Saturday, March 22, 2008
शिवराज ने कहा अब तुम ही संभालो सीहोर
नगर का कूड़ा
नंद गोपाल बियाणी : शेयर बादशाह
गिरधर कुईया : गद्दी तक सीमित
मदन मोहन शर्मा गुरु : वामन कब एक होंगे यार
प्रमोद पटेल : वायपास रोड से मंच पर पहुँचे
रमेश सक्सेना : तुमने पुकारा और हम चले आये
जसपाल अरोरा : पचौरी भाई हमारे नेता हैं
राकेश राय : प्रशासन का रिमोट
प्रकाश व्यास काका : चैन की बंशी बजा रहे
अखलेश राय : सीहोर को मुम्बई बनाऊंगा
अनिल पालीवाल : हाफ चड्डी
कैलाश अग्रवाल : गंजे पन से परेशान
उमेश शर्मा : शेयर में फेयर
शंकर गुप्ता : मीठा पत्ता
अजय खण्डेलवाल : मंत्री के पीए
दिलीप शाह : आवक जारी है
रमेश साहू : भाव हमारा चलेगा
मोहन चौरसिया : टिकिट किसे मिलेगा?
जयंत शाह : छुपे रुस्तम
द्वारका अग्रवाल : समाज में व्यस्त
कुलदीप सिंह सेठी : मनमौजी
मदनलाल त्यागी : अब हमारा समय है
प्रेमबंधु शर्मा : मेरा पेमेंट तो करा दो
नरेश मेवाड़ा : मेरे गुटखे में हाथ मत डालना
हरि सोनी : दुबले दो अषाढ़
सतीश यादव : शह और मात के खेल में
रमाकांत समाधिया : ससुराल में होली खेलेंगे
हरीश अग्रवाल : आदि शक्ति भवानी की जय...
राजकुमार गुप्ता : कलेक्टरी के राजा
कमल झंवर : इनकी चाल पर गाँधी रोड दीवाना
दिनेश ठाकुर : तुकतान जारी है
राजेन्द्र अग्रवाल : सलाहकारों से परेशान
हण्डु सेठ : सोने के भाव आसमान पर
जगदीश निगोदिया : जेब कटों से परेशान
कमलेश कटारे : पचौरी भाई आ रहे हैं....
रमेश जैन : नई सोच की और
किशोर कौशल : चापलूसों के शिकार
लोकेन्द्र मेवाड़ा : उमाजी को सीहोर से लड़ायेंगे
देवेन्द्र सक्सेना : हॉकी के सहारे
महेश पारिक : नेता गिरी छोड़ हीरो बने
ओम दीप : फिर जुनून हावी
धर्मेन्द्र राठौर : चाण्डाल चौक ड़ी की गिरफ्त में
गौरव सन्नी महाजन : हाथ मिलाने के शौकीन....
अक्षत कासट : दिल्ली से दिल पर राज करने लोटे
रीना मिश्रा : अनीता से परेशान
रुकमणी रोहिला : वक्त का इंतजार
अनीता भण्डेरिया : मैं भी चुनाव लड़ूंगी
दीपशिखा जोशी : महिलाओं के आरक्षण से खुश
ममता त्रिपाठी : अपनी अदालत भरी
महेन्द्र सिंह अरोरा : भैया के खेवैया
जमना प्रसाद वर्मा गाँधी रोड : सूचना मंत्री
पुरुषोत्तम राय : राय देने से बच रहे
नवनीत दुधे : सावधानी से चल रहा काम
सीताराम यादव : ईद के चाँद हुए
पवन राठौर : ...राधा ने पकड़ा रंग डाला
डॉ अनीस खान : एमबीबीएस, एसएमएस बने
भारत अग्रवाल : फाग गा रहे हैं...
राजेश रऊआ सीटू : लाल टीशर्ट का राज क्या है
राजकुमार जायसवाल : मामा पर भारी
आशीष रोहिला लालू : सेल्फ स्टार्ट नेता
मनोज मामा : भगवन
रुद्र प्रकाश राठौर : अब भैया से मिलो.....
बाबा अभी आराम करेंगे, बाद में सारे काम करेंगे
कविता इनके नाम रोती है
कृष्ण हरि पचौरी : बहुत दुखी हैं
रमेश हठीला : भूल गये कविता पढ़ना
लक्ष्मीनारायण राय : वही पुराना ढर्रा
कैलाश गुरु स्वामी : मुझे हिन्दी नहीं आती
प्रमोद जोशी गुंजन : बस कभी कभी
हरि ओम दाऊ : मौके की तलाश
संतोष जैन संतु : अवसर की खोज
धर्मराज देशराज : चलती का नाम गाड़ी
सुभाष चौहान : समय नहीं मिलता
राजेश शम्बर : घुसपैठिया
सुभाष जोशी : पतझड़
विष्णु फुरसतिया : वे समय का रागी
डॉ. आजम : चाँदनी रात
रमेश गोहिया : चढ़ गई है
जोरावर सिंह : महाकवि की लालसा
ब्रजेश शर्मा : कविता का खुमार
पंकज पुरोहित : निराला बनना चाहता हूं
विवेक पाराशर : कभी कभी
राजेन्द्र तिवारी : स्वर दूसरे का
विनोद तिवारी : हाँ जी
द्वारका वांसुरिया : जरा झूम के
कु.पूजा जोशी : मेरा नाम मोना
चौथमल वर्मा : हर कहीं
कमलेश आर्य : वनवास से आये हैं
देवकरण आर्य : भूल गये कविता
रामनारायण राठौर : लजीली बाई
श्याम चतुर्वेदी : बीता बसंत
अखलेश राय ने किया रंग पंचमी तक क्रिसेंट, वारटपार्क और टाकीज को जनता के लिये फ्री
राय की घोषणा से आष्टा में विरोध के स्वर फूटने लगे हैं। आष्टावासियों ने अपने दिल की पीड़ा सुनाते हुए कहा है कि सीहोर में वाटर पार्क और क्रीसेंट फ्री हैं लेकिन हमे तो नहाना भी घर पड़ेगा और खाना भी घर पड़ेगा। बस फिल्म ही फ्री देखने को मिलेगी। श्री राय का यह क्षेत्रवाद सहन नहीं किया जायेगा। श्री राय ने आष्टावासियों का गुस्सा शांत करते हुए कहा है कि शीघ्र ही वहाँ पर भी खाने और नहाने की व्यवस्था की जा रही है ताकि अगले साल तक आपको सुविधा मिल सके। उल्लेखनीय है कि जिस किसी को इन सुविधाओं का लाभ उठाना हो उन्हे सुबह 8 बजे से चौपाल सागर चौराहा पहुँचना होगा जहाँ स्वयं अखलेश राय फ्री के कूपन जनता को वितरित करेंगे।
श्मशान घांट के पथप्रदर्शक
डॉ. आर.के.गुप्ता : बस एक ख्वाब और है...
डॉ. रमेश वर्मा : सर जी मेरी क्या गलती है
डॉ. एस.एस.तोमर : नाइट डयूटी के मजे
डॉ. गिरीश जोशी : बीएमओ सिंह भला आदमी
डॉ. एल.एन.नामदेव : ओपीडी टाइम से दुखी
डॉ. आनन्द शर्मा : सौजन्यता से सभी खुश
डॉ. कनेरिया : कब तक पिसते रहेंगे
डॉ. एस.आर.गट्टानी : चलो दांगी स्टेट
डॉ.एस.एस.राठौर : एज ए रुल
डॉ. मांझी : 25 अप्रैल का इंतजार
डॉ. मेश्राम : सरकार ने दुखी कर दिया
डॉ.श्रेष्ठा सक्सेना : सर्वश्रेष्ठ
डॉ. एस.के.जैन : वी.आर.एस. की धमकी
डॉ.विनोद मोदी : बुढ़ापे में मत करो परेशान
डॉ. ए.ए.कुरैशी : प्रमोशन से परेशान
डॉ. श्रीमति एफ.ए.कुरैशी: बच्चों की पहली पसंद
डॉ. रेखा भाटी : अब वो दिन नहीं रहे
डॉ. टी.एन.चतुर्वेदी : हिज मास्टर्रस वाइस
डॉ. कैलाश अग्रवाल : मिश्री की डली
डॉ. बी.के. चतुर्वेदी : सबका मालिक एक
डॉ.श्रीमति मंजू सक्सेना: अल्ला मियां की गाय
डॉ. वी.एन.सक्सेना : किस्मत साथ नहीं दे रही
डॉ. एम.एल.भारती : विकलांग केम्प लगते रहें
डॉ. डी.आर.अहिरवार : दलित पैंथर
डॉ. उमेश श्रीवास्तव : हर हाल में खुश
डॉ. अभय खरे : हमारे बैतूल में ऐसा नहीं था
डॉ. श्रीमति शोभा खरे : डॉ.सा. बहुत सीधे हैं
डॉ. मालती आर्य : नया दौर
डॉ.भरत आर्य : चाहे कोई मुझे जंगली कहे
डॉ श्रीमति नीरा श्रीवास्तव: मासूम
श्मशान घांट के पथप्रदर्शक
डॉ. आर.के.गुप्ता : बस एक ख्वाब और है...
डॉ. रमेश वर्मा : सर जी मेरी क्या गलती है
डॉ. एस.एस.तोमर : नाइट डयूटी के मजे
डॉ. गिरीश जोशी : बीएमओ सिंह भला आदमी
डॉ. एल.एन.नामदेव : ओपीडी टाइम से दुखी
डॉ. आनन्द शर्मा : सौजन्यता से सभी खुश
डॉ. कनेरिया : कब तक पिसते रहेंगे
डॉ. एस.आर.गट्टानी : चलो दांगी स्टेट
डॉ.एस.एस.राठौर : एज ए रुल
डॉ. मांझी : 25 अप्रैल का इंतजार
डॉ. मेश्राम : सरकार ने दुखी कर दिया
डॉ.श्रेष्ठा सक्सेना : सर्वश्रेष्ठ
डॉ. एस.के.जैन : वी.आर.एस. की धमकी
डॉ.विनोद मोदी : बुढ़ापे में मत करो परेशान
डॉ. ए.ए.कुरैशी : प्रमोशन से परेशान
डॉ. श्रीमति एफ.ए.कुरैशी: बच्चों की पहली पसंद
डॉ. रेखा भाटी : अब वो दिन नहीं रहे
डॉ. टी.एन.चतुर्वेदी : हिज मास्टर्रस वाइस
डॉ. कैलाश अग्रवाल : मिश्री की डली
डॉ. बी.के. चतुर्वेदी : सबका मालिक एक
डॉ.श्रीमति मंजू सक्सेना: अल्ला मियां की गाय
डॉ. वी.एन.सक्सेना : किस्मत साथ नहीं दे रही
डॉ. एम.एल.भारती : विकलांग केम्प लगते रहें
डॉ. डी.आर.अहिरवार : दलित पैंथर
डॉ. उमेश श्रीवास्तव : हर हाल में खुश
डॉ. अभय खरे : हमारे बैतूल में ऐसा नहीं था
डॉ. श्रीमति शोभा खरे : डॉ.सा. बहुत सीधे हैं
डॉ. मालती आर्य : नया दौर
डॉ.भरत आर्य : चाहे कोई मुझे जंगली कहे
डॉ श्रीमति नीरा श्रीवास्तव: मासूम
नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय ने इस्तीफा दिया
सीहोर 21 मार्च (होली सं.)। नगर पालिका अध्यक्ष पद की जिस कुर्सी पर समाजसेवी राकेश राय ने जनता से भारी बहुमत प्राप्त कर पदभार ग्रहण किया था। आज अचानक उस पद से उन्होने इस्तिफा देकर विरोध के सारे स्वरों को विराम दे दिया है। जिलाधीश श्री सिंह को राकेश राय द्वारा दिये गये इस्तिफे की खबर पहले पहल तो किसी को हजम ही नहीं हुई, दोपहर तक राकेश राय के घर पर उनके समर्थकों की भारी भीड़ एकत्र हो गई। कोई समझ नहीं पा रहा था कि राकेश राय ने ऐसा क्यों किया है। इस संबंध में फुरसत ने भी श्री राय से बातचीत करना चाही तो यही जबाव मिला कि जिस तरह से उन्हे तरह-तरह से परेशान किया जा रहा था और पार्षद दबाव बनाये हुए थे उससे कुपित होकर उन्होने यह कदम उठाया है। लेकिन आज इस उठे कदम से सीहोर की राजनीति में एक भूचाल-सा आ गया है। हालांकि यह जानकारी देर रात तक सार्वजनिक नहीं हो पाई थी।
उल्लेखनीय है कि नगर पालिका अध्यक्ष पद का पद्भार ग्रहण करने के साथ ही राकेश राय को विपरीत सरकार भाजपा के कारण खासी परेशानी उठाना पड़ रही थी। पिछले दिनों उन पर कुछ मामले भी लग गये थे जिस पर तरह-तरह की पेशी के लिये उन्हे भोपाल जाना पड़ता था। विकास के लिये न तो भोपाल से कोई धनराशि मिल रही थी ना ही कोई अन्य सहयोग। इस पर भी आये दिन सत्ता पक्ष की घुड़कियाँ और ठेकों में चल रही राजनीति से श्री राय खासे परेशान थे।
इस सबसे ऊपर श्री राय इस वर्ष पानी की पैदा की गई किल्लत, जमोनिया तालाब से ग्रामीणों को दिलाये गये पानी के पीछे की राजनीति के बाद शुरु हुए आंदोलनों से हैरान परेशान हो गये थे। और उन्होने ऐसी विषम स्थिति में नगर के पत्रकाराें की एक वार्ता बुलाकर अपनी परेशानी भी बताई थी। इसी दौरान अध्यक्षीय समिति के पाँच पार्षद जो उनके कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे थे एन पानी की समस्या के सामने आते ही उन्होने भी साथ छोड़ दिया और राकेश राय के खिलाफ आंदोलन शुरु कर दिये।
इस तरह चारों तरफ से घिरे राकेश राय ने संभवत: परिवार के सदस्यों अथवा कुछ शुभ चिंतकों से सलाह मशविरा कर यह कठोर कदम उठाया । संभवत: राकेश राय के छोटे भाई अखलेश राय ने भी उन्हे इस तरह की समझाईश दी है।
जो भी हो, आज करीब 11.30 बजे के आसपास राकेश राय बहुत ही गुपचुप या कहे तो शांत तरीके से भोपाल जाकर नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को अपना इस्तीफा सौंप दिया। यह बात आज सीहोर में सार्वजनिक भी नहीं हो पाई। लेकिन फुरसत के सूत्रों को जब यह जानकारी दोपहर बाद लगी तो अपने स्तर पर हमने इस संबंध में जब राकेश राय से मोबाइल नम्बर 9425024444 पर बातचीत करने का प्रयास किया तो पता चला कि वह घर पर हैं लेकिन मोबाइल बंद है और किसी से नहीं मिल रहे हैं।
हालांकि राके श राय के समर्थकों को जैसे-जैसे गुपचुप रुप से यह जानकारी लगती रही वह उनके निवास पर एकत्र होते रहे लेकिन शाम तक श्री राय ने किसी से बातचीत करना उचित नहीं समझा।
ऐसा विश्वास किया जा रहा है कि आज इस संबंध में राकेश राय पत्रकार वार्ता भी लेंगे और अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे।
उधर अब नगर पालिका का क्या होगा ? इस संबंध में नगर पालिका उपाध्यक्ष अशोक सिसोदिया से बातचीत की तो उन्हे भी यह जानकारी लगते ही पहले विश्वास नहीं हुआ लेकिन वह खुश नजर आये। उन्होने फुरसत से कहा कि राय एक अच्छे व्यक्ति हैं लेकिन वह कई मामलों में पूरी तरह असफल सिध्द हुए हैं। यदि पार्टी ने आज्ञा दी, और विधायक जी की अनुमति रही तो जैसा ही परिषद में भाजपा का बहुमत है। इस दृष्टि से यदि भाजपा ने यह कार्यभार संभाला तो मैं विश्वास दिलाता हूँ कि इतना पानी है कि पूरे नगर में गर्मी भर पानी की कोई कमी नहीं आने दी जायेगी, प्रतिदिन जल प्रदाय शहर में किया जा सकता है। अन्य विकास कार्य की अनेक संभावनाएं हैं।
चुनावी वर्ष में राकेश का इस्तीफा विधायक जी को भारी न पड़ जाये
सीहोर। आज राकेश राय द्वारा दिये गये इस्तीफे को यदि राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाये तो यह एक बड़ा घटनाक्रम सिध्द हो सकता है। यह चुनावी वर्ष है और जिस तरह से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी बन गये हैं। उसके बाद से ही कांग्रेसी राजनीति में कुछ उफान सा आया है। उधर भाजपा में विधायक रमेश सक्सेना ही आगामी प्रत्याशी रहेंगे ऐसा विश्वास सभी को है। ऐसे में नगर में अचानक उभरे कांग्रेसी नेता के रुप में राकेश राय ने जिस बहुत भारी मतों के अंतर से पिछले दिनों विजयश्री का वरण किया था और अब जब जनता कुछ नाराज दिखी तो उन्होने बिना विचारे इस्तीफा दे डाला है। इस घटनाक्रम से जनता में उनके प्रति सहज सहानुभूति की लहर दौड़ पड़ेगी। यदि ऐसा हुआ और प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी ने भी इस भांपते हुए राकेश को टिकिट दे दिया तो यहाँ कम से कम नगरीय क्षेत्र में तो निश्चित ही विधायक जी के लिये एक कड़ी चुनौती की स्थिति बन जायेगी। ग्रामीण क्षेत्र में राकेश राय के भाई अखलेश राय की छवि कुछ दम टेक सकती है। देखते हैं आज हुए इस राजनीतिक घटनाक्रम का भविष्य में क्या प्रतिफल दिखाई देता है।
आष्टा से सीहोर पानी आ रहा है, इस्तीफा क्यों दिया-कैलाश परमार
सीहोर। हाल में सार्वजनिक मंच पर कांग्रेस में वापस आये राकेश राय द्वारा अचानक नगर पालिका पद से इस्तीफा दे दिये जाने के संबंध में कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष कैलाश परमार से फुरसत ने बातचीत कर यह पूछा कि क्या इस संबंध में पार्टी ने कुछ विचार-विमर्श किया है अथवा आपके निर्देश हैं ? इस पर कैलाश परमार ने पूर्णत: अनभिज्ञता जाहिर की है, श्री परमार ने कहा है कि उन्हे भी कुछ ही समय पूर्व इस तरह की जानकारी मिली है और वह खुद आश्चर्य में है कि श्री राय ने यह कदम कैसे उठा लिया है, नगर पालिका अध्यक्ष का कार्यभार उन्हे संभालना चाहिये था। जब फुरसत ने पूछा कि कहीं आष्टा में पार्वती से पानी सीहोर नहीं आने देने से उपजे जल संकट से त्रस्त श्री राय ने इस्तीफा दिया है आपको नहीं लगता कि इसमें कहीं आप भी दोषी हैं ? आपको उनकी विषम स्थिति मदद करना चाहिये थी? कैलाश परमार इस प्रतिपक्ष पर लगभग उखड़ते हुए बोले की यदि बात पानी की ही है तो आष्टावासियों का इसमें कोई दोष नहीं है, पार्वती भराने के बाद ऊपर का पानी सीहोर की तरफ जा रहा है, उसे कोई छेड़ नहीं रहा है। जल संकट के लिये श्री राय को अपने स्तर पर विशेष प्रयास करने की आवश्यकता थी, वह चाहते तो हमसे बात कर सकते थे, लेकिन उन्होने इस्तीफा दे दिया। आवश्यकता हुई तो हम उनसे बात करेंगे।
बहना ने भाई की कलाई पर टिकिट बांधा है...
उल्लेखनीय है कि इस बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधे-सीधे बाहर प्रत्याशी के रुप में सीहोर को राघवेन्द्र रुपी भाजपाई प्रत्याशी दे दिया है जिसके चलते ऐसा माना जा रहा है कि विधायक रमेश सक्सेना का टिकिट भाजपा से संभवत: कट जायेगा। गौरतलब है कि पूर्व में दिल्ली की एजेंसी से मुख्यमंत्री द्वारा कराये गये सर्वे में भी यह मामला उजागर हुआ था कि सीहोर और आष्टा सहित प्रदेश की 100 सीटों पर भाजपा हार सकती है। संभवत: इसलिये ही शिवराज ने सीट बदल दी और अब संभावित है कि बहना का प्यार भईया ठुकरा नहीं पायेंगे।
कोतवाली अभिशप्त............................................
इस संबंध में नगर के वरिष्ठ योतिषाचार्य, वास्तुविद्वान, पंडित पृथ्वी बल्लभ जी दुबे ने फुरसत को बताया है कि जिस सार्वजनिक भवन में किसी व्यक्ति की असामायिक मौत हो जाये, तो उसकी आत्मा उस भवन में मंडराती रहती है और भवन के मुखिया के साथ हमेशा साये की तरह बनी रहती है। यह कोई शुभ संकेत नहीं है। दुखी आत्मा की उपस्थिति से भवन में रहने वाले सभी लोग दुखी और पीड़ित रहने लगते हैं। उन्होने इसका हल बताया कि यहाँ कुछ जप-तप और हवन आदि शुध्दता से कमाई हुई पूंजी से कराने पर लाभ हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पूर्व कोतवाली में एक व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद लगातार यहाँ गड़बड़ी जारी है। मजे की बात यह है कि कोतवाली में आने वाले सारे कर्मचारी अधिकारी सुबह हस्ताक्षर करने के बाद पहले पुरानी कोतवाली में जाते हैं और वहां स्थापित हनुमान जी को मारे भय के नमन करते हैं ताकि किसी भी तरह की अला-बला से बचे रहें।
सूखी सीवन में होगा गधो का दंगल, देश भर के गधे आयेंगे
गौरतलब है कि अल्पवर्षा ने जबसे सीवन से अपना पीछा छुड़ाया है तभी से सीवन में आये दिन आयोजन के संबंध में अलग अलग विचार चंदा ऊगाई समिति के दिमाग में घूम रहे थे। अचानक ही सीवन का सपाट मैदान को देखकर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि क्यों न धुलेंडी से पंचमी तक गधो का दंगल कराया जाये और इस दंगल के मुख्य अतिथि के रुप में पूर्व में उध्दार करने के उद्देश्य से निकले महारथियों को मुख्य अतिथि और विशेष अतिथि बनाया जाये। आयोजन समिति के मुखिया ओम दीप जी ने बताया है कि पूरे देश के गधा मालिकों से सम्पर्क किया जा रहा है। तरह-तरह के गधे यहाँ बुलाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसी तारतम्य में सीहोर के ईंट-भट्टा वाले गधा मालिकों से भी बढ़चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की है। आश्चर्यचकित रुप से मात्र 2 रुपये इंट्री फीस रखी गई है। सीहोर के गधा मालिकों को इसमें भी छूट ।
काले कोट- सफे द झूठ
मुकेश सक्सेना : चला मुरारी हीरो बनने
श्री दलोद्रिया : कंघा है क्या
एस.के. महाजन : सब भ्रष्ट हैं
मेहरबान सिंह बलभद्र : रोजी रोटी की तलाश
एन.पी.उपाध्याय : गरम खून
एच.डी.सक्सेना : अभी तो मे जवां हूँ
डी.डी.मित्तल : सिखाये पूत
व्हाय.के.श्रीवास्तव : बाबा आराम करो
जी.डी.बैरागी : मस्खरा
राजेश काशिव : लगे रहो मुन्ना भाई
बी.एस.चंदेल : मीरा का मोहन
कमर अ. सिद्धिकी : दिन में रतौंदी
के.यू.कुरैशी : ईंट से ईंट बजा देंगे
अरुण टिंगोरिया : नारद मुनि
जितेन्द्र व्यास : नट खट बच्चा
अनिल दुबे : मैने कोई गलत तो नहीं किया
एम.डी.चौरसिया : मोहरे की तलाश
जी.के.उपाध्याय : पान का बीड़ा
विजय अग्रवाल : लगे छू
रविन्द्र भारद्वाज : दोस्ती निभानी है
सी.एस.लाम्बा : असरदार सरदार
ओ.पी.मिश्रा : भारत माता की जय
सुंदर लाल तिवारी : गुजरा हुआ कल
के.एस.भार्गव : यस मेन
राजेन्द्र रैना : करिश्मा कुदरत का
एम.एस.सिसोदिया : साहब विजी हैं
कु.राजू अग्रवाल : जय श्री कृष्णा
कु. उमा गर्ग : न बाबा न
अनिल पारे : बाबुजी प्याज काट दूंगा
के.के.शर्मा (सीनियर) : सबकी मेहरबानी
पी.के.पहलवान : रंगीला रतन
आर.सी. सिंह : दिल मांगे मोर
रविन्द्र सक्सेना : व्यस्त नेटवर्क
आशीष परसाई : मेहनत रंग लाई
रेखा चौरसिया : कप्तान साहब
उमेश यादव : पिछड़ा वर्ग
विनय रुठिया : काम मिला
एम.एल.कौशल : चलता फिरता चैक
रुपेश सक्सेना : व्यस्त नेटवर्क
टी.एम.खान : जुगल जोड़ी
मनोहर पाटिल : या हू डाट काम
एस.एस.सिसोदिया : कंगा है क्या
राजेश पंडया : नई शुरुआत
मनोज सक्सेना : गुरु को भी नहीं छोड़ा
गल्ला मण्डी में हड़ताल कराओ और चंदा ले जाओ, गोपाल सागर ने की घोषणा
ज्ञातव्य है कि सीहोर के प्रतिष्ठित गल्ला व्यापार पर शुरु से ही टेढी निगाह रखने वाले गोपाल सागर ने काले खजाने में से हर बार बड़ा तूता करवाया है। हर वर्ष जब फसल आती है तो यहाँ किसी न किसी बहाने मण्डी बंद हो ही जाती है। इसके पीछे किसका हाथ होता है और कितकी ताकत यह सर्वविदित है।
मजे की बात यह है कि इस चुनावी वर्ष का एक बार फिर लाभ उठाते हुए गोपाल सागर ने घोषणा कर दी है कि जो कोई भी मण्डी बंद करवायेगा उसे गोपाल सागर द्वारा चंदे के रुप में नगद 10 लाख रुपया दिया जायेगा। चूंकि इस बार कोई भी खुलकर सामने नहीं आ रहा है इसलिये गोपाल सागर को यह घोषणा ओपन करना पड़ी है। लेकिन इसके खिलाफ मण्डी व्यापारियों ने भी खुल्ली घोषणा की है कि अबके जो चंदा खाऊ नेता गोपाल सागर से 10 लाख चंदा लायेगा उसके चुनाव के खिलाफ 20 लाख रुपये खर्च कर दिया जायेगा ताकि उसे गोपाल सागर में डुबकी लगाने के बाद किनारा नहीं मिल सके। दोनो ही घोषणाओं की चर्चाएं काफी सरगर्म हैं, चुनावी वर्ष में राजनीतिक गलियारों यही चर्चा हर एक जुबान पर रहती है कि देखें कौन तीस मार खां अबके गोपाल से चंदा लाता है।
लालफाइल के फीते
यहाँ के हम हैं राजकुमार
डॉ राजेन्द्र प्रसाद : डीआईजी का वरदहस्त
सीएम मिश्रा : डीएम के सीएम
उमेश शर्मा : अपनी ढपली अपना राग
सक्सेना टी आई. : आते ही आफत आई
तोमर (जिपंचा.) : यस सर
धीरेन्द्र कुमार (सीएमओ): स्लो पाइजन
श्री सिसोदिया (जनसम्पर्क): पार्टियाँ जारी हैं....
महेन्द्र व्यास : मीठा ठग
जसपाल ने बनाई टिकिट समाधान पार्टी, स्वयं बने राष्ट्रीय अध्यक्ष
उल्लेखनीय है कि लम्बे समय से चल रही खींचतान के बाद जैसे ही श्री पचौरी के सुर अखलेश राय के पक्ष में हिले तभी से राकेश राय तो फूले नहीं समा रहे हैं क्योंकि उन्होने जो सोचा था वह आज उन्हे परिलक्षित होता दिखाई दे रहा है। राय का कहना है कि हमने पालिका चुनाव जीतकर चुनाव मैनेजमेंट के जो गुर सीखे हैं वह निश्चित ही विधानसभा चुनाव में मील का पत्थर साबित होंगे।
लेकिन जैसे-जैसे अखलेश का नाम क्लियर होता जा रहा है वैसे-वैसे यहाँ विद्रोह के स्वर फूटने लगे हैं। कांग्रेस के दमदार, पचौरी के खास और पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा जिनकी कांग्रेस के टिकिट पर दावेदारी बड़ी मजबूत थी वह खासे नाराज हो गये हैं। आनन-फानन में अरोरा ने टिकिट समाधान पार्टी का गठन कर दिया आज पत्रकार वार्ता में श्री अरोरा ने कहा कि एक प्रदेश स्तरीय टिकिट समाधान पार्टी का गठन किया गया है जिसके प्रदेश अध्यक्ष पद पर स्वयं श्री अरोरा ही रहेंगे। यह पार्टी कांग्रेस के उन समर्पित नेताओं को टिकिट उपलब्ध करायेगी जिन्हे टिकिट नहीं दिये गये हैं। पार्टी का एक नारा भी दिया गया है कि ''दे दो टिकिट वरना गिरा देंगे विकिट''
चुनाव को देखते हुए बिजली कटौती मात्र 4 घंटे, दिनभर रहेगी बिजली
प्राप्त जानकारी के अनुसार यहाँ विद्युत की अंधाधुंध कटौती के चलते नगर भर के व्यापार-व्यसाय ठप्प पड़े हुए हैं, जनता दिनभर परेशान रहती है और हाय गर्मी करती पसीना पोछती रहती है। इधर चुनावी वर्ष भी यह है। ऐसी स्थिति में जनता का आक्रोश दिन दूना रात चौगुना होने लगा है। विद्युत मण्डल ने इस नई पहल के तहत अब सुबह 4 बजे से लेकर रात 12 बजे तक निरन्तर विद्युत प्रदाय करने की घोषणा की है। विद्युत मण्डल द्वारा निरन्तर 20 घंटे विद्युत प्रदाय की इस घोषणा से चहुँ और हर्ष व्याप्त है। लेकिन शहर के वरिष्ठ गौसेवक, समाजसेवी और युवा पत्रकार महेश दुबे मुन्ना ने इस घोषणा के पीछे की चालों का खुलासा करते हुए कहा है कि यह सब जनता के साथ बदला लेने की भावना से किया जा रहा है। जानबूझकर रात 12 बजे से 4 बजे तक विद्युत कटौती करके नींद हराम करने की यह साजिश है। इस साजिश को सफल नहीं होने दिया जायेगा। मण्डल वाले और ये नेता खुद तो इनवर्टर लगाकर मजे में सोयेंगे और जनता बेचारी मच्छरो की मार झेलेंगी। मुन्ना ने कहा कि लाईट नहीं रहेगी तो मच्छरों का क्या दोष ? मुन्ना दुबे ने कहा कि ''मच्छर ने जनता को काटा, यह मच्छर का जुनून था, अरे जनता ने काटे को खुजाया यह जनता का सुकून था, मच्छर को कौन मारे, मच्छर में तो जनता का ही खून था'' मुन्ना खासे नाराज हैं।
विज्ञप्तिछाप पत्रकार
अम्बादत्त भारतीय : पितामह हस्तिनापुर से बंधे
रामनारायण ताम्रकार : अच्छे बुरो की पहचान हुई
पुरुषोत्तम कुईया : मैं सामने कैसे आऊं
जय उपाध्याय : यह तो होना ही था
महेन्द्र ठाकुर मनकी : डिमोशन से प्रमोशन पर लौटे
सुनील शर्मा : आगे आगे देखो होता है क्या
ओम मोदी : हमें कुछ नहीं मालूम भैया
विमल जैन : फिलहाल नहीं है चैन
अनिल राय : जमीन से जुड़ा पत्रकार
सुशील संचेती : आष्टा में रेल रुकवायेंगे
शैलेष तिवारी : हमारा जजमेंट कभी गलत नहीं निकलता
महेश दुबे मुन्ना : गैस वालों से परेशान
राजा भैया गाँधी : कोई मेरी भी शादी करा दो
आनन्द भैया गाँधी : कलम से समझौता नहीं
सुरेश साबू : नेता कम हलवाई यादा
बलजीत ठाकुर : दाढ़ी में तिनका
प्रदीप चौहान : चैनल गिरोह के सरगना
धर्मेन्द्र यादव : ये भी लौटे प्रमोशन पर
संतोष कुशवाह : अपने पास सारे फोटो हैं
शेख मुंशी : अपना काम अलग है
राकेश समाधिया : पार्वती आंदोलन के हीरो
संतोष सिंह : आजकल तीर्थ यात्रा करा रहे
प्रदीप समाधिया : अचूक निशाना
बिल्लु समाधिया : अपने तो कलेक्टर साहब
बब्बल गुरु : फोटो नहीं लगते यार....
अमित कुईया : क्रांतिकारी पतरकार