आष्टा 27 जनवरी (फुरसत)। तहसील के चार ग्रामों में विवाह की खुशियाँ छाई हुई थीं। यहाँ रहने वाले अलग-अलग चार युवकों ने विगत दो-तीन दिनों में अपनी-अपनी परम्पराओं के अनुसार विवाह की सारी रस्में की। चारों ग्रामों में आज मेरे यार की शादी धुनों पर नाचते-गाते हुए बाने भी निकले और खुशी छा गई। इन चारों ग्रामों में युवकों ने गांव वालों को भोजन भी दिया बधाईयाँ भी लीं। फिर परम्परा के अनुसार चारों युवकों को हल्दी लगी और बाने के बाद यह लड़की लिवाने के लिये घर से रवाना भी हो गये। चार ग्रामों के अलग-अलग लड़कों का आज एक ही स्थान पर एक ही ग्राम की चार युवतियों से विवाह होना तय था। चारों युवक गाजे-बाजे धूम-धमाके के साथ विवाह स्थल पर पहुँचे गये सारी तैयारियाँ पूर्ण हो चुकी थी। रसोई बन रही थी। सगे-संबंधी आ चुके थे पंडित जी मुहूर्त को लेकर चिंतित थे और सारी तैयारियाँ कर चुके थे.....लेकिन काफी देर इंतजार करने के बाद भी जब वधु पक्ष की चारों ही युवतियाँ नहीं पहुँची तो इनका परिणय सूत्र में बंधने का सपना धूमिल होने लगा। अंतत: जब युवतियों के घर ही वाहन दौड़ाये तो पता चला कि ग्राम चारों ही युवतियाँ नदारत हैं........क्या लड़कों का विवाह होगा ? आखिर कैसे तय हुआ था यह विवाह ? पढ़िये यह रोचक खबर ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आष्टा तहसील के ग्राम सवाजपुरा, मोलूखेडी, क़चनारिया, लोरासबड़ी में चार परिवारों में इनके पुत्र जिनका नाम बाबू मेवाड़ा, मुकेश मेवाड़ा, कृपाल मेवाड़ा एवं केदार मेवाड़ा बताया गया है इन चारों का विवाह एक शाजापुर जिले के बिजाना ग्राम के मध्यस्थ द्वारा शाजापुर जिले के ही ग्राम कानड़ में रहने वाली चार कन्याओं से कुछ दिनों पूर्व एक निश्चित राशि के तय होने के बाद तय कराया गया था तथा आज इन चारों अलग-अलग ग्राम के वर पक्षों को एक निश्चित तय स्थान ग्राम किलेरामा में पहुँचना था तथा चारों वधुओं को भी बारात लेकर यहीं आना था और यहाँ पर विवाह कार्यक्रम सम्पन्न होना था एवं किलेरामा एक स्कूल के अंदर विवाह कार्यक्रम की सभी तैयारियाँ भी सुबह से ही चल रही थी। भोजन बनाने वाला अपना काम शुरु कर चुका था। वर पक्ष यहाँ डेरा जमा चुका था और वधु पक्ष का इंतजार कर रहा था लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी जब वधु पक्ष नहीं पहुँचा तब हलचल प्रारंभ हुई। बाद में इन चारों वर पक्ष के परिजन वधु पक्ष के यहाँ पहुँचे। इस संबंध में मोलूखेड़ी के पप्पु मेवाड़ा से जब चर्चा हुई तो उसने बताया कि यह चारों कन्याएं जिन्हे आज परिणय सूत्र में बंधना था जब इनके घर पहुँचे तो यह कन्याएं घर पर नहीं थी। बाद में वर पक्ष के परिजन संबंधित ग्राम के लगने वाले थाना शाजापुर जिले के मोमनबड़ोदिया पहुँचे। पप्पु मेवाड़ा ने बताया कि इन लोगों के खिलाफ इन लोगों ने जो धोखाधड़ी की उसकी शिकायत पुलिस को की है तथा इन लोगों को आष्टा में जो राशि दी है उसकी शिकायत आष्टा थाने में भी हम करेंगे। इस संबंध में शाजापुर जिले के मोमनबड़ोदिया थाने के आरक्षक शंकरलाल से चर्चा की तो उन्होने दूरभाष पर बताया कि आष्टा के पास के ग्राम के कुछ लोग आये थे तथा उन्होने उनके साथ जो कुछ भी घटा वह उन्होने बताया था लेकिन उक्त पूरी घटना आष्टा क्षेत्र की है इसलिये यहाँ पर कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया है। वो लोग यहाँ आये जरुर थे तथा दूसरे पक्ष के लोग भी आये थे तथा दोनो पक्षों के लोगों में यहाँ पर कुछ चर्चा हुई है उसके बाद आष्टा से आये लोग वापस चले गये। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिजाना ग्राम के जिस व्यक्ति ने इस पूरे मामले की मध्यस्थता की थी उसने आज आष्टा से पहुँचे वर पक्ष के लोगों से एक दिन का समय मांगा है या तो वो उन चारों वधुओं को लेकर आयेगा या फिर जो राशि ली है वह राशि वापस देगा।