Friday, November 21, 2008

जो जीत रहा होगा उसे ही वोट देगा मतदाता, कांग्रेस और जनशक्ति के बीच अटके कई मतदाता

      सीहोर 20 नवम्बर (विशेष प्रति.)। विधानसभा चुनाव 2008 में पहली बार ऐसा हो रहा है कि भाजपा के खिलाफ एक लहर-सी बनी हुई है और यह लहर संभवत: सत्ता के विरोध की लहर है। सत्ता के विरोध की लहर बन जाना एक आम बात है और इसका भरपूर लाभ सीहोर में कांग्रेस और जनशक्ति उठाने को जी-जान से लगे हुए हैं। लेकिन जहाँ कांग्रेस प्रत्याशी भाजपा के खिलाफ कुछ भी बोलने से बच-छुप रहे हैं वहीं जनशक्ति खुलकर भाजपा का विरोध कर रही हैं। लेकिन मतदाता इससे भी दो कदम आगे हैं। भाजपा का वह विरोधी मतदाता जो ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्रों में निवास करता है उसने तय कर रखा है कि वह अपना मत किसी भी तरह बेकार नहीं जाने देगा और उसे ही मत देगा जो जीत रहा होगा। यही हालत कांग्रेस के विरोधी मतदाता की भी है। कुल मिलाकर हर एक मतदाता मौन है और गंभीर रुप से विचार मुद्रा में नजर आ रहा है।

      सीहोर विधानसभा क्षेत्र भाजपा का लम्बे समय से गढ़ माना जाता है जहाँ भाजपा के पारम्परिक मतदाताओं की गिनती बहुत अधिक है। इसलिये प्रतिद्वंदी पार्टी कांग्रेस को हमेशा यहाँ कई गुना मेहनत करके आगे बढ़ने के प्रयास करने पड़ते हैं। लेकिन हर बार कांग्रेस किसी ना किसी निर्दलीय या बागी के कारण परेशान रहती है और भाजपा जीत जाती है। लेकिन इस बार कांग्रेस की बजाय उल्टे भाजपा को सर्वाधिक दिक्कत आती हुई नजर आ रही है। यहाँ भाजपा पहली बार अपने ही मतदाताओं के विरोध का सामना कर रही है। राजधानी के सबसे यादा करीब होने के बावजूद कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का अनवरत क्रम सत्ता में होते हुए भाजपा में जारी रहा और भाजपा कार्यकर्ताओं को खुश नहीं रख सकी, कई मोर्चो व पदो की घोषणाएं पूरे पाँच साल तक अटकी रहीं।

      विरोध की यह स्थिति शहरी क्षेत्र में नगर पालिका चुनाव के समय ही सामने आ गई थी लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह स्थिति है इसकी चर्चाएं लम्बे समय से विद्यमान है। पहली बार लम्बे समय बाद भाजपा विधायक श्री सक्सेना के भतीजे देवेन्द्र सक्सेना राजनीतिक रुप से जनपद पंचायत अध्यक्ष बने जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में देवेन्द्र के प्रति जो अपेक्षा बढ़ गई थी वह भी यह अपने स्वभाव के कारण पूरी नहीं कर सके। संभवत: यह भी एक कारण रहा जो ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा का इन पाँच वर्षों में विरोध फूटने लगा।

      इसलिये करीब एक साल पूर्व से ही यह माना जा रहा था कि इस बार सीहोर विधानसभा क्षेत्र से जो भी प्रत्याशी चुनाव मैदान में दमदारी से उतरेगा और खुलकर भाजपा का विरोध करेगा उसे भाजपा से दुखी व सताये हुए मतों का एक बड़ा बंडल आफर सुरक्षित रुप से मिल जायेगा। यहाँ तक माना जा रहा था कि विधान सभा चुनाव 2008 में सीहोर से कोई आम व्यक्ति भी यदि कांग्रेस खड़ा कर देगी तो उसे भाजपा के विरोधी मत बहुतायत में मिलेंगे। यह बात भाजपा भी बखूवी समझ रही थी उसने अपनी रणनीति और चुनावी समीकरण बैठाने बहुत पहले से शुरु कर दिये थे।

      इधर जैसे ही चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ हुई भाजपा का अंत:विरोध खुलकर सामने आ गया और महाजन तथा त्यागी गुट ने एक साथ मिलकर जहाँ विरोध शुरु कर दिया वहीं अब चुनाव में महाजन गुट के प्रत्याशी सन्नी महाजन तो मैदान में ही आ गये हैं जबकि त्यागी गुट अभी तटस्थ हो गया है। इस सीहोर विधानसभा में त्यागी समाज के मतदाताओं की संख्या भी प्रभावी है, और वह अब तक भाजपा के ही पक्ष में रहते थे आगे क्या होगा कहा नहीं जा सकता।

      कुल मिलाकर भाजपा का विरोध खुद भाजपाईयों ने कर दिया, बल्कि सन्नी महाजन ने व उनके समर्थकों ने तो खुलकर भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ तीखा बोलना शुरु कर दिया। स्थिति यह बन गई  कि भाजपा के विरोध में जो आंशिक लहर सी बन रही थी वह सन्नी महाजन के समर्थन में नजर आने लगी।

      इधर कांग्रेस ने अपना प्रचार शुरु करने के साथ ही कांग्रेस को एकजुट तो कर लिया लेकिन वह भाजपा के खिलाफ आक्रामक शैली में प्रचार-प्रसार नहीं कर सकी।

      भाजपा ने अपनी कुशल रणनीति के तहत कांग्रेस में विद्रोह की शुरुआत करवा दी। स्थिति यह बनी कि कांग्रेस प्रारंभ के दो दिनों तक अपने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का आक्रोश झेलती रही फिर वह सब संगठित हुए तो चुनाव प्रचार शुरु होने के बाद कांग्रेस का एक नेता भाजपा में चला गया। कुल मिलाकर कांग्रेस में भी विरोध पैदा करने के भाजपाई प्रयास अभी तक जारी हैं।

      भाजपा की कुशल राजनीति का ही परिणाम है कि कांग्रेस अभी तक बजाय भाजपा पर आक्रामक शैली से बार करती वह खुद के घर को सुरक्षित करने और अपने स्थायी वोट बैंक को और बढ़ाने में लगी रही। उधर भाजपा के विरोधी मत बहुतायत में अभी सन्नी की बात करते नजर आते हैं।

      लेकिन विधानसभा चुनाव में जैसा की पूर्व में भी देखा गया है कि मतदाता उसे ही अपना समर्थन दिया करते हैं जिसकी जीत सुनिश्चित होती है। तो कुछ ऐसी ही स्थिति इस बार भी नजर आ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों के अनेक ग्रामीणों, सरपंचों, प्रमुखों से लेकर शहरी क्षेत्र के उन मतदाताओं से जब चर्चा होती हैतो वह यही कहते हैं कि जो जीत रहा होगा हम उसे ही अपना मतदान देंगे ताकि हमारा वोट फालतू नहीं जाये।

      ज्ञातव्य है कि पिछले ही चुनाव 2003 में जब कांग्रेस और भाजपा ने जोरदार ढंग से चुनाव लड़ा था तब कांग्रेस के निर्दलीय प्रत्याशी जसपाल सिंह अरोरा को बहुत ही कम मत प्राप्त हुए थे। जबकि ऊपरी रुप से समझा जा रहा था कि कांग्रेस प्रत्याशी का जबर्दस्त विरोध है और भाजपा में भी हल्की-फुल्की विरोध वाली बात है इसका बड़ा लाभ निर्दलीय प्रत्याशी को भी मिलेगा। लेकिन मत पेटियाँ खुलने के बाद यह बात स्पष्ट हो गई कि मतदाता बहुत समझदार है और जो जीत रहा होता है वह उसे ही अपना मत देकर मजबूत करता और यह अहसास भी कराता है कि हमने सहयोग दिया। हालांकि यह बात मुस्लिम मतदाताओं के लिये ही कही ही जाती है लेकिन जिस प्रकार से मतदात के परिणाम आते हैं उससे लगता है कि बहुतायत में हर धर्म जाति के मतदाता अपने मत का उपयोग करते हैं और जीत रहे व्यक्ति को ही मतदान करते हैं। सीहोर में अव्वल तो किसी के लिये भी यह कहना गलत होगा कि वह जीत रहा है या हार रहा है क्योंकि आज की स्थिति में मतदाता मौन होता जा रहा है और वह सारे प्रत्याशियों का स्वागत भी कर रहा है लेकिन निर्णय उसने अपने मन में बना लिया है। यह निर्णय अब आगामी पाँच दिनों में पूर्णत: अंतिम रुप से तय भी हो जायेगा। मतदाता मौन पर वो चुनेगा कौन यह कहना अभी मुश्किल है। हालांकि विरोधी वोट का लाभ उठाने जुटी कांग्रेस और जनशक्ति में कौन भारी है इस कहने की आवश्यकता नहीं है लेकिन भाजपा की पूर्ववर्ती विजयी श्रृंखला के होते हुए निर्णय क्या होगा, अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। 




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कांग्रेस-भाजपा, सन्नी को एक दूसरे की गोदी में डाल रहे

      सीहोर 20 नवम्बर (नि.सं.)। जनशक्ति के प्रत्याशी सन्नी महाजन यूँ तो खुले आम भाजपा के विरोधी के रुप में हैं और वह भाजपा का विरोध करते हुए जनशक्ति में शामिल होकर चुनाव भी लड़ रहे हैं लेकिन इन्हे अभी तक भाजपा ने अपना विरोधी स्वीकार नहीं किया है और कांग्रेस भी इन्हे अपने पाले से बाहर ही रख रही है। कुल मिलाकर सन्नी अधर में लटके हुए हैं।

      असल में जनशक्ति पार्टी के प्रत्याशी गौरव महाजन भाजपा का विरोध करते हुए पार्टी छोडक़र चुनाव लड रहे हैं और भाजपा के व भाजपा प्रत्याशी के विरोध में उनका चुनाव लड़ने का पूरा क्रम जारी है। लेकिन अभी तक भाजपा प्रत्याशी श्री सक्सेना ने सन्नी को अपना विरोधी स्वीकार ही नहीं किया है, वह पहले ही दिन से गौरव महाजन को कांग्रेस का बच्चा मान रहे हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि वह विगत 10 साल से कांग्रेस के लिये काम करते रहे हैं, उन्होने हमारा साथ कभी नहीं दिया तो इसलिये वह तो कांग्रेस के ही हैं। और उनके खड़े होने से कांग्रेस को नुकसान है।

      इधर कांग्रेस भी सन्नी को लेकर उत्साहित है और कांग्रेस का भी स्पष्ट कहना है कि सन्नी महाजन भाजपा के बच्चे हैं वह उन्ही का विरोध कर रहे हैं जिससे भाजपा को ही नुकसान होगा, और जितना भाजपा का नुकसान होगा कांग्रेस को उतना ही लाभ होगा। कांग्रेस की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

      कुल मिलाकर कांग्रेस और भाजपा दोनो ही गौरव को एक-दूसरे की गोदी में बैठाने का प्रयास कर रहे हैं।

जनता सभी को 'हार'पहना रही है..तो जीतेगा कौन?

      सीहोर 20 नवम्बर (नि.सं.)। विधानसभा चुनाव में जितना खेल धुरंधर प्रत्याशी नहीं दिखा पा रहे उससे यादा अच्छा खेल तो खुद जनता दिखाने में जुटी है। लाड़े-लाड़ी दोनो को नहलाने के बाद बारातियों को भी खुश करने की हुनरमंदी पहली बार जनता को दिखाते हुए देखा जा रहा है। जो भी प्रत्याशी आता है उसे ''हार'' जनता पहना देती है, हर प्रत्याशी उसी जनता से हार पहना जाता है तो फिर प्रश्न उठता है कि आखिर इस बार जीतेगा कौन? हार की व्यवस्था हर तरफ है लेकिन जीत के लिये कोई ठिकाना किसी को नजर नहीं आ रहा है।

      भारतीय जनता पार्टी के सिकन्दर रमेश सक्सेना हों, कांग्रेस के नायक अखलेश स्वदेश राय हों या फिर जनशक्ति के दुल्हेराजा सन्नी महाजन सभी  खुलकर मतदान मांगने जनता के बीच पहुँच रहे हैं। वह हर एक मोहल्ले, हर एक गली, हर एक बस्ती, गांव-चौपाल में पहुँचते हैं और आशीर्वाद की मांग करते हैं। जनता भी बहुत उस्ताद हैं कोई भी आये सबका स्वागत करती हैं। एक कुशल व्यापारी की तरह जनता इस बार सबको खूब भाव देने में लगी है, जो आता उसे ''हार '' पहना दिया जाता है। जनता एकत्र होती है और आने वाले प्रत्याशी को खुशी-खुशी हार पहना देती है। फिर जब दूसरा प्रत्याशी इसी स्थान पर आता है तो उसे भी यही जनता हार पहना देती है और यही क्रम जनता करती जाती है। मतदाता की इस प्रकार सबको हार पहनाने की पध्दति ने कई सवाल तो खड़े कर ही दिये हैं वरन असमंजस की स्थिति भी पैदा कर दी है। जब मतदाता हर प्रत्याशी को हार पहना रहे हैं तो फिर जीतेगा कौन ? यह किसी को समझ नहीं आ रहा है। मतदाता मौन है और संभवत: मत पेटियों में ही उसका मौन टूटेगा।

वो प्रत्याशी दूसरे प्रत्याशी के चुनाव कार्यालयों के चक्कर काट रहा

सीहोर 20 नवम्बर (नि.सं.)। खड़े होने को तो इस विधानसभा चुनाव में दो-चार नहीं 13 प्रत्याशी मैदान में आ गये हैं लेकिन कुछ प्रत्याशियों को यह समझ नहीं आ रहा कि खड़े होने के बाद अब वह क्या करें ? क्योंकि खडे होने में ही जो राशि खर्च हो चुकी है वह एक बड़ा खर्च हो गया है और ऊपर से कुछ पम्पलेट, पोस्टर से लेकर प्रचार वाहनों का भारी खर्च भी यह ओने-पोने प्रत्याशी कर रहे हैं। लेकिन इनकी हालत हर दिन बिगड़ रही हैं।

      असल ऐसे कुछेक प्रत्याशी तो सिर्फ इसलिये खड़े हो जाते हैं कि जब हम जबरन प्रचार कर-करके बड़े प्रत्याशियों को परेशान करने लगेंगे, उन्हे हमसे दिक्कत आने लगेगी तो फिर वह हमें बुलायेंगे और पूछेंगे की भैया कैसे बैठोगे तब हमारा पूरा खर्चा भी वह दे देंगे ऊपर से भी कुछ रुपये मिल जायेंगे और फ्री में हुए प्रचार और लोकप्रियता का मजा तो आयेगा ही। इसी चक्कर में कई छोटे-मोटे लोग किसी ना किसी माध्यम से चुनाव में खड़े हो जाते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ है। इनमें एक प्रत्याशी के  सर्वाधिक मजे आ रहे हैं वह खड़े होने के बाद से ही घबरा रहे हैं कि उनका खर्च वापस मिलेगा या नहीं इस चक्कर में हर दिन एक प्रचार वाहन तैयार करके वह सीधे प्रचार करते हुए छावनी बड़ा बाजार पहुँचते हैं यहाँ से वह सीधे सीहोर टाकीज चौराहे से होते हुए कुईया गार्डन के सामने से रुकते-रुकते निकलते हैं और फिर धीरे-से अपने घर लौट जाते हैं। वह हर दिन इस प्रयास में लग रहे हैं कि शायद बड़ा बाजार स्थित भाजपा कार्यालय या कुईया गार्डन सीहोर टाकीज चौराहा पर कांग्रेस कार्यालय वालों में से कोई उन्हे बुला लेगा लेकिन उनके प्रयास फालतू जा रहे हैं....जिससे उनका रक्तचाप हर दिन बढ़ने लगा है। उनको चिंता सता रही है कि रुपये वापस कैसे निकलेंगे, और इस चक्कर में उनके चक्कर लगते ही जा रहे हैं। 

जब श्यामपुर सेक्टर में भाजपा नेता को पुलिस डर से भागना पड़ा

सीहोर 20 नवम्बर (नि.सं.)। आज श्यामपुर सेक्टर में भाजपा के एक दमदार नेता नई उर्जा के साथ पहुँचे और उन्होने कुछेक लोगों को तैयार कर एकत्र किया और एक छोटा-सा जुलूस निकालने का प्रयास किया। कम संख्या में ही यह नारेबाजी करते हुए बाजार में निकल पड़े ताकि एक नया वातावरण बन जाये, लेकिन अचानक पुलिस ने इन पर धावा बोल दिया। बिना स्वीकृति के यह निकल पड़े थे और चुनाव आयोग के नियमों का खुला उल्लंघन कर रहे थे। नारेबाजी करते हुए इन लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया और थाने मे ंबैठा लिया। इन पर चुनाव आचार संहिता के तहत कार्यवाही भी की गई। लेकिन मजे की बात यह रही कि इनका नेतृत्व करने वाले नेताजी इतनी तेजी से यहाँ से गायब हुए कि वह सबसे पहले तो चुनाव कार्यालय में जाकर बैठ गये इसके बाद वह बिना रु के तत्काल वाहन चालू कर सीहोर की तरफ आ गये। अब श्यामपुर सेक्टर में दिन भर यही चर्चा चलती रही, चौराहे पर यही मजा लिया जाता रहा कि आज बिना स्वीकृति के नारेबाजी कर रहे जुलूस निकाल रहे लोगों को भागना पड़ा।

 

 

कामगारों को मतदान की सुविधा हेतु अवकाश

      सीहोर 20 नवम्बर (नि.सं.)। श्रमायुक्त मध्यप्रदेश ने कारखानों के अधिभोगियों से अपेक्षा की है कि वे विधान सभा निर्वाचन 2008 के तहत 27 नवम्बर  को होने वाले मतदान के लिए अपने कारखानों में कार्यरत मजदूरों को मतदान की सुविधा प्रदान करें। इस सिलसिले में श्रमायुक्त द्वारा परिपत्र जारी किया गया है। 

      कारखाना अधिनियम के तहत जारी परिपत्र में कारखाना मालिकों से यह अपेक्षा की गई है कि वे विधानसभा निर्वाचन के तहत 27 नवम्बर,08 को होने वाले मतदान के दिन अपने कामगारों के लिए कारखाना अधिनियम 1948 की धारा 52 को  प्रयोग  में लाते हुए साप्ताहिक अवकाश प्रति स्थापित करते हुए मतदान के दिन साप्ताहिक अवकाश घोषित करें जिससे कामगार सुविधाजनक रूप से अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें। सातों दिन क्रियाशील रहने वाले कारखाना मालिकों से यह अपेक्षा की गई है कि वे पूर्व परिपाटी अनुसार प्रथम एवं द्वितीय पाली के श्रमिकों को मतदान के लिए दो-दो घंटे की सुविधा देंगे। अर्थात पहली पाली नियमित समय से दो घंटे पूर्व बंद की जायगी और दूसरी पाली निर्धारित समय से दो घंटे बाद प्रारंभ की जायगी। निरन्तर प्रयिा की श्रेणी में आने वाले कारखानों में भी पूर्व परिपाटी के अनुसार श्रमिकों को उनके देय वेतन में किसी प्रकार की क्षति न पहुंचाते हुए बारी बारी से मतदान की सुविधा दी जायगी।

      ठीक इसी तरह दुकान एवं वाणिज्य संस्थानों के नियोजक कामगारों को मतदान की सुविधा देंगे। इस सिलसिले में मध्यप्रदेश दूकान एवं संस्थान अधिनियम के तहत निर्धारित दिन छुट्टी न रखते हुए मतदान के दिन यानि 27 नवम्बर,08 गुरूवार को छुट्टी रखी जायगी।

 

प्रमोद पटेल भोपाल मेमोरियल में भर्ती

      सीहोर 20 नवम्बर (नि.सं.)। मध्यप्रदेश निर्यात निगम के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद पटेल का गत दिनों श्यामपुर-अहमदपुर दौरे के दौरान अचानक स्वास्थ्य खराब हो जाने के कारण अपने निर्धारित दौरे को रद्द कर दिया हैं।

      उक्त आशय की जानकारी देते हुए जिला क्रिकेट एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष आशीष शर्मा ने बताया कि अपने दौरा कार्यक्रम में गत दिनों हार्ट की समस्या होने के कारण निवास पर डा.बी.के.चतुर्वेदी ने उपचार कर दो दिन की आराम की सलाह दी थी। लेकिन बुधवार को अचानक फिर से तबीयत खराब हो जाने के कारण राजधानी भोपाल के मेमोरियल अस्पताल में वार्ड क्रमांक एक में भर्ती किया हैं। श्री पटेल ने अपने संदेश में कहा कि आगामी 27 नवम्बर को जिले के विकास और बदलाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों को प्रचंड मतों से विजय श्री प्रदान करें। 

5 जुआरी एवं शस्त्र धारी गिरफ्तार

      सीहोर 20 नवम्बर (नि.सं.)। जिले की पुलिस ने असामाजिक तत्वों की धरपकड़ के दौरान 05 जुआरियों को गिरफ्तार करते हुये इनसे 2145 रुपये नगदी जप्त किये हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार नस.गंज थाना पुलिस ने स्थानीय निवासी इरशाद आ. बाबू खां, नूर खां, मुकीम खां, रसीद, रकीब खां को ताश पत्तों से हारजीत का दाव लगाकर जुआं खेलते हुये रंगे हाथों गिरफ्तार किया हैं पुलिस ने इनके कब्जे से 2145 रुपये नगदी व ताश पत्ते जप्त कर धूत अधिनियम के तहत कार्यवाही की हैं।

      वही बड़ोदिया निवासी सिरपाल आ. सिद्धगोड को अवैध रूप से छुरी लेकर घूमते पाये जाने पर गिफ्तार कर आर्म्स एक्ट के तहत कार्यवाही की है।

 

शस्त्रधारी गिरफ्तार

      सीहोर 20 नवम्बर (नि.सं.) सार्वजनिक स्थान पर अवैध रूप से शस्त्र लेकर धूमते पाये जाने पर कोतवाली पुलिस ने पीपली चौका नाका सुंदरसी जिला शाजापुर निवासी अमीन आ. शौकत खां 21 साल को गिफ्तार किया है। पुलिस ने इसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत प्रकरण कायम किया हैं।

 

ससुर बना हत्यारा लोहे की राड घोपी

      सीहोर 20 नवम्बर (नि.सं.)। नस.गंज थाना क्षेत्र के ग्राम नवलगांव में रहने वाले एक ससुर ने अपनी बहू के पेट में लोहे की राड घोप कर हत्या कर दी।

      प्राप्त जानकारी के अनुसार गत मंगलवार की शाम ग्राम नवलगांव निवासी  व्यापार सिंह बारेला अपनी पत्नी सुगरलीबाई व बच्चों के साथ अपने घर पर था उसी समय उसका पिता मालसिंह बारेला जंगल से घर आया और अपने पुत्र व्यापारसिंह को जोर-जोर से मां बहन की गालियां देने लगा व्यापार सिंह द्वारा जब अपने पिता को गालिया देने से मना किया गया तो वह और अधिक गुस्से में आ गया और लोहे की राड़ लेकर अपने पुत्र व्यापार सिंह को मारने दौड़ा यह देख व्यापार सिंह की पत्नी सुरंगलीबाई जब अपने पति को बचाने दौडी तो मालसिंह ने लोहे की राड़ अपनी बहू सुरंगलीबाई के पेट में उतार दी और जंगल तरफ राड लेकर भाग गया।

      घटना की रिपोर्ट पर नस.गंज पुलिस ने सुरंगलीबाई के ससुर मालसिंह के विरूद्ध भादवि. की धारा 302 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया हैं।

 

ग्रामीण वृद्ध ने फांसी के फंदे पर झूला

      सीहोर 20 नवम्बर (नि.सं.)। अज्ञात कारणों के चलते आज एक ग्रामीण  वृद्ध ने जंगल में फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम हेतु भेज मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरु कर दी हैं।

      प्राप्त जानकारी के अनुसार रेहटी थाना अन्तर्गत आने वाले ग्राम भैसान निवासी 70 वर्षीय रामरतन आ. गोटिया दरोई गत रविवार को अपने घर से परिजनों को बिना बताये चला गया था जिसका शव आज भैसान के जंगल में पेड़ से लटका दिया। बताया जाता है कि रामरतन दरोई मंदबुद्धि का था जो अक्सर परिजनों को बताये बिना घर से चला जाता था।

 

 जिला चिकित्सालय का दूरभाष परिवर्तित

      सीहोर 20 नवम्बर (नि.सं.)। जिला चिकित्सालय सीहोर का नया दूरभाष अब 697641 हो गया है। सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. टी.एन.चतुर्वेदी ने बताया कि जिला चिकित्सालय की आपात कालीन सेवा का दूरभाष मांक 226411 के स्थान पर परिवर्तित होकर अब 697641 हो गया है। आपात कालीन सेवा, एम्बूलेन्स अथवा स्वास्थ्य संबंधी सूचना के लिए नागरिक नए दूरभाष का उपयोग कर सकते हैं।