सीहोर 17 मार्च (फुरसत)। ग्राम सतपिपलिया के जमना प्रसाद व देवराज द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि ग्राम सतपिपलिया में पानी के लिये त्राही-त्राही मची है । गांव के सभी के पंप या तो बिगडे पड़े है या सुख चुके है । मवेशियां प्यासी मर रही है गांव वाले 4-5 किलो मीटर से पानी ला रहे है । गांव सतपिपलिया में भीषण जल संकट है ग्रामवासियों ने जिला प्रशासन व म.प्र. शासन से यह मांग की है कि ग्राम सतपिपलिया में नियमित पानी के टेंकर के माध्यम से पानी प्रदाय करवाया जाये ताकि ग्रामवासियों को नियमित पानी मिल सकें । ग्राम सतपिपलिया में जमना प्रसाद व देवराज जागरूक नेता ने प्रशासन से यह भी मांग की है कि गांव के सरकारी हेण्डपंप मरम्मत करवा कर पाईप डाल कर चालू करवायें जायें ।
Tuesday, March 18, 2008
शहर में मचने लगा पानी के लिए हाहाकार बीते आठ दिनों से नलों में नहीं आ रहा पानी
सीहोर 17 मार्च (फुरसत)। पानी....पानी....पानी.... नगर पालिका की असफलता और जल प्रदाय विभाग की अक्षमता तो इस बात से उजागर हो जाता है कि शहर के नागरिकों को न तो पार्वती योजना से पानी मिल रहा है और न ही वैकल्पिक स्त्रोत जमोनिया तालाब से विगत आठ दिनो से छावनी, इंग्लिशपुरा, कस्बा, गंज और मण्डी के नागरिक प्रतिदिन सुबह नलों के आने की वाट जोहते है और अंत में अपने वर्तन उठाकर कुंए, बाबड़ी और हेण्डपंप की राह पकड़ते है । दूरदराज स्थित पेयजल स्त्रोतों से पानी लाना उनकी रोजमर्रा की जिन्दगी में सम्मिलित हो चुका है ।
दिन व दिन विगड़ती जा रही पेयजल व्यवस्था को लेकर नागरिकों में आक्रोश का पनपना सहज स्वभाविक है । पेयजल समस्या को लेकर नागरिक और पार्षद एक जुट होकर आंदोलन की राह पर चल पड़े है । नागरिकों के साथ मण्डी चौराहे पर पार्षद भी धरना देने की घोषणा कर चुके है। नगर में दिनोंदिन गंभीर होती जा रही पेयजल समस्या से निपटने के कोई गंभीर प्रयास न तो न.पा. अध्यक्ष राकेश राय कर रहे है और न ही न.पा. का जल प्रदाय अमला भी कोई रूचि नही दिखा पा रहा है। सबके बीच जिला प्रशासन की रहस्यमय चुप्पी आश्चर्य का सबब बनी हुई है ।
छावनी और गंज में पानी को लेकर सर्वाधिक हालात बिगडें हुए है । इन क्षैत्रों के लोग साईकिलों पर कैन लटकाएं हुए पानी के लिए इधर-उधर भटकते आसानी से देखे जा सकते है । कुईया गार्डन के सामने स्थित हेण्डपंप पर 24 घंटे पानी के लिए भीड़ भाड़ मची रहती है । वही गाड़ी अड्डा क्षैत्र में भी एक-एक बाल्टी के लिए लोगों की जद्दोजहद बनी रहती है । विगत दिनों पानी के एक बाल्टी के लिए यहां लोगो के बीच अच्छी खासी मारपीट भी हो चुकी है । यही हालात रहे तो किसी भी दिन पानी के लिए कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है ।
शहर भर में निजि टेंकरों से पानी सप्लाई तो होने लगा है और वह मनमाने भाव से पानी बैंच कर अपने जेबे भी खूब गरम करने में लगे हुए है । उनकी की मनमानी पर प्रशासन का अंकुश दिखाई भी नही देता है और वह पानी उपभोक्ताओं को जमकर नोच खसोट रहे है । वही गरीब असहाय नागरिकों को पानी मुहैया कराने के लिए न.पा. परिषद और जल कार्य विभाग की नींद अभी तक नही खुल सकी है । अभी तक नपा के पानी टैंकर भी सड़कों पर नही आए है । पैसे वाले तो निजि टेकरों से पानी खरीद ही रहे है । वही गरीब तब्के के नागरिकों को अपने लिए पीने के पानी की जुगाड़ दूर दराज इलाकों से ही करने को मजबूर है । पानी की व्यवस्था संबंधी किसी भी प्रकार की कोई विज्ञप्ति या समाचार भी स्थानीय नपा द्वारा प्रसारित करना मुनासिब नही समझा गया है । पानी की समस्या के निराकरण के लिए नपा न तो भगवान पुरा तालाब से पानी छुड़वा सकी है । और न ही पार्वती नदी से रामपुरा डेम से । भगवान पुरा तालाब से ही यदि पानी छुड़वा दिया जाता तो नगर की सीवन नदी और शहर के बीचोबीच स्थित नाले में पानी एकत्र हो जाता और शहर के जल स्त्रोंतों में थोड़ी बहुत जान आ जाती तथा नागरिकों को राहत भी मिलती ।
दिन व दिन विगड़ती जा रही पेयजल व्यवस्था को लेकर नागरिकों में आक्रोश का पनपना सहज स्वभाविक है । पेयजल समस्या को लेकर नागरिक और पार्षद एक जुट होकर आंदोलन की राह पर चल पड़े है । नागरिकों के साथ मण्डी चौराहे पर पार्षद भी धरना देने की घोषणा कर चुके है। नगर में दिनोंदिन गंभीर होती जा रही पेयजल समस्या से निपटने के कोई गंभीर प्रयास न तो न.पा. अध्यक्ष राकेश राय कर रहे है और न ही न.पा. का जल प्रदाय अमला भी कोई रूचि नही दिखा पा रहा है। सबके बीच जिला प्रशासन की रहस्यमय चुप्पी आश्चर्य का सबब बनी हुई है ।
छावनी और गंज में पानी को लेकर सर्वाधिक हालात बिगडें हुए है । इन क्षैत्रों के लोग साईकिलों पर कैन लटकाएं हुए पानी के लिए इधर-उधर भटकते आसानी से देखे जा सकते है । कुईया गार्डन के सामने स्थित हेण्डपंप पर 24 घंटे पानी के लिए भीड़ भाड़ मची रहती है । वही गाड़ी अड्डा क्षैत्र में भी एक-एक बाल्टी के लिए लोगों की जद्दोजहद बनी रहती है । विगत दिनों पानी के एक बाल्टी के लिए यहां लोगो के बीच अच्छी खासी मारपीट भी हो चुकी है । यही हालात रहे तो किसी भी दिन पानी के लिए कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है ।
शहर भर में निजि टेंकरों से पानी सप्लाई तो होने लगा है और वह मनमाने भाव से पानी बैंच कर अपने जेबे भी खूब गरम करने में लगे हुए है । उनकी की मनमानी पर प्रशासन का अंकुश दिखाई भी नही देता है और वह पानी उपभोक्ताओं को जमकर नोच खसोट रहे है । वही गरीब असहाय नागरिकों को पानी मुहैया कराने के लिए न.पा. परिषद और जल कार्य विभाग की नींद अभी तक नही खुल सकी है । अभी तक नपा के पानी टैंकर भी सड़कों पर नही आए है । पैसे वाले तो निजि टेकरों से पानी खरीद ही रहे है । वही गरीब तब्के के नागरिकों को अपने लिए पीने के पानी की जुगाड़ दूर दराज इलाकों से ही करने को मजबूर है । पानी की व्यवस्था संबंधी किसी भी प्रकार की कोई विज्ञप्ति या समाचार भी स्थानीय नपा द्वारा प्रसारित करना मुनासिब नही समझा गया है । पानी की समस्या के निराकरण के लिए नपा न तो भगवान पुरा तालाब से पानी छुड़वा सकी है । और न ही पार्वती नदी से रामपुरा डेम से । भगवान पुरा तालाब से ही यदि पानी छुड़वा दिया जाता तो नगर की सीवन नदी और शहर के बीचोबीच स्थित नाले में पानी एकत्र हो जाता और शहर के जल स्त्रोंतों में थोड़ी बहुत जान आ जाती तथा नागरिकों को राहत भी मिलती ।
मवेशियों से भरा ट्रक जप्त
सीहोर 17 मार्च (फुरसत)। मण्डी थाना पुलिस ने एक ट्रक में क्रूरता पूर्वक बांधकर ले जाये जा रहे 03 बैल, 06 बछिया, और 37 गायों को जहां मुक्त कराया है वहीं एक अरोपी को पशु क्रूरता अधि. की धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया है । ट्रक का चालक फरार बताया गया है । प्राप्त जानकारी के अनुसार मण्डी पुलिस को सूचना मिली थी कि आष्टा से एक ट्रक में अवैध रूप से कुछ मवेशियों को क्रूरता पूर्वक बांधकर महाराष्ट्र ले जाया जा रहा है । मुखविर की सूचना पर मण्डी पुलिस ने आज सुबह चौपाल तिराहे के समीप निगरानी प्रारंभ कर दी । बताया जाता है कि जैसे ही ट्रक कं्र . आरजे-29-जी-1345 सोया चौपाल के समीप से गुजर रहा था कि पुलिस ने स्टाफ ने एक ट्रक को रोकना चाहा किन्तु ट्रक चालक ने पुलिस द्वारा रोके जाने के बावजूद ट्रक को वहां नही रोका और भागने की चेष्टा की पुलिस कर्मियों द्वारा जब इस ट्रक को रोक लियास गया तब इसमें से 3 बैल, 6 बछिया, और 37 गायों बरामद किये गये । पुलिस ने ट्रक में सवार बब्लू कुरैशी, निवासी कसाई पुरा आष्टा को पशु क्रूरता अधि. के तहत गिरफ्तार कर लिया है । ट्रक चालक अहमद उर्फ बंटी मौके से फरार हो गया पुलिस ने ट्रक से मुक्त कराये गये मवेशियों को निकटवर्ती ग्राम चांदबढ़ की गौशाला में भेज दिया है ।
रोकस पर कलेक्टर-एसडीएम के निर्देश शायद लागू नही होते
आष्टा 17 मार्च (फुरसत)। आष्टा सिविल अस्पताल में पदस्थ डाक्टरों की अब इतनी हिम्मत और यूं कहे कि दादागिरि बढ़ गई है कि अब उनके लिए जिलाधीश के प्रतिनिधि अर्थात रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष एस.डी.एम. के आदेश निर्देश की कोई मायने नही रखते डाक्टर उनके निर्देशों को एक तरह से रद्दी की टोकरी में डाल कर यह दर्शाते है कि अस्पताल में कोई कुछ भी कहें या निर्देश दे, होगा वो ही जो हम चाहेंगे इसका उदाहरण आष्टा सिविल अस्पताल के केम्पस में बन रहा यूनानी दवाखाना का भवन है डाक्टर इस भवन को ऐसे स्थान पर बनवाने में जुटे है जो नगर के मरीज और उनके साथ आने वाले परिजनों के आने-जाने का मुख्य रास्ता है लेकिन कुछ डाक्टर इस आम रास्ते को बंद करने के लिए कई वर्षो से जी जान से जुटे है लेकिन नागरिकों के कडे विरोध के कारण वे ऐसा नही कर पाये लेकिन जैसे ही अस्पताल में यूनानी दवाखाने का भवन बनने का मौका आया तो डाक्टरों ने उक्त आम रास्ते को बंद करने का रास्ता खोल लिया है और रोक्स के सामने उक्त रास्ते के सामने पड़ी खाली जमीन जो मरीजों के तथा इस परिसर में रहने वाले कर्मचारियों के जाने आने का रास्ता है बंद करने का उद्देश्य से बंद कराने के लिए उक्त स्थल को बतला दिया । रोक्स की बैठक में जब यह प्रस्ताव आया तब कुछ सदस्यों ने इसका विरोध किया तब जवाब दिया कि उक्त रास्ता बंद नही करेंगे रास्ता चालू रहेगा ।
लेकिन जब कार्य प्रारंभ हुआ तो पुरा रास्ता बंद करने के हिसाब से कार्य प्रारंभ हुआ । तभी पुन: विरोध प्रांरभ हुआ शिकायत कलेक्टर सीहोर और एसडीएम तुफानसिंह अहिरवार को की । स्वयं अहिरवार स्थल निरीक्षण करने पहुंचे और हकीकत जानने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम ने उक्त रास्ता बंद नही करने, कार्य रोकने का कहा एक दिन कार्य रूका लेकिन पुन: जब कार्य प्रारंभ हुआ तो कई लोगों ने भाजपा जिलाध्यक्ष ललित नागौरी को डाक्टरों की मनमानी की शिकायत की खबर है कि नागौरी ने तत्काल जिलाधीश सीहोर एवं एसडीएम आष्टा को शिकायत कर कड़ी नाराजी दर्ज कराई बाद में एसडीएम ने तत्काल कार्य रोकने के लिए नायब तहसीलदार को अस्पताल भेजा ।
खबर है कि आष्टा के जन प्रतिनिधि इस मामले में दोहरी चाल चल रहे थे वे कलेक्टर को कुछ और कह रहे थे वही जो लोग शिकायत कर रहे उन्हें कुछ और । अधिकांश लोगों का कहना है कि उक्त भवन डा. के.के.चतुर्वेदी के मकान के पास जो खाली जमीन पड़ी है । वहां पर बनाया जाये लेकिन रोक्स उस ही स्थान पर बनाने पर ना जाने क्यों अड़ी है । जो अस्पताल जाने-आने वालो के लिए रास्ता है । अब तो नागरिकों ने रोक्स से मांग की है कि वर्तमान में उक्त रास्ता जो तीन फिट का है उसे और बड़ा किया जाये क्यों कि नगर का अधिकांश नागरिक जो अस्पताल में जाता है । वो इसी मार्ग से जाता है । इसलिए उक्त मार्ग को बड़ा किया जाए । देखना है कि रोकस अपनी मनमानी करती है या कलेक्टर, एसडीएम के निर्देशों का पालन करती है ।
लेकिन जब कार्य प्रारंभ हुआ तो पुरा रास्ता बंद करने के हिसाब से कार्य प्रारंभ हुआ । तभी पुन: विरोध प्रांरभ हुआ शिकायत कलेक्टर सीहोर और एसडीएम तुफानसिंह अहिरवार को की । स्वयं अहिरवार स्थल निरीक्षण करने पहुंचे और हकीकत जानने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम ने उक्त रास्ता बंद नही करने, कार्य रोकने का कहा एक दिन कार्य रूका लेकिन पुन: जब कार्य प्रारंभ हुआ तो कई लोगों ने भाजपा जिलाध्यक्ष ललित नागौरी को डाक्टरों की मनमानी की शिकायत की खबर है कि नागौरी ने तत्काल जिलाधीश सीहोर एवं एसडीएम आष्टा को शिकायत कर कड़ी नाराजी दर्ज कराई बाद में एसडीएम ने तत्काल कार्य रोकने के लिए नायब तहसीलदार को अस्पताल भेजा ।
खबर है कि आष्टा के जन प्रतिनिधि इस मामले में दोहरी चाल चल रहे थे वे कलेक्टर को कुछ और कह रहे थे वही जो लोग शिकायत कर रहे उन्हें कुछ और । अधिकांश लोगों का कहना है कि उक्त भवन डा. के.के.चतुर्वेदी के मकान के पास जो खाली जमीन पड़ी है । वहां पर बनाया जाये लेकिन रोक्स उस ही स्थान पर बनाने पर ना जाने क्यों अड़ी है । जो अस्पताल जाने-आने वालो के लिए रास्ता है । अब तो नागरिकों ने रोक्स से मांग की है कि वर्तमान में उक्त रास्ता जो तीन फिट का है उसे और बड़ा किया जाये क्यों कि नगर का अधिकांश नागरिक जो अस्पताल में जाता है । वो इसी मार्ग से जाता है । इसलिए उक्त मार्ग को बड़ा किया जाए । देखना है कि रोकस अपनी मनमानी करती है या कलेक्टर, एसडीएम के निर्देशों का पालन करती है ।
मैं संघ कार्यालय से मोहन बोल रहा हूँ....
सीहोर 17 मार्च (फुरसत)। मैं संघ कार्यालय से मोहन बोल रहा हूँ....। कभी मोहन कभी सोहन और ऐसे ही न जाने कितने नामों से आजकल कुछ फोन किये जा रहे हैं। नगर के कुछ लोगों ने इस तरह के फर्जी नामों से फोन लगाने का क्रम बना रखा है। चाहे जहाँ, चाहे जिसे, सबकुछ जानते समझते हुए भी ऐसे लोग संघ के नाम से फर्जी फोन लगाने से बाज नहीं आते हैं। संघ के नाम से बात करते हैं और पूरी गंभीरता और कड़क आवाज में जाने क्या-क्या कहते हुए क्या कुछ करते हैं यह राम ही जाने। सीहोर संघ कार्यालय के फर्जी नाम से इस तरह के फोन करने वाले क्या कुछ स्वयं सेवक ही हैं यह बात तो स्पष्ट नहीं कही जा सकती लेकिन हाल ही में एक फोन जिस व्यक्ति का ट्रेप किया गया वह संघ का तथाकथित स्वयं सेवक ही निकला। अब इस स्वयं सेवक ने आज तक कितने लोगों को विशेषकर क्या आम जनता को अथवा अधिकारियों, कुछ विभागों या कुछ और जगहों पर संघ के फर्जी नाम से फोन करे हैं और किसलिये किये हैं? साथ ही क्या संघ कार्यालय से फोन करने वाले यह स्वयं सेवक खुद का नाम भी फर्जी बताते हैं ? और फिर अपने मतलब की बात शुरु कर देते हैं। संघ कार्यालय के नाम का इस तरह का एक फर्जी फोन आज भी एक कार्यालय में किया गया था, संघ के एक स्वयं सेवक ने ही फर्जी नाम से फोन कर उक्त कार्यालय में तरह-तरह की पूछताछ और बातचीत की और उसके बाद अपने मतलब की बात पर आ गया। सूत्रों का कहना है कि यह संघ का स्वयं सेवक कुछ पदों पर भी रह चुका है संभावित है कि अभी भी इसके पास कुछ दायित्व हों। स्वयं सेवक होकर ऐसे झूठे नाम से फोन करने वाले लोग राम जाने कैसे संघ में अपनी पैठ बनाने में सफल हो गये हैं लेकिन निश्चित ही मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सत्ता होने के बाद यदि किसी भी जगह पर भले ही फर्जी ही सही किसी का फोन चल जाता है कि हाँ मैं संघ कार्यालय से मोहन बोल रहा हूँ.......तो सामने वाले पूरी गंभीरता से उसे लेता है और अपनी तरफ से न चाहते हुए जो कुछ मदद या सहायता मांगी जाती है करता ही है।
शहर ग्रामीण विश्व हिन्दू परिषद बजरंग दल ने वाहन रैली निकाल कर ज्ञापन सौंपा
सीहोर 17 मार्च (फुरसत)। 17 मार्च को विश्वहिन्दू परिषद बजरंग दल शहर ग्रामीण ने मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन क लेक्टर सीहोर को सौपां गया उक्त ज्ञापन प्रखण्ड मंत्री ज्ञानसिंह मेवाड़ा के नेतृत्व में सौपा गया । नगर में आज एक विशाल वाहन रैली जिसमें 500 कार्यकर्ता अपने अपने वाहनों पर विश्व हिन्दू परिषद का ध्वज लगाकर शामिल हुए । एवं नगर के मुख्य मार्गो से रेली के रूप मे कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे जहां मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंप कर मांगो के निराकरण की मांग की । ज्ञापन में मुख्य रूप से ग्राम संग्रामपुरा में मरिमाता मंदिर के पास शासकीय भूमि पर जो अतिक्रमण किया गया है । उसका सीमांकन कराये जाने हेतू पूर्व में ग्राम पंचायत द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया है । भूमि का सीमांकन कराया जाकर शासकीय भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराये जाने की मांग की गई । इसी तरह ग्राम दीदाखेड़ी की शासकीय भूमि चरोखर जिस पर ग्राम की मवेशियां चरती है उक्त भूमि पर भी कई लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है । ग्राम दीदाखेड़ी की भूमि पर भी सीमांकन कराया जाकर अतिक्रमणकारियों के विरूद्व कार्यवाही की जाकर भूमि को मुक्त कराये जाने की मांग की है । ग्राम काहरी के बस स्टेण्ड पर एक विधर्मी द्वारा देवता के ओटले पर अतिक्रमण किया गया है जिससे हिन्दूओं की भावनाओं को ठेस पहुंच रही है इस अतिक्रमण को शीध्र हटाने की मांग की है । ज्ञापन सौंपने वाले में प्रमुख रूप से वि.हि.प. के विभाग मंत्री अजीत शुक्ला, विहिप जिलाध्यक्ष अतुल राठौर, जगदीश कुशवाह, नगर अध्यक्ष, नीरज चौरसिया, संयोजक, शंकर ठाकुर प्रखण्ड मंत्री, ज्ञानसिंह मेवाड़ा प्रखण्ड अखाड़ा, बाबूलाल मेवाड़ा, खण्ड संयोजक प्रकाश परमार, खण्ड अध्यक्ष राधेश्याम मेवाड़ा, प्रखण्ड सत प्रमुख शंकर सिंह मीणा, सरपंच ग्राम पंचायत संग्रामपुर, रामंसिहं मेवाड़ा, विशन खेड़ा, भंवरलाल, दिनेश परमार, मोरसिंह, दुलीचन्द्र, सुबाल पटेल, जीवन, रतनसिंह मेवाड़ा, अमरंसिहं मेवाड़ा, महेश, मानसिंह परमार, सजनसिंह परमार, गुलाबसिंह विश्वकर्मा, राजू सिसोदिया, राकेश मेवाड़ा, देवेन्द्र पटेल, प्रहलाद आदि है ।
आष्टा मंडी में शरबती गेहूं रिकार्ड भाव 2603 रुपये क्विंटल बिका
आष्टा 17 मार्च (फुरसत)। आज आष्टा कृषि उपज मंडी में शरबती गेहूं रिकार्ड भाव से बिका है । आष्टा मंडी में आज ग्राम छोडाघाट के कृषक गिरधर बिजनोई शरबती गेहूं एक ट्राली भरकर लाये नीलामी में उक्त गेहूं की क्वालिटी देखकर व्यापारियों में होड़ लग गई थी कि इस गेहूं को खरीदे बोली में मंडी व्यापारी फर्म श्रीनाथ ट्रेडर्स के मांगीलाल साहू ने उक्त गेहूं 2603 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से खरीदा ।
उक्त गेहूं की क्वालिटी देख किसान- व्यापारी दंग रह गये थे । मंडी व्यापारी डा. राजेन्द्र जैन ने बताया कि इस सीजन में ऐसा गेहूं पहली बार देखा वही मंडी सचिव छोटू खान ने बताया कि उक्त किसान के गेहूं का सम्पल रख लिया गया उसे मंडी बोर्ड भेजा जायेगा । पूरे जिले में अभी तक इतने अधिक भाव में शरबती गेहूं कही नही बिका यह एक रिकार्ड आष्टा मंडी के नाम हुआ है ।
उक्त गेहूं की क्वालिटी देख किसान- व्यापारी दंग रह गये थे । मंडी व्यापारी डा. राजेन्द्र जैन ने बताया कि इस सीजन में ऐसा गेहूं पहली बार देखा वही मंडी सचिव छोटू खान ने बताया कि उक्त किसान के गेहूं का सम्पल रख लिया गया उसे मंडी बोर्ड भेजा जायेगा । पूरे जिले में अभी तक इतने अधिक भाव में शरबती गेहूं कही नही बिका यह एक रिकार्ड आष्टा मंडी के नाम हुआ है ।
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