Tuesday, November 18, 2008

आष्टा में फूल को फूल सिंह याद आ रहे उनके न होने से पंजे वाले खुशी मना रहे, आंकड़ों के आधार पर फूल सिंह की अनुपस्थिति कांग्रेस के लिये वरदान बनी

सीहोर 17 नवम्बर (विशेष संवाददाता)। विधानसभा चुनाव के दौरान प्रभावी नेता और ग्रामीणों पर अपना जादू बिखेरने वाले  बहुजन समाजवादी पार्टी के फूल सिंह चौहान की याद बार-बार चुनाव के दौरान आ रही है। फूल सिंह चौहान की याद जितनी भारतीय जनता पार्टी को सता रही है उनके नहीं होने से कांग्रेस को उतनी ही चैन की नींद आ रही है। फूल सिंह की बसपा पर आज जिन बापूलाल मालवीय की सवारी हो चुकी है, उनकी उपस्थिति को दोनो ही पार्टी नगण्य रुप से आंक रही हैं। जिसके चलते कांग्रेस आंकड़ो के हिसाब से लाभ में नजर आती है भाजपा की स्थिति कुछ संकट में दिखाई देती है। अब आष्टा में भाजपा और कांग्रेस यह दोनो ही पार्टी प्रमुख पार्टी हैं जो विधानसभा चुनाव में दम मारेंगी और एक-दूसरे की प्रतिद्वंदी रहेंगी। लेकिन किसको विजयश्री का वरण मिलेगा यह कहना अभी मुश्किल है। कुछ नये आंकड़े और समीकरण कांग्रेस के पक्ष में बनते अवश्य दिख रहे हैं लेकिन भाजपा की मजबूत पकड़ से सब बाखबर हैं।

      आष्टा के चुनाव में स्थायी तीसरी शक्ति के बढ़ते हुए बल ने पूर्ववर्ती कुछ चुनावों को हमेशा त्रिकोणीय मुकाबला बना कर रखा था। आष्टा में बहुजन समाज पार्टी की मजबूत उपस्थिति फूल सिंह चौहान के कारण हुई थी। फूल सिंह चौहान के प्रभावी भाषण जहाँ ग्रामीणों को अपनी और खींच लेते थे वहीं उन्हे बहुजन समाज के नेता के रुप में स्थापित करते जा रहे थे। फूल सिंह ने मध्य प्रदेश भर में अपनी बसपा के रुप में बड़ी पहचान बना ली थी और वह आष्टा को धीरे-धीरे अपने गढ़ के रुप में बनाते चले जा रहे थे। फूल सिंह की बढ़ती ताकत से जहाँ हर बार कांग्रेस बुरी तरह आहत हो जाती थी वहीं भाजपा का फूल हर बार खिल जाया करता था।

      फूल सिंह की खाद से कमल का फूल खिल जाता था और कांग्रेस का हाथ घायल हो जाता था। वर्ष 2003 के ही चुनाव में जब उमाश्री भारती की लहर चल रही थी, तब आष्टा में कांग्रेस को तो 40 हजार 851 मत मिले ही थे लेकिन बहुजन समाज पार्टी के फूल सिंह चौहान को भी 34 हजार 395 मत मिले थे। मतलब दोनो के मिलाकर कुल 75 हजार से अधिक मत सिर्फ कांग्रेस और बसपा ने कबाड़ लिये थे। जबकि भाजपा के पक्ष में चल रही लहर के बावजूद उसे मात्र 51 हजार 503 मत मिले थे। मतलब स्पष्ट है कि यदि बसपा के फूल सिंह कांग्रेस के लिये रोड़ा नहीं बनते और 34 हजार 395 मत नहीं लेते इसके आधे भी यदि कांग्रेस की झोली में चले जाते तो निश्चित रुप से कांग्रेस को पिछले ही चुनाव में विजयश्री मिल सकती थी। बसपा के कारण ही कांग्रेस की पिछले चुनाव में हार हुई थी यह बात स्वयं सिध्द है।

      आष्टा में लम्बे समय से जिस तीसरी शक्ति के रुप में बसपा और फूल सिंह चौहान को आंका जाता रहा है अब वो फूल सिंह चौहान दिवंगत हो गये हैं और उनकी बसपा से हटकर नई पार्टी प्रसपा बन चुकी है। आष्टा में प्रसपा तो बन गई और फूल सिंह चौहान के भाई ने उसे संभाल भी लिया लेकिन बसपा ने अपने नये समीकरण बनाना शुरु कर दिये और इस बार बसपा ने कांग्रेस के पूर्व हारे हुए विधानसभा प्रत्याशी रहे बापूलाल मालवीय को हाथी की सवारी के लिये बुला लिया। कुल मिलाकर प्रसपा और बसपा दोनो ही टूट हुई नजर आ रही है। प्रसपा को संभालना फूल सिंह के भाई के लिये जहाँ अस्तित्व की लड़ाई हैं वहीं बापूलाल मालवीय का बसपा में जाना अपने हक की लड़ाई है। चूंकि दोनो ही पार्टी इस बार दमदारी से चुनाव मैदान में उतरने की स्थिति में नहीं है जिस वजनदारी, लाव-लश्कर और रुपये के दम पर चुनाव लड़ा जाता है इन बातों में भी प्रसपा और बसपा कहीं दूर नजर आते हैं।  कुल मिलाकर आष्टा में आज के समय किसी तीसरी वजनदार शक्ति के रुप में न तो प्रसपा को देखा जा रहा है और ना ही बसपा की ऐसी स्थिति बन सकती है।

      इस दृष्टि से वर्तमान चुनाव 2008 के परिप्रेक्ष्य में मात्र भाजपा और कांग्रेस ही आमने-सामने नजर आ रहे हैं।

      अब भारतीय जनता पार्टी के उम्मीद्वार रणजीत गुणवान के संदर्भ में यदि विचारा जाये तो गुणवान एक स्वच्छ छवि, सरल स्वभाव, ईमानदार व्यक्तित्व के धनि हैं और पूर्व में विधायक रहते हुए उन्होने अपना कार्यकाल बिना किसी विवाद के पूरा किया है। वह एक नरम स्वभाव के सरल नेता के रुप में जाने जाते हैं। भाजपा ने पिछली बार उन्हे टिकिट नहीं दिया था यह दीगर बात है लेकिन फि र उन्हे टिकिट मिलने से गुणवान समर्थकों का उत्साह दुगना है और वह उनके पक्ष में लगे हुए हैं। भाजपा के गढ़ के रुप में आष्टा को देखा जाता है इसलिये यहाँ भाजपा पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ रही है।

      अब कांग्रेस के प्रत्याशी इंजीनियर गोपाल सिंह चौहान के संदर्भ में देखें तो कांग्रेस ने एक पढ़े लिखे नौजवान को अपना प्रत्याशी चयनित किया है, जो जातिगत समीकरण के हिसाब से आष्टा में फिट बैठता ही है बल्कि रुपये की दमखम भी रखता है। पिछले दिनों से लगातार सारे धार्मिक आयोजनों, राजनीतिक आयोजनों से लेकर सामाजिक घटनाक्रमों में गोपाल सिंह सक्रिय उपस्थिति और कुछ आयोजनों में खुले हाथ से खर्च करने वाले गोपाल सिंह ने पिछले कुछ दिनों में बहुत बोया है जिसे वह काटने की तैयारी कर रहे हैं। जो बोयेगा वही काटेगा भी। इनके साथ एक वजनदार छवि कैलाश परमार की लगी हुई है जिनका राजनीतिक विरोध तो अवश्य है लेकिन काम कराने की क्षमताओं के कारण आम आदमी में पैठ बहुत अधिक है। गोपाल सिंह के पक्ष में ग्रामीण क्षेत्रों में फूल सिंह चौहान के नहीं रहने पर यह भी कहा जा रहा है कि यह भी तो चौहान ही हैं। गोपाल सिंह बलाई समाज के प्रांतीय प्रमुख भी हैं जिसके कारण बाहर से भी उनके समर्थक आकर उनके पक्ष में वातावरण बनाने में जुटे हुए हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस और उसका प्रत्याशी भी कहीं से कमतर नहीं बैठ रहा है।  कुल मिलाकर कांग्रेस भाजपा दोनो के ही प्रत्याशी किसी से कमतर नहीं बैठ रहे हैं लेकिन कांग्रेस का जहाँ विद्रोह इस बार कम हो गया है वहीं भाजपा के विद्रोही मुखर हो गये हैं। आगामी दिनों में कांग्रेस और भाजपा में से कौन किसको मात देता है और आगे बढ़त बनाता है यह बात आगामी चुनावी रणनीति ही तय करेगी। अभी किसी के लिये भी स्थिति स्पष्ट नहीं कही जा सकती।

 

आष्टा में भाजपा और कांग्रेस दो लालों से बेहाल

 

      सीहोर17 नवम्बर (नि.सं.)। विधानसभा चुनाव के दौरान आष्टा में कांग्रेस और भाजपा दोनो ही अपने घर के बागियों से बुरी तरह परेशान है  अब बागी की ताकत पर इनकी पसीने की बूंदे बढ़ती और घटती जा रही हैं। कांग्रेस और भाजपा के बागी दोनो ही लाल हैं और इनके कारनामों से दोनो पार्टी के प्रत्याशियों के चेहरे लाल हुए जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने जिस पुराने चेहरे को वापस मैदान में उतारा है उनका विरोध तो भाजपा में ही अंदर ही अंदर जारी है, विधायक रुगनाथ मालवीय की नाराजगी अभी तक दूर नहीं हुई प्रतीत होती है लेकिन भाजपा के लिये खुलकर मैदान में खड़े जनशक्ति के चुन्नी+लाल एक समस्या हैं। भाजपा के वोट बैंक पर लम्बा हाथ साफ करने की फिराक में चुन्नीलाल ने चुन-चुनकर फूल की राह में कांटे बिछाना शुरु कर दिया है। चुन्नीलाल के लिये एक विशाल आमसभा जनशक्ति की प्रभावी नेत्री उमाश्री भारती करने वाली हैं। इसके अलावा भाजपा प्रत्याशी का विरोध कर रहे भाजपाईयों का रुझान भी जनशक्ति की और होगा जिससे चुन्नीलाल भाजपा की परेशानी का कारण बनेंगे।

      दूसरी और कांग्रेस प्रत्याशी के लिये भी बागी कुछ परेशानी खड़ी क र रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व में दो बार विधायक का चुनाव लड़ चुके बापूलाल अब कांग्रेस का विरोध करते हुए बहुजन समाज पार्टी के हाथी पर सवार हो गये हैं। हाथी की सवारी करते हुए बापू+लाल कहीं ना कहीं कांग्रेस के विरोध को पी जाने की तैयारी में हैं। कांग्रेस प्रत्याशी का भी आंशिक विरोध हो रहा है और जितना विरोध होगा वो सारे मत बापूलाल के पक्ष में गिर सकते हैं। हालांकि बापूलाल की स्थिति कहीं से भी अच्छी नहीं कही जा सकती। क्योंकि जिस बसपा को फूल सिंह ने खडा किया था उन्होने अपने रहते ही उसे प्रसपा का जामा पहना दिया था और जब तक प्रसपा सामने हैं तब तक बसपा को खड़ा कर पाना मुश्किल है। ऐसे में बसपा के लिये काम लम्बे समय से बंद पड़ा है और बापूलाल यादा जोर नहीं मार पा रहे हैं लेकिन फिर भी कांग्रेस के लिये अवश्य परेशानी बने हुए हैं।  कुल मिलाकर इस चुनाव के घमासान में दोनो ही बागी बापू और चुन्नी लाल से कांग्रेस और भाजपा बेहाल हो रही है..........।




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चुनाव में लगे कर्मचारियों की चिन्ता हादसे पर अनुग्रह राशि का प्रावधान

      सीहोर 17 नवम्बर (नि.सं.)। विधान सभा चुनाव में चुनाव डयूटी पर तैनात होने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा और उनके हितों को लेकर चुनाव आयोग सजग और गंभीर है। चुनाव के दौरान किसी हादसे की सूरत में कर्मचारियों को क्षतिपूर्ति के बतौर अनुग्रह राशि दिए जाने का फैसला किया गया है। हादसे के प्रभाव को लेकर अलग-अलग अनुग्रह राशि तय की गई है। इस उद्देश्य से चुनाव डयूटी को भी परिभाषित किया गया है।

      कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री डी.पी.आहूजा ने निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के हवाले से बताया है कि चुनाव आयोग ने इस मामले में चुनाव डयूटी के स्पष्टत: और ज्यादा खुलासे को लेकर बाकायदा इसे केन्द्रीय कानून और न्याय मंत्रालय के समक्ष विचार और अनुशंसा के लिए प्रस्तुत किया था। केन्द्रीय मंत्रालय ने अपने पत्र के जरिए बताया कि कर्मचारी के घर या दफ्तर से चुनाव कार्य के लिए निकलते ही और इसके पूरा करने के बाद वहाँ वापसी तक उसे चुनाव डयूटी पर माना जाएगा। इस दौरान कर्मचारी के साथ कोई हादसा यदि पेश आता है तो इसे चुनाव डयूटी पर हादसा माना जाएगा। यह स्पष्ट किया गया है कि इस बारे में चुनाव डयूटी और मृत्यु या घायल होने की घटना में आकस्मिक संबंध होना जरूरी होगा। चुनाव डयूटी में इसके प्रशिक्षण के लिए कर्मचारी का पहुँचना भी शामिल है।  

      इस सिलसिले में चुनाव डयूटी पर तैनात राज्य और केन्द्र शासन के कर्मचारियाें को हादसे के चलते होने वाले नुकसान के लिए अनुग्रह राशि तय की गई है। इसके मुताबिक चुनाव कार्य के दौरान मृत कर्मचारी के परिवार को 50 हजार रुपए, स्थाई अशक्तता पर 20 हजार रुपए और सामान्य रूप से घायल कर्मचारी को 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी। इस अनुग्रह राशि की पात्रता चुनाव डयूटी के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होने वाले कर्मचारी को ही होगी। इसका भुगतान केन्द्रीय कानून, न्याय मंत्रालय और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की स्वीकृति के बाद ही संबंधित कर्मचारी को जिला निर्वाचन अधिकारी (कलेक्टर) द्वारा किया जाएगा। यह अनुग्रह राशि निर्वाचन मद से दी जाएगी, लिहाजा प्रावधान यह भी रहेगा कि मृत्यु के मामले में कर्मचारी के परिवार को विभिन्न स्त्रोतों से मिलने वाली राहत और अनुग्रह राशि 10 लाख रुपए से ज्यादा न हो। कलेक्टर श्री आहूजा ने बताया है कि अनुग्रह राशि के दावे के लिए पुलिस में दर्ज एफआईआर, मृत्यु प्रमाण पत्र, पोस्ट मार्टम रिपोर्ट, उत्तराधिकारी का वैध प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी द्वारा दिया गया चुनाव डयूटी आदेश आदि तथा घायल होने संबंधी मामलों में एफआईआर, चिकित्सा एवं डिस्चार्ज प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज पेश करना जरूरी होगा।

 

स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के सभी इंतजाम

      सीहोर 17 नवम्बर (नि.सं.)। विधानसभा चुनाव,2008 को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। चुनाव के सुव्यवस्थित संचालन के मद्देनजर अधिकारी कर्मचारियों की व्यापक रूप से तैनाती की गई है। चुनाव संबंधी हर गतिविधियों पर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सहित निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त प्रेक्षकों की नजर है।

जिले में 1045 मतदान दल गठित

      विधानसभा चुनाव के तहत 27 नवम्बर,08 को होने वाले मतदान को संपन्न कराने के लिए एक हजार पैंतालीस मतदान दल बनाए गए हैं। प्रत्येक दल में पीठासीन अधिकारी सहित तीन मतदान अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। मतदान दल में एक पीठासीन अधिकारी और एक एक मतदान अधिकारी मांक एक, मतदान अधिकारी मांक दो और मतदान अधिकारी मांक तीन शामिल है। इस प्रकार कुल चार हजार एक सौ अस्सी अधिकारियों की तैनाती की गई है। मतदान दलों में रिजर्व मतदान दल भी शामिल हैं।

      जिले में कुल 871 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। इनमें विधानसभा क्षेत्र सीहोर के 177, विधान सभा क्षेत्र आष्टा के 248, विधान सभा क्षेत्र इछावर के 211 और विधानसभा क्षेत्र बुधनी के 235 मतदान केन्द्र शामिल हैं। 

तुम चन्द्रवंशी तो मैं सोमवंशी अपन दोनो भाई-भाई

      सीहोर 17 नवम्बर (नि.सं.)। इछावर में बड़ी रोचक स्थिति बन गई है.... एक तरफ तो विगत एक वर्ष से लगातार सक्रिय बसपा के प्रत्याशी सोमवंशी चुनाव अभियान लगे हैं, दूसरी तरफ कांग्रेस प्रत्याशी बलवीर के अलावा अभय मेहता की दमखम भी किसी से कमतर नहीं बैठ रही है तीसरे लगातार जीतने वाले मंत्री करण सिंह वर्मा हैं....कुल मिलाकर इछावर में कई प्रत्याशी हैं। चुनाव असमंजस की स्थिति में है। ऐसे में आजकल एक नया फंडा बसपा प्रत्याशी के पक्ष में चल निकला है। खाती समाज चन्द्रवंशी कहलाता है। अब बसपा प्रत्याशी के पक्षधर बड़े प्रेम से इनसे कहते हैं कि भैया तुम चन्द्रवंशी हो तो हम सोमवंशी दोनो भाई-भाई हुए। इसलिये हमारा ध्यान रखो, हमे जिताओ।

तीन आदतन अपराधी जिला बदर

      सीहोर 17 नवम्बर (नि.सं.)। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री डी.पी.आहूजा ने नगर में अमन चैन कायम रखने, साम्प्रदायिक फसाद की संभावनाओं को समाप्त करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर तीन आदतन अपराधियों के खिलाफ म.प्र.राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 6 (ग) के तहत कार्रवाई की है। इस सिलसिले में आदेश जारी कर दिए गए हैं।   

      कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेश के मुताबिक आपराधिक गतिविधियों में लगातार लिप्त रहने, समाज विरोधी गतिविधियां घटित करते रहने और साम्प्रदायिक तनाव के हालात उत्पन्न करने के कारण स्वामी चौराहा राठौर मोहगा गंज निवासी मुकेश आ.मानसिंह राठौर, लुनिया मोहगा गंज सीहोर निवासी कगू उर्फ चन्द्रप्रकाश आ. तुलाराम लुनिया और थाना क्षेत्र अहमदपुर के ग्राम सांकला निवासी रकीब खां आ.मोती खां मेवाती के खिलाफ म.प्र.राज्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 6 (ग) के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें एक साल के लिए जिला सीहोर और उससे लगे भोपाल, रायसेन, होशंगाबाद, हरदा, देवास, शाजापुर और राजगढ जिलों की राजस्व सीमाओं से बाहर चले जाने के निर्देश दिए गए हैं।  जारी आदेश में खुलासा किया गया है कि इन दोनों ही व्यक्तियों का आपराधिक रिकार्ड है और इनके खिलाफ अनेक गंभीर किस्म के मामले कायम हैं। पुलिस द्वारा बार बार कार्यवाही करने के बावजूद तीनों की आपराधिक गतिविधियों में कोई कमी नहीं आई। पुलिस द्वारा दिए गए प्रतिवेदन में बताया गया है कि मुकेश आ.मानसिंह राठौर के खिलाफ धारा जा.फा. 41(2), 110 के तहत बाउन्ड ओव्हर की कार्यवाही की जा चुकी है। इसके अलावा द्युत अधिनियम एव जुआ एक्ट की विभिन्न धाराओं में दण्डित किया गया है।  इसी तरह कगू उर्फ चन्द्र प्रकाश आ. तुलाराम लुनिया के खिलाफ भा.द.वि.की धारा 341, 294, 323, 506, 34, 327, 452, आदि में मामले कायम किए जा चुके हैं। इसी प्रकार रकीब खां आ. मोतीखां मेवाती के खिलाफ भी भा.द.वि. की धारा 341, 294, 323, 506, 440 तथा जा.फो. की धारा 107, 116(2), 41 (2) आदि मामलों में प्रतिबंधात्मक कार्रवाही की गई है।  कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने इन अपराधियों का आपराधिक रिकार्ड देखने और उस पर पूरा यकीन हो जाने के बाद इनके खिलाफ म.प्र.राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की।

 

विद्युत चोरी पकड़ने गई टीम  पर लट्ट चलाये, तीन घायल

      आष्टा 17 नवम्बर (नि.सं.)। सिध्दिकगंज थाना अन्तर्गत ग्राम रोलागांव में विद्युत चोरी पकड़ने गई लाईन मेन की तीन सदस्यीय टीम के साथ ग्राम के एक विद्युत चोरी कर रहे कृषक के पुत्रों ने लट्ठ से हमला कर तीनों को जख्मी कर दिया। खेत पर सीधे डोरी डालकर मोटर चला रहे थे।

      खाचरौद विद्युत वितरण केन्द्र पर पदस्थ लाईनमेन सजन सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि वो अपने साथ कालू पूरी और कैलाश वर्मा को लेकर रोलागांव गया था वहाँ शेरा पुत्र नंदा मालवीय के खेत पर वे सीधे डोरी तार पर डालकर मोटर चला रहे थे। जब वहाँ लगी डोरी निकाली तो शेरा के लड़कों ने लट से हमला बोलकर जख्मी कर दिया। पुलिस ने सजन सिंह की शिकायत पर भादवि की धारा 294, 323, 506, 353, 186 तथा 135 एमपीईवी एक्ट का प्रकरण दर्ज किया। रोलागांव निवासी शेरा मालवीय पर करीब सोलह हजार रुपये बिजली बिल के बकाया है। उसकी बिजली कटी हुई है और वो सीधे तार डालकर विद्युत चोरी कर रहा था।

 

कुएं में गिरने से महिला की मौत

      सीहोर 17 नवम्बर (नि.सं.)। सिध्दिकगंज थानान्तर्गत ग्राम खामखेड़ाजत्रा में भाजपा प्रत्याशी के बड़े भाई की पुत्र वधु खेत वाले कुएं पर मजदूरों के लिये पानी भरने गई तो कुएं में गिर गई और उसकी मौत हो गई।

      प्राप्त जानकारी के अनुसार 30 वर्षीय सुमन बाई पत्नि रमेश गुणवान गुरुवार की सुबह साढ़े दस बजे अपने खेत पर मजदूरों के लिये पानी भरने कुएं पर गई और वो उसमें गिर गई। जिससे उसकी मौत हो गई। परिजन उसे तत्काल आष्टा सिविल चिकित्सालय लाये। डाक्टरों ने उसे जांच पश्चात मृत घोषित किया। मृतिका पारवां निवासी गोविंद सिंह की सुपुत्री थी तथा उसके दो पुत्र भी है।

 

अनुमति प्राप्त जनसंपर्क में जबरिया बाधा पहुंचाई- बलवीर को किया परेशान

      सीहोर 17 नवम्बर (नि.सं.) ज्ञातव्य है कि 15 नवम्बर से इछावर में भा.रा.कांग्रेस प्रत्याशी डा. बलवीर तोमर का जनसम्पर्क कार्यक्रम नियत था तथा इस हेतु निर्वाचन अधिकारी से अनुमति प्राप्त थी।

      डा. बलवीर तोमर को उसी दिन पुलिस थाना इछावर द्वारा धारा 188 भा.द.वि. में गिरफ्तार कर न्यायालय इछावर में प्रस्तुत किया तथा न्यायालय से जेल भेजने तथा जमानत के आवेदन का विरोध किया।

      न्यायालय द्वारा व्यक्त किया कि जमानतीय अपराध है। चूंकि जमानतीय अपराध होने के कारण पुलिस द्वारा ही जमानत पर छोड़ा जाना आवश्यक है। अंतत: न्यायालय द्वारा जमानत पर छोड़ा गया। इछावर नागरिकों ने रोष व्यक्त किया कि अभी धारा 188 के अन्तर्गत पंजीबद्ध प्रकरणों में अभी तक पुलिस द्वारा जमानत पर छोड़ देती है फिर अनुमति प्राप्त जनसँपर्क दौरा में भा.रा.कांग्रेस प्रत्याशी को क्यों रोका गया।

      इस संबंध में निर्वाचन मीटिंग इछावर में दिनांक 17 नवम्बर 08 को भी पर्यवेक्षक के समक्ष में शिकायत की गई। निर्वाचन अभिकर्ता शिवप्रसाद दलोद्रिया की उक्त शिकायत से सभी उपस्थित निर्वाचन प्रतिनिधि सहमत रहे।