Tuesday, January 29, 2008

कड़ाके की सर्दी : सैकड़ो एकड़ में फसल जली

आक्रोशित कोली समाज ने निकाला मौन जुलुस पुलिस हिरासत में युवक की मौत का मामला गर्माया

सीहोर 28 जनवरी (फुरसत)। पुलिस हिरासत में मौत से आक्रोशित कोली समाज के महिला पुरूषों ने मौन जुलुस के साथ जिलाधीश कार्यालय पहुंचकर थाने में विरूद्व युवक हुकुमचंद शाक्य की संदेहास्पद मौत की उचित जांच कर कार्यवाही की मांग करते हुए एक नौ सूत्रिय ज्ञापन मृतक की पत्नि श्रीमति मीना शाक्य ने अपने समाज के लोगो के साथ पहुंचकर जिलाधीश को सौंपा ज्ञापन की प्रतिलिपियां मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, मानव अधिकार आयोग, पुलिस महानिरीक्षक, नेता प्रतिपक्ष, म.प्र. विधानसभा, पुलिस अधीक्षक सीहोर एवं प्रदेश भाजपा कार्यालय को भी भेजकर हुकुमचंद शाक्य की कोतवाली में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच की मांग करने एवं आरोपियों को पकड़ने की मांग की है।

गैस-केरोसिन से चल रहे वाहन पकड़ाये, डेढ़ लाख का अर्थदण्ड भी

सीहोर 28 जनवरी (फुरसत)। केरोसिन से चने वाले वाहनों और ईधन गैस का गलत उपयोग करने वालो के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही सुनिश्चित की गई है। कलेक्टर ने निर्देश पर जिला खाद्य विभाग द्वारा केरोसीन और गैस के दुरूपयोग को सख्ती से रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है । अभियान के तहत गत दिवस दो ट्रक और एक ट्रेक्टर के खिलाफ कार्यवाही कर डेढ़ लाख का जुर्माना किया गया । जिला आपूर्ति अधिकारी श्रीमति सुनीता शिरपुरकर ने बताया कि 9 जनवरी,08 को चांदबड़-श्यामपुर मार्ग पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग के दल ने केरोसीन से चलते हुए तीन वाहनों को जब्त किया और पुलिस अभिरक्षा में थाना मण्डी सीहोर को सौंपा गया । दल द्वारा तीनो वाहन मालिकों के खिलाफ आवश्यक बस्तु अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर जिलाधीश एवं जिला दण्डाधिकारी के न्यायालय में प्रस्तुत किया। प्रकरण में पारित निर्णय में जप्त ट्रक क्रं. एमकेओ-9059 के मालिक राकेश राठौर के विरूद्व 50 हजार, ट्रक क्रं. एमपी-09-केबी-1866 के मालिक गोवाल मेवाड़ा के विरूद्व 40 हजार तथा ट्रेक्टर क्रं. एमपी-ए-0229 के मालिक अखिलेश बिजोलिया के विरूद्व 60 हजार रूपये का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया । केरोसीन एवं ईधन गैस के दुरूपयोग को रोकने के लिए खाद्य विभाग का यह अभियान सतत जारी रहेगा ।

मुस्लिम वर्ग के साथ मेहमानों जैसा व्यवहार करना गलत है

जिस प्रकार किसी मेहमान के साथ व्यवहार किया जाता है ठीक उसी प्रकार नगर में हर बार सीहोर में मुस्लिम वर्ग के साथ व्यवहार होता देखा जाता है। यह कहाँ तक न्यायोचित है। एक तरफ सीहोर के राष्ट्रवादी मुस्लिम वर्ग के लोग हमेशा भारतवर्ष की संस्कृति में मिल-जुल रहना पसंद करते हैं और दूसरी तरफ उनके साथ राय शासन का ही एक विभाग कुछ ऐसा व्यवहार करता है जैसे वह कोई मेहमान हों.....।
असल में यहाँ बात विद्युत मण्डल की हो रही है जिसने इस बार राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर भी विद्युत कटोती जारी रखी । मण्डल ने तो विद्युत ही काटी लेकिन यहाँ नगर के नागरिकों को काटो तो खून नहीं वाली कहावत चरितार्थ हो रही थी। देश के इस महानतम राष्ट्रीय पर्व के दिन भी मण्डल द्वारा विद्युत की कटौती किये जाने को लेकर दिनभर तरह-तरह की चर्चाएं जारी थी और इन चर्चाओं में यह चर्चा भी जोरों पर थी कि आखिर मण्डल जानबूझकर ऐसी हरकतें क्यों करता है ? क्या दो-तीन दिन पूर्व से मात्र चार घंटे की कटौती को बराबर करके 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर आपूर्ति नहीं की जा सकती थी ? क्या बहुत ज्‍यादा जरुरी था जो गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय पर्व पर भी लाल किले से हो रहे सीधे प्रसारण मे विद्युत मण्डल ने विघ्न उत्पन्न कर दिया। क्या बहुत जरुरी था जो हर एक विद्यालय में सुबह झण्डा वंदन के लिये तैयार होकर जा रहे विद्यार्थियों को परेशान किया गया ? गणतंत्र दिवस पर सुबह-सुबह उठे नन्हे बच्चों को न तो हीटर से गर्म पानी मिल सका और ना ही विद्युत आपूर्ति होने के कारण वह सही से तैयार हो सके। भागमभाग अलग थी की झण्डा वंदन के लिये जल्दी से जाना है क्योंकि विशेष कार्यक्रम और विशेष अतिथि इस दिन हर एक विद्यालय में आते हैं ? आखिर क्या जरुरत थी कि सुबह निश्चित 6 से 8 ही विद्युत काटी जाती एक दिन पहले अधिक विद्युत काटकर या रात को विद्युत आपूर्ति बंद करके भी तो इसकी पूर्ति की जा सकती थी ? लेकिन मण्डल अपनी दोहरी नीति से कभी बाज आया है जो गणतंत्र दिवस के दिन आ जाता ?
विद्युत मण्डल की इस लापरवाही के कारण नगर में दिनभर चर्चा रही थी कि आखिरकार जब देश के राष्ट्रीय पर्व पर विद्युत काटी गई तो फिर ईद पर क्यों नहीं काटी गई? मण्डल अक्सर इस प्रकार की नीति चलाकर नगर में तरह-तरह की चर्चाओं को गर्म करवा देता है। आखिर मण्डल मुस्लिम वर्ग के साथ इस प्रकार का पक्षपात करके उन्हे क्या बताना या दिखाना चाहता है ? किसी मेहमानों की तरह सा व्यवहार मण्डल क्यों हर बार इस वर्ग से करता है ? क्योंकि जो मण्डल गणतंत्र दिवस पर विद्युत आपूर्ति नहीं कर सकता वह ईद को कर रहा हो तो निश्चित ही समझा जा सकता है कि मण्डल कहीं कोई संदेश या संकेत देना चाहता है ? उसका जो भी संदेश या संकेत हो उससे हमें कोई लेना-देना नहीं है। हमारा तो सीधा साधा मतलब है कि इस वर्ग के साथ इस प्रकार का व्यवहार कर क्यों मण्डल द्वारा इन्हे देश की मुख्यधारा से अलग-थलग करने का कुत्सित प्रयास किया जाता है। आखिरकार क्यों उनसे समान व्यवहार नहीं रखा जाता। क्यों उन्हे कुछ आभास कराने का प्रयास हर बार विद्युत मण्डल किया करता है। वह क्या चाहता है? स्पष्ट कर दे कभी मण्डल के बिलों में ईद मुबारक छाप दिया जाता है तो कभी कुछ कर दिया जाता है। यह जोड़ने का प्रयास है या तोड़ने का ? मण्डल की इस घटिया नीति से राष्ट्रवादी मुस्लिम भी नाराज दिखाई देते हैं। अच्छा हो मण्डल अपनी नीतियों में सुधार करे।

पश्चिम रेल्वे महाप्रबंधक ने नई रेल्वे लाईन का निरीक्षण किया

सीहोर 28 जनवरी (फुरसत)। विगत लम्बे समय से यहाँ बन रही रेल्वे की दूसरी लाईन को अंतिम रुप से विगत सप्ताह भर में तैयार कर लिया गया। यहाँ हाउसिंग बोर्ड और फंदा फाटक के रेल्वे द्वार पर विशेष रंग रोगन के अलावा वहाँ लाईन के आसपास की सड़के भी बना दी गई। मण्डी द्वार पर भी सारी कमियां पूरी कर ली गई। सोमवार को आज रतलाम से रेल्वे के जीएम ने आकर निरीक्षण भी कर लिया है। शीघ्र ही यह मार्ग व्यवस्थित रुप से शुरु हो जायेगा।
रेल्वे स्टेशन पर पश्चिम रेल्वे के जीएम ए.के.झिंगरन की विशेष निरीक्षण रेल आज बैरागढ़ से निरीक्षण करने के बाद सुबह करीब 11 बजे सीहोर पहुँची। इस रेल में जी.एम. उनके साथ विशेष अधिकारियों का दस्ता शामिल था। जिसमें रतलाम मण्डल के डीआरएम समेत अन्य अधिकारी भी साथ थे। फंदा से पचामा के बीच शुरु हुए डबल डबल ट्रेक लाईन का निरीक्षण करने के लिये जी.एम. श्री झिंगरन नई तैयार की दूसरी रेल्वे लाईन पर ही सीहोर पहुँचे। उन्होने दूसरी लाईन का यहाँ विधिवत शुभारंभ भी किया। इसी के साथ जीएम श्री झिंगरन ने सबसे पहले सीहोर रेल्वे स्टेशन पर पौधरोपण किया गया। इसके बाद रेल्वे स्टेशन पर लगी हुई प्याऊ, शौचालय, रेल्वे टिकिट खिड़की, टीटी कक्ष, विजिटर कक्ष, रेल्वे रिकार्ड, रेल्वे कंट्रोलिंग कक्ष आदि का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होने कुछ स्थानों पर नाराजी भी व्यक्त करते हुए व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिये।
श्री झिंगरन का कहना था कि रेल्वे स्टेशन पर आगामी अप्रैल तक रेल्वे फुट ब्रिज का निर्माण पूरा हो जायेगा जिसके कारण दूसरे स्टेशन पर पहुँचने के लिये यात्रियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। अर्थात आमने-सामने की दोनो लाईनों पर आने-जाने की व्यवस्था आसान हो जायेगी। एक्सप्रेस यात्री गाड़ियों के संबंध में उन्होने कहा कि रेल्वे स्टेशन पर मिलने पर ट्राफिक के आधार पर रेलों के स्टापेज के संबंध में निर्धारण किया जाता है। सीहोर स्टेशन पर भी नहीं रुकने वाली गाड़ियों के संबंध में विचार किया जा रहा है।