Monday, December 21, 2009
युवती के साथ छेड़छाड़ करने वाले इन्दौर के डाक्टर का मुँह काला किया
कहते हैं डाक्टर से कुछ छिपाना नहीं चाहिये, उसे अपनी सारी परेशानी बता देना चाहिये। कई बार ऐसी ही परेशानी बताने आने वाली महिलाओं और नवयुवतियों के साथ पुरुष डाक्टर बदनियती से पेश आने लगते हैं। कुछ ऐसा ही मामला आज जिला मुख्यालय की समीपस्थ तहसील आष्टा में घटित हुआ। यहाँ इन्दौर से हर सोमवार को आकर निजी स्तर पर चिकित्सा करने वाले एक डाक्टर जो आष्टा कन्नौद रोड पर अमन मेडिकल के पास बैठते हैं के साथ आज यही हुआ। यहाँ एक नवयुवती जिसकी उम्र 18 वर्ष है और जो सेमनरी रोड आष्टा में रहती है, अपनी चिकित्सा परामर्श के लिये इनके पास आई थी। लेकिन चिकित्सक ने उसकी जांच करने की बजाय युवती के साथ बदतमीजी करते हुए छेड़छाड़ कर दी। जिस पर युवती ने कड़ी आपत्ति लेते हुए यहीं इसका प्रतिकार किया और अपने परिजनों से शिकायत की। इसके बाद यहाँ जनता इस इन्दौरी चिकित्सक राजेन्द्र सोनी पुत्र बसंती लाल सोनी के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए इसका मुंह काला कर दिया। बाद में पुलिस ने भी इसके खिलाफ युवती की शिकायत पर धारा 354 के तहत कार्यवाही की है। मामला आष्टा में दोपहर 3 बजे आसपास घटित हुआ है।
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जिला पुलिस अधीक्षक ने अचानक निरीक्षण किया, पुलिस लिखकर चला रहे इंडिका वाहन को पकड़ा, 420 का मामला कायम
सीहोर 20 दिसम्बर (नि.सं.)। जिला पुलिस अधीक्षक ने आज अचानक दोराहा क्षेत्र की तरफ भ्रमण किया तो कई मामले उनके सामने आ गये। सड़क पर पुलिस लिखकर घूम रही एक इंडिका पर सीधे 420 की कार्यवाही भी उन्होने कराई। कल मुंगावली में हुए बलवे का घटनास्थल भी आज देखकर आये। आपके साथ अनुविभागीय अधिकारी पुलिस भी थे।
जिला पुलिस अधीक्षक की कार्यपध्दति से वाकई एक नया तरीका यहाँ देखने को मिल रहा है। पिछले दिनाें आप नसरुल्लागंज के लिये रवाना हुए थे और पता चला कि अचानक कोतवाली पहुँच गये और अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय जाकर आपने निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश देकर इसके बाद यहां से रवाना हुए।
इसी तारतम्य में आज भी अचानक पुलिस अधीक्षक श्री पाराशर दोराहा जोड़ की तरफ चल पड़े थे। यहाँ इन्होने रास्ते में एक टेम्पो-ट्रेक्स को देखा जिस पर ओवर लोडिंग हो रही थी। वाहन के बाहर तक लोग लटके हुए थे और वाहन तेज से गति से गंतव्य की और जा रहा था। इस पर श्री पाराशर ने निश्चित नाराजगी तो जाहिर की ही बल्कि वाहन को रुकवाकर उस पर ओवरलोड होने की कार्यवाही भी करवाई। आपके साथ अनुविभागीय अधिकारी शिवकुमार वर्मा भी थे। यहीं जब एक इंडिका वाहन पर पुलिस लिखा आपने देखा तो उससे भी पूछताछ की गई कि आखिर यह किस पुलिस अधिकारी का वाहन है ? इस पर इंडिका का चालक घबरा गया। जब उसके कागजात देखे तो पता चला कि वाहन तो टेक्सी परमिट पर चल रहा है लेकिन उसका नम्बर प्रायवेट है। इसके अलावा उसका किसी पुलिस से कोई संबंध नहीं होते हुए भी जबरन पुलिस लिखा हुआ है। इस पर 420 का मामला दर्ज कराया गया है।
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