पिछले दो साल से जमीनों के सौदों का काम उस गति से हुआ है जितना कभी कल्पना भी नहीं की गई थी। हजारों की जमीन लाखों में और लाखों की जमीन के सौदे करोड़ों रुपये में हो चुके हैं। हर गांव में जैसे कोई एक काम ही शुरु हो गया है कि जमीन बेचों और ऐश करो क्योंकि हजारों रुपये की जमीन के भाव जब लाखों रुपये मिलेंगे तो कौन जमीन नहीं बेचेगा।
नगर के जमीन मामले में बड़े-बडे ख़ाईवाल, सौदागर और प्रापर्टी ब्रोकरों का करोड़ो रुपया जमीनों के सौदों में उलझा हुआ है। ऐसे में अब अचानक विगत एक माह से तहसील कार्यालय से राजस्व विभाग द्वारा जमीन की बहियां बनाने का काम बंद कर दिये जाने से किसान उलझन महसूस कर रहे हैं।
पटवारी कर रहे टालमटोल
विगत मई माह के दूसरे पखवाड़े के बाद से जिले भर में बहियां बनाने का काम बंद कर दिया गया है। बही क्यों नहीं बनाई जा रही है यह बात आम व्यक्ति को नहीं बताई जाती लेकिन बही बनाने के नाम टालम टोल होता रहता है। और विशेषकर ग्रामीणजन पटवारियों के इर्द-गिर्द घूमते रहते हैं कि साहब बही बना दो।
दाखिल खारिज भी नहीं हो रहा
बही बनाने का काम रोकने के साथ ही यहाँ विशेषकर जिला मुख्यालय स्थित तहसील कार्यालय में नामांतरण का कार्य भी रुका पड़ा है । कहा जाता है कि जब बही बनेगी तो नामांतरण भी हो जायेगा। अब न बही बन रही है और ना ही नामांतरण हो रहा है। नामातंरण (दाखिल खारिज) नहीं होने से भी जमीन खरीदने-बेचने वालों की दिक्कत बड़ी हुई है।
किसान हैं भयभीत
बही नहीं बनने और दाखिल खारिज होने के कारण किसान वर्ग भयभीत रहता है, उसे भय सताता रहता है कि आखिर उसने जो जमीन का सौदा किया है उसकी पक्की लिखा पढ़ी नहीं हुई तो कहीं दिक्कत ना आ जाये इस कारण वह पटवारियों के चक्कर लगाता रहता है और पटवारी उसे वास्तविक स्थिति बताये बिना चक्कर लगवाते रहते हैं।
आया है ऊपर से आदेश
असल में विगत मई माह के दूसरे पखवाड़े से बही बनाने का काम इसलिये बंद कर दिया गया है क्योंकि जो बही पुस्तिका थी उसमें प्रदेश के सम्मानीय नेताओं के फोटो छाप दिये गये थे इसको लेकर एक वाद माननीय उच्च न्यायालय में लगा था और इसके बाद ही प्रदेश शासन का एक पत्र हर जिला मुख्यालय पर आया है कि आगामी आदेश तक बही बनाने का काम रोक दिया जाये।
हालांकि पत्र में यह नहीं लिखा है कि कब बही नहीं बनाई जाये अथवा वही बनाना क्यों रोका गया है। लेकिन इस पत्र के आने के बाद से ही बही नहीं बन रही है।
क्या कहते हैं तहसीलदार साहब- सीहोर मुख्यालय के तहसीलदार राजेश शाही ने इस संबंध में फुरसत को बताया कि विगत 24 मई को हमें एक पत्र प्राप्त हुआ था जिसमें उल्लेख था कि बही बनाने पर प्रतिबंध लगाया जाये, हमने आदेश के पालन स्वरुप बही बनाने का कार्य रोक दिया है।
जब उनसे पूछा गया कि अब चालू होगा बही बनाने का काम तो श्री शाही ने कहा कि आगामी आदेश की प्रतीक्षा है, हम कुछ नहीं कर सकते। उन्होने शासन द्वारा बही बनाना क्यों रोका गया इस प्रश् का कोई उत्तर नहीं दिया। श्री शाही ने माना की परेशानी तो रही होगी लेकिन क्या किया जा सकता है, उन्होने कहा जैसे ही बही बनाने के आदेश आ जायेंगे तत्काल बही बनाना प्रारंभ कर दी जायेगी। अब देखना है कब तक बहियां बनना शुरु होती हैं...।