Sunday, November 16, 2008

सन्नी की बनी हवा धीरे-धीरे खिसकने लगी, भाजपा और कांग्रेस स्थिर, बनी असमंजस की स्थिति

      सीहोर 15 नवम्बर (विशेष संवाददाता)।  विधानसभा चुनाव में गौरव सन्नी महाजन के रुप में भाजपा के बागी प्रत्याशी ने खड़े होकर पहले ही दिन से चर्चाओं को जन्म दे दिया था। सन्नी के खड़े होते ही एक ऐसी हवा चली कि हर तरफ सन्नी की ही बातें चल पड़ी। असल में जब भी किसी बड़ी पार्टी का पारम्परिक प्रतिद्वंदी पार्टी के प्रत्याशी का विरोध करके खड़ा होता है तो उसकी हवा बहुत तेजी से बनना शुरु हो जाती है...सन्नी की हवा चौराहों पर पिछले सप्ताह भर से लगातार बनी हुई थी जो आज शनिवार तक धीरे-धीरे खिसकती नजर आने लगी है। उधर रमेश सक्सेना की भारतीय जनता पार्टी हो या स्वदेश राय के रुप में कांग्रेस पार्टी दोनो को ही स्थिर रुप में देखा जा रहा है। अब धीरे-धीरे अगले 5 दिनों में बहुत कुछ स्थितियाँ स्पष्ट होने लगेगी। अभी चुनाव का ऊँट सिर्फ पानी पी रहा है, वह बैठा नहीं है...वह किस करवट बैठेगा इसे स्पष्ट अभी से कहना जल्दबाजी हो सकती है। अब आगामी दिन सभाओं और रैलियों को समर्पित रहेंगे जिसके चलते नित नये समीकरण बनेंगे और बिगड़ेंगे....हम भी इन चुनावी स्थितियों पर निगाह रखते हुए हर दिन कुछ कुछ विशेष सामग्री प्रस्तुत करेंगे।

      यदि किसी क्षेत्र में कोई बड़ा नेता लम्बे समय से काबिज हो तो उसका विरोध करने वाले की चर्चाएं स्वभाविक हैं। सीहोर में भारतीय जनता पार्टी के दो बार विजयी प्रत्याशी रहे रमेश सक्सेना का घोर विरोध मदनलाल त्यागी गुट और महाजन गुट हमेशा से करता रहा है...इनका विरोध रमेश सक्सेना के भाजपा में प्रवेश के साथ ही शुरु हो गया था जो निरन्तर चलता रहा...लेकिन इस बार वर्ष 2008 के चुनाव में तो त्यागी और महाजन गुट एक साथ सक्सेना का विरोध करते नजर आये।

      इधर आमजन में सन्नी महाजन चूंकि आज तक कभी चुनाव नहीं लड़े हैं और युवा नेता के रुप में पहचाने जाते हैं, वह लगातार सक्रिय रहते हैं तो वह रमेश सक्सेना के विरोधियों के लिये एक आकर्षक व्यक्ति के रुप में उभरने लगे...पिछले चुनाव में भी उन्होने विरोध किया था और चुनाव के दौरान वह अलग-थलग खड़े रहे थे और इस चुनाव में तो सन्नी ने अपने समर्थकों के  कहने पर चुनाव ही लड़ लिया है।

      सन्नी रमेश सक्सेना के पारम्परिक विरोधी होने के कारण ही सर्वाधिक चर्चाओं में है। ठीक वैसे ही जैसे अटल, आडवाणी, सोनिया, राहुल जैसे दिग्गज नेताओं के सामने जब कोई खड़ा होता है तो उसकी भी चर्चाएं शुरु हो जाती हैं ठीक ऐसी ही चर्चाएं सन्नी के लिये चल रही हैं। स्वभाविक रुप से जैसे ही सन्नी महाजन ने अपना नामांकन दाखिल किया पूरे नगर के हर एक चौराहे पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक रमेश सक्सेना की खिलाफत करने वाले के रुप में उनकी चर्चाएं हर एक चौराहे पर होने लगी...यह चर्चाएं बहुत तेजी से शुरु हुई और लगातार होती चली गई....सन्नी क्या करेगा ? सन्नी के साथ कितने लोग हैं....सन्नी की कितनी पैठ है....सन्नी के कितने समर्थक हैं....सक्सेना के कितने विरोधी हैं जो इसका साथ देंगे.... से लेकर जाने कितनी तरह की बातें इस विरोधी प्रत्याशी के कारण जन्म ले चुकी थी, हर मतदाता के जहन में प्रश्ों का अंबार था और वह चौराहों पर चर्चा के दौरान उन्ही प्रश्नों का हल ढूंढ रहा था जिसके चलते स्वयं ही सन्नी चौराहों की राजनीतिक चर्चाओं का केन्द्र बिन्दु बन गया था। और यह बातें चौराहों पर बहुत तेजी से हो रही थी इसलिये हर तरफ सिर्फ सन्नी ही सन्नी नजर आने लगा था। लेकिन धीरे-धीरे यह बातें खत्म होने की स्थिति में आ गई हैं।

      जिस 6 नवम्बर को निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में भाजपा के बागी ने नामांकन भरा उस से लेकर आज 15 नवम्बर शनिवार तक चर्चाओं का बाजार सरगर्म थी। लेकिन अब मतदान को मात्र 12 दिन शेष रह गये हैं...अब चौराहों की चर्चाएं भी गंभीर होने लगी है। अब हकीकत की बातें होने लगी हैं। कौन वाकई में वजनदार है ? किसके पास कितने मत पहले से मौजूद है ? किसकी झोली में कौन-सा वोट जायेगा ? किसकी झोली में कितने वोट पहले से ही भरे हुए हैं और उसे कितने की जुगाड़ बैठानी है ? इन विषयों पर चौराहों की चर्चाएं शुरु हो गई हैं....चर्चाओं के विषय बदल जाने से अब किसी एक प्रत्याशी की हवा नहीं बन पा रही है। स्थिति बहुत विकट और असमंजस पूर्ण बन रही है। चौराहों पर भाजपा, कांग्रेस और जनशक्ति तीनों ही प्रत्याशियों को लेकर चर्चाएं हो रही हैं।

      इधर विधायक रमेश सक्सेना और लोकप्रिय समाजसेवी अखलेश स्वदेश राय के मैदान में होने से दोनो की ही वजनदारी दिख रही है। भाजपा जहाँ कार्यकर्ताओं के दम पर वजनदार है वहीं अखलेश स्वदेश अपनी लोकप्रियता का लाभ उठाने की योजना में है।

      लेकिन दोनो की ही स्थिति स्पष्ट नहीं कही जा सकती। अभी आगामी 5-6 दिनों में और वातावरण नये सिरे से बनेंगे और बिगड़ेंगे...। आज की स्थिति में कौन भारी है और कौन हल्का पतला यह कहना जल्दबाजी हो सकती है।  सीहोर में धीरे-धीरे स्थिति स्पष्ट होगी। 

कम्प्यूटर वायरस से प्रभावित

सीहोर 15 नवम्बर (नि.सं.)। जब कभी कम्प्यूटर में वायरस घुस जाते हैं या कहीं से आ जाते हैं तो वायरस के कारण कम्प्यूटर कुछ का कुछ दिखाने व बताने लगता है। कम्प्यूटर की कार्य क्षमता प्रभावित हो जाती है बल्कि उसे जिस कार्य का कहते हैं वह कार्य वो गलत-सलत करने लगता है। पिछले दिनों छावनी के एक नेताजी ने जैसे ही रमेश सक्सेना की रैली समाप्त हुई उसके बाद शाम को टिप्पणी करते हुए कहा कि रमेश की रैली तो फेल हो गई मात्र 500-600 लोग ही थे, लोग उनका मुँह देखते रह गये....कुछ की तो हंसी छूट गई और कुछ जो उनसे कुछ कह सकते थे उन्हे लगभग डांटने लगे की भैया क्या सपना देख लिया है या सोकर आ रहा है....तुझे हो क्या गया ? होंश में तो है...। लेकिन नेताजी थे कि मुख मुद्रा एकदम गंभीर बनाये हुए थे....अपनी बात पर अडिग थे....उनकी मुख-मुद्रा देख-देखकर उनकी बात सुनने वालों की हंसी रुकने का नाम नहीं ले रही थी....। कुछ ने मजे लेने के हिसाब से पूछ लिया कि चलो बताओ 500-600 किस हिसाब से थे.....तो नेताजी बोले सबसे वजनदार रैली स्वदेश राय की थी क्योंकि उसके साथ मतदाता थे...कांग्रेस के लोग थे...फिर सन्नी की रैली थी जिसमें युवा ही युवा नजर आ रहे थे वो भी दमदार बात थी लेकिन रमेश की रैली में तो जबरन की भीड़ थी वो मतदाता थोड़ी थे...। बस उनका इतना कहना था कि उनकी बात सुनने वालों ने कानाफू सी शुरु कर दी कि भैया कम्प्यूटर में वायरस आ गया है.....किसी अच्छे इंजीनियर द्वारा ही अब यह सुधर सकता है वरना समझलो बेकार हो गया.....। चुनाव के दौरान इस कम्प्यूटर के वायरस ठीक होते हैं या नहीं यह कहना जरा मुश्किल है....।

आचार संहिता का डंडा घूमा पर्यवेक्षक ने उतरवाये कई झंडे-बेनर

      आष्टा 15 नवम्बर (नि.प्र.)। स्थान आष्टा बड़ा बाजार सिकन्दर बाजार गंज बुधवारा आदि क्षेत्र समय प्रात: लगभग 10 बजे भवानी चौक की ओर से तीन पीली बत्ती लगी गाड़िया सायरन बजती हुई दनदनाती हुई आई सबसे आगे की गाड़ी में तहसीलदार बिहारी सिंह बैठे थे जो नीचे के बदले ऊपर देख रहे थे।

      उनकी निगाह मार्ग के घरो-दुकानों पर लगे विभिन्न राजनीतिक दलों भाजपा कांग्रेस आदि के झंडे बेनर पोस्टर, फ्लेक्स की ओर भी अचानक गाडियों का काफीला गणेश मंदिर चौराहा, सिकन्दर बाजार में रूका यहां उन लोगों से पूछताछ की ओर कई मकानों एवं दुकानों पर एक से अधिक लगे झंडे और बेनजरों को उतार कर ले गये क्योंकि यह आचार संहिता का उल्लंघन माना गया पूरे नगर से आय अनेको झंडे-फ्लेक्स भाजपा कांग्रेस के उतारे और आचार संहिता का पाठ पढ़ाया।

      आज आचार संहिता का कहां कहा उल्लंघन हो रहा है देखने स्वयं आष्टा के पर्यवेक्षक जॉनसन-पी बॉएज एस.डी.एम. जी.व्ही. रश्मि, तहसीलदार बिहारीसिंह, टी.आई. हनुमंत सिंह राजपूत तहसील एवं न.पा. अमला साथ था।

 

कांग्रेस के गोपाल सिंह, भाजश के चुन्नीलाल बसपा के बापूलाल को नोटिस

      आष्टा 15 नवम्बर (नि.प्र.)। किसी भी उम्मीदवार का चुनाव कार्यालय किसी भी धार्मिक स्थल के पास ना हो एवं ना ही उनका कार्यालय मतदान केन्द्र की 200 मीटर की परीधी के अन्दर ना हो लेकिन आष्टा क्षेत्र के पर्यवेक्षक एवं निर्वाचन अधिकारियों ने भ्रमण के दौरान पाया कि मैना में कांग्रेस प्रत्याशी गोपालसिंह का कार्यालय मतदान केन्द्र की 200 मीटर की परीधी के अंदर है, भाजश के प्रत्याशी चुन्नीलाल का कार्यालय धार्मिक स्थल से लगा है साथ ही मतदान केन्द्र की 200 मीटर की परीधी में भी आ रहा है।

      इसी प्रकार बसपा के प्रत्याशी बापूलाल मालवीय का चुनाव कार्यालय पुराना बस स्टेण्ड पर जहां स्थित है उक्त जगह ओकाफ के अधिपत्य की होने के कारण इन तीनों  को निर्वाचन अधिकारी की ओर से नोटिस आज जारी किया गया है की वे उक्त स्थान से अपने कार्यालयों को हटाये नहीं हटाने पर नियमानुसार कार्यवाही इन पर हो सकती है।

 

248 मतदान केन्द्रों पर 992 कर्मचारी करायेंगे चुनाव

      आष्टा 15 नवम्बर (नि.सं.)। 27 नवम्बर को होने वाले म.प्र. विधानसभा के चुनाव को लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारियां कर ली है आष्टा विधानसभा क्षेत्र के 248 मतदान केन्द्रों के लिए 248 मतदान दलों का गठन कर 992 अधिकारियों और कर्मचारियों को चुनाव कार्य में लगाया जायेगा।

      आष्टा में चुनाव कराने के लिए कहां से अधिकारी-कर्मचारी आयेंगे यह अज्ञात है। चुनाव तैयारियों के सम्बंध में फुरसत से चर्चा करते हुए सहायक निर्वाचन अधिकारी बिहारीसिंह तहसीलदार ने फुरसत को बताया कि आष्टा विधानसभा क्षेत्र में कुल 248 मतदान केन्द्र है इसमें 22 मतदान केन्द्र आष्टा नगर में तथा 6 मतदान केन्द्र जावर में है सभी 248 मतदान केन्द्रों के लिए 248 केन्द्र प्रभारी बनाये गये है वही प्रत्येक मतदान केन्द्र पर एक पीठासीन अधिकारी एवं 3 अन्य सहायक कुल 4 सदस्यों का दल प्रत्येक मतदान केन्द्र पर मतदान कार्य सम्पन्न करायेगे इस प्रकार कुल 992 अधिकारी और कर्मचारी 248 मतदान केन्द्रों पर मतदान का कार्य सम्पन्न करायेगे। 92 दल रिजर्व में भी रखे गये है अगर कही कोई मतदान केन्द्र पर परेशानी आयेगी तो वहां पर रिजर्व दल भेजा जायेगा।

      पूरे क्षेत्र को 23 झोनों में बांटा गया है और 23 झोनल अधिकारी बनाये गये है 35 मार्ग प्रभारी बनाये बनाये गये है तथा सभी मतदान केन्द्रों पर मतदान दलों को ले जाने एवं लाने के लिए 125 के करीब वाहनों का अधिग्रहण शीघ्र किया जायेगा। 26 को मतदान दल आष्टा से रवाना होंगे सुबह 6 बजे बिहारी सिंह ने बताया कि सभी मतदान केन्द्रों के मतदान दल को सामग्री का वितरण तहसील कार्यालय के प्रांगण से 26 नवमबर को किया जायेगा तथा मतदान के बाद ई.बी.एम. मशीन एवं अन्य चुनाव सामग्री सीहोर पहुंचकर मतदान दल जमा करायेंगे।

जावर बिजली कटौती से त्रस्त, जनता परेशान चुनावी माहौल में इस समस्या से व्यापारी नाराज

जावर 15 नवम्बर (नि.सं.) नगर में बिजली की अघोषित कटौती जारी रहने से नगरवासी खासे परेशान बिजली पर आधारित व्यापार व्यवसाय ठप छात्रों की पढ़ाई हो रही है प्रभावित वही बिजली कटौती के कारण नगर पंचायत ठीक से नगर में जल वितरण भी नहीं कर पा रही है नगरवासी इस समय घोषित कटौती के अलावा हो रही बिजली की अघोषित कटौती से खासे परेशान है।

      नगर में इस समय 24 घंटे में से मात्र सात से आठ घंटे ही बिजली मिल पा रही है। वह भी टुकड़ों  में बिजली कटौती के कारण नगर का बिजली पर आधारित व्यापार व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है। इलेक्ट्रिकल्स की दुकान चलाने वाले रमेश पाटीदार का कहना है कि नगर में सुबह दस बजे बिजली जाती है जो शाम छै: बजे से दो घंटे के लिए आती है और फिर आठ बजे चली जाती है इस तरह नगर में बिजली का आना जाना लगा रहता है दिन में तो दिन भर बिजली बंद रहने से बैटरी के तार तक नहीं झाल सकते है फोटो काफी संचालक जितेन्द्रसिंह का कहना है कि नगर की बिजली सप्लाई दिन भर बंद रहने से हम फोटो काफी तक नहीं कर पाते है जरूरी फोटो कापी करवाने आने वालों की जनरेटर इंजन से करना पड़ती है। दिन भर बिजली बंद रहने से आटा चक्की, प्रेस, बेल्डिंग कम्प्यूटर सेन्टर व अन्य बिजली पर आधारित व्यापार व्यवसाय करने वाले दिनभर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते है। छात्र कुलदीप का कहना हे कि रात्री कालीन बिजली कटौती से छात्र वर्ग ठीक से पढाई नहीं कर पा रहा है बिजली की अघोषित कटौती के कारण ही नगर पंचायत भी नगर में समय पर जल वितरण नहीं कर पा रही है। वही किसान कटौती के कारण ठीक से सिंचाई नहीं कर पा रहा है। क्या कहते है अधिकारी विद्युत मण्डल के ए.ई.आर. एस. मालवीय का कहना है कि जो भी कटौती हो रही है ऊपर से ही हो रही है स्थानीय स्तर पर से कोई कटौती नहीं की जा रही है चुनावी माहोल में लगातार हो रही बिजली कटौती के कारण आम नागरिक दुखी है।