कमरे में बंद कर जूता दिखाकर अधिकारी से कहा साईन कर और फाईल मंगा
सीहोर 2 जुलाई (नि.सं.)। आज फिर नगर पालिका के प्रमुख अधिकारी के साथ कुछ असामाजिक तत्वों ने मारपीट का प्रयास किया, उन्हे कमरे में बंद कर दिया और जूता निकालकर दिखाकर जबरन फाईलों पर साईन कराने तथा फाईल बनवाने तथा चैक कटवाने के प्रयास किये। इस संबंध में अनुभवी नवागत कलेक्टर डी.पी. आहूजा को ऐसे अधिकारियों से बातचीत कर अब नगर पालिका में व्याप्त ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित करना चाहिये और ऐसे तत्वों जिन पर पूर्व में ही कई अपराध पंजीबध्द हैं उन पर सख्त से सख्त कार्यवाही कर आम नागरिकों के रुपयों की बर्वादी होने से रोकना चाहिये।
नगर पालिका में पिछले दिनों अंधाधुंध कार्य करते हुए कुछ ठेकेदारों और नेताओं ने मिलकर ऐसे-ऐसे कार्य और घपले कर दिखाये हैं जो पहले कभी नहीं हुए थे। इनमें से ही कुछ घपलों की जांच करने के लिये 13 पार्षदों के निवेदन पर नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारी आये थे और उन्होने बारीकी से जांच भी की थी। इसी जांच के कारण हुए कई गड़बड़ कार्यों की फाईलें जप्त करके भोपाल के अधिकारी ले गये हैं जिनकी जांच बारीकी से की जायेगी, लेकिन उधर जांच चलती रहे और इधर ठेकेदार किसी भी तरह अपना भुगतान करा लेना चाहते हैं।
इसी कारण आज कुछ नेता किस्म के ठेकेदारों ने नगर पालिका के वरिष्ठ अधिकारी को उसके कमरे में बंद कर लिया और अंदर जूता निकालकर मारपीट के अंदाज में उस पर दबाव बनाया। उससे फाईल वापस बनवाने या बुलवाने की बात कही साथ ही कुछ चैक पर हस्ताक्षर करवाने के प्रयास भी किये गये।
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्ववर्ती नगर पालिका एक अधिकारी के साथ ही इसी प्रकार कमरे में घुसकर उसे बंद कर मारपीट कर रुपये लेने के प्रयास किये गये थे। जनता के रुपये को नगर पालिका के माध्यम से यह असामाजिक प्रवृत्ति के लोग उल्टे-सीधे काम कर किसी भी तरह जीम लेना चाहते हैं इन पर अंकुश की आवश्यकता है।
नये कलेक्टर साहब डी.पी. आहूजा का सीहोर में पदार्पण हो चुका है। श्री आहूजा की कार्यशैली, कार्य के प्रति गंभीरता और जरा-भी गडबड़ी बर्दाश्त नहीं करने की प्रवृत्ति के किस्से भी नगर में शुरु हो चुके हैं। ऐसे में जिलाधीश से अपेक्षा है कि वह ऐसे कुछ तत्वों को नगर पालिका के अधिकारियों को बचायें, उनसे बातचीत कर इन लोगों के खिलाफ उचित कार्यवाही करें ताकि जनता के रुपयाें का दुरुपयोग न हो सके और ऐसे कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के लोग जो इन दिनो यादा सक्रिय हो गये हैं उन पर कैसे अंकुश लग सकता है, उनकी पुराने अपराधों की फेहरिश्त के आधार पर उन क्या कार्यवाही हो सकती है, इस तरफ ध्यान दे दें।
निश्चित ही जिलाधीश श्री आहूजा के इस विषय में ध्यान देने मात्र से नगर पालिका में चल रही गड़बडी एकदम व्यवस्थित हो सकती है और अधिकारियों पर दबाव बनाकर मारपीट कर, गाली-गलौच करने वालों पर अंकुश लग सके।
Thursday, July 3, 2008
गाँधी मार्ग के व्यापारी नाराज, सड़क पर हो रहे गड्डे ही गड्डे
सीहोर 2 जुलाई (नि.सं.)। बरसात के दिनों में नगर के सर्वाधिक व्यस्ततम व्यापारिक गाँधी मार्ग पर कीचड़ ही कीचड़ मच रहा है। यहाँ सड़क पर गड्डे ही गड्डे हो गये हैं। जिसके कारण बरसात में व्यापारियों को परेशानी हो रही है। व्यापारी वर्ग ने इस संबंध में एक आवेदन गत दिवस समस्या निवारण शिविर में देते हुए प्रभारी मंत्री को भी अवगत कराया है।
पान चौराहा से गाँधी मार्ग तथा अस्पताल चौराहा तक की सड़क निर्माण कई वर्षों से नहीं हुआ है। जिसके कारण इस डामरीकृत सड़क की हालत जीर्ण-शीर्ण हो रही है एवं पैदल चलने में गड्डों पर चलने वालों को तो मोच आ ही जाती है बल्कि बरसात के दिनों में इनमें पानी भरा जाता है और वाहन आदि निकलने पर पानी उछलकर दुकानों तक जा पहुँचता है। इसलिये इस सड़क का जीणोध्दार कराया जाकर पान चौराहा से अस्पताल चौराहा तक सी.सी. रोड निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जाये। इसके साथ ही गाँधी रोड के व्यापारियों ने इस मार्ग पर दोनो तरफ हाथ ठेले स्थाई रुप से खड़े रहने की बात पर भी ध्यान दिलाया है। जिससे आवागमन में भारी परेशानी आती है। साथ ही जिन दुकानदारों की दुकान के सामने हाथ ठेले खड़े रहते हैं उन्हे व ग्राहकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हाथ ठेले वाले दुकानदार का कहना नहीं मानते और झगड़ा करने को आमादा होते हैं यहाँ से हाथ ठेले हटवाकर यातायाता सुगम कराने की मांग भी की है। वैसे भी सड़क की चौड़ाई कम है उस पर हाथ ठेलों का अतिक्रमण तो और मार्ग छोटा कर देता है। सदैव के लिये हाथ ठेले हटवाने की मांग गाँधी रोड के व्यापारियों ने संयुक्त रुप से मंत्री जी से की है।
पान चौराहा से गाँधी मार्ग तथा अस्पताल चौराहा तक की सड़क निर्माण कई वर्षों से नहीं हुआ है। जिसके कारण इस डामरीकृत सड़क की हालत जीर्ण-शीर्ण हो रही है एवं पैदल चलने में गड्डों पर चलने वालों को तो मोच आ ही जाती है बल्कि बरसात के दिनों में इनमें पानी भरा जाता है और वाहन आदि निकलने पर पानी उछलकर दुकानों तक जा पहुँचता है। इसलिये इस सड़क का जीणोध्दार कराया जाकर पान चौराहा से अस्पताल चौराहा तक सी.सी. रोड निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जाये। इसके साथ ही गाँधी रोड के व्यापारियों ने इस मार्ग पर दोनो तरफ हाथ ठेले स्थाई रुप से खड़े रहने की बात पर भी ध्यान दिलाया है। जिससे आवागमन में भारी परेशानी आती है। साथ ही जिन दुकानदारों की दुकान के सामने हाथ ठेले खड़े रहते हैं उन्हे व ग्राहकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हाथ ठेले वाले दुकानदार का कहना नहीं मानते और झगड़ा करने को आमादा होते हैं यहाँ से हाथ ठेले हटवाकर यातायाता सुगम कराने की मांग भी की है। वैसे भी सड़क की चौड़ाई कम है उस पर हाथ ठेलों का अतिक्रमण तो और मार्ग छोटा कर देता है। सदैव के लिये हाथ ठेले हटवाने की मांग गाँधी रोड के व्यापारियों ने संयुक्त रुप से मंत्री जी से की है।
14 करोड़ रुपये के साथ 8881 किसानों को पूर्ण ऋण हुआ माफ
सीहोर 2 जुलाई (नि.सं.)। जिला सहकारी केन्द्रिय बैंक ने कमाल कर दिखाया है। अपने 10 हजार से अधिक ऋण धारी किसानों को बैंक ने राहत प्रदान कर दी है। जबकि 8 हजार 881 किसानों का 100 प्रतिशत ऋण माफ कर दिया गया है जिससे किसानों की खुशी का ठिकाना नहीं है वहीं 1860 किसानों का 25 प्रतिशत ऋण माफ कर दिया गया है। इस प्रकार कुल 10हजार 741 किसानों का ऋण माफ किया जायेगा। जिससे जिले भर के किसानों में उत्साह का वातावरण है। ऋण माफी की यह सूची पूर्ण हो चुकी है और लग भी गई है।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष केन्द्र सरकार ने बजट के दौरान छोटे और मध्यम किसानों सहित देश भर के किसानों को जो ऋण से दबे हुए हैं उनको राहत देने की घोषणा की थी। ऋण माफ करने की घोषणा की गई थी। इस पर अमली जामा भी जिले भर की बैंकों ने पहनाना शुरु कर दिया था लेकिन इस मामले में जिला सहकारी केन्द्रिय बैंक ने सहकारी नेता रमेश सक्सेना के मार्गदर्शन में विशेष रुप से ध्यान दिया और योजना का लाभ किस प्रकार बैंक से जुड़े किसानों को मिल सके इसके प्रयास शुरुवा दिये।
बैंक की विभिन्न शाखाओं पर युध्द स्तर पर ऋण लेने वाले किसानों की सूचियाँ तैयार की गईं और महाप्रबंधक श्री हजारी के पास निर्देशन में उन्हे कार्यरुप दिया गया। जून मास के अंत तक 60 सहकारी समितियों की पूर्णत: व्यवस्थित सूची आ चुकी थी जबकि 36 समितियों की सूची बाद में और आ गई। इसके बाद भी कार्य जारी है। सहकारी बैंक का प्रयास है कि अधिक से अधिक किसानों को लाभ मिल सके।
ऋण माफी में मामले सर्वाधिक किसानों को कर मुक्त करने वाले बैंक सहकारी बैंक द्वारा कुल 15 करोड़ 91 लाख 44 हजार रुपये से अधिक की राशि माफ की जा रही है। जिसमें 8 हजार 881 किसानों का पूरा ऋण माफ कर दिया जायेगा और उन्हे बैंक कर मुक्त कर देगा। इनका कुल 13 करोड़ 90 लाख 12 हजार रुपया माफ होगा जबकि 1860 किसानों को 25 प्रतिशत या इसके आसपास ऋण में छूट मिल जायेगी इनको कुल 2 करोड़ 1 लाख 32 हजार से यादा की राशि से कर मुक्त किया जायेगा।
हालांकि जिले भर की बैंकों में ऋण मुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है लेकिन वहाँ बहुत कम किसानों को राहत मिली हैं।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष केन्द्र सरकार ने बजट के दौरान छोटे और मध्यम किसानों सहित देश भर के किसानों को जो ऋण से दबे हुए हैं उनको राहत देने की घोषणा की थी। ऋण माफ करने की घोषणा की गई थी। इस पर अमली जामा भी जिले भर की बैंकों ने पहनाना शुरु कर दिया था लेकिन इस मामले में जिला सहकारी केन्द्रिय बैंक ने सहकारी नेता रमेश सक्सेना के मार्गदर्शन में विशेष रुप से ध्यान दिया और योजना का लाभ किस प्रकार बैंक से जुड़े किसानों को मिल सके इसके प्रयास शुरुवा दिये।
बैंक की विभिन्न शाखाओं पर युध्द स्तर पर ऋण लेने वाले किसानों की सूचियाँ तैयार की गईं और महाप्रबंधक श्री हजारी के पास निर्देशन में उन्हे कार्यरुप दिया गया। जून मास के अंत तक 60 सहकारी समितियों की पूर्णत: व्यवस्थित सूची आ चुकी थी जबकि 36 समितियों की सूची बाद में और आ गई। इसके बाद भी कार्य जारी है। सहकारी बैंक का प्रयास है कि अधिक से अधिक किसानों को लाभ मिल सके।
ऋण माफी में मामले सर्वाधिक किसानों को कर मुक्त करने वाले बैंक सहकारी बैंक द्वारा कुल 15 करोड़ 91 लाख 44 हजार रुपये से अधिक की राशि माफ की जा रही है। जिसमें 8 हजार 881 किसानों का पूरा ऋण माफ कर दिया जायेगा और उन्हे बैंक कर मुक्त कर देगा। इनका कुल 13 करोड़ 90 लाख 12 हजार रुपया माफ होगा जबकि 1860 किसानों को 25 प्रतिशत या इसके आसपास ऋण में छूट मिल जायेगी इनको कुल 2 करोड़ 1 लाख 32 हजार से यादा की राशि से कर मुक्त किया जायेगा।
हालांकि जिले भर की बैंकों में ऋण मुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है लेकिन वहाँ बहुत कम किसानों को राहत मिली हैं।
जिले की सीमा में आने वाला इन्दौर भोपाल मार्ग चोर, लुटेरे, कंजरों के हवाले
10 दिन में घटी दिन दहाड़े लूट, डकैती की घटनाएं हुई 3 हत्या
आष्टा 2 जुलाई (सुशील संचेती)। जिले की सीमा के अन्तर्गत आने वाला इन्दौर भोपाल राष्ट्रीय राजमार्ग पिछले कुछ दिनों से इस रोड पर रात तो रात दिन दहाड़े अज्ञात लोग ट्रकों की त्रिपाल काटकर सामान उतार रहे हैं। लोहे से भरे सरिये के ट्रक के ट्रक गायब हो रहे हैं। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि इस मार्ग पर जावर, आष्टा पुलिस को रात्रि गश्त एवं दिन में चौकसी के दावे करती है वो सभी दावे इन वारदातों को अंजाम करने वालों ने थोथे साबित कर दिये हैं।
आश्चर्य का विषय तो यह है कि इस मार्ग पर इतनी वारदातें होने के बाद भी कभी सुनने में नहीं आया कि जिला पुलिस अधीक्षक डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने पुलिस को कभी भले प्यार से ही सही फटकारा हो ? ऐसा कभी नजर नहीं आया ना ही सुनने को मिला।
गत दिवस आष्टा में भाजपा की जो आंकलन समिति की बैठक हुई थी उसमें जो भाजपा के एक नेता ने अपने भाषण में जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद के खिलाफ खुले आरोप लगाये जबसे सीहोर जिले में पुलिस की कमान कप्तान राजेन्द्र सिंह के हाथों में सौंपी गई है तब से जिले में जिस प्रकार लूट, ट्रक, चोरी, हत्याएं, जुंआ-सट्टा, पशु परिवहन, आदि की घटनाएं बढ़ी हैं उससे कहीं भी नहीं लगता है कि जिले में कोई पुलिस अधीक्षक भी है। भाजपा नेता तो यहाँ तक कहा था कि डॉ राजेन्द्र प्रसाद को जिला पुलिस अधीक्षक के रुप में कभी आष्टा क्षेत्र में घटनाओं के बाद उन्हे गंभीरता से लेते हुए नहीं देखा गया। तो पूरे जिले में वे क्या खाक गंभीर होंगे।
आष्टा क्षेत्र में पिछले 10 दिनों में आष्टा और जावर थाना क्षेत्र के ही अन्तर्गत इन्दौर-भोपाल मार्ग पर लगभग 8 ज्ञात ट्रक कटिंग एवं 1 लोहे से भरे ट्रक को लूट कर ले जाने सनसनीखेज जो घटनाएं घटी हैं उससे इस मार्ग से आष्टा आने वाले ट्रक चालकों एवं उनके मालिकों में इतना भय व्याप्त हो गया है कि अब वह जब इन्दौर या भोपाल से चलते हैं तो आष्टा क्षेत्र में अपने साथ एक अतिरिक्त व्यक्ति को क्लीनर के रुप में लाते हैं और उसे जैसे ही सीहोर जिले की सीमा प्रारंभ होती है ट्रक के पीछे या उसके ऊपर सुरक्षा की दृष्टि से बैठा देते हैं या फिर ऐसे ट्रक चालक अन्य कोई उपाय करते हैं जिससे वह सीहोर जिले की सीमा से सुरक्षित निकल जायें। ट्रक चालकों व मालिकों का ऐसा सोचना एवं ऐसा करना निश्चित पुलिस के लिये तो करारा तमाचा है ही बल्कि पूरे देश में इस कारण सीहोर की छवि भी धूमिल हो रही है।
घटनाओं का सिलसिला
प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत 10 दिनों में 23 जून को सोंडा के पास अज्ञात लुटेरे जो एक बुलेरो में सवार होकर आये थे तथा लोहे से भरे सरियों का ट्रक को लूट कर ले गये थे तथा चालक व परिचालक को बंधक बनाकर दूर सिवनी मालवा के जंगल में ले जाकर छोड़ आये थे।
मामला यही नहीं थमा 25 जून को मार्डन डेरी के पास अज्ञात चोर ट्रक में चढ़े तथा दो गठान साड़ियों की उतार ले गये। उक्त घटना रात की होती तो सामान्य रुप में ले ली जाती है लेकि न यह घटना दोपहर 2.30 बजे की है तथा उस स्थान पर घटी है जहाँ पूरे दिन चहल-पहल रहती है।
इसके बाद पुन: 28 जून को सुबह एक और ट्रक की त्रिपाल काटकर जावर थाना अन्तर्गत डोडी ग्राम के पास 7 कार्टून परचून के ट्रक से उतार लिये गये। जिसकी शिकायत जावर थाना में हुई।
इसके बाद फिर अगले ही दिन 29 जून को दिन दहाड़े 2.30 बजे डोडी जोड़ के पास ट्रक की त्रिपाल काटकर दो कार्टून चोर उतार ले गये।
कल फिर अज्ञात चोरों ने दरखेड़ा पुलिया के पास एक ट्रक की त्रिपाल दिन में 12.30 बजे काटकर लगभग 8-10 कार्टून चप्पल एवं दवाओं के उतारकर ले गये।
यह घटनाएं तो ऐसी हैं जो थाने तक पहुंच गई लेकिन इसी प्रकार की और भी कई घटनाएं घटी हैं जो कि न्ही कारणों से थाने नहीं पहुँच पाई। ऐसा नहीं है कि आष्टा और जावर क्षेत्र में केवल ट्रक कटिंग ही हो रही है। पिछले माह आष्टा व जावर व सिध्दिकगंज क्षेत्र में 3 अलग-अलग स्थानों पर जो हत्याएं हुईं लगभग 1 माह बीतने के बाद भी इन तीनों हत्याओं के हत्यारों तक अभी तक नहीं पहुँच पाई है। इसमें 18-19 जून की रात्रि में दशहरा मैदान आष्टा में घर की छत पर सो रही 80 वर्षीय वृध्द महिला के पैर काटकर हत्यारे हत्या कर चले गये।
23 जून को कुर्लीखुर्द ग्राम में 13 वर्ष के बालक राकेश प्रजापति की लाश जंगल में मिली जिसके हत्यारे भी दूर हैं। दो हत्याओं का पर्दाफाश भी नहीं हुआ था कि 26 जून को जावर थाना अन्तर्गत ग्वाला ग्राम के माखनलाल पाटीदार का शव ग्वाला के जंगल में मिला। इसकी हत्या हुई या मौत स्वभाविक थी पुलिस आज तक कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है।
इतनी बड़ी -बड़ी घटनाएं क्षेत्र में लगातार घटी इसके बाद भी पुलिस विभाग कोई हलचल नहीं होना....? इस बात को दर्शाता है कि पुलिस कितनी गंभीर है ? खबर है कि आज रात्रि में पुलिस अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सीहोर से चलकर आष्टा पहुँचे लगभग 1 घंटे आष्टा रुके वो क्यों आये ? और किस विषय पर 1 घंटे तक आष्टा थाने में एसडीओपी मनु व्यास, टीआई अतीक खान के साथ चर्चारत रहे यह अभी अज्ञात है। सभी घटनाओं एवं भाजपा की बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक के खिलाफ जनआक्रोश देखना है कि आगे क्या रंग लाता है लेकिन मुख्यमंत्री के जिले में इतना कुछ होना और घटना और उसके बाद भी सबकुछ आराम से चलते रहना आश्चर्य के साथ-साथ चर्चा का विषय तो है ही।
आष्टा 2 जुलाई (सुशील संचेती)। जिले की सीमा के अन्तर्गत आने वाला इन्दौर भोपाल राष्ट्रीय राजमार्ग पिछले कुछ दिनों से इस रोड पर रात तो रात दिन दहाड़े अज्ञात लोग ट्रकों की त्रिपाल काटकर सामान उतार रहे हैं। लोहे से भरे सरिये के ट्रक के ट्रक गायब हो रहे हैं। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि इस मार्ग पर जावर, आष्टा पुलिस को रात्रि गश्त एवं दिन में चौकसी के दावे करती है वो सभी दावे इन वारदातों को अंजाम करने वालों ने थोथे साबित कर दिये हैं।
आश्चर्य का विषय तो यह है कि इस मार्ग पर इतनी वारदातें होने के बाद भी कभी सुनने में नहीं आया कि जिला पुलिस अधीक्षक डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने पुलिस को कभी भले प्यार से ही सही फटकारा हो ? ऐसा कभी नजर नहीं आया ना ही सुनने को मिला।
गत दिवस आष्टा में भाजपा की जो आंकलन समिति की बैठक हुई थी उसमें जो भाजपा के एक नेता ने अपने भाषण में जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद के खिलाफ खुले आरोप लगाये जबसे सीहोर जिले में पुलिस की कमान कप्तान राजेन्द्र सिंह के हाथों में सौंपी गई है तब से जिले में जिस प्रकार लूट, ट्रक, चोरी, हत्याएं, जुंआ-सट्टा, पशु परिवहन, आदि की घटनाएं बढ़ी हैं उससे कहीं भी नहीं लगता है कि जिले में कोई पुलिस अधीक्षक भी है। भाजपा नेता तो यहाँ तक कहा था कि डॉ राजेन्द्र प्रसाद को जिला पुलिस अधीक्षक के रुप में कभी आष्टा क्षेत्र में घटनाओं के बाद उन्हे गंभीरता से लेते हुए नहीं देखा गया। तो पूरे जिले में वे क्या खाक गंभीर होंगे।
आष्टा क्षेत्र में पिछले 10 दिनों में आष्टा और जावर थाना क्षेत्र के ही अन्तर्गत इन्दौर-भोपाल मार्ग पर लगभग 8 ज्ञात ट्रक कटिंग एवं 1 लोहे से भरे ट्रक को लूट कर ले जाने सनसनीखेज जो घटनाएं घटी हैं उससे इस मार्ग से आष्टा आने वाले ट्रक चालकों एवं उनके मालिकों में इतना भय व्याप्त हो गया है कि अब वह जब इन्दौर या भोपाल से चलते हैं तो आष्टा क्षेत्र में अपने साथ एक अतिरिक्त व्यक्ति को क्लीनर के रुप में लाते हैं और उसे जैसे ही सीहोर जिले की सीमा प्रारंभ होती है ट्रक के पीछे या उसके ऊपर सुरक्षा की दृष्टि से बैठा देते हैं या फिर ऐसे ट्रक चालक अन्य कोई उपाय करते हैं जिससे वह सीहोर जिले की सीमा से सुरक्षित निकल जायें। ट्रक चालकों व मालिकों का ऐसा सोचना एवं ऐसा करना निश्चित पुलिस के लिये तो करारा तमाचा है ही बल्कि पूरे देश में इस कारण सीहोर की छवि भी धूमिल हो रही है।
घटनाओं का सिलसिला
प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत 10 दिनों में 23 जून को सोंडा के पास अज्ञात लुटेरे जो एक बुलेरो में सवार होकर आये थे तथा लोहे से भरे सरियों का ट्रक को लूट कर ले गये थे तथा चालक व परिचालक को बंधक बनाकर दूर सिवनी मालवा के जंगल में ले जाकर छोड़ आये थे।
मामला यही नहीं थमा 25 जून को मार्डन डेरी के पास अज्ञात चोर ट्रक में चढ़े तथा दो गठान साड़ियों की उतार ले गये। उक्त घटना रात की होती तो सामान्य रुप में ले ली जाती है लेकि न यह घटना दोपहर 2.30 बजे की है तथा उस स्थान पर घटी है जहाँ पूरे दिन चहल-पहल रहती है।
इसके बाद पुन: 28 जून को सुबह एक और ट्रक की त्रिपाल काटकर जावर थाना अन्तर्गत डोडी ग्राम के पास 7 कार्टून परचून के ट्रक से उतार लिये गये। जिसकी शिकायत जावर थाना में हुई।
इसके बाद फिर अगले ही दिन 29 जून को दिन दहाड़े 2.30 बजे डोडी जोड़ के पास ट्रक की त्रिपाल काटकर दो कार्टून चोर उतार ले गये।
कल फिर अज्ञात चोरों ने दरखेड़ा पुलिया के पास एक ट्रक की त्रिपाल दिन में 12.30 बजे काटकर लगभग 8-10 कार्टून चप्पल एवं दवाओं के उतारकर ले गये।
यह घटनाएं तो ऐसी हैं जो थाने तक पहुंच गई लेकिन इसी प्रकार की और भी कई घटनाएं घटी हैं जो कि न्ही कारणों से थाने नहीं पहुँच पाई। ऐसा नहीं है कि आष्टा और जावर क्षेत्र में केवल ट्रक कटिंग ही हो रही है। पिछले माह आष्टा व जावर व सिध्दिकगंज क्षेत्र में 3 अलग-अलग स्थानों पर जो हत्याएं हुईं लगभग 1 माह बीतने के बाद भी इन तीनों हत्याओं के हत्यारों तक अभी तक नहीं पहुँच पाई है। इसमें 18-19 जून की रात्रि में दशहरा मैदान आष्टा में घर की छत पर सो रही 80 वर्षीय वृध्द महिला के पैर काटकर हत्यारे हत्या कर चले गये।
23 जून को कुर्लीखुर्द ग्राम में 13 वर्ष के बालक राकेश प्रजापति की लाश जंगल में मिली जिसके हत्यारे भी दूर हैं। दो हत्याओं का पर्दाफाश भी नहीं हुआ था कि 26 जून को जावर थाना अन्तर्गत ग्वाला ग्राम के माखनलाल पाटीदार का शव ग्वाला के जंगल में मिला। इसकी हत्या हुई या मौत स्वभाविक थी पुलिस आज तक कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है।
इतनी बड़ी -बड़ी घटनाएं क्षेत्र में लगातार घटी इसके बाद भी पुलिस विभाग कोई हलचल नहीं होना....? इस बात को दर्शाता है कि पुलिस कितनी गंभीर है ? खबर है कि आज रात्रि में पुलिस अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सीहोर से चलकर आष्टा पहुँचे लगभग 1 घंटे आष्टा रुके वो क्यों आये ? और किस विषय पर 1 घंटे तक आष्टा थाने में एसडीओपी मनु व्यास, टीआई अतीक खान के साथ चर्चारत रहे यह अभी अज्ञात है। सभी घटनाओं एवं भाजपा की बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक के खिलाफ जनआक्रोश देखना है कि आगे क्या रंग लाता है लेकिन मुख्यमंत्री के जिले में इतना कुछ होना और घटना और उसके बाद भी सबकुछ आराम से चलते रहना आश्चर्य के साथ-साथ चर्चा का विषय तो है ही।
साढ़े तीन गांव अब नहीं रहेंगे विधान सभा क्षेत्र में
सीहोर 2 जुलाई (नि.सं.)। बुधनी विधानसभा क्षेत्र में अब नहीं रहेंगे बावई के साढ़े तीन गांव। सीहोर और इछावर विधानसभा क्षेत्रों के दो मतदान केन्द्र हुए अदला बदली। विधानसभा क्षेत्रों के मांक बदले। परिसीमन के परिणाम स्वरूप सीहोर जिले में आया है यह बदलाव।
साढ़े तीन गांव बाहर
विधानसभा क्षैत्र परिसीमन के चलते सीहोर जिले के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में आने वाले बाबई के साढे तीन गांव वापस चले गए हैं। बाबई होशंगाबाद जिले का गांव है जहां के साढे तीन गांवाें के वोटर्स अब तक विधानसभा क्षेत्र बुधनी में मतदान करते रहे थे।
दो मतदान केन्द्रों में बदलाव
परिसीमन के चलते इछावर विधानसभा क्षेत्र के दो मतदान केन्द्र सीहोर और सीहोर विधान सभा क्षेत्र के दो मतदान केन्द्र इछावर में चले गए हैं। इछावर से सीहोर गए मतदान केन्द्रों में इछावर के बिजौरा, छापरीकला, शिवपुरी, अवन्तीपुर और बिजौरी गांव शामिल है। इसी तरह सीहोर से इछावर गए मतदान केन्द्रों में सीहोर के देवली, लोटिया, कपूरी, धनखेड़ी, मुगिसपुर, अब्दुगानगर और शेरपुर गांव शामिल हैं।
विधानसभा क्षेत्र क्रमांक बदले
परिसीमन के परिणाम स्वरूप सीहोर जिले के विधानसभा क्षेत्रों के मांक भी बदल गए हैं। बुधनी विधानसभा क्षेत्र का मांक अब 144 से बदलकर 156 हो गया है वहीं विधान सभा क्षेत्र इछावर 145 के बजाय 158 से जाना जाएगा।
इसी तरह विधानसभा क्षेत्र आष्टा का मांक 146 के स्थान पर 157 और विधानसभा क्षेत्र सीहोर का मांक 147 के स्थान पर 159 हो गया हैं।
कहां कितने वोटर्स
वोटर्स को देखें तो परिसीमन के बाद जिले में कुल 6 लाख 32 हजार 315 वोटर्स हैं। परिसीमन से केवल बुधनी विधानसभा क्षेत्र ही प्रभावित हुआ है जहां से बाबई के साढे तीन गांव वापस हो जाने से वहां के एक हजार 613 मतदाता कम हुए हैं। परिसीमन से पहले जिले में मतदाताओं की संख्या 6 लाख 33 हजार 928 थी। विधानसभा क्षेत्रवार मतदाता इस प्रकार है:-
बुधनी - एक लाख 67 हजार 442
इछावर - एक लाख 41 हजार 354
आष्टा - एक लाख 73 हजार 888
सीहोर - एक लाख 49 हजार 631कुल मतदाता 6 लाख 32 हजार 315
साढ़े तीन गांव बाहर
विधानसभा क्षैत्र परिसीमन के चलते सीहोर जिले के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में आने वाले बाबई के साढे तीन गांव वापस चले गए हैं। बाबई होशंगाबाद जिले का गांव है जहां के साढे तीन गांवाें के वोटर्स अब तक विधानसभा क्षेत्र बुधनी में मतदान करते रहे थे।
दो मतदान केन्द्रों में बदलाव
परिसीमन के चलते इछावर विधानसभा क्षेत्र के दो मतदान केन्द्र सीहोर और सीहोर विधान सभा क्षेत्र के दो मतदान केन्द्र इछावर में चले गए हैं। इछावर से सीहोर गए मतदान केन्द्रों में इछावर के बिजौरा, छापरीकला, शिवपुरी, अवन्तीपुर और बिजौरी गांव शामिल है। इसी तरह सीहोर से इछावर गए मतदान केन्द्रों में सीहोर के देवली, लोटिया, कपूरी, धनखेड़ी, मुगिसपुर, अब्दुगानगर और शेरपुर गांव शामिल हैं।
विधानसभा क्षेत्र क्रमांक बदले
परिसीमन के परिणाम स्वरूप सीहोर जिले के विधानसभा क्षेत्रों के मांक भी बदल गए हैं। बुधनी विधानसभा क्षेत्र का मांक अब 144 से बदलकर 156 हो गया है वहीं विधान सभा क्षेत्र इछावर 145 के बजाय 158 से जाना जाएगा।
इसी तरह विधानसभा क्षेत्र आष्टा का मांक 146 के स्थान पर 157 और विधानसभा क्षेत्र सीहोर का मांक 147 के स्थान पर 159 हो गया हैं।
कहां कितने वोटर्स
वोटर्स को देखें तो परिसीमन के बाद जिले में कुल 6 लाख 32 हजार 315 वोटर्स हैं। परिसीमन से केवल बुधनी विधानसभा क्षेत्र ही प्रभावित हुआ है जहां से बाबई के साढे तीन गांव वापस हो जाने से वहां के एक हजार 613 मतदाता कम हुए हैं। परिसीमन से पहले जिले में मतदाताओं की संख्या 6 लाख 33 हजार 928 थी। विधानसभा क्षेत्रवार मतदाता इस प्रकार है:-
बुधनी - एक लाख 67 हजार 442
इछावर - एक लाख 41 हजार 354
आष्टा - एक लाख 73 हजार 888
सीहोर - एक लाख 49 हजार 631कुल मतदाता 6 लाख 32 हजार 315
राजस्व मामलों में सबक दिया
सीहोर 2 जुलाई (नि.सं.)। कलेक्टर डी.पी.आहूजा की राजस्व मामलों में गहरी समझ का लाभ आज राजस्व अधिकारियों को उस समय मिला जब उन्होने अनेक मामलों को लेकर अधिकारियों से प्रश्न किए और जवाब चाहा। कलेक्टर श्री आहूजा ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिले के राजस्व अधिकारियों की बैठक ली जिसमें यह तथ्य साफतौर पर उजागर हुआ कि उन्हें राजस्व मामलों में गहरी समझ है।
अवैध कालोनियों पर नजर
श्री आहूजा ने अवैध कॉलोनी के मुद्दों पर राजस्व अधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा कि वे नगरीय क्षेत्र की अवैध कॉलोनियों पर नियंत्रण रखें। उन्होने कहा कि इसके तहत छोटे भू-खंडो का नामांतरण नहीं होगा। कॉलोनाइजर्स की कॉलोनी का डायवर्सन तभी होगा जब वे टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग से अनुमोदित ले ऑउट पेश करेंगे और विकास कार्य निर्धारित माप दण्डों के मुताबिक पूरा होगा।
शामलात खाते की भूमि नहीं बिकेगी
शामलात खाते की भूमि के विय पर कलेक्टर ने कहा कि शामलात खाते की जमीन तभी विय होगी जब पहले उसका बंटवारा कराया जायगा। उन्होंने बताया कि बिना बंटवारे के भूमि विय से विवाद की स्थिति निर्मित होती है। विय से पूर्व बंटवारा हो जाने पर खरीददार और विक्रेता दोनों को यह जाहिर हो सकेगा कि सौदा किस भूमि का हुआ है। गौरतलब है कि राजस्व न्यायालयों में अनेक मामले ऐसे आते रहे हैं जब बिना बंटवारा किए भूमि बेची गई और कब्जे को लेकर विवाद के हालात बने।
हाथ से नकल पर नाराजी
कलेक्टर डी.पी.आहूजा ने हाथ से नकल किए जाने की स्थिति पर खासी नाराजी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सभी तहसीलों में कम्प्यूटर और कम्प्यूटर ऑपरेटर दिए जाने के वावजूद हाथ से नकल दिया जाना कतई ठीक नहीं माना जाएगा। नकल हर सूरत में कम्प्यूटराइज्ड ही दी जाएगी। उन्होंने ताकीद की कि तहसील के कम्प्यूटर में रखे रिकार्ड को अपडेट कराया जाए जिसकी एक प्रति जिला स्तर पर भी रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि हॉलाकि यह कार्य काफी मशक्कत भरा है पर इसे पूरा करना ही होगा।
पटवारी सीधे कब्जा दर्ज नहीं करेगा
कलेक्टर श्री आहूजा ने कहा कि कोई भी पटवारी खसरे में कब्जा सीधे दर्ज नहीं करेगा। कब्जा दर्ज करने के पूर्व पटवारी को समक्ष अधिकारी की अनुमति लेना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि बिना अनुमति किए कब्जा दर्ज होता है तो संबंधित के खिलाफ कठोरता से पेश आया जाएगा वहीं ऐसे दर्ज कब्जे निरस्त कर बेदखली आदेश जारी होंगे और कब्जा हटा दिया जाएगा।
कलेक्टर ने जाति प्रमाण - पत्र देने की प्रक्रिया को सरलीकृत करने की ताकीद करते हुए कहा कि जाति प्रमाण पत्र के लिए छात्र अपना आवेदन संस्था प्राचार्य को प्रस्तुत करेंगे और संस्था के प्राचार्य की जिम्मेदारी होगी कि वह संबंधित छात्रों के प्रमाण - पत्र बनवाएं। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से उन्हें तहसील के चक्कर नहीं लगाने पडेगें और अध्ययन के लिए समय की बचत भी होगी। उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि वे इस सिलसिले में संस्था प्राचार्यो की बैठक कर एक सुनियोजित प्रक्रिया निर्धारित करें। उन्होंने लेमिनेटेड प्रमाण पत्र देने की हिदायत देते हुए कहा कि इसके लिए आदिमजाति कल्याण विभाग से राशि एस.डी.एम को दिलाई जाएगी जिससे प्रमाण पत्रों को लेमिनेट कराया जायगा।
बैठक में वसूली कार्य की समीक्षा के दौरान उन्होंने लीड बैंक ऑफीसर को निर्देश दिए कि वे ब्रिस्क प्रोत्साहन राशि तीन दिन के भीतर उपलब्ध कराएं जिससे वसूली में बेहतर कार्य करने वाले राजस्व अधिकारियों को यह राशि प्रदान की जा सके।बैठक में एडीएम श्रीमती भावना बालिम्बे, संयुक्त कलेक्टर चन्द्रशेखर बालिम्बे, एसडीएम सीहोर चन्द्रमोहन मिश्रा, एसडीएम इछावर तूफानसिंह अहिरवार, एसडीएम आष्टा श्रीमती जी.व्ही.रश्मि, एसडीएम नसरूगागंज आर.आर. चौधरी, तह. सीहोर राजेश शाही, आष्टा तह. बिहारी सिंह, तह. बुधनी दिनेश तोमर, तहसीलदार इछावर ए.के. बडकुर मौजूद थे।
अवैध कालोनियों पर नजर
श्री आहूजा ने अवैध कॉलोनी के मुद्दों पर राजस्व अधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा कि वे नगरीय क्षेत्र की अवैध कॉलोनियों पर नियंत्रण रखें। उन्होने कहा कि इसके तहत छोटे भू-खंडो का नामांतरण नहीं होगा। कॉलोनाइजर्स की कॉलोनी का डायवर्सन तभी होगा जब वे टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग से अनुमोदित ले ऑउट पेश करेंगे और विकास कार्य निर्धारित माप दण्डों के मुताबिक पूरा होगा।
शामलात खाते की भूमि नहीं बिकेगी
शामलात खाते की भूमि के विय पर कलेक्टर ने कहा कि शामलात खाते की जमीन तभी विय होगी जब पहले उसका बंटवारा कराया जायगा। उन्होंने बताया कि बिना बंटवारे के भूमि विय से विवाद की स्थिति निर्मित होती है। विय से पूर्व बंटवारा हो जाने पर खरीददार और विक्रेता दोनों को यह जाहिर हो सकेगा कि सौदा किस भूमि का हुआ है। गौरतलब है कि राजस्व न्यायालयों में अनेक मामले ऐसे आते रहे हैं जब बिना बंटवारा किए भूमि बेची गई और कब्जे को लेकर विवाद के हालात बने।
हाथ से नकल पर नाराजी
कलेक्टर डी.पी.आहूजा ने हाथ से नकल किए जाने की स्थिति पर खासी नाराजी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सभी तहसीलों में कम्प्यूटर और कम्प्यूटर ऑपरेटर दिए जाने के वावजूद हाथ से नकल दिया जाना कतई ठीक नहीं माना जाएगा। नकल हर सूरत में कम्प्यूटराइज्ड ही दी जाएगी। उन्होंने ताकीद की कि तहसील के कम्प्यूटर में रखे रिकार्ड को अपडेट कराया जाए जिसकी एक प्रति जिला स्तर पर भी रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि हॉलाकि यह कार्य काफी मशक्कत भरा है पर इसे पूरा करना ही होगा।
पटवारी सीधे कब्जा दर्ज नहीं करेगा
कलेक्टर श्री आहूजा ने कहा कि कोई भी पटवारी खसरे में कब्जा सीधे दर्ज नहीं करेगा। कब्जा दर्ज करने के पूर्व पटवारी को समक्ष अधिकारी की अनुमति लेना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि बिना अनुमति किए कब्जा दर्ज होता है तो संबंधित के खिलाफ कठोरता से पेश आया जाएगा वहीं ऐसे दर्ज कब्जे निरस्त कर बेदखली आदेश जारी होंगे और कब्जा हटा दिया जाएगा।
कलेक्टर ने जाति प्रमाण - पत्र देने की प्रक्रिया को सरलीकृत करने की ताकीद करते हुए कहा कि जाति प्रमाण पत्र के लिए छात्र अपना आवेदन संस्था प्राचार्य को प्रस्तुत करेंगे और संस्था के प्राचार्य की जिम्मेदारी होगी कि वह संबंधित छात्रों के प्रमाण - पत्र बनवाएं। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से उन्हें तहसील के चक्कर नहीं लगाने पडेगें और अध्ययन के लिए समय की बचत भी होगी। उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि वे इस सिलसिले में संस्था प्राचार्यो की बैठक कर एक सुनियोजित प्रक्रिया निर्धारित करें। उन्होंने लेमिनेटेड प्रमाण पत्र देने की हिदायत देते हुए कहा कि इसके लिए आदिमजाति कल्याण विभाग से राशि एस.डी.एम को दिलाई जाएगी जिससे प्रमाण पत्रों को लेमिनेट कराया जायगा।
बैठक में वसूली कार्य की समीक्षा के दौरान उन्होंने लीड बैंक ऑफीसर को निर्देश दिए कि वे ब्रिस्क प्रोत्साहन राशि तीन दिन के भीतर उपलब्ध कराएं जिससे वसूली में बेहतर कार्य करने वाले राजस्व अधिकारियों को यह राशि प्रदान की जा सके।बैठक में एडीएम श्रीमती भावना बालिम्बे, संयुक्त कलेक्टर चन्द्रशेखर बालिम्बे, एसडीएम सीहोर चन्द्रमोहन मिश्रा, एसडीएम इछावर तूफानसिंह अहिरवार, एसडीएम आष्टा श्रीमती जी.व्ही.रश्मि, एसडीएम नसरूगागंज आर.आर. चौधरी, तह. सीहोर राजेश शाही, आष्टा तह. बिहारी सिंह, तह. बुधनी दिनेश तोमर, तहसीलदार इछावर ए.के. बडकुर मौजूद थे।
जूते में बैठे बिच्छु ने डंक मारा बालक की मौत
आष्टा 2 जुलाई (नि.प्र.)। जूते में आराम से बैठे एक बिच्छु ने बालक को ऐसा डंक मारा की उसकी मृत्यु ही हो गई। जावर थाने के अन्तर्गत आने वाले ग्राम मूंदीखेड़ी निवासी होजलाल पारदी के 12 वर्ष के पुत्र कमलेश ने अपने जूते में जैसे ही पहनने के लिये पैर डाला की जूते के अंदर आराम से बैठे बिच्छु ने डंक मार दिया।
परिवार वाले तत्काल उसे पहले प्रायवेट में बाद में सरकारी अस्पताल ले गये जहाँ चिकि त्सकों ने उसे मृत घोषित किया। सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है।
परिवार वाले तत्काल उसे पहले प्रायवेट में बाद में सरकारी अस्पताल ले गये जहाँ चिकि त्सकों ने उसे मृत घोषित किया। सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है।
आत्माराम राठौर पोस्टमेन का सेवानिवृत्ति विदाई समारोह सम्पन्न
सीहोर 2 जुलाई (नि.सं.)। आत्माराम राठौर पोस्टमेन की सेवानिवृत्ति के अवसर पर विदाई समारोह का आयोजन मुख्य डाकघर सीहोर में के.बी.बुंदेला की अध्यक्षता एवं पी.के.श्रीवास्तव अधीक्षक डाकघर के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम में कर्मचारी संगठन के वर्ग-3 के सचिव सुभाष जोशी, दीपक राठौर, प्रांतीय सहसचिव सतीश गुप्ता, पोस्टमेन वर्ग के सचिव जी.पी.विश्वकर्मा, ईडी वर्ग के सचिव हेम सिंह पंवार के साथ कार्यालय के कर्मचारियों ने श्री राठौर को फूलमालाओं से सम्मानित किया साथ ही डाकघर एवं कर्मचारी संगठन की और से स्मृति भेंट की। इस अवसर पर सुभाष जोशी एवं पोस्टमेन सुरेश विश्वकर्मा ने विदाई की कविता का पाठ किया। सभी कर्मचारियों ने विदाई अवसर पर बोलते हुए श्री राठौर को कर्तव्य निष्ठ एवं संगठन के प्रति जिम्मेदार बताया व उनके उजवल भविष्य की कामना की। अंत में पोस्टमेन ए.के.शर्मा ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन प्रवीण जोशी ने किया।
कार्यक्रम में कर्मचारी संगठन के वर्ग-3 के सचिव सुभाष जोशी, दीपक राठौर, प्रांतीय सहसचिव सतीश गुप्ता, पोस्टमेन वर्ग के सचिव जी.पी.विश्वकर्मा, ईडी वर्ग के सचिव हेम सिंह पंवार के साथ कार्यालय के कर्मचारियों ने श्री राठौर को फूलमालाओं से सम्मानित किया साथ ही डाकघर एवं कर्मचारी संगठन की और से स्मृति भेंट की। इस अवसर पर सुभाष जोशी एवं पोस्टमेन सुरेश विश्वकर्मा ने विदाई की कविता का पाठ किया। सभी कर्मचारियों ने विदाई अवसर पर बोलते हुए श्री राठौर को कर्तव्य निष्ठ एवं संगठन के प्रति जिम्मेदार बताया व उनके उजवल भविष्य की कामना की। अंत में पोस्टमेन ए.के.शर्मा ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन प्रवीण जोशी ने किया।
मारपीट के आरोपी को एक साल की सश्रम कारावास
सीहोर 2 जुलाई (नि.सं.)। विद्धान विशेष न्यायधीश बालाजी प्रसाद शर्मा ने मारपीट करने के मामलें में विशेष क्रमांक-21-07 में आभयुक्त प्यारेमियां को एस साल की सश्रम कारावास एवं 500 रूपये अर्थदंड का फैसला है।
मामले में अभियोजन की और से पैरवी करते हुये विशेष लोक अभियोजक के.के.शर्मा ने बताया कि जब फरियादी मोटर साइकिल से अपने गांव जा रहा था कि रास्ते में छिपें बैठे आरोपी प्यारेमियां ने पुरानी रंजिश पर से हाकी से हमला कर जगदीश को हाथ पैर व अन्य स्थानों पर हाकियों के वार से गंभीर मारपीट की उसका दाहिनें हाथ फेक्चर हो गया। मामले की रिर्पोट थाना नसरुल्लागंज के अपराधिक क्रमांक 352-06 पर दर्ज किया गया। अनुसंधान पश्चात न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत हुआ। जहां से विचारण के लिये विशेष न्यायालय सीहोर के न्यायालय में प्रस्तुत हुआ। अभियोजन ने अपनी साक्ष्य प्रस्तुत की। बचाव कर्ता को बचाव का अवसर देने के बाद दोनो पक्षी की अंतिम बहस सुनी गई।
विद्धान विशेष न्यायाधीश श्री एल.पी.शर्मा. ने साक्ष्य का सूक्ष्मता से अवलोकन किया, व अंतिम बहस पर विचार करते हुये अभियुक्त प्यारे मियां निवासी नसरूल्लागंज लाड़कुई को धारा 325 भादवि के अपराध को दोषी पाया। एवं धारा-325 भादवि में एस साल की सश्रम कारावास एवं 500रूपये अर्थदंड का फैसला सुनाया। उल्लेखनीय है कि मामले में एक मात्र फरियादी तथा उसका चिकित्सीय साक्ष्य से मामला प्रमाणित होने के आधार पर अभियुक्त को सजा दी गई। अभियुक्त की और से पैरवी श्री के.के . शर्मा विशेष लोक अभियोजक सीहोर ने की है।
मामले में अभियोजन की और से पैरवी करते हुये विशेष लोक अभियोजक के.के.शर्मा ने बताया कि जब फरियादी मोटर साइकिल से अपने गांव जा रहा था कि रास्ते में छिपें बैठे आरोपी प्यारेमियां ने पुरानी रंजिश पर से हाकी से हमला कर जगदीश को हाथ पैर व अन्य स्थानों पर हाकियों के वार से गंभीर मारपीट की उसका दाहिनें हाथ फेक्चर हो गया। मामले की रिर्पोट थाना नसरुल्लागंज के अपराधिक क्रमांक 352-06 पर दर्ज किया गया। अनुसंधान पश्चात न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत हुआ। जहां से विचारण के लिये विशेष न्यायालय सीहोर के न्यायालय में प्रस्तुत हुआ। अभियोजन ने अपनी साक्ष्य प्रस्तुत की। बचाव कर्ता को बचाव का अवसर देने के बाद दोनो पक्षी की अंतिम बहस सुनी गई।
विद्धान विशेष न्यायाधीश श्री एल.पी.शर्मा. ने साक्ष्य का सूक्ष्मता से अवलोकन किया, व अंतिम बहस पर विचार करते हुये अभियुक्त प्यारे मियां निवासी नसरूल्लागंज लाड़कुई को धारा 325 भादवि के अपराध को दोषी पाया। एवं धारा-325 भादवि में एस साल की सश्रम कारावास एवं 500रूपये अर्थदंड का फैसला सुनाया। उल्लेखनीय है कि मामले में एक मात्र फरियादी तथा उसका चिकित्सीय साक्ष्य से मामला प्रमाणित होने के आधार पर अभियुक्त को सजा दी गई। अभियुक्त की और से पैरवी श्री के.के . शर्मा विशेष लोक अभियोजक सीहोर ने की है।
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