Wednesday, October 15, 2008

गुणवान संगठन, रघुनाथ संघ, भूपेन्द्र पिता के भरोसे टिकिट की आस में...

आष्टा 14 अक्टूबर (सुशील संचेती)। भारतीय जनता पार्टी इस बार आष्टा से किसे अपना उम्मीद्वार बनायेगी इसको लेकर क्षेत्र में उत्सुकता का माहौल बना हुआ है। उत्सुकता भाजपा में ही नहीं अन्य दलों में भी बनी हुई है। भाजपा से टिकिट के दावेदार अपने-अपने स्तर पर तो लगे हुए हैं लेकिन वे गुप्त रुप से भी वरिष्ठ नेताओं के पास जाकर जो टिकिट वितरण में अहम भूमिका निभायेंगे जा-जाकर मत्था टेक रहे हैं। फुरसत ने विभिनन दावेदारों के बारे में जब खोजबीन की कि कौन-कौन से दावेदार कहाँ-कहाँ टिकिट मिल जाये इस प्रयास में लगे हैं तो लगा की दावेदार ऐसा कोई दरवाजा नहीं छोड़ रहे हैं जहाँ वे मत्था नहीं टेक रहे हें किसी को संगठन का पूरा भरोसा है तो कोई संघ का दामन थामने के प्रयास में लगा है किसी को अपने परिजनों व खानदार के संबंधों का फायदा मिलने की उम्मीद है तो कोई अपनी ढपली और अपना राग अलाप रहा है।

      आष्टा विधानसभा क्षेत्र से कई दावेदार मैदान में है रायसुमारी के बाद लगा कि केवल अब 3-4 ही ऐसे दावेदार हैं जो कड़े प्रयास में लगे हुए हैं। वहीं राजनीतिक हल्कों में चर्चा है कि टिकिट का निर्णय पूर्व और वर्तमान विधायक के बीच ही होना है लेकिन नये दावेदारों ने भी अभी आस नहीं छोड़ी है। उनका आस नहीं छोड़ने के पीछे यह भी मानना है कि दो के झगड़े में तीसरे का फायदा हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो वो तीसरा नया चेहरा कौन होगा ? वहीं यह भी चर्चा कहीं उभरकर आई थी कि क्या आष्टा से भाजपा किसी महिला को मैदान में उतार सकती है वैसे इसकी उम्मीद नहीं के बराबर है लेकिन फिर भी ऐसा हुआ तो आष्टा में पूर्व पार्षद श्रीमति कीर्ति खत्री ऐसा एक चेहरा है जिस पर विचार किया जा सकता है। अभी तक आष्टा विधानसभा से टिकिट पाने वालों में जो दावेदार सामने आये उसमें रंजीत सिंह गुणवान सब पर भारी नजर आ रहे हैं। गुणवान के साथ इन दिनों एक नहीं अनेकों बातें पक्ष में नजर आ रही हैं प्रथम वे पूर्व में दो बार विधायक रह चुके कार्यकाल में कोई गंभीर आरोप से बचे रहे। कार्यकर्ता की पहली पसंद वे बने हुए हैं संगठन को भी उनके नाम पर शायद कोई आपत्ति नहीं है वे बलाई समाज के हैं तथा समाज के साफ-स्वच्छ छवि के कारण पसंद किये जाते हैं। उधर प्रदेश में इनका कोई विरोध भी सामने नहीं आ रहा है।

      जबकि दूसरा नाम वर्तमान विधायक रघुनाथ मालवीय का जो संगठन की पसंद में काफी पीछे हैं क्षेत्र में उनके खिलाफ नाराजी का जो एक माहौल बना हुआ है इसलिये उन्हे दुबारा प्रत्याशी बनाया जाये या नहीं इस पर प्रदेश काफी गंभीर बना हुआ है उनके कार्यकाल में क्षेत्र का किसान उनके खिलाफ डीपी को लेकर खड़ा है वर्तमान विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय के कार्यकाल में डीपी वितरण का कार्य जो आष्टा के संभागीय कार्यालय से होता था उस स्थान को बदल कर डीपी वितरण का जो कार्य कोठरी से किया गया वो सबसे बड़ा उनके विरोध का कारण बना हुआ है। प्रदेश के एक सांध्य दैनिक ने तो खुलकर इस मामले को लेकर वर्तमान विधायक पर कई गंभीर आरोप भी लगाये हैं। रायसुमारी पर उन आरोप सामने आये कि उनके कार्यकाल में पार्टी के सरपंच परेशान हुए हैं और अन्य दलों के सरपंच मजे में रहे हैं ऐसा क्यों हुआ यह भी क्षेत्र में चर्चा का कारण बना हुआ है। आष्टा नगर पालिका के पार्षदों ने तो आंकलन समिति की बैठक में खुलकर कहा कि विधायक ने पार्षदों को पाँच साल में विधायक निधि से कितनी राशि दी है वे संगठन को बतायें वहीं  रघुनाथ मालवीय के साथ कोठरी के सरपंच जगदीश पटेल जैसा एक मात्र वजनदार नेता  साथ है शेष नेता उनके नाम पर विरोध में खड़े हैं। वैसे प्रदेश भाजपा सरकार से आष्टा के लिये बहुत सी योजनाएं और कार्य आष्टा को मिले हैं निश्चित ये सभी आये कैसे भी हों लेकिन खाते में विकास के कार्य रघुनाथ सिंह मालवीय के ही जायेंगे। पहले मालवीय को जिन संघ के नेताओं के आशीर्वाद से टिकिट मिला था इस बार भी वे अपने नेता जगदीश पटेल के संघ से संबंधों का पूरा फायदा उठा कर भोपाल तक प्रयास में लगे हैं।

      अब दुबारा टिकिट मिलने पर मालवीय जीतेंगे या हारेंगे यह कहना अभी जल्दबाजी होगी लेकिन जनता का मुँह नहीं बंद किया जा सकता है। एक और दावेदार हैं जावर क्षेत्र से जिला पंचायत के सदस्य देवी प्रसाद परमार वे भी इस बार मैदान में है उन्हे जावर क्षेत्र के कुछ नेताओं का समर्थन मिला है जो नेता उनका समर्थन कर रहे हैं उसमें से कुछ सीहोर के विधायक रमेश सक्सेना से जुड़े हैं और चैनल चला रहे हैं इस बार संगठन ने जावर का नया मंडल बनाया है जावर क्षेत्र का होने के कारण देवी प्रसाद को जावर  से आशा के अनुरुप समर्थन नहीं मिल पाया है उनके साथ दिक्कत यह है कि वे ना ही कभी चर्चाओं में रहे और ना ही चर्चित चेहरा हैं आष्टा में उन्हे संगठन का बहुत कम समर्थन रायसुमारी में मिला है। वहीं इस बार जो कभी रघुनाथ सिंह मालवीय को टिकिट दिलाने में उन्हे चुनाव लड़ाकर जिताने में प्रमुख थे आज कल नये चेहरे भूपेन्द्र केसरी को लेकर दम-खम लगा रहे हैं भूपेन्द्र केसरी का आष्टा में कुछ भी नहीं है उनके खाते में शून्य ही है वे केवल अपने पिता नारायण केसरी और वर्तमान विधायक के पुराने मित्रों के सहारे मैदान में है कुछ लोग यह भी कह रहे हैं टिकिट तो भूपेन्द्र केसरी को ही मिलेगा। क्योंकि उनके पिता के संबधं दिल्ली तक हैं जो ऐसा कह रहे हैं शायद वे यह भूल रहे हैं कि यह भाजपा है कांग्रेस नहीं जिसमें टिकिट का निर्णय होने का कार्य नीचे से शुरु होकर भोपाल में खत्म हो जाता है दिल्ली से टिकिट केवल कांग्रेस में ही निर्णित होते हैं फिर भी पिताश्री पुत्र के लिये आष्टा भोपाल दिल्ली में प्रयास कर रहे हें। इसी प्रकार कुछ ऐसे भी दावेदार हैं जिन्हे काफी दिनों से कुछ छोटे-छोटे नेताओं ने टिकिट की पुड़िया देकर उनकी आत्मा जगा रखी है वे इतने जाग्रत हो गये हैं कि पार्टी को कहीं ऐसे पुड़िया दिये दावेदार चुनाव में परेशानी का क ारण ना बन जाये। आष्टा से इस बार खत्री परिवार से ही एक नहीं 3 दावेदार टिकिट मांग रहे हैं इनके नाम है घनश्याम खत्री जो आष्टा से भोपाल तक सम्पर्क बनाये हुए हैं दूसरे हैं पूर्व विधायक नंद किशोर खत्री के पुत्र मनोज खत्री जो अचानक सक्रिय हो गये हैं तीसरे हैं वर्तमान में पार्षद जगदीश खत्री, जो पूरी जोड़-तोड़ में लगे हुए हैं कि मेरे नाम पर भी विचार किया जाये।

      वहीं हर बार की तरह इस बार भी मीसा बंदी गुराड़िया वर्मा निवासी विश्राम सिंह टिकिट की दौड़ में आष्टा से भोपाल तक एक करे दे रहे हैं। विश्राम सिंह भी पार्टी का एक पुराना कार्यकर्ता हैं तथा पिछले 15-20 वर्षों से जब भी चुनाव आते हैं वे सक्रिय हो जाते हैं वो टिकिट की मांग करते हैं। विश्राम सिंह 1975 से जब आपातकाल लगा तब भी वे पार्टी के कार्य सक्रियता से करते हुए जेल गये और 8 माह तक जेल में रहे थे। विश्राम सिंह का एक वाक्य सभी को काफी पसंद आता है जो उन्होने अपने परिचय में नेताओं को सौंपा भी है उनका कहना है कि मैं भाजपा का हूँ तथा भाजपा मेरी है, इस वाक्य से ही उनकी पार्टी के प्रति कितनी अटूट निष्ठा है दिखाई देती है। विश्राम सिंह का कहना है कि एक बार मुझे भी अवसर दिया जाना चाहिये। भाजपा में टिकिट को लेकर जमकर उठा-पटक चल रही है प्रमुख दावेदार प्रयासों में कोई कसर नहीं रख रही हैं।

      जिन्हे नहीं मिला वे क्या करेंगे ?- भाजपा ने टिकिट के प्रमुख दावेदार 4-5 है टिकिट एक को ही मिलेगा जिन्हे टिकिट नहीं मिलेगा वे क्या करेंगे इस बात का आंकलन भी किया जा रहा है। जिस प्रकार 2003 के चुनाव में पार्टी ने टिकिट रंजीत सिंह गुणवान को दे दिया था और दूसरे दावेदार रघुनाथ सिंह मालवीय ने सफेद झंडे का सहारा लेकर नामांकन जमा कर दिया था लेकिन अंतिम वक्त पर पार्टी ने निर्णय बदलकर घोषित उम्मीदवार के स्थान पर रघुनाथ सिंह मालवीय को प्रत्याशी घोषित कर दिया और गुणवान को पार्टी ने सहारा देकर बेसहारा कर दिया था क्या इस बार भी कोई दावेदार 2003 का इतिहास दोहरायेगा और टिकिट नहीं मिलने पर उसी प्रकार वगावत कर बिगुल बजाकर सफेद झण्डे का सहारा लेकर मैदान में उतरेगा ? वैसे इसकी उम्मीद से इंकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि भाजपा से टिकिट के दावेदारों मे से कुछ के समर्थकों ने ऐसी बात कहीं-कहीं की है कि टिकिट तो घोषित होने दो नहीं मिला तो चुप नहीं बैठेंगे मतलब बगावत तो करेंगे। बगावत किस रुप में करते हैं यह समय की बात है।

      नागौरी की जमावट काम आई- जिला अध्यक्ष बनने के बाद भाजपा जिला अध्यक्ष ललित नागौरी जिन्होने जमीन से राजनीति की उसका प्राप्त अनुभव रायसुमारी के वक्त काम आया जिलाध्यक्ष बनने के बाद जिस प्रकार जिला कार्य समिति एवं आष्टा नगर तथा ग्रामीण मंडल का गठन एवं मोर्चा प्रकोष्‍ठों में नियुक्ति की उसमें नागौरी ने जो जमावट उस वक्त की वो पूरी जमावट रायसुमारी के दिन काम आई और उस जमावट का पूरा असर रायसुमारी में प्राप्त हुआ। संगठन को हासिये पर रखने वाले उस दिन से ही परेशान हैं और उन्हे अखर रही है कि हम संगठन स्तर पर रायसुमारी में असफल हो गये हैं।

      स्थानीय उम्मीद्वार से केसरी परेशान - आष्टा से जितने भी टिकिट के दावेदार हैं उसमें भूपेन्द्र केसरी को छोड़कर सभी स्थानीय है केसरी के लिये पिता पूरा सहयोग कर रहे हैं ऐसे में केसरी को कैसे कमजोर किया जाये इसको लेकर स्थानीय का मुद्दा उछाला गया और इसको लेकर सभी दावेदार जिनका एक दूसरे से गणित कहीं नहीं बैठता इस मुद्दे पर गणित बैठा लिया और एकता बैठक कर संगठन को बता दिया कि स्थानीय को ही टिकिट दिया जाये केसरी के लिये यह उठी मांग जरुर परेशानी का कारण बनी हुई है।

      संघ कार्यालय में भी दावेदार नजर आये- भाजपा में जिसे भी टिकिट संगठन दे लेकिन उस मामले में संघ की भी अप्रत्यक्ष रुप से महत्वपूर्ण भूमिका कहीं ना कहीं रहती है यह बात सब दावेदार जानते हैं यही कारण है कि संघ कार्यालय वर्धमान कुटी में भी चुनाव के इस मौसम में भाजपा के दावेदार दस्तक देते हुए नजर आ जाते हैं। 16 अक्टूबर को आष्टा में संघ का पथ संचलन है कई दावेदार इस पथ संचलन में भी नजर आयेंगे ऐसी पूरी उम्मीद है।

      भाजपा से नहीं तो क्या भाजश- वहीं टिकिट के लिये चल रही दौड़ धूप में यह भी सुर सुनाई दे रहा है कि भाजश भाजपा से टिकिट मांग रहे दोवदारों पर निगाह रखे हुए हैं तो क्या भाजपा से प्रयास कर रहे लोगों में से जिन्हे टिकिट नहीं मिला तो क्या उनमें से कोई भाजश का दामन थाम सकता है वैसे खबर है कि अभी भाजश ने सिध्दिकगंज के सरपंच चुन्नीलाल को आष्टा विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाने का मन बनाया है लेकिन अंतिम समय पर कुछ भी हो सकता है इसकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

तो आज हो जायेगी... हाथ की सफाई (बैठे- ठाले)

सीहोर 14 अक्टूबर (आनन्द भैया गांधी)। चुनाव के एन समय पर जब कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आने की तैयारी में हैं अचानक बहुत बड़े स्तर पर पहली बार जिला प्रशासन हाथ धोने और धुलाने का कार्यक्रम आयोजित करने पर उतारु है। क्या इस साल ही प्रशासन को हाथ की गंदगी नजर आ रही है जो हाथ की सफाई करने का प्रयास किया जा रहा है ? और सबको सचेत भी किया जा रहा है, आखिर हाथ की इस सफाई के पीछे का राज क्या है....? क्या सिर्फ हाथ की पूरी सफाई या हाथ की गंदगी का प्रदर्शन ?

      मानव शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक हाथ भी है। हर कार्य को करने के लिये मनुष्य को हाथ का सहयोग लेना ही पड़ता है। स्वाभाविक है कि यदि दिनभर हाथ का उपयोग किया जायेगा, उसी से सामान लिया, दिया, रखा, उठाया जायेगा तो हाथ कितना ही साफ क्यों ना हो लेकिन गंदा तो होगा ही। अब यदि इस सब कार्य से हाथ गंदा हो रहा है तो उसे साफ करने के लिये पूरा जिला प्रशासन अचानक क्यों सक्रिय हो गया है। समय आने पर वैसे भी हाथ की सफाई तो करना ही पड़ती है...क्या पहले कभी नहीं की गई थी....हाथ की सफाई तो अक्सर की जाती रही है... सबके तरीके अलग-अलग होते हैं...पर सीहोर में तो देखने में आया कि पानी की कमी हो..., दिनभर उड़ती धुल और गंदगी हो जिससे हाथ गंदे हो जाते हों...बिजली का संकट हो और अंधेरा घुप्प हो जाये ताकि रात हाथ को हाथ सुझाई ना दे....सीवन का गंदा मटमैला पानी ही क्यों ना हो...पार्वती की लाईन से आने वाला कीचड़मय पानी ही क्यों ना हो...लेकिन इन विपरीत स्थितियों के बाद भी चाहे कुछ हो जाये पर सीहोरवासी अपने हाथ तो साफ रखते ही हैं....।

      तो फिर हाथ सफाई के तरीके सिखाने की सीहोर जिले में क्या जरुरत आन पड़ी। यहाँ तो वैसे ही सबकी हाथ बचाकर चलने की आदत है....कोई बड़ी से बडी घटना हो जाये लेकिन सीहोर के धुरंधर नेता अपने हाथ बचाकर ही रखते हैं...जब नेता अपने हाथ बचायेंगे तो निश्चित ही इनके शागिर्द भी हाथ बचाना जानते हैं... और हाँ कितने ही कार्यक्रम, आयोजनों, उत्सव समितियों में तल्लीन नजर आने वाले समाजसेवियों के हाथ भी अक्सर पूरे धुले हुए नजर आते हैं... इतनी सफाई से घटनाक्रम को अंजाम दिया जाता है कि पता ही नहीं चलता काम कैसे हो गया...किसने कर दिया ....किसके हाथ थे....उसकी अंगुलियों के निशान कहाँ है....सब ढूंढते रह जाते हैं और बड़े-बड़े कामों के पीछे से उनकी ऐसी मट्टी कू ट दी जाती है कि पता ही चलता कि आखिर इसमें हाथ किसका है।

      जब हाथ बचाने में सीहोर के कई लोग माहिर हैं तो फिर हाथ की सफाई की क्या जरुरत है...। हाँ आगामी दिनों में चुनाव होने वाले हैं और अभी हाथ की सफाई करने के तरीके जिला प्रशासन सिखाना चाहता है। उसने इसका पूरा आयोजन कर भी लिया है।

      मारे कहीं पर लगे वहीं की तर्ज पर भले ही आयोजन जिला प्रशासन का हो लेकिन हाथ की धुलाई तो होना तय ही है। करे कोई भी लेकिन होगी तो हाथ की धुलाई ही। बल्कि इसके लिये बकायदा दिशा निर्देश, दलों का गठन से लेकर बहुत व्यापक तैयारियाँ की गई हैं..., इतना ही नहीं बल्कि हाथ की सफाई के लिये बकायदा दोपहर में शपथ भी दिलवाई जा रही है। यह भी गजब काम है, पहले हाथ की सफाई कराओ, फिर समझाओ की आगे और कैसे सफाई करनी है और उस पर से शपथ भी दिलवाई जाये कि हाथ की सफाई तो करना ही है चाहे कुछ भी हो जाये।

      बताया जाता है कि चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की विजय का एक बहुत बड़ा कारण पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से शासकिय कर्मचारियों का नाराज होना था आज इन्ही शासकिय-अशासकिय कर्मचारियों को एक हाथ की सफाई करने की समझाईश, तरीके और साथ में शपथ भी दिलाई जायेगी....

शरद पूर्णिमा का उत्सव मना खीर का प्रसाद बांटा गया

              आष्टा 14 अक्टूबर (नि.प्र.)। आज आष्टा में शरद पूर्णिमा का उत्सव विभिन्न मंदिरों में एवं कई घरों में मनाया गया। मंदिरों में विशेष कार्यक्रम भजन आदि के कार्यक्रम हुए रात्री में खीर का प्रसाद वितरण किया गया।

      वहीं आज कई घरों की दतों पर अनेकों परिवारों ने खुले आकाश के नीचे दूध उकाला खीर रबड़ी बनाई और उसका सेवन कर शरद पूर्णिमा मनाई। आज शरद पूर्णिमा पर श्री दामोदर वंशीय गुजराती दर्जी समाज के अनेकों सदस्य पूय गुरु श्री टेकचंद जी महाराज के यहाँ उजैन के पास कड़छा भी गये और वहाँ विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।

सड़क हादसों में दो मौत, तीन घायल

सीहोर 14 अक्टूबर (नि.सं.)। जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में अलग-अलग सड़क हादसों में दो युवक की मौत हो गई। वही तीन अन्य लोग घायल हो गये। पुलिस ने सभी मामले दर्ज कर लिये हैं।

      प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार की रात्रि रेहटी बुधनी मार्ग पर पैदल जा रहे संदीप उम्र 22 साल एवं राजकुमार आ.हरिप्रसाद यदुवंशी 20 साल निवासी सुरगी थाना सिवनी मालवा से अज्ञात वाहन चालक ने तेजगति एवं लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हुये टक्कर मार दी।

      परिणामस्वरूप संदीप की घटना स्थल पर ही मौत हो गई तथा राजकुमार ने अस्पताल रेहटी में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। बताया जाता है कि दोनों युवक अपने घर से सलकनपुर का कहकर निकले हुये थे।

      उधर आष्टा थाना क्षेत्र में आयकर वाहन क्रमांक एममी-07-जी-7159 के चालक ने तेजगति एवं लापरवाही पूर्वक वाहन को चलाते हुये पोचानेर जा रहे मोटर सायकल चालक दिलीप सिंह व उसके भानेज राहुल को टक्कर मारकर घायल कर दिया।

      इधर मण्डी थाना क्षेत्र में ट्रक क्रमांक एमपी-09-केडी-7253 के चालक ने राजमार्ग स्थित फूलमोगरा जोड़ के समीप आज सुबह लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाते हुये ट्राला क्र मांक एनएल-02-जी-4380 में टक्कर मार दी। परिणामस्वरूप ट्राला चालक तेजबहादुर घायल हो गया जिसे उपचार हेतु सीहोर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

 

चिकित्सक के साथ अभद्र व्यवहार

      आष्टा 14 अक्टूबर (नि.प्र.)। शासकीय अस्पताल आष्टा में मरीज देखने की बात को लेकर एक व्यक्ति ने चिकित्सक के साथ अभद्र व्यवहार कर जान से मारने की धमकी देते हुये शासकीय कार्य मतें व्यवधान उत्पन्न किया। जानकारी के अनुसार आष्टा चिकित्सालय में पदस्थ चिकित्सक श्रीमति माधवीराय आज दोपहर को डियूटी पर थी तभी आष्टा निवासी आविद खान ने मरीज देखने की बात को लेकर श्रीमति माधवी राय से अभद्र व्यवहार कर जान से मारने की धमकी देते हुये शासकीय कार्य में व्यवधान उत्पन्न किया।

 

दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज

      सीहोर 14 अक्टूबर (नि.सं.)। अपने घर में बहु को सताने वाले ससुरालियों के खिलाफ रेहटी थाना पुलिस ने दहेज एक्ट के तहत मामला दर्ज किया हैं।

      जानकारी के अनुसार श्रीमति संध्या रधुवंशी उम्र 27 वर्ष निवासी टीला जमालपुरा भोपाल का विवाह वर्ष 2004 में ग्राम बारदा निवासी सुभाष रधुवंशी के साथ हुआ। बताया जाता हैं कि संध्या का पति सुभाष,संध्या से और अधिक दहेज की मांग कर उसे प्रताड़ित करता था उसके इस कार्य में संध्या का ससुर मंगलसिंह,सास सेवन्तीबाई,नंद ममताबाई,देवर मिथुन,व नन्दोई कल्लू द्वारा भी सहयोग किया जाता था। ससुराल पक्ष की इस प्रताड़ना से तंग आकर ममता बाई ने अपनी व्यथा रेहटी पुलिस को सुनाई जिस पर पुलिस ने उक्त प्रकरण कायम कर लिया हैं। सीहोर 14 अक्टूबर (नि.सं.)। जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में अलग-अलग सड़क हादसों में दो युवक की मौत हो गई। वही तीन अन्य लोग घायल हो गये। पुलिस ने सभी मामले दर्ज कर लिये हैं।

      प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार की रात्रि रेहटी बुधनी मार्ग पर पैदल जा रहे संदीप उम्र 22 साल एवं राजकुमार आ.हरिप्रसाद यदुवंशी 20 साल निवासी सुरगी थाना सिवनी मालवा से अज्ञात वाहन चालक ने तेजगति एवं लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हुये टक्कर मार दी।

      परिणामस्वरूप संदीप की घटना स्थल पर ही मौत हो गई तथा राजकुमार ने अस्पताल रेहटी में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। बताया जाता है कि दोनों युवक अपने घर से सलकनपुर का कहकर निकले हुये थे।

      उधर आष्टा थाना क्षेत्र में आयकर वाहन क्रमांक एममी-07-जी-7159 के चालक ने तेजगति एवं लापरवाही पूर्वक वाहन को चलाते हुये पोचानेर जा रहे मोटर सायकल चालक दिलीप सिंह व उसके भानेज राहुल को टक्कर मारकर घायल कर दिया।

      इधर मण्डी थाना क्षेत्र में ट्रक क्रमांक एमपी-09-केडी-7253 के चालक ने राजमार्ग स्थित फूलमोगरा जोड़ के समीप आज सुबह लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाते हुये ट्राला क्र मांक एनएल-02-जी-4380 में टक्कर मार दी। परिणामस्वरूप ट्राला चालक तेजबहादुर घायल हो गया जिसे उपचार हेतु सीहोर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

 

चिकित्सक के साथ अभद्र व्यवहार

      आष्टा 14 अक्टूबर (नि.प्र.)। शासकीय अस्पताल आष्टा में मरीज देखने की बात को लेकर एक व्यक्ति ने चिकित्सक के साथ अभद्र व्यवहार कर जान से मारने की धमकी देते हुये शासकीय कार्य मतें व्यवधान उत्पन्न किया। जानकारी के अनुसार आष्टा चिकित्सालय में पदस्थ चिकित्सक श्रीमति माधवीराय आज दोपहर को डियूटी पर थी तभी आष्टा निवासी आविद खान ने मरीज देखने की बात को लेकर श्रीमति माधवी राय से अभद्र व्यवहार कर जान से मारने की धमकी देते हुये शासकीय कार्य में व्यवधान उत्पन्न किया।

 

दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज

      सीहोर 14 अक्टूबर (नि.सं.)। अपने घर में बहु को सताने वाले ससुरालियों के खिलाफ रेहटी थाना पुलिस ने दहेज एक्ट के तहत मामला दर्ज किया हैं।

      जानकारी के अनुसार श्रीमति संध्या रधुवंशी उम्र 27 वर्ष निवासी टीला जमालपुरा भोपाल का विवाह वर्ष 2004 में ग्राम बारदा निवासी सुभाष रधुवंशी के साथ हुआ। बताया जाता हैं कि संध्या का पति सुभाष,संध्या से और अधिक दहेज की मांग कर उसे प्रताड़ित करता था उसके इस कार्य में संध्या का ससुर मंगलसिंह,सास सेवन्तीबाई,नंद ममताबाई,देवर मिथुन,व नन्दोई कल्लू द्वारा भी सहयोग किया जाता था। ससुराल पक्ष की इस प्रताड़ना से तंग आकर ममता बाई ने अपनी व्यथा रेहटी पुलिस को सुनाई जिस पर पुलिस ने उक्त प्रकरण कायम कर लिया हैं। 

अजमीढ़ जयंती पर निकली शोभायात्रा

      आष्टा 14 अक्टूबर । आज आष्टा में श्रीमेढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज एवं युवा संगठन के तत्वाधान में महाराजधिराज श्री अजमीढ़ जी के विशाल शोभायात्रा हाथी, घोड़ा, रथ, बैंड बाजे के साथ निकली शोभायात्रा का स्थान-स्थान पर भव्य स्वागत किया गया। बड़ा बाजार में शोभायात्रा का श्री दिगम्बर जैन समाज एवं हिन्दु उत्सव समिति ने मंच बनाकर स्वागत यिका अन्य मंचों से भी स्वागत किया गया। शोभायात्रा का समापन मानस भवन में हुआ यहाँ पर अजमीढ़ जी की पूजन एवं सहभोज का कार्यक्रम हुआ। आज अजमीढ़ जयंती पर सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं पुरुस्कार वितरण भी हुआ। अजमीढ़ जयंती पर आज स्वर्णकार समाज आष्टा के सभी प्रतिष्ठान बंद रहे।

डीजल नहीं मिलने से किसान हो रहे हैं परेशान

       जावर 14 अक्टूबर (नि.प्र.)। इन दिनो किसानों को डीजल की सख्त आवश्यकता पड़ रही है लेकिन उसे कहीं भी डीजल नहीं मिल रहा है वह डीजल के लिये जावर जोड़ उपस्थित डीजल पम्प व आष्टा सोनकच्छ के पम्प के चक्कर काटते फिरते हैं लेकिन उन्हे कई भी पर्याप्त रुप से डीजल नहीं मिल रहा है किसानों का कहना है कि इस समय किसानों को खेतों की जुताई करने के लिये डीजल की आवश्यकता पड़   रही है।

      मऊड़िया के कृषक मांगीलाल ने बताया कि इस समय रबी फसल की बुआई के लिये खेतों की हुबाई जुताई करने का समय चल रहा लेकिन ट्रेक्टर में डालने के लिये डीजल पम्पों से डीजल नहीं मिल रहा है किसान डीजल का केन हाथ में लिये डीजल के लिये दर-दर भटकने को मजबूर है बमूलिया रायमल के कृषक गजराज सिंह का कहना है कि किसानों को जब जिस चीज की जरुरत पड़ती है वह समय पर नहीं मिलती है इस समय किसानों को डीजल की सख्त आवश्यकता है लेकिन डीजल नहीं मिल रहा है ।

      ऐसे ही अब बिजली की भी जरुरत पड़ने लगी है लेकिन बिजली की पहले से यादा कटौती होने लगी है। इस समय खाद बीज के लिये भी किसान इधर-उधर भटकते फिर रहे हैं।

       इस समय डीजल पम्प पर ये हालात है कि किसानों को जैसे ही पम्प पर डीजल आने की खबर मिलती है किसान डीजल के केन लेकर पम्प की और दौड़ पड़ते हैं। कई बाद पम्प पर ये हालत हो जाते हैं कि किसानों को लाईन लगाकर डीजल लेना पड़ता है उधर जावर जोड़ पर स्थित जय बाबा पेट्रोल पम्प के मैनेजर डी.एन.चौधरी ने बताया कि पेट्रोलियम कम्पनियों द्वारा डीजल का कोटा फिक्स कर देने के कारण यह स्थिति बनी है। हालांकि पहले से स्थिति सुधरी है।

धोलो-धोलो जी दोनो हाथ,

संवर जाए जिंदगानी।

मानो-मानो जी हमारी बात,

सुधर जाए जिंदगानी॥

बीमारी से बचना है तो नेक सलाह ये माना,

खुद समझो, समझाओ औरन को महिमा इसकी जानो।

स्वस्थ्य जीवन को यो ही आधार,

सुधर जाए जिदंगानी॥

धोलो-धोलो......

नाखुन धोलो, उंगरिया धोलो, दोनो हथेली साथ,

भोजन करवे से पहले, भोजन करवे के बाद।

ई के बिना नहीं होवे उध्दार,

सुधर जाए जिदंगानी॥ धोलो....

बात न मानी गर हमने तो इक दिन हम पछताएंगे,

गंदे हाथों से भोजन कर हम रोगी हो जायेंगे।

जरा ने कर लो विचार,

सुधर जाए जिदंगानी॥ धोलो....

स्वच्छता में ईश विराजे, धन दौलत नित आवे,

गंदगी हो रही जहाँ पर समृध्दि हट जावे॥

ई की महिमा है अपरंपार,

सुधर जाए जिंदगानी॥ धोलो....

हरिनारायण शर्मा दाऊ

शिक्षक, दीनदयाल नगर, सीहोर