Friday, July 18, 2008

वो बड़ा चोर आ गया तो ये चोर नहीं पकड़ायेंगे

सीहोर। जैन मंदिर में हुई चोरी के बाद से पुलिस भले ही सक्रियता का प्रदर्शन कर रही हो लेकिन अभी तक कोई खास परिणाम सामने नहीं आ पाये हैं। यहाँ लोग तो तब स्तब्ध रह गये जब चोरी के दिन ही यहाँ एक वरिष्ठ नेता ने यहाँ उपस्थित पुलिस अधिकारियों से कहा कि अभी बड़ा वो बड़ा चोर आपका सीहोर में नहीं आया है, आप लोग हो जल्दी मेहनत करके चोर पकड़ लो, यदि वो बड़ा चोर आ गया तो फिर यह चोर नहीं पकड़ा पायेगा। लोग तब से एक-दूसरे से पूछ रहे हैं कि आखिर यह बड़ा चोर कौन है ? क्योंकि जनता बड़े स्तर पर चोरों से परेशान है।

पुन: किस्मत अजमाने के लिये अजीत सिंह ने तिरुपति बालाजी के दरबार में मत्था टेका

आष्टा 18 जुलाई (नि.सं.)। पूर्व विधायक अजीत सिंह एक बार पुन: आष्टा विधानसभा क्षेत्र से किस्मत अजमाने के लिये प्रयास में लग गये हैं कुछ महिनों से वे क्षेत्र में सक्रिय नजर आ रहे हैं। हाल ही में वे अपने मित्रों के साथ तिरुपति बालाजी के दरबार में पहुँचे और मत्था टेक कर इच्छापूर्ण की मानता कर लौट आये हैं।
वहाँ से लाये भगवान का प्रसाद व खुद प्रमुखजनों को बांट रहे हैं। यूँ तो आष्टा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकिट पर किस्मत आजमाने के लिये बापूलाल मालवीय, एच.आर. परमाल, जगदीश चौहान, नरेन्द्र खंगराले, राजाराम बडेभाई, घनश्याम जांगड़ा आदि के नाम चर्चा में है लेकिन जबसे केन्द्रिय मंत्री मंडल में युवराज योतिरादित्य सिंधिया को शामिल किया गया। तभी से क्षेत्र में अजीत सिंह का भी राजनीतिक ग्राफ बढ़ा है तथा केन्द्र की सत्ता और संगठन में युवराज का कद बढ़ने से अजीत सिंह को पुन: उम्मीद है कि उन्हे एक बार फिर युवराज के आशीर्वाद से आष्टा से टिकिट मिलेगा ।
इसी उम्मीद से वे आज कर क्षेत्र में लगातार सक्रिय होकर ग्राम-ग्राम पहुँचकर पुराने लोगों से मिल जुल रहे हैं। अभी चुनाव में देर है लेकिन अजीत सिंह की सक्रियता ने अन्य कई कांग्रेसियों को परेशान कर दिया है।


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नारायण बोला विद्युत थी ही नहीं....फिर कैसे लगी आग? पूरे जिले के उपपंजीयक मिलकर मिला रहे हिसाब-किताब

सीहोर 17 जुलाई (नि.सं.)। उपंपजीयक कार्यालय में लगी आग की वालाएं भले ही बुझ गई हों लेकिन इसकी दुर्गंध अभी तक खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। हर दिन नई चर्चाएं बाजार को सरगर्म कर रही है, तहसील से जुड़े कुछ खास तत्वों का मौन मामले को और गंभीर करता जा रहा है जबकि कार्यालय में पदस्थ भृत्य नारायण का स्पष्ट वक्तव्य की 'साहब अंदर तो लाईट थी ही नहीं तो फिर आग लगेगी कैसे' यह बात लोगों को अनेक विचार करने के लिये मजबूर कर रही है। उपंपजीयक श्री बसंल के पदार्पण के पूर्व आखिर यहाँ किसका प्रभार था ? आखिर वर्ष 2000 के ही कागजात पूर्ण रुपेण स्वाहा क्यों हो गये ? आखिर क्या कारण है कि श्रीमति मंगला शर्मा लोगों को देखते ही भड़क रही हैं और किसी को अंदर जाने नहीं देना चाहती है? आखिर क्यों अन्य कर्मचारियों की अपेक्षा जिले भर के उपंपजीयकों को एकत्र कर उनसे यहाँ फाईल व्यवस्थित कराई जा रही है ? क्या है राज और घटना के पीछे के क्या कारण है यह अभी स्पष्ट नहीं हो पा रहे हैं।
ऊपर से झमाझम बारिश हो रही हो, वर्षा का मौसम हो....तो ऐसे में कागजों में नमी आ जाना स्वभाविक है, यहाँ तो लकड़ी के सारे फर्नीचर ही नमी से फूलने लगते हैं लेकिन जिला उपपंजीयक कार्यालय में ऊपर हो रही बरसात के बावजूद अंदर एक कमरे विशेष में आग भड़क उठी। अंधेरी रात में 14-15 जुलाई की मध्यरात्री उपपंजीयक कार्यालय में आग लग गई और आग ने उसी स्थान पर अपना प्रभाव छोड़ा जहाँ वर्ष 2000 व इसके बाद के ताजा तरीन कागजातों का ढेर था। सारे महत्वपूर्ण और ताजे कागजात धीरे-धीरे आग में ऐसे जले की जिस अलमारी में वह रखे थे वह भी पूरी जलकर कोयला हो गई। आग आगे बढ़ती रही और धुंआ उठता रहा।
सुबह होते-होते चारों तरफ धुंआ फैला और बाद में आग बुझा दी गई।
लेकिन बैमौसम आग ने कई सवाल खड़े कर दिये। उपंपजीयक कार्यालय में उपपंजीयक के पद पर आये श्री बसंल जिनकी पदोन्नति हुई है वह मात्र एक माह पूर्व ही आये हैं। लेकिन श्री बसंल एक माह तक काम करने के बाद भी अभी तक स्वयं को इस कार्यालय से अनजान बता रहे हैं।
आज जब फुरसत से उनसे यह जानना चाहा कि क्या कार्यालय के उस कमरे में जहाँ आग लगी है वहाँ विद्युत थी या नहीं ? श्री बंसल ने कहा कि साहब मुझे नहीं मालूम, मैं अभी आया हूँ। बंसल ने कहा कि हमारा भृत्य नारायण अवश्य कह रहा है कि वहाँ लाईट नहीं थी वही बता रहा है कि टार्च से काम किया जाता था। हालांकि यही बात जिला पंजीयक श्रीमति मंगला शर्मा ने भी खुलकर कही है।
ज्ञातव्य है कि इसे पूरे कार्यालय में विद्युत व्यवस्था है लेकिन उस कमरे विशेष में जहाँ सर्वाधिक विद्युत की आवश्यकता है वहाँ विद्युत का कनेक्शन था ही नहीं। अब प्रारंभिक जांच कुछ भी हो लेकिन जब नारायण ने खुद ही कह दिया है कि वहाँ विद्युत नहीं थी तो विद्युत तारों से शार्ट-सर्किट होकर आग लगने की बात कैसे मानी जा सकती है?
रजिस्ट्रार कार्यालय की आग के पीछे के क्या कारण हो सकते हैं। असल में विशेष रुप से चूंकि वर्ष 2000 व इसके बाद के कागजात पूरी तरह जलकर खाक हो गये हैं और आग का कारण अभी तक अज्ञात है इस कारण भले ही कागजों में लगी आग बुझ गई हो लेकिन इसके पीछे किसी साजिश की दुर्गंध बहुत तेज फैलती जा रही है। आसानी से यह बात पच नहीं रही कि आखिर आग खुद कैसे लग गई ?
तो क्या आग लगाई गई है ?
उपपंजीयक कार्यालय में चल रही गतिविधियाँ, पूरे जिले भर के उपंपजीयकों को एक कमरे में बैठाकर जिस प्रकार फाईलें व्यवस्थित कराई जा रही हैं, छोटे कर्मचारियों की मदद नहीं ली जा रही और बार-बार पंजीयक श्रीमति मंगला शर्मा यहाँ चक्कर काट रही हैं, से कुछ लोग असमंजस में हैं। पूरी फाईलों को कब तक व्यवस्थित कर लिया जायेगा यह प्रश् का उत्तर कोई देने को तैयार है नहीं बल्कि विशेष रुप से कौन-सा रिकार्ड यादा जला है यह भी स्पष्टत: बताने में संकोच किया जा रहा है। जबकि मामला चूंकि पूरा संदिग्ध है तो पारदर्शिता की जानी चाहिये। यहाँ तो स्थिति यह है कि यदि कोई व्यक्ति पंजीयक कार्यालय में आ जाता है तो कहीं वह अंदर न चला जाये इसलिये शटर लगा दी जाती है। आखिर क्या कारण है ? तो चर्चाएं जो हैं उनको इन गतिविधियों स्वत: ही बल मिल रहा है।
देखते ही कह दिया
मामला गड़बड़ है...

जहाँ विद्युत मण्डल ने सिरे से अगि्काण्ड में गड़बड़ी के संकेत दे दिये हैं वहीं ऊपर से आये एक विशेष जांच दल का भी यही मानना था। उसने भी जांच के दौरान बारीकी से जांच की है, वह विद्युत तारों से आग लगने की बात को मानने को तैयार नहीं है ऐसे में आग कैसे लगी और एक अलमारी विशेष पूरी जलकर कैसे खाक हो गई यह यक्ष प्रश् माना जा रहा है। इतना ही नहीं कार्यालय की विगत वर्ष की गतिविधियाँ संदिग्ध है? यहाँ क्या हो रहा था? कितने अधिकारी कर्मचारी पदस्थ थे ? कितनों को काम से दूर रखा जा रहा था ? और संबंधित कागजात जलने से किसको फायदा हो सकता है ? यह प्रश् घूम रहे हैं।


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चार नाम वापसी के साथ नागरिक बैंक चुनाव चिन्ह आवंटित

सीहोर 17 जुलाई (नि.सं.)। अंतत: भारी जोड़-तोड़ के बाद आज चार नाम वापसी हुई जिससे आंशिक रुप से काका पैनल को लाभ हुआ है लेकिन अभी कई तीर बाकी हैं जो नागरिक सहकारी बैंक के चुनाव को रोचकता प्रदान कर देंगे। निश्चित ही आज जिन चार लोगों के नाम वापसी हुए हैं उनमें राजकुमार जायसवाल का नाम सर्वाधिक चर्चा में रहा। राजकुमार गुप्ता तो स्वयं ही चर्चा में थे। आज दिनभर बैंक के सामने कांग्रेस नेता किशन यादव की उपस्थिति में चर्चाओं में रही। जबकि दोपहर बाद सभी उम्मीद्वारों को चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिये गये हैं। अब चुनावी रणनीतियाँ बनना शुरु हो गई है।
जैसा की अनुमान लगाया जा रहा था कि कुछ लोगों को बैठाया जायेगा। और इसके लिये सारे जोड़-तोड़ भी बनाये जायेंगे। वैसा ही कुछ स्थिति आज नाम वापसी के दिन देखने को मिली। सीहोर नागरिक सहकारी बैंक के चुनाव की सरगर्मियाँ 15 जुलाई से ही तेज हो गई हैं जब काका की पैनल के सामने कुछ ऐसे नाम भी आ गये थे जिनके अनुभव और बाजारु पैठ से इंकार नहीं किया जा सकता था। ऐसे में चुनाव को आसान नहीं समझा जा रहा था।
इसी तारतम्य में 16 जुलाई का दिन भारी उथल-पुथल भरा रहा। विशेषकर पिछड़ा वर्ग पुरुष वर्ग में ओम वर्मा और राजकुमार जायसवाल युवक कांग्रेस नेता आमने सामने थे। ओम वर्मा पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं और रिंकु जायसवाल की तैयारी कुछ यादा ही थी, परिणाम स्वरुप सभी की निगाह रिंकु पर लगी थी। रिंकु ने भी पूरे उत्साह के साथ आवेदन भरकर सबको सचेत कर दिया था और कुछ परेशानी भी खड़ी कर दी थी। आज राजकुमार जायसवाल ने युवक कांग्रेस के पद को महत्व देते हुए संचालक पद चुनाव से अपना नाम वापस ले लिया। सूत्रों का कहना है कि 22 से 27 जून तक हैदराबाद में पूरे जिले के युवक कांग्रेस जिलाध्यक्षों की एक बैठक सभा तय है जिसमें सख्त आदेश आये हैं कि अनुपस्थित रहेगा वह स्वयं को पदमुक्त मान लें। संभवत: इसलिये आज राजकुमार जायसवाल ने युवक कांग्रेस अध्यक्ष पद को महत्व देकर संचालक पद चुनाव उम्मीद्वारी से अपना नाम वापस ले लिया।
इनके अलावा भाजपा नेता राजकुमार गुप्ता भी काफी दिक्कत पैदा कर चुके थे। राजू गुप्ता ने अपना नाम दाखिल कराकर काका पैनल के एक तरह से मजे ले लिये थे। चूंकि काका पैनल में गुप्ता नहीं थे इसलिये गुप्ता के आवेदन दे दिये की चर्चाएं सरगर्म थी। वहीं राजू गुप्ता की दमदारी से कोई इंकार भी नहीं कर सकता। ऐसे में चुनावी गणित चलती रही और अंतत: आज ससम्मान राजकुमार गुप्ता ने अपना नाम वापस ले लिया ताकि उनके कारण किसी को कोई परेशानी ना खड़ी हो।
इसके अलावा सुशील ताम्रकार और प्रेम नारायण सिंह परमार ने भी नाम वापस ले लिया। ई.एम.जैकब का नाम कल जांच के दौरान हट गया था।
आज भी दिनभर कुछ लोगों के नाम और किसी तरह वापस हो जायें इसके प्रयास बहुत तेजी से किये जाते रहे लेकिन सफलता नहीं मिली। दोपहर 1.30 बजे तक का समय दिया गया था। श्रीराम धर्मशाला में जहाँ काका की पैनल उपस्थित थी वहीं अनिल मिश्रा व राजेन्द्र वर्मा की उपस्थिति भी बनी थी।
आज कांग्रेस नेता किशन यादव की नागरिक बैंक तिराहे पर लम्बे समय तक उपस्थिति बनी रहना और दोपहर डेढ़ बजे बाद उनकी रवानगी भी सर्वाधिक चर्चा में रही। श्री यादव ने पूर्व चुनाव में अपना दमदारी प्रदर्शित की थी। संभवत: इस बार भी वह पीछे से कुछ उम्मीद्वारों पर आशीर्वाद बनाये हुए हैं।
इस प्रकार आज बहुत कुछ स्थिति स्पष्ट हो गई है। आज सभी उम्मीद्वारों को चुनाव चिन्ह भी भेंट कर दिये गये हैं।

जिला उपभोक्ता फोरम ने दिलाई बीमा राशि

सीहोर 17 जुलाई (नि.सं.)। जिला उपभोक्ता फोरम ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में आदेश पारित कर यूनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को आदेशित किया कि आवेदक को बीमा राशि 5050 रुपये 9 प्रतिशत ब्याज सहित भुगतान करें एवं साथ में 250 रुपये वाद-व्यय भी अदा करें।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आवेदक खूबीलाल पुत्र केवलराम निवासी स्वदेश नगर गंगा आश्रम सीहोर ने यूनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी से एक मोटर साईकिल का बीमा 20 हजार रुपये का कराया था। उक्त मोटर साईकिल आवेदक के घर से 23 व 24 दिसम्बर 06 को चोरी चली गई थी उसने थाना कोतवाली में रिपोर्ट लिखाई एवं बीमा कंपनी को सूचना दी। खात्मा रिपोर्ट सहित क्लेम अनावेदक को प्रस्तुत किया। अनावेदक ने आवेदक को 20 हजार रुपये बीमा राशि के स्थान पर 14950 रुपये का भुगतान किया। आवेदक ने असंतुष्ट होकर अपने अधिवक्ता जी.डी.बैरागी से सलाह देकर उपभोक्ता फोरम में प्रकरण क्रमांक 11408 बीमा कंपनी के विरुध्द प्रस्तुत किया। सूचना उपरांत बीमा कंपनी अनुपस्थित रही।
जिला उपभोक्ता फोरम के विद्वान अध्यक्ष ए.के.तिवारी सदस्य अम्बादत्त भारतीय एवं सदस्या श्रीमति शकुन विजयवर्गीय ने अधिवक्ता के तर्क श्रवण के रिकार्ड का अवलोकन कर आदेश पारित किया कि बीमा कंपनी परिवादी को 5050 रुपये मय ब्याज के भुगतान करें साथ में परिवाद व्यय 250 रुपये भी अदा करें। आवेदक की और से प्रकरण में पैरवी अधिवक्ता जी.डी.बैरागी ने की।

पार्षद पुत्र ने नाली निर्माण मे भ्रष्टाचार पकड़ा

आष्टा 17 जुलाई (नि.प्र.)। पीली खदान वार्ड क्रं 1 में गत दिवस नाली निर्माण का कार्य लागत 60 हजार रुपये की लागत का शुरु हुआ था जैसे ही कार्य चालू करने के लिये माल मिलाना शुरू किया तो मोहल्ले वालों की नजर बनते हुए माल पर पड़ी तो लगभग 50 तगारी काली रेत बगैर धुली हुई मिट्टी मिली हुई थी मात्र एक तगारी सीमेंट मिलाई गई थी यह सब देख मोहल्ले वालों को समझते देर नही कि ठेकेदार अनीस खां के लोग यहां चूना लगाने आ गए।
फिर क्या था पार्षद पुत्र हरीश मेवाड़ा एवं न.पा.के उपयंत्री देवेन्द्र सिंह चौहान को कार्य की जांच करने के लिये बुलवाया गया तो इंजीनियर साहब ठेकेदार अनीस खां का पक्ष क्यों ले रहे है ।
इस पर मोहल्ले वाले सामने पड़े घटिया माल के कारण भड़क गए, ठेकेदार इंजीनियर सा.और पार्षद पुत्र हरीश को सार्वजनिक रूप से पब्लिक से मांफी मांगना पड़ गया,इसके बाद इन लोगों ने पब्लिक ने जाने दिया तथा भविष्य में दुबारा ऐसा काम नही करने की नेक सलाह दी तथा घटिया काम जनता ने रूकवादिया।
इस अवसर मोहल्लेवासी जहूर मंसूरी, शफीक,याकुब भाई, रईस, अनीस, जाकिर मंसूरी,सलाम भाई आदि सहित कई लोग मौजूद थे, जिन्होने घटिया बन रहा माल देखा और न. पा.अध्यक्ष से शिकायत की सी.एम. ओ. को भी शिकायत की न. पा. अध्यक्ष कैलाश परमार ने इस संबंध में कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो गलत है आप सी. एम.ओ से बात करें।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी दीपक राय ने दूरभाष पर बताया कि मैं आष्टा से बाहर हूं,यदि देवेंन्द्र चौहान उपयंत्री ने गलत काम ठेकेदार का पक्ष लिया है तो गलत है उनको नोटिस दिया जाएगा।



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जिन वाणी की बरसात होते ही जीवन से विकास के द्वार खुल जाते हैं-मधुबाला जी

आष्टा 17 जुलाई (नि.प्र.)। आज का दिन किसी पर्व से कम महत्व का नहीं है। आज से चातुर्मास शुरु हो गया है आपकी इतनी बड़ी उपस्थिति यह दर्शाती है कि आप इस दिन का महत्व समझते हैं जब संत सतियों के मुख से जिनवाणी की बरसात होती है तो जीवन में विकास के द्वार खुल जाते हैं। चातुर्मास व्यक्ति के जीवन को विनाश से विकास की और ले जाता है। तप धर्म की आराधना करने से पापों का नाश होता है, जिनवाणी की बरसात से वासना, राग, द्वेष का जो कचरा भरा रहता है और वह जाता है और चरम लक्ष्य को पायें।
उक्त उद्गार चातुर्मास हेतु विराजित पूय साध्वी मधुबाला जी ने आज चातुर्मास प्रारंभ दिवस पर कहें। म.सा. ने कहा कि जिस प्रकार एक किसान के लिये बरसात का उसके जीवन में काफी महत्व है वो गरजते बरसते बादलों से प्रेम करता है। हमें भी चातुर्मास में ज्ञान, दर्शन, तप, साधना, चरित्र की तप-साधना करना है और विकास के द्वार खोलना है। धर्म से घबराओ मत पीछे मत हटो जिनेश्वर भगवान ने जो कहा वो ही सत्य है। देव, गुरु धर्म पर दृंढ आस्था रखो। इस अवसर पर साध्वी सुनीता जी ने कहा कि आज का दिन हम सभी के लिये लौकिक महत्व का संतों की सुनी वाणी को अगर जीवन में उतारोगे तो इस जीवन की दिशा बदलते देर नहीं लगेगी। आज आप अपनी पत्नि, अपने ग्राहक की सबकुछ सुन लेते हो क्योंकि उसमें आपका स्वार्थ रहता है लेकिन जो संत आपका जीवन बदल सकता है आपको विनाश से विकास की और ले जा सकता है उसकी बात आप सुनने को तैयार नहीं हो। म.सा. ने 48 मिनिट की एक सामयिक का क्या महत्व से उसे भी बताया। आज चातुर्मास के प्रथम दिन एक बेला, 36 उपवास, 55 एकासने, दो बियासने एवं 2 दयाव्रत की तपस्या के साथ कई पचकान हुए। दोपहर में आलोचना का पाठ एवं शाम को प्रतिक्रमण आदि के कार्यक्रम स्थानक में सम्पन्न हुए। आज चातुर्मास के प्रथम दिन पर बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाएं उपस्थित थे।


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शक्कर में रिकार्ड तेजी स्वाद कड़वा हुआ

आष्टा 17 जुलाई (नि.प्र.)। हर वस्तुओं के भावों में एक तरफा तेजी का क्रम बना हुआ है केन्द्र सरकार का इस और अभी तक ध्यान नहीं है क्योंकि अभी उसका पूरा ध्यान अपनी सरकार बचाने में लगा है।
खाद्य वस्तुओं के भावों में बेहताशा तेजी के क्रम में अब शक्कर भी जुड़ गई है। एक सप्ताह में शक्कर के भावों में 100 से 125 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ गई है। उपभोक्ताओं को अभी तक उक्त शक्कर मीठा स्वाद देती थी लेकिन एक सप्ताह में आई रिकार्ड तेजी ने उपभोक्ताओं के मुँह का स्वाद मीठे की जगह कड़वा कर दिया है। एक सप्ताह पूर्व शक्कर इन्दौर में 1550 से 1560 के भावों में थी और आष्टा आ रही थी।
वो ही शक्कर आज एक सप्ताह बाद इन्दौर में 1650 से 1690 तक बिक रही है और आष्टा आ रही है। पेट्रोल डीजल के भावों में वृध्दि से ट्रांसपोर्ट वालों ने ट्रकों के भाड़े और हम्मालों ने अपनी हम्माली मंहगाई के कारण बढ़ा दी है। इसका भी पूरा भार उपभोक्ताओं पर आ गया है आष्टा में थोक में शक्कर 1700 से 1710 एवं खेरची में शक्कर 1750 से 1800 के भाव बिक रही है अचानक खेरची में शक्कर के भाव 1 से 1.50 रुपये प्रति किलो बढ़ने से उपभोक्ता परेशान हैं और सरकार को कोस रहा है। दिशावर से खबर है कि शक्कर में आगे मंडी नहीं है भाव और बढ़ सकते हैं।


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कामर्स व गणित विषय नहीं होने के कारण पढ़ाई करने बाहर जाना पड़ता है छात्रों को

जावर 17 जुलाई (नि.सं.)। स्थानीय हायर सेकेण्डरी स्कूल में कामर्स व गणित संकाय के विषय नहीं होने के कारण इन विषयों की पढ़ाई करने के लिये बाहर जाना पड़ता है नगर व क्षेत्र के छात्रों को छात्रों ने शिक्षा विभाग से कामर्स व गणित विषय खोजने की मांग की उल्लेखनीय है कि विद्यालय की स्थापना के समय से ही यह दोनो विषय की पढ़ाई नहीं हो पाई इस कारण यह दोनो विषय शिक्षा विभाग द्वारा यहाँ चालू ही नहीं किये गये वर्तमान में यहाँ पर एग्रीकल्चर, साईंस, आर्टस कला, संकाय विषय ही है जिनकी पढ़ाई होती है यदि किसी छात्र को कामर्स या गणित पढाई होती है यदि किसी छात्र को कामर्स या गणित विषय की पढ़ाई करना हो तो उसे या तो बाहर पढ़ाई करने जाना पड़ता है या फिर प्रायवेट स्कूल में दाखिला करने जाना पड़ता है या फिर प्रायवेट स्कूल में दाखिल लेना पड़ता है।

पालक संतोष माहेश्वरी का कहना है कि नगर के हायर सेकेण्डरी स्कूल में कामर्स व गणित संकाय विषय नहीं होने के कारण नगर व क्षेत्र के छात्र-छात्राओं जिनकों इन दोनो विषयों की पढ़ाई करना हो उन्हे बाहर इन विषयों की पढ़ाई के लिये जाना पड़ता है छात्रा कु. आरती तोमर ने बताया कि यहाँ पर कामर्स संकाय विषय नहीं होने के कारण इस विषय की पढ़ाई के लिये मुझे सोनकच्छ के स्कूल में दाखिल लेना पड़ा।

एक अन्य पालक रमेश पाटीदार ने बताया कि आज के इस कम्प्यूटर युग में कामर्स संकाय व गणित संकाय विषय होना बहुत जरुरी है। सम्पन्न पालक हो अपने बच्चों को निजी स्कूल में भर्ती करवा कर इन विषय की पढ़ाई करवा लेते हैं लेकिन गरीब पालक यदि अपने बच्चों को उसकी इच्छा अनुसार इन विषयों की पढ़ाई कराये तो कहा ऐसे में एक ही मांग उठती है कि शासकिय हायर सेकेण्डरी स्कूल में कामर्स व गणित संकाय विषय की सुविधा शुरु होना चाहिये।

विद्यार्थी परिषद के छात्र पंकज ठाकुर, धर्मेन्द्र पटेल, बंटी राठौर, अरविन्द ठाकुर, सुनील राठौर आदि ने शासन से कामर्स व गणित संकाय विषय शुरु करने की मांग की है।



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आज श्रध्दा भक्ति के साथ मनेगी भेरु पूनम घरों में बनेगी दाल-बाटी चूरमा

आष्टा 17 जुलाई (नि.प्र.)। 18 जुलाई को भुरु पूनम का त्यौहार आष्टा नगर एवं ग्राम-ग्राम में भेरु भक्त पूनम को श्रध्दा भक्ति उत्साह उमंग के साथ मनायेगा। जगह-जगह आज भेरु जी का पूजन होगा तेल सिंदूर नारियल चढ़ेगा एवं दाल बाटी चूरमा का भोग लगाया जायेगा।
आज भक्त अपने गुरु की शरण में पहुँचेंगे उनके चरण वंदन कर उनका आशीर्वाद ग्रहण करेंगे और अपने गुरु का सम्मान करेंगे। भेरु पूनम के आते ही किराना दुकानों पर नारियल, तेल, शुध्द, घी, सिंदूर खां, शक्कर बुरा आदि का बिक्रा बढ़ गया है।
भेरू पूनम पर आज भक्तों को मंहगाई की मार का भी सामना करना पड़ा है। भेरु जी का चढ़ाने वाला नारियल जो 4 से 5 रुपये में मिलता था आज उन्हे उक्त नारियल 5 से 6 रुपये में खरीदना पड़ा। सिंदूर भी ग्राहकों को काफी मंहगा खरीदना पड़ा।


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सोयाबीन फसल को कीट व्याधि से बचाने के उपाय

आष्टा 17 जुलाई (नि.प्र.)। वर्तमान में सोयाबीन फसल पर इल्ली एवं रसचूसने वाले कीट नुकसान पहुंचा सकते है। एक माह पूर्व बोई गई सोयाबीन फसल में हरिकुन्डलाकर इल्ली सेमीलूपर का असर दिख रहा है कही-कही गोल काले कीट क्यूबीटल भी पत्तियों को कतर कर खाते है। इसी वुम में गर्डल बिटील का भी प्रभाव हो सकता है।
इन सब कीटों के नियंत्रण हेतु क्लोरो-पायरीफास 20 ई,सी,क्यूनालफास 25 ई,सी,1.500 लीटर दवा प्रति हैक्टेयर के मान से 750 से 800 लीटर पानी में धोलकर सुबह एवं शाम के समय अच्छी तरह छिड़काव करने से उक्त कीटों का निराकरण सम्भव है। कुछ जगह खरीफ फसलों में चूहों द्वारा नुकसान किया जाना भी पाया गया है।
अत: चूहा नियन्त्रण के लिए जिंक फास्फाइड दवा को ज्वार या मक्का के फूलें पर मीठा तेल छिडक़कर दवा चिपकाकर चूहों के बिल के पास शाम के समय रखने से चूहों का निराकरण सम्भव है। चूहा नियन्त्रण के लिये विशेष तौर से सामूहिक खेती वालों को एक साथ मिलकर उपरोक्त दवा का प्रयोग करने साए निर्मित परिणाम मिलेगें। विशेष ध्यान देने वाली बात यह है कि तीन चूहें मिलकर एक आदमी के भोजन के बराबर अनाज या तो खा जाते है या नष्ट कर देते है।