आष्टा 4 फरवरी (फुरसत)। आष्टा पुलिस ने अवैध मादक पदार्थ गांजा सहित एक ग्रामीण को गिरफ्तार कर एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया है ।
जानकारी के अनुसार गत रविवार को आष्टा पुलिस को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम पगारिया चोर निवासी बद्रीप्रसाद आ. शालिकराम कलौता अवेध रूप से गांजा लेकर जा रहा है । जिसे पुलिस ने पार्वती पुल अलीपुर आष्टा के समीप पहुंचकर गिरफ्तार कर लिया । पुलिस ने इसके कब्जे से 40 ग्राम गांजा जप्त किया है।
Wednesday, February 6, 2008
मध्यान्ह भोजन में लापरवाही बरतने पर कार्यवाही
सीहोर 4 फरवरी (फुरसत)। शासन के सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कार्यक्रम मध्यान्ह भोजन में सोलह कर्मचारियों को लापरवाही बरतना महंगा साबित हुआ । इसके तहत दस शासकीय कर्मियों की दो-दो वेतनवृद्धि रोकी गई है और 6 कर्मियों का एक दिवस का वेतन काटा गया ।
शालाओं के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान निरीक्षण दल को शाला बंद पाए जाने, भोजन खुले में बनता पाए जाने, मध्यान्ह भोजन के स्थान पर सेब, बिस्किट दिए जाने तथा मीनू के मुताबिक बच्चों को मध्यान्ह भोजन का वितरण नही किए जाने की रिर्पोट मिलने पर इसे गंभीरता से लेते हुए जिला पंचायत के सीईओ अरूण कुमार तोमर द्वारा उक्त कार्यवाही की गई है । इस सिलसिले में आदेश जारी कर दिए गए है । श्री तोमर ने कहा कि जिले में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में लापरवाही को बर्दाश्त नही किया जायेगा ।
जिन कर्मचारियों की दो-दो वेतन वृद्धियों असंचयी प्रभाव से रोकी गई है उनमें सीहोर तहसील के संकुल केन्द्र अहमदपुर की प्राथमिक शाला टूरगांव के सहायक अध्यापक अर्जुनसिंह तंवर, प्राथमिक शाला चांदबडजागीर के सहायक अध्यापक गंगासिंह सोलंकी, संकुल केन्द्र श्याम की प्राथमिक शाला पंपापुर में पदस्थ सहायक अध्यापक श्रीमति सुलेखा चौहान, माध्यमिक शाला बमूलिया के सहायक शिक्षक मांगीलाल ठाकूर, निर्मल सिंह कुशवाह और संतोषसिंह कनवरिया शामिल हैं ।
इसी तरह बुधनी तहसील के संकूल केन्द्र बकतरा की माध्यमिक शाला खिड़ियाकुर्मी के शिक्षक वर्ग तीन जगदीश प्रसाद मीना, प्राथमिक शाला बासगहन के सहायक शिक्षक अनिल कुमार चौहान, माध्यमिक शाला खितवई के सहायक शिक्षक विजयसिंह मेहर और प्राथमिक शाला रिछोड़ा के सहायक शिक्षक आजादसिंह की दो दो वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई ।
मध्यान्ह भोजन में लापरवाही बरतने पर तहसील सीहोर की प्राथमिक शाला पम्पापुर में पदस्थ संविदा शाला शिक्षक श्रेणी तीन श्रीमति हेमलता सावनेर, माध्यमिक शाला बमूलिया में पदस्थ संविदा शाला शिक्षक वर्ग दो श्रीमति भारती पाटीदार, श्रीमति मीनाक्षी शर्मा ओर संविदा शाला शिक्षक वर्ग तीन श्रीमति नीलम मीना, प्राथमिक शाला बनखेड़ा की संविदा शाला शिक्षक श्रेणी तीन श्रीमति सुलभा जोशी, बुधनी तहसील की प्राथमिक शाला बासगहन में पदस्थ संविदा शाला शिक्षक श्रेणी तीन श्रीमति तरूणा सुजाने के खिलाफ एक दिन का वेतन काटने की कार्यवाही की गई। गौरतलब है कि जिले में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन के मद्देनजर जिला पंचायत में एमडीएम सेल बनाया गया है । जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी को एमडीएम सेल का प्रभारी अधिकारी बनाया गया है । टाँस्क मैनेजर श्रीमति मधुलिका जोशी, क्वालिटी माँनीटर लक्ष्मी कुशवाह और सुनीता संधीर और सहायक परियोजना अधिकारी गणेश सिंह चौहान को एमडीएम सेल में पदस्थ किया गया है। मध्यान्ह भोजन प्रभारी एवं टाँस्क मैनेजर तथा क्वालिटी माँनीटर द्वारा जिले की विभिन्न शालाओं का विगत दिवस आकस्मिक निरीक्षण किया।
शालाओं के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान निरीक्षण दल को शाला बंद पाए जाने, भोजन खुले में बनता पाए जाने, मध्यान्ह भोजन के स्थान पर सेब, बिस्किट दिए जाने तथा मीनू के मुताबिक बच्चों को मध्यान्ह भोजन का वितरण नही किए जाने की रिर्पोट मिलने पर इसे गंभीरता से लेते हुए जिला पंचायत के सीईओ अरूण कुमार तोमर द्वारा उक्त कार्यवाही की गई है । इस सिलसिले में आदेश जारी कर दिए गए है । श्री तोमर ने कहा कि जिले में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में लापरवाही को बर्दाश्त नही किया जायेगा ।
जिन कर्मचारियों की दो-दो वेतन वृद्धियों असंचयी प्रभाव से रोकी गई है उनमें सीहोर तहसील के संकुल केन्द्र अहमदपुर की प्राथमिक शाला टूरगांव के सहायक अध्यापक अर्जुनसिंह तंवर, प्राथमिक शाला चांदबडजागीर के सहायक अध्यापक गंगासिंह सोलंकी, संकुल केन्द्र श्याम की प्राथमिक शाला पंपापुर में पदस्थ सहायक अध्यापक श्रीमति सुलेखा चौहान, माध्यमिक शाला बमूलिया के सहायक शिक्षक मांगीलाल ठाकूर, निर्मल सिंह कुशवाह और संतोषसिंह कनवरिया शामिल हैं ।
इसी तरह बुधनी तहसील के संकूल केन्द्र बकतरा की माध्यमिक शाला खिड़ियाकुर्मी के शिक्षक वर्ग तीन जगदीश प्रसाद मीना, प्राथमिक शाला बासगहन के सहायक शिक्षक अनिल कुमार चौहान, माध्यमिक शाला खितवई के सहायक शिक्षक विजयसिंह मेहर और प्राथमिक शाला रिछोड़ा के सहायक शिक्षक आजादसिंह की दो दो वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई ।
मध्यान्ह भोजन में लापरवाही बरतने पर तहसील सीहोर की प्राथमिक शाला पम्पापुर में पदस्थ संविदा शाला शिक्षक श्रेणी तीन श्रीमति हेमलता सावनेर, माध्यमिक शाला बमूलिया में पदस्थ संविदा शाला शिक्षक वर्ग दो श्रीमति भारती पाटीदार, श्रीमति मीनाक्षी शर्मा ओर संविदा शाला शिक्षक वर्ग तीन श्रीमति नीलम मीना, प्राथमिक शाला बनखेड़ा की संविदा शाला शिक्षक श्रेणी तीन श्रीमति सुलभा जोशी, बुधनी तहसील की प्राथमिक शाला बासगहन में पदस्थ संविदा शाला शिक्षक श्रेणी तीन श्रीमति तरूणा सुजाने के खिलाफ एक दिन का वेतन काटने की कार्यवाही की गई। गौरतलब है कि जिले में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन के मद्देनजर जिला पंचायत में एमडीएम सेल बनाया गया है । जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी को एमडीएम सेल का प्रभारी अधिकारी बनाया गया है । टाँस्क मैनेजर श्रीमति मधुलिका जोशी, क्वालिटी माँनीटर लक्ष्मी कुशवाह और सुनीता संधीर और सहायक परियोजना अधिकारी गणेश सिंह चौहान को एमडीएम सेल में पदस्थ किया गया है। मध्यान्ह भोजन प्रभारी एवं टाँस्क मैनेजर तथा क्वालिटी माँनीटर द्वारा जिले की विभिन्न शालाओं का विगत दिवस आकस्मिक निरीक्षण किया।
मुँह बोले भाई ने बहन के साथ किया धोखा
आष्टा 4 फरवरी (नि.सं.)। जावर जोड़ पर स्थित एचपी आटो सेंटर पेट्रोल पंप जो कि श्रीमति प्रीति शुक्ला पत्नि श्री राजेश शुक्ला निवासी इन्दौर संचालित करती हैं।
यहीं पर इन्दौर निवासी हीरालला मंडावरा सन आफ नारायण मंडावरा निवासी इन्दौर जो श्रीमति प्रीति शुक्ला को अपनी बहन समान मानता था एवं अपने इस मुँह बोले भाई पर श्रीमति शुक्ला ने विश्वास कर कुछ माह पूर्व पेट्रोल पंप के कार्य में आने वाले कुछ चैक हस्ताक्षर करके दिये थे लेकिन इस मुँह बोले भाई के मन में पाप आ गया और उसने एक कहानी गढ़ते हुए यह बताया कि उक्त चैक गुम गये। तब श्रीमति प्रीति शुक्ला ने भाई द्वारा बताये गई बात पर संबंधित बैंक को सूचना कर पेमेंट स्टाप करा दिया था। लेकिन मन में पाप आ जाने के कारण उक्त मुँह बोले भाई ने अचानक जो पहले कहता था कि उक्त चैक गुम गये हैं में से एक चैक भारतीय स्टेट बैंक जावर का था, उसमें 10 लाख रुपये भरक र लगा दिया लेकिन स्टाप पेमेंट के कारण उक्त चैक भुनाया नहीं जा सका और यह पोल खुल गई जब श्रीमति शुक्ला ने जावर थाना में मंडावरा के खिलाफ एक लिखित में शिकायत दी। शिकायत की जांच पर जावर पुलिस ने हीरालाल मंडावरा के खिलाफ धारा 420, 406 और 471 के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर लिया है। जावर थाना प्रभारी श्री जाट ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि उक्त व्यक्ति एक तरह से उक्त पेट्रोल पंप का संचालन किया करता था तथा श्रीमति प्रीति शुक्ला को वह अपनी बहन मानता था। बहन भाई के उक्त विश्वास के बीच में वह अमानत में खयानत एवं धोखाधड़ी का मामला जांच में आने के बाद उक्त धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
यहीं पर इन्दौर निवासी हीरालला मंडावरा सन आफ नारायण मंडावरा निवासी इन्दौर जो श्रीमति प्रीति शुक्ला को अपनी बहन समान मानता था एवं अपने इस मुँह बोले भाई पर श्रीमति शुक्ला ने विश्वास कर कुछ माह पूर्व पेट्रोल पंप के कार्य में आने वाले कुछ चैक हस्ताक्षर करके दिये थे लेकिन इस मुँह बोले भाई के मन में पाप आ गया और उसने एक कहानी गढ़ते हुए यह बताया कि उक्त चैक गुम गये। तब श्रीमति प्रीति शुक्ला ने भाई द्वारा बताये गई बात पर संबंधित बैंक को सूचना कर पेमेंट स्टाप करा दिया था। लेकिन मन में पाप आ जाने के कारण उक्त मुँह बोले भाई ने अचानक जो पहले कहता था कि उक्त चैक गुम गये हैं में से एक चैक भारतीय स्टेट बैंक जावर का था, उसमें 10 लाख रुपये भरक र लगा दिया लेकिन स्टाप पेमेंट के कारण उक्त चैक भुनाया नहीं जा सका और यह पोल खुल गई जब श्रीमति शुक्ला ने जावर थाना में मंडावरा के खिलाफ एक लिखित में शिकायत दी। शिकायत की जांच पर जावर पुलिस ने हीरालाल मंडावरा के खिलाफ धारा 420, 406 और 471 के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर लिया है। जावर थाना प्रभारी श्री जाट ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि उक्त व्यक्ति एक तरह से उक्त पेट्रोल पंप का संचालन किया करता था तथा श्रीमति प्रीति शुक्ला को वह अपनी बहन मानता था। बहन भाई के उक्त विश्वास के बीच में वह अमानत में खयानत एवं धोखाधड़ी का मामला जांच में आने के बाद उक्त धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
जब तुम मेरा सम्मान नहीं करते....मैं क्यों ध्यान रखूं
सीहोर 4 फरवरी (घुम्मकड़)। कल एक नगर की सबसे महत्वपूर्ण संस्था की बैठक में प्रतिनिधि और उनके अध्यक्ष आमने-सामने बैठे थे। बैठक क्या थी खिचड़ी पक रही थी कि आगे कैसे कमाई जारी रखी जाये....एक ने कहा ''अरे अध्यक्ष जी आप हम लोगों का बिल्कुल ध्यान नहीं रखते हैं पूर्व में जो वो अध्यक्ष थे बड़े दमदार थे, उनके कार्यकाल में बड़े मजे रहते थे वो सबका ध्यान रखते थे आपके राज में तो दो-तीन ही खुश हैं...'' इस पर अध्यक्ष बोला ''नहीं भाई ऐसा नहीं है हम सबको साथ लेकर चलेंगे''
कब......! यह बात फिर सारे जनप्रतिनिधियों ने एक साथ कही। फिर एक के बाद एक यह सारे बोलना शुरु हो गये ''आपका शासनकाल बड़ा दुखदाई है....बस आपके दो-तीन अपने वाले ही मजे कर रहे हैं.... हमारी तरफ ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है....हमारी भी आपको व्यवस्था करानी चाहिऐ....कम से कम महिने में 5 हजार रुपये तो स्थायी रुप से आप दिया कीजिये....बल्कि खास त्यौहारों पर तो 10 हजार रुपये की व्यवस्था करानी चाहिऐ....इनमें एक सबसे मोटा आदमी भी बैठा था वह अचानक बोल पड़ा अरे मैने जीप-कार ले ली है तो इसका मतलब यह थोड़े ही कि मेरे पास रुपया है, मैने सब कमाया है तो क्या आपके कारण....मेरी स्थिति बहुत विषम चल रही है...मेरा तो कोई ध्यान ही नहीं रखता....मेरी पत्नि भी आपका साथ देती है फिर मेरी जेब का साथ देना आपका कर्तव्य है....। कर्तव्य की बात होते ही सबने फिर कहना शुरु कर दिया हाँ...हाँ यह सही कहता है आपका कर्तव्य है कि अपने-अपने वालों को ही नहीं बल्कि हमें भी कुछ दो, और ना दो तो कम से कम 5-5 हजार रुपया महिना ही दो....। फिर सबने पुराने अध्यक्ष को याद करना शुरु कर दिया कि वो कितने अच्छे थे....सबका ख्याल रखते थे....उनके जैसा कोई नहीं.....''
अचानक सामने बैठे अध्यक्ष की सहनशक्ति जबाव दे गई वो बोला ''....भैया तुम्हारा क्या गया....मेरे तो बैठे ठाले इस अध्यक्ष बनने के चक्कर में 5 करोड़ का नुकसान हो गया....मेरा तो पारम्परिक धंधा चौपट हो गया....उसकी भरपाई भी करनी है....वो कैसे होगी....मैं तुम्हारा ध्यान क्यों रखूँ....मेने तुम्हे इतना माल काम दिया तुमने कभी मुझे बुलाकर मेरा सम्मान भी किया...? फिर मैं तुम्हारा ध्यान क्यों रखूं....।'' अध्यक्ष के 5 करोड़ की बात सुनकर सारे बेचारे जनप्रतिनिधि चुप हो गये....वो मन ही मन सोच रहेथे....हाँ भई हाँ इसका नुकसान बड़ा है पहले इसकी पूर्ति हो जाये....बैठक में गहन चिंतन का माहौल छा गया....सब चुप होकर सोचने लगे। 2 घंटे चली इस चिंतन बैठक का निष्कर्ष क्या ? निकला यह किसी ने खुलकर नहीं कहा लेकिन निष्कर्ष सबको मन ही मन मालूम था....।
कब......! यह बात फिर सारे जनप्रतिनिधियों ने एक साथ कही। फिर एक के बाद एक यह सारे बोलना शुरु हो गये ''आपका शासनकाल बड़ा दुखदाई है....बस आपके दो-तीन अपने वाले ही मजे कर रहे हैं.... हमारी तरफ ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है....हमारी भी आपको व्यवस्था करानी चाहिऐ....कम से कम महिने में 5 हजार रुपये तो स्थायी रुप से आप दिया कीजिये....बल्कि खास त्यौहारों पर तो 10 हजार रुपये की व्यवस्था करानी चाहिऐ....इनमें एक सबसे मोटा आदमी भी बैठा था वह अचानक बोल पड़ा अरे मैने जीप-कार ले ली है तो इसका मतलब यह थोड़े ही कि मेरे पास रुपया है, मैने सब कमाया है तो क्या आपके कारण....मेरी स्थिति बहुत विषम चल रही है...मेरा तो कोई ध्यान ही नहीं रखता....मेरी पत्नि भी आपका साथ देती है फिर मेरी जेब का साथ देना आपका कर्तव्य है....। कर्तव्य की बात होते ही सबने फिर कहना शुरु कर दिया हाँ...हाँ यह सही कहता है आपका कर्तव्य है कि अपने-अपने वालों को ही नहीं बल्कि हमें भी कुछ दो, और ना दो तो कम से कम 5-5 हजार रुपया महिना ही दो....। फिर सबने पुराने अध्यक्ष को याद करना शुरु कर दिया कि वो कितने अच्छे थे....सबका ख्याल रखते थे....उनके जैसा कोई नहीं.....''
अचानक सामने बैठे अध्यक्ष की सहनशक्ति जबाव दे गई वो बोला ''....भैया तुम्हारा क्या गया....मेरे तो बैठे ठाले इस अध्यक्ष बनने के चक्कर में 5 करोड़ का नुकसान हो गया....मेरा तो पारम्परिक धंधा चौपट हो गया....उसकी भरपाई भी करनी है....वो कैसे होगी....मैं तुम्हारा ध्यान क्यों रखूँ....मेने तुम्हे इतना माल काम दिया तुमने कभी मुझे बुलाकर मेरा सम्मान भी किया...? फिर मैं तुम्हारा ध्यान क्यों रखूं....।'' अध्यक्ष के 5 करोड़ की बात सुनकर सारे बेचारे जनप्रतिनिधि चुप हो गये....वो मन ही मन सोच रहेथे....हाँ भई हाँ इसका नुकसान बड़ा है पहले इसकी पूर्ति हो जाये....बैठक में गहन चिंतन का माहौल छा गया....सब चुप होकर सोचने लगे। 2 घंटे चली इस चिंतन बैठक का निष्कर्ष क्या ? निकला यह किसी ने खुलकर नहीं कहा लेकिन निष्कर्ष सबको मन ही मन मालूम था....।
470 लाख की लागत से बन रहे भवन की मजबूती सबसे जुदा!
सीहोर 4 फरवरी (नि.सं.)। नगर में बन रहे संयुक्त कलेक्टर भवन के बनने से सीहोर का भविष्य क्या होगा यह बात यदि छोड़ दी जाये और सिर्फ निर्माण कार्य देखा जाये तो वाकई यहाँ पहली बार इतना मजबूत कार्य नगर के मध्य होते हुए देखा जा सकता है। खुद जिलाधीश ने इसके लिये अपने परिचित ठेकेदार से निवेदन कर इस कार्य को व्यवस्थित कराने के प्रयास किये थे जिसके चलते ही यहाँ संयुक्त कलेक्टर भवन की नींव ही इतनी मजबूत बन रही है कि इमारत निश्चित ही काबिले तारीफ रहेगी। हालांकि 4 करोड़ 70 लाख रुपये की विशाल राशि से इस भवन का निर्माण हो रहा है लेकिन निर्माण कार्य देखने योग्य है।
बस डिपो के पास महाविद्यालय प्रांगण से लगी हुई भूमि पर संयुक्त कलेक्टर भवन का निर्माण कार्य चल रहा है जो युध्द स्तर पर जारी है। इसके लिये ठेकेदार बाहर से बुलाये गये हैं वर्तमान में इन्दौर के ठेकेदार द्वारा इसका निर्माण कराया जा रहा है लेकिन लोक निर्माण विभाग के कार्य पालन यंत्री एल.के.दुबे निर्माण कार्य में विशेष रुचि रख रहे हैं जिसके चलते लोक निर्माण विभाग के अधिकारी यहाँ निर्माण कार्य के दौरान प्रतिदिन उपस्थित रहते हैं और कार्य की गुणवत्ता पर ध्यान देते हैं।
इतना ही घोर आश्चर्य यह भी है कि इस निर्माण के ठेकेदार ने स्वयं ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों व निगाह रखने वाले उपयंत्रियों को छूट दे रखी है कि वह स्वयं ही आगे रहकर अच्छे से अच्छा निर्माण कार्य करायें गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाये।
निर्माण कार्य की इसी विशेषता के कारण यह भवन अपनी मजबूती के चलते चर्चा का विषय बनने लगा है। नींव भराने का कार्य ही अभी चल रहा है लेकिन जो कुछ कार्य दिखने लगा है वह आभाष करा रहा है कि काम मजबूत हो रहा है। इस संबंध में मुख्य कार्यपालन यंत्री एल.के.दुबे ने फुरसत को बताया कि लागत 470 लाख के अलावा यह निर्माण कार्य इस वर्ष नवम्बर तक पूर्ण होने की संभावना है।
कार्य की गुणवत्ता लगातार जांची जा रही है। क्या कोई उपकरण भी निर्माण के लाये गये हैं ? इस प्रश्न के उत्तर में उन्होने कहा कि नहीं ऐसा नहीं है सिर्फ पूरी ईमानदारी से निर्माण कार्य करने भर से ही यह स्थिति बन गई है। हमने निश्चित कर रखा है कि मटेरियल किस हिसाब से बनना है। मटेरियल की जांच लेबोरेटरी में पहले की जाती है फिर निर्माण कराया जाता है। उल्लेखनीय है कि महाविद्यालय प्रांगण के आसपास की जमीन भीषण ग्रीष्म ऋतु में तिड़क जाती है ऐसा माना जाता है उस क्षेत्र के भवनों में दीवारों में दरारे पड़ जाया करती हैं। यह क्षेत्र कैसे पसंद किया गया यह तो राम जाने लेकिन मजबूती वाकई जरुरी थी जो देखने को भी मिल रही है निश्चित ही भवन की उम्र अच्छी रहेगी।
बस डिपो के पास महाविद्यालय प्रांगण से लगी हुई भूमि पर संयुक्त कलेक्टर भवन का निर्माण कार्य चल रहा है जो युध्द स्तर पर जारी है। इसके लिये ठेकेदार बाहर से बुलाये गये हैं वर्तमान में इन्दौर के ठेकेदार द्वारा इसका निर्माण कराया जा रहा है लेकिन लोक निर्माण विभाग के कार्य पालन यंत्री एल.के.दुबे निर्माण कार्य में विशेष रुचि रख रहे हैं जिसके चलते लोक निर्माण विभाग के अधिकारी यहाँ निर्माण कार्य के दौरान प्रतिदिन उपस्थित रहते हैं और कार्य की गुणवत्ता पर ध्यान देते हैं।
इतना ही घोर आश्चर्य यह भी है कि इस निर्माण के ठेकेदार ने स्वयं ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों व निगाह रखने वाले उपयंत्रियों को छूट दे रखी है कि वह स्वयं ही आगे रहकर अच्छे से अच्छा निर्माण कार्य करायें गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाये।
निर्माण कार्य की इसी विशेषता के कारण यह भवन अपनी मजबूती के चलते चर्चा का विषय बनने लगा है। नींव भराने का कार्य ही अभी चल रहा है लेकिन जो कुछ कार्य दिखने लगा है वह आभाष करा रहा है कि काम मजबूत हो रहा है। इस संबंध में मुख्य कार्यपालन यंत्री एल.के.दुबे ने फुरसत को बताया कि लागत 470 लाख के अलावा यह निर्माण कार्य इस वर्ष नवम्बर तक पूर्ण होने की संभावना है।
कार्य की गुणवत्ता लगातार जांची जा रही है। क्या कोई उपकरण भी निर्माण के लाये गये हैं ? इस प्रश्न के उत्तर में उन्होने कहा कि नहीं ऐसा नहीं है सिर्फ पूरी ईमानदारी से निर्माण कार्य करने भर से ही यह स्थिति बन गई है। हमने निश्चित कर रखा है कि मटेरियल किस हिसाब से बनना है। मटेरियल की जांच लेबोरेटरी में पहले की जाती है फिर निर्माण कराया जाता है। उल्लेखनीय है कि महाविद्यालय प्रांगण के आसपास की जमीन भीषण ग्रीष्म ऋतु में तिड़क जाती है ऐसा माना जाता है उस क्षेत्र के भवनों में दीवारों में दरारे पड़ जाया करती हैं। यह क्षेत्र कैसे पसंद किया गया यह तो राम जाने लेकिन मजबूती वाकई जरुरी थी जो देखने को भी मिल रही है निश्चित ही भवन की उम्र अच्छी रहेगी।
434 क्विंटल लाल गेहूँ मण्डी व्यापारी के यहाँ पकड़ाया
सीहोर 4 फरवरी (फुरसत)। गल्ला मण्डी के एक व्यापारी प्रतिष्ठान से आज मार्केटिंग सोसायटी लाल गेहूँ 2-4 बोरे नहीं वरन पूरे 434 क्विंटल जप्त किया गया है। इतनी बड़ी मात्रा में चल रही धांधलाई लाल गेहूँ की अपनी अलग पहचान के कारण और भी खुलकर सामने आ गई।
साथ ही यह पोल भी खुल गई कि आखिर मार्केटिंग में कितनी गड़बड़ियां चल रही हैं। नायब तहसीलदार नरेन्द्र सिंह ठाकुर ने मौके पर पहुँचकर पूरी कार्यवाही की है।
सीहोर में मार्केटिंग सोसायटी और उचित मूल्य उपभोक्ता भण्डार वालों द्वारा कितनी धांधलाई की जा रही है इसका खुला उदाहरण आज उस वक्त देखने को मिला जब अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री मिश्रा के निर्देश में नायब तहसीलदार नरेन्द्र सिंह ठाकुर के नेतृत्व में गल्ला मण्डी की एक दुकान राजकुमार एण्ड कम्पनी पर छापा मारा गया।
दुकान संचालक शैलेन्द्र राठौर को नदारत रहे लेकिन उनके भाई रामबाबू मिल गये। छापा दल के साथ खाद्य विभाग सहायक अधिकारी श्री कपूर, एफसीआई के श्री सोभानी तथा मण्डी के सचिव भी थे। यहाँ दुकान के बाहर ही भारतीय खाद्य निगम का नाम छपी हुई 50-50 किलो की कट्टियाँ जमी हुई थी। जो 55-60 से अधिक थीं।
जांच शुरु हुई तो पता चला कि पूरी दुकान में जगह-जगह लाल गेहूं भरा हुआ है। इतना ही नहीं बल्कि दुकानदार लाल गेहूँ को सादे गेहूँ में मिलाकर उसे बेचने की नई पध्दति इजाद कर रखी थी। यह सारी जांच की गई और माल मापा गया तो पता चला कि करीब 434 क्विंटल लाल गेहूँ दुकान अवैध रुप से भरा हुआ था। जिसे नायब तहसीलदारी ने कार्यवाही करते हुए मण्डी सचिव के सुपुर्द कर दिया है।
हालांकि दुकानदार के भाई ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि हम यह गेहूँ नीलामी में खरीदकर लाये हैं लेकिन इसके संबंध में उसने कोई कागजात आदि पेश नहीं किये। हालांकि ऐसा संभव भी नहीं है। कार्यवाही जिलाधीश के समक्ष प्रस्तुत की जायेगी। इधर मण्डी विभाग भी कार्यवाही करना शुरु कर चुका है।
उल्लेखनीय है कि सीहोर में कई उचित मूल्य की दुकानों से दुकान माह के संचालक की मिली भगत से माह के अंतिम दिनों में ब्लेक में गेहूँ चावल आटा चक्की व्यवसायी एवं फड़ लगाकर गल्ला बेचने वाले उठा लेते हैं।
साथ ही यह पोल भी खुल गई कि आखिर मार्केटिंग में कितनी गड़बड़ियां चल रही हैं। नायब तहसीलदार नरेन्द्र सिंह ठाकुर ने मौके पर पहुँचकर पूरी कार्यवाही की है।
सीहोर में मार्केटिंग सोसायटी और उचित मूल्य उपभोक्ता भण्डार वालों द्वारा कितनी धांधलाई की जा रही है इसका खुला उदाहरण आज उस वक्त देखने को मिला जब अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री मिश्रा के निर्देश में नायब तहसीलदार नरेन्द्र सिंह ठाकुर के नेतृत्व में गल्ला मण्डी की एक दुकान राजकुमार एण्ड कम्पनी पर छापा मारा गया।
दुकान संचालक शैलेन्द्र राठौर को नदारत रहे लेकिन उनके भाई रामबाबू मिल गये। छापा दल के साथ खाद्य विभाग सहायक अधिकारी श्री कपूर, एफसीआई के श्री सोभानी तथा मण्डी के सचिव भी थे। यहाँ दुकान के बाहर ही भारतीय खाद्य निगम का नाम छपी हुई 50-50 किलो की कट्टियाँ जमी हुई थी। जो 55-60 से अधिक थीं।
जांच शुरु हुई तो पता चला कि पूरी दुकान में जगह-जगह लाल गेहूं भरा हुआ है। इतना ही नहीं बल्कि दुकानदार लाल गेहूँ को सादे गेहूँ में मिलाकर उसे बेचने की नई पध्दति इजाद कर रखी थी। यह सारी जांच की गई और माल मापा गया तो पता चला कि करीब 434 क्विंटल लाल गेहूँ दुकान अवैध रुप से भरा हुआ था। जिसे नायब तहसीलदारी ने कार्यवाही करते हुए मण्डी सचिव के सुपुर्द कर दिया है।
हालांकि दुकानदार के भाई ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि हम यह गेहूँ नीलामी में खरीदकर लाये हैं लेकिन इसके संबंध में उसने कोई कागजात आदि पेश नहीं किये। हालांकि ऐसा संभव भी नहीं है। कार्यवाही जिलाधीश के समक्ष प्रस्तुत की जायेगी। इधर मण्डी विभाग भी कार्यवाही करना शुरु कर चुका है।
उल्लेखनीय है कि सीहोर में कई उचित मूल्य की दुकानों से दुकान माह के संचालक की मिली भगत से माह के अंतिम दिनों में ब्लेक में गेहूँ चावल आटा चक्की व्यवसायी एवं फड़ लगाकर गल्ला बेचने वाले उठा लेते हैं।
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