Wednesday, January 23, 2008

फसलो को पाले से बचाने के लिए खेतो पर अलाव जलाएं

इछावर 22 जनवरी (फुरसत)। लगातार तीन दिनों से इछावर में कड़ाके की ठंड से लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए है । ठंड से सर्वाधिक पीड़ित प्रात: छात्राएं है जिनका स्कूृल प्रात: की शिफ्ट में है और उन्हें ठिठूरते हुए ही स्कूल पहुंचना अनिवार्य है । ठंड की भीषणताओं को देखकर बाजार भी आधे अंधूरे खुले रहे है। नगरवासी ठंड से बचने के अनेक उपाय अपनाएं हुएं है गांववासी जगह-जगह अपने स्तर पर ही अलाव जला-जला कर ठंड से मुक्ति पाने का प्रयास करने में लगे हुए है । लगातार बढ़ रही ठंड से किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरे भी दिखाई देने लगी है । ठंड लगातार इसी तरह पड़ती रही और तीव्र हुई तो फसलों पर पाला भी हो सकता है । मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि पाले से फसलों को बचाने के लिए आग जलाकर रखे ताकि फसलों के पास गर्मी बनी रहे।

जीप मोटर साईकिल भिड़ंत दो मरे

जावर 22 जनवरी (फुरसत)। आज दोपहर में लगभग डेढ़ बजे जावर थाने के अन्तर्गत इन्दौर भोपाल मार्ग पर खजूरिया जोड़ के पास एक मोटर साईकिल एवं जीप में आमने-सामने हुई भिड़ण्त में मोटर साईकिल पर सवार तीन में से दो लोगों की मृत्यु हो गई तथा एक गंभीर रुप से घायल हो गया। पुलिस के अनुसार दोपहर में मोटर साईकिल पर जावर से आष्टा सीहोर जा रहे एक सामने से आ रही जीप क्रमांक एम.पी.19 ई 5145 में आमने-सामने भिड़ंत हो गई।
जिसमें मोटर साईकिल पर सवार उमराव पिता हीरा जी उम्र 40 वर्ष निवासी कुर्लीकला एवं सोभाल सिंह पुत्र उमराव सिंह उम्र 32 वर्ष निवासी बागरिया डाल की मृत्यु हो गई तथा गोविंद पिता कुंजीलाल निवासी कुर्लीकला का पैर टूट गया। पुलिस ने धारा 304ए के अन्तर्गत जीप चालक के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।

दलित का अपमान करने वाले अभियुक्त को 6 महीने की सश्रम कारावास की सजा

सीहोर 22 जनवरी (फुरसत)। विधि सूत्र-स्पेशल प्रकरण नं. 592006में धारा-3 एससी.एसटी पी.ए.एक्ट में अभियुक्त विष्णुप्रसाद को न्यायाधीश एम.के.महेन्द्रा साहब ने 6 महिने के कठोर कारावास तथा अर्थदंड 500रु. की सजा का निर्णय दिया ।
अभियोजन की गाथा संक्षेप में इस प्रकार रही कि घटना दिनांक 6.5.06 को साढे चार बजे ग्राम ढाबलामाता में फरियादिया जो कि एक स्त्री है, के साथ बल प्रयोग कर उसकी लाज भंग करने के दुराशय से अभियुक्त विष्णुप्रसाद आ. नारायण सिंह नि. ढाबला ने उसका अपमान किया जो कि दलित वर्ग से थी । मामले की रिपोर्ट थाना इछावर पर की गई तथा विवेचक द्वारा कार्यवाही पूर्ण कर मामला मा. न्यायालय में भेजा जो कि आर.टी.नं. 143806 में दर्ज हुआ । मामला हरिजन एक्ट का होने से विशेष न्यायाधीश को सत्र समर्पित किया गया और विशेष प्रकरण क्र. 592006 पर अभियोजन ने अपना पक्ष रखते हुए आवश्यक साक्षीगण के बयान कराये गये । मामले में पैरवी करते हुए के.के.शर्मा, विशेष लोक अभियोजक ने बतलाया कि एम.के . महेन्द्रा ने साक्ष्य का सूक्ष्म अवलोकन किया दोनो पक्षों की अंतिम बहस सुनी गयी । तथा 7 पृष्ठीय निर्णय पारित किया गया । विद्वान विशेष न्यायाधीश महेन्द्रा ने अपने 7पृष्ठ के निर्णय में अभियुक्त विष्णुप्रसाद को दलित महिला के साथ अपमान कर उसके साथ जातिगत अपमान करने का मामला सिद्ध पाकर एस.सी., एस.टी. एक्ट में 6 महीने के सश्रम कारावास व 500रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। मामले की पैरवी म.प्र. राज्य की और से के.के. शर्मा विशेष लोक अभियोजक ने की ।

ब्राउन शुगर के अभियुक्त को 7-7 साल की सश्रम कारावास

सीहोर 22 जनवरी (फुरसत)। विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट एम.के.महेंद्रा ने अभियुक्त गण इलयास खां आ. सोहराब व आजाद खां आ. शेरखां को एनडीपीएस एक्ट के तहत दोषी पाकर सात-सात साल के कठोर कारावास एवं प्रत्येक को 20-20 हजार रुपये के अर्थदंड का फैसला सुनाया ।
अभियोजन की और से मामले की पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक अनिल शर्मा ने बताया कि अभियोजन गाथा के अनुसार दिनांक 30.9.2006 को थाना कोतवाली के उपनिरीक्षक जे.यू.सिद्दीकी को मुखबिर की विश्वस्त सूचना मिली की आरोपीगण काले रंग की मोटर सायकल पर सवार होकर प्रतिबंधात्मक ब्राउन शुगर विक्रय करने के लिये अवैध रूप से ले जा रहे है और इस हेतू शुगर फेक्ट्री के आसपास धूम रहे है । इस सूचना पर मय गवाहों व पुलिस बल के मौके लिये रवाना हुये तथा घेराबंदी कर आरोपी गण को पकड़ा जिनमें अंधरे का लाभ उठाकर एक आरोपी जिसका नाम खुर्शीद था वह भाग गया । दो अभियुक्त इलयास निवासी सेमला थाना कुरावर, व आजाद खां आ. शेरखां अरेस्ट किया और मामला विवेचना उपरांत मा. सत्र न्यायालय में समर्पित किया । विद्वान सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश एम.के.महेन्द्रा, एनडीपीएस एक्ट ने गवाह उपनिरीक्षक पंकज गौतम, आरक्षक संतोष साहू, राकेश उमेरे, संतोष पाठक, व आरक्षक शहादत बेग त्रषिदेव वर्मा, देवेंद्र पटेल, नमो नारायण व उपनिरीक्षक- जे यू सिद्दीकी व हरीश शर्मा, तत्कालीन टीआई की गवाही को सूक्ष्मता से अवलोकन किया व दोनो ही पक्षों की अंतिम बहस सुनी गयी और निर्णय पारित कर आरोपी गण का एनडीपीएस एक्ट के तहत सात-सात साल की कठोर कारावास व प्रत्येक अभियुक्त को 20-20 हजार रु. का अर्थदंड का फैसला सुनाया । अभियोजन की और से पैरवी अनिल शर्मा, विशेष लोग अभियोजक एसडीपीएस एक्ट नेकी । सजा वारंट तैयार कर अभियुक्तों को सजा भगतने जेल भेजा गया ।