सीहोर ( ) सुकवि पंडित जनार्दन शर्मा की 31 वीं पुण्यतिथि पर स्थानीय ?ल्यू बर्ड स्कूल के सभागार में 19 जनवरी को आयोजित हो रहे काव्यांजलि निशा कार्यक्रम में स्व. श्रीमती चंद्रकांता कुइया स्मृति न्यास द्वारा हर वर्ष जिले के श्रेष्ठ रचनाकार को दिया जाने वाला 'सुकवि जनार्दन शर्मा स्मृति पुरुस्कार' इस वर्ष सीहोर के व्यंग्यकार श्री सुभाष चौहान को दिया जाएगा ।
इस आशय की जानकारी आज यहां न्यास के अध्यक्ष पुरुषो?ाम कुइया ने प्रदान की । श्री कुइया ने बताया कि इस प्रतिष्ठित जिला स्तरीय पुरुस्कार हेतु सीहोर जिले के श्रेष्ठ रचनाकार का चयन हर वर्ष चयन समिति द्वारा किया जाता है । वरिष्ठ साहित्यकार श्री नारायण कासट 'नदीम' इस समिति के आजीवन अध्यक्ष हैं । इस चार सदस्यीय समिति के अन्य सदस्य आंचलिक पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शंकर लाल साबू , जिले के वरिष्ठ पत्रकार श्री अम्बाद?ा भारतीय तथा आयोजक संस्था प्रज्ञा भारती के अध्यक्ष श्री जयंत शाह हैं । समिति ने इस वर्ष सर्वसम्मति से शहर के सुप्रसिध्द व्यंग्यकार तथा कवि श्री सुभाष चौहान का चयन पुरुस्कार हेतु किया है ।
श्री कुइया ने जानकारी देते हुए बताया कि श्री सुभाष चौहान मूलत: व्यंग्यकार हैं तथा देश की प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका धर्मयुग सहित देश की सभी साहित्यिक पत्रिकाओं में उनके लेख तथा कविताएं प्रकाशित होते रहे हैं । 1973 में आकाशवाणी पर काव्य पाठ करके चर्चाओं में आयें श्री चौहान ने देश के सुप्रसिध्द व्यंग्यकार स्व. शरद जोशी की ही तरह मंच से व्यंग्य पाठ की परंपरा को जीवित रखा है । स्नातक शिक्षा प्राप्त तथा मूलत: इछावर के रहने वाले श्री चौहान वर्तमान में सीहोर में ही निवास कर रहे हैं एवं यूनिट ट्रस्ट आफ इंडिया के जिला प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत हैं । वे इछावर में साहित्यिक आयोजनों के लम्बे समय तक सूत्रधार रहे हैं तथा सीहोर में आकर भी शिवना साहित्यिक संस्था के साथ जुड़कर साहित्य के क्षेत्र में अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज की है । अपने प्रारंभिक दौर में वे पत्रकार भी रहे हैं और दैनिक भास्कर, नव भारत जैसे समाचार पत्रों के लिये कार्य कर चुके हैं । साथ ही बीस सूत्रीय समिति के सदस्य भी रहे हैं । श्री कुइया ने बताया कि श्री सुभाष चौहान का एक संग्रह भी शीघ्र ही प्रकाशित होने जा रहा है जिसमें उनकी व्यंग्य रचनाओं के साथ साथ उनकी ंगालों का भी समावेश है । पर्यावरण विद तथा चिपको आंदोलन के प्रणेता श्री सुंदरलाल बहुगुणा से प्रेरित होकर लिखी गई उनकी ंगाल 'कितना तूफान उठा लें ये पहाड़ी वाले, पेड़ का दर्द न समझेंगें कुल्हाड़ी वाले' राष्ट्रीय स्तर पर काफी चर्चित रही थी । इनकी सुदीर्घ साहित्यिक सेवाओं के लिये उनको इस वर्ष का जिला स्तरीय जनार्दन शर्मा स्मृति पुरुस्कार प्रदान किया जा रहा है ।
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