Thursday, November 27, 2008

आपके हाथ में आपका भविष्य, आज मतदान अवश्य करें

      लम्बे समय से सीहोर निरन्तर बर्वादी की नई सीढ़ी चढ़ता नजर आ रहा है...मालवा के कोने पर बसा और भोपाल से सटा सीहोर, न घर सुरक्षित रख सका ना घांट। अंग्रेजों ने जिसे अपनी छावनी बनाया और जो सीहोर, भोपाल का भी जिला था, आज उस जिले में समृध्दि की कोई वस्तु नजर नहीं आती। शहरयार हायर सेकेण्डरी स्कूल हो जहाँ भोपाल के सभ्यघरानों के बच्चे पढने आते हों या प्रदेश का ख्यातिलब्ध कृषि महाविद्यालय दोनो बर्वाद हो चुके हैं। शिक्षा के नाम पर लूट-खसोट और अपसंस्कृति को बढ़ावा देते शिक्षण संस्थान ही हमारे पाले में हैं....आवासीय खुला भी तो किसी ने ध्यान नहीं दिया, सबकी निगाह सिर्फ उसके केन्टीन के ठेके पर ही रही व्यवस्थाओं पर नहीं...धीरे-धीरे यह विशेष संस्थान गंभीर बीमारी की चपेट में आ चुका है।

      रोजगार के हजारों अवसर उपलब्ध कराती और शान बढ़ाती फेक्ट्रियों को तो हम सबने मिलकर ही बर्वाद कर लिया। पेपर मिल को नोच-नोचकर खत्म कर दिया गया। हालांकि असुरक्षित पडी बेशकीमति सामान की चोरी नहीं होगी तो और क्या होगा। जो भी हो किसी समाजसेवी या राजनेता ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया था, आज भी संरक्षण देकर बचा-खुचा सामान चोरी कराया जाना चालू है। शकर कारखाने के लिये कोई आंदोलन करने नहीं आया, सोयाबीन प्लांट से किसी ने रिश्ता बनाने का प्रयास ही नहीं किया, जबकि यह प्लांट रांगोली तेल बनाकर पूरे प्रदेश में हमारी नाक ऊंची कर रहा था, जगमानक साल्वेंट प्लांट की याद तो कोई करने को ही तैयार नहीं है...गौचारे के प्लांट के विकास की किसी को चिंता ही नहीं है...मण्डी का ओद्योगिक क्षेत्र क्यों उजड़ रहा है किसी को मतलब नहीं....और थूना के पास स्थित ओद्योगिक जमीन पर कोई उद्योग कैसे लग सकता है ऐसा विचार किसी को आता ही नहीं...यहाँ एक व्यापारी बर्वाद होने की स्थिति में आता है तो हर एक खुशी मनाता है...राजनेता यादा खुश होते हैं।

      तीसरा महायुध्द पानी को लेकर होगा यह बात अटल जी कई बार कह चुके और आज हम देखने भी लगे हैं...आपसी द्वंद सिर्फ पानी को लेकर हो रहा है...अब जो कुछ पानी को लेकर मारपीट, हत्या, लड़ाई-झगडे हमारे यहाँ हो चुके उससे यादा इस अगले वर्ष के सूखे में होने की संभावना है...सीवन गहरीकरण जब हो रहा था तब कोई नेता सामने नजर नहीं आता था, सारे समाजसेवी अवश्य लगे हुए थे...काहिरी बंधान के लिये आज तक किसी ने कुछ नहीं किया...पार्वती का दूसरा चरण 10 साल से अटका पड़ा है किसी को फिक्र नहीं है....आज हम चुपचाप 10 दिन में एक बार नल आता देखते हैं और हर दिन के हिसाब से नगर पालिका में भुगतान करते हैं...सीवन साल में चार बार सूखती है...नाले पर अतिक्रमण इतना हो चुका है कि नाला अब गटर मलमूत्र और नगर के कचरे का कचराघर बन गया...।

      जिस सीहोर की चार दिशाओं में भोपाल नबाव ने चार बड़े तालाब खुदवाये थे ताकि सीहोर को पानी की कमी न रहे, जमोनिया तालाब, भगवानपुरा तालाब, कोनाझिर तालाब सब हमारे लिये हैं...लेकिन इनके संरक्षण की तरफ किसने ध्यान दिया...? किसी का दिमाग चला भी तो उसकी फूटी खोपड़ी से निकला कि गंज के पीछे के फूटे तालाब को सही किया जाये...रुपये भी बर्वाद हुए और पानी भी नहीं रुक सका। जलाभिषेक के रुपये आये तो एक ठेकेदार ने पं.दीनदयाल नगर हाउसिंग बोर्ड में एक तालाब बना दिया (ढूंढो तो जाने)....।

      आज हमारे पास ना पानी है....न फेक्ट्री उद्योग धंधा है और ना ही शिक्षा है...। तीन तरफा बर्वादी हुई है जैसे किसी का श्राप लग गया हो या फिर उच्चकोटि की राजनीति के माध्यम से यह सब बर्वादी हुई हो...जो भी हुआ हो हम बर्वाद हो चुके हैं...।

      आज मतदान है...कर्तव्य के साथ अपने भविष्य को संवारने की ताकत आज हमारे पास है, सोच-समझकर, बहुत सोच-विचारकर हमें मतदान करना होगा...किसी से संबंध या रिश्ते होने के कारण दबने की जरुरत नहीं...खूब विचारें...तीन विकल्प हैं....कौन क्या कर सकता है यह सोचें...किसने आज तक क्या किया यह सोचें...आगे कौन क्या कर सकता है...किसके पास उर्जा है...शक्ति है...इच्छा है...आपके हाथ में आपका भविष्य है...। मतदान अवश्य करें।

नन्द भैया

जबर्दस्त चली तोड़-फोड़, रात भर दौड़े वाहन, कड़ी-पुड़ी बनाने वाले को ही उठा लाई पुलिस

सीहोर 26 नवम्बर (नि.सं.)। चुनाव के अंतिम दिन बुधवार को दोपहर बाद से ही कत्ल की रात जैसा माहौल बन चुका था...हर तरफ अफरा-तफरी, हर पार्टी के कर्ताधर्ताओं में तनाव की स्थिति....भागम-भाग जारी थी। सबको शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों का सबसे यादा तनाव था। हर प्रत्याशी अपनी सम्पूर्ण दम-खम के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में घूम रहा था। अपने प्रभाव वाले ग्रामों में जाने की बजाये आज दिन व रात भर उन ग्रामों में दखल दिया गया जहाँ विरोध करने वाले यादा ही उग्रता दिखा रहे थे...उन्हे कैसे साम-दाम अथवा दण्ड-भेद से शांत किया जाये इसके प्रयास हुए। गढ़ तोड़ने, अपने पक्ष में करने अथवा उजाड़ देने के प्रयास भी हुए। बाहुबल का प्रयोग जमकर हुआ।

      मतदान के एक दिन पूर्व जिसे चुनावी कत्ल की रात क हा जाता है, वाकई कई कारनामे हुए। बहुत बडी संख्या में बाहुबल के प्रयोग की चर्चाएं तो देर रात से ही शुरु हो गई थीं, लेकिन इतनी तरह की चर्चाएं सामने आईं कि लोग हतप्रभ रह गये। ग्रामीण क्षेत्रों को सारे ही प्रमुख प्रत्याशियों को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना रखा है। ग्रामीण क्षेत्रों में ही सर्वाधिक तोड़फोड होती है यह भी सत्य है, इसलिये वहाँ कहीं दादागिरी या धन के दम पर मतदाताओं को प्रभावित न किया जाये इस पर हर प्रत्याशी ने आज नजर रखी। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्याशी व उनके बहुतायत समर्थक बारीकी से निगाह रखे हुए थे।

      जानकारों का कहना था कि एकाधिक प्रत्याशियों ने बाहर से भी अपने बाहुबलि साथियों को बुलाया है। हालांकि विधानसभा क्षेत्र में बाहरी व्यक्तियों की उपस्थिति नहीं रहने की बातें कही जा रही थी लेकिन चर्चाओं को रोका भी तो नहीं जा सकता।

      जानकारों का कहना है कि रातभर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्याशियों के वाहन घूमेंगे और अपने ढंग से टेलर दिखायेंगे, हर तरह से जिसे (मतदाता को)जो समझाना होगा समझाया जायेगा और उसे समझना भी पड़ेगा।

बजरंग दल विहिप ने भाजपा

के पक्ष में प्रचार शुरु किया

      चुनाव के अंतिम दिनों में कई चर्चित पर्चे मैदान में आ गये हैं। तीनों ही तरह के प्रत्याशियों के लिये तरह-तरह के पर्चे चौराहों पर बंट चुके हैं। बांटने वाले बांटकर कब गायब हो गये पता ही नहीं चला। भाजपा के पक्ष में एक पर्चा बड़ा धार्मिक है जिसमें पाँच भगवानों के फोटो व मंत्रों के साथ सनातन हिन्दु धर्म के पक्ष में महत्वपूर्ण बातें लिखी गई हैं बल्कि जनता से भाजपा को जिताने के लिये गणेश जी के मंत्र का 108 बार जाप करने तक का कहा गया है। इस पर्चे को बांटने वालों के नाम में अमरनाथ संघर्ष समिति, बजरंग दल, विहिप कुल 8 संगठनों के नाम शामिल हैं।

चर्चित भतीजा 15 लाख रुपये बांटते हुए दिखा

      आज अफवाहों का बाजार भी सरगर्म रहा। शाम से ही यह बात लगातार कही जाती रही कि पुलिस ने ग्रामीण क्षेत्रों से एक चर्चित भतीजे को एक-दो नहीं बल्कि पूरे 15 लाख रुपये के साथ पकड़ा है। यह ग्रामीणों को इसके पूर्व कई लाख रुपये बांटते हुए आगे जा रहा था। जिसकी शिकायत पर पुलिस मौके पर पहुँची और इसे रुपये सहित पकड़ा गया। लेकिन इस बात पर पुलिस लगातार ना-नुकुर करती रही स्पष्ट कुछ भी कहने को तैयार नहीं थी। यह अफवाह थी या हकीकत राम जाने।

 

 

 

मतदान केन्द्र अधिकारी नशे में धुत मिला

      आष्टा 26 नवम्बर (नि.सं.)। आष्टा विधानसभा क्षेत्र के मतदान केन्द्र क्रमांक 171 ग्राम मैना झोन क्रमांक 15 पर तैनात मतदान केन्द्र अधिकारी क्रमांक 2 ने आज अपने मतदान केन्द्र पर शराब पीकर उधम मचाई।

      मैना चौकी प्रभारी मालवीय ने बताया कि आज दोपहर में झोन क्रमांक 15 के झोनल अधिकारी श्री विश्वकर्मा अपने झोन के मतदान केन्द्रों पर निरीक्षण के लिये पहुँचे तब मैना में मतदान केन्द्र क्रमांक 171 के मतदान अधिकारी क्रमांक 2 जगदीश कहार जो कि बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नस. गंज में सहायक अध्यापक हैं इनकी डयूटी 27 नवम्बर को चुनाव कार्य सम्पन्न कराने के लिये कराई गई थी ने आज शराब पीकर जमकर उधम मचाई। तब पीठासीन अधिकारी व झोनल अधिकारी पंचनामा बनाकर शिकायत मैना चौकी को की। नशे की हालत में कर्मचारी को आष्टा सिविल अस्पताल लाकर इनका मेडिकल कराया गया तथा बाद में रिजर्व मतदान दल में से एक कर्मचारी को आष्टा से मैना भेजा गया।

भाजपा हमने छोड़ी है वे क्या निकालेंगे

सीहोर 26 नवम्बर (नि.सं.)। भाजपा में मनमानी, असामाजिक तत्वों को महत्व, जनभावनाओं के विरोध के बाद भी विवादस्पद लोगों को टिकिट देने के विरोध स्वरूप हमने भाजपा से इस्तीफा दिया और भाजश की सदस्यता ली है अब भाजपा संगठन हमें निकालने का कोरा ढोंग कर रहा है। यह बात भाजपा छोड़कर भाजश में जाने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मेहरबानसिंह बलभद्र ने एक विज्ञप्ति जारी कर कही।

      श्री बलभ्रद ने कहा कि नाम निर्देशन पत्र जमा कराने के पहले ही मैंने अपने साथियों के साथ जिसमें भाजश प्रत्याशी सन्नी महाजन भी शामिल है, भाजपा को छोड़ने की घोषणा की थी जो समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित भी की थी। भाजपा छोड़ने के कारण हमने बताए थे। अब बीस दिन बाद भाजपा नेता निष्कासन का ढोंग कर रहे हैं। भाजपा नेता हमें क्या निकालेंगे हमने तो खुद भाजपा को त्यागा है। भाजपा हमे अब समर्पित कार्यकर्ताओं की आवश्यकता नहीं रही अब तो भाजपा में महिलाएं भी असुरक्षित हो गई हैं। पहले भाजपा नहीं छोडते तो अब तो छोड़ना ही पड़ता। श्री बलभद्र ने कहा कि भाजपा अब संगठन पतन की ओर जा रहा है इसका प्रमाण जनता देखेगी। उनका कहना है कि सीहोर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी को अपने प्रभाव का अब अच्छा ज्ञात हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस बार भाजपा को नहीं बल्कि भाजश प्रत्याशी सन्नी महाजन को जिताने के लिए लोग बेताब है। भाजपा में ऐसा ही ढोंग चलता रहा तो जो लोग चुनाव में घर बैठे है वह भी भाजपा को अलविदा कहने में देर नहीं करेंगे।

 

 

 अंतिम दिन सिर्फ भाजपाईयों पर की भाजपा ने मेहनत

      सीहोर 26 नवम्बर (नि.सं.)। घर-परिवार में यदि मनमुटाव हो भी जाये तो उसे साथ बैठकर सुलझा लेना चाहिये, कोई तीसरा व्यक्ति घर की लड़ाई का लाभ उठाये ऐसा नहीं होना चाहिये इससे तो घर ही कमजोर होता है। कुछ इसी तर्ज पर और इसी बात के आधार पर आज अंतिम दिन भाजपा ने नाराज भाजपाईयों क ी ही नाराजगी दूर करने के उपक्रम जारी रखे। भाजपा से कुछेक समाज के बहुतायत लोग नाराज थे। छावनी के एक समाज के लोग जनशक्ति का काम कर रहे थे। उस समाज की एक विशेष बैठक आज सम्पन्न कराई गई, नवयुवकों को बुजुर्गों ने कहा कि बेटा हमारी जिंदगी भर की कमाई पर तुम लोग नगाड़ा बजाकर पानी फेर दोगे, तो युवा अंतत: बड़ो का सम्मान करने के लिये तैयार हो गये। फिर समाज को आज तक पहुँचे लाभ और भविष्य के लिये विचार-चिंतन भी हुआ। और अंतत: राजी-खुशी घर की बात घर में निपट लिये जाने वाली खुशी दर्शाई गई।

      गंज क्षेत्र के एक समाज के बहुतायत लोगों की नाराजी के लिये भी आज भाजपा ने एक बैठक ली। जिसमें समाज के सभी सम्मानीय लोगों को बुलाकर लम्बी बातचीत चली। समाज के वरिष्ठ लोगों ने जहाँ वर्षों से स्वयं के भाजपा से जुड़े होने की बात कही वहीं शिवराज का नाम भी आया। यहाँ भी राजी-खुशी बैठक सम्पन्न हो गई। भाजपा ने आज दिनभर टुकड़ो-टुकड़ो में कई ऐसे लोगों व परिवारों की तरफ यादा ध्यान दिया जो या तो खुलकर नाराजगी व्यक्त कर रहे थे अथवा अंदर ही अंदर नाराज थे। कहीं शपथ दिलाई गई तो कई मनानवे हुए। भाजपाईयों पर ही भाजपा की हुई मेहनत की चर्चाएं आज दिनभर चलती रहीं।

 

 

 

कांग्रेस ने कत्ल की रात मुस्लिम मतदाताओं को संगठित किया

      सीहोर 26 नवम्बर (नि.सं.)। आज अंतिम दिन कांग्रेस ने सर्वाधिक रुप से अपने मुस्लिम मतदाताओं की तरफ ध्यान दिया। सुबह से लेकर रातभर मुस्लिम मतदाताओं की तरफ ध्यान दिया गया। प्रभावी मुस्लिम समाज के लोगों ने भी सहयोग दिया। पिछले दिनों बाहर से आये मुस्लिम समाज के वाहनों ने भी जो माहौल बिगाड़ा था उसे कमजोर करने के लिये आज कांग्रेस ने सारे प्रयास किये हैं।

      बैठकों के बाद सफलता की मुस्कान भी देखी गई।

      26 नवम्बर को अंतिम क्षणों में एक बारगी फिर कांग्रेस ने मुस्लिम मतदाताओं की तरफ रुख करते हुए उन्हे समझाया। वर्षों की परम्परा और साथ की बातें हुई। पूर्व में दिये गये सहयोग का स्मरण दिलाया गया, बाहर से आये प्रभावी लोगों ने तथा समाज के ही प्रमुख लोगों ने बहुत दमदारी से कांग्रेस के पक्ष में बातें की तथा  अपनी ताकत को संगठित करने के लिये सबको उत्साहित किया गया। काफी देर तक और अनेक स्थानों पर समझाईश दी गई और हर बैठक में यह कहा गया कि समाज की एकता और ताकत दिखाना आवश्यक है। जानकारों के अनुसार लगभग हर प्रयास के बाद बिखरी मुस्कान ने यह इंगित किया कहीं कुछ कांग्रेस ने अपना काम कर लिया है।

      ग्रामीण क्षेत्रों में भी विशेषकर अहमदपुर सेक्टर में कांग्रेसियों की सक्रियता की खबरें और वहाँ घटित अनेक घटनाएं आज नगर में आती रहीं।

 

दो उम्मीदवारों के खिलाफ एफ.आई.आर.

      सीहोर 26 नवम्बर। विधान सभा क्षेत्र 156-बुधनी से चुनाव लड़ रहे दो अभ्यर्थियों द्वारा व्यय लेखा प्रस्तुत नहीं किए जाने के चलते उनके खिलाफ एफ.आई. आर.दर्ज करा दी गई।

      वरिष्ठ लेखाधिकारी एवं प्रभारी अधिकारी (आय-व्यय लेखा) ने बताया है कि विधान सभा क्षेत्र 156-बुधनी में गोंडवाना मुक्ति सेना की ओर से चुनाव लड रहे अभ्यर्थी सुमेर सिंह और निर्दलीय प्रत्याशी अब्दुल जब्बार के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। प्रभारी अधिकारी आय-व्यय लेखा ने बताया कि इन दोनों प्रत्याशी द्वारा निर्धारित दिनांक 14 नवम्बर एवं 18 नवम्बर,08 पर व्यय लेखा प्रस्तुत नहीं किया गया था जिसके चलते उन्हें नियमानुसार नोटिस जारी किए गए। नोटिस जारी होने के बावजूद भी इनके द्वारा व्यय लेखा प्रस्तुत नहीं करने पर रिटर्निंग ऑफीसर द्वारा दिए गए निर्देश के मुताबिक एफ. आई.  आर. दर्ज करा दी गई।

संचार प्रणाली से जुड़ा होगा हर मतदान केन्द्र

सीहोर : 26 नवम्बर।  कलेक्टर  एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री डी.पी.आहूजा ने कहा है कि इस बार के चुनाव में हर मतदान केन्द्र संचार प्रणाली से जुड़ा होगा और यह संचार प्रणाली मतदान के दौरान पूरी तरह सजग होकर कार्य करेगी।

      कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री डी.पी.आहूजा ने निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के हवाले से बताया है कि जिन मतदान केन्द्राें में संचार की कोई अन्य व्यवस्था नहीं होगी वहां एक शासकीय सेवक को मतदान केन्द्र कक्ष और परिसर में मोबाइल फोन ले जाने तथा उसका उपयोग करने के लिए प्राधिकृत किया जायगा।

      यह शासकीय सेवक बी.एल. ओ. या पीठासीन अधिकारी हो सकता है। शासकीय सेवक को यह प्राधिकार रिटर्निंग आफीसर द्वारा केन्द्रीय प्रेक्षक की जानकारी में लाकर मतदान केन्द्रवार लिखित अनुमति के आधार पर दिया जायगा। यह प्राधिकार रिटर्निंग ऑफीसर द्वारा लिखित में जारी किया जायगा जो सामग्री वापस जमा करने तक संभाल कर रखना पडेगा। प्राधिकार पत्र में मोबाइल का नम्बर और उसके मालिक का विवरण लिखा जायगा।

       सामग्री वितरण के समय इस प्रकार प्राधिकृत व्यक्ति को संबंधित केन्द्रीय प्रेक्षकों, जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी, आर.ओ., ए.आर.ओ., सेक्टर मजिस्ट्रेट और श्री जोनल अधिकारी के मोबाइल एवं अन्य संपर्क नम्बर जरूरी तौर पर सूचीबध्द कराए जांएगे। मतदान केन्द्र के भीतर ऐसा मोबाइल सायलेन्ट मोड पर रखा जायगा। मतदान दल की रवानगी से लेकर सामग्री वापस जमा किए जाने तक प्राधिकृत व्यक्ति इस मोबाइल फोन से केवल तयशुदा  जरूरी जानकारियों सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए बात कर सकेगा। मोबाइल फोन का उपयोग केवल प्राधिकृत व्यक्ति के नियंत्रण में उसके द्वारा किया जायगा। किसी भी सूरत में इस मोबाइल फोन का उपयोग करके अन्य कॉल्स को कतई अटेण्ड नहीं किया जायगा। अवांछनीय सूचनाआें के आदान-प्रदान को अत्यन्त गंभीरता से लिया जायगा और इस अनियमितता पर कठोर कार्रवाही की जायगी।