आष्टा 5 जनवरी (नि.सं.)। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को ऐसी सजा इस कारण दी जाती है कि इन्हें एक समुदाय के वोट लेना है, जिस भारत में साधु-संतों को खतरा मान लिया जाता है, यह मान लिया गया इसने ही बम फेंका है और उसके इतने सारे टेस्ट कराए कि किसी खूंखार आतंकवादी के भी कभी इतने टेस्ट नहीं हुए, हम भारत के भक्त सोये हुए हैं, सरकारें वोटों के खातिर एक संप्रदाय को खुश करने के लिए साधु संतों को झूठा फंसाकर हकीकत में बम फोड़ने वालों को जेल में रखकर बिरयानी-चिकन खिला रही है, सरकार इन गुनहगारों को कितनी भी हत्याएं करने के बाद माफ कर रही है, फांसी की सजा पाए गुनहगारों को फांसी नहीं दी जा रही है, ऐसा इसलिए हो रहा है कि भारत के भक्त सोये हुए हैं, वोटों के लिए भारत की सरकार ऐसा खेल खेलकर देश के साथ धोखा कर रही है, अब समय आ गया है कि हम लोगों को ही भगतसिंह, भरत, आजाद बनना ही पडेगा।
उक्त उद्गार खंडेलवाल ग्रांउड में श्रीमद भगवत कथा के चौथे दिन संत श्री गोविंद जाने ने बीस हजार से अधिक भक्तों की मौजूदगी में व्यक्त किये, आज पूरा पांडाल तथा ग्राउंड भक्तों से खचाखच भरा हुआ था, न केवल नगर के अपितु आसपास गांव के हजारों श्रध्दालुजन ट्रेक्टरों ट्रालियों में सवार होकर कथा का आध्यात्मिक लाभ लेने उपस्थित हुए थे । गोविंद जाने ने अपार जनसमूह को कथा सुनाते हुए कहा कि गाय के बछड़े की तरह परमात्मा को प्रेम किया करो और वह भी गूढ़ प्रेम, सत्य प्रेम, अगम प्रेम, तत्व प्रेम, अगर बछड़े की तरह प्रेम हो जाए तो परमात्मा घर में प्रकट हो जाते हैं, घर से जब भी बाहर निकलें तो यह कसम खाकर जाएं कि मेरे पांव उठें तो सही मार्ग पर चलें, किसी का बुरा नहीं हो, अच्छे विचार लेकर चलोगें तो आपको कष्ट कभी नहीं छू पाएंगे, कभी किसी गरीब, विकलांग, अपंग व्यक्ति का उपहास नहीं करना, अन्यथा उनकी बद्दुआएं आपको तबाह कर देंगी । मोह बिकाउ है और प्रेम टिकाउ है, प्रेम केवल मुरली वाले से किया जाता है । अगर आपका भाई हो तो राम की तरह हो और आप भरत की तरह, जब ऐसा व्यवहार करेगें तो सब कुछ पा लोगे, छोटा रहने से सबका स्नेह मिलेगा, अगर आपके पास सौ का नोट नहीं है तो कोई बात नहीं आपके पास सदविचार तो हैं, आप सदाचारी हैं तो आप करोड़पति से भी धनी आदमी हैं । दुनिया में सभी खतरे मोह के कारण हैं, बच्चा जब संसार में आता है तो उसकी मुठ्ठी बंधी रहती है और जब जाता है तो उसकी हथेली खुली रहती है । अगर आपकी पत्नी स्नान के बाद आपके हाथों में ताम्बे का लोटा दे और कहे कि आप सूर्य भगवान को जल अर्पित कर दो, तो समझो आप बहुत भाग्यशाली हैं, ऐसा करने से आपके परिवार में सफेद दाग का रोग किसी को नहीं होगा । सुहागिन बहनों को चाहिए कि वे बिन्दी, सिंदूर, मंगलसूत्र आदि सुहाग की सभी वस्तुओं को धारण कर रखें, ऐसा करने से उनके पति तथा परिवार विपत्ती से बचे रहते हैं ।
पाश्चात्य संस्कृति को अपनाते हुए आज की पीढ़ी हाय हलो बोल रही है, किसी की हाय लग गई तो क्या होगा, राधे राधे बोलना शुरू करो, राधा नाम ही सबका आधार है । धर्म में कभी राजनीति नहीं होती है, न होना चाहिए, राजनेता को जरूर धर्म का पालन करना चाहिए, लेकिन आज का एक भी नेता धर्म का पालन नहीं कर रहा है, यदि सभी पार्टियों के नेताओं के यहां छापे डलवाकर उनकी सारी संपत्ति इकट्ठी की जाए तो आज हमारा देश कर्जदार नहीं रहेगा, गरीबी दूर हो जाएगी । जिस तरह गंदा पानी नाली से होकर नाले में, फिर छोटी नदी में, फिर गंगा जी में और गंगा जी गंगा सागर में मिला देती हैं, जब एक नाली का गंदा पानी गंगा सागर में मिल सकता है तो आप क्यों नहीं ? प्रभु के गंगा सागर में मिल सकते हैं, पर मार्ग सही अपनाना होगा । बहनें जब घर में भोजन पकाएं तो मन में सदविचार धारण करके विचार करें कि आज किसी अतिथि, साधु सन्त या जरूरतमंद मेरे हाथ की एक रोटी खा ले, गाय एक रोटी खा ले और ऐसा हो भी, तो आपकी हथेली की रेखाएं बदल जाएंगी, आपका जीवन खुशियों से भर जाएगा । आज के युवाओं में श्रध्दा, साहस और शक्ति की कमी दिखाई देती है, जबकि हमारे देश में भरत, भगत सिंह, चंद्र शेखर आजाद जैसे युवा हुए हैं, जिन्होंने अपने मां की दूध की लाज रखी । इस अवसर पर विधायक रंजीतसिंह गुणवान के पुत्र राजेन्द्र गुणवान ने इंद्रा कालोनी के एक गरीब परिवार के विकलांग बगो तथा बच्ची को ग्यारह हजार रूपये सहायता देने की इच्छा सन्त श्री गोविंद जाने से की तो उन्होंने माईक से जनता जनार्दन को अवगत कराया तो सारा पांडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
धूमधाम से श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया
आज श्री कृष्ण जन्मोत्सव श्रध्दालुओं में आकर्षण का विशेष केंद्र रहा है, जिसमें अनोखीलाल खंडेलवाल विशेष पोषाक में नंद बाबा के रूप धाारण किए हुए थे, मंच पर कृष्ण रूप और गोविंद जाने एक साथ हों तो भक्ति के माहौल का विवरण लिखा जाना संभव नहीं है, चारों तरफ श्रध्दालु उमंग में भजन गाकर झूमते हुए नजर आ रहे थे, इसी बीच प्रेम की होली का म शुरू हुआ, जिसमें भगवान, गुरू और भक्त सभी सराबोर नजर आए । आज के प्रसाद वितरण की व्यवस्था सुरेश कुमार मनीष कुमार पालीवाल परिवार की ओर से की गई थी ।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष गजेंद टेलर, संयोजक गोपी सेठी, विजय खंडेलवाल, मनोज नागर सहित सभी सदस्यगण व्यवस्थाएं बनाने में सहयोग करते रहे । संत श्री गोविंद जाने की चरण वंदना करने वालों में प्रमुख रूप से अनोखीलाल खंडेलवाल, नपाध्यक्ष कैलाश परमार, तुलजाराम भोजवानी, अशोक राठौर, प्रकाश पोरवाल, प्रहलाद खंडेलवाल, मनीष पालीवाल, देशचंद बोहरा, धीरज बोहरा, महेश भाई चंदा, घनश्याम जांगड़ा, बंटु सोनी, जेए कुरैशी प्रबंधक वेयर हाउस, राहुल शर्मा, अमित मूंदड़ा आदि शामिल थे ।