सीहोर 7 अप्रैल (फुरसत)। पुलिस ने रविवार सोमवार की मध्य रात्रि को कस्बा क्षेत्र में दबिश देकर प्रतिबंधित संगठन सिमी की प्रचार सामग्री को जप्त की है। रात में सईद और करीम नामक व्यक्ति को पुलिस को ने पकड़ा। सुबह तक पुलिस इनसे प्राप्त डायरियों की तस्दीक करती रही और अन्य जिले की पुलिस को सतर्क किया गया। आज दिनभर पुलिस ने सिमी को लेकर गतिविधि चलाई। रफीक को भी दबोच लिया गया है। कुल चार लोगों शफदर नागौरी, कमरुद्दीन, करीम और रफीक के विरुध्द विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किये गये हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस को सिमी के गुर्गों के पास से डायरियाँ मिली हैं जिसमें दिल्ली और इन्दौर के पते लिखे हुए लेटर पेड भी कोरे मिले हैं। डायरी में दर्ज जानकारी के अनुसार 24 मार्च 2001 को सीहोर में सिमी की बैठक हुई थी और उसके सर्कि ल को कायम करने का निर्णय हुआ था। डायरी में यह भी लिखा है कि 4 लाख 90 हजार रुपये से कुछ हुआ है ? क्या किया गया है इस समझ नहीं आया है इसे समझने का प्रयास किया जा रहा है। जो दस्तावेज मिले हैं उसमें तहरीक नामक ऐसी पुस्तक मिली हैं जिसमें जहरीली और भड़काऊ बातें भरी हुई हैं।
संघर्ष यात्रा के 25 वर्ष नाम से भी एक किताब इन आरोपियों के पास से मिली है जिनमें सिमी के महासचिव शफदर नागौरी के दो शब्द के नाम पर सैकड़ो वाक्य लिखे हुए हैं । किताबों में सिमी का उद्देश्य मानव जीवन का पुन: निर्माण कर अल्ला की प्रशंसा प्राप्त करना बताया गया है। यह आपत्तिजनक दस्तावेज सिमी के गुर्गों ने अपने घरों में पूजा स्थलों के पास रखे थे एक पुस्तक में 16 बिन्दुओं की विषय सूची भी है जिससे पुलिस सबसे यादा पूछताछ कर रही है ।
करीम ने पुलिस को बताया है कि उसने नगर पालिका परिषद का सीहोर में चुनाव भी लड़ा था लेकिन वह लगभग डेढ़ सौ वोटों से हार गया था। पुलिस अधीक्षक ने करीम और सईद से खुद पूछताछ की। दोनो ने पुलिस को अपने सिमी से कथित संबंधों से साफ-साफ इंकार कर दिया है। लेकिन उनके पास से बरामद दस्तावेजों को लेकर वह आरोपी कुछ कह नहीं पा रहे हैं।
सईद जिसको पुलिस ने रात को कस्बा में दबिश देकर पकड़ा था। उसकी पत्नि शफीका बानो और बहु नुसरत जहाँ ने कहा है कि पुलिस उन्हे फंसाने की कोशिश कर रही है। करीम के पुत्र परवेज का कहना है कि उनके पिता को जबरन फंसाया जा रहा है। यहाँ तक उसका कहना है कि चोरी का माल किसी के यहाँ मिल जाये तो वह चोर नहीं होता है। पुलिस की कार्यवाही में खास बात सामने आई है कि जो काम इन्दौर पुलिस नहीं कर सकी वह काम स्थानीय पुलिस ने कर दिखाया है। सिमी के दस्तावेजों के साथ जप्त हुई डायरी में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अधिकांश जिलों में सिमी के सक्रिय लोगों की नामजद डायरी पुलिस के कब्जे में है जिसके आधार पर पुलिस अब प्रभावी कार्यवाही कर रही है। एक तथ्य यह भी उभरा है कि जो करीम अपने को सिमी से अलग और जमाते इस्लामी का बता रहा है उसके घर से आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं वह कई सालों तक शहर के शक्कर कारखाने में नौकरी करता था बाद में करेली और नरसिंहपुर चला गया वहाँ भी वह शक्कर मिलों में ही काम कर रहा है लेकिन उसके घर से मिली कथित जहरीली विचार धारा की सामग्री ने सभी को चौंका दिया है। स्थानीय पुलिस के लिये डायरियों के दर्ज में सुरा कमेटी पहेली बनी हुई है। छाया- में इन्दौर का सिमी संगठन का लेटरपेड है जो सीहोर में कोरा आया था। इस पर कौन सा फतबा जारी किया जाना था यह जानकारी नहीं मिली है
पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस को सिमी के गुर्गों के पास से डायरियाँ मिली हैं जिसमें दिल्ली और इन्दौर के पते लिखे हुए लेटर पेड भी कोरे मिले हैं। डायरी में दर्ज जानकारी के अनुसार 24 मार्च 2001 को सीहोर में सिमी की बैठक हुई थी और उसके सर्कि ल को कायम करने का निर्णय हुआ था। डायरी में यह भी लिखा है कि 4 लाख 90 हजार रुपये से कुछ हुआ है ? क्या किया गया है इस समझ नहीं आया है इसे समझने का प्रयास किया जा रहा है। जो दस्तावेज मिले हैं उसमें तहरीक नामक ऐसी पुस्तक मिली हैं जिसमें जहरीली और भड़काऊ बातें भरी हुई हैं।
संघर्ष यात्रा के 25 वर्ष नाम से भी एक किताब इन आरोपियों के पास से मिली है जिनमें सिमी के महासचिव शफदर नागौरी के दो शब्द के नाम पर सैकड़ो वाक्य लिखे हुए हैं । किताबों में सिमी का उद्देश्य मानव जीवन का पुन: निर्माण कर अल्ला की प्रशंसा प्राप्त करना बताया गया है। यह आपत्तिजनक दस्तावेज सिमी के गुर्गों ने अपने घरों में पूजा स्थलों के पास रखे थे एक पुस्तक में 16 बिन्दुओं की विषय सूची भी है जिससे पुलिस सबसे यादा पूछताछ कर रही है ।
करीम ने पुलिस को बताया है कि उसने नगर पालिका परिषद का सीहोर में चुनाव भी लड़ा था लेकिन वह लगभग डेढ़ सौ वोटों से हार गया था। पुलिस अधीक्षक ने करीम और सईद से खुद पूछताछ की। दोनो ने पुलिस को अपने सिमी से कथित संबंधों से साफ-साफ इंकार कर दिया है। लेकिन उनके पास से बरामद दस्तावेजों को लेकर वह आरोपी कुछ कह नहीं पा रहे हैं।
सईद जिसको पुलिस ने रात को कस्बा में दबिश देकर पकड़ा था। उसकी पत्नि शफीका बानो और बहु नुसरत जहाँ ने कहा है कि पुलिस उन्हे फंसाने की कोशिश कर रही है। करीम के पुत्र परवेज का कहना है कि उनके पिता को जबरन फंसाया जा रहा है। यहाँ तक उसका कहना है कि चोरी का माल किसी के यहाँ मिल जाये तो वह चोर नहीं होता है। पुलिस की कार्यवाही में खास बात सामने आई है कि जो काम इन्दौर पुलिस नहीं कर सकी वह काम स्थानीय पुलिस ने कर दिखाया है। सिमी के दस्तावेजों के साथ जप्त हुई डायरी में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अधिकांश जिलों में सिमी के सक्रिय लोगों की नामजद डायरी पुलिस के कब्जे में है जिसके आधार पर पुलिस अब प्रभावी कार्यवाही कर रही है। एक तथ्य यह भी उभरा है कि जो करीम अपने को सिमी से अलग और जमाते इस्लामी का बता रहा है उसके घर से आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं वह कई सालों तक शहर के शक्कर कारखाने में नौकरी करता था बाद में करेली और नरसिंहपुर चला गया वहाँ भी वह शक्कर मिलों में ही काम कर रहा है लेकिन उसके घर से मिली कथित जहरीली विचार धारा की सामग्री ने सभी को चौंका दिया है। स्थानीय पुलिस के लिये डायरियों के दर्ज में सुरा कमेटी पहेली बनी हुई है। छाया- में इन्दौर का सिमी संगठन का लेटरपेड है जो सीहोर में कोरा आया था। इस पर कौन सा फतबा जारी किया जाना था यह जानकारी नहीं मिली है