Monday, October 13, 2008

एमसीए परीक्षा में पूरे भारतवर्ष में 12 वां नम्बर पर रहीं सीहोर की होनहार बेटी नेहा कुईया


सीहोर 12 अक्टूबर (नि.सं.) मेहनत, लगन और दृंढ इच्छा शक्ति हो तो कितनी ही विषम परिस्थितियाँ सामने जायें आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर ही लेते हैं। अपनी दृंढ इच्छा शक्ति के बल पर सीहोर की नेहा कुईया जो कि श्री पुरुषोत्तम कुईया वरिष्ठ पत्रकार की छोटी बालिका हैं ने पूरे देश की हुई एमसीएम परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करते हुए बालिका वर्ग में 12 वां स्थान प्राप्त किया है जबकि सभी समूहों में वह पूरे भारत में 28 वाँ स्थान प्राप्त करने में सफल रही हैं। नेहा की इस उपलब्धि पर जहाँ उनके परिजन काफी खुश हैं वहीं नेहा कहती हैं कि लगता है जैसे ईमानदारी से की गई मेहनत में स्वयं भगवान भी आकर हमारा साथ देने लगते हैं।
वरिष्ठ पत्रकार पुरुषोत्तम कुईया की छोटी बालिका नेहा कुईया भी अपनी बड़ी बहन डॉक्टर निधि कुईया की तर्ज पर पढ़ाई में बहुत आगे नजर आती हैं। हाल ही में नेहा ने सीहोर का नाम गर्व से ऊँचा कर दिया है जब बिना किसी विशेष टयूशन के अपने दम पर पढ़ाई करते हुए उसने आल इण्डिया व एमपी की एमसीए परीक्षा में 28 वाँ स्थान प्राप्त किया है। इस परीक्षा में करीब 40 हजार से यादा अभ्यार्थी बैठे थे।
इस संबंध में नेहा कुईया ने फुरसत से बातचीत करते हुए बताया कि वह बचपन से शारदा विद्या मंदिर व कक्षा 4 से इमानुअल हायर सेकेण्डरी स्कूल में पढ़ी थीं। हर बार वार्षिक परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर प्रथम आने वाली नेहा को माहेश्वरी समाज द्वारा पुरुस्कृत भी किया जाता रहा है। नेहा ने बताया कि कक्षा 10 में 80 प्रतिशत तथा 12 वीं मेथ व बायो सब्जेक्ट में 82 प्रतिशत अंक प्राप्त कर वह उत्तीर्ण हुई थीं। जबकि बीसीए परीक्षा में 79 प्रतिशत अंक उन्हे मिले थे।
इसी दौरान उन्हे एमसीए जैसी कठिन पढ़ाई करने का मन हुआ और उन्होने इसे किसी भी तरह उत्तीर्ण करने का दृंढ संकल्प लिया। अपने परिचितों से उन्होने एमसीए पढ़ाई के लिये टयूशन के संबंध पूछा तो पता चला कि सीहोर में इसकी टयूशन मिलना कठिन है तब घर रहकर ही नेहा ने पढ़ाई शुरु की। ऐसे में रविवार को शिक्षक मनीष शर्मा से कुछ समय भी उन्हे मिला। हालांकि बिना टयूशन के पढ़ाई कर रही नेहा एक बारगी घबराहट में भी आईं कि आखिर क्या होगा ? लेकिन उसने साहस नहीं खोया। इस संबंध में नेहा बताती हैं कि ऐसी विषम परिस्थिति में साहस नहीं खोना चाहिये, मन छोटा करने से भी कुछ नहीं होता बल्कि पूरी लगन के साथ यदि लक्ष्य की तरफ ध्यान दिया जाये तो निश्चित ही सबकुछ किया जा सकता है। मैने तय कर लिया था कि किसी भी तरह इस परीक्षा में मुझे स्थान प्राप्त करना है और मैने कर लिया। नेहा के अनुसार यदि कोई आपका साथ ना दे तो आप खुद ही खुद का साथ देना शुरु कर दें। जितना आप कर सकते हैं उतना ही करो, लेकिन पूरी ईमानदारी से मेहनत करों। मैने यही किया और निश्चित ही भगवान ने भी मेरी ईमानदारी देखकर मेरा साथ दिया।
ज्ञातव्य है कि एमसीए की कठिन पढ़ाई और परीक्षा में पूरे भारत से करीब 40 हजार से यादा बच्चे इस परीक्षा में बैठे थे। जिनमें से पूरे देश में 28 वाँ स्थान प्राप्त कर नेहा उत्तीर्ण हुई जबकि पूरे देश में वह 12 वां नम्बर की बालिका रहीं।
कुईया परिवार अपनी सबसे लाड़ली बिटिया नेहा कुईया की इस उपलब्धि पर काफी खुश है, इसके माता और पिता एक घटना स्मरण करते हुए बताते हैं कि जब नन्ही नेहा कोई 7-8 साल की थी तब यह सीढ़ी से गिर गई थी। इसे सिर में गंभीर चोंट आई और यह बेहोंश हो गई। सीधे इन्दौर चौईथराम अस्पताल इसे ले जाया गया। लेकिन 3 दिन तक नेहा को होंश नहीं आया तब कुईया परिवार स्तब्ध था। डाक्टरों ने भी नेहा की गंभीरता को देखते हुए जबाव दे दिया था, 24 घंटे तक डाक्टर भी काफी हैरान-परेशान थे। उनका विश्वास था कि यदि नेहा होंश में आ भी गई तो इसके मानसिक विकास पर संभावित विपरीत असर रहेगा। 3 दिन तक इसकी माँ के आंसू थम नहीं पाये थे। ऊपर से दिखने में कठोर नेहा के पिता किसी से भी निगाह मिलाने से बच रहे थे और अंदर-अंदर ही अपने कोमल हृदय से बहते आंसूओं को रोकने का असफल प्रयास कर रहे थे। जब 3 दिन बाद नेहा को होंश आया तब जाकर इसके परिजन व माता-पिता की जान में जान आई। शायद भगवान ने करुण पुकार सुन ली थी। इसके बाद धीरे-धीरे करीब 1 माह तक नेहा के स्वास्थ्य में सुधार होता रहा और उसे एक माह बाद सीहोर लाया गया। आज वहीं नन्ही नेहा ने जो कमाल कर दिखाया है उससे इसके परिजनों की खुशी दुगनी हो गई है। नेहा को शिडनी सेल्डोन के उपन्यास, बेडमिंटन और नेट सर्फिंग का शोक है। नेहा का एक ही सिध्दांत है कि समय की बचत करो, हर समय कीमति है, जरा-जरा सा समय बचाते हुए यदि हम अपने लक्ष्य की तरफ बढ़े तो निश्चित ही सफलता हमारे कदम चूमती है।

शिवना की नई पुस्तक का हुआ ग्लोबल विमोचन

सीहोर 12 अक्टूबर (नि.सं.)। सीहोर के शिवना प्रकाशन द्वारा प्रकाशित वाशिंगटन के भारतीय मूल के कवि राकेश खण्डेलवाल के काव्य संग्रह अंधेरी रात का सूरज का विमोचन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक साथ तीन स्थानों पर किया गया इंटरनेट पर हिंद युगम द्वारा सीहोर में शिवना प्रकाशन के कार्यक्रम में तथा अमेरिका के वर्जीनिया में वाशिंगटन हिंदी समिति के आयोजन में । सीहोर में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता स्थानीय कालेज में हिंदी की प्राध्यापक डॉ. श्रीमती पुष्पा दुबे ने की, आयोजन में अखिल भारतीय कवियित्री मोनिका हठीला मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं । विशेष अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार वसंत दासवानी तथा कृषि वैज्ञानिक श्री डॉ आर सी जैन उपस्थित थे । आयोजन शिवना प्रकाशन के सम्राट काम्प्लैक्स स्थित कार्यालय पर आयोजित किया गया जहां पर स्थानीय कवियों तथा साहित्यकारों के मध्य अंधेरी रात का सूरज का विमोचन किया गया । कार्यक्रम का संचालन युवा पत्रकार प्रदीप चौहान ने किया ।
सर्वप्रथम अतिथियों ने ज्ञान की देवी मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर तथा पूजन अर्चन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । तत्पश्चात सीहोर के युवा कवि जोरावर सिंह ने मां सरस्वती की वंदना का सस्वर पाठ किया । शिवना प्रकाशन की ओर से श्री कृष्ण हरी पचौरी, श्री शंकर प्रजापति, श्री अशोक सुन्दरानी, श्री सुभाष चौहन, श्री लक्ष्मीनारायण राय, आदि ने अतिथियों का स्वागत पुष्प माला से किया । वरिष्ठ शायर डॉ. कैलाश गुरू स्वामी ने स्वागत भाषण देते हुए शिवना की ओर से सभी का स्वागत किया । शिवना की ओर से जानकारी देते हुए प्रकाशक पंकज सुबीर ने अंधेरी रात का सूरज के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि शिवना का ये चौथा संग्रह इस मायने में महत्वपूर्ण है कि ये सात समंदर पार जाने का शिवना का प्रयास है । तत्पश्चात काव्य संग्रह का विमोचन सीहोर के प्रबुध्द जनों की उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर कवियित्री मोनिका हठीला ने राकेश खण्डेलवाल के गीतों का सस्वर पाठ किया । अपने संबोधन में श्री वसंत दासवानी ने कहा कि शिवना ने ये जो प्रयास किया है ये गौरवपूर्ण उपलब्धि है सीहोर शहर के लिये । उन्होंने साहित्य और तकनीक का समन्वय करने की आवश्यकता पर ाोर दिया ।
श्री आर सी जैन ने कहा कि सीहोर के कवियों के संग्रह सामने लाकर शिवना ने एक अच्छा काम किया है और अब विश्व साहित्य से जुड़ कर शिवना भी एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था बन चुकी है । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं स्थानीय कालेज में हिंदी की विद्वान प्राध्यापक डॉ. श्रीमती पुष्पा दुबे ने अंधेरी रात का सूरज पर बोलते हुए संग्रह के गीतों को भारतीय परम्परा का वाहक निरूपित किया और कहा कि राकेश खण्डेलवाल जी ने आज के समय में हिंदीके गीतों पर जो कार्य किया है वह इसलिये भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आज हिंदी के छंदों की परम्परा के साधक कम नजर आते हैं । उन्होंने कहा कि श्री खण्डेलवाल के गीत वास्तव में अंधेरी रात का सूरज ही हैं क्योंकि वे क्लांत मानव मन को प्रकाश की ओर ले जाने का कार्य करते हैं । शिवना की ओर से पत्रकार श्री शैलेष तिवारी ने मंगल तिलक कर तथा शाल भेंट कर अध्यक्षता कर रहीं डॉ. पुष्पा दुबे तथा मुख्य अतिथि मोनिका हठीला को सम्मानित किया । आभार प्रदर्शन करते हुए वरिष्ठ कवि हरिओम शर्मा दाऊ ने सभी पधारे हुए अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया । कार्यक्रम का गरिमामय संचालन युवा पत्रकार प्रदीप चौहान ने किया ।
इसके अलावा इस विमोचन को इंटरनेट पर हिंदी के प्रमुख जाल समूहों में से एक हिंद युग्म पर भी आयोजित किया गया जहां पर विश्व भर में फैले हिंदी के लाखों पाठकों ने हिंद युग्म की साइट पर जाकर विमोचन में भाग लिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय साहित्यकार पत्रकार और कवि भी उपस्थित रहे जिनमें सुनील शर्मा, द्वारका बांसुरिया, ओम प्रकाश तिवारी, राजेंद्र शर्मा, अनिल राय, सुशांत समाधिया, सुरेंद्र ठाकुर, धमर्ेंद्र कौशल, मोहम्मद परवेज खान, आमिर खान, प्रवीण विश्वकर्मा, सनी गोस्वामी, सुधीर मालवीय, संतोष कुशवाह आदि प्रमुख थे।

तीन की अकाल मौत

सीहोर 12 अक्टूबर (नि.सं.)। थाना मण्डी के एक बालक की करंट लगने से एवं थाना इछावर में विवाहिता सहित एक व्यक्ति की पानी में डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरु कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मण्डी थाना अन्तर्गत स्थानीय इन्द्रा कालोनी निवासी मुकेश का एक वर्षीय पुत्र अनमोल को करंट लगने से गत दिवस दोपहर को अस्पताल लाया गया जहाँ चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बताया जाता है कि अनमोल की मम्मी मोटर लगाकर नल से पानी भर रही थी खेलते-खेलते अनमोल ने डोरी पकड़ ली जिससे उसे करंट लग गया।
उधर इछावर थाना अन्तर्गत आने वाले ग्राम हालिया खेड़ी स्थित सरदार अजा. का कुंआ पर गत दिनों शाम के समय राजमल खाती की 40 वर्षीय पत्नि कांताबाई कुएं पर चरु लेकर पानी भरने आई थी। कुएं में गिरने से पानी में डूबने के कारण मौत हो गई।
वहीं गत दिवस रात्रि साढ़े 9 बजे राधा किशन का कुंआ ग्राम मोगरा में ग्राम मोगरा निवासी 40 वर्षीय दिलीप सिंह पुत्र हीरालाल धाकड़ कुएं पर गया था। जिसका खाना देने नंदू कुएं पर आया तो दिलीप के नहीं मिलने पर नंदू ने दिलीप की तलाश की तब वो खेत के कुएं पर दिलीप के जूते मिले नंदू ने कुएं में देखा तो दिलीप मरा पड़ा था।