सीहोर 1 अक्टूबर (नि.सं.)। आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर खींचा-तानी और टिकिट की मारा-मारी के बीच ही माँ दुर्गा के सिध्द नवरात्र भी आ गये हैं इसका पूरा-पूरा लाभ उठाकर कुछ उम्मीद्वार तांत्रिक प्रयोग में जुट गये हैं, कुछ सर्वार्थसिध्दी मनोरथ, कुछ मनोवांछित फल की प्राप्ति और कुछ अपने दुश्मनों को निपटाने के प्रयोजन के तहत पूजन-पाठ, हवन, यज्ञ, अनुष्ठान के साथ ही साधनारत हैं। विभिन्न बाबाओं के चक्कर काटने के अलावा कुछ ने अपने घरों पर सिध्द साधुओं को बुलाना शुरु कर दिया है। पंडितों से पूजन-पाठ भी शुरू हो गई। मारण, मोहन, स्तंभन, उच्चाटन, कीलन, वशीकरण, आकर्षण से लेकर तरह-तरह के प्रयोग जारी हैं। नवरात्र में इस बार यादा धार्मिक कर्म हो रहे हैं।
यूँ तो हर साल नवरात्री आती है पर इस साल की नवरात्री कुछ विशेष है क्योंकि आगामी कुछ ही दिनों के अंदर जहाँ कांग्रेस और भाजपा पार्टी के विभिन्न दावेदारों की दावेदारी पक्की होने वाली है, पार्टियों द्वारा अपनी-अपनी पार्टी के उम्मीद्वार का चयन करके उसकी घोषणा की जानी है वहीं इन दोनो ही प्रमुख पार्टियों में काफी विवाद और असमंजस की स्थिति भी बनी हुई है।
धार्मिक नगरी सीहोर में जहाँ सिध्द चौसठ योगिनी मंदिर भी है और पीताम्बरा धाम भी मौजूद है, जहाँ तांत्रिक प्रयोगों में तथा देवी भागवत में उल्लेखित दसम महाविद्या काली, तारा, छिन्नमस्ता, बगलामुखी,षोडशी कमला, भुवनेश्वरी तक के मंदिर मौजूद हैं। जहाँ मानव निर्मित पहला शक्तिपीठ माँ ललिता त्रिपुरसुन्दरी विराजित हैं, जहाँ सिध्द सिध्दिदात्री मंदिर मौजूद हैं जहाँ वर्षों से अखण्ड योति जल रही है, ऐसी सिध्द भूमि के आमजन सहित खास लोग जो जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं वह भी देवी भक्ती में लीन रहते हैं।
नगर में ऐसे अधिकांश उम्मीद्वार जो कांग्रेस व भाजपा से लड़ने के इच्छुक हैं वह धार्मिक प्रवृत्ति के हैं और हनुमान जी के साथ ही साथ देवी के अनन्य भक्त भी हैं। ऐसे में नवरात्र की शुरुआत के साथ ही यह लोग भक्ति में लीन हो गये हैं। नवरात्र में देवी जाग्रत अवस्था में रहती हैं साथ ही यह नौ दिन तांत्रिक प्रयोगों के लिये सिध्द माने गये हैं। ऐसे में सभी प्रकार के मनोरथों की सिध्दि के लिये कुछ उम्मीद्वार पूजन-पाठ में लग गये हैं।
एक के यहाँ तो सिध्द महांकाल की नगरी और तांत्रिकों के गढ़ उजैनी से कुछ पंडितजन पधारे हैं वह लगातार हवन, अनुष्ठान करा रहे हैं। उम्मीद्वार ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सूर्योपासना के साथ ही साथ दिनभर विभिन्न स्त्रोतों के जाप में संलग् हैं। दूसरे जो अक्सर प्रसिध्द बगलामुखी देवी धाम दतिया जाते रहते हैं वह भी माता की पूजन में तत्पर हैं। दिनभर साधना करने में व्यस्त हैं। घर पर ही माँ की आराधना और मंत्र जाप में लगे हुए हैं। ऐसे साधक उम्मीद्वार माँ को किसी भी तरह मनाने के लिये कठोर साधना करते हुए उपवास भी रख रहे हैं।
एक भाजपाई उम्मीद्वार अभी एक देवी धाम से होकर लौट आये हैं और वह अनुष्ठान आदि कराकर आने की जानकारी व चर्चाएं चल रही हैं। टिकिट पाने की होड़ में ही यह धार्मिक आयोजन इन्होने किया है।
इसके अलावा कुछ अन्य उम्मीद्वार जो स्वयं पर भरोसा ना करते हुए अपने गुरुओं व सिध्द पुरुषो पर भरोसा करते हैं वह इस दौरान लगातार किसी ना किसी बाबा, सिध्द व्यक्ति, गणितज्ञ, योतिषी अथवा ऐसे स्थानों पर जा रहे हैं जहाँ कोई हवा आदि आती है। ऐसे स्थानों पर पहुँचकर यह उम्मीद्वार अपने भाग्य की जानकारी लेते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। लगभग हर दिन किसी ना किसी स्थान पर एकांत में या रात के समय अथवा छुपकर ऐसे उम्मीद्वार सिध्द लोगों से मिल रहे हैं और उनसे चर्चा कर अपने टिकिट की बात पूछ रहे हैं। दूरस्थ अंचलों में, शहरों में जहाँ भी इन्हे पता चल रहा है यह जाने में संकोच नहीं कर रहे।
कुछ सिध्द पंडितजन इस नवरात्र में अपनी पसंद के उम्मीद्वारों के लिये स्वयं के स्तर पर भी अनुष्ठान आदि जप साधना में लगे हैं ताकि नौ दिन की साधना के पश्चात वह अपने प्रिय के लिये देवी से कुछ मांग सकें।
इधर रक्षा कवच के लिये भी तरह-तरह के प्रयोगों से उम्मीद्वार अछूते नहीं हैं। आगामी दिनों में अथवा नवरात्र के दौरान इन पर कोई प्रयोग आदि ना हो सके इसके लिये जहाँ हनुमान जी का आशीर्वाद यह लगाकर ले रहे हैं वह श्रीराम रक्षा स्तोत्र से लेकर अन्य रक्षा के मंत्र, कवच का पाठ भी उम्मीद्वारों द्वारा नियमित किया जा रहा है।
Thursday, October 2, 2008
जिलाधीश के वाहन में लगी आग, बचे
सीहोर 1 अक्टूबर (नि.सं.)। आज जिलाधीश श्री आहूजा जब सलकनपुर माता धाम से होते हुए भोपाल मार्ग से जब सीहोर आ रहे थे तब शाम के समय भोपाल पुलिस नियंत्रण कक्ष के पास से ही इनका वाहन निकला। यहीं अचानक जिलाधीश के वाहन में शार्ट सर्किट होने के कारण आग लग गई लेकिन तुरत-फुरत में इस पर काबू पा लिया गया।
अगर मुझे टिकिट मिला तो निश्चित जीतकर आऊंगा सर्वाधिक चर्चित कांग्रेस के दावेदार अक्षत कासट से फुरसत की बातचीत
सीहोर 1 अक्टूबर (नि.सं.)। कांग्रेस की राजनीति में जहाँ पूर्व से कई दिग्गज सीहोर में मौजूद हैं वहीं अचानक कांग्रेस नेता के रुप में उभरे राष्ट्रीय स्तर तक दमखम रखने वाले अक्षत कासट ने भी अपनी पैठ बहुत अल्पसमय बना ली है। आज स्थिति यह है कि आश्चर्य किंतु सत्य जैसी स्थिति के रुप में अक्षत को जाना-पहचाना जाने लगा है। कांग्रेस के प्रति निष्ठावान कासट परिवार से जुड़े अक्षत कासट सीधे विधान सभा सीट के कांग्रेस से उम्मीद्वार के रुप में सर्वाधिक चर्चा में हैं। एक दिल्ली से प्रकाशित खबर में तो सीहोर विधान सभा सीट से कांग्रेस में पहले अक्षत कासट का नाम भी प्रकाशित हो गया है। कुल मिलाकर अक्षत कासट का नाम चहुँ और हैं और आज सर्वाधिक चर्चा में भी है। हालांकि अक्षत कासट की सक्रियता ने सीहोर के कांग्रेसी नेताओं की नींद में जरुर खलल डाल दिया है। अब तो बस यही देखना शेष है कि किसको टिकिट कांग्रेस देती है क्या कहीं राहुल गाँधी के युवाओं को आगे लाने वाली राजनीतिक सूझबूझ के चलते अक्षत कासट को तो कांग्रेस से टिकिट नहीं मिल जायेगा। उक्त अनेक प्रश्ों के संबंध में आज कांग्रेस से सर्वाधिक चर्चित अक्षत कासट से फुरसत ने बातचीत की।
आपका नाम पैनल में जोड़ा गया है, इसके बारे में आप क्या कहना चाहते हैं ?
अक्षत ने कहा - निश्चित तौर पर यह श्रेय सीहोर विधानसभा क्षेत्र के युवा वर्ग को जाता है, जिनके स्नेह और विश्वास ने मुझे इस काबिल बनाया है। मैने निश्चित अपना पक्ष कांग्रेस के बड़े नेताओं के समक्ष रखा और उन्होने मेरे नाम पे विचार करने का निश्चय किया है, यह बात सत्य है कि सीहोर विधानसभा का फैसला ही नहीं बल्कि पूरे जिले के प्रत्याशियों का फैसला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं सभी बड़े नेताओं की आम सहमति के साथ तय होगा, कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है, चाहे पार्टी किसी को भी टिकिट दे, जहाँ तक मेरा या मेरे परिवार की बात है, हम तीन पीढ़ियों से कांग्रेसी हैं और कांग्रेस के प्रत्याशियों के लिये तन, मन, और धन से काम करते आये हैं और करते रहेंगे। मुझे टिकिट मिला तो निश्चित ही जीतकर आऊंगा। कासट परिवार का इतिहास सबके सामने हैं, हमने कभी भी पार्टी और जनता की पीठ में छुरा घोपने जैसे काम के बारे में सपने में भी नहीं सोचा। पार्टी का निर्णय सर्वमान्य है, यह अलग बात है कि पार्टी के बड़े नेताओं को भी पार्टी के प्रति निष्ठावान लोगों की भावनाओं का समुचित ख्याल रखना होगा। श्री कासट ने कहा कि पार्टी किसी ऐसे आदमी को टिकिट ना देवे जिसका संगठन में और उसके कार्यक्रमों में कभी भी योगदान नहीं रहा हो।
जब अक्षत कासट से पूछा कि यदि मान लीजिये आपको कांग्रेस प्रत्याशी बना भी दे तो शहर के प्रति आपकी क्या प्राथमिकताएं रहेंगी ?
इस पर अक्षत कासट ने कहा कि युवाओं को रोजगार, नये उद्योग-धंधों की स्थापना, पूराने एवं बंद पड़े उद्योग को पुनर्जीवित करने का बीड़ा, किसाने भाईयों को बिजली एवं पानी की समस्या से निजात दिलाने जैसी बातें मेरी प्राथमिकता रहेगी। पार्वती के द्वितीय चरण को शुरु करना, शहरी क्षेत्र में सड़क का निर्माण मेरा लक्ष्य रहेगा।
और जब अक्षत से पूछा मान लीजिये प्रदेश में भाजपा की सरकार है ? आप विधायक बन जायेंगे तो फिर भाजपा की सरकार से पहले तो चुनाव में ही कैसे मुकाबला करेंगे ?
अक्षत कासट ने सीधे कहा कि भाजपा की भ्रष्ट सरकार, भ्रष्ट मुख्यमंत्री और भ्रष्ट मंत्रियों की टोली और विधायकों की पोल खुल चुकी है इस सरकार के काले कारनामे जनता जनार्दन के सामने आ चुके हैं, आज का मतदाता भी बहुत समझदार है वो सब जानता है, शिवराज सिंह चौहान के दिन पूरे हो चुके हैं, जनता अपना मत कांग्रेस के पक्ष मैं देने का फैसला कर चुकी है, नतीजे अपूर्व ही सामने आ जायेंगे।
कांग्रेस में जिसको टिकिट मिलता है सब उसके पीछे पड़ जाते हैं? और उम्मीद्वार अकेला पड़ जाता है बाकी उसके विरोध में नजर आते हैं? क्या आपके साथ ऐसी स्थिति नहीं बनेगी ? आपको क्या लगता है ? क्या कमल छाप कांग्रेसी आपको छोड़ेंगे ? क्या भाजपाई उम्मीद्वारों को चंदा देने वाले कांग्रेस नेता आपका सहयोग करेंगे ?
अक्षत कासट ने इस प्रश् का उत्तर भी एक गंभीर कांग्रेसी के रुप में देते हुए कहा कि जहाँ तक संगठन की बात है, हमें निश्चित ही आदरणीय सुरेश पचौरी जी के रुप में आज तक के सबसे कारगुजार अध्यक्ष मिले हैं उनकी संगठन के प्रति समर्पण भाव और बातें कार्य कौशल से कौन परिचित नहीं है, उनके संगठन पे पकड़े, कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद और संगठन को मजबूत करने का दृंढ निश्चय ही तो उनकी कार्यशैली की विशिष्टता को दर्शाता है। जिन परिस्थितियों में उन्होने प्रदेश अध्यक्ष का पद ग्रहण कर कार्यकर्ताओं में एक नई उर्जा का संचार कर दिया है। छिंदवाड़ा में एकता सम्मेलन को मूर्तरुप देकर भाजपा को भयाक्रांत कर देना यह केवल पचौरी जी जैसे कुशल संगठनात्मक व्यक्ति के ही बस की बात है। सोनिया जी से लेकर, कमल नाथ जी, दिग्विजय सिंह जी, योति-रादित्य सिंधिया जी एवं तमाम सारे बड़े नेताओं के सहयोग के चलते पचौरी जी की अगवानी में हम आने वाले विधानसभा चुनावों में बहुमत हासिल कर रहे हैं, माध्द सीहोर विधानसभा ही नहीं वरन पूरे जिले के कांग्रेसी कार्यकर्ता एवं सभी सम्मानित नेतागण भी इस बात को भली भांति समझ चुके हैं और छिंदवाड़ा एकता सम्मेलन से सीख लेकर एकजुट हो चुके हैं। कांग्रेस में टिकिट की संभावित उम्मीद्वार को एक स्वस्थ प्रतियोगिता के रुप में जाना जाता है, इक्का-दुक्का नेताओं के कु-प्रयासों से संगठन पर फर्क नहीं पड़ता, कांग्रेस पार्टी एक विशाल परिवार की तरह है और सोनिया जी एवं राहुल जी के सदप्रयासों से जनता की अविरल सेवा जारी रहेगी।
कांग्रेस में टिकिट को लेकर चल रहे नामों में एक नये और सर्वाधिक चर्चित नाम अक्षत कासट से हुई बातचीत जस की तस इस प्रकार रही। देखते हैं आगामी दिनों में कांग्रेस में क्या कुछ होता है ?
आपका नाम पैनल में जोड़ा गया है, इसके बारे में आप क्या कहना चाहते हैं ?
अक्षत ने कहा - निश्चित तौर पर यह श्रेय सीहोर विधानसभा क्षेत्र के युवा वर्ग को जाता है, जिनके स्नेह और विश्वास ने मुझे इस काबिल बनाया है। मैने निश्चित अपना पक्ष कांग्रेस के बड़े नेताओं के समक्ष रखा और उन्होने मेरे नाम पे विचार करने का निश्चय किया है, यह बात सत्य है कि सीहोर विधानसभा का फैसला ही नहीं बल्कि पूरे जिले के प्रत्याशियों का फैसला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं सभी बड़े नेताओं की आम सहमति के साथ तय होगा, कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है, चाहे पार्टी किसी को भी टिकिट दे, जहाँ तक मेरा या मेरे परिवार की बात है, हम तीन पीढ़ियों से कांग्रेसी हैं और कांग्रेस के प्रत्याशियों के लिये तन, मन, और धन से काम करते आये हैं और करते रहेंगे। मुझे टिकिट मिला तो निश्चित ही जीतकर आऊंगा। कासट परिवार का इतिहास सबके सामने हैं, हमने कभी भी पार्टी और जनता की पीठ में छुरा घोपने जैसे काम के बारे में सपने में भी नहीं सोचा। पार्टी का निर्णय सर्वमान्य है, यह अलग बात है कि पार्टी के बड़े नेताओं को भी पार्टी के प्रति निष्ठावान लोगों की भावनाओं का समुचित ख्याल रखना होगा। श्री कासट ने कहा कि पार्टी किसी ऐसे आदमी को टिकिट ना देवे जिसका संगठन में और उसके कार्यक्रमों में कभी भी योगदान नहीं रहा हो।
जब अक्षत कासट से पूछा कि यदि मान लीजिये आपको कांग्रेस प्रत्याशी बना भी दे तो शहर के प्रति आपकी क्या प्राथमिकताएं रहेंगी ?
इस पर अक्षत कासट ने कहा कि युवाओं को रोजगार, नये उद्योग-धंधों की स्थापना, पूराने एवं बंद पड़े उद्योग को पुनर्जीवित करने का बीड़ा, किसाने भाईयों को बिजली एवं पानी की समस्या से निजात दिलाने जैसी बातें मेरी प्राथमिकता रहेगी। पार्वती के द्वितीय चरण को शुरु करना, शहरी क्षेत्र में सड़क का निर्माण मेरा लक्ष्य रहेगा।
और जब अक्षत से पूछा मान लीजिये प्रदेश में भाजपा की सरकार है ? आप विधायक बन जायेंगे तो फिर भाजपा की सरकार से पहले तो चुनाव में ही कैसे मुकाबला करेंगे ?
अक्षत कासट ने सीधे कहा कि भाजपा की भ्रष्ट सरकार, भ्रष्ट मुख्यमंत्री और भ्रष्ट मंत्रियों की टोली और विधायकों की पोल खुल चुकी है इस सरकार के काले कारनामे जनता जनार्दन के सामने आ चुके हैं, आज का मतदाता भी बहुत समझदार है वो सब जानता है, शिवराज सिंह चौहान के दिन पूरे हो चुके हैं, जनता अपना मत कांग्रेस के पक्ष मैं देने का फैसला कर चुकी है, नतीजे अपूर्व ही सामने आ जायेंगे।
कांग्रेस में जिसको टिकिट मिलता है सब उसके पीछे पड़ जाते हैं? और उम्मीद्वार अकेला पड़ जाता है बाकी उसके विरोध में नजर आते हैं? क्या आपके साथ ऐसी स्थिति नहीं बनेगी ? आपको क्या लगता है ? क्या कमल छाप कांग्रेसी आपको छोड़ेंगे ? क्या भाजपाई उम्मीद्वारों को चंदा देने वाले कांग्रेस नेता आपका सहयोग करेंगे ?
अक्षत कासट ने इस प्रश् का उत्तर भी एक गंभीर कांग्रेसी के रुप में देते हुए कहा कि जहाँ तक संगठन की बात है, हमें निश्चित ही आदरणीय सुरेश पचौरी जी के रुप में आज तक के सबसे कारगुजार अध्यक्ष मिले हैं उनकी संगठन के प्रति समर्पण भाव और बातें कार्य कौशल से कौन परिचित नहीं है, उनके संगठन पे पकड़े, कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद और संगठन को मजबूत करने का दृंढ निश्चय ही तो उनकी कार्यशैली की विशिष्टता को दर्शाता है। जिन परिस्थितियों में उन्होने प्रदेश अध्यक्ष का पद ग्रहण कर कार्यकर्ताओं में एक नई उर्जा का संचार कर दिया है। छिंदवाड़ा में एकता सम्मेलन को मूर्तरुप देकर भाजपा को भयाक्रांत कर देना यह केवल पचौरी जी जैसे कुशल संगठनात्मक व्यक्ति के ही बस की बात है। सोनिया जी से लेकर, कमल नाथ जी, दिग्विजय सिंह जी, योति-रादित्य सिंधिया जी एवं तमाम सारे बड़े नेताओं के सहयोग के चलते पचौरी जी की अगवानी में हम आने वाले विधानसभा चुनावों में बहुमत हासिल कर रहे हैं, माध्द सीहोर विधानसभा ही नहीं वरन पूरे जिले के कांग्रेसी कार्यकर्ता एवं सभी सम्मानित नेतागण भी इस बात को भली भांति समझ चुके हैं और छिंदवाड़ा एकता सम्मेलन से सीख लेकर एकजुट हो चुके हैं। कांग्रेस में टिकिट की संभावित उम्मीद्वार को एक स्वस्थ प्रतियोगिता के रुप में जाना जाता है, इक्का-दुक्का नेताओं के कु-प्रयासों से संगठन पर फर्क नहीं पड़ता, कांग्रेस पार्टी एक विशाल परिवार की तरह है और सोनिया जी एवं राहुल जी के सदप्रयासों से जनता की अविरल सेवा जारी रहेगी।
कांग्रेस में टिकिट को लेकर चल रहे नामों में एक नये और सर्वाधिक चर्चित नाम अक्षत कासट से हुई बातचीत जस की तस इस प्रकार रही। देखते हैं आगामी दिनों में कांग्रेस में क्या कुछ होता है ?
दिल्ली में पचौरी के बंगले से बेइज्जत होकर आया आष्टा का एक युवा कांग्रेस नेता...
आष्टा 1 अक्टूबर (नि.सं.)। अगर इज्जत पाना है तो पहले दूसरों की इात करना होगी, झूठ बोलकर या किसी के खिलाफ झूठी अफवाह फैलाने से कोई क्या कुछ पा सकता है नहीं ऐसे लोगों के केवल बेइज्जत ही होना पड़ता है और ऐसा ही कुछ हुआ है आष्टा के एक कांग्रेस के युवा नेता के साथ क्योंकि उक्त नेता इन दिनों एक झूठी अफवाह फैलाकर कुछ पाने की इच्छा लिये जब दिल्ली पहुंचे और दिल्ली में आष्टा से साथ गये एक वर्तमान पदाधिकारी जो टिकिट पाना चाहते है एक पूर्व पदाधिकारी जो टिकिट दिलाना चाहते है और एक अन्य युवा कांग्रेस का पदाधिकारी जो पूर्व पदाधिकारी का यसमेन है ये चारों दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी के बंगले पर पहुंचे पचौरी जी ने इन्हें देख लिये इन लोगों ने चर्चा करने की इच्छा जताई पचौरी जी इन चारों में से एक युवा नेता के द्वारा जो अफवाह झूठी उड़ाई जा रही है उसके बदले इसकी लू उतारना चाह रहे थे प्रथम दिन तो पचौरी जी कहीं निकल गये थे दोपहर बाद इनकी उनसे भेंट हुई बस पचौरी ने उक्त युवा नेता जो आजकल लोगों को टिकिट दिलाने दिल्ली ले जा रहा है को पास बुलाया और उसकी ऐली लू उतारी की शायद इस युवा नेता के भी तक के राजनीति जीवन में कभी किसी नेता ने सार्वजनिक रूप से नहीं उतारी होगी जैसे ही लू उतरना शुरु हुई साथ गये। 3 अन्य नेता घूमते नजर आये उस वक्त पचौरी जी के बंगले पर बताते हे 50-60 अन्य स्थानों के लोग थे।
पचौरी जी के बंगले से बेइात होकर लैटा उक्त युवक जो इन दिनों मुफलिसी का जीवन गुजार रहा है की बेइाती के किस्से आष्टा आते ही चौराहे-चौराहे सुनाये जा रहे है वही जो युवक बेइात होकर लौटा है वो खुद अपने किस्से सुना रहा है और उसमें यह भी जोड रहा है कि मैंने भी उन्हें पलटकर जवाब दिये है। जबकि ऐसा हुआ ही नहीं है उक्त युवा नेता इन दिनों एक झूठी अफवाह उड़ाने में लगा हुआ है और उक्त बात पचौरी के कानों तक भी जा पहुंची उसी का यह परिणाम रहा है कि उक्त युवक की पचौरी जी ने अपने बंगले पर ऐसी लू उतारी है कि शायद ही उक्त नेता अब कभी पचौरी के सामने आये।
पचौरी जी के बंगले से बेइात होकर लैटा उक्त युवक जो इन दिनों मुफलिसी का जीवन गुजार रहा है की बेइाती के किस्से आष्टा आते ही चौराहे-चौराहे सुनाये जा रहे है वही जो युवक बेइात होकर लौटा है वो खुद अपने किस्से सुना रहा है और उसमें यह भी जोड रहा है कि मैंने भी उन्हें पलटकर जवाब दिये है। जबकि ऐसा हुआ ही नहीं है उक्त युवा नेता इन दिनों एक झूठी अफवाह उड़ाने में लगा हुआ है और उक्त बात पचौरी के कानों तक भी जा पहुंची उसी का यह परिणाम रहा है कि उक्त युवक की पचौरी जी ने अपने बंगले पर ऐसी लू उतारी है कि शायद ही उक्त नेता अब कभी पचौरी के सामने आये।
क्या देवेन्द्र को जनशक्ति उम्मीद्वार बनायेगी.....?
सीहोर 30 सितम्बर (नि.सं.)। उमाश्री भारती की जनशक्ति के मजे चाहे जो, चाहे जैसे उठाने में व्यस्त नजर आ रहा है। जनशक्ति के ही एक पदाधिकारी तो पिछले दिनों विधानसभा चुनाव लड़ने के लिये अपने मित्रों से सहयोग की मांग भी करते नजर आ रहे थे लेकिन यह तो उनका हक था, पर नगर में जो जनशक्ति से कोसों दूर हैं वह भी जनशक्ति को अपनी जेब में बताने से चूक नहीं रहे हैं। विधायक रमेश सक्सेना के भतीजे देवेन्द्र सक्सेना को लेकर यह बातें बहुत तेजी से नगर में फैलाई जा रही हैं जो देवेन्द्र के ही घनिष्ठ मित्र धीरे-धीरे फैलाने में लगे हुए हैं यदि परिस्थिति अनुकूल नहीं हुई तो फिर अपने मतलब देवेन्द्र सक्सेना जनशक्ति से लड़ेंगे। लगता है जनशक्ति को सब अपनी गरीब की लुगाई मानकर बैठे हैं....या हो सकता है जनशक्ति वालों की ही इसमें कुछ हामी हो। खैर जो भी हो लेकिन यह चर्चा या अफवाह भी बाजार में छोड़ी जा चुकी है। पर क्या उमाश्री की जनशक्ति देवेन्द्र को उम्मीद्वार बना सकती है ? यह भी विचारणीय प्रश् है।
शीतला माता मंदिर में चोरी, चोर माता के गहने ले गये
आष्टा 1 अक्टूबर (नि.सं.)। जावर थाने के अन्तर्गत आने वाले ग्राम कजलास में पहाड़ी पर एक प्राचीन शीतला माता का मंदिर है कुछ दिनों पूर्व अज्ञात चोर उस वक्त माता जी के गहने जिसमें हार, कुंडल, मगल सूत्र आदि गहने चुरा ले गये। जब मंदिर के पुजारी श्री बद्री प्रसाद कजलास में एक शव यात्रा में शामिल होने गये थे। इस मंदिर समिति के उपाध्यक्ष फते सिंह भी बाहर गये हुए थे। अब लौटे तब पुजारी ने माता जी के गहने चोरी जाने की बात उन्हे बताई आज फते सिंह ने जावर थाने पहुँचकर उक्त चोरी की शिकायत दर्ज कराई।
मदरसों के द्वारा शासन को लगाया जा रहा है चूना
आष्टा 1 अक्टूबर (नि.प्र.)। आष्टा क्षेत्र में चल रहे कई मदरसों के द्वारा शासन से आई लाखों की राशि में गोल-माल करने तथा मदरसों में बच्चों को फर्जी नाम चढ़ा रखे है ऐसी अनेको गंभीर शिकायतों की जांच की मांग पत्रकार जहूर मंसूरी, युनूस अंसारी, बाबूभाई, चन्दूभाई, सलाम भाई, जाकिर भाई, नूर खां, शरीफ भाई, भययू भाई ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर की है कि कई ऐसे मदरसे है जहां 45 बच्चों पर एक टीचर होना चाहिये लेकिन यहां पर 15-20 बच्चे है और टीचर भी एक के स्थान पर दो-दो रखे गये है। कई मदरसों में बच्चों के फर्जी नाम जोड़ रखे है। जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि जुलाई माह में मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए शासन से स्कूल ड्रेस के लिए लाखों रुपये आये संचालकों ने उक्त पैसा निकाल भी लिया लेकिन आज भी मदरसों में कई बच्चे ऐसे है जिन्हें ड्रेस नहीं मिली है। ड्रेस कितनी बनी है, कितने बच्चे पड़ते है इसकी जांच हो तो बड़ा गोल माल का पता चलेगा। विज्ञप्ति जारी करने वालों ने कलेक्टर सीहोर से आष्टा तहसील के मदरसों की जांच कराने की मांग की है।
महिलाओं ने पीपल के पेड़ की पूजा की
जावर 1 अक्टूबर (नि.प्र.)। भाद्र पक्ष के अंतिम दिन सोमवार को सोमवती अमावस्या के अवसर पर महिलाओं ने उपवास रखकर पीपल के पेड की पूजा अर्चना कर 108 बार पेड की परिक्रमा भी की। श्रीमति राजलबाई ने बताया कि एक पखवाड़े से चल रहे श्राद पक्ष के अंतिम दिन सोमवार को सोमवती अमावस्या के अवसर पर महिलाओं ने घर में सुख समृद्धि व पति की लम्बी उम्र की कामना को लेकर वृत्त रखा व पीपल के पेड की पूजा अर्चना कर 108 बार पेड की परिक्रमा की व उतने ही फल दाने चढ़ाये। आज महिलाओं की सर्वाधिक भीड थाना, स्कूल व कृष्ण मंदिर परिसर में स्थित पीपल के पेड के पास रही।
पार्षद भड़के मोबाईल पर दी चेतावनी
आष्टा 1 अक्टूबर (नि.प्र.) आष्टा नगर पालिका को एक वरिष्ठ पार्षद आज सुबह-सुबह गुस्से में आ गये गुस्से में आव देखा ना ताव और अपनी डुग-डुगी पर बैठे-बैठे बड़ा बाजार पीपल चौराहे पर खड़े होकर अपने मोबाईल पर नगर पालिका के किसी अधिकारी को जो सम्भवत: जल व्यवस्था देखते है को मोबाइल पर चेतावनी दे रहे थे की मैं कुछ नहीं सुनना चाहता मेरे क्षेत्र में आज अभी नल चलना चाहिये। शायद नल नहीं चलने के कारण पार्षद महोदय को गुस्सा आ गया और वे बीच चौराहे पर ही भड़क उठे।
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