Sunday, November 30, 2008

भाजपा 54, कांग्रेस और जनशक्ति 42 हजार वोट का दावा, अपने-अपने कयास लगाने में जुटे पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता

सीहोर 29 नवम्बर (नि.सं.)। मतदान  समाप्ति के बाद अब भाजपा, कांग्रेस और जनशक्ति अपने-अपने दावे करने से भी नहीं चूक रही हैं। मजे की बात तो यह है कि तीनों ही हार मानने को तैयार नहीं है तीनों ही खुद की जीत तय मान रहे हैं, बस भाजपा है कि वह सर्वाधिक मतों से विजयश्री का वरण करने के दावे कर रही है और कांग्रेस-जनशक्ति कुछ आधारपूर्ण बातें करते हुए कह रहे हैं कि हमारी जीत 10-12 हजार वोटों से होगी। इन पार्टी वालों ने हर एक गांव, शहर ही नहीं बल्कि हर एक मोहल्ला, गांव की भी हर एक गली और घर से लेकर नुक्कड़, पान की दुकान का चौराहा, तिराहा से लेकर जाति वाद आदि सारी तरह के आंकड़े लगा डाले हैं। इतना बारीकी से अध्ययन किया गया है कि उनके आंकड़े टस से मस होने को तैयार नहीं हैं।

      पार्टी के प्रमुख पदाधिकारी, चुनाव के संचालकों की हालत तो यह है कि वह हर एक गली मोहल्ले की स्थिति वह बता रहे हैं कौन वहाँ से जीतेगा, कौन तीसरे नम्बर पर रहेगा। यह खुलकर यह कहने से भी नहीं चूक रहे हैं कि कौन-सा गांव या कौन सा मतदान केन्द्र वह हारेंगे। इस प्रकार इन पार्टी के प्रमुख गणितज्ञों संचालकों ने इतना गहनता से अध्ययन कर डाला है कि इनकी बात हर कोई मानने को बाध्य है। जो गांव भाजपा कह रही है कि वह हाथ से निकल गये हैं वहीं गांव कांग्रेस कह रही हैं कि वहाँ पंजा ही पंजा चला है, और जहाँ नगाड़ा कह रहा है कि हमे मिले हैं वही बात पंजा कह रहा है कि वहाँ नगाड़ा चला है कुल मिलाकर हर पार्टी इतना व्यवस्थित आंकलन कर चुकी है कि एक दूसरे की बातें भी एक-दूसरे से बहुत कुछ मिल रही है। शहरी क्षेत्र के हर एक मतदान केन्द्र की स्थिति पार्टी के प्रत्याशियों सहित उनके संचालकों ने तय कर ली है उन्हे कहाँ कितने वोट मिलेंगे सब हिसाब किताब कर लिया है। बढ़ियाखेड़ी को लेकर हर एक की जुबान पर है कि वहाँ सिर्फ पंजा ही पंजा चला है जबकि गंज को लेकर सब कह रहे हैं कि फूल मुरझा गया और नगाड़ा बहुत तेज बजा है जबकि पंजे को भी बहुत वोट मिला है।

      भाजपा के विशेषज्ञों का कहना है कि हमें 54 से 58 हजार तक वोट मिल सकते हैं, इसके पीछे वह कारण भी बताते हैं एक तो पूरे विधानसभा क्षेत्र में असमंजस की स्थित के कारण पारम्परिक मतदाताओं ने तो वोट दिया लेकिन शिवराज सिंह चौहान को जो वोट मिला है वह भी एक बड़ा कारण है।

      इसके अलावा उनका एक नया गणित और है उनका कहना है कि पिछले चुनाव में हमें 51 हजार वोट मिले थे इस बार कम से कम 3 हजार वोट तो मुस्लिमों के ही मिलेंगे और जसपाल के आने से जो बढ़त हुई होगी वह भी है इसके अलावा पहली बार है कि शिवराज सिंह चौहान की लहर भी तो चल रही है जाने इस लहर का लाभ कितना मिल जाये। कुल मिलाकर भाजपा के धुरंधर अपनी जीत तय   मान रहे हैं।

      इधर कांग्रेस के लेपटाप चलते-चलते ही गणित बताये दे रहे हैं कि उनको 42 से 45 हजार वोट मिलना एकदम तय है और इसे कोई डिगा नहीं सकता। सामान्य रुप से यह एक गणित देते हैं कि जब पिछली विधान सभा चुनाव में हमें इतने वोट मिले थे तो वह कांग्रेस के ही थे इसलिये 42 हजार मिलना तो तय ही है। फिर अखलेश राय के निजी वोट भी जोड़े जायें, भाजपा के सत्ता विरोधी वोट और रमेश सक्सेना विरोध वोट जोड़े जायें, तो आंकड़ा किसी तरह आराम से 42 से 45 हजार तक पार जा सकता है। इनका मानना है कि कांग्रेस की जीत 10 से 12 वोटों से होना तय है बस मशीने खुलने की देरी है। अगर इनकी मान ली जाये तो यह चाहते हैं कि जीतने के बाद की तैयारियाँ शुरु कर देना चाहिये, मिठाई हो या फिर अन्य कार्यक्रम सबकी तैयारी शुरु हो जाना चाहिये।

      इधर जनशक्ति के होनहार वीरवान कार्यकर्ताओं के अपने हिसाब किताब हैं। इनका केलकुलेटर भी मिनटों में हिसाब-किताब लगाने में जुटा है। जनशक्ति के के लकुलेटरो का कहना है कि जिस तरह से ग्रामीण क्षेत्रों में अंतिम समय में भारी उलट-फेर हुई है और अनेक ग्रामों में जनशक्ति के पक्ष में शत प्रतिशत मतदान हुआ है उसका आधार मानकर चलें तो कम से कम 5-6 हजार मतों की बढ़त के साथ जनशक्ति का सीहोर में जोरदार भव्य प्रवेश होगा फिर शहरी मतदाताओं के असीम आशीर्वाद, कार्यकर्ताओं की लगन-मेहनत और निष्ठा के दम पर सीहोर से भी कम से कम 5-6 हजार मतों की बढ़त मिलेगी और जनशक्ति की महाविजय करीब 10 से 12 हजार मतों से होगी। जनशक्ति भी खुद की झोली में 42 वोट मान रही हैं और बाकी बचे 60 हजार वोट समान दृष्टि भाव से     कांग्रेस और भाजपा को आधे-आधे देने की कह रही है।

हर जगह बंट गई मिठाई... मतदाता अचरज में

सीहोर 29 नवम्बर (नि.सं.)। ऐसा पहली बार हुआ है कि नगर में त्रिकोणीय मुकाबला हुआ हो और आज जब मतदान समाप्त हो चुका है तब भी नगर में स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। नगाड़े के आसपास नगाड़ा बजने, कमल के आसपास कमल खिलने और पंजे के आसपास पंजा ही पंजा छा जाने की बातें चल रही हैं। यही हाल नगर के मध्य का है, हर तरफ कयास हैं, जो जिस पार्टी का है उसे पूरा विश्वास है कि उसकी की पार्टी बहुमत के साथ विजय हो चुकी है बस पेटी खुलने की देरी है। तीन-तीन प्रत्याशियों के द्वंद के बीच भी ऐसा नहीं हुआ कि मतदान के बाद यह स्थिति स्पष्ट हो जाती कि कौन जीतेगा ? तीनों ही प्रत्याशियों की जीत लोग मान रहे हैं हालांकि तीनों तो कभी नहीं जीत सकते लेकिन जो भी हो हर तरफ उल्लास और उमंग है।

      कल भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और जनशक्ति पार्टी तीनों ही पार्टी के कार्यालयों में शाम मतदान होने के बाद जिस तरह से मतदान केन्द्रों से लौटे लोगों की भीड़ लगना शुरु हुई थी उससे यहाँ का वातावरण ही अलग बनता जा रहा था। हर मतदान केन्द्र से आने वाला व्यक्ति खुशी चेहरे पर लेकर आ रहा था और यह कह रहा था कि अपनी जीत सुनिश्चित है, हमारा केन्द्र अपन जीत चुके हैं, कुछ इतना भर कहते थे कि दूसरे नम्बर पर रहेंगे लेकिन उसके बाद भी वह खुशी बताते थे। ऐसी स्थिति एक पार्टी नहीं बल्कि तीनों ही प्रमुख पार्टियों के कार्यालयों में थी। और यहाँ खुशी लगातार बढ़ते-बढ़ते इतनी बढ़ गई थी कुछ तो जीतने की खुशी में मिठाई का वितरण भी करने से नहीं चूक रहे थे।

      इधर भाजपा कार्यालय में जहाँ सबके लिये पोहा और चाय की व्यवस्था कराई गई वहीं कांग्रेस और जनशक्ति कार्यालय में सब आने वालों को चाय पिलाई गई। हर तरफ मिठाई भी बंट गई और खुशी भी जाहिर की जा रही है।

      सबको विश्वास है कि दूसरे की जमानत जप्त हो जायेगी और हमारी विजय सुनिश्चित है। इसी विश्वास को और पक्का करने के लिये वह खुद ही मिठाई खरीदते और खाते तथा खिलाते रहे।

      लेकिन इन सब खुशी के माहौल में वह आम मतदाता मौन होकर अभी भी तमाशा देखता रहा जिसने आज तक अपना मौन नहीं तोड़ा है। वह किसी से कुछ नहीं कहना चाहता है। वह यह सोचता रहा कि आश्चर्य है यह लोग खुशी कैसे मना रहे हैं जब पेटियाँ खुली ही नहीं है इसके पहले ही यह अंदाजा लगा ले रहे हैं।

      देखते हैं अब पेटियाँ खुलने के बाद मशीनें क्या प्रतिफल प्रकट करती हैं और किसके सिर जीत का सेहरा बांधती हैं।

छावनी से सरेआम बच्चे का हुआ अपहरण, मोटर साईकिल पर बैठाकर मुँह हाथ से दबाकर ले गये

      सीहोर 29 नवम्बर (नि.सं.)। एक 6 वर्षीय बालक को जैसे ही उसके स्कूल के वाहन ने उसके घर के मोड़ पर उतारा। उसी समय दो युवक मोटर साईकिल पर आ गये और बालक को उन्होने उठा लिया। मोटर साईकिल पर बैठाकर उसके मुँह पर हाथ रखा और वाहन ले भागे। काफी देर तक उसे इधर-उधर ले जाते रहे फिर अंतत: एक बोरे की तलाश में यह युवक नगर में ही रुके  तब किस तरह नन्हा बालक उक्त अपहरण कर्ताओं के चंगुल से निकल आया यह एक चमत्कार से कम नहीं है। फिल्मी अंदाज में हुए इस अपहरण काण्ड को पुलिस ने जांच में ले लिया है और सरगर्मी से दोनो अपराधी युवकों की तलाश जारी है। मामला मतदान के दो दिन पूर्व का है लेकिन अभी तक उसे छुपाया जा रहा था।

      सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अनिल अग्रवाल उर्फ भूरा कोली जिनकी दुकान मोदी मांगलिक भवन के सामने हैं के नेहरु कालोनी स्थित निवास के पास उक्त घटना घटी। सीहोर शहर में अपराधियों के बुलंद हौंसलों की दाद देना पड़ेगी जो उन्होने सरे आम इस घटनाक्रम को अंजाम दे दिया और उन्हे किसी की परवाह भी नहीं रही। श्री कोली का नन्हा बालक उम्र करीब 6 वर्ष जब स्कूल से लौटा तो हर दिन की तरह उसे आटो वाले ने घर वाली गली के बाहर ही सड़क पर छोड़ दिया। गली के नुक्कड़ पर बालक हर दिन की तरह उतरा और उसके स्कूल का वाहन चला गया। इसी दौरान दो युवक जो मोटर साईकिल पर बैठे थे वह आये और उसे उठाकर ले गये। मोटर साईकिल पर पीछे बैठा युवक ने लड़के को बैठाकर उसके मुँह पर हाथ रख लिया और आगे बैठे युवक ने वाहन बहुत फुर्ती से दौड़ा दिया।

      यहाँ किसी को समझ नहीं आ सका कि बालक का अपहरण हो गया है। इसे पहले भोपाल नाके ले गये, लेकिन अपहरण करने वालों को अचानक लगा कि कुछ गड़बड़ हो सकती है तब उन्होने वाहन भोपाल की तरफ ले जाने की जगह उसे वह मछली पुल तक ले आये। तब तक पीछे बैठा बालक शांति से बैठा रहा और उसके मुँह पर हाथ रखे युवकों ने हाथ दबाकर उसे पकड़े रखा। इसके बाद मछली पुल पर आये युवकों ने यहाँ कहीं से बोरा खरीदने की जुगत बैठाने का प्रयास किया। बोरा लेने के लिये वाहन चलाने वाला युवक उतर गया और वह बोरा ले चला गया। पीछे बैठा युवक मोटर साईकिल पर सवार रहा और बालक को बैठाये पकड़े रखा। इसी दौरान उक्त युवक को संभवत: सिर में खुजली मची जिससे उसने एक हाथ ढीला करके सिर खुजाया। इसी दौरान जो नन्हा बालक उसके साथ बैठा था उसने पकड़ ढीली होने पर मोटर साईकिल से कूदते हुए उतर गया और दौड़ते हुए उसने आवाज लगा दी बचाओ-बचाओ।

      बस बालक का इतना करना काफी था अचानक इस घटनाक्रम घबराये अपहरणकर्ता यहाँ से मोटर साईकिल से लेकर बहुत फुर्ती के साथ भाग निकले। बालक कुछ लोगों के सहारे अपने घर का आ गया। इसके बाद पुलिस में शिकायत की गई। पुलिस ने बयान भी ले लिये और जांच भी शुरु कर दी गई। देखते हैं यूँ सरेआम अपहरण करने वाले पुलिस के हाथों में आते हैं या नहीं।

 

 

 सड़क हादसों में चार लोग घायल

      सीहोर 29 नवम्बर (नि.सं.) जिले के थाना दोराहा एवं कोतवाली क्षेतान्तर्गत हुये अलग अलग सड़क हादसों में चार लोग घायल हो गये। पुलिस ने सभी मामले कायम कर लिये हैं।

      प्राप्त जानकारी के अनुसार दोराहा क्षेन्तान्तर्गत भंवर कालोनी राजगढ़ एवं नरसिंहगढ़ निवासी मोहित साहू बाइक क्रमांक एमपी-39- एमबी-4732 से भोपाल से आज सुबह नरसिंहगढ़ आ रहे थे कि जैसे ही इनकी बाइक सोनकच्छ जोड़ पर पहुंची तो जोड़ तरफ से आ रहे ट्रक क्रमांक एमपी-04-जीए-9990 के चालक ने तेजगति एवं लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाकर इनकी बाइक में पीछे से टककर मार दी। परिणामस्वरूप मोहित साहू को गंभीर चोट होने के सुदुती अस्पताल भोपाल में दाखिल कराया गया तथा सौरभ की प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी हो गई।

      इधर कोतवाली थाना क्षेत्रान्तर्गत गत दिवस करीब आठ बजे राकेश पाण्डेय निवासी इंदौर अपनी सेट्रो कार क्रमांक एमपी-09-एचबी-8844 से इदौर से भोपाल जा रहा था कि इंदौर भोपाल रोड़ जहागीरापुरा जोड़ के समीप सामने से आ रहे ट्रक क्रमांक एमपी-09-एन-2472 के चालक ने वाहन को तेजगति एवं लापरवाहीपूर्वक चलाते हुये इनकी कार में सामने से टक्कर मार दी। परिणामस्वरूप कार में राकेश पाण्डेय को चोट आने से उसे इदौर रिफर किया गया। वही दीवान बाग कस्बा सीहोर निवासी शहरूख बेग आ.जहूर बेग 13 साल आज दोपहर शुगर फेक्ट्री चौराहा सायकल से जा रहा था कि सामने से आ रहे ट्रक क्रमांक एमपी-09-केसी-7548 के चालक ने वाहन को तेजगति एवं लापरवाहीपूर्वक चलाते हुये इसकी सायकल में टक्कर मारकर शहरूख को घायल कर दिया जिसे साधारण चोट आई।

अधिक मतदान से लग रही गणित, भाजपा और कांग्रेस दोनो इससे खुश

आष्टा 29 नवम्बर (नि.प्र.)। विधानसभा चुनाव की व्यस्तता के बाद अब भाजपा-कांग्रेस व अन्य दलों के प्रत्याशी नेता और कार्यकर्ता जीत हार के गणित लगाने में जुटे हैं। सम्पन्न हुए विधानसभा के चुनाव के बाद जीत किसी भी एक ही प्रत्याशी की होगी लेकिन अभी तो आष्टा में भाजपा-कांग्रेस दोनो ही पार्टी के नेता और प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं वहीं प्रसपा और बसपा के पास ना जाने कौन सा जादू का गणित है कि वे भी कह रहे हैं हमें जीत मिलेगी। इस बार पिछले विधानसभा चुनाव की अपेक्षा अधिक मतदान हुआ है।

      अधिक मतदान के कारण भाजपा यह मानकर चल रही है कि जब भी अधिक मतदान होता है जीत हमारी ही होती है। वहीं कांग्रेस का मत है कि अधिक मतदान का कारण यह है कि भाजपा के प्रति क्षेत्र के मतदाताओं में जो आक्रोश था तथा विधायक रघुनाथ मालवीय के कार्यकाल में क्षेत्र की जनता जिस प्रकार परेशान हुई उसकी नाराजी के कारण मतदाताओं ने जमकर मतदान किया और यही कांग्रेस की जीत का कारण है। प्रसपा अपने वोट बैंक के  कारण खुश है कि उसने जो एक मुश्त भारी मतदान किया वो हमारी खुशी का कारण है वहीं प्रसपा का मानना है कि उसे सभी को तो सहयोग मिला है। खासकर के इस बार मुस्लिम मतदाताओं ने जो की कांग्रेस का स्थाई वोट बैंक माना जाता है ने कांग्रेस से नाता तोड़ा है और बसपा से नाता जोड़ा है यही हमारी खुशी का कारण है। जीत के दावे के पीछे सभी दल अपनी-अपनी दलील दे रहे हैं लेकि न मतदाताओं ने किसके भाग्य में आष्टा की कुर्सी लिखी है यह तो स्पष्ट 8 दिसम्बर को होगा जब ईवीएम खुलेगी और जीत का जिन्न बाहर निकलेगा। जीते कोई भी लेकिन एक बात स्पष्ट लगी कि इस बार मतदाताओं ने मतदान के प्रति जमकर उत्साह दिखाया यही कारण रहा कि आष्टा में 77.5 प्रतिशत मतदान हुआ है।

 

 

 

सड़क हादसे में तीन घायल

      सीहोर 29 नवम्बर (नि.सं.) जिले के आष्टा थाना अन्तर्गत घटित दो सड़क हादसों में तीन लोग घायल हो गये। पुलिस ने मामला कायम कर लिये हैं।

      जानकारी के अनुसार ग्राम उमरसिंगी निवासी 30 वर्षीय अचल सिंह आष्टा से अपने गांव 28 नवम्बर की शाम बाइक क्रमांक एमपी-04-एनसी-1981 से जा रहा था तभी राजमार्ग स्थित बिसमिल्ला ढाबा के समीप सामने से आ रहे बाइक क्रमांक राजेन्द्र निवासी मूण्डला अचल सिंह की बाइक में टक्कर मार दी।

      परिणाम स्वरूप अचलसिंह को गंभीर अवस्था में उपचार हेतु भोपाल भेजा गया वही राजेन्द्र एवं उनके साथी दिलीप को साधारण चोटे आई।

 

सड़क हादसों में चार लोग घायल

      सीहोर 29 नवम्बर (नि.सं.) जिले के थाना दोराहा एवं कोतवाली क्षेतान्तर्गत हुये अलग अलग सड़क हादसों में चार लोग घायल हो गये। पुलिस ने सभी मामले कायम कर लिये हैं।

      प्राप्त जानकारी के अनुसार दोराहा क्षेन्तान्तर्गत भंवर कालोनी राजगढ़ एवं नरसिंहगढ़ निवासी मोहित साहू बाइक क्रमांक एमपी-39- एमबी-4732 से भोपाल से आज सुबह नरसिंहगढ़ आ रहे थे कि जैसे ही इनकी बाइक सोनकच्छ जोड़ पर पहुंची तो जोड़ तरफ से आ रहे ट्रक क्रमांक एमपी-04-जीए-9990 के चालक ने तेजगति एवं लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाकर इनकी बाइक में पीछे से टककर मार दी। परिणामस्वरूप मोहित साहू को गंभीर चोट होने के सुदुती अस्पताल भोपाल में दाखिल कराया गया तथा सौरभ की प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी हो गई।

      इधर कोतवाली थाना क्षेत्रान्तर्गत गत दिवस करीब आठ बजे राकेश पाण्डेय निवासी इंदौर अपनी सेट्रो कार क्रमांक एमपी-09-एचबी-8844 से इदौर से भोपाल जा रहा था कि इंदौर भोपाल रोड़ जहागीरापुरा जोड़ के समीप सामने से आ रहे ट्रक क्रमांक एमपी-09-एन-2472 के चालक ने वाहन को तेजगति एवं लापरवाहीपूर्वक चलाते हुये इनकी कार में सामने से टक्कर मार दी। परिणामस्वरूप कार में राकेश पाण्डेय को चोट आने से उसे इदौर रिफर किया गया। वही दीवान बाग कस्बा सीहोर निवासी शहरूख बेग आ.जहूर बेग 13 साल आज दोपहर शुगर फेक्ट्री चौराहा सायकल से जा रहा था कि सामने से आ रहे ट्रक क्रमांक एमपी-09-केसी-7548 के चालक ने वाहन को तेजगति एवं लापरवाहीपूर्वक चलाते हुये इसकी सायकल में टक्कर मारकर शहरूख को घायल कर दिया जिसे साधारण चोट आई। 

पन्नानाथ ने पकड़ा कबर बिजु

सीहोर 29 दिसम्बर (नि.सं.)। छावनी क्षेत्र व बीच नगर में बहुतायत में कबरबिजु हो गये हैं लगभग हर मोहल्ले में इनकी संख्या में एक दर्जन के लगभग है। छावनी की हर गली में इन्हे रात खेलते-उत्पाच मचाते देखा जा रहा है। पिछले कई दिनों से पटेल पेट्रोल  संचालक शैलेष पटेल के निवास में भी कबर बिजुओं ने अपना निवास बना लिया था तब इन्हे पकड़ने के लिये विशेषज्ञ सपेरे पन्नानाथ को बुलाया गया। कबरबिजु को पकड़ने के लिये विशेष प्रकार के फंदे बनाये जाते हैं वह फंदे पन्ना ने बनाकर डाल दिये लेकिन जब उसमें कबर बिजु नहीं फंसे तो फिर पन्नानाथ ने अपनी फुर्ती दिखाकर एक कबरबिजु को पकड़ ही लिया। उसे एक बाल्टी में बंद कर दिया। इसकी पूंछ के सहारे पकड़कर उसे लटकाकर फोटो भी खिंचाया। पटेल परिवार ने पन्नानाथ को धन्यवाद दिया।

 

 

खटिया और फुग्गे पर हुई हंसी-ठिठोली

      सीहोर 29 नवम्बर (नि.सं.)। कल मतदान केन्द्रों पर सर्वाधिक हंसी ठिठोली के लिये दो उम्मीद्वारों के चुनाव चिन्ह काम आ रहे थे। 11 नवम्बर पर खटिया का चुनाव चिन्ह था और 13 नम्बर पर फुग्गा था बीच में अंगुठी फंसी हुई थी। धीमी गति के मतदान के कारण चूंकि मतदान केन्द्रों पर लम्बी-लम्बी लाईनें लगी थीं इसलिये मतदाता आपस में बातचीत करके ही समय निकाल रहे थे। उन्हे घंटो खड़े रहना पड़ रहा था। वातावरण भी खुश मिजाज था और हर तरफ उत्साह बना हुआ था। ऐसे में अधिकांश जगह देखा गया कि जब कोई मतदाता किसी से पूछता था कि क्यों भाई किसे दोगे ? तो वह कभी तो खटिया का नाम लेकर मजाक करता था तो कभी फुग्गा कह देता था। जब खटिया वाला खटिया कहता तो पूछने वाला उसे जबाव में कह देता कि हम तो फुग्गे पर देंगे। इस प्रकार खटिया और पुग्गे को लेकर खूब हंसी ठिठोली हुई। सुनने वाले भी हंसते और बोलने वाले भी हंसते।

Friday, November 28, 2008

सीहोर 64.70, आष्टा 76.98, इछावर 75 और बुदनी में 71.62 प्रतिशत मतदान हुआ, आश्चर्यचकित रुप से सीहोर में पूर्णत: शांतिपूर्ण हुआ मतदान

      सीहोर 27 नवम्बर (विशेष संवाददाता)।  पूरे जिले में मतदान को लेकर अच्छा खासा उत्साह को देखने को मिला है। जिले में कुल 72 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि सर्वाधिक मतदान आष्टा के धुरंधर पार्टी कार्यकर्ताओं को उत्साही नागरिकों ने किया वहाँ 76.98 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि सीहोर जहाँ तीन-तीन प्रत्याशी मैदान में खड़े थे और भारी रोचक ता बनी हुई थी यहाँ मतदान को लेकर भारी निराशा सामने आई मात्र 64.70 प्रतिशत पर आकर गाड़ी सिमट गई।

      मतदान को लेकर आज सुबह से मतदाताओं की रुचि देखने में आ गई थी। कुछ मतदान केन्द्रों पर तो सुबह 7 बजे से मतदाता पहुँच चुके थे और उनकी लम्बी-लम्बी लाईनें लग चुकी थी। 9-10 बजे तक मतदान केन्द्रों पर करीब 50 से अधिक मतदाताओं की लाईनें देखने को मिल रही थी। मतदान को लेकर आज उत्साह नजर आया। विशेषकर महिलाओं की रुचि बहुत अधिक देखने को मिली। महिलाएं बड़ी मात्रा में निकलकर आईं और उन्होने घंटो-घंटो इंतजार करके, धूप में खड़े रहकर भी मतदान किया। विशेषकर कस्बा क्षेत्र में महिलाएं यादा मतदान करने पहुँची। वहाँ यादा लाईने महिलाओं की नजर आई।

      आज सीहोर जिले में कुल 72 प्रतिशत मतदान हुआ। सीहोर विधानसभा क्षेत्र में कुल 70.29 प्रतिशत पुरुष व 52.12 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया इस प्रकार कुल मतदान 64.70 प्रतिशत हुआ। जबकि आष्टा विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 76.98 प्रतिशत, इछावर में 75 तथा बुदनी में शिवराज के क्षेत्र में भी कुछ रुचि कम नजर आई मात्र 71.62 प्रतिशत मतदान हुआ।

      मतदान केन्द्रों में आज जिस तरह से मुस्लिम मतदाता बहुतायत में निकलकर आता नजर आता था वैसी कोई बात आज पूरे विधानसभा क्षेत्र में कहीं भी नजर नहीं आई। आष्टा, इछावर, सीहोर में भी मुस्लिम मतदाताओं की विशेष रुचि नजर नहीं आई। सामान्य मतदान का प्रतिशत ही मुस्लिम क्षेत्रों से गिरा।

      सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि सीहोर विधानसभा क्षेत्र में बहुत ही शांति पूर्ण ढंग से मतदान सम्पन्न हो गया। आज सुबह से ही भाजपा के प्रत्याशी रमेश सक्सेना, कांग्रेस प्रत्याशी स्वदेश आदि ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँच चुके थे। बाहर से जो विशेष पुलिस बल बुलवाया गया था उसे भी आज निर्वाचन विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में ही लगाया जबकि शहरी क्षेत्र में बहुत ही समझदारी पूर्ण निर्णय लेते हुए सीहोर का स्थानीय पुलिस बल लगाया गया था, जिससे ग्रामीण क्षेत्राें में भी और शहरी क्षेत्र में भी किसी भी तरह का तनाव हो ही नहीं सका। एक-दो अफवाह अवश्य उड़ी लेकिन वह समय के साथ-साथ ठंडी होती चली गई।

      सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह रही कि आज पूरे मतदान केन्द्र समाप्त हो जाने के बावजूद एक भी फर्जी मतदान करते हुए व्यक्ति नहीं पकड़ाया अथवा कोई फर्जी मतदान हो जाने की बात भी सामने नहीं आई है। जबकि पूर्व में हर बार ऐसे अनेकानेक किस्से दोपहर से ही सामने आने लगते थे।

      आज शाम होने के बाद सीहोर स्थित भारतीय जनता पार्टी के मुख्य कार्यालय बड़ा बाजार छावनी तथा कांग्रेस के मुख्य कार्यालय कुईया श्री गार्डन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं का हुजूम लग गया था। दोनो ही जगह हर एक मतदान केन्द्रों से मतदान केन्द्र एजेंट आकर जानकारी दे रहे थे। साथ ही तरह-तरह की नई जानकारियाँ भी सामने आ रही थीं  लेकिन कहीं से भी किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी की जानकारी सामने नहीं आई। आज सीहोर विधानसभा क्षेत्र में शहरी क्षेत्र में कम मतदान होने तथा ग्रामीण क्षेत्रों विशेषकर अहमदपुर सेक्टर के ग्रामों में 80 से 90 प्रतिशत तक मतदान होने की जानकारियाँ सामने आई हैं।

  

आष्टा विधानसभा क्षेत्र में रिकार्ड तोड़ 77 प्रतिशत मतदान हुआ

      आष्टा 27 नवम्बर (नि.सं.)। तेरहवी विधानसभा के लिये आज आष्टा विधानसभा क्षेत्र में लगभग 77 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग करते हुए चुनाव लड़ रहे भाजपा और कांग्रेस सहित 9 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला वोटिंग मशीन पर बटन दबाकर बंद कर दिया। आज हुए रिकार्ड तोड़ मतदान में राजनीतिक दलों की धड़कने बढ़ा दी। धड़कने अधिक मतदान की खुशी के कारण और कुछ की घबराहट के कारण हो गई। आज सुबह 8 बजे से आष्टा विधानसभा क्षेत्र के सभी 248 मतदान केन्द्रों पर मतदान कार्य शुरु हुआ। सुबह से ही मतदान केन्द्रों पर मतदान करने वालों में उत्साह का माहौल देखा गया। कुछ मतदान केन्द्र ऐसे भी थे जहाँ पर सुबह से ही लम्बी कतारें लगी हुई थीं। जो मतदान का समय खत्म होने के बाद भी घंटो तक लगी रही। आज सर्वाधिक लम्बी कतारें आष्टा नगर के मतदान केन्द्र क्रमांक 141 उत्कृष्ट विद्यालय एवं अलीपुर के एक मतदान केन्द्र पर देखी गईं वहीं आज आष्टा विधानसभा क्षेत्र के एक ग्राम पीठापुरा में तो लगभग 2 बजे 80 प्रतिशत से अधिक मतदान हो चुका था।

      आज अनेकों मतदान केन्द्रों पर परीसिमन के कारण कई क्षेत्रों को इधर से उधर जोड़ देने के कारण मतदाता, इधर से उधर अपने मतदान मतदाता  सूची में ढूंढने के लिये भटकते रहे। कई मतदाताओं को अपने नाम मिल गये और कई मतदाताओं को बिना मतदान किये ही मतदाता सूची में नाम नहीं मिलने के कारण निराश होकर बिना मतदान किये लौटना पड़ा।

      आज आष्टा नगर के एक मतदान केन्द्र क्रमांक 141 पर मतदान दल तैनात किया गया था उक्त मतदान केन्द्र के अधिकारी और कर्मचारियों के ढीले पन के कारण मतदाताओं को वोट डालने के कारण घंटो लाईन में खड़े रहना पड़ा जब यह जानकारी भाजपा के चुनाव प्रभारी नगीन जैन एडवोकेट को भ्रमण के दौरान मतदाताओं को बताई तब उन्होने निर्वाचन अधिकारी एसडीएम श्रीमति रश्मि से कही। शिकायत मिलते ही श्रीमति रश्मि उक्त मतदान केन्द्र पर पहुँची और वहाँ परेशानियों को सही रुप में देखकर लगभग आधा घंटे तक मतदान केन्द्र पर रुकी तथा बाद में उन्होने वहाँ पर एक मतदान अधिकारी को और बढ़ाकर मतदान कार्य में तेजी लाने के प्रयास शुरु कराये।

      जिस वक्त एसडीएम उक्त मतदान केन्द्र पर पहुँची उस वक्त यहाँ लगभग 150 के आसपास महिला व पुरुष लम्बी कतार लगाये खड़े थे। जो धूप में परेशान हो रहे थे।

      आज रात्रि में लगभग 10 बजे कंट्रोल रुम से मतदान की जानकारी देते हुए बताया कि आष्टा विधानसभा क्षेत्र में 76.98 प्रतिशत मतदान हुआ है जिसमें 82.66 प्रतिशत पुरुषों ने तथा 70.85 प्रतिशत मतदान महिलाओं ने किया है। आष्टा नगर के 22 मतदान केन्द्रों पर आज काफी अच्छा मतदान हुआ। सर्वाधिक 81 प्रतिशत मतदान कन्या शाला अलीपुर के मतदान केन्द्र क्रमांक 122 पर हुआ। वहीं सबसे कम मतदान शासकिय कन्या माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 136 पर 64 प्रतिशत हुआ।

 

 

श्री कासट ने पुत्र को दिये अधिकार, बाकी पहुँचे सहारा लेकर

      सीहोर। वरिष्ठ कांग्रेस नेता, वरिष्ठ साहित्यकार श्री नारायण कासट नदीम लम्बे समय से बीमार हैं, और आपको चलने-फिरने में अभी काफी दिक्कत है। ऐसी स्थिति में मतदान के लिये उत्साह दिखाते हुए आपको बहुत लम्बे समय बाद आज घर से नीचे उतरे व एक वाहन में लेटाकर आपको मतदान केन्द्र तक लाया गया। यहाँ इनकी असमर्थता को देखते हुए पीठासीन अधिकारी ने बाहर ही आकर इनसे हस्ताक्षर कराये तथा पुत्र को मतदान की स्वीकृति दिलाई तब जाकर श्री कासट का मतदान सम्पन्न हुआ।

 

 सर्वाधिक मतदान हुआ अलीपुर में

      सीहोर 27 नवम्बर (नि.सं.)। आज आष्टा नगर के 22 मतदान केन्द्रों पर भी जमकर मतदान हुआ। सबसे कम मतदान 64 प्रतिशत क्रमांक 136 पर हुआ। वहाँ 1105 मतदाताओं में से 712 ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। वहीं सबसे अधिक मतदान केन्द्र 122 पर अलीपुर में हुआ जहाँ पर 892 में से 644 ने मत डाले। जानकारी के अनुसार आष्टा नगर के मतदान केन्द्र क्रमांक 120 पर 788 में से 621, 121 पर 918 में से 675, 123 में 1277 में से 870 ने, केन्द्र 124 पर 1128 में से 794 ने, 125 पर 846 में से 596 ने, 126 पर 1413 में से 1035 में, 127 पर 693 में से 539 से, 128 पर 800 में से 620 ने, 129 पर 888 में से 683 ने, 131 पर 750 में से 597 ने, 132 पर 1152 में से 725 ने, 133 पर 1284 में से 979 ने 134 पर 938 में से 730 ने, 135 पर 1003 में से 744 ने, 136 पर 1105 में से 712 ने, 137 पर 1400 में से 1074 ने, 138 पर 1001 में से 675 ने, 139 पर 1076 में से 834 ने, 140 पर 892 में से 614 ने मतदाताओं ने अपने-अपने मताधिकार का उपयोग किया।

मैना में हुआ हल्का विवाद

      आज मतदान के दौरान आष्टा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मैना के एक मतदान केन्द्र पर भाजपा के एक कार्यकर्ता द्वारा हाल ही में भाजपा द्वारा मैना के एक कार्यकर्ता पर की गई कार्यवाही को लेकर मतदान को लेकर जब छींटाकशी की गई तो इस मतदान केन्द्र पर विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। लेकिन तत्काल मौके पर पहुँची पुलिस तथा अन्य लोगों के सहयोग से मतदान केन्द्र पर विवाद बढ़ने से रोका तथा बाद में मतदान कार्य चलता रहा।

विदा होने के पहले किया मतदान

      आष्टा नगर में महिला एवं बाल विकास विभाग में पदस्थ पुरुषोत्तम बाहेती की पुत्री अमरीषा बाहेती का विवाह आज हुआ। लेकिन विदा होने के पहले अमरीषा ने अपने पिता पुरुषोत्तम बाहेती एवं माता कल्पना बाहेती के साथ अपने मताधिकार का उपयोग कर मतदान किया। दुल्हन के रुप में पहुँची अमरीषा को मतदान केन्द्र पर देखकर अधिकांश लोगों ने इसे एक युवा का मतदान के प्रति जागरुक होना माना।

आलसी अधिकारियों ने मतदान प्रतिशत का कबाड़ा किया, कई जगह लोग हुए परेशान, निर्वाचन विभाग द्वारा प्रशिक्षण में रह गई अनेक चूक सामने आई

सीहोर 27 नवम्बर (नि.सं.)। वर्ष 2008 के मतदान जिस हाईटेक पध्दति से मशीनों द्वारा हो रहे थे, और पूरे प्रदेश में शानदार व्यवस्था निर्वाचन आयोग द्वारा की गई थी उस व्यवस्था के सहयोग से आज अधिकारी और कर्मचारी परहेज करते हुए नजर आये। निर्वाचन कराने समय उनका आलस, धीमी गति और चिड़चिड़ापन हर एक आम मतदाता को खला। स्थानीय निर्वाचन विभाग द्वारा अव्यवस्थित और हड़बड़ाहट में दिये गये प्रशिक्षण की पोल भी आज खुल गई। मतदाता तो हेरान-परेशान हुए ही बल्कि सारी उच्च स्तरीय साजो-सामान भी इन अव्यवस्थाओं के आगे बोने साबित हो गये। मतदान का प्रतिशत कम रहने के पीछे यह भी एक बहुत बड़ा कारण रहा।

      मध्य प्रदेश में नई सरकार बनने के दिन और बनाने को लेकर उत्साह आज सुबह 9-10 बजे तक ही सामने आना शुरु हो गया था। यूँ तो इस बार सबसे यादा गड़बड़ी तब सामने आई जब आम मतदाता जो वर्षों से सुबह 7 बजे से मतदान करने पहुँचता रहा है वह सुबह 7 बजे ही मतदान करने पहुँच गया और यहाँ देखा तो मतदान केन्द्र पर कौऐ उड़ रहे थे। मतदान केन्द्रों पर कोई नहीं था। असल में इस बार मतदान का समय एक घंटा कम कर दिया गया था। मतदान प्रारंभ 8 बजे से हुआ। लेकिन जिला निर्वाचन अधिकारी और विभाग इस बात को व्यवस्थित रुप से प्रचारित नहीं कर सका यह बात आज स्वयं ही सिध्द हो गई। बहुत बड़ी संख्या में लोग सुबह 7 बजे से मतदान करने जाते हैं लेकिन उन्हे आज परेशानी हुई जबकि इस बार प्रशासन ने अलग से बात का प्रचार-प्रसार नहीं किया था। इस महत्वपूर्ण बात को प्रशासन ने अथवा उसके प्रचार तंत्र ने बहुत ही हल्के ढंग से लिया लगता है।

      ले देकर जब 8 बजे मतदान शुरु हुआ तब तक अधिकांश मतदान केन्द्रों पर लाईन लग चुकी थी। गंज के अम्बेडकर मंगल भवन की लाईन यदि सबसे बड़ी थी तो कस्बा स्थित शासकिय कन्या माध्यमिक शाला कमला नेहरु की लाईन भी छोटी नहीं थी। लेकिन जब मतदान शुरु हुआ तो मतदान करा रहे अधिकारियों का आलस,  उनके चेहरे की भाव भंगिमा माहौल को तनाव पूर्ण और बेरस बना रही थी। मतदान कराने वाले इतने धीमे काम कर रहे थे कि एक मतदान के लिये वह 2 मिनिट तक ले रहे थे। परिचय पत्र देखने वाले अधिकारी परिचय-पत्र ऐसे देख रहे थे कि बेचारों को पढ़ना-लिखना ही नहीं आता हो, निर्वाचन आयोग के बने हुए परिचय-पत्र तक बहुत बारीकी से देखने के बाद आराम से उसका नम्बर वाली पर्ची लेना फिर अपनी मतदाता सूची के एक-एक पन्ने को पलटते हुए मतदाता का क्रमांक ढूंढना और उसके बाद जब नम्बर मिल जाये तो फिर चेहरा देखकर मिलाने का प्रयास करना, यदि मतदाता परिचय-पत्र के अलावा कोई और परिचय पत्र लाया गया है तो दूसरे अधिकारी से पूछना, बताना आराम से समझना और फिर आगे की कार्यवाही करना।

      इसके बाद अगले चरण पर मतदाता को भेजना और उसके हस्ताक्षर कराये जाना, स्याही लगना।  इस दौरान मतदाता सूची देखने वाले अधिकारी द्वारा यहाँ बैठे पार्टी के लोगों को नम्बर बताना, उन्हे चढ़वाना, उधर से मतदाता को एक पर्ची दी जाती फिर पर्ची लेकर वह मतदान करने जाता और इस प्रकार मतदान सम्पन्न होता। इस पूरी प्रक्रिया में एक से दो मिनिट तक अधिकारी ले रहे थे लेकिन उनके चेहरों पर किसी तरह की परेशानी नहीं थी। बाहर खड़े मतदाताओं की भीड़ जो बढ़ती ही जा रही थी उससे तो उन्हे जैसे कोई सरोकार ही नहीं था।

      हालांकि एक-दो मतदान केन्द्रों पर जहाँ समझदार और मानवीय संवेदनाओं से भरे-पूरे अधिकारी बैठे थे वह अवश्य इसी कार्य को बहुत आसानी से बहुत फुर्ती के साथ निपटा रहे थे। लेकिन ऐसा सिर्फ एक-दो मतदान केन्द्रों पर ही देखने को मिला।

      वरना तो हर मतदान केन्द्र पर बहुत धीमे मतदान कराया गया। लम्बी-लम्बी लाईनों में खड़े मतदाता या तो थककर वापस चले गये या लाईन देखकर वापस चले गये।

      आज जब भारतवर्ष ने उन्नति कर ली और मतदान के लिये पुरानी पध्दति से हटकर नई मशीनें आ गई हैं उसके बावजूद मशीनों की गति को रोकने का काम उसे चलाने वालों ने किया। मशीन तो तेज चलने को तैयार थी लेकिन उस तक मतदाता को पहुँचने से रोकने वाले बहुत अड़ंगे हो गये हैं।

      वार्ड क्रमांक 1 मतदान केन्द्र क्रमांक 122 सीहोर नगर कोलीपुरा व बढ़ियाखेड़ी पर सुबह से लाईन लगी थी। महिलाओं और पुरुषों बहुत लम्बी-लम्बी लाईनें थी। कई बुजुर्ग लोग भी इसमें शामिल थे। लेकिन यहाँ अधिकारी थे कि समझाईश के बावजूद उनके हाथों में फुर्ती आने को ही तैयार नहीं थी। शाम जल्दी घर जाने के चक्कर में इन्हे मतदान करने वालों की देश के प्रति भावनाओं का ख्याल नहीं आ रहा था। इन्हे सिर्फ इतनी फिक्र थी कि जैसे ही 5 बजे मतदान समाप्त हो उस समय हमारा हिसाब पूरा व्यवस्थित होना चाहिये, हम जल्दी-जल्दी से सारी मशीन (भेगत) समेंटे और जमा कराकर मुक्त हों। इसी चक्कर में हर मतदान के बाद वह अपनी कागजी खानापूर्ति को बहुत इत-मिनान से करते थे, एक-दूसरे से पूछते थे और फिर उसके बाद अगले मतदान की तरफ ध्यान देते थे।

      हालांकि अम्बेडकर मंगल भवन गंज में भी बहुत लम्बी लाईन लग गई थी और अगला आदमी लाईन में खड़े होने को ही तैयार नहीं था। ऐसी स्थिति में यहाँ जब कुछ लोगों ने अंदर जाकर बातचीत की तथा अधिकारियों को समझाया कि क्या आपको भोजन -पानी नहीं मिला या किसी ने आपके साथ कुछ कर दिया है जो आप मतदान इतना धीमा करा रहे हैं या कलेक्टर ने आपसे बदतमीजी कर दी है जिसका बदला आप ले रहे हैं आखिर क्या हो गया है जो आपके हाथ-पांव सुन्न हो रहे हैं और आप मतदान इतना धीमा करा रहे हैं, तब उनके समझ में आई कि हाँ वह लोग अपेक्षा से बहुत अधिक धीमा मतदान कर रहे थे फिर समझाईश के बाद जब उनके हाथ-पाँव में नई जान आई तब इतनी गति से मतदान हुआ कि लाईन सिमटकर अम्बेकर मंगल भवन के अंदर तक चली गई और छोटी रह गई।

      यहाँ से यह बात सिध्द हो गई कि सारे ही मतदान केन्द्रों पर यही इसी प्रकार मतदान कराने वाले अधिकारियों में फुर्ती होती तो फिर मतदान बहुत जल्दी हो जाता था और यदि ऐसा होता तो मतदान का प्रतिशत निश्चित रुप से कम से कम 10 प्रतिशत बढ़ जाता।

      आज स्थानीय निर्वाचन विभाग द्वारा मतदान की अव्यवस्थाएं और प्रशिक्षण में की गई कोताही भी सामने आ गई। यूँ तो यह बात उसी समय सामने आ गई थी जब हड़बड़ाहट पूर्ण तरीकों से, मशीनों से मतदान कराने का प्रशिक्षण दिया गया था और प्रशिक्षण देने वाले यह सोच रहे थे कि चूंकि पिछली बार मतदान मशीनों से हुआ है इसलिये वह यादा विस्तार से ना समझाते हुए सिर्फ टालमटोल कर रहे थे। जबकि कि सी भी मशीनीकृत जानकारी जिसे 5 साल पहले समझा गया हो उसे फिर से समझाते समय पूरे व्यवस्थित रुप से समझा चाहिये । जो भी हो आज दो मतदान केन्द्रों मतदान केन्द्र क्रमांक 140  और 29 पर बैठे पीठासीन अधिकारियों ने जब मशीने खोली तो उनकी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई।

      उन्हे जितनी समझाईश दी गई थी वह सब भूल गये। मशीन चालू और सही होते हुए भी एक जगह तो अधिकारी घबराहट में तार ही नहीं जोड़ पाये दूसरी तरह कुछ और खटका दबाकर चालू न कर सके। कुल मिलाकर अव्यवस्थित प्रशिक्षण के चलते यह स्थिति बनी।

      प्रशिक्षण में एक बड़ी चूक  भी सामने आई कि मतदान कराने वाले दलों को यह तो खूब समझाया गया कि उन्हे कैसे एक-एक मतदाता की पहचान करनी है, और कागजी लिखा-पढ़ी करनी है लेकिन इस तरफ एक भी शब्द नहीं बोला गया कि किस प्रकार मतदान तेज कराना है ताकि मतदान के  लिये आ रहे लोग परेशान न हो, मतदान सुचारु रुप से और अच्छी गति से हो सके, मतदान का प्रतिशत तेज गति से मतदान होने पर ही बढ़ेगा इसलिये मतदान बहुत तेज होना चाहिये। इस सबसे महत्वपूर्ण विषय को प्रशिक्षण के दौरान छोड़ दिया गया।

जब कमल छाप पर्चियों के कारण हो गई कार्यवाही

सीहोर 27 नवम्बर (नि.सं.)। मतदान केन्द्र क्रमांक 140 वार्ड में सुबह 8 बजे मतदान केन्द्र के पीठासीन अधिकारी ने जैसे ही मशीन चालू करने का प्रयास किया वह चालू नहीं हो सकी। प्रयास विफल होने पर उन्होने नियंत्रण कक्ष में सूचना दी। यहाँ से तत्काल एक मशीन भेजी गई। इस सब में करीब एक घंटा लग गया। इस दौरान मतदान केन्द्र पर काफी बड़ी संख्या में भीड़ लग गई थी। नई मशीन आने पर यहाँ मतदान प्रारंभ किया गया। जब यहीं पुरानी मशीन देखी गई तो वह मशीन ठीक थी। हुआ यह था कि हड़बड़ाहट में यहाँ अधिकारी को समझ नहीं आई और उसके व्यवस्थित तार लगाकर चालू नहीं कर सके।

      4 इसी प्रकार दोराहा ग्राम के छतरी ग्राम में भी इसी प्रकार का मामला सामने आया जहाँ प्रात: 8 बजे मशीन चालू करने पर वह चालू नहीं हुई। नियंत्रण कक्ष से नई मशीन भेजी गई और वहाँ नई मशीन से मतदान शुरु हुआ। जबकि पुरानी मशीन की स्थिति ठीक थी उसे सही ढंग से चालू नहीं किया जा सका था।

      4 आज मतदान केन्द्र क्रमांक 129 बकरी पुल कस्बा क्षेत्र में स्थित था यह सर्वाधिक चर्चा में रहा। इस मतदान केन्द्र पर एक कांग्रेस नेत्री पहुँची और देखा तो पता चला कि यहाँ अधिकांश लोग जो पर्चियाँ लेकर आ रहे थे उन पर कमल का फूल छपा हुआ था। कमल का फूल छपी पर्चियाँ ही अंदर पीठासीन अधिकारी लेकर उन्हे पास में रख रहे थे और मतदान करा रहे थे। जब उनसे कांग्रेस नेत्री ने बातचीत की तथा बताया कि यह क्या तरीका तब उन्होने कोई तवजो नहीं देने का प्रयास किया, बल्कि बात टालने की कोशिश की। इस पर इसकी शिकायत की गई तथा पुलिस को बताया गया तब यहाँ दो लोगों पर निर्वाचन आयोग की धाराओं के तहत कार्यवाही की गई। इसके बाद यहाँ मामला व्यवस्थित चलता रहा।

      4 मतदान केन्द्र 129 कस्बा क्षेत्र में ही दोपहर के समय सर्वाधिक लम्बी लाईने महिलाओं की लगी हुई थी। जो धूप में परेशान हो रही थी। जब यहाँ समझाया गया कि लाईन स्कूल के प्रांगण के अंदर से लगवाई जाये यहाँ उपस्थित अधिकारियों का जबाव था कि क्या हुआ थोड़ी धूप खा लेंगी तो, आधा-एक घंटा धूप में खड़े रहने से कुछ नहीं होगा। यहाँ धीमी गति से हो रहे मतदान के कारण कई महिलाएं वापस भी चली गईं।

      4 मतदान केन्द्र क्रमांक 169 भोपाली फाटक पर मतदान का प्रतिशत मात्र 65 रहा। यहाँ मुस्लिम मतदाताओं की बाहुल्यता थी।

      4 ग्रामीण क्षेत्रों से दोपहर भर यही खबरें आती रहीं कि वहाँ मतदान का प्रतिशत बहुत अधिक है। अधिकांश ग्रामाें में 75-80 प्रतिशत मतदान गिरने की जानकारियाें से यहाँ भाजपा खेमें की खुशी   दुगनी हो रही थी। ग्राम पीपलखेड़ा में दोपहर 3 बजे ही 80 प्रतिशत मतदान हो चुका था जबकि लगभग 3 बजे ही एक अन्य ग्राम बाजार बरखेड़ा जिसको लेकर भी अधिकांशत: चिंता रहती है वहाँ 76 प्रतिशत मतदान सम्पन्न हो चुका था। आज अहमदपुर सेक्टर के अधिकांश ग्रामों में मतदान बहुत अधिक हुआ। मतदाताओं ने रुचि लेकर मतदान में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।

      4 दोराहा में एक मतदान केन्द्र पर शाम तक कुल 68 प्रतिशत मतदान हुआ। दोराहा को लेकर भाजपा और नगाड़े में सर्वाधिक उत्साह था और यहाँ मतदान का प्रतिशत अच्छा रहने से दोनो ही खेमे खुश नजर आये।

      4 मतदान केन्द्र क्रमांक 122 वार्ड क्रमांक 1 के पीठासीन अधिकारियों द्वारा कराये जा रहे मतदान की धीमी गति का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहाँ सुबह 8 बजे से ही करीब 50 से अधिक मतदाताओं की लाईन लग चुकी थी जो9-10 बजे तक बढ़ने लगी थी लेकिन यह लाईन शाम तक किसी भी स्थिति में कम नहीं हो सकी। भर धूप में महिलाएं और पुरुष बहुत बड़ी संख्या में यहाँ खड़े रहे। करीब दो-दो घंटे में एक मतदाता को मतदान का अवसर मिल सका। यहाँ मतदान करा रहे अधिकारियों ने बहुत ही धीमी गति से मतदान कराया। अंतत: शाम 5 बजे गई और यहाँ लाईन में करीब 100 से अधिक लोग खड़े थे। तब हरकत करते हुए कुछ अधिकारी इस लाईन को छोटा करने का प्रयास करने लगे लेकिन यहाँ उपस्थित कार्यकर्ताओं ने पहले से ही सक्रियता का परिचय देते हुए सीमा के अंदर और लाईन में लोगों को खड़ा करवा दिया जिससे लाईन में खड़े बहुतायत लोगों ने 5 बजने क बाद भी शाम 6 बजे तक मतदान किया।

      4 उधर कस्बा क्षेत्र में भी यही स्थिति रही। यहाँ एक मतदान केन्द्र क्रमांक 175 कमला नेहरु विद्यालय में शायद आज का सबसे धीमी गति का मतदान कराया जा रहा था। यहाँ भी मतदान कराने वाले अधिकारियों के हाथ-पांव ही नहीं चल रहे थे। यहाँ पूरा स्कूल ही महिलाओं की और पुरुषों की लम्बी लाईन से भरा गया था। लाईन लम्बी होने के कारण दो-तीन मोड़ होकर लगी हुई थी लेकिन अंदर मतदान करने वाले 1 से 2 मिनिट तक एक मतदान कराने पर अड़े ही हुए थे। उनसे अनेकानेक बार कहा गया कि भैया आप लोग 4-5 लोग हो उसके बाद भी मतदान जल्दी नहीं करवा पा रहे हो आखिर क्या हो गया है लेकिन वह थे की मानने को ही तैयार नहीं थे। कई बार जनता ने कहा, कई भाजपा व कांग्रेस के पदाधिकारियों ने कहा लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई। अंतत: जब यहाँ मतदान जांच दल के अधिकारियों का एक दल पहुँचा तो उससे भी लोगों ने कहा, बल्कि दल ने जब यहाँ अत्याधिक लम्बी लाईन देखी तो दल ने भी इसे गंभीरता से लिया और दल के वरिष्ठ अधिकारी ने अंदर बैठे लोगों से कहा कि भाई आप लोग इतने होते हुए भी मतदान नहीं करवा पा रहे हैं आखिर इतना समय क्यों लग रहा है। लाईन बाहर जाकर तो देखिये कि कितनी लग गई है। यह जांच दल फिर यहीं बैठ गया और काफी देर तक यहीं बैठकर उन्होने मतदान की गति को बढ़वाने का प्रयास किया, तब जाकर कुछ फर्क पड़ा। उधर शाम को 5 बजे के बाद एकदम जल्दबाजी करते हुए यहाँ पीठासीन अधिकारी ने बाहर निकलकर आगे से कोई लाईन में न लगे इसके आदेश दे दिये यहाँ ठीक 5 बजकर 2 मिनिट पर 4 महिलाएं आई लेकिन उन्हे नहीं लगने दिया गया। लेकिन इसके बावजूद यहाँ इतनी लम्बी लाईन लगी हुई थी कि मतदान करीब पौने छ: बजे तक चलता रहा।

      4 आज बुदनी क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा किसी भाजपा कार्यकर्ता से की गई बदतमीजी के बाद उसके साथ उपस्थित जनसमुदाय द्वारा मारपीट कर दिये का समाचार दिनभर सुर्खियाँ में रहा। कांग्रेस प्रत्याशी की पिटाई के साथ ही उस पर ही मुकद्मा दर्ज कर लिये जाने की बात भी कही जाती रही।

 

जब सन्नी से कहा भैया नम्बर ले आओ

सीहोर। चुनाव के सर्वाधिक चर्चित उम्मीद्वार और भारतीय जनशक्ति पार्टी के प्रत्याशी गौरव सन्नी महाजन आज नगर में दोपहर में सामान्य रुप से मतदान करने पहुँचे। यहाँ उन्होने आराम से लाईन में लगकर मतदान करने जैसे ही अंदर गये तो पीठासीन अधिकारी ने कहा कि आपका नम्बर? इस पर गौरव महाजन ने अनभिज्ञता जाहिर की। उनसे कहा गया कि पर्ची ले आओ तब उन्होने यहाँ बैठे पार्टी एजेंटो से नम्बर पूछा। उन्होने नम्बर बताया। तब सन्नी ने मतदान किया।