Sunday, January 6, 2008
सायकल चोरी
इछावर 4 जनवरी (फुरसत)। इछावर में सायकल चौर सक्रिय है। आये दिन लोगो की सायकल चोरी हो रही है । वार्ड क्र मांक एक मे रहने वाले महेश वर्मा की सायकल नयी अस्पताल के पास से चोर उठा ले गये बढ़ती चौरियों की घटनाओं से इछावर के लोगा भयभीत है।
ऐसे बचेगी इल्लियों से चना फसल
सीहोर 4 जनवरी (फुरसत)। कृषि विभाग ने किसानों को सामयिक सलाह देते हुए चना फसल को इल्लियों से बचाने के उपाय बताये गये हैं। उप संचालक कृषि एन.एस.रघु ने किसानों से अपील की है कि वे विभाग द्वारा बताये जा रहे उपायों को अपनाकर अपनी चना फसल को इल्लियों से बचाएं जिससे फसल का पूरा उत्पादन प्राप्त किया जा सके।
खेत में टी आकार की खूंटिया गाडें- कृषि विभाग द्वारा किसानों से कहा गया है कि वे चना फसल में फल आने से पहले ही खेत में करीब दो फीट लम्बी दो तीन शाखाआें वाली टी के आकार की लकड़ियां 40 से 50 खूंटी प्रति हेक्टेयर के मान से गाड़ दें। विभाग का कहना है कि ऐसा करने पर पक्षियों को खेत में बैठने की सुविधा मिलेगी और वे इल्लियों को खा जायेंगे। दाने भर जाने पर खूटियां हटाई जा सकती हैं।
नीम के बीजों का सत- किसानों को सलाह दी गई है कि चना फसल में पचास फीसदी फूल आ जाने की दशा में यदि प्रति मीटर दो या दो से अधिक इल्ली दिखाईदें तो पहला छिड़काव नीम बीजों के सत का किया जाना चाहिऐ। इस विधि में 25 कलिो निबोली प्रति हेक्टेयर लगेगी।
नीम बीज का विकल्प- नीम बीज उपलब्ध नहीं होने पर एनपीबी विषाणु की 250 इल्ली समतुल्य या बेसिलस थुरिन्जियेन्सिस का एक किलो प्रति हेक्टेयर के मान से छिड़काव किया जा सकता है।
छोटी इल्ली को मारना - चना फसल में छोटी इल्लियों को नष्ट करने के लिये चूर्ण या पावडर के रुप में मिलने वाली कीट नाशी मिथाइल पेराथियान दो प्रतिशत या क्वानीलफास 1.5 प्रतिशत या क्लोरपायरीफास 1.5 प्रतिशत चूर्ण 20 से 25 किलो प्रति हेक्टेयर भुकरवा किया जाये। कृषि विभाग ने ताकीद की है कि नंगे हाथों या पोटली से भुरकाव नहीं करना चाहिऐ।
अन्य कीटनाशी- चना फसल की छोटी या मध्यम आकार की इल्ली से बचाने के लिये इण्डोसल्फान 35 ईसी या क्वीनालफास 25 ईसी एक लीटर या लेम्बड़ा साहेलोर्थिन का 500 मिली या बीटासायफलथ्रिन का 750 मिली प्रति हेक्टेयर के मान से छिड़काव कारगार है।
बड़ी इल्ली से बचाव - चना फसल को बड़ी इल्लियों से बचाने के लिये इण्डाक्साकार्व 14.5 एसएल का 500 मिली. या एमामेक्टिन बेजोएट 5 एसजी का 225 ग्राम प्रति हेक्टेयर के मान से छिड़काव करना चाहिऐ।
खेत में टी आकार की खूंटिया गाडें- कृषि विभाग द्वारा किसानों से कहा गया है कि वे चना फसल में फल आने से पहले ही खेत में करीब दो फीट लम्बी दो तीन शाखाआें वाली टी के आकार की लकड़ियां 40 से 50 खूंटी प्रति हेक्टेयर के मान से गाड़ दें। विभाग का कहना है कि ऐसा करने पर पक्षियों को खेत में बैठने की सुविधा मिलेगी और वे इल्लियों को खा जायेंगे। दाने भर जाने पर खूटियां हटाई जा सकती हैं।
नीम के बीजों का सत- किसानों को सलाह दी गई है कि चना फसल में पचास फीसदी फूल आ जाने की दशा में यदि प्रति मीटर दो या दो से अधिक इल्ली दिखाईदें तो पहला छिड़काव नीम बीजों के सत का किया जाना चाहिऐ। इस विधि में 25 कलिो निबोली प्रति हेक्टेयर लगेगी।
नीम बीज का विकल्प- नीम बीज उपलब्ध नहीं होने पर एनपीबी विषाणु की 250 इल्ली समतुल्य या बेसिलस थुरिन्जियेन्सिस का एक किलो प्रति हेक्टेयर के मान से छिड़काव किया जा सकता है।
छोटी इल्ली को मारना - चना फसल में छोटी इल्लियों को नष्ट करने के लिये चूर्ण या पावडर के रुप में मिलने वाली कीट नाशी मिथाइल पेराथियान दो प्रतिशत या क्वानीलफास 1.5 प्रतिशत या क्लोरपायरीफास 1.5 प्रतिशत चूर्ण 20 से 25 किलो प्रति हेक्टेयर भुकरवा किया जाये। कृषि विभाग ने ताकीद की है कि नंगे हाथों या पोटली से भुरकाव नहीं करना चाहिऐ।
अन्य कीटनाशी- चना फसल की छोटी या मध्यम आकार की इल्ली से बचाने के लिये इण्डोसल्फान 35 ईसी या क्वीनालफास 25 ईसी एक लीटर या लेम्बड़ा साहेलोर्थिन का 500 मिली या बीटासायफलथ्रिन का 750 मिली प्रति हेक्टेयर के मान से छिड़काव कारगार है।
बड़ी इल्ली से बचाव - चना फसल को बड़ी इल्लियों से बचाने के लिये इण्डाक्साकार्व 14.5 एसएल का 500 मिली. या एमामेक्टिन बेजोएट 5 एसजी का 225 ग्राम प्रति हेक्टेयर के मान से छिड़काव करना चाहिऐ।
सिपाही की ईमानदारी
सीहोर 4 जनवरी (फुरसत)। गत दिवस जिला सहकारी केन्द्रीय बैक में वरिष्ठ आरक्षक भेरूसिंह नं. 194 जब अपने खाते से पैसा निकालने पहुंचे तो उन्हें बैक के दरवाजे पर ही 20-20 रूपये के दस नोट पडे मिले जो उन्होंने उठाकर वहां खड़े लोगो से पूछा की क्या यह रूपये उनके है ।
जब किसी ने उन नोटो पर अपनी दावेदारी नही कि तो उन्होंने वे समस्त रूपये जो लगभग 200 होंगे बैक मेनेजर के पास इस अपेक्षा के साथ की यह जिसके हो उन्हे लौटा दे जमा करा दिए । पुलिस आरक्षक की ईमानदारी की बैंक कर्मियों और वहां उपस्थित बैंक ग्राहकों ने भूरी-भूरी प्रशंसा की । आरक्षक ने कहा कि बैंक में जिस किसी भी व्यक्ति के रुपये गिरे हों वो बैंक मेनेजर से मिलकर वह प्राप्त कर सकता है।
जब किसी ने उन नोटो पर अपनी दावेदारी नही कि तो उन्होंने वे समस्त रूपये जो लगभग 200 होंगे बैक मेनेजर के पास इस अपेक्षा के साथ की यह जिसके हो उन्हे लौटा दे जमा करा दिए । पुलिस आरक्षक की ईमानदारी की बैंक कर्मियों और वहां उपस्थित बैंक ग्राहकों ने भूरी-भूरी प्रशंसा की । आरक्षक ने कहा कि बैंक में जिस किसी भी व्यक्ति के रुपये गिरे हों वो बैंक मेनेजर से मिलकर वह प्राप्त कर सकता है।
स्टेट बैंक कर्मचारी के खिलाफ लाखों के घपले का प्रकरण दर्ज
आष्टा 4 जनवरी (फुरसत)। भारतीय स्टेट बैंक जावर ने पदस्थ एक सीनियर असिस्टेंट द्वारा ग्राहकों से रकम लेकर खातों में जमा न कर लाखों रुपये का गबन करने पर जावर पुलिस ने आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कानूनी कार्यवाही प्रारंभ कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक जावर राजेश पुत्र रामदेव राव द्वारा जावर पुलिस को इस आशय की शिक ायत की गई कि उनकी शाखा के बकायादारों की उन पर बकाया राशि चुकता करने हेतु सूचना पत्र जारी हुए थे जिन पर दिनाँक 16 अगस्त 07 को उनकी शाखा में ग्राम जोलाई अजय सिंह आये और उनके द्वारा जानकारी दी गई कि उनहे जो ऋण की बकाया राशि जमा करने हेतु जो सूचना पर दिया गया है उनके द्वारा 40 हजार रुपये की राशि श्री शिवनानी जो कि सीनियर असिस्टेंट के पद पर हैं जिनकी इंट्री उनकी पास बुक में की गई है तब हमारे द्वारा अजय सिंह का ऋण खाता देखा गया उसके 40 हजार की राशि जमा होना नहीं पाई गई तत्पश्चात 20 अगस्त 07 को ग्राम ग्वाली के शंकरलाल द्वारा आकर बताया गया कि उनके 60 हजार शिवनारायण द्वारा 73 हजार, पूरन सिंह निवासी टोलका द्वारा 50 हजार कमल सिंह करमनखेड़ी के 58 हजार, आकर शिवनानी के पास जमा कराये गये थे जिन्हे सिवनानी किसी को काउंटर स्लिप, किसी को पासबुक में इंट्री व किसी को रसीद दी थी यह जानकारी होने पर शाखा द्वारा सभी खातेदारों की खातें देखे गये जिनमें राशि जमा होना नहीं पाई गई। 21 अगस्त को रामसिंह निवासी जावर द्वारा 75 हजार राम सिंह निवासी जोलाई द्वारा 70 हजार, लखन सिंह निवासी अमरपुर 10 हजार रुपये बैंक जाकर शिवनानी के मार्फत बैंक में जमा करने की जानकारी दी गई किंतु खाता देखने पर उक्त रकम इनके खातों में जमा होना नहीं पाया गया इसके पश्चात ललगातार विभिन्न दिनाँक मांगीलाल 61 हजार, उदय सिंह 49 हजार, मूलचंद जैन 20 हजार, रमेश 4 लाख 85 हजार, मोहनलाल 2 लाख, जयंत बिलोरे 55 हजार, छीताबई 502 हजार 3 सौ, पूरन सिंह 19 हजार, महाराज सिंह 51 हजार 2 सौ एवं अन्य ्रगामीणों द्वारा अपनी ऋण की राशि हसन दास शिवनानी के माध्यम से बैंक में जमा की गई जिनके द्वारा ग्राहकों से रकम लेकर किसी को पावती दी गई।
किसी को पास बुक में इंट्री की गई किनतु उनके खातों में प्रापत रकम जमा नहीं की गई और इस प्रकार हसनदास शिवनानी ने 31 लाख 72 हजार 383 रुपये का गबन किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक जावर राजेश पुत्र रामदेव राव द्वारा जावर पुलिस को इस आशय की शिक ायत की गई कि उनकी शाखा के बकायादारों की उन पर बकाया राशि चुकता करने हेतु सूचना पत्र जारी हुए थे जिन पर दिनाँक 16 अगस्त 07 को उनकी शाखा में ग्राम जोलाई अजय सिंह आये और उनके द्वारा जानकारी दी गई कि उनहे जो ऋण की बकाया राशि जमा करने हेतु जो सूचना पर दिया गया है उनके द्वारा 40 हजार रुपये की राशि श्री शिवनानी जो कि सीनियर असिस्टेंट के पद पर हैं जिनकी इंट्री उनकी पास बुक में की गई है तब हमारे द्वारा अजय सिंह का ऋण खाता देखा गया उसके 40 हजार की राशि जमा होना नहीं पाई गई तत्पश्चात 20 अगस्त 07 को ग्राम ग्वाली के शंकरलाल द्वारा आकर बताया गया कि उनके 60 हजार शिवनारायण द्वारा 73 हजार, पूरन सिंह निवासी टोलका द्वारा 50 हजार कमल सिंह करमनखेड़ी के 58 हजार, आकर शिवनानी के पास जमा कराये गये थे जिन्हे सिवनानी किसी को काउंटर स्लिप, किसी को पासबुक में इंट्री व किसी को रसीद दी थी यह जानकारी होने पर शाखा द्वारा सभी खातेदारों की खातें देखे गये जिनमें राशि जमा होना नहीं पाई गई। 21 अगस्त को रामसिंह निवासी जावर द्वारा 75 हजार राम सिंह निवासी जोलाई द्वारा 70 हजार, लखन सिंह निवासी अमरपुर 10 हजार रुपये बैंक जाकर शिवनानी के मार्फत बैंक में जमा करने की जानकारी दी गई किंतु खाता देखने पर उक्त रकम इनके खातों में जमा होना नहीं पाया गया इसके पश्चात ललगातार विभिन्न दिनाँक मांगीलाल 61 हजार, उदय सिंह 49 हजार, मूलचंद जैन 20 हजार, रमेश 4 लाख 85 हजार, मोहनलाल 2 लाख, जयंत बिलोरे 55 हजार, छीताबई 502 हजार 3 सौ, पूरन सिंह 19 हजार, महाराज सिंह 51 हजार 2 सौ एवं अन्य ्रगामीणों द्वारा अपनी ऋण की राशि हसन दास शिवनानी के माध्यम से बैंक में जमा की गई जिनके द्वारा ग्राहकों से रकम लेकर किसी को पावती दी गई।
किसी को पास बुक में इंट्री की गई किनतु उनके खातों में प्रापत रकम जमा नहीं की गई और इस प्रकार हसनदास शिवनानी ने 31 लाख 72 हजार 383 रुपये का गबन किया है।
चैक अनादरण के आरोपी को दो वर्ष का सश्रम कारावास
आष्टा 4 जनवरी (फुरसत)। फरियादी अखिल जैन पुत्र दिलीप कुमार जैन निवासी आष्टा ने आरोपी मनोहर सिंह पुत्र धन सिंह सैंधव निवासी ग्राम खेखाखेड़ी आष्टा को उसकी व्यक्तिगत आवश्यकता के लिये 21 मार्च 07 को एक लाख रुपया नगद उधार दिया था जिसके संबंध में उसने वचन पत्र सम्पादित किया था व उक्त राशि की अदायगी के दायित्व में आरोपी मनोहर सिंह ने अखिल जैन को चैक क्रमांक 004881 जो 21 मई 07 रुपया एक लाख का अपने खाता जिला सहकारी केन्द्रिय बैंक आष्टा का दिया था। उक्त चैक का नगदीकरण कराने के लिये फरियादी ने भारतीय स्टेट बैंक में अपने खाते में 21 मई 07 को जमा कराया। अभियुक्त के बैंक खाते में अपर्याप्त निधि होने से उसकी बैंक ने चैक अनादृत कर अपने बैंक ज्ञापन सहित वापस कर दिया। उक्त चैक अनादृत प्राप्त होने पर अभियोगी अखिल जैन ने अपने अधिवक्ता नगीन जैन के माध्यम से उक्त राशि की मांग करते हुए विधि अनुसार रजिस्टर्ड डाक व यूपीसी डाक से मांग सूचना पत्र प्रेशित कराया जो ाअभियुक्त को प्राप्त होने पर भी उसने राशि का भुगतान नहीं किया और न ही कोई उत्तर दिया। इसके पश्वात नियत अवधि में अखिल जैन ने आरोपी के विरुध्द उक्त परिवाद पत्र न्यायायिक दण्डाधिकारी महोदय प्र.श्रे.आष्टब सुधारी चौधरी साहब के न्यायालय मे पेश किया। जो आर.टी.नम्बर 43307 पद दर्ज किया गया। फरियादी के साक्ष्य अंकित करने के पश्चात आरोपी के विरुध्द धारा 138 पराक्राम्य लिखत अधिनियम का आरोप न्यायालय द्वारा विरचित किया गया तत्पश्चात अभियोगी की साक्ष्य अंकित की गई। अभियुक्त ने उक्त चैक जारी करना अस्वीकार किया व एक रसीद इस आशय की प्रस्तुत की कि फरियादी के पिता से लेन- देन था व उन्हे 20 हजार रुपया वर्ष 2002 के देना थे। फरियादी का आरोपी से उनका कोई संव्यवहार नहीं हुआ। उक्त बचाव दस्तावेजी साक्ष्य आदि से मेल न खाने के कारण संदेह से परे बचाव सिध्द न मानते हुए फरियादी अधिवक्ता का तर्क सुनकर उनके तर्क से सहमत होते हुए न्यायालय ने अपने निर्णय में यह सिध्द पाया कि आरोपी ने अखिल जैन से एक लाख रुपया उधार लिया था व जिसकी अदायगी में चैक जारी किया है जिसका भुगतान उसने नोटिस उपरांत भी नहीं किया जो धारा 138 पराक्राम्य लिखत अधिनियम के अन्तर्गत अपराध होने से व उक्त अपराध पूर्ण रुप से सिध्द पाकर उक्त अपराध के लिये आज 4 जनवरी 08 को आरोपी मनोहर सिंह को दो वर्ष के सश्रम कारावास एवं 15 सौ रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया तथा अर्थदण्ड में से 1 हजार रुपये की राशि फरियादी को प्रतिकर के रुप में दिलाये जाने के आदेश भी पारित किये गये। फरियादी की और से नगीन जैन एडवोकेट एवं नरेन्द्र धाकड़ एडवोकेट द्वारा पैरवी की गई।
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