Wednesday, July 9, 2008
नागरिक बैंक चुनाव : आरक्षण ने बिगाड़े सारे गणित, विशेष संचालक दिखायेंगे अपना खेल
सीहोर नागरिक सहकारी बैंक के संचालक मण्डल का चुनाव नगर का एक प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव है। इसलिये इसको लेकर खासा उत्साह रहता है। विगत दिवस बैंक की मतदाता सूची का प्रकाशन हो चुका है। बैंक के कुल 4 हजार 264 सदस्यों में 1776 ही ऋणी है इसलिये 1 हजार 776 मतदाता ही इस बार के चुनाव में अपना मतदान करेंगे। सीहोर नागरिक सहकारी बैंक के समस्त 100 प्रतिशत मतदाता सीहोर नगरीय क्षेत्र के ही हैं। मतदाताओं की व्यवस्थित नाम पते सहित सूची तैयार है जिसे बैंक से 200 रुपये देकर प्राप्त किया जा सकता है लेकिन सूची बैंक कार्यालयीन समय में ही उपलब्ध है। 4 बजे तक इसे लिया जा सकता है।
इस बार 12 संचालकों के चुनाव होने हैं लेकिन इस बार मामला बिल्कुल नये ढंग से सामने आया है। जहाँ 7 सामान्य वर्ग के वहीं 1 अनुसूचित जनजाति, 1 अनुसूचित जाति, 1 पिछड़ा वर्ग का रहेगा। लेकिन इसके अलावा 2 अन्य संचालक ऐसे भी इस बार रखे गये हैं जो चार्टड एकाउंटेंट हों अथवा किसी बैंक के प्रमुख प्रबंधक के पद पर काम किये हुए हों ऐसे संचालकों के लिये 2 पद आरक्षित हैं। इन 12 संचालकों में से ही 2 पद महिला आरक्षण के लिये रखे गये हैं।
कौन-सी सीट पर महिला आरक्षण
इस बार अनुसूचित जाति वर्ग के लिये आरक्षित तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये आरक्षित एक सीट पर महिला वर्ग का आरक्षण हो गया है। इन दोनो ही वर्ग पर अब सिर्फ महिला उम्मीद्वार ही लड़ सकेंगी।
यह दिन है महत्वपूर्ण
नागरिक बैंक के चुनाव के लिये 15 जुलाई का दिन महत्वपूर्ण है। इसी दिन संचालक पद के उम्मीद्वारों के आवेदन लिये जायेंगे। 15 जुलाई को 12 बजे से 4 बजे के बीच 4 घंटे में श्रीराम धर्मशाला सीहोर में इसका कार्य होगा जिसके लिये प्राधिकृत अधिकारी एन.पी. सावनेर रहेंगे। सिर्फ एक दिन ही आवेदन लिये जायेंगे। अगले दिन 16 जुलाई को 12 बजे से आवेदन पत्रों की जांच पुष्टि और फिर प्रकाश किया जायेगा। अगले 17 जुलाई को आवेदन वापसी के लिये रखा गया है। जिसके लिये 11 बजे से 1 बजे तक समय रहेगा। इसके बाद अंतिम उम्मीदवारों की सूची जारी हो जायेगी।
27 को होगा चुनाव मतदान
27 जुलाई को प्रात: 8 बजे से दोपहर पश्चात 4 बजे तक चुनाव होंगे जिसमें सभी 1 हजार 776 मतदाताओं को मतदान करने की पात्रता रहेगी। इस दिन दिनभर संचालक अपने-अपने पक्ष में मतदान कराने के लिये मतदाताओं को छांट-छांट कर लायेंगे। इसी दिन सायं मतगणना भी हो जायेगी।
नागरिक सहकारी बैंक के चुनावों को लेकर राजनीति सरगर्मियाँ भी शुरु हो गई हैं। पूर्व अध्यक्ष रह चुके और बैंक के संस्थापक सदस्यों में से एक प्रकाश व्यास काका ने इस बार अपनी पैनल उतारने का मन बना लिया है। काका ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, काका पैनल उतारने की बात स्पष्ट रुप से स्वीकार कर रहे हैं । काका का नाम सामने आ जाने से यूँ तो मामला एक तरफा नजर आ रहा है लेकिन पिछले चुनावों का भी यदि स्मरण किया जाये तो स्थिति काफी विकट भी हो सकती है। पिछले बार के चुनाव में जिन धुरंधरों ने अपना कमाल दिखाया था वह भी इस बार चुप नहीं बैठेंगे । इधर नगर भर में हर तीसरा व्यक्ति हर दूसरी व्यक्ति से नागरिक बैंक का चुनाव लड़ने की बात कर रहा है। मतदाताओं में खासा उत्साह है, वह भी चुनाव लड़ने को उत्सुक है। ऐसे में 15 जुलाई को कितने आवेदन भराते हैं यह समय ही बतायेगा। कुछ अन्य लोग भी सीधे पैनल बनाकर उतरने की फिराक में हैं लेकिन इनकी पैनल बन नहीं पा रही है ऐसी सूचनाएं हैं। इस दृष्टि से अभी सिर्फ काका ही पैनल सामने हैं।
भैया आपका आशीर्वाद
मिल जाये तो..........
मजे की बात यह है कि अभी नागरिक बैंक चुनाव की प्रक्रिया और तिथियाँ अभी घोषित ही हुई है लेकिन इसको लेकर लोगों में इतना उत्साह है कि वह अभी से बैंक से जुड़े धुरंधरों और कुछ अधिकारियों तक से आशीर्वाद मांगने पहुँचने लगे हैं। भैया ध्यान रखना आपका आशीर्वाद हो तो चुनाव लडें ज़ैसी बातें यह लोग कर रहे हैं। कुछ लोग ध्यान रखने की बात भी कह रहे हैं जैसे वो बैंक के ठेके दार हों क्योंकि यह तो वक्त ही बतायेगा की चुनाव में क्या होता है।
उल्लेखनीय है कि नागरिक सहकारी बैंक के संचालक मण्डल की पूर्व अध्यक्ष प्रकाश व्यास काका के जमाने से ही यह परम्परा चली आ रही है कि वहाँ कोई संचालक न तो बैठक का भत्ता लेता है और ना ही बैंक से कोई अन्य सुविधा का लाभ लेता है। इस बार तो नियम और भी कड़े हो गये हैं संचालक सहित संचालक के परिजन भी अब बैंक से ऋण नहीं ले सकेंगे। बल्कि जो ऋणी होगा वह संचालक भी नहीं बन पायेगा। कुल मिलाकर ढेर सारे नियमों के साथ इस बार चुनाव हो रहे हैं। फिर भी उत्साह की कोई कमी नहीं है।
सीहोर के लिये यह गर्व की भी बात है कि प्रदेश भर की नागरिक सहकारी बैंकों की वनिस्पत आज सीहोर की बैंक की स्थिति, यहाँ का फर्नीचर काफी अच्छी है। बैंक का नवनिर्माण होने के बाद यहाँ चार चांद लगे हुए हैं। अभी ऊपर की मंजिल पर निर्माण कार्य जारी है जहाँ अध्यक्ष के लिये विशेष केबिन और अन्य मंहगे फर्नीचर का कार्य जारी है।
टक्कर मारने पर डेढ़ साल का कारावास
अभियोजन की और से डीपीओ श्री व्ही.के.सिंघई ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना 11 सितम्बर 2005 को ग्राम सेमरादांगी में एमपी04 एच.7032 वाहन को तेजी उतावले से चलाकर फरियादिया कस्तूरी बाई को टक्कर मारकर उसे गंभीर घायल करने पर मामला थाना कोतवाली पहुँचा। अनुसंधान हुआ न्यायालय में अभियोग पत्र विचारण हेतु पेश हुआ। अभियोजन ने गवाहों को पेश किया। दोनो पक्षों की अंतिम बहस सुनी गई। विद्वान न्यायाधीश श्री जैन ने साक्ष्य का सूक्ष्म अवलोकन किया व धारा 279, 338 भादवि में संतोष को दोषी पाकर सात पृष्ठीय निर्णय सुनाया।
विद्वान न्यायाधीश ने अपने फैसले में लिखा की सावधानी का अपवर्जन करते हुए किया गया कार्य उतावलेपन की कोटी में आयेगा। घटना के संबंध में परिस्थितियाँ स्वयं बोलती हैं का सिध्दांत लागू होता है। अत: धारा 279 में 6 महिने एवं 338 में 1 साल का सश्रम कारावास आरोपी को भुगतना होगा। पैरवी अभियोजन की तरफ से श्री व्ही.के.सिंघई डीपीओ ने की।
चिकित्सालय में व्यवस्थाएं रही ठप्प, स्वास्थ्य कर्मियों की अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरु
वन विकास निगम के उपाध्यक्ष का वाहन दुर्घटनाग्रस्त
आष्टा कांग्रेस में पड़ी फूट, आंदोलन की जारी हुई अलग-अलग विज्ञप्ति
भय भूख और भ्रष्टाचार कांग्रेस की देन
कालू ने कहा कि जम्मू की सरकार ने जो हिन्दुओं के साथ कुठाराघात किया था और अमरनाथ में यात्रियों की जमीन को वापस ले ली थी उसके लिये स्वभाविक है कि भारत का समस्त समाज एक है और भारत की शान के लिये ऐसे प्रदर्शन बारबार किये जायेंगे जो घटना इन्दौर में घटित हुई है उसके पीछे कांग्रेस का साफ हाथ दिख रहा है। कांग्रेस के शासन में 100 से यादा साम्प्रदायिक मामले दर्ज है और उनके समय में सिमी जैसे संगठन ने इन्दौर और बाकी शहरों में अपने पांव पसारे हैं जिन पर सरकार ने कठोर कार्यवाही की जिससे घबराकर उन लोगों ने वहाँ पर उत्पाच मचाया है।
अमरनाथ मुद्दे पर घाटी में उठी चिंगारी ने जम्मू कश्मीर की कांग्रेस समर्थक सरकार को जमीन पर ला दिया है और आने वाले लोग सभा और विधानसभा चुनाव में जनता खुद बता देगी कि केन्द्र में बैठी कांग्रेस सरकार की मंहगाई ने किस प्रकार से गरीबों के मुँह का निवाला छीना है इनके सहयोगी दल ही इनके खिलाफ हो गये हैं। आने वाले चुनावों में म.प्र. सरकार सिर्फ विकास को ही अपना मुद्दा बनायेगी जिसको देखकर कांग्रेसियों की नींद हराम हो गई है और वो इस प्रकार की बातों को लेकर उन्हे मुद्दा बनाकर वोटों की राजनीति कर रहे हैं जिसे प्रदेश की जनता सफल नहीं होने देगी।
थमी वर्षा अच्छी तरह शुरु हुई कि सानों में छाई खुशी
7-8 दिन से बरसात नहीं होने से खेतों में बाल्यकाल अवस्था में खड़ी सोयाबीन की फसल पानी मांगने लगी थी। सभी किसान चिंता मे ंआ गये थे कई ग्रामों में तो किसान इन्द्र देवता को मनाने के लिये हवन, पूजन कथा कराने लगे थे। आज सुबह से जो बरसात शुरु हुई उससे किसानों के चेहरों पर पुन: रौनक आ गई। कल रात्री में सिध्दिकगंज क्षेत्र में जमकर बरसात होने की खबर है वहीं खाचरौद, कन्नौद मिर्जी में भी पानी बरसा है। आज से जो बरसात शुरु हुई ऐसा लगता है कि यह क्रम जारी रहेगा। अभी तक आष्टा क्षेत्र में 7 इंच वर्षा होने की जानकारी है।
सीहोर में आज दिनभर बूंदा बांदी होती रही। सुबह से लेकर रात तक हल्की वर्षा जारी रही जिसके चलते लोगों ने सीहोर में वर्षा का आनंद लिया।
आज लोगों ने शरीर स्थिर कर लिया और मन चला रहे हैं
उक्त प्रवचन विदूषी 16 वर्षीय कथाकार ऋचा गोस्वामी ने श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन यहाँ कृषि उपज मण्डी प्रांगण में दिये। आपके साथ बाल विद्वान ऋषभदेव जी भी व्यासगादी पर विराजित हैं। दोनो ही बाल विद्वानो के मुख से आज से भागवत कथा प्रारंभ हो गई। इसके पूर्व एक छोटी शोभायात्रा निकली। आज पूजा विधान व मंत्रोच्चारण के बाद भागवत शुरु हुई। शुरुआत में बाल विदुषी ऋचा जी ने गोविंद जय जय मेरो गोपाल जय जय का सुमधुर भजन उपस्थित भक्तों से कराया।
उन्होने कथा का महात्म्य प्रतिपादित करते हुए कहा कि इससे श्रध्दा जागती है श्रध्दा जागने पर ज्ञान जाग जाता है। मोक्ष का मतलब दुखों से पूर्ण निवृत्ति और परमानंद की प्राप्ति है। सभी अनंत सुख चाहते हैं अनंत सुख सिर्फ मोक्ष में ही है। वेद कहते हैं कि ज्ञान से ही केवलज्ञान मोक्ष प्राप्त होता है। श्रध्दावान लभते ज्ञानं, अर्थात श्रध्दावान को ज्ञान और ज्ञानी को मोक्ष मिलता है।
भगवान को सच्चिदानंदस्वरुपाय हैं। सत से मतलब सत्ता से है, जिनकी सत्ता तीनों काल भूत, भविष्य और वर्तमान में बनी रहे, जो सदा आनन्द मूर्ति रहें जो अविनाशी हों जो सम्पूर्ण विश्व की उत्पत्ति करते हैं वह सच्चिदानंद स्वरुप हैं। जिनके नेत्र खोलने मात्र से श्रृष्टि बन जाती है, वो मुस्कुरा देते हैं तो पालन हो जाता है। और वो हमारे प्रभु इतने कोमल सुकुमार हैं कि इतने ही वह थक जाते हैं और आंखे बंद हो जाती है तो संहार हो जाता है।
ऋचा जी ने कहा कि थोड़े-थोड़े सब दुखी है। दुख भी तीन प्रकार के हैं आध्यात्मिक जहाँ शारीरिक व मानसिक दुख है, आदिदैविक और आदिभौतिक इन तीनों प्रकार के ताप कष्ट का निवारण करने का काम भगवान श्री कृष्ण ही करते हैं इसलिये उनका नाम कृष्ण पड़ा है। जो ताप पाप चुराले वह कृष्ण है। जब 88 हजार ऋषियों ने देखा की कलियुग आने वाला है सब पाप कर्मो में प्रवृत्त हो जायेंगे तो वे ब्रह्माजी के पास गये व पूछने लगे कि हम कहाँ जायें जब ब्रह्मा ने एक चक्र उत्पन्न किया जो चलने लगा। ब्रह्मा जी ने कहा कि यह चक्र जहाँ रुक जाये वहीं कलयुग का प्रभाव नहीं होगा। चक्र चलता रहा ऋषि उसके पीछे जाते रहे। नेमिशारण्य में वह चक्र जमीन पर गिरा और सीधे पाताल में चला गया जहाँ जमीन के छेद होने से एक पानी का कुण्ड बन गया जिसे चक्रतीर्थ कुण्ड कहा जाने लगा। यही ऋषिगण रुके और यहीं यज्ञ के दौरान सूत जी से सत्संग प्रारंभ हुआ।
भागवत कथा का महात्म्य सिध्द करते हुए ऋचा जी ने बताया कि स्वर्ग में समस्त अमूल्य वस्तुएं हैं लेकिन जब सुद्योमणी ऋषि के पास देवगणों ने भागवत देखी तो वह उसे भी लेने पहुँच गये। वह अपने साथ एक अमृत कलश ले गये और बोले यह अमृत कलश ले लीजिये और परीक्षित को पिला दीजिये लेकिन यह भागवत हमें दे दीजिये। इस पर ऋषि ने कहा कि यह अमरता और अभयता दोनो देती है। कथा खरीदी-बेची नहीं जाती इसे हाथ जोड़कर श्रवण, वितरण किया जा सकता है। देवगण चुपचाप चले गये। इस प्रकार भागवत देवताओं को भी दुर्लभ है। जब कथा श्रवण करते परीक्षित 7 दिन में मुक्त हो गये तो ब्रह्मा जी भी आश्चर्य कर गये। उन्होने भागवत जी को एक तराजू पर तौलने के लिये तराजू के एक तरफ सारे कल्याण के साधन रखें ओर दूसरी तरफ सिर्फ भागवत जी जैसे ही रखी वो पलड़ा अपने आप झुक गया।
भागवत को आधुनिक संदर्भ से जोड़ते हुए ऋचा जी ने कहा कि नारद जी अस्थिर माने गये हैं लेकिन 'अ' शब्द में स्वयं विष्णु विराजित हैं इसका मतलब देवर्षि भगवान में स्थिर हैं। दूसरी तरफ आज विज्ञान भी कहने लगा है कि चलने फिरने से शरीर स्वस्थ रहता है लेकिन बिडंवना यह है कि लोग शरीर को तो स्थिर किये हुए हैं और मन को अस्थिर कर लिया है। नारद जी आचरण पर यदि चलते फिरते रहेंगे तो कहीं लगाव नहीं होगा। बहता पानी निर्मल होता है। वैसे ही निर्मल बन जायेंगे।
पहले ही दिन ऋचा जी के प्रवचनों ने श्रोताओं को बांधे रखा। आश्चर्य जनक ढंग से अनेकानेक बार संस्कृत श्लोकों का उच्चारण करते हुए उनके समझाने का सरल ढंग और प्रवचन में धारा प्रवाह के परिणामस्वरुप श्रोता बंध गये थे। आज मण्डी व्यापारी संघ के अध्यक्ष अजय खण्डेवाल ने ऋचा जी का एवं ऋषभ देवी का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
फसल उगते ही कीटों का हमला कृषि विभाग नहीं देता सलाह किसानों का आरोप
जावर 8 जुलाई (नि.सं.)। सोयाबीन की फसल उगने के साथ ही उस पर चूहों व काले कीड़ों ने हमला शुरु कर दिया है। काले कीड़े पत्तों को छिन्न भिन्न कर रहे हैं तो चूहे सोयाबीन को काट रहे हैं इसके बावजूद कृषि विभाग किसानों को कोई किसी प्रकार की सलाह इससे बचाव के लिये नहीं देर रहा है। किसान अपने हिसाब से ही फसल को चूहों व कीड़ों से बचाने का उपाय करने में लगे हैं। कृषक धीरज सिंह ने बताया कि इस वर्ष वैसे ही कम बारिश होने के बावजूद किसानों ने सोयाबीन की बुआई कर दी थी जैसे-तैसे सोयाबीन तो उग आया लेकिन उसके उगने के साथ ही उस पर काले कीड़ों व चूहों ने हमला बोल दिया। यह फसल को काफी नुकसान पहुँचा रहे हैं काले कीड़े तो पत्तों को छिन्न-भिन्न कर रहे हैं वहीं चूहे सोयाबीन को काट रहे हैं खेतों में रापे के रापे कर दिये इतना सब कुछ होने के बावजूद कृषि विभाग का अमला किसानों को फसल को बचाने के लिये कोई उपाय सलाह नहीं दे रहा है। किसान खुद ही अपने हिसाब से फसल को बचाने के उपाय कर रहा है। इसके लिये खेतों में फाली डाल व फोरेट दवाई का छिड़काव कर रहा है। कृषक मोहन सिंह का कहना है कि कम बारिश होने के कारण चूहों ने खेतों में बिल बना लिये और वह लगातार फसल को नुकसान पहुँचा रहे हैं। चूहे फसल को न काटें इसके लिये किसान कीटनाशक दवाई का उपयोग भी कर रहे हैं लेकिन चूहों पर इसका भी कोई असर नहीं हो रहा है। कहने को तो कृषि विभाग का अमला है लेकिन वह किसानों को कोई सलाह देता ही नहीं दिखता। जानकार किसानों का मानना है कि तेज बारिश नहीं होने के कारण ही सोयाबीन फसल पर कीटों का हमला शुरु हो गया। यदि क्षेत्र में तेज बारिश हो जाती है तो फसल पर से कीटों का प्रकोप कम हो सकता है। इस समय क्षेत्र का किसान फसल कीटों से बचाने के लिये कीटनाशक दवाई का छिड़काव खेतों में कर रहे हैं।