Friday, May 16, 2008

वो कौन-सा पेट्रोल पंप हैं जहाँ डीजल के नाम पर शुध्द घांसलेट दिया जाता है....?

सीहोर 15 मई (नि.सं.)। नगर में एक ऐसा पेट्रोल पंप मौजूद हैं जहाँ यदि आप डीजल लेने जायेंगे तो निश्चित ही आपको या तो घांसलेट मिला हुआ डीजल दिया जायेगा अथवा हो सकता है कि पूरा का पूरा ही घांसलेट दे दिया जाये। खुले आम यूँ घांसलेट बेचने वाले पेट्रोल पंप मालिक से क्या जिला खाद्य अधिकारी की विशेष जमती है या वह इसके रिश्तेदार लगते हैं जो यहाँ जांच नहीं की जा रही है। आखिर क्या कारण है जो नगर भर के पेट्रोल पंपों पर लम्बे समय से यह आम शिकायत है कि मिलावट होती है उसके बाद भी जांच नहीं की जाती। क्या सबसे हफ्ता बंधा हुआ है जो नियम से प्रशासन के अधिकारियों को पहुँच रहा है....? पूरा नगर इन पेट्रोल पंपों का उपभोक्ता है जिसके साथ खुले आम छल किया जा रहा है घांसलेट मिला डीजल-पेट्रोल दिया जा रहा है।
सिर्फ नगर ही नहीं नगर के आस पास के पेट्रोल पंपों और ग्रामीण क्षेत्रों से लगे पेट्रोल पंपों पर तो मिलावट की हद कर दी जाती है। जिला खाद्य व आपूर्ति अधिकारी गले-गले तक इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि कहाँ कितनी मिलावट होती है उनकी इच्छा के बिना पत्ता भी नहीं हिल सकता तो क्या वाकई इनके पेट्रोल पंप मालिकों से अच्छे संबंध है या सांठ-गांठ है। पहले एक पेट्रोल पंप खासा बदनाम था जहाँ पर घांसलेट बहुत बड़ी मात्रा में पेट्रोल में मिलाकर बेचा जाता था कहा जा रहा है कि आज तक यहाँ कुछ सुधार हो गया है।
लेकिन अब एक नये युवा पेट्रोल पंप मालिक ने सारी सीमाएं ही लांघ दी हैं। उन्होने पेट्रोल पंप में पेट्रोल-डीजल के साथ ही घांसलेट भी उसमें मिलाकर बेचना शुरु कर दिया है। दो दिन पूर्व का ही किस्सा है कि इस पेट्रोल पंप पर नियमित डीजल डलवाने वाले वाहन जब आये और डीजल भरवाकर गये तो उनके वाहनों ने चालू होने मे अपेक्षा से यादा झटके खाये। जब जांच की तो पता चला कि डीजल के स्थान पर पेट्रोल पंप से शुध्द घांसलेट डाला गया है। आखिर पेट्रोल पंप मालिक की हिम्मत को दाद देनी चाहिये कि वह यूँ खुले आम डीजल के नाम से घांसलेट बेच रहा है और उसे इसको लेकर जरा भी डर नहीं है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस पेट्रोल पंप पर डीजल के स्थान पर शुध्द घांसलेट डाला जा रहा है उसके पास इतना सारा घांसलेट आ कहाँ से रहा है ? क्योंकि यहाँ नीला घांसलेट ही डाला गया था मतलब जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी को क्या इसकी भनक भी नहीं है कि पूरा का पूरा टेंकर घांसलेट का एक पेट्रोल पंप में डाला जा चुका है। इतना बड़ा घांसलेट का घोटाला आखिर कैसे हो रहा है ? निश्चित ही यहाँ नीचे से लेकर ऊपर तक सब कुछ गड़बड़ झाला चल रहा है।
नगर भर के पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल में घांसलेट मिलाकर बेचने की जानकारी प्रारंभ से ही फुरसत को मिलती रही है। पूर्व में फुरसत के कुछ संवाददाताओं ने लगातार रात-रात भर जागकर कुछ पेट्रोल पंपों की निगरानी भी की थी तब पता चला था कि इन सारे पेट्रोल पंपों पर सीधे बड़े-बड़े टैंकर ही घांसलेट के भराकर आते हैं और वह सीधे इसमें डलवा लिये जाते हैं। एक पेट्रोल पंप 200 लीटर की टंकियाँ आती हैं जो पेट्रोल पंप के पीछे ले जाकर खाली करा ली जाती हैं। इस प्रकार पेट्रोल पंपों पर घांसलेट मिला डीजल व पेट्रोल मिलना आम बात है।
यदि कोई पेट्रोल शुध्द देने का दावा करता है तो डीजल में गड़बडी क़र देता है और कोई दोनो में बराबर-बराबर घांसलेट मिला देता है।
नगर के मैकेनिकों का कहना है कि जो वाहन विशेषकर चांदबड़, कालापीपल व अन्य ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं उनका जब कभी इंजन खोला जाता है तो अंदर घांसलेट के कारण पूरा इंजन ही जंग की तरह लाल दिखाई देता है जबकि अच्छे व साफ पेट्रोल से चलने वाले वाहनों का इंजन वर्षो बाद भी खोला जाये तो कभी जंग लगा लाल नजर नहीं आता। स्पष्ट है कि दो पहिया वाहनों में डलने वाला पेट्रोल विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में तो घांसलेट की मिलावट के साथ ही बेचा जा रहा है।
पेट्रोल पंप मालिकों को इतनी बड़ी मात्रा में घांसलेट कौन उपलब्ध करा रहा है ? किसकी सांठ गांठ है ? किसकी सेटिंग है ? कितना घांसलेट नगर में आता है और कितना बंटता है और कितने घांसलेट ड्रम का हाकर उठाने के पहले ही सौदा कर लेते हैं यह सब जांच का विषय है। नगर में घांसलेट की कालाबाजारी से लेकर पेट्रोल व डीजल उपभोक्ताओं के साथ छल किया जा रहा है। जबकि जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी इस संबंध में मौन साधे बैठे हैं। आखिर क्या कारण है कि आज तक किसी पेट्रोल पंप पर छापा डालकर जांच नहीं की गई ? आखिर क्या कारण है उक्त पेट्रोल पंप जिसमें डीजल के नाम पर घांसलेट दिया जा रहा है उस पर अभी तक छापा नहीं डाला गया ? टैंक में डाला घांसलेट खुशबू से पहचाना जा सकता है ? फिर चाहे तो भोपाल जांच के लिये भी भेजा जा सकता है आखिर जांच अधिकारी खाद्य आपूर्ति अधिकारी जांच से बच क्यों रहे हैं ? क्या इसके लिये भोपाल में जांच कराने का आग्रह करना पड़ेगा या जनता को आंदोलन व ज्ञापन देने होंगे ?

वो कौन-सा पेट्रोल पंप हैं जहाँ डीजल के नाम पर शुध्द घांसलेट दिया जाता है....?

सीहोर 15 मई (नि.सं.)। नगर में एक ऐसा पेट्रोल पंप मौजूद हैं जहाँ यदि आप डीजल लेने जायेंगे तो निश्चित ही आपको या तो घांसलेट मिला हुआ डीजल दिया जायेगा अथवा हो सकता है कि पूरा का पूरा ही घांसलेट दे दिया जाये। खुले आम यूँ घांसलेट बेचने वाले पेट्रोल पंप मालिक से क्या जिला खाद्य अधिकारी की विशेष जमती है या वह इसके रिश्तेदार लगते हैं जो यहाँ जांच नहीं की जा रही है। आखिर क्या कारण है जो नगर भर के पेट्रोल पंपों पर लम्बे समय से यह आम शिकायत है कि मिलावट होती है उसके बाद भी जांच नहीं की जाती। क्या सबसे हफ्ता बंधा हुआ है जो नियम से प्रशासन के अधिकारियों को पहुँच रहा है....? पूरा नगर इन पेट्रोल पंपों का उपभोक्ता है जिसके साथ खुले आम छल किया जा रहा है घांसलेट मिला डीजल-पेट्रोल दिया जा रहा है।
सिर्फ नगर ही नहीं नगर के आस पास के पेट्रोल पंपों और ग्रामीण क्षेत्रों से लगे पेट्रोल पंपों पर तो मिलावट की हद कर दी जाती है। जिला खाद्य व आपूर्ति अधिकारी गले-गले तक इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि कहाँ कितनी मिलावट होती है उनकी इच्छा के बिना पत्ता भी नहीं हिल सकता तो क्या वाकई इनके पेट्रोल पंप मालिकों से अच्छे संबंध है या सांठ-गांठ है। पहले एक पेट्रोल पंप खासा बदनाम था जहाँ पर घांसलेट बहुत बड़ी मात्रा में पेट्रोल में मिलाकर बेचा जाता था कहा जा रहा है कि आज तक यहाँ कुछ सुधार हो गया है।
लेकिन अब एक नये युवा पेट्रोल पंप मालिक ने सारी सीमाएं ही लांघ दी हैं। उन्होने पेट्रोल पंप में पेट्रोल-डीजल के साथ ही घांसलेट भी उसमें मिलाकर बेचना शुरु कर दिया है। दो दिन पूर्व का ही किस्सा है कि इस पेट्रोल पंप पर नियमित डीजल डलवाने वाले वाहन जब आये और डीजल भरवाकर गये तो उनके वाहनों ने चालू होने मे अपेक्षा से यादा झटके खाये। जब जांच की तो पता चला कि डीजल के स्थान पर पेट्रोल पंप से शुध्द घांसलेट डाला गया है। आखिर पेट्रोल पंप मालिक की हिम्मत को दाद देनी चाहिये कि वह यूँ खुले आम डीजल के नाम से घांसलेट बेच रहा है और उसे इसको लेकर जरा भी डर नहीं है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस पेट्रोल पंप पर डीजल के स्थान पर शुध्द घांसलेट डाला जा रहा है उसके पास इतना सारा घांसलेट आ कहाँ से रहा है ? क्योंकि यहाँ नीला घांसलेट ही डाला गया था मतलब जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी को क्या इसकी भनक भी नहीं है कि पूरा का पूरा टेंकर घांसलेट का एक पेट्रोल पंप में डाला जा चुका है। इतना बड़ा घांसलेट का घोटाला आखिर कैसे हो रहा है ? निश्चित ही यहाँ नीचे से लेकर ऊपर तक सब कुछ गड़बड़ झाला चल रहा है।
नगर भर के पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल में घांसलेट मिलाकर बेचने की जानकारी प्रारंभ से ही फुरसत को मिलती रही है। पूर्व में फुरसत के कुछ संवाददाताओं ने लगातार रात-रात भर जागकर कुछ पेट्रोल पंपों की निगरानी भी की थी तब पता चला था कि इन सारे पेट्रोल पंपों पर सीधे बड़े-बड़े टैंकर ही घांसलेट के भराकर आते हैं और वह सीधे इसमें डलवा लिये जाते हैं। एक पेट्रोल पंप 200 लीटर की टंकियाँ आती हैं जो पेट्रोल पंप के पीछे ले जाकर खाली करा ली जाती हैं। इस प्रकार पेट्रोल पंपों पर घांसलेट मिला डीजल व पेट्रोल मिलना आम बात है।
यदि कोई पेट्रोल शुध्द देने का दावा करता है तो डीजल में गड़बडी क़र देता है और कोई दोनो में बराबर-बराबर घांसलेट मिला देता है।
नगर के मैकेनिकों का कहना है कि जो वाहन विशेषकर चांदबड़, कालापीपल व अन्य ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं उनका जब कभी इंजन खोला जाता है तो अंदर घांसलेट के कारण पूरा इंजन ही जंग की तरह लाल दिखाई देता है जबकि अच्छे व साफ पेट्रोल से चलने वाले वाहनों का इंजन वर्षो बाद भी खोला जाये तो कभी जंग लगा लाल नजर नहीं आता। स्पष्ट है कि दो पहिया वाहनों में डलने वाला पेट्रोल विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में तो घांसलेट की मिलावट के साथ ही बेचा जा रहा है।
पेट्रोल पंप मालिकों को इतनी बड़ी मात्रा में घांसलेट कौन उपलब्ध करा रहा है ? किसकी सांठ गांठ है ? किसकी सेटिंग है ? कितना घांसलेट नगर में आता है और कितना बंटता है और कितने घांसलेट ड्रम का हाकर उठाने के पहले ही सौदा कर लेते हैं यह सब जांच का विषय है। नगर में घांसलेट की कालाबाजारी से लेकर पेट्रोल व डीजल उपभोक्ताओं के साथ छल किया जा रहा है। जबकि जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी इस संबंध में मौन साधे बैठे हैं। आखिर क्या कारण है कि आज तक किसी पेट्रोल पंप पर छापा डालकर जांच नहीं की गई ? आखिर क्या कारण है उक्त पेट्रोल पंप जिसमें डीजल के नाम पर घांसलेट दिया जा रहा है उस पर अभी तक छापा नहीं डाला गया ? टैंक में डाला घांसलेट खुशबू से पहचाना जा सकता है ? फिर चाहे तो भोपाल जांच के लिये भी भेजा जा सकता है आखिर जांच अधिकारी खाद्य आपूर्ति अधिकारी जांच से बच क्यों रहे हैं ? क्या इसके लिये भोपाल में जांच कराने का आग्रह करना पड़ेगा या जनता को आंदोलन व ज्ञापन देने होंगे ?

नये नलकूपों के लाखों की केबल डोरी खरीदी जा रही

सीहोर 15 मई (नि.सं.)। नगर पालिका द्वारा इन दिनों जो नये नलकूप खनन कराये गये हैं उनके लिये जो केबल डोरी डाली जा रही है उसको लेकर भी चर्चाएं सरगर्म हैं। कहा जा रहा है कि डोरी बिना किसी अनुमोदन के और निविदा आमंत्रण के खरीदी जा रही है इसके पीछे भी किसी एक ही व्यक्ति को लाभ पहुँचाने की योजना कार्यरत है जिसकी जांच की जाना चाहिये। नगर पालिका को लेकर आये दिन चर्चाएं सरगर्म रहती हैं। अब बिल्कुल नई बात सामने आ गई हैं। नगर भर में जितने भी नगर पालिका ने हाल ही में बोर कराये हैं उनमें मोटर डालने के लिये तो एक ही कम्पनी की एक व्यक्ति को लाभ पहुँचाने के लिये निविदा आमंत्रित की ही गई थी जिसमें अभी तक कोई सुधार किये जाने की सूचना सार्वजनिक नहीं है लेकिन इसके साथ ही केबल डोरी जो लाखों रुपये की खरीदी जाना थी उसके लिये भी निविदा आमंत्रित नहीं की गई। इसे खरीदा तो जा रहा है लेकिन किससे खरीदा जा रहा है ? क्या उसे विशेष लाभ पहुँचाने के लिये ऐसा किया गया है। क्या यह उचित मूल्य में खरीदी जा रही है इसको लेकर चर्चाएं हैं। असल में इस बार हर एक बोर 300 फिट से यादा खोदा गया है इस दृष्ठि से इसमें डलने वाला तार भी बहुत बड़ी मात्रा में खरीदा जाना है ताकि पर्याप्त रह सके लेकिन इसी में गड़बड़ जारी है। वैसे यदि ऐसा हो ही रहा है तो निश्चित ही नगर पालिका में इस तरह से एक नीति विरुध्द आचरण हो रहा है जिसकी जांच की जाना चाहिये।

पालिका के गंदे पीले पानी से हाथ धोने पर खुजली हो रही, नगर पालिका में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर-भाजपा पार्षद

सीहोर 15 मई (नि.सं.)। मुख्य नगर पालिका अधिकारी जिनका दायित्व है कि नगर के नागरिकों को नियमित रूप से शुद्ध पेयजल मिले, नगर की सफाई सुचारू रूप से हो एवं स्ट्रीट लाईट से निरन्तर प्रकाश हो लेकिन हमारी नगर पालिका में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी का सिर्फ एक ही और ध्यान है कि पैसे कैसे अपनी जेब में आये तभी हर वार्ड के लिये निर्धारित टेंकरों से कम टेंकर से जल प्रदाय हो रहा है। जबकि जिलाधीश राघवेंद्र सिंह एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व चन्द्रमोहन मिश्रा द्वारा सीहोर नगर में व्याप्त भीषण जल संक ट से नागरिकों को राहत देनें के लिये हर वार्ड में नलकूप खनन कराये जाकर मोटरें डलवाई जा रही है ।
लेकिन मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा निम्न स्तर की मोटरें कमीशन के चक्कर में डलवाई जा रही है जो थोंड़े ही समय में काम करना बंद कर रही है इसी तरह हर वार्ड में पर्याप्त मात्रा में टेंकर नही भेजे जा रहे है, जिससे वार्डवासी पानी के लिये परेशान है ।
जल प्रदाय सुचारू रूप से हो सके इस हेतू पार्षदों से उनके वार्ड में किस दिन कहां कहां जल प्रदाय होना है कि सूची लेनी चाहिये और पानी वार्ड के हर मोहल्ले गली में रहने वाले नागरिकों को मिल सके ऐसी व्यवस्था पार्षद को देखने के लिये नपा द्वारा की जानी चाहिये ।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा भारी कमीशन लेकर निम् स्तर की सामग्रीयां क्रय की जा रही है और भारी भ्रष्टाचार हो रहा है ।
प्रदेश में भाजपा की सरकार है और सीहोर नगर पालिका को जल संकट से निपटने के लिये शासन द्वारा राशि भी उपलब्ध कराई गई है लेकिन राशि का मुख्य नगर पालिका अधिकारी दुरूपयोग कर रहे है । जिसकी वजह से लोकप्रिय मुख्यमंत्री की छवि धूमिल हो रही है । नगर पालिका द्वारा जो गंज क्षैत्र में 8 दिन में एक बार एक ही समय जल प्रदाय किया जा रहा है। वह जमोनिया जलाशय से हो रहा है इतना प्रदूषित पानी आ रहा है पीले रंग का जिससे हाथ धोने से खुजली चल रही है जबकि नपा ने ब्लिचिंग पाउडर, ऐमल, फिटकरी लाखों रुपये के खरीदे गये है । ऐसा लगता है कि मात्र बिलों में ही यह सामग्री क्रय की है यदि यह सामग्री नपा में आती है तो इसका उपयोग होता ओर नागरिकों को शुद्ध जल मिलता । भाजपा पार्षद भोजराज यादव भोनू भईया ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कलेक्टर से नपा में हो रहे भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच कराये जाने एवं दोषी अधिकारी के विरूद्व सख्त कार्यवाही किये जाने की अपील की है ।

राशन कार्ड बनाने को लेकर भाजपा नेता व पार्षद पुत्र झगड़े

आष्टा 15 मई (नि.प्र.)। आष्टा के एक भाजपा नेता का अपने पिता के राशन कार्ड से नाम हटाकर अलग से राशन कार्ड बनाने पर पार्षद द्वारा जब रोक लगाई तो भाजपा नेता को यह नागवार लगी और वो अपनी नाराजी व्यक्त करने पार्षद के घर पहुंच गया और गुस्से का इजहार कर दिया जो पार्षद को नागवार गुजरा पार्षद के पुत्र उक्त भाजपा नेता के खिलाफ जब रिपोर्ट लिखाने जा रहे थे तो उक्त भाजपा नेता ने उनके साथ मारपीट कर दी अब दोनो और से उक्त मामला थाने जा पहुंचा है । प्राप्त जानकारी के अनुसार विजय सोनी उर्फ कालू सोनी का नाम अपने पिता के राशन कार्ड में था उसने नपा में अपने नाम का कार्ड अलग से बनाने का आवेदन दिया और प्रक्रिया शुरू हुई जब यह मामला पार्षद मदनलाल भूतिया को मालूम पड़ा तो उन्होंने उक्त राशन कार्ड के बनने पर रोक लगवा दी । भाजपा के नेता अब उक्त मामला सुलझाने में लग गये है ।

आतंकवादियों का पुतला जलाया गया

सीहोर 15 मई (नि.सं.)। जयपुर में हुए 13 मई को बम विस्फोटो के विरोध में आज बजरंग दल ने हुजी का पुतला जलाया, राजस्थान प्रांत के गुलाबी शहर में घिनौने नपुंसकता का परिचय दिया है पूरे शहर ने इसकी निंदा की गई ऐसे आतंकवादियों को सजाये मौत दी जाना चाहिये। जब भी बम ब्लास्ट होता है तो वह मंदिर पर ही क्यों होता है। हिन्दु स्थान में क्यों होता है। एक पुतले का जुलूस इंग्लिशपुरा से जूते मारते लाया गया और कोतवाली चौराहे पर जलाया। जिसमें विश्व हिन्दु परिषद जिला अध्यक्ष अतुल राठौर और विशेष रुप से उपस्थित हैं साथ ही नगर संयोजक शंकर ठाकुर, जगदीश कुशवाह, राहुल बसंल, तरुण राठौर, संतोष सेन, डालर भाई, सत्यनारायण वारिया, रुपेश पारोचे, विशाल ठाकुर, सतेन्द्र सेन और भी बजरंगी उपस्थित थे।

आकाशीय बिजली गिरने से ग्रामीण की मौत

सीहोर 15 मई (नि.सं.)। कोतवाली थाना क्षैत्र में ग्राम पिपलिया मीरा में गत बुधवार की शाम आकाशीय बिजली गिरने से एक ग्रामीण की मौत हो गई है। सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है ।
ग्राम पिपलिया मीरा निवासी 45 वर्षीय परमानंद आ. भागीरथ गत बुधवार को गोपाल कृष्ण के कुयें पर मजदूरी करने गया था जो शाम तक अपने घर नही लौटा जिसके पुत्र के खोजबीन की तो परमानंद प्रेम कुशवाहा के नीम के पेड़ के नीचे मृत अवस्था में पड़ा मिला जो आकाशीय बिजली गिरने से झुलस गया था ।

पशु चिकित्सालय में नही मिलते डाक्टर

इछावर 15 मई (नि.प्र.)। इछावर का पुश चिकित्सालय इन दिनों अन्य समस्याओं का केन्द्र बना हुआ है । आये दिन डाक्टरों की मनमानी के चलते है। पशु मालिक निराश होकर घर लौट जाते है । बढ़ती अव्यवस्थाओं के चलते कई बार समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित की गई लेकिन प्रशासन कोई इस और ध्यान नही दे रहा है ।

पशु चिकित्सालय में नही मिलते डाक्टर

इछावर 15 मई (नि.प्र.)। इछावर का पुश चिकित्सालय इन दिनों अन्य समस्याओं का केन्द्र बना हुआ है । आये दिन डाक्टरों की मनमानी के चलते है। पशु मालिक निराश होकर घर लौट जाते है । बढ़ती अव्यवस्थाओं के चलते कई बार समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित की गई लेकिन प्रशासन कोई इस और ध्यान नही दे रहा है ।

सड़क हादसे में तीन घायल

सीहोर 15 मई (नि.सं.)। जिले के विभिन्न थाना क्षैत्र मेें अलग-अलग सड़क हादसों में तीन लोग घायल हो गये । पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है ।
जानकारी के अनुसार यातायात में पदस्थ आरक्षक शिवचरण गत बुधवार की शाम अपनी बाइक से बस स्टेण्ड तरफ जा रहा था कि इंडिका क्रमांक एमपी-37-सी-0672 के चालक ने लापरवाही पूर्वक वाहन चलाकर टक्कर मारकर घायल कर दिया व गाली गुफ्तार किया ।
उधर इछावर थाना क्षैत्र के ग्राम बोरदीकलां में बुधवार की दोपहर अपने घर के सामने एक वर्षीय बालक सुमित खेल रहा था कि ग्राम के रघु नाथ मालवीय ने लापरवाही पूर्वक बाइक चलाकर टक्कर मारकर घायल कर दिया । आष्टा थाना क्षैत्र में गत दिनों राजमार्ग स्थित अलीपुर नाका के समीप ग्राम रूपेटा निवासी गुड्डु उर्फ आत्माराम मालवीय अपनी सायकल से आष्टा आ रहा था तभी विपरीत दिशा से आ रही मारूती क्रमांक एमपी-37-सी-126 के चालक ने टक्कर मारकर घायल कर दिया ।