Tuesday, June 3, 2008

वो 16 क्विं वर्फ का क्या हुआ...क्या पिघल गया, लेकिन सौ के सौ मटके कैसे फूट गये

सीहोर 2 जून (नि.सं.)। नगर पालिका की वर्फ और मटकों की कहानी आज कल सबकी जुबानी बनी हुई है। 16 क्विंटल वर्फ और ले देकर कुल जमा 100 मटके आये थे ? अब वो कहाँ गये इसका हिसाब है कि सुनते ही लोगों के पेट में दर्द शुरु हो जाता है। कहा जा रहा है कि एक सार्वजनिक कार्यक्रम के लिये आया वर्फ 16 क्विंटल था लेकिन वो दिखा इसलिये नहीं क्योंकि पूरा पिघल गया और रही बात मटकों की तो साहब जबाव बड़ा बेतुका है मटके आये थे लोगों ने पानी भी पिया और फिर तत्काल वह उसी दिन फूट भी गये। लेकिन इन दोनो ही मटके-वर्फ भुगतान वर्फ अपेक्षा से जल्दी से पिघल जाने और मटको तत्काल फूट जाने के कारण नहीं हो रहा है। और यही कारण है कि नगर पालिका में हाय तौबा मची हुई है.....।
ज्ञात होगा नागरिकों को वह दिन जब हाल ही में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के बुजुर्ग तुनक मिजाज नेता सुन्दरलाल पटवा सीहोर आये थे और उन्होने मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का शुभारंभ हजारों ग्रामीणों की उपस्थिति में चर्च मैदान पर किया था। किस प्रकार झूठ बोल-बोलकर ग्रामीणों को यहाँ एकत्रित करवाया गया था यह किस्सा तो चर्चा में पहले से ही था और फिर भोजन के नाम पर जो रुखा-सूखा बंटा और बाकी अव्यवस्था थी उसके गुणगान अभी तक थमे ही नहीं है कि अब एक और चर्चाएं पाक सामने आ गया है।
नगर पालिका ने इस दिन उपस्थित ग्रामीणों को ठंडा रखने के लिये 16 क्विंटल वर्फ खरीदने की बात भी कही है ? अब यह बात किसी के समझ नहीं आ रही कि 16 क्विंटल वर्फ आखिर क्यों खरीदी गई थी ? इससे क्या ठंडा रखना था क्योंकि भोजन में तो सिर्फ पूड़ियां थीं और पूडिया गर्मागर्म बांटने के कथित प्रयास किये गये थे तो फिर आखिर ठंडा किसे रखना था ?
नगर पालिका सूत्रों का कहना है कि इस दिन 16 क्विंटल वर्फ व्यवस्थाओं के लिये खरीदे जाने की बात बताई जा रही है। यह 16 क्विंटल वर्फ क्यों आया था ? यह रहस्य का विषय बना हुआ है। लेकिन इतना अवश्य है कि यह पूरा पिघल गया है...और अब पिघले वर्फ का तो कुछ उपयोग हो ही नहीं सकता।
इसी दिन इसी कार्यक्रम के लिये 100 मटके भी खरीदे गये थे ? मटकों 100 खरीदे जायें या 200 इससे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन खास बात यह है कि यह मटके 25-30 रुपये प्रति नग के नहीं थे बल्कि इनका बिल भी सूत्रों के अनुसार 80-90 रुपये प्रति मटके के हिसाब से बना मतलब 100 मटके करीब 8-9 हजार रुपये के हो गये हैं। अब इतने महंगे मटके सीहोर में कहाँ मिलते हैं यह बता पाना तो मुश्किल है लेकिन नगर पालिका का उक्त ठेकेदार अवश्य इसी इतने ऊंचे दाम पर मटके दे रहा है और पालिका खरीदने के नाटक भी रच रही है।
खास बात यह है कि जिस दिन पटवा जी आये थे उस दिन चर्च मैदान पर यह 100 मटके कहाँ रखे थे ? इनमें से ठंडा पानी कितने लोगों ने पिया यह बात खोज का विषय है ? और जब इतने मटको का बिल बनाया गया है तो यह पूछने की आखिर जो मटके इतने महंगे खरीदे गये हैं वो कहाँ गये तो जबाव है साहब मटके कोई लोहे के थोड़े ही हैं जो रखे रहेंगे अरे सारे के सारे फूट गये और क्या।
मतलब वर्फ पिघल गई और मटके फूट गये और किसी को कानों कान खबर भी नहीं हुई। लेकिन समस्या तो तब आन पड़ी जब इसका बिल नगर पालिका में लगा तो वहाँ पता चला कि इसका भुगतान तो पालिका नहीं करेगी बल्कि नोटसीट बनकर जिला पंचायत में जायेगी। जिला पंचायत में कितना भ्रष्टाचार होता है यह तो राम जाने लेकिन जबसे नगर पालिका उपरोक्त बिल पहुँचा वहाँ हायतौबा मची हुई कि इतने महंगे मटके कहाँ चले गये और वर्फ कैसे पिघल गई।
हालांकि इस बिल में एक और विशेषता यह है कि उस दिन कागज की पुड़िया में पुड़ी बंटी थी लेकिन यहाँ भोजन के नाम पर ढेर सारे दोने, पत्तल और डिस्पोजल का बिल भी बना है। इन मटको और वर्फ के साथ क्या दोने-पत्तल और डिस्पोजल भी खत्म हो गये हैं यह भी जांच का विषय है। अब देखते हैं कि जिला पंचायत कैसे इस बिल का भुगतान करती है? वहाँ बैठे लेखापाल क्या इसकी जांच करते हैं ? क्या आपत्ति लेते हैं या नगर पालिका और जिला पंचायत में सेटिंग हो जाती है।

आष्टा में पेट्रोल-डीजल का गंभीर संकट उपभोक्ता भटक रहे हैं दर-दर

आष्टा 2 जून (नि.सं.)। फुरसत ने दो दिन पूर्व जो शंका व्यक्त की थी वो आज स्पष्ट पेट्रोल पंपों पर नजर आ रही है पेट्रोल पंपों पर ना डीजल है और ना पेट्रोल उपभोक्ता दर-दर भटक रहा है। वही पेट्रोल पंपों के मालिक पेट्रोलियम कम्पनियों से रोजना सम्पर्क कर मांग कर रहे हैं कि पेट्रोल-डीजल दे लेकिन वे किसी भी बात को सुनने को तैयार नहीं है।
अगर 1-2 दिन और पेट्रोल-डीजल आष्टा नहीं पहुँचा तो उपभोक्ता सड़क पर आ सकते हैं वहीं उपभोक्ता को जबाव दे दे कर पेट्रोल पम्प मालिक थी थक गये हैं। जय भारत सर्विस स्टेशन के मालिक इकबाल भाई का कहना है कि 3-4 दिन से टेंकर कम्पनी में खड़े है डीडी भेज दिये हैं लेकिन माल नहीं दिया जा रहा है। रिजर्व स्टाक नियम अनुसार जो है वो रखा है। वहीं 3 दिनो से पेट्रोल-डीजल की सप्लाय नहीं होने एवं उपभोक्ताओं को नहीं मिलने से उनके वाहनों में जो स्टाक था वो खत्म होता जा रहा है और अब उपभोक्ताओं के वाहनों के पहिये अगर पेट्रोल-डीजल नहीं मिला तो थमे जा सकते हैं।
ज्ञात हुआ है की कम्पनियाँ डीजल तो थोड़ा बहुत देने की बात तो कर रही है लेकिन पेट्रोल नहीं है कर रहे हैं इसलिये पेट्रोल पम्प मालिक एक पदार्थ मंगाने को तैयार नहीं है।
आज भी आष्टा में पेट्रोल पम्पों पर वाहन मालिक पहुँचे लेकिन उन्हे नहीं है की सूचना देखकर वापस लौटना पड़ा अगर ऐसी स्थिति रही तो आष्टा में स्थिति विकट हो सकती है। प्रशासन क्या कर रहा है। वो कभी प्रेस को बताता ही नहीं है।
इस संबंध में एसडीओपी मनु व्यास ने बताया कि यह एक शुजालपुर और उजैन जिले की एक बड़ी गेंग है जो रात्रि में हाईवे पर डीजल और पेट्रोल से भरे टैंकर के चालक जब सोते हैं तब यह गेंग जो अपने साथ दो-तीन ट्रक जिसमें एक अनोखे तरह का डीजल-पेट्रोल स्टोर करने की व्यवस्था रहती है उसे साथ लेकर यह हाईवे पर निकलते हैं और चोरी करते हैं। इस संबंध में गिरोह के पकड़ाये सदस्यों से विस्तृत पूछताछ जारी है।

खड़े टेंकरों से डीजल चोरी करने वाले पकड़ाये

आष्टा 2 जून (नि.सं.)। आज सुबह लगभग 3 से 4 बजे के बीच अमलाहा में डीजल से भरे 3 टैंकर खड़े थे तब रात के अंधेरे का फायदा उठाते हुए इन टैंकरों से डीजल चोरी करते हुए ग्रामीणों ने दो डीजल चोरों को रंगे हाथों पकड़ा तथा 6-7 अन्य लोग भागने में सफल हो गये।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रेंकर क्रमांक एमपी.09केबी 1035, आर.जे.14 2जी 77 तथा एमपी09केडी 4517 जिनके चालक कैलाश वर्मा, प्रहलाद चालक, भरत जो कि टेंकर खड़ा कर सो रहे थे तभी डीजल चोर हफीज पुत्र हकीम खां 25 वर्ष निवासी मैनावत मक्सी एवं आबिद पुत्र अकबर खां उम्र 23 वर्ष निवासी उजैन व अन्य लोगों को टैंकर से डीजल चुराते हुए देख लिया। तब अमलाहा में ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित हो गई। भीड़ देखकर 6-7 डीजल चोर भाग खड़े हुए। यह दोनो ग्रामीणों के हत्थे चढ़ गये जिन्हे ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस के सुपुर्द किया। पुलिस ने बताया कि इन तीनों टैंकरों से पेट्रोल चोरों ने लगभग 600 लीटर डीजल डीजल चुरा लिया था जिसकी कीमत 21 से 22 हजार रुपये है। पुलिस ने कैलाश वर्मा निवासी सोंडा की शिकायत पर धारा 379 का मामला दर्ज कर लिया है तथा जो अन्य भाग गये उनकी पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है। स्मरण रहे कि इन दिनो पेट्रोलियम कम्पनियों द्वारा पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल व डीजल की सप्लाई लगभग रोक दी गई है जिससे सब जगह पेट्रोल डीजल का संकट खड़ा हो गया है।

ट्रक की टक्कर से मारुती सवार घायल

सीहोर 2 जून (नि.सं.)। इन्दौर भोपाल राजमार्ग पर फंदा फाटक के समीप रविवार की शाम एक लापरवाह ट्रक चालक ने आगे जा रही मारुती में टक्कर मार दी परिणाम स्वरुप मारुती में सवार तीन लोग घायल हो गये। जिन्हे प्राथमिक उपचार हेतु सीहोर अस्पताल भेजा गया। जानकारी के अनुसार कमला पार्क भोपाल निवासी इमरान पुत्र मो.कलीम अपनी बड़ी मम्मी शाजिया व बहन सुभैया के साथ रविवार की शाम मारुती क्रमांक एमपी. 09 एच.0481 से इछावर से भोपाल जा रहे थे तभी फंदा फाटक के समीप पीछे से आ रहे ट्रक क्रमांक एम.पी.09केसी 4935 के चालक ने मारुती में लापरवाही पूर्वक वाहन चलाकर टक्कर मार दी जिससे तीनों को साधारण चोंटे आई।

ट्रक की टक्कर से मारुती सवार घायल

सीहोर 2 जून (नि.सं.)। इन्दौर भोपाल राजमार्ग पर फंदा फाटक के समीप रविवार की शाम एक लापरवाह ट्रक चालक ने आगे जा रही मारुती में टक्कर मार दी परिणाम स्वरुप मारुती में सवार तीन लोग घायल हो गये। जिन्हे प्राथमिक उपचार हेतु सीहोर अस्पताल भेजा गया। जानकारी के अनुसार कमला पार्क भोपाल निवासी इमरान पुत्र मो.कलीम अपनी बड़ी मम्मी शाजिया व बहन सुभैया के साथ रविवार की शाम मारुती क्रमांक एमपी. 09 एच.0481 से इछावर से भोपाल जा रहे थे तभी फंदा फाटक के समीप पीछे से आ रहे ट्रक क्रमांक एम.पी.09केसी 4935 के चालक ने मारुती में लापरवाही पूर्वक वाहन चलाकर टक्कर मार दी जिससे तीनों को साधारण चोंटे आई।

11 जुंआरी गिरफ्तार

सीहोर 2 जून (नि.सं.)। मण्डी थाना पुलिस ने ताश पत्तों से हारजीत का दाव लगाकर जुंआ खेलते हुए मण्डी एवं गंज निवासी कल्लू पुत्र रामप्रसाद, मोहन पुत्र दुलीचंद, वीरेन्द्र पुत्र ओम प्रकाश, चौखेलाल पुत्र देवीलाल, मनीष पुत्र महेश, विजय पुत्र गेंदालाल, राधेश्याम पुत्र हरिबाबू, संतोष पुत्र हीरालाल, आनंद पुत्र कन्हैयालाल, हिम्मत पुत्र गणेशराम तथा अनार सिंह पुत्र मन्नुलाल को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके कब्जे से 501 रुपये नगदी व ताश पत्ते जप्त कर धूत अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया है।

बंजर खेत में भी पटवारी ने चना जला बताकर मुआवजे का प्रकरण बना दिया

आष्टा 2 जून (नि.प्र.)। आष्टा तहसील कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों की अनदेखी क्षेत्र में भ्रमण नहीं करने से एक और जहाँ अधिकांश निरंकुश हो गये हैं वहीं क्षेत्र के पीड़ितों, शोषितों, किसानों के हाल बेहाल हैं। इसका उदाहरण है आष्टा तहसील का ग्राम पावखेड़ी यहाँ के पटवारी ने एक कृषक से सांठ-गांठ कर उसकी ऐसे जमीन का मुआवजा प्रकरण बना दिया जिस जमीन में कभी चना बोया ही नहीं गया आज भी उक्त जमीन मौके पर बंजर पड़ी है। तथा उस जमीन पर केवल घांस ऊगी हुई है।
जब शिकायत ग्रामीणों ने की तो तहसीलदार मौके पर पहुँचे तो ग्रामीणों की शिकायत सही पाई गई अब पटवारी को निलंबित करने की कार्यवाही के लिये नोट शीट एसडीएम की टेबल पर पहुँची है। गेहूँ चने की सैकड़ो किसानों की फसलें ठंड से नष्ट हुई सीधे-साधे भोले भाले किसानों को तो पटवारियों ने अपने पास फटकने तक नहीं दिया जो किसानों ने बताया कि उसे लिखा नहीं जो लिखा वो सही नहीं लिखा। ऐसा कई किसान बताने रोजाना तहसील में पहुँच रहे हैं। आखिर ऐसा पटवारियों ने एक योजना के तहत ही तो किया होगा ? ग्राम पावखेड़ी के ग्रामीणों ने मुआवजे के जब चैक बंटे तो पाया एक किसान जिसका शामिल खाता विष्णुप्रसाद, महेश प्रसाद, दिनेश प्रसाद पुत्र चन्दर सिंह भूमि खसरा क्रमांक 2412 है को उक्त जमीन पर चना जला पाया बताकर मुआवजे के रुप में पटवारी ने प्रकरण बनाया और स्वीकृत करा कर मुआवजे का चैक दिया गया। जिस जमीन पर चना जलना बताया वो जमीन तो बंजर है। उस पर घांस ऊगी हुई है तब ग्रामीणों ने तहसीलदार बिहारी सिंह को शिकायत की तहसीलदार मौके पर पहुँचे तो शिकायत सही पाई गई। तहसील कार्यालय से बताया कि ग्रामीणों की शिकायत सही पाई गई है। उक्त जमीन पर घांस उगी है पटवारी के खिलाफ कार्यवाही के लिये एसडीएम महोदय की शिकायत पेश की है तथा जो मुआवजे का चैक दिया गया है वो भी वापस लिया जायेगा। यह तो एक शिकायत है ऐसे अनेकों ग्राम है और कई पटवारी है जिन्होने गेहूँ, चने जलने के मामले में अपने हाथों की खुजाल जमकर मिटाई है। अगर एसडीएम ग्रामों में जाकर देखें तो कई रोचक जानकारियज्ञँ उन्हे मिल सकती है। स्मरण रहे कुछ दिनों पूर्व मैना के कृषक मिश्रीलाल खाती ने भी एक कम मुआवजे की शिकायत की उसे भी देखा जाना चाहिये।

बिना प्याज कांटे ही आंसू निकल रहे हैं किसानों के

जावर 2 जून (नि.प्र.)। पिछले वर्ष अच्छे दाम मिलने से इस वर्ष क्षेत्र के यादातर किसानों ने प्याज की फसल लगाई और उत्पादन भी खूब हुआ लेकिन केन्द्र सरकार की गलत नीति के कारण प्याज उत्पादकों को प्याज के वाजिव दाम नहीं मिल रहे हैं यहाँ तक की लागत भी नहीं निकल रही है जिससे प्याज उत्पादक खासा परेशान है इस तरह बिना प्याज काटे ही आंसू निकल रहे हैं किसानों के।
कृषक रमेश चन्द पाटीदार ने बताया कि पिछले वर्ष प्याज के अच्छे दाम मिलने से इस वर्ष क्षेत्र के किसानों ने करीब एक हजार हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज की फसल लगाई थी प्याज की पैदावार भी बम्पर हुई लेकिन दाम बाजिव नहीं मिल रहे हैं यहाँ तक की लागत तक नहीं निकल रही है। पिछले वर्ष मई जून माह में जो प्याज 6 से 7 रुपये किलो बिका था वह प्याज वर्तमान में मात्र दो रुपये किलो ही बिक रहा है। प्याज कम भाव बिकने के पीछे केन्द्र सरकार की गलत नीति बताई जा रही है। बाबूलाल पाटीदार का कहना है कि केन्द्र सरकार ने प्याज का निर्यात कोटा 15 प्रतिशत कमल कर दिया जिससे भावों में भारी कमी आ गई। इस समय हालत यह है कि इन्दौर-भोपाल की सब्जी मंडियों में प्याज बेचने जाते हैं तो उसका खर्चा तक नहीं निकलता। इस वर्ष प्याज उत्पादक किसानों की हालत खराब है। क्षेत्र के प्याज उत्पादकों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्याज उत्पादकों की समस्या हल करने के लिये केन्द्र सरकार से बात कर प्याज के निर्यात पर लगी रोक हटाने की मांग की है।

करंट लगने से बालाखेड़ा में एक किसान एक बैल की मृत्यु

आष्टा 2 जून (नि.प्र.)। खेत पर बखख्र चलाकर घर लौट रहे किसान एवं उसके बैल को खेत में टूटे पड़े बड़ी लाईन के विद्युत तार से करंट लगने के बाद ग्राम बालाखेड़ा में आज सुबह एक किसान एवं उसके एक बैल की मृत्यु हो गई। उक्त घटना के बाद ग्राम में एक और जहाँ शोक छा गया वहीं विद्युत मझडल के खिलाफ भी जमकर आक्रोश व्याप्त है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम बालाखेड़ा निवासी जीवन सिंह पुत्र जगन्नाथ सिंह सेंधव उम्र 45 वर्ष आज सुबह से बैल बख्खर लेकर खेत पर गये थे। बख्खर चला कर वापस सुबह लगभग 10 बजे जब घर लौट रहे थे तो रास्ते में बड़ी लाईन का जो 2-3 दिन से टूटा तार पड़ा था जिसमें लाईट आ जाने से करंट प्रवाहित था पर पैर रखा गया जिससे जीवन सिंह की एवं एक बैल की मृत्यु हो गई। करंट लगने के बाद जीवन सिंह को आष्टा अस्पताल लाये यहाँ उसे डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में लोग ग्रामीणजन पहुँचे तथा विद्युत मंडल की लापरवाही को लेकर रोष व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता रतन सिंह ठाकुर ने नायब तहसीलदार श्री मकवाना से मांग की कि दोषी लाईन मेन के खिलाफ कार्यवाही की जाये क्योंकि उक्त तार 2-3 दिन से टूटा पड़ा था तथा कई ग्रामीणों ने इसकी शिकायत लाईन मेन से की थी लेकिन समय पर तार को नहीं जोड़ने के कारण उक्त घटना घटी सूचना मिलने पर भाजपा नेता कृपाल सिंह ठाकुर कांग्रेस नेता बापूलाल मालवीय, भैया एम.पी. भी अस्पताल पहुँच गये थे।

मामूली बात पर तलवार चलाकर युवक को घायल किया

सीहोर 2 जून (नि.सं.)। कस्बा स्थित चद्दर पुल पर रविवार की शाम नदी में नहाते समय मामूली बात को लेकर एक युवक ने दूसरे युवक पर तलवार से प्रहार कर जानलेवा चोंटे पहुँचाई।
घायल युवक को सीहोर अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद भोपाल स्थानान्तरित कर दिया गया है। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर घटना में प्रयुक्त आला जरर जप्त कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कस्बा निवासी 18 वर्षीय लखनलाल पुत्र मदनलाल कोली रविवार की शाम 5 बजे अपने साथी चंदेश सिंह, अमजद व कमलेश के साथ चद्दर पुल स्थित नदी में नहा रहे थे तभी भजू का छोटा भाई अचानक पानी में कूद पड़ा जिससे लखन को छींटे लगे तो लखन ने भजू के भाई को मना किया। जिस पर वह दौड़कर अपने भाई भजू को बुलाकर लाया। भजू ने लखन से यह कहते हुए की मेरे भाई को क्यों मारा हाथ में ली हुई तलवार से लखन के ऊपर प्रहार कर जानलेवा चोंटे पहुँचाई।

कुएं में गिरी गाय के प्राण बचाये

आष्टा 2 जून (नि.प्र.)। कल शाम को कन्नौद रोड के पास सेमनरी रोड पर स्थित विनोद पटेल के कुएं में घूमते हुए आ रही एक गाय अचानक कुए में गिर गई कुंआ पानी से भरा था कुएं में जाते ही गाय निकल जाये लेकिन काम नहीं हो पाया। पार्षद रवि सोनी को जब खबर लगी तो वे तत्काल काला तालाब पर पहुँचे यहाँ पर गहरीकरण के कार्य में जे.सी.बी. भी लगी थी काम रोक कर मशीन लाये और कुएं मे से गाय को निकाला और उसके प्राण बचाये।

ग्रामीणों ने लगाया पटवारी पर भ्रष्टाचार एवं भेदभाव पूर्ण नीति अपनाने का आरोप

जावर 2 जून (नि.प्र.)। हल्का नं. 9 के पटवारी पर ग्रामीणों ने लगाया भेदभाव करने एवं भ्रष्टाचार व खसरा खतौनी के नाम पर रुपये लेने का आरोप ग्रामीणों ने एसडीएम तहसीलदार एवं विधायक को की शिकायत। हल्का नं. 9 के पटवारी भूपेन्द्र सिंह पर ग्राम भाटीखेड़ा के किसानों ने भेदभाव पर्ूण्ज्ञ कार्यवाही करने एवं रिश्वत लेने का आरोपी भी लगाया।
ग्राम के तेज सिंह ने बताया कि पटवारी ने इस वर्ष पाले ठंड से हुए नुकसान का सर्वे कार्य में भेदभाव किया और जिन लोगों ने पटवारी को रुपये दे दिये उन्हे अच्छा मुआवजा मिल गया और जिनने रुपये नहीं दिये। उन्हे नाम मात्र का मिला कई किसानों के तो नाम ही नहीं लिखे तो कुछ के नाम गलत लिख दिये। पीड़ित किसानों ने उक्त भ्रष्ट पटवारी को हटाकर दूसरे पटवारी से पुन: सर्वे कार्य करवाने की मांग की है। श्री सिंह का कहना है कि पटवारी से कोई बात की जाती है तो पटवारी कहता है कि जाओ तुमसे बने वहाँ शिकायत कर दो मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। ग्राम के ही फूल सिंह ने बताया कि एक तरफ तो प्रदेश के मुख्यमंत्री किसानों को खसरा खतोनी की नकल किसानों को निशुल्क देने की बात कह रहे हैं लेकिन यहाँ तो उल्टा हो रहा है। यहाँ मुख्यमंत्री के निर्देश नहीं पटवारी के निदेश चल रहे हैं। पटवारी कहता है खसरा खतौनी की नकल चाहिये तो रुपये तो देना होंगे। कृषक रुप सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री के गृह जिले के जावर टप्पे के उक्त पटवारी के हौंसले इतने बुलंद हैं तो अन्य पटवारियों के क्या हाल होंगे। ग्राम के पीडित किसानों ने उक्त भ्रष्ट पटवारी पर कार्यवाही के लिये एसडीएम तहसीलदार एक क्षेत्रीय विधायक को आवेदन दिये। ग्रामीणों का कहना है कि यदि शिकायत के बाद भी यदि पटवारी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई तो हम ग्रामीण जिलाधीश एवं मुख्यमंत्री तक को भी शिकायत करेंगे।