सीहोर 18 जनवरी (फुरसत)। पाकिस्तान के दो संगठन जमात-उल-उलेमा-ए-इसलामी (जुल) और तबलीग-ए-जमात (तीज) को मिलाकर सन 1980 में बनाये गये आतंकी संगठन हरकत-उल-जिहाद- ए-इसलामी (हुजी) के पैर सीहोर में भी पड़ गये हैं इसका आंशिक आभास कल उस वक्त हुआ जब हिन्दु उत्सव समिति के अध्यक्ष सतीश राठौर को एक धमकी भरा अंतरदेशीय पत्र हुजी द्वारा मिला। जिसमें स्पष्ट लिखा था कि तुमने हमारे खिलाफ पेपर में खूब बयानबाजी करके हमे गोली से उडा दिये जाने की बात कही है अब तुम व तुम्हारा परिवार ही हमारी गोली के निशाने पर आ गये हैं। हुजी द्वारा प्रेषित इस पत्र का शीर्षक है इंतकाम-इंतकाम। क्या हरकत-उल-जिहाद-ए-इसलामी सीहोर में आ गया है तो फिर पुलिस व खुफिया तंत्र क्या कर रहा है यह जांच का विषय है।
उल्लेखनीय है कि सबसे बड़े आतंकवादी संगठन अलकायदा ने हुजी के जरिये पूरे भारत देश में पैर पसारने के प्रयास शुरु कर दिये हैं। पिछले दिनों नवम्बर में उत्तर प्रदेश में हुए बम धमाकों के बाद कई लोगों ने इसकी निंदा की थी जिस पर सीहोर हिन्दु उत्सव समिति सहित न्यायालय से जुड़े अभिभाषकों ने भी आंदोलन किया था। उत्तर प्रदेश न्यायालयों में हुए बम धमाकों में इसी आतंकवादी संगठन हुजी के होने की रिपोर्ट मिली थी बल्कि संगठन हुजी के प्रमुख आतंकवादी अल्ताफ हुसैन अंसारी उर्फ मुख्तार उर्फ राजू को कोलकत्ता में गिरफ्तार कर लिया था। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के विशेष कार्य बल एसटीएफ ने भी 23 नवम्बर को हुए विस्फोटो के मामले में हुजी के दो आतंकवादियों तारिक और खालिद को गिरफ्त में ले लिया था जिनके पास से सवा किलो आरडीएक्स व जिलेटिन भी बरामद किया गया था। इसके पूर्व हुजी ने हैदराबाद में भी बम धमाके किये थे लेकिन तब भी इनके सदस्य पकड़ा गये थे।
इस प्रकार हुजी संगठन भारत में सक्रिय तो है लेकिन जब भी यह कोई घटनाक्रम करता है तो इससे जुड़े देशद्रोही भारतीय पुलिस व सुरक्षा बल के हाथों दबोच लिया जाता है। ऐसे में निश्चित ही इनके खिलाफ बयानबाजी करने वालों से हुजी से जुड़े लोगों को नाराजगी आती होगी ऐसा विश्वास व्यक्त किया जा सकता है।
हालांकि पूर्व में भी कई बार कुछ अलसुलझी घटनाएं इस बात का अंदेशा दे चुकी है कि यहाँ सीहोर में भी बाहरी आतंकी संगठनों की दस्तक संभवत: है लेकिन यहाँ पहली बार देश में सबसे यादा सक्रिय आतंकवादी संगठन हुजी के नाम से एक हिन्दु उत्सव समिति अध्यक्ष को चेतावनी मिली है।
हुजी की अभी तक सबसे बड़ी कार्यप्रणाली यही सामने आई है कि वह भारत में अपने पैर पसारने के लिये भारतीयों का ही सहयोग ले रहा है। उसने भारत में रहने वाले ही देशद्रोहियों को अपने संगठन का हिस्सा बनाना शुरु किया है पूर्व में जितने भी हुजी के आतंकवादी पकड़ाये हैं वह सारे के सारे ही भारतीय रहे हैं। हालांकि इसका पूरा केन्द्र बांग्लादेश है और बांग्लादेश के लोग बड़ी संख्या में यहाँ भारत में देखे जा सकते हैं। सीहोर में भी बांग्लादेशी शरणार्थी रहते हैं।
कई बार तरह-तरह की शंका-कुशंका सीहोर के नागरिकों ने पुलिस को जाहिर भी की है और गंभीरता के साथ सीहोर में सतर्क रहने, निगाह रखने की मांग उठाई है लेकिन पुलिस कभी सक्रिय नहीं दिखी। उल्लेखनीय है कि यहाँ अवैध रुप से पाकिस्तानियों के रहने संभावनाएं भी बनी रहती है। कल हिन्दु उत्सव समिति ने जिलाधीश व पुलिस अधीक्षक को इस मामले में एक ज्ञापन सौंपते हुए जानकारी दी है तथा आवश्यक कार्यवाही करते हुए तनाव व भय के वातावरण से नगर को मुक्त करने की मांग की है।
हुजी का उद्देश्य
हुजी का उद्देश्य हिंसा के माध्यम से जम्मु और कश्मीर को भारत से अलग करना साथ ही देश के अन्य भागों में आतंरिक सुरक्षा को नुकसान पहुँचाना भी इसका उद्देश्य है।
किसका है संरक्षण
हुजी को पाकिस्तानी देवबंदी कट्टरपंथियों का समर्थन हासिल है। इसे गतिविधियों में आईएसआई का भी सक्रिय सहयोग मिलता है।
पूरे देश में पैर पसारने में लगा
21 अगस्त 2007 को भारत म्यांमार सीमा पर अल कायदा के आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद हुजी के नेटवर्क को पश्चिम बंगाल में नेस्तनाबूद करने वाली एसटीएफ और भारतीय खुफिया एजेंसियों ने माना है कि हूजी के पीछे अलकायदा है। अलकायदा हूजी के जरिये देश भर में पैर पसारने में जुटा है। हूजी के खास कारकून कमर उर्फ नाटा को बांग्लादेश की सरकारी बंगलों में पनाह मिलती है।
वारदातें क्या-क्या की
2002 में कोलकत्ता के अमेरिकन इंनफार्मेशन सर्विस पर हमला के साथ-साथ गोधरा काण्ड में भी इसी संगठन का हाथ बताया जाता है।
2007 में उत्तरप्रदेश में बम धमाके 23 नवम्बर 2007 में उत्तर प्रदेश के तीन शहरों वाराणसी, लखनऊ व फैजाबाद में आतंकवादियों ने 20 मिनिट में एक के बाद एक 6 धमाके कर डाले थे जिसमें 18 लोग मरे व 86 घायल हो गये थे। यह धमाके न्यायालय परिसर में हुए थे। जांच एजेंसियों ने इसमें बांगलादेश आतंकवादी संगठन हरकत उल जिहादी इस्लामी (हुजी) का हाथ माना है। बाद यह बात सिध्द भी पाई जा चुकी है।