सीहोर 24 अगस्त (नि.सं.)। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर आज दिनभर उत्साह का माहौल नजर आया। जहाँ एक सुबह से ही यादव समाज के आकर्षक भव्य चल समारोह का इंतजार छावनी व कस्बा क्षेत्र में किया जा रहा था वहीं उसका जोरदार स्वागत भी किया गया। शाम घरों-घर भगवान के झूले डले। लोगों ने अपने घरों के मुख्य द्वार पर झूले डालें। रात आरती हुई और प्रसाद वितरण किया गया।
आज सुबह से ही जन्माष्टमी का उत्साह देखते ही बन रहा था। सर्वयादव समाज का चल समारोह की तैयारियाँ सुबह से ही गंज स्थित राधेश्याम मंदिर पर चल रही थीं। अपने निर्धारित समय से यहाँ से आकर्षक चल समारोह प्रारंभ हुआ। जिसमें आगे-आगे घुड़सवार चल रहे थे जिनके हाथों में ध्वज पताकाएं लहरा रही थी। इनके पीछे बैण्ड-बाजे वाले भक्ति भजन बजा रहे थे। इनके पीछे बहुत बड़ी संख्या में हुरियारे भजनों की धुन पर नाचते-गाते हुए चल रहे थे। इस बार चल समारोह में न सिर्फ आकर्षक रथ मोजूद थे बल्कि एक झांकी भी शामिल थी। झांकी में भगवान श्री कृष्ण के जन्म के समय का दृष्यावलोकन दर्शाया गया था।
आज चल समारोह गंज के विभिन्न मार्गों से होता निकला। जहाँ समाधिया मंदिर चौराहे पर मटकी फोड़ने के लिये बहुत मशक्कत करते हुए हुरियारों ने मटकी फोड़ी और माखन मिश्री लूटा।
इधर चल समारोह के स्वागत के लिये कल रात से ही जहाँ कस्बा सज चुका था वहाँ अनेकानेक स्वागत द्वार पेड़ों की हरी पत्तियों से बनाये गये थे वहीं छावनी मुख्य बाजार कोतवाली चौराहा से सीहोर टाकीज तक अनेक स्वागत मंच बने हुए थे। इन स्थानों पर मटकियाँ भी लटकाई गई थी। जिन्हे आज चल समारोह में चल रहे हुरियारों ने फोड़ा। चल समारोह का अनेक मण्डलों द्वारा स्वागत किया गया। ग्वालटोली से होता हुआ कोतवाली चौराहा से तहसील चौराहा से कस्बा राम मंदिर पहुँचकर चल समारोह सम्पन्न हुआ।
आज चल समारोह का स्वागत अक्षत कासट, सुरेश साबू मित्र मण्डल द्वारा पुष्पवर्षा कर किया गया। इस अवसर पर सुरेश साबू ने यादव समाज के पदाधिकारियों का स्वागत कर बधाई दी व भगवान कृष्ण का पूजन अर्चन किया। स्वागत करने वालों में प्रमुख रुप से पूर्व नपाध्यक्ष सुश्री रुकमणी रोहिला, नागरिक बैंक के संचालक राजेन्द्र शर्मा, कांग्रेस नेता रमेश झंवर, समाजसेवी गिरधर झंवर, शैलेष अग्रवाल, महेश पारीख, दीपक शर्मा, अजय अग्रवाल, नीरज राठौर, राम मित्तल, कमल अग्रवाल, विनय पालीवाल, त्रिलोकी शर्मा, अनिल शर्मा, विनोद राठौर, असलम इकबाल आदि थे।
कोतवाली चौराहा पर हिन्दु उत्सव समिति ने अपना मंच बना रखा था जहाँ बकायदा श्रीकृष्ण की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रवलित किया गया। हिन्दु उत्सव समिति अध्यक्ष सतीश राठौर, महासिचव दिलीप राठौर, उपाध्यक्ष राजमल राठौर, संरक्षक हरी प्रसाद तिवारी, वासुदेव मिश्रा, हरीश अग्रवाल, आरसी जैन, कोषाध्यक्ष राजू जायसवाल, सहसचिव पप्पु धाड़ी, हरी पालीवाल ने श्रीकृष्ण की सुंदर तस्वीर चल समारोह के अध्यक्ष ओम यादव को भेंट की। इस अवसर पर महेश राय, मनीष राठौर, संजय राठौर, नरेश वहलानी, आरसी जैन, नरेश मेवाड़ा, प्रदीप राठौर, कल्लू पहलवान, टीटू सेठ, सुनील भालेराव, सीताराम पार्षद आदि उपस्थित थे।
Monday, August 25, 2008
कांग्रेस द्वारा सिर्फ 2 बजे तक सीहोर बंद का आव्हान
सीहोर 24 अगस्त (नि.सं.)। कांग्रेस समर्थिक नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय को भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा हटाये जाने के विरोध में कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया जा चुका है। युवक कांग्रेस ने न सिर्फ पुतला दहन किया बल्कि दूसरे दिन कांग्रेस द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा चुका है जिसमें सूरज धर ने कांग्रेस की सदस्यता भी ग्रहण कर ली है। युवक कांग्रेस ने पहले ही दिन 25 अगस्त को सीहोर बंद का आव्हान किया था जिस को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई थीं।
आज युवक कांग्रेस द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में स्पष्ट रुप से कहा गया है कि सीहोर नगर की जनता की परेशानी को देखते हुए, बंद सिर्फ दोपहर 2 बजे तक ही रखा गया है। सभी व्यापारी बंधु से जिला कांग्रेस कमेटी, कांग्रेस पार्षद दल, महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस सेवादल, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखने का अनुरोध किया है ताकि भारतीय जनता पार्टी सरकार की गलत नीतियों व अन्याय का विरोध किया जा सके, बंद में टाकीज, होटल सभी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे।
लीसा टाकीज भी रहेगा बंद
आज कांग्रेस के बंद के आव्हान पर शहर का प्रतिष्ठित छविग्रह लीसा टाकीज सहित होटल क्रिसेंट भी बंद रहेंगे।
सोमवार को बंद को लेकर आज भी दिनभर असमंजस की स्थिति इसलिये बनी रही क्योंकि कुछ व्यापारियों तक भाजपा के कद्दावर नेताओं के यह संदेश पहुँचे थे कि बंद क्यों रख रहे हैं ? इसका विरोध कीजिये । हालांकि व्यापारियों की इस संबंध एक राय नहीं हो सकी।
हमारा ईपता - fursatma@gmail.com यदि आप कुछ कहना चाहे तो यहां अपना पत्र भेजें ।
आज युवक कांग्रेस द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में स्पष्ट रुप से कहा गया है कि सीहोर नगर की जनता की परेशानी को देखते हुए, बंद सिर्फ दोपहर 2 बजे तक ही रखा गया है। सभी व्यापारी बंधु से जिला कांग्रेस कमेटी, कांग्रेस पार्षद दल, महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस सेवादल, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखने का अनुरोध किया है ताकि भारतीय जनता पार्टी सरकार की गलत नीतियों व अन्याय का विरोध किया जा सके, बंद में टाकीज, होटल सभी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे।
लीसा टाकीज भी रहेगा बंद
आज कांग्रेस के बंद के आव्हान पर शहर का प्रतिष्ठित छविग्रह लीसा टाकीज सहित होटल क्रिसेंट भी बंद रहेंगे।
सोमवार को बंद को लेकर आज भी दिनभर असमंजस की स्थिति इसलिये बनी रही क्योंकि कुछ व्यापारियों तक भाजपा के कद्दावर नेताओं के यह संदेश पहुँचे थे कि बंद क्यों रख रहे हैं ? इसका विरोध कीजिये । हालांकि व्यापारियों की इस संबंध एक राय नहीं हो सकी।
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व्यापारियों के झूठे नाम से विज्ञप्ति जारी की थी
सीहोर 24 अगस्त। कल एक विज्ञप्ति जारी की गई थी जो मनोहर शर्मा पान चौराहा समिति के नाम जारी हुई थी। इसमें कहा गया था की रोज-रोज के बंद से तंग आ गये हैं व्यापारी, और नगर पालिका अध्यक्ष पहले खुद के प्रतिष्ठान बंद रखें। इसके अलावा भी इस समिति द्वारा अनेकानेक बातें कही गई थी।
कांग्रेस के बंद के आव्हान पर विरोध स्वरुप इस विज्ञप्ति में चूंकि अनेक व्यापारियाें के नाम उल्लेखित किये गये थे इसलिये इसका प्रकाशन भी फुरसत द्वारा किया गया था। लेकिन आज उल्लेखित नामों में अनेक व्यापारियों ने फुरसत से बातचीत करते हुए स्पष्ट कहा कि ना तो हमसे पूछा गया और ना ही बताया गया। व्यापारियों का स्पष्ट कहना था कि हम व्यापारी हैं, हमें फालतू राजनीति से क्या लेना-देना, हमारे नाम का उपयोग किया जाना सरासर गलत है।
व्यापारियों का कहना था कि हमारे नाम गलत तरीके से बढ़ाये गये हैं, जो अनुचित हैं। हम ना तो भाजपा से और ना ही कांग्रेस से किसी का विरोध भी करते और समर्थन भी ऐसे खुलकर नहीं करना चाहते। हम व्यापारी हैं, हमें व्यापारी ही रहने दिया जाये। जबरिया खुद की राजनीति के लिये हमारा उपयोग नहीं किया जाना चाहिये।
कांग्रेस के बंद के आव्हान पर विरोध स्वरुप इस विज्ञप्ति में चूंकि अनेक व्यापारियाें के नाम उल्लेखित किये गये थे इसलिये इसका प्रकाशन भी फुरसत द्वारा किया गया था। लेकिन आज उल्लेखित नामों में अनेक व्यापारियों ने फुरसत से बातचीत करते हुए स्पष्ट कहा कि ना तो हमसे पूछा गया और ना ही बताया गया। व्यापारियों का स्पष्ट कहना था कि हम व्यापारी हैं, हमें फालतू राजनीति से क्या लेना-देना, हमारे नाम का उपयोग किया जाना सरासर गलत है।
व्यापारियों का कहना था कि हमारे नाम गलत तरीके से बढ़ाये गये हैं, जो अनुचित हैं। हम ना तो भाजपा से और ना ही कांग्रेस से किसी का विरोध भी करते और समर्थन भी ऐसे खुलकर नहीं करना चाहते। हम व्यापारी हैं, हमें व्यापारी ही रहने दिया जाये। जबरिया खुद की राजनीति के लिये हमारा उपयोग नहीं किया जाना चाहिये।
शरीर छोड़ते समय भगवान का नाम लेने से कट जाते हैं सारे पाप
सीहोर 25 अगस्त (नि.सं.)। अंतिम समय यदि मनुष्य के मुंह से भगवान का नाम निकलता है और वह भगवान का नाम जप करता हुआ शरीर छोड़ देता है तो उसके जीवन के सारे पाप कट जाते हैं किंतु अंतिम समय में भगवान का नाम इतनी आसानी से मुंह से नहीं निकलता क्योंकि अंतिम समय में शरीर की स्थिति बड़ी विकट हो जाती है इसलिये बार-बार भगवान के नाम जप के अभ्यास की बात कही जाती है ताकि भगवान के नाम जप की आदत बनी रहे और शरीर छोड़ते समय भगवान का नाम मुंह से आसानी से निकल सके।
उक्त आशय के उद्गार स्थानीय बडा बाजार में श्री रामानुज मंडल के तत्वाधान में चल रहे श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ महोत्सव के चौथे दिन उज्जैन से पधारे परम पूयनीय संत र्पवर 1008 श्री स्वामी रंगनाथाचार्य जी महाराज व्याकरण वेदांताचार्य श्री रामानुज कोट उजैन ने अपनी ओजस्वी एवं अमृतमयी वाणी से बड़ी संख्या में उपस्थित श्रध्दालुजनों को कथामृत का पान कराते हुए व्यक्त किये।
स्वामी जी ने कहा कि जिस प्रकार लोहा, लोहे को काटता है किंतु लोहे को काटने के लिये कई बार घन मारना पड़ता है परन्तु वह घन की आखरी चोंट से कटता है इसका मतलब यह नहीं कि लोहे को काटने में अंतिम चोंट का ही योगदान है, उसके पहले जो चोंटे पड़ी उसका भी योगदान है। इसलिये भगवान का नाम जप करना अभी से शुरु करना चाहिये ताकि अंतिम समय में भी भगवान का नाम मुंह से निकले और पूरे पाप नष्ट हो सके। स्वामी जी ने कहा कि बच्चों के नाम भी देवत्व प्रभाव वाले रखना चाहिये क्योंकि नाम का प्रभाव भी बच्चों के जीवन पर पड़ता है इसलिये बच्चों के नाम ऐसे रखे जिनसे भगवान का स्मरण हो सके।
स्वामी जी ने कहा कि गर्भवती स्त्रियों को गर्भकाल में रामायण, भागवत और श्रीभगवत नाम स्मरण करते रहना चाहिये जिससे गर्भस्थ शिशु में भक्ति के संस्कार पड़ सकें। बाहर के बच्चों की अपेक्षा गर्भ में पल रहा बालक भगवान की भक्ति आसानी से सीख सकता है इसलिये माताओं को गर्भकाल के दौरान भगवान की अधिक आराधना करना चाहिये तभी उनके बच्चे देश के लिये सही दिशा देने वाले बन सकेंगे। स्वामी जी ने कहा कि सभी मनुष्य कश्यप मुनि की संतान है इसलिये यदि किसी को अपना गोत्र नहीं मालूम हो तो वह पूजा और संकल्प के समय अपना गोत्र कश्यप बोले तो भी काम चल जायेगा। बिना गोत्र के पूजा या संकल्प नहीं करना चाहिये।
स्वामी जी ने बताया कि नारायण कवच के विधिवत पाठ से खोई हुई सम्पत्ति को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होने बताया कि एक करोड़ नाम जपने से व्यक्ति में वही संस्कार पड़ जाते हैं और दूसरे जन्म के समय उसके मुंह से वही ईष्ट देव का नाम निकलता है। उन्होने कहा कि तीन करोड़ जाप कराने से व्यक्ति के मन के संकल्प पूरे होने लगते हैं, पाँच करोड़ जाप से सत्य और असत्य का विवेक होने लगता है नौ करोड़ जाप से नवग्रह की दशाओं का प्रभाव नहीं पड़ता और यदि तेरह करोड़ जाप कर लिये जायें तो प्रत्यक्ष रुप से भगवान की अनुभूति होने लगती है। इसलिये अधिक से अधिक भगवान का नाम जप करें। उन्होने मारने वाला है भगवान, बचाने वाला है भगवान, बाल न बांका होता उसका, जिसका रक्षक दयानिधान नामक अत्यंत सुंदर भजन समेत अन्य भजन सुनाए जिससे श्रोतागण आनंद मग् हो गये।
श्रीमद् भागवत कथा को सुनने पूरे शहरभर से लोग एकत्रित हो रहे हैं। महिलाओं की संख्या श्रोताओं में सर्वाधित रहती है,। आज कथास्थल को जन्माष्टमी के अवसर पर बड़े ही सुन्दर तरीके से सजाया गया था। पूरा बड़ा बाजार क्षेत्र में माहौल धार्मिक हो गया है। श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ महोत्सव के मुख्य यजमान विधायक रमेश सक्सेना ने सभी श्रध्दालुजनों से अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर पुण्यलाभ प्राप्त करें।
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उक्त आशय के उद्गार स्थानीय बडा बाजार में श्री रामानुज मंडल के तत्वाधान में चल रहे श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ महोत्सव के चौथे दिन उज्जैन से पधारे परम पूयनीय संत र्पवर 1008 श्री स्वामी रंगनाथाचार्य जी महाराज व्याकरण वेदांताचार्य श्री रामानुज कोट उजैन ने अपनी ओजस्वी एवं अमृतमयी वाणी से बड़ी संख्या में उपस्थित श्रध्दालुजनों को कथामृत का पान कराते हुए व्यक्त किये।
स्वामी जी ने कहा कि जिस प्रकार लोहा, लोहे को काटता है किंतु लोहे को काटने के लिये कई बार घन मारना पड़ता है परन्तु वह घन की आखरी चोंट से कटता है इसका मतलब यह नहीं कि लोहे को काटने में अंतिम चोंट का ही योगदान है, उसके पहले जो चोंटे पड़ी उसका भी योगदान है। इसलिये भगवान का नाम जप करना अभी से शुरु करना चाहिये ताकि अंतिम समय में भी भगवान का नाम मुंह से निकले और पूरे पाप नष्ट हो सके। स्वामी जी ने कहा कि बच्चों के नाम भी देवत्व प्रभाव वाले रखना चाहिये क्योंकि नाम का प्रभाव भी बच्चों के जीवन पर पड़ता है इसलिये बच्चों के नाम ऐसे रखे जिनसे भगवान का स्मरण हो सके।
स्वामी जी ने कहा कि गर्भवती स्त्रियों को गर्भकाल में रामायण, भागवत और श्रीभगवत नाम स्मरण करते रहना चाहिये जिससे गर्भस्थ शिशु में भक्ति के संस्कार पड़ सकें। बाहर के बच्चों की अपेक्षा गर्भ में पल रहा बालक भगवान की भक्ति आसानी से सीख सकता है इसलिये माताओं को गर्भकाल के दौरान भगवान की अधिक आराधना करना चाहिये तभी उनके बच्चे देश के लिये सही दिशा देने वाले बन सकेंगे। स्वामी जी ने कहा कि सभी मनुष्य कश्यप मुनि की संतान है इसलिये यदि किसी को अपना गोत्र नहीं मालूम हो तो वह पूजा और संकल्प के समय अपना गोत्र कश्यप बोले तो भी काम चल जायेगा। बिना गोत्र के पूजा या संकल्प नहीं करना चाहिये।
स्वामी जी ने बताया कि नारायण कवच के विधिवत पाठ से खोई हुई सम्पत्ति को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होने बताया कि एक करोड़ नाम जपने से व्यक्ति में वही संस्कार पड़ जाते हैं और दूसरे जन्म के समय उसके मुंह से वही ईष्ट देव का नाम निकलता है। उन्होने कहा कि तीन करोड़ जाप कराने से व्यक्ति के मन के संकल्प पूरे होने लगते हैं, पाँच करोड़ जाप से सत्य और असत्य का विवेक होने लगता है नौ करोड़ जाप से नवग्रह की दशाओं का प्रभाव नहीं पड़ता और यदि तेरह करोड़ जाप कर लिये जायें तो प्रत्यक्ष रुप से भगवान की अनुभूति होने लगती है। इसलिये अधिक से अधिक भगवान का नाम जप करें। उन्होने मारने वाला है भगवान, बचाने वाला है भगवान, बाल न बांका होता उसका, जिसका रक्षक दयानिधान नामक अत्यंत सुंदर भजन समेत अन्य भजन सुनाए जिससे श्रोतागण आनंद मग् हो गये।
श्रीमद् भागवत कथा को सुनने पूरे शहरभर से लोग एकत्रित हो रहे हैं। महिलाओं की संख्या श्रोताओं में सर्वाधित रहती है,। आज कथास्थल को जन्माष्टमी के अवसर पर बड़े ही सुन्दर तरीके से सजाया गया था। पूरा बड़ा बाजार क्षेत्र में माहौल धार्मिक हो गया है। श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ महोत्सव के मुख्य यजमान विधायक रमेश सक्सेना ने सभी श्रध्दालुजनों से अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर पुण्यलाभ प्राप्त करें।
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कृष्ण की बांसुरी जीवन में सरलता और मधुरता का संदेश देतीह है-मधुबाला जी
आष्टा 24 अगस्त (नि.सं.)। आज कृष्ण जन्माष्टमी है जो विशेष महत्व एवं प्रेरणा देने आई है यूं तो हर माह में दो बार अष्टमी आती है लेकिन आज जो अष्टमी है उसका एक अलग ही महत्व है क्योंकि आज कृष्ण का जन्म हुआ था। कृष्ण जी के विभिन्न स्वरुप एवं क्रियाएं हमें अलग-अलग संदेश देते हैं। श्री कृष्ण की बांसुरी जीवन में सरलता, मधुरता और वाणी में मिठास हो का संदेश देती है। अन्य दर्शनों की तरह जैन दर्शन भी कृष्ण को मानता है। जिस प्रकार स्थान-स्थान पर मटकी फोड़ी जाती है आज हम भी यह निश्चित करें कि कर्मो की मटकी को फोड़ेंगे।
उक्त उद्गार महावीर भवन स्थानक में विराजित पूय साध्वी श्री मधुबाला जी ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर अपने प्रवचन में कहे। उन्होने कहा कि कृष्ण की बांसुरी जो सीधी होती है उसमें कचरा नहीं होता है, तथा जब उसे बजाने का प्रयास किया जाता है तभी वह बजती है और जब उसमें से आवाज निकलती है तो वो आवाज भी सुर से मीठी होती है ठीक उसी प्रकार जीवन में बांसुरी की तरह सरलता, मधुरता होनी चाहिये जब भी बोला तो बोल मीठे होने चाहिये तथा जब कोई नहीं बोले तो नहीं बोलना चाहिये।
यह संदेश हमें कृष्ण की बांसुरी देती है तभी आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाना भी सार्थक होगा। मटकी फोड़ हमें संदेश देती है कि आज के दिन अंहकार के भाव को छोड़े। महाराज श्री ने कहा कि जो तीर्थंकर होते हैं वे धार्मिक पुरुष कहलाते हैं तथा जो चक्रवर्ती कहलाते हैं वे भोग पुरुष कहलाते हैं। श्रीकृष्ण वासुदेव के पास चक्रवर्ती की आधी रिध्दी थी धर्म की जो आराधना चक्रवर्ती कर सकते हैं वो वासुदेव नहीं कर सकते लेकिन कृष्ण वासुदेव ने धर्म की ऐसी दलाली की थी कि वे तीर्थंकर नाम कर्म का बंध कर आने वाली चौबीसी में 12 वे तीर्थंकर बनेंगे।
महाराज श्री ने बनाया की श्री कृष्ण वासुदेव की 32 हजार माताएं थी वे प्रतिदिन 400 माताओं के चरण स्पर्श करते थे और इस प्रकार करते हुए जन्म देने वाली माता देवकी का नम्बर 6 माह में आता था। आज व्यक्ति अपने एक माता पिता के चरण स्पर्श करने में भी शर्म महसूस करता है। श्री कृष्ण का जन्म जेल में हुआ था क्यों ? क्योंकि कर्म सत्ता के कारण महाराज सा. ने सत्ता 3 प्रकार की बताई है राज सत्ता, कर्मसत्ता और धर्मसत्ता। उन्होने कहा कि राजसत्ता हमारे द्वारा बनाई होती है लेकिन कर्मसत्ता को धर्मसत्ता से परास्त किया जा सकता है।
इस अवसर पर सुनीता जी म.सा. ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में सब प्रकार के खर्चों का बजट फिक्स है। क्या किसी ने किसी प्रकार दान कितना करना है फिक्स किया है। शायद उत्तर आयेगा नहीं। क्योंकि जो व्यक्ति लोभ कसाय, लोभ मोहनीय कर्म से युक्त होता है वो व्यक्ति कभी दान नहीं कर सकता है। लोभी व्यक्ति नोटों को देखकर खुश होता है।
वो दान पुण्य नहीं करता है और ऐसे व्यक्ति के पास जो धन होता है उसका नाश भी होता है धन पुण्य से मिलता है जो व्यक्ति दान पुण्य करता है वो केवल देता ही नहीं है बोता भी है इसलिये आप कहते हो ना की धन पर नाग कुण्डली मारकर बैठा है। दानपुण्य परमार्थ करके लोभ कसाय पर विजय प्राप्त की जा सकती है।
आज अट्ठाई तप करने वाली कुमारी गोलू देशलहरा का सम्मान 5 उपवास की बोली लेने वाली श्रीमति सुनीता कटारिया ने किया। तेला करने वाले अतुल सुराना का सम्मान अभिषेक देशलहरा ने किया। गोलू देशलहरा की अट्ठाई तप निमित्त आज देशलहरा परिवार ने सामुहिक एकासने एवं बच्चों की दया का कार्यक्रम रखा।
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उक्त उद्गार महावीर भवन स्थानक में विराजित पूय साध्वी श्री मधुबाला जी ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर अपने प्रवचन में कहे। उन्होने कहा कि कृष्ण की बांसुरी जो सीधी होती है उसमें कचरा नहीं होता है, तथा जब उसे बजाने का प्रयास किया जाता है तभी वह बजती है और जब उसमें से आवाज निकलती है तो वो आवाज भी सुर से मीठी होती है ठीक उसी प्रकार जीवन में बांसुरी की तरह सरलता, मधुरता होनी चाहिये जब भी बोला तो बोल मीठे होने चाहिये तथा जब कोई नहीं बोले तो नहीं बोलना चाहिये।
यह संदेश हमें कृष्ण की बांसुरी देती है तभी आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाना भी सार्थक होगा। मटकी फोड़ हमें संदेश देती है कि आज के दिन अंहकार के भाव को छोड़े। महाराज श्री ने कहा कि जो तीर्थंकर होते हैं वे धार्मिक पुरुष कहलाते हैं तथा जो चक्रवर्ती कहलाते हैं वे भोग पुरुष कहलाते हैं। श्रीकृष्ण वासुदेव के पास चक्रवर्ती की आधी रिध्दी थी धर्म की जो आराधना चक्रवर्ती कर सकते हैं वो वासुदेव नहीं कर सकते लेकिन कृष्ण वासुदेव ने धर्म की ऐसी दलाली की थी कि वे तीर्थंकर नाम कर्म का बंध कर आने वाली चौबीसी में 12 वे तीर्थंकर बनेंगे।
महाराज श्री ने बनाया की श्री कृष्ण वासुदेव की 32 हजार माताएं थी वे प्रतिदिन 400 माताओं के चरण स्पर्श करते थे और इस प्रकार करते हुए जन्म देने वाली माता देवकी का नम्बर 6 माह में आता था। आज व्यक्ति अपने एक माता पिता के चरण स्पर्श करने में भी शर्म महसूस करता है। श्री कृष्ण का जन्म जेल में हुआ था क्यों ? क्योंकि कर्म सत्ता के कारण महाराज सा. ने सत्ता 3 प्रकार की बताई है राज सत्ता, कर्मसत्ता और धर्मसत्ता। उन्होने कहा कि राजसत्ता हमारे द्वारा बनाई होती है लेकिन कर्मसत्ता को धर्मसत्ता से परास्त किया जा सकता है।
इस अवसर पर सुनीता जी म.सा. ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में सब प्रकार के खर्चों का बजट फिक्स है। क्या किसी ने किसी प्रकार दान कितना करना है फिक्स किया है। शायद उत्तर आयेगा नहीं। क्योंकि जो व्यक्ति लोभ कसाय, लोभ मोहनीय कर्म से युक्त होता है वो व्यक्ति कभी दान नहीं कर सकता है। लोभी व्यक्ति नोटों को देखकर खुश होता है।
वो दान पुण्य नहीं करता है और ऐसे व्यक्ति के पास जो धन होता है उसका नाश भी होता है धन पुण्य से मिलता है जो व्यक्ति दान पुण्य करता है वो केवल देता ही नहीं है बोता भी है इसलिये आप कहते हो ना की धन पर नाग कुण्डली मारकर बैठा है। दानपुण्य परमार्थ करके लोभ कसाय पर विजय प्राप्त की जा सकती है।
आज अट्ठाई तप करने वाली कुमारी गोलू देशलहरा का सम्मान 5 उपवास की बोली लेने वाली श्रीमति सुनीता कटारिया ने किया। तेला करने वाले अतुल सुराना का सम्मान अभिषेक देशलहरा ने किया। गोलू देशलहरा की अट्ठाई तप निमित्त आज देशलहरा परिवार ने सामुहिक एकासने एवं बच्चों की दया का कार्यक्रम रखा।
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धूमधाम से मनी आष्टा में जन्माष्टमी
आष्टा 24 अगस्त (नि.सं.)। आलकी की पालकी जय कन्हैया लालकी के जयघोष के साथ आज रात्रि में नगर के सभी मंदिर उक्त जयघोष से गूंज उठे। आज आष्टा नगर में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव विभिन्न मंदिरों में भक्तों ने श्रध्दाभक्ति उमंग के साथ मनाया। सुबह से ही मंदिरों में विशेष तैयारियाँ जन्मोत्सव को लेकर शुरु हो गई थी।
मंदिरों को विशेष रुप से सुबह से ही विद्युत सज्जा की गई थी। कई मंदिरों में श्रीकृष्ण की झांकियाँ भी बनाई गई। भक्तों ने आज दिनभर उपवास व्रत रखे। जैसे-जैसे भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का समय निकट आता गया रात्रि में मंदिरों में चहल-पहल बढ़ती गई। मंदिरों में भगवान को माखन-मिश्री पंचमेवे पंजीरी का भोग लगाया गया। जन्मोत्सव के पूर्व मंदिरों में भजन मण्डलियों द्वारा भजन संध्या का कार्यक्रम भी शुरु हुआ जो रात्रि 12 बजे तक चला। देर रात तक नगर में भक्तों की चहल पहल नजर आई।
आज श्रीनाथ जी हवेली बड़ा बाजार, राधाकृष्ण मंदिर बड़ा बाजार, मुकाती गली, काछीपुरा, बुधवारा, गणेश मंदिर, श्रीराम मंदिर, रामदेव मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर स्टेट बैंक, अलीपुर सहित अनेक मंदिरों में भगवान का जन्मोत्सव मनाया गया।
मंदिरों को विशेष रुप से सुबह से ही विद्युत सज्जा की गई थी। कई मंदिरों में श्रीकृष्ण की झांकियाँ भी बनाई गई। भक्तों ने आज दिनभर उपवास व्रत रखे। जैसे-जैसे भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का समय निकट आता गया रात्रि में मंदिरों में चहल-पहल बढ़ती गई। मंदिरों में भगवान को माखन-मिश्री पंचमेवे पंजीरी का भोग लगाया गया। जन्मोत्सव के पूर्व मंदिरों में भजन मण्डलियों द्वारा भजन संध्या का कार्यक्रम भी शुरु हुआ जो रात्रि 12 बजे तक चला। देर रात तक नगर में भक्तों की चहल पहल नजर आई।
आज श्रीनाथ जी हवेली बड़ा बाजार, राधाकृष्ण मंदिर बड़ा बाजार, मुकाती गली, काछीपुरा, बुधवारा, गणेश मंदिर, श्रीराम मंदिर, रामदेव मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर स्टेट बैंक, अलीपुर सहित अनेक मंदिरों में भगवान का जन्मोत्सव मनाया गया।
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