्टा में छोटू खान ही कार्यरत रहेंगे।

सड़क हादसों में दो मृत, चार घायल

सीहोर 23 जनवरी (फुरसत)। जिले में विभिन्न थाना क्षैत्रों में हुये अलग-अलग सड़क हादसों में दो लोगों की मौत हो गई तथा चार लोग घायल हो गये । पुलिस ने सभी मामले दर्ज कर लिये है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम बादंरिया डाल निवासी सौभालसिंह आ. उमरावसिंह सेंधव मंगलवार को लगभग ढेड़ बजे मोटर सायकल से ग्राम कुर्लीकलां निवासी गोविन्द्र आ. कुंजीलाल अजा. एंव कुर्लीकलां निवासी उमराव आ. हीरा अजा. को बैठाकर जावर जोड़ से आष्टा तरफ जा रहे थे तभी राजमार्ग स्थित खजूरी जोंड़ के समीप सामने से आ रही जीप क्रमांक एमपी- 19-ई-5145 के चालक ने तेजगति एवं लापरवाही पूर्वक वाहन चलाकर इनकी मोटर सायकल में टक्कर मार दी परिणाम स्वरूप उमराव की घटना स्थल पर ही मौत हो गई तथा सौभाल सिंह ने उपचार हेतू जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया और गोविन्द गंभीर रूप से घायल हो गया । जिसे आष्टा अस्प. में उपचारार्थ दाखिल कराया गया । जावर पुलिस जीप चालक के विरूद्व प्रकरण दर्ज कर लिया ।
इधर आष्टा थाना अर्न्तगत ग्राम भंवरा निवासी भेरूलाल परमार मंगलवार की शाम आष्टा से अपनी मोटर सायकल क्र. एमपी-40-बी-7162 से ग्राम जा रहा था कि तभी राजमार्ग स्थित खड़ी जोड़ के समीप भोपाल तरफ से आ रही इ ंडिका क्रं. एमपी-04-टी-6661 के चालक ने तेजगति व लापरवाही से वाहन चलाकर टक्कर मार कर घायल कर दिया जिसे प्राथमिक उपचार हेतू आष्टा अस्प. में दाखिल कराया गया ।
इधर कोतवाली थाना क्षैत्र में मंगलवार की रात बड़ियाखेड़ी निवासी 22 वर्षीय सुमीत पाठक दूध देकर सायकल से आ रहा था तभी मोती मंदिर के पास मोटर सायकल कं्र. एमपी-04एई-9983 के चालक ने लापरवाही पूर्वक वाहन चलाकर टक्कर मार दी घायल सुमीत को प्राथमिक उपचार के बाद अस्प सीहोर से हमीदिया अस्प. भोपाल के लिये रिफर कर दिया गया है । इसी प्रकार आज कोतवाली क्षैत्र के आष्टा रोड़ में हरिजन मोहल्ला निवासी सरलाबाई को मोटर सायकल क्रं. एमपी-37-एम-0745 के चालक ने लापरवाही पूर्वक वाहन चलाकर पीछे से टक्कर मारकर घायल कर दिया ।

Wednesday, January 23, 2008

फसलो को पाले से बचाने के लिए खेतो पर अलाव जलाएं

इछावर 22 जनवरी (फुरसत)। लगातार तीन दिनों से इछावर में कड़ाके की ठंड से लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए है । ठंड से सर्वाधिक पीड़ित प्रात: छात्राएं है जिनका स्कूृल प्रात: की शिफ्ट में है और उन्हें ठिठूरते हुए ही स्कूल पहुंचना अनिवार्य है । ठंड की भीषणताओं को देखकर बाजार भी आधे अंधूरे खुले रहे है। नगरवासी ठंड से बचने के अनेक उपाय अपनाएं हुएं है गांववासी जगह-जगह अपने स्तर पर ही अलाव जला-जला कर ठंड से मुक्ति पाने का प्रयास करने में लगे हुए है । लगातार बढ़ रही ठंड से किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरे भी दिखाई देने लगी है । ठंड लगातार इसी तरह पड़ती रही और तीव्र हुई तो फसलों पर पाला भी हो सकता है । मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि पाले से फसलों को बचाने के लिए आग जलाकर रखे ताकि फसलों के पास गर्मी बनी रहे।

जीप मोटर साईकिल भिड़ंत दो मरे

जावर 22 जनवरी (फुरसत)। आज दोपहर में लगभग डेढ़ बजे जावर थाने के अन्तर्गत इन्दौर भोपाल मार्ग पर खजूरिया जोड़ के पास एक मोटर साईकिल एवं जीप में आमने-सामने हुई भिड़ण्त में मोटर साईकिल पर सवार तीन में से दो लोगों की मृत्यु हो गई तथा एक गंभीर रुप से घायल हो गया। पुलिस के अनुसार दोपहर में मोटर साईकिल पर जावर से आष्टा सीहोर जा रहे एक सामने से आ रही जीप क्रमांक एम.पी.19 ई 5145 में आमने-सामने भिड़ंत हो गई।
जिसमें मोटर साईकिल पर सवार उमराव पिता हीरा जी उम्र 40 वर्ष निवासी कुर्लीकला एवं सोभाल सिंह पुत्र उमराव सिंह उम्र 32 वर्ष निवासी बागरिया डाल की मृत्यु हो गई तथा गोविंद पिता कुंजीलाल निवासी कुर्लीकला का पैर टूट गया। पुलिस ने धारा 304ए के अन्तर्गत जीप चालक के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।

दलित का अपमान करने वाले अभियुक्त को 6 महीने की सश्रम कारावास की सजा

सीहोर 22 जनवरी (फुरसत)। विधि सूत्र-स्पेशल प्रकरण नं. 592006में धारा-3 एससी.एसटी पी.ए.एक्ट में अभियुक्त विष्णुप्रसाद को न्यायाधीश एम.के.महेन्द्रा साहब ने 6 महिने के कठोर कारावास तथा अर्थदंड 500रु. की सजा का निर्णय दिया ।
अभियोजन की गाथा संक्षेप में इस प्रकार रही कि घटना दिनांक 6.5.06 को साढे चार बजे ग्राम ढाबलामाता में फरियादिया जो कि एक स्त्री है, के साथ बल प्रयोग कर उसकी लाज भंग करने के दुराशय से अभियुक्त विष्णुप्रसाद आ. नारायण सिंह नि. ढाबला ने उसका अपमान किया जो कि दलित वर्ग से थी । मामले की रिपोर्ट थाना इछावर पर की गई तथा विवेचक द्वारा कार्यवाही पूर्ण कर मामला मा. न्यायालय में भेजा जो कि आर.टी.नं. 143806 में दर्ज हुआ । मामला हरिजन एक्ट का होने से विशेष न्यायाधीश को सत्र समर्पित किया गया और विशेष प्रकरण क्र. 592006 पर अभियोजन ने अपना पक्ष रखते हुए आवश्यक साक्षीगण के बयान कराये गये । मामले में पैरवी करते हुए के.के.शर्मा, विशेष लोक अभियोजक ने बतलाया कि एम.के . महेन्द्रा ने साक्ष्य का सूक्ष्म अवलोकन किया दोनो पक्षों की अंतिम बहस सुनी गयी । तथा 7 पृष्ठीय निर्णय पारित किया गया । विद्वान विशेष न्यायाधीश महेन्द्रा ने अपने 7पृष्ठ के निर्णय में अभियुक्त विष्णुप्रसाद को दलित महिला के साथ अपमान कर उसके साथ जातिगत अपमान करने का मामला सिद्ध पाकर एस.सी., एस.टी. एक्ट में 6 महीने के सश्रम कारावास व 500रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। मामले की पैरवी म.प्र. राज्य की और से के.के. शर्मा विशेष लोक अभियोजक ने की ।

ब्राउन शुगर के अभियुक्त को 7-7 साल की सश्रम कारावास

सीहोर 22 जनवरी (फुरसत)। विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट एम.के.महेंद्रा ने अभियुक्त गण इलयास खां आ. सोहराब व आजाद खां आ. शेरखां को एनडीपीएस एक्ट के तहत दोषी पाकर सात-सात साल के कठोर कारावास एवं प्रत्येक को 20-20 हजार रुपये के अर्थदंड का फैसला सुनाया ।
अभियोजन की और से मामले की पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक अनिल शर्मा ने बताया कि अभियोजन गाथा के अनुसार दिनांक 30.9.2006 को थाना कोतवाली के उपनिरीक्षक जे.यू.सिद्दीकी को मुखबिर की विश्वस्त सूचना मिली की आरोपीगण काले रंग की मोटर सायकल पर सवार होकर प्रतिबंधात्मक ब्राउन शुगर विक्रय करने के लिये अवैध रूप से ले जा रहे है और इस हेतू शुगर फेक्ट्री के आसपास धूम रहे है । इस सूचना पर मय गवाहों व पुलिस बल के मौके लिये रवाना हुये तथा घेराबंदी कर आरोपी गण को पकड़ा जिनमें अंधरे का लाभ उठाकर एक आरोपी जिसका नाम खुर्शीद था वह भाग गया । दो अभियुक्त इलयास निवासी सेमला थाना कुरावर, व आजाद खां आ. शेरखां अरेस्ट किया और मामला विवेचना उपरांत मा. सत्र न्यायालय में समर्पित किया । विद्वान सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश एम.के.महेन्द्रा, एनडीपीएस एक्ट ने गवाह उपनिरीक्षक पंकज गौतम, आरक्षक संतोष साहू, राकेश उमेरे, संतोष पाठक, व आरक्षक शहादत बेग त्रषिदेव वर्मा, देवेंद्र पटेल, नमो नारायण व उपनिरीक्षक- जे यू सिद्दीकी व हरीश शर्मा, तत्कालीन टीआई की गवाही को सूक्ष्मता से अवलोकन किया व दोनो ही पक्षों की अंतिम बहस सुनी गयी और निर्णय पारित कर आरोपी गण का एनडीपीएस एक्ट के तहत सात-सात साल की कठोर कारावास व प्रत्येक अभियुक्त को 20-20 हजार रु. का अर्थदंड का फैसला सुनाया । अभियोजन की और से पैरवी अनिल शर्मा, विशेष लोग अभियोजक एसडीपीएस एक्ट नेकी । सजा वारंट तैयार कर अभियुक्तों को सजा भगतने जेल भेजा गया ।

Tuesday, January 22, 2008

दिग्भ्रमित मत करो....शहीदों को तो छोड़ दो?

भारत माँ हम सभी भारतीयों की पूज्‍यनीय है। गर ऐसा ना होता तो हम अंग्रेजों के शासन में भी रह सकते थे लेकिन हमारी भारत माता परतंत्र हो यह हमें गवारा नहीं था...हमारा देश स्वतंत्र हो इसके लिये भारत माता के लालों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। अपने प्राणों का बलिदान उन्होने भारत माता पर ही तो किया है....माता की गोद में हंसते-हसंते सो जाने का उन्हे जरा मलाल नहीं था....सीना चौड़ा कर गोलियाँ खा लेते थे इसी भारत माता के लिये.....हजारों नहीं लाखों लोग 1857 के महासंग्राम में और फिर 1947 तक शहीद हुए तो सिर्फ इसी भारत माता की स्वतंत्रता के लिये....। जंजीरों में जकड़ी हमारी भारत भूमि स्वतंत्र हो उसे आजाद कराने के लिये भले ही हमें अपना सर्वस्व, अपने प्राण ही क्यों न गंवाने पड़ जाये लेकिन माता की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है ऐसी भावनाएं कूट-कूटकर भरी थी देश के उन लाखों शहीदों में.....।
आज इसी हमारी भारत माता का एक मंदिर का सीहोर में भी निर्माण होना शुरु हो रहा है जिसके के लिये प्रथम चरण के रुप में संस्कार भारती संस्था द्वारा 1857 के स्वातंत्र्य समर में शहीद हुए शहीद स्थलों की मिट्टी संग्रह का कार्यक्रम रखा गया है। सीहोर में न्यायालय परिसर के पीछे स्थित वैशाली नगर के नागरिक इस पुण्य कार्य को करने का सौभाग्य प्राप्त करने जा रहे हैं। इस कार्य से जुड़े सभी पुण्यात्माओं को बारम्बार नमन है।
लेकिन शर्म आनी चाहिऐ सीहोर के उन क थित बुध्दिजीवियो को जो स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए क्रांतिकारियों और अमर शहीदों पर भी अपनी ओछी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे....शर्म आनी चाहिऐ उन लोगों को जो छद्म लाभ के लिये शहीदों को अपना निशाना बनाने में जुट गये हैं...। कहाँ तो हजारों लोगों ने इस बात की परवाह किये बिना, की देश की आजादी में यदि वह शहीद हो भी गये तो क्या उनका नाम होगा या नहीं ? वह समर में कूद गये और सबसे आगे बढ़कर शहीद हुए। और एक आज के वह लोग हैं जो बिना अंगूली कटाये ही शहीद होने के लिये लालायित हैं और उस पर गंदी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे। लेकिन उन्हे यह नहीं मालूम की उनकी यह जरा-सी नादानी उन लाखों शहीदों के प्रति और इस भारत माता के प्रति किया गया जघन्यतम अपराध है।
असल मेरा मुद्दा यह है कि देश की आजादी के बाद उन लाखों ज्ञात-अज्ञात शहीदों की स्मृति में देश भर में जगह-जगह जय स्तंभ स्थापित किये गये थे और मुख्यत: ऐसे स्तंभ शासकिय विद्यालय या महाविद्यालयों के प्रांगण में बनाये गये थे कुछ शहरों में इन्हे प्रमुख चौराहों पर भी बनाया गया है ताकि उन्हे देखकर नई युवा पीढ़ी में राष्ट्रवादी सोच विकसित कर सके। लेकिन सीहोर में इस साल अचानक इस स्तंभ के साथ राजनीति खेलते हुए भोपाल से प्रकाशित एक अखबार ने जानबूझकर बिना किसी ऐतिहासिक साक्ष्य या संदर्भ के यह समाचार प्रकाशित कर दिया कि शा.स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्रांगण में 1857 में 100 शहीदों को मार दिया गया था.....। यहीं से इतिहास के साथ खिलवाड़ करने का घिनौना खेल शुरु हुआ और नगर के आम जन को दिगभ्रमित करने का कुत्सित प्रयास किया गया। बात यहीं खत्म नहीं हुई फिर बढ़कर नगर के कुछेक तत्वों द्वारा मौखिक प्रचार के रुप में बताया जाने लगा कि इसी स्थान पर बहुत बड़ी संख्या में लोग शहीद हुए थे। जबकि इसका ना तो कोई प्रमाण है, न उल्लेख है, न पूर्व वर्ष तक इसको लेकर कभी किसी पूर्वज या सीहोर के नागरिकों ने इस संबंध में कोई जानकारी दी ..... लेकिन अब ऐसा झूठा प्रचार किस निजी स्वार्थ के लिये किया और कराया जा रहा है? नगर के बुध्दीजीवियों को यह अच्छी तरह मालूम है कि इतिहास के साथ खिलवाड़ करने की इस परम्परा का सूत्रधार कौन है ? वह लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं। नगर में भारत माता का मंदिर निर्माण होने जा रहा है जिसका भूमि पूजन संस्कार भारती के बेनर तले 26 जनवरी गणतंत्रता दिवस पर किया जायेगा। साथ ही कल 23 जनवरी को चूंकि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयंती है इसलिये भारत माता के वीर सपूत नेताजी की जयंती का लाभ उठाकर कल सीहोर में हुए शहीदों के शहीद स्थलों से मिट्टी संग्रह का कार्यक्रम भी किया जाना है। इस राष्ट्रीयता से ओतप्रोत कार्यक्रम में मिट्टी का संग्रह उपरोक्त दुष्प्रचार के कारण महाविद्यालय प्रांगण में बने स्तंभ से किया जाने वाला था। यदि ऐसा हो जाता तो निश्चित ही भारत माता के प्रति आस्थावान नगर वासियों के साथ इस प्रकार के दुराग्राही दुष्प्रचारकों द्वारा किया गया यह बड़ा अपराध होता। हे भारत माता इन लोगों को सद्बुध्दी प्रदान करें और सीहोर की इस धरा को नई ऊँचाईयाँ प्रदान करने का आशीर्वाद प्रदान करे।

जनार्दन शर्मा काव्यांजलि समारोह संपन्न

सीहोर 21 जनवरी (फुरसत)। तीस बरस तक लगातार शहरवासी किसी ऐसे व्यक्ति की याद को चिरस्थायी बनाए रखने के लिए कार्यक्रम आयोजित करें जो इस शहर का ही नही है नि:संदेह ऐसा आयोजन अद्भूत और अनोखा है । यह विचार माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति डा. अच्युतानंद मिश्र ने यशस्वी जनकवि पं. जनार्दन शर्मा की 30वीं पुण्य तिथि पर स्थानीय ब्ल्यू बर्ड स्कूल के सभागार में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए व्यक्त किए । समारोह में पुलिस महानिरीक्षक पवन जैन को शाल, श्रीफल, सम्मान निधि तथा सम्मान पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। साथ ही जिले के युवा कवि केशव चौहान चिन्तक को जनार्दन शर्मा स्मृति युवा पुरस्कार से नवाजा गया ।
गत रात शहर के रचनाकारों ने पं. जनार्दन शर्मा को पूरी शिद्दत से याद करते हुए उन्हें काव्याजंलि अर्पित की । गरिमा और सादगी पूर्ण आयोजित इस समारोह में विख्यात समालोचक डा. विजय बहादूर सिंह, माधवराव सप्रे समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान भोपाल की निदेशक डा. मंगला अनुजा, स्थानीय विधायक रमेश सक्सेना, पूर्व विधायक एवं आंचलिक पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकरलाल साबू विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे ।
जिले की प्रतिष्ठित संस्था प्रज्ञा भारती द्वारा स्व. श्रीमति चन्द्रकातां कुइया स्मृति न्यास तथा श्रीमति जमुना देवी देवी मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी के सहयोग से आयोजित इस 30 वे सुकवि पं. जनार्दन शर्मा स्मृति कार्यक्रम को संबोधित करते हुए क्षैत्रीय विधायक रमेश सक्सेना ने कवि जनार्दन शर्मा का पुण्य स्मरण किया और उनकी याद में विगत 29 वर्षो से लगातार आयोजित किए जाते रहे इस पुण्य स्मरण कार्यक्रम की निरन्तरता को सीहोर नगर की विशिष्ट उपलब्धि बताया
कार्यक्रम में सम्मानित किए गए कवि पवन जैन ने अपनी सशक्त रचनाओं का पाठ किया और श्रोताओं की जी भरकर दाद बटोरी, जनार्दन शर्मा स्मृति युवा पुरूस्कार से सम्मानित युवा कवि केशव चौहान चिन्तक ने भी कार्यक्रम को संबोधित कर स्वरचित व्यंग रचना सुनाकर तालियां बटोरी। अंबादत्त भारतीय ने पं. जनार्दन शर्मा के व्यक्तित्व और कृतित्य पर प्रकाश डाला
आयोजन की शुरूआत में सभी अतिथियों ने ज्ञान दात्री मां सरस्वती देवी की प्रतिमा और सुकवि पं. जनार्दन शर्मा के चित्र पर पुष्प मालायें अर्पित कर ज्ञान दीप प्रज्‍वलित किया।
ब्लू वर्ड स्कूल की छात्रा कु. जया मेवाड़ा ने सस्वर सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की और कु . सोहनी पालीवाल ने देश भक्ति गीत की सुमधुर प्रस्तुति दी । स्व. जनार्दन शर्मा की गजल का पाठ यूसुफ परवेज सीहोरी ने किया । कार्यक्रम का सफल संचालन बसंत दासवानी ने किया और आभार प्रदर्शन प्रज्ञा भारती के अध्यक्ष जयंत शाह ने किया।

ताजियों का विशाल विसर्जन जुलुस निकला

आष्टा 21 जनवरी (फुरसत)। आज आष्टा नगर में मोहर्रम कमेटी जुम्मापुरा एवं काजीपुरा का ताजियों का विशाल विसर्जन जुलुस प्रात: 12 बजे पुराना बस स्टेण्ड से प्रारंभ हुआ जो पुरानी सब्जी मंडी, बड़ा बाजार, सिकन्दर बाजार, गांधी चौक, गल चौराह, बुधवारा, परदेशीपुरा होता हुआ पार्वती नदी पर पहुंचा। यहां पर ताजियों का विसर्जन किया गया । मोहर्रम कमेटी जुम्मापुरा का जुलुस शहजानी मस्जिद पहुंचा इस जुलुस में काजीपुरा का जुलुस शामिल होकर आगे दोनो का जुलुस आगे बड़ा मोहर्रम पर आज ताजियों के निकले विशाल विसर्जन जुलुस में शामिल विभिन्न अखाड़ो के कलाकारों के स्थान-स्थान पर अपनी शानदार कला का अखाड़ों के माध्यम से प्रदर्शन किया विसर्जन जुलुस में अखाडे, बैन्ड, डी.जे. ताशापार्टी ताजिये आदि शामिल थे । विसर्जन जुलुस शाम को पार्वती नदी पर पहुंचा यहां पर ताजियों का विसर्जन किया गया । जुलुस में पुलिस एवं स्थानीय प्रशासन के अधिकारी अधिनस्थों के साथ सुरक्षा व्यवस्था में लगे हुए थे ।

यात्री बस पलटने से चार घायल

सीहोर 21 जनवरी (फुरसत)। श्यामपुर-कुरावर राजमार्ग पर रविवार को एक यात्री बस के अनियंत्रित होकर पलट जाने से चार लोग घायल हो गए वही अन्य सड़क हादसों में तीन लोग घायल हो गए ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुबंधित बस क्रं. एमपी-04-एच-9065 रविवार को भोपाल से यात्री लेकर कुरावर की तरफ जा रही थी । बताया जाता है कि बस का चालक वाहन को तेजगति व लापरवाही पूर्वक चलाकर ले जा रहा था कि तभी बस सोठी जोड़ के समीप अनियंत्रित होकर पलट गई। परिणाम स्वरूप इसमें सवार आर.देवचंद आ. भंवरलाल, रामहित शाक्य, ब्रजलाल आ. मंगल प्रसाद, दुर्गा प्रसाद आ. भंवरलाल घायल हो गए जिन्हें प्राथमिक उपचार हेतू श्यामपुर अस्पताल में दाखिल कराया गया। बस चालक घटना के बाद से फरार हो गया। उधर आष्टा थाना क्षैत्र के मेवाड़ा कालोनी निवासी दौलत सिंह रविवार को पैदल रोड क्रास कर रहा था । अदालत के समीप मोटर सायकल क्र.एमपी-09-एनबी-3012 के चालक ने उसे टक्कर मारकर घायल कर दिया। इधर कोतवाली थाना अंतर्गत लसूडिया परिहार वायपास मार्ग पर ग्राम भैसाखेड़ी निवासी महेश मेवाड़ा की मोटर सायकल क्र. एमपी-37-एमबी-3735 में पीछे से अज्ञात सफेद रंग की इण्डिका के चालक ने लापरवाही पूर्वक वाहन चलाकर पीछे से टक्कर मार दी जिससे महेश एवं उसके भाई बृजमोहन घायल हो गये ।

शेयर बाजार की भारी गिरावट ने सीहोर में भी उथल-फुथल कर डाली लाखों का नुकसान हुआ जिले में

सीहोर 21 जनवरी (फुरसत)। शेयर बाजार में आज हुई ऐतिहासिक गिरावट ने सीहोर में भी शेयर खरीददारों को झटका दे दिया है। यहाँ हुई भारी गिरावट के चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि करीब करोड़ रुपये तक का नुकसान सीहोर में हुआ है। लेकिन इससे छोटे शेयर खरीददारों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है।
सोमवार को मुम्बई शेयर बाजार रिकार्ड गिरावट के साथ बंद हुआ है। इसके पूर्व कभी शेयर बाजार ने गिरावट का इतना बड़ा गोता नहीं लगाया था लेकिन इस गोते ने यहाँ कईयों को लुढ़का दिया है। सोमवार को सेंसेक्स में 1400 से अधिक की गिरावट दर्ज की गई और सेंसेक्स 17605 के अंक पर बंद हुआ है। सीहोर में शेयर बाजार के लिये खुले अनेक टर्मिनलों पर भी स्थिति आज विचित्र हो गई थी। भारी गिरावट के कारण कुछेक टर्मिनल के बड़े भोपाल के कार्यालयों से उन्हे आगामी शेयर खरीदने की स्वीकृति बंद कर दी गई थी। हालांकि ऐसा सामान्यत: होता नहीं है लेकिन जब किसी का खाता गड़बड़ होता है तो फिर इस संबंध में यादा सावधानी बरती जाती है।
एक तरफ तो अचानक आई गिरावट का लाभ उठाने के लिये कई लोग भिड़ गये थे और टर्मिनलों के चक्कर काट रहे थे ताकि इस गिरावट के दौर में वह माल खरीद लें और शेयर बाजार में वापस स्थिरता आने पर इसे बेचकर अच्छा लाभ उठा लेते। लेकिन ऐसे शेयर खरीदने वालों को टर्मिनलों पर शेयर खरीदने की सहूलियत नहीं मिल पाई। कुछ टर्मिनलों को ऊपर से ही शेयर खरीदने की स्वीकृति बंद कर दी गई थी जिससे सीहोर वालों को दिक्कत आई।
आज आई गिरावट के कारण सीहोर के उन शेयर खरीदने वालों को झटका लग गया जो बहुत कम पूंजी से इस काम को करने का प्रयास करते हैं। जबकि बड़े लोगों को भी बड़े झटके लग गये। उदाहरण स्वरुप आरकाम का फ्यूचर सुबह 673 रुपये था जिसका एक लाट 350 शेयर है लेकिन अचानक दोपहर बाद इसके भाव सीधे 567 रुपये पर आ गये इस प्रकार इस लाट को खरीद चुके कई लोगों को करीब 35 से 40 हजार रुपये का झटका लगा। यह तो एक उदाहरण है लेकिन इसी प्रकार अनेक शेयरों में आई गिरावट ने आज शेयर बाजार से जुड़े लोगों के चेहरों पर तनाव की स्थिति पैदा कर दी थी। दिनभर शेयर वालों की अपनी चर्चाएं चलती रहीं।

गद्दारों ने हरवाया था सन् 57 में इंकलाबियों को

देश के लिए इस महान संग्राम और उसके शहीदों को याद करना गौरव की बात है। लेकिन इस मौके पर यह सवाल पूछा जाना जरूरी है कि भारत जैसे विशाल देश, जिसके चप्पे-चप्पे पर लोगों ने फि रंगी सरकार के खिलाफ दो साल से भी ज्यादा लगातार विद्रोह किया था, केवल 10 से 15 हजार गोरों से कैसे मात खा गया? अंगरेजों के चाटुकार इतिहासकार, जिनमें कई हिंदुस्तानी भी रहे हैं, जीत का कारण उनकी रणकौशलता, बहादुरी, हिम्मत और उनके पास उपलब्ध उच्च कोटि के जंगी साज-सामान को मानते हैं। उदाहरण के लिए, भारत के एक प्रसिध्द इतिहासकार आर सी मजुमदार और 1857 के प्रत्यक्षदर्शी सैयद अहमद खान का (जिन्हें सर सैयद के तौर पर ज्यादा जाना जाता है) कहना था कि 1857 का विद्रोह न राष्ट्रीय था, न देश की स्वतंत्रता से इसका कोई संबंध था और न ही इसे लोगों का समर्थन प्राप्त था।
यह इतिहासकार कहते हैं कि अंगरेजों ने 1857 में और उसके बाद 'विद्रोहियों' पर बहुत आसानी से जीत हासिल कर ली, क्योंकि 'विद्रोही' सेना की हिम्मत पस्त थी, वे असंगठित थे और उनमें रण-कौशल नहीं था। यह कितना बड़ा झूठ है, इसका अंदाजा दिल्ली पर हमला बोलने वाली अंगरेजी सेना के एक वरिष्ठ अफ सर हॅडसन की डायरी में लिखे इस वक्तव्य से होता है, 'शहर की सीमा पर जबरदस्त विरोध का सामना करने के बाद हमारी फोजें शहर में दाखिल हुईं, तो जिस हिम्मत और दृढ़ता के साथ विद्रोहियों और हथियारबंद योध्दाओं ने जंग लड़ी, वह सब हमारी सोच से बाहर था।'
सवाल उठता है कि अगर इंकलाबी हर तरह से तैयार थे, उनमें जज्बा था और अपने वतन को कंपनी के शिकंजे से आजाद कराने के लिए वे हर कीमत चुकाने को तैयार थे, तो हिंदुस्तान यह संग्राम क्यों हार गया? इसका जवाब खोजना जरा भी मुश्किल नहीं है। अंगरेज हुक्मरां षडयंत्र रचने में माहिर थे। उन्होंने जो युध्द जीते, वे अपनी बहादुरी और रणकौशलता की वजह से नहीं, बल्कि षडयंत्रों, जासूसों और हिंदुस्तानी दलालों की मदद के बल पर। प्लासी के युध्द में मीर जाफर जैसा गद्दार न होता, तो सिराजुद्दौला का हारना असंभव था। टीपू सुल्तान इसलिए हारे, क्योंकि मीर सादिक, मीर गुलाम अली, कासिम अली और दीवान पूरनिया जैसे गद्दार अंगरेजों के कुकर्मों में हिस्सेदार बन गए थे। इतिहासकार जॉन विलियम ने, जो उस दौर की घटनाओं के प्रत्यक्षदर्शी थे, 1868 में छपी अपनी पुस्तक सिपॉय वार इन इंडिया में माना, 'सच तो यह है कि हिंदुस्तान में हमारी सत्ता की पुनर्स्थापना का सेहरा हमारे हिंदुस्तानी समर्थकों के सिर है, जिनकी हिम्मत और बहादुरी ने हिंदुस्तान को अपने हमवतनों से छीनकर हमारे हवाले कर दिया। स्वाधीनता के पहले संग्राम के बारे में हमारे इतिहास की पाठयपुस्तकों में जो जानकारी मिलती है, वह अधूरी है। इस संग्राम का सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतना बड़ा देश मुट्ठी भर अंगरेज फौजियों से आखिर कैसे हार गया?
' विलियम रसल लंदन से छपने वाले अखबार द टाइम्स के युध्द संवाददाता के तौर पर युध्द का हाल बताने के लिए भारत भेजे गए थे। रसल ने 9 मई, 1857 को भेजी अपनी एक रपट में लिखा, 'दिल्ली की हमारी घेराबंदी बिल्कुल नामुमकिन होती, अगर पटियाला और जींद के राजा हमारे मित्र नहीं होते और अगर सिखों ने हमारी बटालियनों के लिए भरती नहीं की होती...।' रसल ने अपनी कई रपटों में इस सचाई को भी स्वीकारा कि अगर लखनऊ और दिल्ली के मोरचों पर नेपाल के राजा के गोरखा सैनिक नहीं पहुंचते, तो अंगरेजों की जीत असंभव थी।
यह संग्राम किस वजह से हारा गया, इसका मार्मिक वर्णन इस संग्राम के एक प्रमुख सेनापति नाना साहब के उस अंतिम पत्र में मिलता है, जो उन्होंने 1858 में देशवासियों के नाम लिखा था। 'यह पराजय मेरे अकेले की नहीं, बल्कि पूरे देश की है। इस पराजय का मुंह हमें गोरखों, सिखों और राजाओं की सेनाओं की वजह से देखना पड़ा। मैं जीवन भर देश की आजादी के लिए लड़ा और लड़ता रहूंगा। शैतान रजवाड़ों ने अपने स्वार्थ के लिए इस देश को अंगरेजों के हवाले कर दिया, जबकि अंगरेजों की हमारे सामने कोई हैसियत नहीं थी।' यहां यह याद रखना जरूरी है कि रसल और नाना साहब जब सिखों की बात करते हैं, तो उसका मतलब आम सिख नहीं, बल्कि सिख रजवाड़े हैं। सिख किसानों ने तो इस संग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था और दिल्ली को अंगरेजों से बचाने में सैकड़ों सिख इंकलाबी सैनिकों ने अपनी जानें कुरबान की थीं।
20 सितंबर, 1857 को अंगरेज दिल्ली शहर पर एक बार फिर कब्जा करने में सफ ल हुए। फि रंगी उन हिंदुस्तानी गद्दारों की वजह से सफ ल हो सके, जो चांदी के चंद टुकड़ों के लिए कुछ भी करने को तैयार थे। इन गद्दारों की एक लंबी सूची है। इनके द्वारा अंगरेज आकाओं को लिखे पत्रों से इस सचाई का पता लगता है कि जिस समय दिल्ली के मोरचे पर इंकलाबी सैनिक अंगरेज सेनाओं के दांत खट्टे कर रहे थे, उसी दौरान 7 अगस्त, 1857 को इंकलाबियों के एक बहुत बडे बारूद के जखीरे में आग लग गई। उस विस्फोट में 500 से ज्यादा इंकलाबी शहीद हुए और इंकलाबियों को गोला-बारू द के लाले पड़ गए। यह कारनामा दरअसल रजबअली का था, जो न केवल बादशाह की परामर्शदात्री समिति का सदस्य बनने में सफल हुआ था, बल्कि बारूदखाने का दरोगा भी बन बैठा था।
एक और गद्दार मुंशी जीवनलाल, जिसे 'रायबहादुर' की उपाधि भी मिली, कंपनी में मुख्य मुंशी था और बहादुरशाह जफर और उनके परिवार पर चलाए गए मुकदमे में अंगरेजों के पक्ष में मुख्य भूमिका निभाने वाला रहा। कंपनी के एक इतिहासकार केव ब्राउन ने अपनी किताब पंजाब ऐंड देहली इन 1857 में इसकी चर्चा करते हुए लिखा, 'वे दिल्ली के बीचोंबीच रहते हुए शहर में मौजूद विद्रोहियों से संबंधित हर वह सूचना, जिसका जानना हमारे लिए जरूरी था, कागज की परचियों पर लिखकर चपातियों की परतों में, जूतों के तलों में, पगड़ियों की तहों में, सिखों के बालों के जूड़ों में छिपा-छिपाकर हम तक पहुंचाते रहे।'
'अंगरेजों को मध्य भारत में इंकलाबी सेनाओं के हाथों बार-बार पराजय का सामना करना पड़ा था।' मध्य भारत के अंगरेज मुख्य प्रशासक ने अपने संस्मरणों में यह लिखा है। दिल्ली और लखनऊ पर अंगरेजों का कब्जा करवाने में कश्मीर और पटियाला के महाराजाओं की सेनाओं ने जबरदस्त मदद की थी। ये राजपरिवार आजादी के बाद भी सत्ता में रहे। जिन विद्रोही राजपरिवारों का इस संग्राम में हिस्सेदारी की वजह से विनाश हुआ था, उनको न आजादी के समय और न ही प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शत वार्षिकी पर इंसाफ मिल सका था। कितना अच्छा हो, अगर इस महान संग्राम की 150वीं वर्षगांठ पर मुल्क के लिए मर मिट जाने वाले वीरों की मौजूदा पीढ़ियों को इंसाफ और सम्मान मिल सके।

Monday, January 21, 2008

रात ताजिये निकले, शहादती जुलूस को लेकर भारी उत्साह

सीहोर 19 जनवरी (फुरसत)। हजरत इमाम हुसैन की शहादत में हर साल मनाया जाने वाला मोहर्रम के पर्व की तैयारियां अंतिम दौर में है । शहर के लगभग सभी अखाड़े एवं ताजियों का निर्माण करने वाले कलाक ार इसे पूर्ण करने में जुटे है । वहीं मोहर्रम की 7 तारीख से मोहर्रम की 9 तारीख तक शहर के सभी अखाड़े मिलजुलकर रात्रि में जुलुस निकाले जा रहे है।
मोहर्रम की 10 तारीख रविवार को ताजिये निकाले जायेंगे । वही पर्व के चलते छबिल शर्बत बनाकर मोहल्ले में रोजाना बांटा जा रहा है इसके साथ ही मोहर्रम के 10 दिनों तक कुरान खानी मिलाद शरीफ, आसुरा के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हे। शहर में गंगा जमनी तहजीब की प्रतीय मिश्रा जी की सवारियां हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी निकाली जा रही है । हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक हिन्दू भाई के ताजिये भी निकाले जाते है ।
यह जानकारी देते हुए आल इंडिया जिला मुस्लिम त्यौहार कमेटी के जिलाध्यक्ष मेहफू ज कुरैशी उर्फ बंटी ने सभी से इस पवित्र मोहर्रम के त्यौहार को शांति सद्भाव, अमन एवं भाईचारे के साथ मनाने की अपील की है ।
अपील करने वालों में नगर अध्यक्ष साहीदशेख, जिला महामंत्री सिराज 401, मोहसीन लाला, हनीफ कुरैशी, रहमत भाई, बल्ली पहलवान, करीम कुरैशी, हाजी मकसूद, शाजीद शाह, रफीक मम्मा, फकीर मोहम्मद, सलीम शाह, सैयद आफताब अली, अशलम उर्फ अइया, खालिद कुरैशी, कलीम मंसूरी, नौशाद खान सईद अली सहित सभी पदाधिकारियों ने शांति एवं सद्भाव से त्यौहार मनाने की अपील की है ।

Sunday, January 20, 2008

सड़क हादसों में तीन मृत, सात घायल

सीहोर 18 जनवरी (फुरसत)। जिले के विभिन्न थाना क्षैत्रों में हुए अलग-अलग सड़क हादसों में तीन युवको की मौत हो गई तथा सात लोग घायल हो गये । पुलिस ने सभी मामले दर्ज कर लिये है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधनी थाना अन्तर्गत ग्राम बेदाखेड़ी निवासी कै लाश यादव अपने जमाई महेश यादव के साथ गुरूवार को अपने गांव से स्कूटर क्रमांक एमपी-05-एफ-3388 से होशंगाबाद जा रहे थे तभी नर्वदा ब्रिज के समीप मोटर सायकल क्रं. एमपी-05-एएफ-0459 के चालक ने तेजगति एवं लापरवाही से वाहन चलाकर इनकी स्कूटर में टक्कर मारकर घायल कर दिया ।
इधर कोतवाली थाना अर्न्तगत ग्राम कांकड़खेड़ा निवासी 35 वर्षीय चम्पालाल खाती गत गुरूवार को राम बगस के साथ मोटर सायकल से सीहोर आ रहे थे। तभी हसनावाद के समीप गुप्ता बस क्रमांक एमआईसी 7433 के बस चालक ने पीछे से ओवर टैक कर मोटर सायकल में टक्कर मार दी जिसमें दोनों घायल हो गये ।
उधर सिद्धिकगंज थाना अर्न्तगत ग्राम नरपाखेड़ी निवासी जितेन्द्र आ. लखनसिंह एवं टकेसिंह नाल 27 दिसम्बर की रात मोटर सायकल से आष्टा से खाचरोंद तरफ जा रहे थे तभी खामखेड़ा पुलिया के समीप पीछे से अज्ञात डम्पर के चालक ने लापरवाही पूर्वक टक्कर मार दी परिणाम स्वरूप 25 वर्षीय टकेसिंह नाल की मृत्यु हो गई तथा जितेन्द्र गंभीर रूप से घायल होने के कारण उपचारार्थ हमीदिया अस्प. भोपाल में भर्ती रहा ।
इधर आष्टा थाना क्षैत्र में आज ग्राम भंवरा निवासी सहायक शिक्षक छमामीलाल अपने छोटे भाई नृपत सिंह के साथ मोटर सायकल क्रं. एमपी-04-एनबी-1799 से आष्टा आ रहे थे तभी सेमरी रोड पर आष्टा तरफ से आ रहे मोटर सायकल क्रं. एमपी-04-3475 के चालक ने लापरवाही पूर्वक वाहन चलाकर टक्कर मार दी जिसमें छदामीलाल को चोट आई।

जिला उपभोक्ता फोरम ने बिल निरस्त कर दिलाया हर्जाना

सीहोर 18 जनवरी (फुरसत)। जिला उपभोक्ता फोरम ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में आदेश पारित किये है कि आवेदक पन्नालाल आ. किशन लाल डोहर निवासी डोहर मोहल्ला गंज सीहोर को अनावेदक द्वारा दिया गया बिल 25 मई 07 का निरस्त किया जावे एवं 500रूपये क्षतिपूर्ति एवं 500रू. परिवाद व्यय स्वरूप दिलाये जावे
प्राप्त जानकारी के अनुसार आवेदक पन्नालाल डोहर जो कि दीपावली के बाद अपने पूरे परिवार के साथ मजदूरी करने घर से बाहर चले जाते है इस संबंध में एक आवेदन अनावेदक विद्युत कंपनी को दिया कि मेरा कनेक्षन दिनांक 6.11.07 से अस्थाई रूप से बंद कर दिया जावे परंतु अनावेदक ने कनेक्षन दिनांक बंद नही किया और नियमित रूप से बिल दिये जाते रहे जबकि आवेदक उक्त अवधि में कनेक्षन का उपयोग नही कर रहा था । अनावेदक ने दिनांक 26 मई,07 को 1950 रूपये का बिल आवेदक को प्रेषित किया । आवेदक ने अपने अधिवक्ता जी.डी.बैरागी से सलाह लेकर उपभोक्ता फोरम सीहोर में बिल निरस्त करने के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया । अनावेदक ने उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत किया एवं आवेदन निरस्त करने की मांग की ।
जिला उपभोक्ता फोरम के विद्धवान अध्यक्ष ए.के.तिवारी सदस्य अम्बादत्त भारती एवं श्रीमति शकुन विजयवर्गीय ने दोनो अधिवक्ताओं के तकर् श्रवण कर एवं दोनो अधिवक्ताओं के तर्क श्रवण कर आदेश पारित किये कि अनावेदक द्वारा प्रेषित बिल दिनांक 26.5.07 निरस्त किया जावे एवं 500रू. मानसिक त्रास एवं 500 रूपये परिवाद व्यय अनावेदक आवेदक को अदा करे । प्रकरण में पैरवी अधिवक्ता जी.डी. बैरागी ने की । इस प्रकार विद्युत कम्पनी द्वारा की जाने वाली यादगी पर उपभोक्ता फोरम के माध्यम से अंकुश लग गया ।

क्या ? हरकत-उल-जिहाद-ए-इसलामी ने दी हिन्दु उत्सव समिति अध्यक्ष को धमकी

सीहोर 18 जनवरी (फुरसत)। पाकिस्तान के दो संगठन जमात-उल-उलेमा-ए-इसलामी (जुल) और तबलीग-ए-जमात (तीज) को मिलाकर सन 1980 में बनाये गये आतंकी संगठन हरकत-उल-जिहाद- ए-इसलामी (हुजी) के पैर सीहोर में भी पड़ गये हैं इसका आंशिक आभास कल उस वक्त हुआ जब हिन्दु उत्सव समिति के अध्यक्ष सतीश राठौर को एक धमकी भरा अंतरदेशीय पत्र हुजी द्वारा मिला। जिसमें स्पष्ट लिखा था कि तुमने हमारे खिलाफ पेपर में खूब बयानबाजी करके हमे गोली से उडा दिये जाने की बात कही है अब तुम व तुम्हारा परिवार ही हमारी गोली के निशाने पर आ गये हैं। हुजी द्वारा प्रेषित इस पत्र का शीर्षक है इंतकाम-इंतकाम। क्या हरकत-उल-जिहाद-ए-इसलामी सीहोर में आ गया है तो फिर पुलिस व खुफिया तंत्र क्या कर रहा है यह जांच का विषय है।
उल्लेखनीय है कि सबसे बड़े आतंकवादी संगठन अलकायदा ने हुजी के जरिये पूरे भारत देश में पैर पसारने के प्रयास शुरु कर दिये हैं। पिछले दिनों नवम्बर में उत्तर प्रदेश में हुए बम धमाकों के बाद कई लोगों ने इसकी निंदा की थी जिस पर सीहोर हिन्दु उत्सव समिति सहित न्यायालय से जुड़े अभिभाषकों ने भी आंदोलन किया था। उत्तर प्रदेश न्यायालयों में हुए बम धमाकों में इसी आतंकवादी संगठन हुजी के होने की रिपोर्ट मिली थी बल्कि संगठन हुजी के प्रमुख आतंकवादी अल्ताफ हुसैन अंसारी उर्फ मुख्तार उर्फ राजू को कोलकत्ता में गिरफ्तार कर लिया था। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के विशेष कार्य बल एसटीएफ ने भी 23 नवम्बर को हुए विस्फोटो के मामले में हुजी के दो आतंकवादियों तारिक और खालिद को गिरफ्त में ले लिया था जिनके पास से सवा किलो आरडीएक्स व जिलेटिन भी बरामद किया गया था। इसके पूर्व हुजी ने हैदराबाद में भी बम धमाके किये थे लेकिन तब भी इनके सदस्य पकड़ा गये थे।
इस प्रकार हुजी संगठन भारत में सक्रिय तो है लेकिन जब भी यह कोई घटनाक्रम करता है तो इससे जुड़े देशद्रोही भारतीय पुलिस व सुरक्षा बल के हाथों दबोच लिया जाता है। ऐसे में निश्चित ही इनके खिलाफ बयानबाजी करने वालों से हुजी से जुड़े लोगों को नाराजगी आती होगी ऐसा विश्वास व्यक्त किया जा सकता है।
हालांकि पूर्व में भी कई बार कुछ अलसुलझी घटनाएं इस बात का अंदेशा दे चुकी है कि यहाँ सीहोर में भी बाहरी आतंकी संगठनों की दस्तक संभवत: है लेकिन यहाँ पहली बार देश में सबसे यादा सक्रिय आतंकवादी संगठन हुजी के नाम से एक हिन्दु उत्सव समिति अध्यक्ष को चेतावनी मिली है।
हुजी की अभी तक सबसे बड़ी कार्यप्रणाली यही सामने आई है कि वह भारत में अपने पैर पसारने के लिये भारतीयों का ही सहयोग ले रहा है। उसने भारत में रहने वाले ही देशद्रोहियों को अपने संगठन का हिस्सा बनाना शुरु किया है पूर्व में जितने भी हुजी के आतंकवादी पकड़ाये हैं वह सारे के सारे ही भारतीय रहे हैं। हालांकि इसका पूरा केन्द्र बांग्लादेश है और बांग्लादेश के लोग बड़ी संख्या में यहाँ भारत में देखे जा सकते हैं। सीहोर में भी बांग्लादेशी शरणार्थी रहते हैं।
कई बार तरह-तरह की शंका-कुशंका सीहोर के नागरिकों ने पुलिस को जाहिर भी की है और गंभीरता के साथ सीहोर में सतर्क रहने, निगाह रखने की मांग उठाई है लेकिन पुलिस कभी सक्रिय नहीं दिखी। उल्लेखनीय है कि यहाँ अवैध रुप से पाकिस्तानियों के रहने संभावनाएं भी बनी रहती है। कल हिन्दु उत्सव समिति ने जिलाधीश व पुलिस अधीक्षक को इस मामले में एक ज्ञापन सौंपते हुए जानकारी दी है तथा आवश्यक कार्यवाही करते हुए तनाव व भय के वातावरण से नगर को मुक्त करने की मांग की है।

हुजी का उद्देश्य
हुजी का उद्देश्य हिंसा के माध्यम से जम्मु और कश्मीर को भारत से अलग करना साथ ही देश के अन्य भागों में आतंरिक सुरक्षा को नुकसान पहुँचाना भी इसका उद्देश्य है।
किसका है संरक्षण
हुजी को पाकिस्तानी देवबंदी कट्टरपंथियों का समर्थन हासिल है। इसे गतिविधियों में आईएसआई का भी सक्रिय सहयोग मिलता है।
पूरे देश में पैर पसारने में लगा
21 अगस्त 2007 को भारत म्यांमार सीमा पर अल कायदा के आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद हुजी के नेटवर्क को पश्चिम बंगाल में नेस्तनाबूद करने वाली एसटीएफ और भारतीय खुफिया एजेंसियों ने माना है कि हूजी के पीछे अलकायदा है। अलकायदा हूजी के जरिये देश भर में पैर पसारने में जुटा है। हूजी के खास कारकून कमर उर्फ नाटा को बांग्लादेश की सरकारी बंगलों में पनाह मिलती है।
वारदातें क्या-क्या की
2002 में कोलकत्ता के अमेरिकन इंनफार्मेशन सर्विस पर हमला के साथ-साथ गोधरा काण्ड में भी इसी संगठन का हाथ बताया जाता है।
2007 में उत्तरप्रदेश में बम धमाके 23 नवम्बर 2007 में उत्तर प्रदेश के तीन शहरों वाराणसी, लखनऊ व फैजाबाद में आतंकवादियों ने 20 मिनिट में एक के बाद एक 6 धमाके कर डाले थे जिसमें 18 लोग मरे व 86 घायल हो गये थे। यह धमाके न्यायालय परिसर में हुए थे। जांच एजेंसियों ने इसमें बांगलादेश आतंकवादी संगठन हरकत उल जिहादी इस्लामी (हुजी) का हाथ माना है। बाद यह बात सिध्द भी पाई जा चुकी है।

मोहम्मदी अखाड़ा की सद्भावना पूर्ण पहल: आओ सब मिलकर मनाये त्यौहार

सीहोर 18 जनवरी (फुरसत)। मोहम्मदी अखाड़ा चकला मोहल्ला सीहोर ने एक बार फिर अपनी राष्ट्रवादी सोच का परिचय देते हुए यहाँ मातमी जुलूस में सभी नगर वासियों से मिलजुल कर सम्मिलित होने की अपील की है बल्कि मोहम्मदी अखाड़ा ने इसके लिये बकायदा नगर के सम्मानित नागरिकों को दावत नामा देकर एक मिसाल कायम कर दी है।
उल्लेखनीय है कि चकला मोहल्ला के मोहम्मदी अखाड़ा अपने राष्ट्रवादी सोच के चलते कई बार महत्वपूर्ण मामलों में सकारात्मक स्थिति लाता है। इस बार नगर में मोहर्रम का पर्व बहुत अधिक उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। कल गुरुवार को गंज बजरिया से मोहर्रम की 7 तारीख को एक जोरदार मातमी जुलूस निकला जिसमें पूरे उत्साह के साथ कस्बे के लोग भी शामिल हुए और एक बडा विशाल मातमी जुलूस निकला।
जो गंज से होता हुआ छावनी मोहम्मदी अखाड़ा के नेतृत्व में पहुँचा और यहाँ से घूमता हुआ वापस गंज बजरिया में देर रात 12 बजे समाप्त हो गया था।
लेकिन आज मोहम्मदी अखाड़ा ने मोहर्रम की 8 तारीख शुक्रवार को अपने राष्ट्रवादी सोच का परिचय देते हुए मोहर्रम पर्व को मनाने के लिये सभी को आमंत्रित किया है। उन्होने नगर के सभी प्रतिष्ठित नागरिकों हिन्दुओं को सम्मिलित होने की अपील करते हुए मातमी जुलूस में शामिल होने की अपील की है बल्कि बकायदा एक एलान भी कराया गया है। रात 10 बजे चकला चौराहा से एक जोरदार मातमी जुलूस तैयार हुआ जिसमें कस्बा क्षेत्र के लोग भी अखाड़े और झांकी के साथ सम्मिलित हुए। मुस्लिम कौंसिल सदर अब्दुल हमीद चौधरी, मुस्लिम त्यौहार कमेटी के अध्यक्ष रिजवान पठान, उपाध्यक्ष मोहम्मद इरशाद (भगोली), अजीज चाचा, अन्नु मंसूरी, हनीफ कुरैशी, हाजी अतीकुर्रहमान साहब, आफताब अली, शहादत पठान, सगीर पहलवान, फारुक अंजुम, पप्पु भाई फैजान, मुन्ना उस्ताद, मुन्ने राईन, रईस भाई कबाड़ी, प्यारे पहलवान, आबिद अली, अजीज भाई लोहार, कय्यूम भाई, हारुन मोहम्मद, हफीज भाई मंसूरी, शमीम पार्षद, हफीज चौधरी, इरफान बेल्डर, अशफाक पातल, हाजी सलीम पार्षद, अतीक मियां टेक्सी यूनियन अध्यक्ष आदि सम्मिलित रहे। जुलूस चकला चौराहा से प्रारंभ होकर गाड़ी अड्डा, कोतवाली चौराहा, पुराना बस स्टेण्ड, मछली पुल, मछली बाजार, पान चौराहा, गाँधी रोड, नमक चौराहा होता हुआ लाल मस्जिद चौराहे से पुन: देर रात चकला में समाप्त हुआ।
कल मोहर्रम की 9 तारीख शनिवार को मछली बाजार का जुलूस निकलेगा जिसकी तैयारियाँ जारी हैं। इधर चाँद की 9 तारीख शनिवार कत्ल की रात भी है जिसमें रात 2 बजे के बाद ताजिये भी निकलेंगे जो चकला, गंज व कस्बा क्षेत्र से निकलेंगे।

Saturday, January 19, 2008

खड़ी में तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज

आष्टा 17 जनवरी (फुरसत)। दूसरे के गरीबी रेखा के कार्ड पर गरीबों की योजना का लाभ उठाकर शासन को धोखा देने के मामले में पुलिस ने जांच के बाद खड़ी निवासी आविद कय्यूम, एवं अनीस के खिलाफ धारा 420 का प्रकरण दर्ज किया है ।
पुलिस के अनुसार 21 नवम्बर को खड़ी निवासी नसरत-बी पत्नि अनवर खां को कुत्ते ने काट लिया थ शासन की ऐसी योजना है कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालो को इलाज नि:शुल्क होता है । नसरत-वी के पास तो ऐसा कोई कार्ड था नही इसलिये उसका इलाज नि:शुल्क हो इसलिये मकसूद खां खड़ी निवासी जिनका गरीबी का राशन कार्ड है ले आये और अस्पताल ने नसरत को रानी-वी बताकर उसका नि:शुल्क इलाज शुरू करवा लिया रानी-वी का नाम मकसूद खां के कार्ड में है । 21 को इंजेक्शन लग गया उसके बाद 13 दिसम्बर को पुन: एंटीरेविज एंजेक्शन लगवाने आये उस दिन लापरवाही से नर्स ने एन्टीरेबिज की जगह बेहोशी का इंजेक्षन लगा दिया जिससे उक्त महिला की मृत्यु हो गई पुरे क्षैत्र में हलचल मच गई प्रशासन ने प्रेस को जानकारी दे दी कि गलत इंजेक्षन लगने से रानी-वी की मृत्यु हो गई क्योंकि अस्पताल के रिकाड्र में जो मरी उसका नाम रानी-वी ही दर्ज था जबकि बाद में पोल खुली की रानी वी तो जिन्दा है और वो खड़ी में है ।
इसकी पुष्टि सरपंच खउी एवं वहां के सचिव ने भी की । तब पुलिस ने जांच प्रारंभ की और जांच में पाया की रानी-वी तो जिन्दा है जो मरी उसका नाम नसरत वी था और इस प्रकार शासन की योजना का झुठ के साहरे लाभा उठाना मंहगा पड़ गया। आष्टा पुलिस ने जांच के बाद खड़ी के तीन लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है ।

दाल मिल के गोदाम से 52 हजार के चार टायर चोरी

आष्टा 17 जनवरी (फुरसत)। थाने से थोड़ी ही दूर पर स्थित आलोक दाल मिल के गोदाम में दाल मिल के मालिक अपने ट्रक के लिये 4 टायर नये जे.के.कम्पनी के खरीदकर लाये थे जिन्हे 13 जनवरी को दालमिल में रखे थे लेकिन 15 जनवरी को जब दालमिल पहुँचे तो देखा उक्त चारों टायर वहाँ नहीं थे वहाँ की दीवार भी टूटी थी।
आज आलोक जैन पुत्र शेखर जैन ने आष्टा थाने में उक्त 52 हजार के टायर चोरी की शिकायत लिखाई। शिकायत में 4 संदिग्ध नाम भी लिखाये हैं। जिनके नाम राजू, बाबू, अंसार एवं पप्पु हैं।

अज्ञात वाहन की टक्कर से भूतपूर्व सैनिक की मौत

सीहोर 17 जनवरी (फुरसत)। इन्दौर भोपाल राजमार्ग पर आज सुबह अज्ञात वाहन की टक्कर से एक भूतपूर्व सैनिक दुर्घटना स्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई और उसका भानजा गंभीर रूप से घायल हो गया जिसे आष्टा अस्पताल, से प्राथमिक उपचार के बाद देवास ले जाया गया है । पुलिस ने प्रकरण कायम कर कानूनी कार्यवाही प्रारंभ कर दी है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पाड़ी थाना भंवरासा जिला देवास निवासी 30वर्षीय भूतपूर्व सैनिक गोकुल आ. आेंकार जी अजा. अपने भानजे राजेन्द्र के साथ आज सुबह मोटर सायकल क्रं. एमपी-40-बीसी-2199 से अपने गांव से सामान लेने बैरागढ़ स्थित मेलेट्री केन्टीन जा रहा था तभी जावर थाना क्षैत्र में राजमार्ग पर स्थित सेमलीवारी पुलिया के समीप सुबह लगभग नौ बजे किसी अज्ञात वाहन ने इनकी बाइक में टक्कर मार दी परिणाम स्वरूप गोकुल की दुर्घटना स्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई तथा उसका भानजा राजेन्द्र गंभीर रूप से घायल हो गया।
जिसे आष्टा अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद देवास के लिए रिफर कर दिया गया है ।

बस की छत पर बैठे यात्री विद्युत तारों से टकराये, दो मृत, तीन गंभीर घायल

आष्टा 17 जनवरी (फुरसत)। अगर जावर कजलास मार्ग पर 11 के.व्ही. की लाईन के झूलते तारों को मध्य प्रदेश विद्युत मण्डल जावर गंभीरता से लेकर इन तारों को कस देता तो आज शाम को जो गंभीर हादसा घटा शायद वो टल सकता था लेकिन मण्डल ने ऐसा नहीं किया और शाम को जावर कजलास मार्ग पर एक ऐसा गंभीर हादसा घट गया जिसमें पूरे क्षेत्र में गम का माहौल व्याप्त हो गया।
आज शाम लगभग 6 बजे जावर का हाट करके अन्य ग्रामों के ग्रामीण जब देवास से कजलास चलने वाली घनश्याम बस सर्विस की बस क्रमांक एम.पी.41 014 पर सवार होकर अपने-अपने घर चल रहे थे बस में सवारियां अत्याधिक होने से बस की छत पर सवार हो गये थे। जैसे ही बस उक्त ग्राम बमूलिया जावर के बीच मुन्ने खां के खेत के सामने पहुँची तो यहीं पर मध्य प्रदेश विद्युत मण्डल की 11 केव्ही के विद्युत तार झूल रहे थे उन तारों से छत पर बैठे यात्री टकरा गये।
लगभग 5 यात्री इससे जल गये। इनमें से दो यात्री की मृत्यु हो गई एवं तीन यात्री गंभीर रुप से जल गये। जिन्हे सोनकच्छ से पहले देवास एवं बाद में इन्दौर भेज दिया गया। जावर थाना प्रभारी मोहन सिंह जाट को जब इस हादसे की खबर लगी तो तत्काल जावर से सीधे सोनकच्छ के लिये रवाना हो गये।
श्री जाट ने सोनकच्छ से मोबाइल पर फुरसत को बताया कि घटना में बमूलिया निवासी जितेन्द्र पुत्र रामसिंह एवं कजलास निवासी सद्दाम पुत्र मेहफूज की मृत्यु हो गई है। गंभीर रुप से जले बमूलिया निवासी महेन्द्र शर्मा, सुरेन्द्र एवं मनोहर को देवास भेज दिया गया है।
जावर प्रतिनिधि के अनुसार उक्त बस जो देवास से कजलास चलती है शाम को देवास से चलकर जावर पहुँची आज गुरुवार होने के कारण जावर का साप्ताहत हाट था जावर से कजलास जा रही उक्त बस में इस मार्ग के ग्रामों के ग्रामीण यात्री बस में सवार हो गये। बस में अंदर जगह नहीं होने पर कई यात्री बस पर चढ़ गये और उक्त गंभीर हादसे के शिकार हो गये। जिस वक्त उक्त घटना घटी विद्युत मण्डल को जब खबर दी तो ज्ञात हुआ विद्युत मण्डल जावर के जिम्मेदार अधिकारी हमेशा की तरह आज भी मुख्यालय पर नहीं थे।
ज्ञात हुआ कि वे हमेशा की तरह आज भी आष्टा ही हैं। अपुष्ट खबर यह भी है कि घटना घटते वक्त कई यात्री बस से नीचे भी कूदकर भागे ऐसे लोगों की कोई जानकारी किसी के भी पास नहीं है। जैसे ही घटना घटी बस के कई यात्री नीचे उतर गये वहीं चालक ने घायलों को बस में डाला और उन्हे सोनकच्छ अस्पताल ले गया।
उक्त घटना की सूचना मिलते ही कजलास और बमूलिया में हाहाकार मच गया वहीं जिनके परिजन जावर हाट करने गये थे वह अपने परिजनों के लिये चिंतित होकर घटना स्थल के लिये रवाना हो गये। वहीं कई लोग सोनकच्छ तक पहुँच गये। जो दो लोग मरे हैं उसमें से एक बमूलिया का है दूसरा कजलास का। इन दोनो ग्रामों में खबर के बाद ग्राम शोक में डूब गया। जावर पुलिस ने देर रात को बस मालिक चालक एवं परिचालक के खिलाफ धारा 304 के तहत प्रकरण दर्ज किया।

Friday, January 18, 2008

अर्न्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि पवन जैन को जनार्दन सम्मान

सीहोर 16 जनवरी (फुरसत)। साठोत्तरी न्दिी कविता के यशस्वी कवि जनार्दन शर्मा की 30वीं पुण्यतिथि पर 19 जनवरी की रात्रि 8 बजे स्थानीय ब्ल्यू स्कूल के सभागार में आयोजित काव्याालि कार्यक्रम स्वर्गीय श्रीमति चन्द्रकान्ता कुइया स्मृति न्यास अर्न्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि पवन जैन को जनार्दन सम्मान प्रदान करेगा। इस आशय की जानकारी न्यास के अध्यक्ष पुरूषोत्तम कुईया ने आज यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में प्रदान की है । सुकवि पं. जनार्दन शर्मा की पुण्यतिथि पर विगत 29 वर्षो से लगातार आयोजित इस पुण्य स्मरण काव्याजली संगोष्ठी के साहित्यिक आयोजन में हर वर्ष स्वर्गीय श्रीमति चन्द्रकान्ता कुइया स्मृति न्यास द्वारा भोपाल संभाग के सर्वश्रेष्ठ कवि का चयन कर उन्हें जनार्दन सम्मान से सम्मानित करने की परम्परा रही है । अभी तक विदिशा के कवि नरेन्द्र जैन होशंगाबाद के कवि अखिल पगारे, भोपाल के कवि सुधीर मोता तथा रमेश यादव और कवियत्री श्रीमति मंगला अनुजा इटारसी के कवि रामकिशोर नाविक को न्यास जनार्दन सम्मान प्रदान कर सभादृत कर चुका है ।
इस वर्ष भोपाल में पदस्थ पुलिस महानिरीक्षक पवन जैन को जनार्दन सम्मान प्रदान कर सम्मानित करने का निर्णय चयन समिति ने सर्व सम्मति से किया है । चयन समिति के सदस्यों की बैठक गत रविवार को वरिष्ठ साहित्कार नारायण कासट नदीम की अध्यक्षता में संपन्न हुई थी । जिसमें आयोजन के सूत्रधार अम्बा दत्त भारतीय, आयोजक संस्था प्रज्ञा भारती के अध्यक्ष जयन्त शाह, म.प्र. आंचलिक पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर लाल साबू, न्यास के अध्यक्ष पुरूषोत्तम कुईया, श्रीमति जमना देवी मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष वसन्त दासवानी तथा समाजसेवी राजकुमार गुप्ता उपस्थित थे । चयन समिति के इस सर्व सम्मत निर्णय की जानकारी देते हुए न्यास के अध्यक्ष पुरूषोत्तम कुईया ने बताया कि इस वर्ष सम्मानित किये जा रहे सुकवि पवन जैन ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी होते हुए कविता के क्षैत्र में अलग पहचान बनाई है ।
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा न्यूयार्क में संपन्न हुये विश्व हिन्दी सम्मेलन में काव्य पाठ कर उन्होंने विश्व मंच पर हिन्दी-कविता का मान बढ़ाया है । आज वे अर्न्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि है । जिनकों सम्मानित कर न्यास स्वयं को गौरवान्वित अनुभव कर रहा है ।

मध्यान्ह भोजन की टंकिया ले उड़े चोर

सीहोर 16 जनवरी (फुरसत)। समीपस्थ ग्राम के एक शासकिय विद्यालय से गई रात ताला काटकर अज्ञात चोर यहाँ रखी दो गैस की टंकियाँ तथा रेग्यूलेटर चुरा कर ले गये। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार समीपस्थ ग्राम जहाँगीरपुरा की शासकिय माध्यमिक शाला में स्थित मध्यान्ह भोजन बनाने के लिये बने किचन शेड में चोरी हो गई।
अज्ञात चोरों ने यहाँ रात ताला काटकर रखी दो गैस की टंकी व एक रेग्यूलेटर कीमत 3600 से अधिक चुरा लिये। कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। उधर मध्यान्ह भोजन गैस के अभाव में यहाँ प्राचार्य व शिक्षकों ने कण्डो पर बनवाया।

पाईप लाईन चोरी कर रहे ब्राउन शुगर वाले

सीहोर 16 जनवरी (फुरसत)। वार्ड 1 कोलीपुरा में सांसद निधि से डली पाईप लाईन को आज तक नगर पालिका ने अपने हाथ में नहीं लिया है और नगर की सबसे अच्छी मोटी व मजबूत डली यह पाईप लाईन जबरन बिना उपयोग के बर्वाद हो रही है। पिछले कुछ दिनों से चोरो की निगाह इस महंगी पाईप लाईन पर पड़ गई है जिसके कारण रात को गश्त करने वालों की मदद से तथा पुलिस के आशीर्वाद से चल रहे कबाड़ियों को यह पाईप खोलकर बेचने का धंधा बना चुके हैं। यहाँ अभी तक 4-5 पाईप अज्ञात चोरों ने खोल लिये हैं और संभवत: वह इसे बेच कर नशा-पत्ता कर चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि नगर में लोहा चुराने की बीमारी यहाँ ब्राउन शुगर पीने वाले लोगों को ही है।

Thursday, January 17, 2008

लाखों का घोटाला कर हजारों लीटर घासलेट पी रहे उपभोक्ता केन्द्र वाले

सीहोर 15 जनवरी (फुरसत)। शासकिय उचित मूल्य दुकानों पर पर्याप्त मात्रा में मिट्टी का तेल घासलेट की आपूर्ति हो चुकी है और इस बार जनवरी से प्रत्येक उपभोक्ता को 5 लीटर घांसलेट वितरित करने के आदेश जारी हो चुके हैं लेकिन हजारों लीटर केरोसिन की आपूर्ति के बावजूद यहाँ अधिकांश उचित मूल्य दुकान के संचालक 4 लीटर ही घांसलेट दे रहे हैं और हस्ताक्षर 5 पर क रवा रहे हैं। इस पर अभी तक जिला आपूर्ति अधिकारी का ध्यान नहीं गया है।
नगर भर में हजारों लीटर घांसलेट की आपूर्ति सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत की गई है। मध्य प्रदेश शासन ने इस माह से एक बार फिर उपभोक्ताओं को 5 लीटर केरोसिन वितरित किये जाने के आदेश जारी कर दिये हैं जिससे उपभोक्ताओं में खासा उत्साह है। लेकिन इससे बचते हुए इस तरह की अधिक आपूर्ति का लाभ खुद राशन दुकानों के दुकानदार उठा रहे हैं।
नगर भर में अनेकानेक प्राथमिक भण्डार केन्द्रों उचित मूल्य दुकानों पर हजारों लीटर घांसलेट की आपूर्ति जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी के आदेश से हो चुकी है लेकिन मामले में अत्याधिक गड़बड़ी चल रही है। स्थिति यह है कि इस माह भी जो उपभोक्ता घांसलेट लेने आ रहे हैं उन्हे 5 के स्थान पर 4 लीटर ही केरोसिन कुछ दुकानदार दे रहे हैं और अपने रजिस्टर पर 5 लीटर ही लिखकर हस्ताक्षर करवा ले रहे हैं।
इस प्रकार सीधे-सीधे 1 लीटर की बचत वह हर एक उपभोक्ता से कर-कर वह बहुत बड़ी मात्रा में केरोसिन बचा लेंगे और इसे अपने स्तर पर भारी दाम पर बेच देंगे। जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी श्रीमति सुनीता शिरपुरकर से लोगों ने शिकायत करना शुरु कर दिया है देखते हैं कब तक मामले में कार्यवाही होती है। सूत्रों के अनुसार जो केरोसिन का तेल उचित मूल्य दुकानों पर 10 रुपये के भाव बेचा जाता है वहीं ब्लेक में 20 से 25 रु. में बिकता है।

सब्जी विक्रेताओं की सांठ-गांठ से मिल रही महंगी सब्जी 5-6 रु. की मटर 10 रुपये किलो बेच रहे सब्जी विक्रेता

सीहोर 15 जनवरी (फुरसत)। नगर में सब्जी विक्रेताओं का नया कारनामा पहली बार नगर में कारगर हो रहा है जिसके तहत सब्जी मण्डी में सब्जियों के भाव अत्याधिक हो गये हैं। मटर की आपूर्ति अत्याधिक होने पर भी यहाँ सब्जी विक्रेता उसे खरीद लेते हैं लेकिन दाम नहीं गिरने देते। यही हालत अन्य सब्जियों में भी हो गई है। बड़े व्यापारियों ने अब सब्जी का स्टाक करना शुरु कर दिया है जिससे यह आपस में सांठ-गांठ कर दाम भी नहीं गिरने देते।
इतना ही नहीं बड़े और छोटे दुकानदार अब सब्जियों की दुकान भी कुछ नई पध्दति से करवा रहे हैं। देखिये किस प्रकार 5-6 रुपये किलो की मटर 10 और गाजर, मूली, गिलखी, मैथी, फूलगोभी आदि के दाम बढ़ाये गये हैं। सब्जी विक्रेताओं की इस नई रणनीति पर एक नई नज़र।
ठंड के मौसम में एक तरह से सीहोर सब्जी मण्डी की रौनक दुगनी हो जाती है। यहाँ न तो बरसात में सब्जी की आवक अच्छी रहती है न ही गर्मी में सब्जी आती है। आती है तो सिर्फ ठंड के दिनों में भरपूर सब्जी आती है। जोरदार आवक से सब्जी मण्डी की रौनक ही बदल जाती है। हर एक सब्जी की आपूर्ति देखकर लगता है कि उसकी बहार ही आ गई है। ठंड के मौसम में सब्जी उगती भी खूब है और ग्रामीण क्षेत्रों से आने-जाने के साधन भी भरपूर रहते हैं और फिर जितनी-जितनी अधिक ठंड पड़ती जाती है उतनी-उतनी अधिक सब्जी की पैदावार बढ़ती जाती है। कुल मिलाकर सब्जी की पैदावार अधिक होने से सब्जी मण्डी में आवक इन दिनों अच्छी रहती है।
जब सब्जी की आवक अच्छी रहती है तो फिर निश्चित ही वह सस्ती भी हो जाती है। सब्जी मण्डी का नियम है कि जितनी सब्जी अधिक आयेगी उतनी ही सस्ती बिकेगी। पत्तागोभी-फूल गोभी, गिलखी जैसी सब्जियाँ तो ढेर के ढेर के भाव से बिकती है और बहुत सस्ती बिक जाती है। जबकि कुछ अन्य सब्जियाँ जो कम आती हैं तो वह भी ढेर से बिक जाती हैं। रही बात फली वाली सब्जियों की जैसे मटर व गाजर आदि पसेरी के भाव बिकती है। हालांकि पिछले दिनों अत्याधिक आवक होने पर बोरे के भाव भी एक बारगी मटर बिक गई थी। मटर अभी 25 से 30 रुपये पसेरी बिक रही है मतलब 5 से 6 रुपये किलो। इसी प्रकार गाजर अत्याधिक सस्ती आ रही है। हरी मिर्च हो या हरा धनिया भरपूर मात्रा में आ रहा है। भरपूर मात्रा में जब सब्जियाँ आती हैं तो निश्चित रुप से वह सस्ती बेचनी पड़ती है क्योंकि हर दिन आवक भरपूर रहती है।
लेकिन इन दिनों सब्जी विक्रेताओं ने सब्जी के व्यवसाय में बड़ी मात्रा में पूंजी लगाकर जितनी भी सब्जी आती है वह खरीद लेते हैं और उसे फिर स्टाक करके रखते हैं लेकिन सब्जी के भाव नहीं गिरने देते। फिर तीन-चार दिन तक सब्जी बिकती रहती है लेकिन सब्जी के भाव नहीं गिरती। यही स्थिति हर दुकानदार कर रहा है और आपस में मिली भगत और अच्छी सांठ-गांठ करके यह व्यापारी भाव भी नहीं गिरने दे रहे। जिसके कारण नगर के आम नागरिकों को इस भरपूर आवक के मौसम में भी सब्जी महंगी मिल रही है। जबकि कुछ ठेला व्यापारी जो अलग से सब्जी खरीदते हैं और खासतोर से वह जो थोक में खरीदकर बेचते हैं वह कम भाव में सब्जी बेचकर निकल जाते हैं जिनसे सब्जी मण्डी के सब्जी विक्रेता खासे नाराज चल रहे हैं।
सब्जी विक्रेताओं की इस मिली भगत का वर्तमान में कोई तोड़ नजर नहीं आ रहा है यदि नये सब्जी विक्रेता सामने आ जायें या फिर कोई बड़ी रिलायंस जैसी कम्पनी आकर थोक में सब्जी खरीदकर उचित मूल्य पर बेचे तो ही संभवत: इस प्रकार की दादागिरी कम हो पायेगी। वैसे कुछ दो-तीन वर्षों से सीहोर सब्जी मण्डी में जिन क्षेत्रों के ग्रामीण सब्जी यादा मात्रा में लाते थे वह आजकल भोपाल में जाने लगे हैं इसलिये भी अनेक तरह की सब्जियाँ आना कम हो गई हैं।

फल वालों ने भी पिछले दिनों 3 क्विं. बोर सड़ा दिये, पर दाम नहीं घटाए
सीहोर। सर्दी के इस मौसम में बड़ा वाला पेमली बोर भी फल बाजार में बडी मात्रा में आता है लेकिन चाहे इसकी आवक कितनी ही अधिक हो या फिर यह कितना ही सस्ता दुकानदार खरीद ले लेकिन उसके दाम वह नहीं गिरने देते और दाम नहीं गिरें इसलिये एक ही दुकानदार बनते कोशिश पूरा माल खरीद लेता है और फिर वही उन फल विक्रेताओं को उसमें कुछ माल बेचने के लिये देता है जो भाव नहीं गिराते। इस प्रकार दुगने भाव में फल भी बिकते रहते हैं। फल बाजार की इस नई रणनीति का ही परिणाम रहा कि दो सप्ताह पूर्व जब बोर अधिक मात्रा में फल विक्रेताओं ने खरीद लिये और उनके दाम नहीं गिराये तब उनकी बिक्री रुक-सी गई और स्थिति यह आ गई कि 5-6 दिन में बोर मुरझाकर लाल हो गये और फिर उनमें सल पड़ने लगे। लेकिन इसके बावजूद बोर के दाम फल विक्रेताओं ने नहीं गिराये और करीब 3 क्विंटल बोर इधर-उधर कर उन्होने फिर नई आवक का बोर खरीदकर उसे बेचना शुरु कर दिया है और भाव वहीं के वहीं रहे। इस प्रकार अब सीहोर के फल विक्रेताओं में मानवीयता का अभाव होने लगा है और वह अधिक लालच व लाभ में नये-नये प्रयोग कर रहे हैं।

Wednesday, January 16, 2008

वर्ष भर में दूध की कमी रहेगी, समुद्री तूफान आयेंगे - ज्यो. शिरोमणि पं. राम प्रसाद बृजवासी

सम्वत् 2064 की निरयन मकर संक्रांति तथा उसका फल

सीहोर 14 जनवरी (फुरसत)। श्रीशुभ विक्रम संवत् 2064 शालिवाहन शके 1929 विरोधी नाम संवत्सरे, उत्तरयण, शिशिर ऋतौ शुभ पौष मासे शुभे शुक्ल पक्षे षष्ठम्याम तिथौ 15 का 044 मि. परं सप्तम्याम् संक्रांति तिथौ सोम वासरे, उत्तरा भाद्रपद नक्षत्रे 24 का. 29 मि. परिध नाम योगे19 का 004 मि. परं शिव नाम संक्रांति योगे, गरनाम संक्रान्ति करणे। सूर्यदेव निरयन मकर राशि पर दि. 24 का. 10 मि. पर प्रवेश करेंगे।
संक्रान्ति पर्व काल- दि. 15 जनवरी 2008 मंगलवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक रहेगा।
संक्रांति वाहन :- इस वर्ष संक्रांति वाहन हाथी है। उपवाहन गधा है, रंगीन वस्त्र धारण किये हुए है। हाथ में धनुष धारण किए हुए है। मस्तक पर गोरोचन का तिलक लगाये हुए है गोमेद रत्न का आभूषण पहिने हुए है। संक्रान्ति वार नाम ध्वांसी तथा नक्षत्र नाम नन्दा है। दक्षिण दिशा से आ रही है तथा उत्तर दिशा की और जा रही है। संक्रांति का मुख पश्चिम दिशा की तरफ है तथा ईशान दिशा की तरफ देख रही है। दूध का भक्षण किये हुए है।
संक्रांति जिन-जिन वस्तुओं को धारण किये हुए है तथा जिन वस्तुओं से संक्रांति का संबंध है उन वस्तुओं की हानि तथा पैदावार में कमी होगी उन वस्तुओं में तेजी करती है। जंगली जानवरों हाथी तथा गधा वर्ग के पशुओं को त्रास्त तथा कपड़ों में तेजी रहेगी, उन वस्तुओं के पैदा करने वाले कर्मचारियों को कष्ट उठाना पडेग़ा। युद्ध कराती है तथा सेना को कष्ट देती है। वर्ष की ग्रह स्थिति के अनुसार भारतीय शासन सत्ता के समक्ष आधारित घटनाओं के साथ कई समस्याएं खड़ी होंगी।
प्राकृतिक प्रकोप से जन धन हानि सुदूर उत्तरीय ईशान क्षैत्र एवं पश्चिमी समुद्रतट विपदाग्रस्त होंगे तथा वन क्षैत्रों में पशुओं की हानि सम्भव है । केन्द्रीय सरकार से सहयोगी राजनीतिज्ञ संगठनों का शक्ति परीक्षण असफल एवं पुन: देश में राजनैतिक संतुलन को बिगाड़ सकते है। असम, गुजरात में सत्ता परिवर्तन हो सकता है। कहीं प्राकृतिक प्रकोप से जनधन हानि अग्निकाण्ड भयंकर बाढ़ से हानि होगी। कश्मीर में भयंकर युद्ध वीर जवानों को शहीद होना पडेग़ा। अमेरिका के हस्तक्षेप से विवाद विश्व युद्ध की स्थिति बनेगी। मुस्लिम राष्ट्र में प्राकृतिक विनाश लीला का दृश्य उपस्थित होगा। भारत के कुछ क्षैत्रों में अकाल की स्थिति पैदा होगी।
इस वर्ष संयुक्त सरकार की गतिविधि पर विशेष आक्षेप होंगे। वर्तमान केन्द्रीय संयुक्त सरकार कुछ पार्टियां अपनी अस्मिता को बनाए रखने के लिए स्वतंत्र सिद्धांतों के कारण विमुख होने लगेंगी। पूर्वार्ध से ही गुजरात सरकार संकट को पार करने में असमर्थ अनुभव करेगी। वर्ष के अंत तक का समय सत्तारूढ़ पार्टी के लिए तथा प्रधान नेताओं के लिए सत्ता से विलय होगा। भारतीय ज्योतिष की भविष्यवाणी की सत्यता पर देश-विदेशों में प्रमाणिता को स्वीकार करेंगे। राजनैतिक क्षितिज पर विस्तार भाजपा को लाभ मिलेगा कांग्रेस नेतृत्व को पार्टी को पुन: चेतना मिलेगी। उत्तरी भारत में कहीं भंयकर दुध तथा दुध से बनी वस्तुओं की कमी का अनुभव होगा। भारत के उत्तरी क्षैत्र के राष्ट्रों से हानि ज्यादा होगी सावधान रहना होगा समुद्री तुफान ज्वारभाटा ज्यादा आयेंगे। समुद्र से ज्यादा हानि होगी। भंयकर अग्निकांड भूकंपन धुमकेतूओं का उदय ज्यादा होगा।

बसंत उत्सव आयोजन समिति के आव्हान पर 356 शहीद क्रांतिकारियों की समाधि पर श्रद्धांजली हुई

सीहोर 14 जनवरी (फुरसत)। नगर के गौरवमयी 1857-1858 के स्वतंत्रता आंदोलन में शहीद हुए जिन 356 शहीदों को 14 जनवरी 1858 को सामूहिक रुप से गोली मार दी गई थी उनका स्मरण करते हुए आज बसंत उत्सव आयोजन समिति के आव्हान पर आयोजित श्रद्धांजली समारोह में नगर के गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित हुए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूज्‍यनीय संत श्री समताराम जी महाराज रामजीराम रामद्वारा थे, कार्यक्रम की अध्यक्षता राकेश राय नगर पालिका अध्यक्ष ने की जबकि विशेष अतिथि के रुप में भोपाल से पधारे हेमंत जी मुक्तिबोध तथा भारतीय इतिहास संकलन समिति के प्रांतीय उपाध्यक्ष दिलीप जी बेहरे भी विशेष रुप से उपस्थित थे।
बसंत उत्सव आयोजन समिति के आव्हान पर सैकड़ाखेड़ी मार्ग बस स्टेण्ड के सामने स्थित ऐतिहासिक समाधि पर श्रद्धांजली सभा का आयोजन रखा गया था। प्रात: 10.00 बजे कार्यक्रम स्थल पर बजे देशभक्ति गीतों ने वातावरण में राष्ट्रीय भावना का ओज भर दिया था। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए मुख्य अतिथि संत समताराम जी महाराज, अध्यक्ष राकेश राय, विशेष अतिथि हेमंत जी मुक्तिबोध ने भारत माता के चित्र के समक्ष समाधि पर दीप प्रवलित किया और कार्यक्रम की अनौपचारिक शुरुआत की। इसके बाद सभी उपस्थित जन ने समाधि स्थल पर पुष्पांजली अर्पित कर शहीदों को नमन किया।
सिपाही बहादुर सरकार के गौरवमयी इतिहास और वर्तमान में देश के प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन की 150 की बरसी पर अपना ओजस्वी उद्बोधन देते हुए हेमंत जी मुक्तिबोध ने कहा कि 1857 का महासंग्राम एक रणनीति पूर्वक किया गया स्वतंत्रता आंदोलन था जिसमें न सिर्फ देश राजा-रजवाड़े प्रमुखता से जुड़े हुए थे बल्कि सारे भारतीय सैनिकों ने भी इसमें पूरा सहयोग किया। तभी मेरठ उठी क्रांति मंगलपाण्डे की आवाज में एक क्रांति की वाला बनकर हर एक भारतीय के मन को छू गई। देशभर में सैनिक संगठित हो आजादी के लिये उठ खड़े हुए। रानी लक्ष्मी ने नन्ही उम्र में ही वीरता वह अदम्य परिचय दिया जिसका उदाहरण मिलना मुश्किल है। श्री मुक्तिबोध ने आजादी के पहले स्वतंत्रता आंदोलन का महत्व प्रतिपादित करते हुए कहा कि यह गदर नहीं था। यह व्यवस्थित आंदोलन था। श्री मुक्तिबोध ने सीहोर के जाबांज क्रांतिकारियों को नमन किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रथम नागरिक राकेश राय ने यहाँ अपने संबोधन में स्पष्ट कहा कि उन्होने गत वर्ष ही 11 हजार रुपये की राशि अपनी तरफ से देने की घोषणा कर दी है साथ ही जब कभी भी यह जमीन सुरक्षित हो जायेगी या शासन-प्रशासन इसे शहीद उद्यान के रुप में सुरक्षित करेगा तब नगर पालिका यहाँ तत्काल आवश्यक निर्माण कार्य करायेगी।
कार्यक्रम संयोजक बसंत उत्सव आयोजन समिति की तरफ से आनन्द भैया गाँधी ने 356 क्रांतिकारियों की शौर्य और वीरता के संबंध जिन इतिहास की पुस्तकों हयाते सिकन्दरी, भोपाल गजेटियर तथा मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग की पुस्तक सिपाही बहादुर में उल्लेख मिलता है की सविस्तार जानकारी दी तथा साथ ही सैकड़खेड़ी मार्ग पर अंग्रेजों के जमाने के शेष रह गये अवशेषों की जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि किस प्रकार यहाँ चाँदमारी होती थी और जनरल ह्यूरोज ने एक साथ 356 क्रांतिकारियों को खड़ा कर चांदमारी के स्थान पर गोलियों से भून दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संतश्री समताराम जी महाराज ने कहा कि क्रांतिकारियों ने तो क्रांति कर दी अपना सर्वस्व इस भारत की पूज्‍यनीय धरती पर न्यौछावर कर दिया लेकिन आज हमारा कर्तव्य है कि उनके स्मरण के लिये भी हम कुछ करें। कार्यक्रम के अंत में नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय ने संक्रांति पर्व पर सभी को लड्डु वितरित कराये। बसंत उत्सव आयोजन समिति की और से कार्यक्रम का आभार व्यक्त करते हुए आशीष गेहलोत युवा पार्षद ने नगर पालिका के सहयोग के लिये आभार व्यक्त किया। जबकि कुशल संचालन पंकज पुरोहित सुबीर ने किया। कार्यक्रम में बहुत बड़ी संख्या में नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित हुए और उन्होने श्रध्दांजली अर्पित की। अनेक संगठनों ने भी आज यहाँ श्रध्दांजली कार्यक्रम किया। नेहरु युवक केन्द्र के कार्यकर्ताओं ने नगर के प्रमुख मार्गों से एक रैली निकालकर समाधि स्थल पहुँचे और श्रध्दांजली अर्पित की।