Saturday, January 10, 2009

356 शहीद क्रांतिकारियों की जीर्ण-शीर्ण समाधियों की तरफ शासन का ध्यान नहीं

      सीहोर 9 जनवरी ।  स्वतंत्रता संग्राम के गौरवमयी इतिहास में पूरे मध्य भारत का सबसे समृध्द इतिहास यदि किसी क्षेत्र का है तो वह सीहोर है। यहाँ अंग्रेज सैनिकों की छावनी थी। सन् 1857 के इतिहास के पन्नों में सीहोर में हुई सैनिक क्रांति दर्ज तो है लेकिन आज तक इसे स्थानीय स्तर पर ही शासन द्वारा महत्व नहीं मिल सका। अनेक ऐतिहासिक पुस्तकों में सीहोर के इतिहास की दास्तां लिखी है। सिपाही बहादुर सरकार के गठन से लेकर उसकेजाबांज 356 सैनिकों के जनरल ह्यूरोज द्वारा कराये गये सामुहिक हत्याकाण्ड तक का घटनाक्रम हम कैसे भूल जायें.....अपने इतिहास से सीहोर अनजान रह गया।

      इन शहीदों की समाधियाँ जीर्ण-शीर्ण शेष रह गई हैं जिसके आसपास जमीन पर कब्जा कर लोग अपनी खेती बाड़ी कर रहे हैं। लेकिन इनकी तरफ मध्य प्रदेश शासन और स्थानीय जिला प्रशासन व पुरातत्व विभाग का कोई ध्यान नहीं है।

      देश की स्वतंत्रता के 60 साल बीत जाने के बाद भी सीहोर का गौरवमयी स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास धूल की पर्तो में दबा हुआ है। हम कैसे भूल जायें कि सीहोर की वीर धरती पर भारत का पहला स्वतंत्रता आंदोलन सबसे दमदारी के साथ लड़ा गया था। हम कैसे भुला दें कि 6 अगस्त 1857 से लेकर 14 जनवरी 1858 तक पूरे 6 माह हम पूरे सीहोरवासी देश में एकमात्र स्वतंत्र थे इस गौरव को हम कैसे भूल सकते हैं....? हम कैसे भूल जायें कि यहाँ अंग्रेजों की छावनी में ही भारतीयों ने सारे अंग्रेजों को खदेड़कर भगा दिया था और सीहोर आजाद करा लिया था....? हम कैसे भूल जायें कि महावीर कोठ नामक क्रांतिकारी के नाम पर सीहोर में छ: माह तक महावीर कौंसिल के नाम से शासन हुआ और अंग्रेजों के झण्डे को उतारकर निशाने मोहम्मदी व निशाने महावीरी नामक दो झण्डे पूरे 6 माह तक हर दिन स्वतंत्रता की गौरवगाथा गाते हुए लहराते रहे....

      हम कैसे भूल जायें कि सीहोर में सिपाही बहादुर सरकार महावीर कौंसिल के संस्थापकों ने अंग्रेजों को मार-मारकर खदेड दिया था, मुगल सल्तनत व अंग्रेजों के झण्डे उखाड़ दिये थे...उन वीरों का स्मरण करना क्या आज भारतीयों का,  हमारा कर्तव्य नहीं है।

      14 जनवरी 1858 के कुछ दिनों पूर्व जनरल ह्यूरोज (जिसने झांसी की रानी लक्ष्मी से युध्द किया था) ने सीहोर आकर यहाँ की सिपाही बहादुर सरकार के वीर सिपाहियों को चारों तरफ घेर लिया था। उन्हे भोपाल की सिकन्दर जहाँ बेगम (खूनी बेगम)की सहायता से बंदी बना लिया गया और अंतत: उन्हे कैद में डाल दिया गया। फिर मांफी मांगने को कहा गया....।

      लेकिन किसी भी वीर क्रांतिकारी ने अंग्रेजो से माफी नहीं मांगी। यह क्रांतिकारी कोई 3-4 या 10-12 नहीं थे वरन पूरे 356 से अधिक थे जिन्होने एक साथ कह दिया कि चाहे इस भारत माँ की गोद में सो जायेंगे लेकिन माफी नहीं मागेंगे....अपने धर्म से विमुख नहीं होंगे....(मांस लगे कारतूसों के खिलाफ) और क्रांतिकारियों ने सामुहिक रुप से माफी लिखकर नहीं मांगी अंतत: मजबूर होकर ह्यूरोज ने इतने अधिक लोगों को एक साथ मारने का फैसला करते हुए 14 जनवरी 1858 को 356 क्रांतिकारियों को गोलियों से भुनवा दिया.....। पूरे भारत में इससे बड़ा हत्याकाण्ड कभी नहीं घटा था।

      कहा जाता है कि कुछ लोगों को सामुहिक रुप से फांसी भी दी गई क्योंकि ह्यूरोज को फांसी पर लटके क्रांतिकारियों के शव देखने में मजा आता था। एक साथ 356 सैनिकों के शवों का अंतिम संस्कार सीहोर की जनता ने फिर यहीं सीवन नदी के किनारे अलग-अलग स्थान पर करते हुए उनकी समाधियाँ बना दी। यही समाधियाँ आज भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में स्थित हैं।

      उन वीर सपूतों की शहादत को भूल गया है सीहोर। आजादी के बाद आये शासन ने स्वतंत्रता संग्राम के इन वीरों को सम्मान देने, उनका स्मरण करने की जहमत नहीं उठाई। हालांकि मध्य प्रदेश शासन संस्कृति विभाग, स्वराज संस्थान संचालनालय द्वारा सिपाही बहादुर के नाम से सीहोर की आजादी का स्वर्णिम इतिहास प्रकाशित कराया गया है लेकिन इसके बावजूद शासन ने इस तरफ गंभीरता से ध्यान नहीं दिया।

      जिला प्रशासन सीहोर की पुरातत्व शाखा ने भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। जबकि पुरातत्व का एक संग्रहालय यहाँ बना हुआ है। विभाग बकायदा इसकी देखभाल करता है लेकिन इन जीर्ण-शीर्ण समाधियों की तरफ इसका ध्यान नहीं है। यहाँ शासन स्तर पर कोई भी स्मरांजली तक नहीं होती है।.
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टेलिफोन विभाग के खुले मंच में कई समस्याएं सामने आई

      आष्टा 9 जनवरी (नि.प्र.)। भारत संचार निगम लिमिटेड हवा में काम करना पंसद नहीं करता हम ठोस काम करना पसंद करते है आज उपभोक्ताओं के इस खुले मंच में उपभोक्ताओं ने बिल नहीं मिलने की, टॉवर नहीं मिलने की शिकायत प्रमुखता से आई। मोबाइल धारक उपभोक्ताओं के बिल आष्टा भारत संचार निगम के इस कार्यालय में ही होगें। जिन उपभोक्ताओं के कनेक्शन पोस्टपेड है वे अपने कनेक्शन प्री पेड कराने के आवेदन दे दे ताकि बिल नहीं मिलने की शिकायत खत्म हो जाये ।

      उक्त उदगार भोपाल से आये दूरसंचार विभाग के महाप्रबंधक श्री महेश चन्द्र शुक्ला ने खुला मंच कार्यक्रम में कहे श्री शुक्ला ने आष्टा के युवा पत्रकार सुशीला संचेती की मांग पर महिनों से आष्टा थाने के बंद पडे टेलिफोन को तत्काल इनकमिंग चालु करवाई उन्होंने बताया कि थाने के बकाया बिल राशि के बारे में एस.पी. से उनकी चर्चा हुई हे। श्री शुक्ला ने आष्टा कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नसीहत दी की वे डायरी मेन्टन कर जो समस्या पहले आती है उसे पहले और बाद में आती है उसे बाद में प्राथमिकता से हल कर उपभोक्ताओं को राहत प्रदान कर ग्रामीण क्षेत्र खासकर कोठरी-खाचरोद के एक्सचेंज बंद होने पर उन्होंने कहा कि लाइट काटौत्री के कारण तथा डीजल की कमी के कारण ऐसा होता है मांग के हिसाब से 2 हजार लीटर डीजल की आज घोषणा करता हूँ। ग्रामीण क्षे9 के लाइनमेन मुख्यालय पर उपस्थित नहीं रहेते है इस शिकायत को देखा जायेगा। अब आपको आष्टा में ही काल डिटेल मिलेगी तथा प्रत्येक दो माह में एक बार लेखा अधिकारी आष्टा आयेगे। जिस पी.सी.ओ. धारक ने शिकायत की की उसके पी.सी.ओ. से एक वर्ष से देवास-सोनकच्छ टेलीफोन नहीं लग रहा है क्यों नहीं लग रहा है इसे आज ही देखा जायेगा।

      इस अवसर पर खुले मंच को सम्बोधित करते हुए नगर पालिका अध्यक्ष एवं दूरसंचार समिति के सदस्य कैलाश परमार ने काह कि विभाग को लैंडलाइन टेलिफोन पर ध्यान देना चाहिये उनकी संख्या क्यों कम हो रही है उपभोक्ता प्राइवेट कम्पनियों की ओर क्यों आकर्षित हो रहा है। सदस्य शैलेन्द्र पटेल, प्रदीप प्रगति, पत्रकार सुशील संचेती सुखनन्द जेन सहित अनेकों लोगों ने भी समस्याएं रखी और मांग कि की इस ओर ध्यान दिया जाये। आप बैठक में सूचना की कमी के कारण उपस्थित काफी कम रही जिसे महाप्रबंधक ने भी अपने उदबोधन में स्वीकारा, मंच का भोपाल से आये मनोज कुमार डी.जी.एम. जितेन्द्र प्रसाद, ने भी सम्बोधित किया। संचालन सुमन कुमार ने किया। पधारे सभी अधिकारियों, सदस्यों का आष्टा कार्यालय में पदस्थ एस.डी.ओ. श्री राजौरिया ने स्वागत किया। इस अवसर पर पत्रकार नरेन्द्र गंगवाल, अशोक जैन कोठरी, पत्रकार संचेती की मांग पर थाने का टेलिफोन चालू हुआ। 

      आष्टा के युवा पत्रकार सुशील संचेती ने आज खुले मंच में पधारे महाप्रबंधक महेश चन्द्र शुक्ला से निवेदन किया की आष्टा थाने का टेलिफोन महिनों से भुगतान नहीं होने के कारण विभाग ने बंद कर रहा है इसके कारण हम पत्रकारों एवं नागरिकों को खबरे लेने, जानकारी देने में काफी परेशानी आ रही है। संचेती ने मांग की की कम से कम भुगतान ना हो तब तक इनकमिंग तो थाने के टेलिफोन की चालू कर दे ताकि बडी परेशानी से मुक्ति मिल सकें। संचेती की मांग को गंभीरता से लिया गया और तत्काल श्री शुक्ला ने एस.डी.ओ. श्री राजौरिया को निर्देश दिया की उक्त टेलिफोन की इनकमिंग चालु करवा दी जाये जिस पर  पत्रकार संचेती एवं नरेन्द्र गंगवाल ने महाप्रबंधक जी का आभार व्यक्त किया।

खुले मंच में उपभोक्ताओं

ने जो समस्या रखी

      1-टेलिफोन के बिल समय पर नहीं मिलते है और हमें पेनाल्टी भुगतना पड़ती है। 2- बी.एस.एन.एल. मोबाइल टावर की समस्या से जुझते है। 3- काल डिटेल आष्टा कार्यालय से दी जाये। 4- ग्रामों में टेलिफोन व्यवस्था बिगडी है कब सुधरेगी। 5- लाइनमेनों की कमी दूर करें, जो मुख्यालयों पा नहीं रहे उन पर कार्यवाही करें। 6- प्राइवेट टाटा कम्पनी ग्राम-ग्राम में फैलती जा रही है क्योंकि वो सस्ता ओर सुविधा जनक है। 7- खाचरोद कोठरी के टेलिफोन एक्सचेंज अवसर बंद रहते है। 8- सेल-वन के बिल आष्टा में ही जमा होना चाहिये। 9- सुरक्षा राशि वापस कयों नहीं मिलती है।.
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विधायक रमेश सक्सेना ने मोहर्रम के अखाड़ों का स्वागत किया

      सीहोर 9 जनवरी (नि.सं.)। सीहोर विधायक रमेश सक्सेना ने मोहर्रम के अवसर पर निकलने वाले अखाडों का स्वागत उनके खलीफाओं का सम्मान किया रमेश सक्सेना ने इस्लामि अखाड़े के तत्वाधान में आयोजित इस स्वागत समारोह में शामिल अखाडों द्वारा दिखाए गऐ करबों की सरहाना भी की।

      विधायक सक्सेना ने मोहर्रम के अवसर पर निकलने वाले अखाडों के उस्ताद एवं खलीफाओं की दसतार बन्दी कर सम्मान किया और अखाडों की समुचित देखरेख एवं अखाड़ों के सदस्यों को प्रशिक्षण देने के कार्य की प्रशंसा की इस अवसर पर विधायक रमेश सक्सेना कस्बा क्षेत्र के सभी अखाड़ों के उस्ताद एवं खलीफों का सम्मान किया कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित थे।

इस्लामी आखाड़ा बासपुरा कस्बा

      उस्ताद मुन्ने भाई,सवित अली उस्ताद, उस्ताद छोटे पहलवान, उस्ताद जमशेद पहलवान, खालिफा सईद अंसारी, खलिफा मों.अफजाल, खलिफा गफ्फार भाई,सरवेसरवा मोहसीन भाई सवेसरवा बफ्क बोर्ड अध्यक्ष हफीज चोदरी, लतीफ भाई खलीफा, लतीफ भाई खलीफा कारपेंटर, असलम अंसारी, अफजाल भाई,गफ्फार भाई,चाय वाले मजीद अंसारी, मकबूल अंसारी, अलताफ भाई,शेरू भाई, फजल भाई, मजहर भाई,अथर भाई, आरिफ पहलवान, परवेज उस्ताद, गुडडू जादूगर,अजगर पहलवान,राशिद मियॉ फारूक भाई, आसिफ भाई,जावेद भाई, शफीक बाबा,छोटा गुडडू भाई सददाम भाई नईम भाई, रईस भाई मेकेनिक,असद भाई,अरमार भाई, हनीफ भाई, नानाभाई, कल्लू भाई,अख्तार भाई,शरीफ भाई, उमार भाई,सेफ मियॉ अबरार भाई,

दीवान बाद आखाड़ा

      उस्ताद शफीक बाबा,खालीफा मकसुद भाई, पप्पू भाई, जहीर भाई,हेप्पी भाई इरफान भाई पुच्चा,लतीफ भाई, तौसीफ भाई, अतीक भाई,रेहान भाई, निजाम भाई,अखलाक भाई,मुन्ना भाई।

हुसेनी आखाड़ा जमशेद

नगर दुल्हा बादशाह

      उस्ताद सरफाराज खालिफा, सहिद मियॉ खालिफा, इरशाद भाई, इसमाई भाई, सलमान भाई,अल्लू भाई, कुरबान भाई,फेजान भाई,

हेदरी आखाड़ा कस्बा सीहोर

      उस्ताद रफीक भाई खालिफा, आबीद भाई असकरी भाई, शहदत भाई,इरफान भाई,मुन्ना भाई, तौफीक भाई,शरफत भाई,बिटटू भाई,इसलाम भाई,दानीश भाई,इकराम भाई,

अली आखाड़ा लखेरा पुरा कस्बा

      उस्ताद सलीम बाबा खलीफ,छोटे भाई खालीफा,रफीक भाई,सईद भाई अलमारी,शाहिद भाई टियूबेल।

मुवाती पुरा आखाड़ा

      उस्ताद शाहिद भाई,खालिफा इरफान भाई खलिल भाई, शेरू भाई, गब्बर भाई मन्नू भाई,सानू भाई बिल्ला पठान,मेहबूब भाई,करीम भाई,अरमान भाई,शादिद भाई,कसीम भाई।

नोबत ताशे कमेटी।

      इकबाल भाई,वसीम भाई,सादिक भाई अनवर भाई,वहीद भाई,नरा भाई,भूरा भाई,कययूम भाई,पप्पू भाई,कालू भाई, इकबाल भाई,शरीफ भाई,अरमान भाई, शरीफ लाला,असलम भाई,सप्पू भाई, रफीक भाई,दूल्लू भाई,अनवर भाई,रासीद मेकेनिक,मननान मियॉ, अरमान मियॉ, शाहिद मियॉ,वासिद मियॉ,शब्बू मियॉ, घससू मियॉ,छोट सलीम भाई कुरैशी, आखाडा उस्ताद करीम मामू खालिफा, सगीर कुरैशी नवाब कुरैशी, सुबान कुरैशी, हलीम भाई,पप्पू भाई इजहार भाई, शाहनवाज बैंग, जालाली पुरा उस्ताद जमशेद भाई,खालिफा अजीज भाई,यासिन भाई,यूनूस भाई,अन्सार भाई,अजीम भाई,गब्बर भाई,शाहिद भाई,सोहल भाई,इकबाल भाई,इसरार भाई,अफजाल भाई, इस कार्यक्रम का सफल संचालन इसरार खॉन ने किया। .
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सड़क हादसे में एक मौत, नौ घायल

      सीहोर, 9 जनवरी (नि.सं.)। जिले के थाना सिद्धिकगंज अन्तर्गत हुये सड़क हादसे में एक बालक की मौत हो गई, वही अन्य लोग घायल हो गये। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

      प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना सिद्धिकगंज अन्तर्गत आने वाले ग्राम पटारा चौहान निवासी गफूर आ. रसीद खां पिंजारा (9) साल, गणेश, रामकिशन, प्रहलाद, संजूबाई, कस्तूराबाई, बवीता, रविन्द्र, संतोष सभी आयसर ट्रेक्टर क्रमांक एमपी-37-एम-5922 से आष्टा से प्रवचन सुनकर गत दिवस रात्रि में अपने गांव पटारा चौहान वापस आ रहे थे कि जैसे ही ट्रेक्टर ग्राम के पास पहुंचा ट्रेक्टर चालक फारू खां ने वाहन को अनियंत्रित गति से चलाते हुये पलट दिया जिससे ट्रेक्टर में सवार सभी को चोट आई।

      ट्रेक्टर चालक फारू खां, गणेश रामकिशन, प्रहलाद को गंभीर चोट होने से जिला चिकित्सालय सीहोर रेफर किया गया। तथा संजूबाई, कस्तूराबाई, बवीता, रविन्द्र, संतोष को चोट आने से आष्टा अस्पताल में दाखिल कराया गया। तथा गफूर आ. रसीद खां पिंजारा उम्र 9 साल की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। पुसिल ने ट्रेक्टर चालक के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर लिया है।.
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ठंड से बचने के लिए लोगों ने जलाए अलाव

      जावर 9 जनवरी (नि.प्र.)। दो दिनों से चल रही शीतलहर के कारण लोगों को गर्म कपड़े पहनने को मजबूर होना पड़ा। तेंज ठंड व शीतलहर का असर मानव के साथ ही जीव-जन्तुओं पर भी पड़ रहा है इसके अलावा शीतलहर व तुषार पड़ने से फसलों को भी नुकसान हो रहा है खास कर गेहूं की फसल में जो फूल आ रहे है वहां मुरझा रहे है गुरूवार की सुबह-सुबह तो हल्की बौछारे भी गिरी जिससे ठंड और बड गई। ठंड से बचने के लिए जगह-जगह लोगों ने अलाव जलाए।

      बुधवार गुरूवार को मौसम में आये बदलाव व आसमान में छाये घने काले बादलों के कारण दो दिनों से तेज ठंड के साथ ही शीतलहर चलने से लोग ठंउ से कपकपा उठे और दिन भर गर्म कपड़े पहने नजर आये गुरूवार को तो ठंड से बचने के लिए जगह-जगह लोगों ने अलाव भी लगाये तेज ठंड का असर मानव के साथ ही पशु पक्षियों पर भी पड़ रहा है मालीपुरा के कृषक नारायण सिंह ने बताया कि ठंड शीतलहर के साथ ही तुषार पड़ने से गेहूं चने की फसल में आये फूल मुरझा जायेगें जिससे नुकसान के सिवा कुछ नहीं होगा। ठंड व शीतलहर चलने से सुबह के समय स्कूल जाने वाले बच्चों की काफी फजीहत हुई स्कूलों में उपस्थिति भी कम रही। .
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दलित बस्ती का हेण्डपम्प तीन महिने से खराब पड़ा, ठीक करने वाला कोई नहीं

      जावर 9 जनवरी (नि.प्र.)। ग्राम भाटीखेड़ा की दलित बस्ती का हैण्डपम्प विगत तीन महिने से खराब पड़ा है हैण्डपम्प खराब होने की सूचना हैण्डपम्प सुधारने वाले मेकेनिक व पी.एच.ई. विभाग के अधिकारी को भी ग्रामीणों द्वारा दी जा चुकी है उसके बावजूद आज तक हैण्डपम्प नहीं सुधारा गया। हैंडपम्प खराब होने से लोगों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। ग्राम भाटीखेड़ा के तेजसिंह ने बताया कि हमारे गांव की दलित बस्ती में लगा हैंडपम्प विगत तीन महिने से खराब पड़ा है जिस कारण इस मोहल्ले के लोगों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है पंच रंजित मालवीय ने बताया कि हैंडपम्प खराब होने की सूचना हैंडपम्प सुधारने वाले मेकेनिक व पी.एच.ई. विभाग के अधिकारी को हमारे द्वारा पूर्व में ही दी जा चुकी है। इसके बावजूद भी आज तक हैंडपम्प को नहीं सुधारा गया जिस कारण मोहल्ले के लोगों को पीने के पानी के लिए इधर उधर भटकना पड रहा है। उधर पी.एच.ई विभाग के इंजीनियर डी.आर. सुनहरे का कहना है कि उक्त हैंडपम्प हमारे विभाग का नहीं है फिर भी हम चाहते है कि वहां के लोग यदि हैडपम्प सुधारने वाले मेकेनिक की मदद कर दे तो हैंडपम्प सुधरवा देगे हमारा मेकेनिक दो बार गांव में हैंडपम्प सुधारने के लिए गया था लेकिन उसकी किसी ने मदद नहीं की इस कारण वह नहीं सुधार पाया उसको एक आदमी के सुधारने के बस की बात नहीं है कारण उसकी लाइन गिर चुकी है।.
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