Friday, February 15, 2008
वेलेंटाइन पर प्यार जताने हरदा से आष्टा पहुँचे मजनू की लैला ने लू उतारी....
आष्टा 14 फरवरी (फुरसत)। आज वेलेंटाइन डे पर आष्टा नगर के बुधवारा क्षेत्र में हरदा क्षेत्र से प्यार का इजहार करने आया एक युवक एक लकड़ी के हाथों पीटते-पीटते बच गया पीटने से बचने का कारण उक्त युवक ने उक्त युवती से हाथ जोड़ कर माफी मांगी। फुरसत के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हरदा शहर का एक युवक एक लड़की को पिछले 2-3 दिनों से परेशान कर रहा था कल पुन: उक्त युवक ने इस युवती से कहा कि कल वेलेंटाइन डे है मैं तुमसे मिलना चाहता हूँ उक्त युवती ने मौके का फायदा उठाकर उक्त युवक को सबक सिखाने एवं उसके प्यार का भूत उतारने की सोची और कल युवती ने उक्त युवक को आष्टा में एक निश्चित स्थान पर बुला लिया। युवक की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और जैसे-तैसे रात काटी और आज सुबह अपनी मोटर साईकिल से हरदा क्षेत्र से रवाना हुआ पूरे रास्ते उसने कई सपने भी संजोये होंगे आष्टा पहुँचा उक्त युवक पूछते-पूछते बताये स्थान पर पहुँचा। युवती ने उसे देख पूछा हरदा से आये हो युवक ने कहा हाँ...बस फिर क्या था युवती ने उसकी ऐसी लू उतारी कि वो जिंदगी भर वेलेंटाइन-डे याद रखेगा बाद में उसे जब छोड़ा जब उसने उसे बहन कहकर माफी मांगी। हसनी सपने संजोकर हरदा क्षेत्र से आष्टा आया उक्त युवक ऐसी स्थाई याद लेकर आष्टा से हरदा क्षेत्र गया की शायद वो आज का वेलेंटाइन-डे जिंदगी भर नहीं भूल पायेगा। जो इलाज इस प्रेमी का आज उक्त युवती ने किया अगर मनचलों को सबक सिखाने के लिये युवती ऐसी ही कमर कर सें तो फिर क्या कहने...। fursat sehore
जब रावण से युध्द करते राम जी पीछे हट गये, और यह सुन हनुमान नाराज हुए
सीहोर 14 फरवरी (फुरसत)। जो ज्ञान परमात्मा का ज्ञान न कराए, वह व्यर्थ है। ज्ञान तो मुक्ति के द्वार खोल देता है, यदि ज्ञान के द्वार हम मुक्ति का मार्ग न खोज पाएं तो उस ज्ञान का कोई अर्थ नहीं है। परमात्मा पर भरोसा करो तो पूरी श्रध्दा के साथ करना, कोई संशय नहीं रखना। जब तक परमात्मा पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहोगे, वह आपकी मदद उतनी तत्परता से नहीं करेगा इसलिये संशय रुपी विचार को परमात्मा की भक्ति के समय अपने मन से हटाने में ही कल्याण है।
इस आशय के उद्गार काशी से पधारे स्वामी रामकमल दास जी महाराज ने विधायक रमेश सक्सेना के गृहग्राम में लगातार 27 वीं बार मानस प्रचार समिति बरखेड़ाहसन के तत्वाधान में हो रही संगीतमय श्रीराम कथा के दूसरे दिन बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। स्वामी जी ने कहा कि हनुमान जी और वाल्मिकी जी के बीच हुए प्रसंग को रोचक तरीके से सुनाते हुए कहा कि वाल्मिकी जी ने अपनी रामायण में लिखा है कि राम-रावण युध्द में रामजी ने एक बार अपने कदम पीछे हटाए थे, जब यह हनुमान जी ने पढ़ा तो उन्होने वाल्मिकी जी से इस लाईन को हटाने की बात कही और कहा कि मैं राम जी के साथ पग-पग पर था उन्होने कभी अपने कदम पीछे नहीं हटाए। जब वाल्मिकी जी ने कहा कि यह रामायण मैने अपनी समाधि स्थिति में लिखी है इसलिये गलत नहीं हो सकती तब यह मामला श्रीराम दरबार में पहुँचा तब श्रीराम ने कहा कि दोनो ही अपनी-अपनी जगह सही हैं क्योंकि जब मेरा और रावण का युध्द हो रहा था तब हम दोनो लड़ते-लड़ते इतने नजदीक आ गए कि हमारी छातियाँ टकराने लगीं तब धनुष की प्रत्यंचा पर वाण को चढ़ाने के लिये मुझे एक कदम पीछे रखना पड़ा इसलिये हनुमान जी जो कह रहे हैं वह भावनात्मक सत्य है और जो वाल्मिकी जी ने कहा वह तथ्यात्मक सत्य है इसलिये दोनो ही अपनी जगह सही हैं।
स्वामी जी ने कहा कि भगवान श्री राम ने सुतीक्ष्ण, शबीरी और केवट जो ज्ञानी भक्त नहीं थे, उन्हे बिना मांगे अपनी अविरल भक्ति प्रदान की है जब ज्ञानी भक्ति करते हैं तो उसमें उतना भाव नहीं आ पाता और वे किनतु परन्तु करते हैं। इसलिये अज्ञानी भक्त को भगवान की प्राप्ति अधिक सुलभ है। उन्होने कहा कि लेकिन, किंतु, परंतु और अंग्रेजी भाषा के वट शब्द ने आज पूरे संसार को नचा रखा है इसलिये भक्ति में शंका नहीं करें। उन्होने हनुमान जी के शिक्षाग्रहण की बात कहते हुए प्रसंग सुनाया और कहा कि उनसे कठिन शिष्य अभी तक कोई नहीं हुआ जिस तरह उन्होने शिक्षा ग्रहण की वह अद्भुत है। स्वामी जी ने बताया कि विश्व में कुल 226 लोगों द्वारा लिखी गई रामायण मौजूद हैं। कथा के बीच में स्वामी जी ने कई सुमधुर भजनों का रसास्वादन भी कराया। कथा स्थल पर व्यापक तैयारियाँ कर इसे भव्य स्वरुप प्रदान किया गया। दो दिन से लगातार बरखेड़ाहसन में श्रीरामरस की गंगा बह रही है। विधायक रमेश सक्सेना ने सभी धर्मप्रेमियों से श्रीरामकथा में उपसिथत होने का अनुरोध किया है। fursat sehore
इस आशय के उद्गार काशी से पधारे स्वामी रामकमल दास जी महाराज ने विधायक रमेश सक्सेना के गृहग्राम में लगातार 27 वीं बार मानस प्रचार समिति बरखेड़ाहसन के तत्वाधान में हो रही संगीतमय श्रीराम कथा के दूसरे दिन बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। स्वामी जी ने कहा कि हनुमान जी और वाल्मिकी जी के बीच हुए प्रसंग को रोचक तरीके से सुनाते हुए कहा कि वाल्मिकी जी ने अपनी रामायण में लिखा है कि राम-रावण युध्द में रामजी ने एक बार अपने कदम पीछे हटाए थे, जब यह हनुमान जी ने पढ़ा तो उन्होने वाल्मिकी जी से इस लाईन को हटाने की बात कही और कहा कि मैं राम जी के साथ पग-पग पर था उन्होने कभी अपने कदम पीछे नहीं हटाए। जब वाल्मिकी जी ने कहा कि यह रामायण मैने अपनी समाधि स्थिति में लिखी है इसलिये गलत नहीं हो सकती तब यह मामला श्रीराम दरबार में पहुँचा तब श्रीराम ने कहा कि दोनो ही अपनी-अपनी जगह सही हैं क्योंकि जब मेरा और रावण का युध्द हो रहा था तब हम दोनो लड़ते-लड़ते इतने नजदीक आ गए कि हमारी छातियाँ टकराने लगीं तब धनुष की प्रत्यंचा पर वाण को चढ़ाने के लिये मुझे एक कदम पीछे रखना पड़ा इसलिये हनुमान जी जो कह रहे हैं वह भावनात्मक सत्य है और जो वाल्मिकी जी ने कहा वह तथ्यात्मक सत्य है इसलिये दोनो ही अपनी जगह सही हैं।
स्वामी जी ने कहा कि भगवान श्री राम ने सुतीक्ष्ण, शबीरी और केवट जो ज्ञानी भक्त नहीं थे, उन्हे बिना मांगे अपनी अविरल भक्ति प्रदान की है जब ज्ञानी भक्ति करते हैं तो उसमें उतना भाव नहीं आ पाता और वे किनतु परन्तु करते हैं। इसलिये अज्ञानी भक्त को भगवान की प्राप्ति अधिक सुलभ है। उन्होने कहा कि लेकिन, किंतु, परंतु और अंग्रेजी भाषा के वट शब्द ने आज पूरे संसार को नचा रखा है इसलिये भक्ति में शंका नहीं करें। उन्होने हनुमान जी के शिक्षाग्रहण की बात कहते हुए प्रसंग सुनाया और कहा कि उनसे कठिन शिष्य अभी तक कोई नहीं हुआ जिस तरह उन्होने शिक्षा ग्रहण की वह अद्भुत है। स्वामी जी ने बताया कि विश्व में कुल 226 लोगों द्वारा लिखी गई रामायण मौजूद हैं। कथा के बीच में स्वामी जी ने कई सुमधुर भजनों का रसास्वादन भी कराया। कथा स्थल पर व्यापक तैयारियाँ कर इसे भव्य स्वरुप प्रदान किया गया। दो दिन से लगातार बरखेड़ाहसन में श्रीरामरस की गंगा बह रही है। विधायक रमेश सक्सेना ने सभी धर्मप्रेमियों से श्रीरामकथा में उपसिथत होने का अनुरोध किया है। fursat sehore
मुस्लिमों ने भी माता पूजन के लिये पूजन सामगी दी
जावर 14 फरवरी (फुरसत)। बुधवार को ग्राम ग्वाला में माता पूजन का कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो गया ग्राम में माता पूजन को लेकर गांव वासियों में उत्साह का माहौल था। इस दौरान ग्राम में बड़ी संख्या में मेहमानों का आगमन हुआ था। यह पूजा ग्राम में एकता के रुप में भी मानी जाती है। बुधवार प्रात: तीन बजे ग्राम पटेल द्वारा शीतला माता का पूजन विधि-विधान से करने के बाद पूजन का सिल सिला शुरु हो गया था जो दिन चढ़ने तक चलता रहा। शीतला माता का पूजन सभी समाज के लोगों द्वारा किया गया। ग्राम के मांगीलाल पटेल ने बताया कि माता पूजन के दौरान महिलाएं अपने सिर पर अगि्युक्त सिगड़ी रखकर नंगे पैर पूजन के लिये पहुँची। इस दौरान दोनो हाथ कच्चे सूत से बंधे थे। बाद में पूजन स्थल पर पहुँची जहाँ पर इन महिलाओं के भाई द्वारा अगि्युक्त सिगड़ी उतारी गई। गौरतलब है कि ग्राम पटेल को एक माह पहले स्वप् आता है उसके बाद पटेल द्वारा सभी लोगों को इसकी जानकारी दी जाती है उसके बाद ग्रामवासी मिलकर पंडित से माता पूजन करने का मुहूर्त निकलवाते हैं। मुहूर्त निकलने के बाद सभी ग्राम वासी माता पूजन की तैयारी में जुट जाते हैं। घरों की साफ सफाई की गई महिलाएं द्वारा मंगल गीत गाये गये। माता पूजन कार्यक्रम को लेकर ग्राम के सभी समाज के लोगों द्वारा अपने-अपने रिश्तेदारों एवं मिलने वालों को आमंत्रित किया गया था माता पूजन कार्यक्रम में हजारों की तादात में लोग पहुँचे थे। गांव में जहाँ कई परिवारों द्वारा शुध्द शाकाहारी भोजन की व्यवस्था की गई थी वहीं कुछ परिवारों में पशुओं की बली भी चढ़ाई गई थी इस दौरान कुछ लोगों ने मदिरा का भी जमकर सेवन किया था। माता पूजन कार्यक्रम में शामिल होने के लिये एक दिन पहले से ही मेहमान बड़ी संख्या में पहुँच गये थे। गांव में कोई घर ऐसा नहीं था जहां मेहमान नहीं थे। बुधवार को पूरे गांव में उत्साह जैसा माहौल दिखाई दिया। इस दौरान बाहर से आये मेहमान अपने रिश्तेदारों के लिये कपड़े लेकर भी पहुँचे थे। माता पूजन कार्यक्रम में कोई किसी प्रकार की गड़बडी न हो इसके लिये गांव में पुलिस बल भी लगाया गया था।
मुस्लिम समाज द्वारा भी पूजन सामग्री भेजी गई
मुस्लिम समाज द्वारा भी पूजन सामग्री भेजी गई
गांव गेर माता पूजन कार्यक्रम में मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा भी सहयोग प्रदान किया गया। सरपंच सलीम खां ने बताया कि माता पूजन कार्यक्रम में हमारी तरफ से भी नारियल अगरबत्ती व पूजन साम्रगी दी गई। fursat sehore
मवेशी चोर गिरफ्तार
सीहोर 14 फरवरी (फुरसत)। मण्डी थाना पुलिस ने एक मवेशी चोर युवक को गिरफ्तार कर उससे नगदी पाँच सौ रुपये बरामद किया है जिसका एक साथी अभी फरार है। जिसकी तलाश जारी है।
जानकारी के अनुसार ग्राम शेखपुरा निवासी महेन्द्र कुमार उर्फ पप्पु सेन के कुएं पर बने मकान से चार फरवरी की रात्रि एक रास भैंस कीमति 6 हजार रुपये की चोरी जाने पर महेन्द्र कुमार ने रिपोर्ट दर्ज करते हुए अपना संदेह ग्राम के राजेन्द्र गिर पुत्र गणेश गिर पर व्यक्त किया था ।
जिसे पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की तो राजेन्द्र गिर ने उक्त वारदात अपने साथी सतीश उर्फ गुड्डा के साथ करना स्वीकार किया और अपहृत मवेशी बाजार में तीन हजार रुपये में विक्रय करना बताया तथा उक्त रकम को दोनो साथियों ने आपस में बांट लिये तथा इसने अपने हिस्से में आया रुपये में एक हजार रुपये खर्च होना बताया जिससे पुलिस ने पाँच रुपये बरामद किये हैं। इसका साथी सतीश फरार है जिसकी तलाश कर शेष राशि बरामद की जानी है। fursat sehore
जानकारी के अनुसार ग्राम शेखपुरा निवासी महेन्द्र कुमार उर्फ पप्पु सेन के कुएं पर बने मकान से चार फरवरी की रात्रि एक रास भैंस कीमति 6 हजार रुपये की चोरी जाने पर महेन्द्र कुमार ने रिपोर्ट दर्ज करते हुए अपना संदेह ग्राम के राजेन्द्र गिर पुत्र गणेश गिर पर व्यक्त किया था ।
जिसे पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की तो राजेन्द्र गिर ने उक्त वारदात अपने साथी सतीश उर्फ गुड्डा के साथ करना स्वीकार किया और अपहृत मवेशी बाजार में तीन हजार रुपये में विक्रय करना बताया तथा उक्त रकम को दोनो साथियों ने आपस में बांट लिये तथा इसने अपने हिस्से में आया रुपये में एक हजार रुपये खर्च होना बताया जिससे पुलिस ने पाँच रुपये बरामद किये हैं। इसका साथी सतीश फरार है जिसकी तलाश कर शेष राशि बरामद की जानी है। fursat sehore
मातृ पितृ गुरुपूजन हुआ
आष्टा 14 फरवरी (फुरसत)। स्थानीय जे.जे.होस्टल में पिछले पाँच वर्षों से आसाराम बापू द्वारा निर्देशित एवं संचालित बाल संस्कार केन्द्र पर पाश्चात्य सभ्यता को छोड़ 14 फरवरी को बच्चों ने अपने माता पिता एवं गुरुओं के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर बाल संस्कार केन्द्र के प्रमुख श्री यशपाल ठाकुर ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह के अच्छे संस्कार एवं अनुशासन ही भारत को पुन: विश्व गुरु बनायेंगे। होस्टल संचालक सी.बी.परमार ने इसे वर्तमान का जरुरी परिवर्तन कहा। प्रबंधक त्रिलोक बोहरा ने सभी बच्चों को माता पिता गुरुपूजन दिवस की शुभकामनाएं दी। पाश्चात्य संस्कृति के बदले भारत की संस्कृति के अनुरुप ऐसे त्यौहार मनाने वाले इस युग के छात्र वाकइ में बधाई के पात्र हैं। fursat sehore
जनसहयोग से हुआ गरीब कन्या का विवाह
सीहोर 14 फरवरी (फुरसत)। कन्यादान महादान के तहत सीहोर में एक गरीब कन्या वर्षा मालवीय पिता रणछोड़ मालवीय के विवाह समाज सेक शैलेन्द्र चंदेल, घनश्याम यादव की पहल से सम्पन्न हुआ। जिसमें हिन्दु उत्सव समिति अध्यक्ष सतीश राठौर को काफी योगदान रहा। वहीं लायनेस क्लब और प्रेरणा महिला मण्डल जैसी संस्थाएं आगे आई तो समाज सेवक भी आगे आये। जिसमें हिन्दु उत्सव समिति के अध्यक्ष सतीश राठौर, लायनेस क्लब अध्यक्ष श्रीमति रीता दुबे, प्रेरणा महिला मण्डल कोषाध्यक्ष शशि विजयवर्गीय, उमा पालीवाल, साधना सक्सेना, कांता गट्टानी सहित समाज सेवक जनप्रतिनिधि लोकप्रिय विधायक रमेश सक्सेना, रविन्द्र यादव, अखिलेश राय, जसपाल सिंह अरोरा, बलवीर तोमर, अमर सिंह मीणा अध्यक्ष मार्केटिंग, विमल जैन, सन्नी महाजन, मीनाक्षी वेलर्स, सरोज सोनी, ब्रजमोहन सोनी, राजकुमार गुप्ता, सुनील शर्मा, पंकज काबरा, साधना सक्सेना, जगदीश निगोदिया, सुरेश साबू, क्रांति श्रीवास्तव सहित अनेक समाज सेवकों का योगदान रहा। साधना महिला मण्डल अध्यक्ष विजय लक्ष्मी परिहार, आशीष शर्मा, गायत्री चौहान ने सभी संस्थाओं व समाजसेवकों को इस कार्य में सहयोग के लिये बधाई दी और इसी प्रकार सहयोग की अपेक्षा करते रहने को कहा। fursat sehore
लार अभी से टपक पेयजल संकट के नाम
सीहोर 14 फरवरी (नि.सं.)। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी जिला सीहोर के जिलाध्यक्ष समाजसेवी भाई नोशाद खान ने जिला प्रशासन से मांग की है कि वह तत्काल नगर की पेयजल व्यवस्था अपने हाथों में ले ले। नगर पालिका द्वारा पूर्व की भांति अभी से पेयजल संकट खड़ा कर जानबूझकर यह प्रयास किये जा रहे हैं कि सूखे के कारण अधिकाधिक राशि का आंबटन प्राप्त कर इनके बारे-न्यारे हो जावें। सभी की लार अभी से टपकने लगी है नगर में पेयजल संकट जानबूझकर खड़ा किया जा रहा है। यदि कलेक्ट्रेट पानी की टंकी पर जाकर शिकायत की जाती है तो वहाँ पर कार्यरत कर्मचारी अपनी मस्ती में मस्त ताश खेलते मिलते हैं व कोई सकारात्मक उत्तर न देकर आने वाले की हंसी उड़ा देते हैं। जिला प्रशसन तत्काल नगर की पेयजल व्यवस्था अपने हाथों मे ले लें ताकी समय समय पर ठीक ढंग से जल प्रदाय हो सके। मांग करने वालों में नोशाद खान, इंदिरा भील, राजू पत्रकार, राम स्वरुप शर्मा, किशन मालवीय, पदमा, गीता, राजेश्वरी आदि हैं। fursat sehore
वो मोटर साईकिल ले गया
आष्टा 14 फरवरी (नि.प्र.)। आष्टा नगर से कल एक युवक बड़े ही रोचक ढंग से एक दूध वाले की दुपहिया वाहन ले भाग। दूध वाले ने फुरसत को उक्त पूरा रोचक किस्सा अलीपुर के कन्हैया गेहलोत के साथ आकर सुनाया। दूध वाला युवक जिसका नाम कृपाल सिंह धनगर निवासी डोराबाद का है। कृपाल सिंह ने बताया कि वो दूध बांट कर 10 बजे अपने वाहन एम.पी.37 एम.ए.0495 टीवीएस मेक्स है को सुधराने के लिये मैकेनिक रईस भाई के पास ले गया था जो सामान लगना था उसे लेने के लिये रईस भाई का लड़का उक्त वाहन को ले गया यहीं से दिनेश नाम का एक लड़का उसके साथ बैठ गया मैकेनिक का लड़का जब दुकान से सामान ले रहा था तभी उसके साथ बैठ कर आया युवक दिनेश उक्त वाहन को ले भागा। काफी खोजबीन की लेकिन उक्त वाहन जब नहीं मिला तो कृपाल ने उक्त पूरी घटना को फुरसत को बताई। fursat sehore
पोषण आहार से अधिकारियों की चाँदी, लाखों का भ्रष्टाचार
महिला बाल विकास विभाग में 30 लाख रुपये के मासिक भ्रष्टाचार का सनसनीखेज मामला....
सीहोर 13 फरवरी (आनन्द भैया फुरसत)। बच्चों के पोषण आहार पर डाका डालने वालों की कहानी तो फुरसत पहले ही प्रकाशित कर चुका है लेकिन अब पोषण आहार बनने के पहले ही आई नगद रुपयों की राशि में आपसी लेन-देने कर 30 लाख रुपये बनाने का सनसनीखेज मामला भी सामने आ गया है। जहाँ हजारों नियमों की धमकी देते आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से खुले आम जांच अधिकारी रुपये वसूलते हैं और फिर वरिष्ठ अधिकारियों की जेब में रुपया चला जाता है।
जिले में 1000 से अधिक आंगनबाड़ियों में आ रही लाखों रुपयों की राशि में से भारी भरकम राशि क्या वाकई जांच अधिकारियों की जेब में जा रही है ? क्यों होती है हर बार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के खिलाफ कार्यवाही और बच जाता है जांच अधिकारी ? पहले परियोजना अधिकारी के रुप में कार्य चुकी वर्तमान महिला बाल विकास अधिकारी आखिर कैसे वापस सीहोर आ गई ? और क्या-क्या गुल खिल रहे हैं महिला बाल विकास विभाग में ? इन सब पर पढ़िये फुरसत की एक नजर।
महिला बाल विकास में आने वाली करोड़ो रुपयों की सैकड़ों योजनाओं का अता-पता यूँ तो वैसे भी आम जनता को नहीं हो पाता। सीहोर में महिला बाल विकास विभाग द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं का लाभ वर्षों से उससे संबंध्द लोग और संस्था में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों के परिजन या रिश्तेदार ही उठाते दिखते नजर आते हैं। ऐसे में सुस्पष्ट है कि शासन की योजनाएं असल व्यक्तियों के पास तक पहुँच ही नहीं पाती हैं। और आपस में ही मिलजुल कर यह लोग चाहे जितना लाभ उठाते हैं। जिन योजनाओं का प्रसार-प्रचार नहीं होता निश्चित ही उनमें यादा गाले होते हैं और जिनमें राशि यादा आती हैं उसमें तो फिर वारे-न्यारे ही होते हैं।
पूर्व में परियोजना अधिकारी के रुप में कार्य कर चुकी वर्तमान महिला बाल विकास अधिकारी को आखिर सीहोर ही क्यों पसंद आया यह तो राम जाने लेकिन इन दिनों महिला बाल विकास में चल रही खुसुर-फुसुर पर ध्यान दें तो यहाँ बहुत गड़बड़ झाला चल रहा है।
कैसे होता है काम - महिला बाल विकास अधिकारी के नीचे परियोजना अधिकारी का पद होता है जिनके नीचे सुपरवाईजर होते हैं और फिर इनके नीचे आंगनबाड़ी विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता होती हैं। अब चूंकी जिले में हजार से यादा आंगनबाड़ियाँ हैं तो इस दृष्टि से उन पर निगाह रखना भी जरुरी होता है ? क्योंकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका बकायदा काम कर रही हैं या नहीं ? वह रुपयों का हेरफेर तो नहीं कर रही ? वह बच्चों को नियमित बुलाकर पढ़ा रही हैं या नहीं ? वह आंगनबाड़ी खोलती भी है या नहीं ? वह बच्चों को खाने के लिये आने वाला पोषण देती भी हैं या नहीं ? और ऐसी ही अनेक बातों पर निगाह रखने के लिये करीब 20-25 आंगनबाड़ियों के ऊपर एक सुपरवाईजर को रख दिया जाता है। ऐसे सुपरवाईजर बारीकी से निगाह रखते हैं कि हर एक आंगनबाड़ी क्या सही काम कर रही है या नहीं ?
फिर क्या होता है- आंगन बाड़ी केन्द्रों पर जिनकी नियुक्ति हुई है उनमें से अनेक तो अपनी राजनीतिक पहुँच के कारण यहाँ तक पहुँच सकी हैं और कुछ रुपयों के कारण। यहाँ सबसे महत्वपूर्ण चर्चा यह है कि विगत दिवस जो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्तियाँ हुई थी उसमें भारी भ्रष्टाचार और रुपयों का लेन-देन हुआ था इसकी चर्चाएं न सिर्फ पूरे जिले में बल्कि प्रदेश स्तर तक पहुँची थी। इस संबंध में अनेक प्रकरण भी बने थे जो जिलाधीश के समक्ष से लेकर कमिश्र भोपाल तक चल रहे हैं। तो होता यह है कि ऐसी नियुक्ति प्रक्रिया के बाद जिनकी नियुक्ति हुई है उनमें से कितनी ही कार्यकर्ता व सहायिकाएं बहुत से महत्वपूर्ण कार्य नहीं कर पाती हैं। नियमों की खानापूर्ति तो दूर वह ठीक से बच्चों को एकत्र करके बैठा भी नहीं पाती हैं। तो फिर सारी कार्यवाही, उन्हे बनाकर खिलाना पिलाना और उनकी पढ़ाई की तरफ ध्यान देना तो दीगर बात है। जबकि बड़ी संख्या में बहुत अच्छी आंगनबाड़ियाँ भी यहाँ संचालित दिखती हैं लेकिन कहीं न कहीं कुछ न कु छ कमी तो जांच अधिकारी निकाल ही सकते हैं।
जांच अधिकारी की बलिहारी- ऐसे में जांच अधिकारी हर एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं पर यह दबाव बनाकर रखते हैं कि वह काम सही नहीं करेंगे तो उन्हे हटा दिया जायेगा ? अब काम तो कितना ही सही कर लो पूरा व्यवस्थित होने से तो रहा ? क्योंकि नियम इतने हैं कि उन्हे पूरा करना हाथ की घट्टी में आटा पीसने जितना भारी है और उसके बाद भी यहाँ कोई न कोई कमी तो रह ही जाती है। ऐसे में जांच अधिकारी मतलब सुपरवाईजरों की दादागिरी खुलकर चलती है। वह स्पष्ट कहते हैं कि यदि हम चाहें तो तुम्हे एक झटके में पद से हटवा सकते हैं? इसलिये हमें खुश करना तुम्हारी नैतिक मजबूरी है। इसी में तुम्हारी भी खुशी है। वह इसके लिये बहाना बनाती हैं कि हमें भी ऊपर के अधिकारियों को खुश करना पड़ता है।
जांच क्या होती है - यदि सही मायने में जांच की जाये तो हर एक आंगनबाड़ी में अनियमितता देखने को मिल सकती है लेकिन सांठगांठ के चलते ऐसा नहीं होता ।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका डरी-सहमी - बहुत बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं इन्ही जांच अधिकारियों के डर से डरी व सहमी हुई होती हैं क्योंकि यह हमेशा डरा कर रखती हैं कि कभी भी तुम्हारे केन्द्र की जांच हो सकती है, तुम्हे भगा दिया जायेगा। जांच अधिकारी कहते हैं कि मुझे ऊपर हर माह तुम्हारे आंगनबाड़ी केन्द्र की जानकारी अपनी जिम्मेदारी पर सही भेजनी पड़ती है यदि जांच हो जायेगी तो मुझे भी दिक्कत आयेगी और तुम्हारी तो नौकरी ही चली जायेगी। मैं तुम्हारे लिये खतरा क्यों लूँ या फिर केन्द्र की गड़बड़ जानकारी ऊपर के अधिकारियों को बता दूँ तो तुम्हारी नौकरी चल जायेगी ? इसी प्रकार की अबूझ धमकियाँ उन्हे दी जाती हैं।
क्यों हर बार कार्यकर्ता पर टूटता है कहर - यहाँ वर्षों से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के खिलाफ या सहायिकाओं पर कार्यवाही होती देखी जाती हैं जबकि जिन क्षेत्रों में आंगनबाड़ी सही नहीं चलती वहाँ की न सुपरवाईजर पर कुछ कार्यवाही होती है ना परियोजना अधिकारी का कुछ बिगड़ता है ना ही महिला बाल विकास अधिकारी से कोई कुछ पूछने वाला रहता है। कुल मिलाकर ऊपर के अधिकारी सब मिले हुए लगते हैं और नीचे वाला पिस जाता है।
वर्तमान में कितना रुपया आता रहा है- यहाँ आंगनबाड़ी केन्द्रों पर इन दिनों हर माह 4-5 हजार से अधिक की राशि नवीन पोषण आहार के नाम से आती है जिसके तहत दूध, गजक, मुरमुरे से लेकर अनेक नई ताजा खाद्य सामग्री खरीदकर बच्चों के पोषण के लिये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका खरीदती हैं। अंदाजा स्वयं लगाया जा सकता है कि इस भारी भरकम राशि में से कितनी कहाँ जाती होगी। नगर में इन दिनों चल रही चर्चाओं के आधार पर कुछेक आंगनबाड़ी की आधी से अधिक राशि जांच अधिकारी जांच नहीं करने के नाम पर ले लेते हैं। यह राशि ऊपर तक पहुँचती है और सबकी जेब गर्म कर देती है। कुल मिलाकर लगभग 30 लाख रुपये एक झटके में गायब हो जाते हैं जिसकी जानकारी भी किसी को पता नहीं चलती ।
यहाँ उल्लेखनीय है कि हाल ही में ब्रिजिसनगर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से 2-2 हजार रुपये छीनने की घटना एक सुपर वाईजर द्वारा की जाने का मामला तूल पकड़े हुए हैं जिसके तहत मंत्री करण सिंह वर्मा, जिलाधीश को ज्ञापन तक सौंपा गया था बल्कि जिला महिला बाल विकास अधिकारी रमा चौहान द्वारा अभी तक उस सुपरवाईजर को नहीं हटाया गया है जिसके खिलाफ 2 हजार रुपये छीनने का मामला तूल पकड़े हुए हैं। निश्चित रुप से कार्यवाही सिर्फ नीचे के लोगों पर ही होने की परम्परा यहाँ दिख रही है और बहुत कुछ अनकहा इससे झलक रहा है। यहाँ वर्षों से कई सुपरवाईजर जमी हुई हैं जिनका न तो स्थानान्तरण किया जाता है ना ही उनका कार्यक्षेत्र बदला जाता है यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है। सुपरवाईजरों की गेंग ने दी धमकी- असल में चर्चा यह है कि जिस सुपरवाइजर ने 2-2 हजार रुपये उगाये थे उसके पक्ष में सुपरवाईजरों की एक गेंग सक्रिय हो गई जिसका कहना है कि यदि उसे हटा दिया गया तो हम जो रुपया उगाते हैं उसमें दिक्कत आयेगी और कल को हम पर भी कार्यवाही होगी। चर्चा है कि इनकी ही धमकी से अभी तक कार्यवाही रोकी गई है। जिला अधिकारी ने मामले में यह कहकर पल्ला झाड़ लिया है कि कार्यवाही करने का अधिकार जिलाधीश को है। fursat sehore
जिले में 1000 से अधिक आंगनबाड़ियों में आ रही लाखों रुपयों की राशि में से भारी भरकम राशि क्या वाकई जांच अधिकारियों की जेब में जा रही है ? क्यों होती है हर बार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के खिलाफ कार्यवाही और बच जाता है जांच अधिकारी ? पहले परियोजना अधिकारी के रुप में कार्य चुकी वर्तमान महिला बाल विकास अधिकारी आखिर कैसे वापस सीहोर आ गई ? और क्या-क्या गुल खिल रहे हैं महिला बाल विकास विभाग में ? इन सब पर पढ़िये फुरसत की एक नजर।
महिला बाल विकास में आने वाली करोड़ो रुपयों की सैकड़ों योजनाओं का अता-पता यूँ तो वैसे भी आम जनता को नहीं हो पाता। सीहोर में महिला बाल विकास विभाग द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं का लाभ वर्षों से उससे संबंध्द लोग और संस्था में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों के परिजन या रिश्तेदार ही उठाते दिखते नजर आते हैं। ऐसे में सुस्पष्ट है कि शासन की योजनाएं असल व्यक्तियों के पास तक पहुँच ही नहीं पाती हैं। और आपस में ही मिलजुल कर यह लोग चाहे जितना लाभ उठाते हैं। जिन योजनाओं का प्रसार-प्रचार नहीं होता निश्चित ही उनमें यादा गाले होते हैं और जिनमें राशि यादा आती हैं उसमें तो फिर वारे-न्यारे ही होते हैं।
पूर्व में परियोजना अधिकारी के रुप में कार्य कर चुकी वर्तमान महिला बाल विकास अधिकारी को आखिर सीहोर ही क्यों पसंद आया यह तो राम जाने लेकिन इन दिनों महिला बाल विकास में चल रही खुसुर-फुसुर पर ध्यान दें तो यहाँ बहुत गड़बड़ झाला चल रहा है।
कैसे होता है काम - महिला बाल विकास अधिकारी के नीचे परियोजना अधिकारी का पद होता है जिनके नीचे सुपरवाईजर होते हैं और फिर इनके नीचे आंगनबाड़ी विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता होती हैं। अब चूंकी जिले में हजार से यादा आंगनबाड़ियाँ हैं तो इस दृष्टि से उन पर निगाह रखना भी जरुरी होता है ? क्योंकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका बकायदा काम कर रही हैं या नहीं ? वह रुपयों का हेरफेर तो नहीं कर रही ? वह बच्चों को नियमित बुलाकर पढ़ा रही हैं या नहीं ? वह आंगनबाड़ी खोलती भी है या नहीं ? वह बच्चों को खाने के लिये आने वाला पोषण देती भी हैं या नहीं ? और ऐसी ही अनेक बातों पर निगाह रखने के लिये करीब 20-25 आंगनबाड़ियों के ऊपर एक सुपरवाईजर को रख दिया जाता है। ऐसे सुपरवाईजर बारीकी से निगाह रखते हैं कि हर एक आंगनबाड़ी क्या सही काम कर रही है या नहीं ?
फिर क्या होता है- आंगन बाड़ी केन्द्रों पर जिनकी नियुक्ति हुई है उनमें से अनेक तो अपनी राजनीतिक पहुँच के कारण यहाँ तक पहुँच सकी हैं और कुछ रुपयों के कारण। यहाँ सबसे महत्वपूर्ण चर्चा यह है कि विगत दिवस जो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्तियाँ हुई थी उसमें भारी भ्रष्टाचार और रुपयों का लेन-देन हुआ था इसकी चर्चाएं न सिर्फ पूरे जिले में बल्कि प्रदेश स्तर तक पहुँची थी। इस संबंध में अनेक प्रकरण भी बने थे जो जिलाधीश के समक्ष से लेकर कमिश्र भोपाल तक चल रहे हैं। तो होता यह है कि ऐसी नियुक्ति प्रक्रिया के बाद जिनकी नियुक्ति हुई है उनमें से कितनी ही कार्यकर्ता व सहायिकाएं बहुत से महत्वपूर्ण कार्य नहीं कर पाती हैं। नियमों की खानापूर्ति तो दूर वह ठीक से बच्चों को एकत्र करके बैठा भी नहीं पाती हैं। तो फिर सारी कार्यवाही, उन्हे बनाकर खिलाना पिलाना और उनकी पढ़ाई की तरफ ध्यान देना तो दीगर बात है। जबकि बड़ी संख्या में बहुत अच्छी आंगनबाड़ियाँ भी यहाँ संचालित दिखती हैं लेकिन कहीं न कहीं कुछ न कु छ कमी तो जांच अधिकारी निकाल ही सकते हैं।
जांच अधिकारी की बलिहारी- ऐसे में जांच अधिकारी हर एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं पर यह दबाव बनाकर रखते हैं कि वह काम सही नहीं करेंगे तो उन्हे हटा दिया जायेगा ? अब काम तो कितना ही सही कर लो पूरा व्यवस्थित होने से तो रहा ? क्योंकि नियम इतने हैं कि उन्हे पूरा करना हाथ की घट्टी में आटा पीसने जितना भारी है और उसके बाद भी यहाँ कोई न कोई कमी तो रह ही जाती है। ऐसे में जांच अधिकारी मतलब सुपरवाईजरों की दादागिरी खुलकर चलती है। वह स्पष्ट कहते हैं कि यदि हम चाहें तो तुम्हे एक झटके में पद से हटवा सकते हैं? इसलिये हमें खुश करना तुम्हारी नैतिक मजबूरी है। इसी में तुम्हारी भी खुशी है। वह इसके लिये बहाना बनाती हैं कि हमें भी ऊपर के अधिकारियों को खुश करना पड़ता है।
जांच क्या होती है - यदि सही मायने में जांच की जाये तो हर एक आंगनबाड़ी में अनियमितता देखने को मिल सकती है लेकिन सांठगांठ के चलते ऐसा नहीं होता ।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका डरी-सहमी - बहुत बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं इन्ही जांच अधिकारियों के डर से डरी व सहमी हुई होती हैं क्योंकि यह हमेशा डरा कर रखती हैं कि कभी भी तुम्हारे केन्द्र की जांच हो सकती है, तुम्हे भगा दिया जायेगा। जांच अधिकारी कहते हैं कि मुझे ऊपर हर माह तुम्हारे आंगनबाड़ी केन्द्र की जानकारी अपनी जिम्मेदारी पर सही भेजनी पड़ती है यदि जांच हो जायेगी तो मुझे भी दिक्कत आयेगी और तुम्हारी तो नौकरी ही चली जायेगी। मैं तुम्हारे लिये खतरा क्यों लूँ या फिर केन्द्र की गड़बड़ जानकारी ऊपर के अधिकारियों को बता दूँ तो तुम्हारी नौकरी चल जायेगी ? इसी प्रकार की अबूझ धमकियाँ उन्हे दी जाती हैं।
क्यों हर बार कार्यकर्ता पर टूटता है कहर - यहाँ वर्षों से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के खिलाफ या सहायिकाओं पर कार्यवाही होती देखी जाती हैं जबकि जिन क्षेत्रों में आंगनबाड़ी सही नहीं चलती वहाँ की न सुपरवाईजर पर कुछ कार्यवाही होती है ना परियोजना अधिकारी का कुछ बिगड़ता है ना ही महिला बाल विकास अधिकारी से कोई कुछ पूछने वाला रहता है। कुल मिलाकर ऊपर के अधिकारी सब मिले हुए लगते हैं और नीचे वाला पिस जाता है।
वर्तमान में कितना रुपया आता रहा है- यहाँ आंगनबाड़ी केन्द्रों पर इन दिनों हर माह 4-5 हजार से अधिक की राशि नवीन पोषण आहार के नाम से आती है जिसके तहत दूध, गजक, मुरमुरे से लेकर अनेक नई ताजा खाद्य सामग्री खरीदकर बच्चों के पोषण के लिये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका खरीदती हैं। अंदाजा स्वयं लगाया जा सकता है कि इस भारी भरकम राशि में से कितनी कहाँ जाती होगी। नगर में इन दिनों चल रही चर्चाओं के आधार पर कुछेक आंगनबाड़ी की आधी से अधिक राशि जांच अधिकारी जांच नहीं करने के नाम पर ले लेते हैं। यह राशि ऊपर तक पहुँचती है और सबकी जेब गर्म कर देती है। कुल मिलाकर लगभग 30 लाख रुपये एक झटके में गायब हो जाते हैं जिसकी जानकारी भी किसी को पता नहीं चलती ।
यहाँ उल्लेखनीय है कि हाल ही में ब्रिजिसनगर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से 2-2 हजार रुपये छीनने की घटना एक सुपर वाईजर द्वारा की जाने का मामला तूल पकड़े हुए हैं जिसके तहत मंत्री करण सिंह वर्मा, जिलाधीश को ज्ञापन तक सौंपा गया था बल्कि जिला महिला बाल विकास अधिकारी रमा चौहान द्वारा अभी तक उस सुपरवाईजर को नहीं हटाया गया है जिसके खिलाफ 2 हजार रुपये छीनने का मामला तूल पकड़े हुए हैं। निश्चित रुप से कार्यवाही सिर्फ नीचे के लोगों पर ही होने की परम्परा यहाँ दिख रही है और बहुत कुछ अनकहा इससे झलक रहा है। यहाँ वर्षों से कई सुपरवाईजर जमी हुई हैं जिनका न तो स्थानान्तरण किया जाता है ना ही उनका कार्यक्षेत्र बदला जाता है यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है। सुपरवाईजरों की गेंग ने दी धमकी- असल में चर्चा यह है कि जिस सुपरवाइजर ने 2-2 हजार रुपये उगाये थे उसके पक्ष में सुपरवाईजरों की एक गेंग सक्रिय हो गई जिसका कहना है कि यदि उसे हटा दिया गया तो हम जो रुपया उगाते हैं उसमें दिक्कत आयेगी और कल को हम पर भी कार्यवाही होगी। चर्चा है कि इनकी ही धमकी से अभी तक कार्यवाही रोकी गई है। जिला अधिकारी ने मामले में यह कहकर पल्ला झाड़ लिया है कि कार्यवाही करने का अधिकार जिलाधीश को है। fursat sehore
जब पुलिस ने डीलर से गैस सिलेण्डर उपभोक्ताओं को दिलवाये
सीहोर 13 फरवरी (फुरसत)। आज एक गैस एजेंसी पर 8-10 दिनों से गैस सिलेण्डर के लिये परेशान करीब 70 उपभोक्ताओं ने आक्रोशित होकर अघोषित रुप से चक्काजाम कर दिया। फलस्वरुप तहसील चौराहे से शुगर फेक्ट्री चौराहे के बीच यातायात बुरी तरह प्रभावित होने लगा।
स्थिति की गंभीरता को देखकर और हालात बिगड़ने के डर से घबराकर एजेंसी के प्रबंधक ने पुलिस को सूचित कर दिया। यह बात जब चक्काजाम कर रहे उपभोक्ताओं को ज्ञात हुई तो वे वहाँ से हटकर सड़क छोड़कर दीवान बाग के मैदान में अपनी लाईन लगा कर खड़े हो गऐ। जब प्रबंधक की सूचना पर पुलिस बल वहाँ पहुँचा तो उसे चक्काजाम जैसी कोई बात नजर नहीं आई। जब उसने कर्मचारियों से जानकारी हासिल की तो ज्ञात हुआ कि 25 जनवरी के बाद लगाये गये नमबरों पर डीलर गैस सिलेण्डर देने से इंकार कर रहा है और ब्लेक में गैस सिलेण्डर उपलब्ध कर उपभोक्ताओं को परेशान कर रहा है। fursat sehore
स्थिति की गंभीरता को देखकर और हालात बिगड़ने के डर से घबराकर एजेंसी के प्रबंधक ने पुलिस को सूचित कर दिया। यह बात जब चक्काजाम कर रहे उपभोक्ताओं को ज्ञात हुई तो वे वहाँ से हटकर सड़क छोड़कर दीवान बाग के मैदान में अपनी लाईन लगा कर खड़े हो गऐ। जब प्रबंधक की सूचना पर पुलिस बल वहाँ पहुँचा तो उसे चक्काजाम जैसी कोई बात नजर नहीं आई। जब उसने कर्मचारियों से जानकारी हासिल की तो ज्ञात हुआ कि 25 जनवरी के बाद लगाये गये नमबरों पर डीलर गैस सिलेण्डर देने से इंकार कर रहा है और ब्लेक में गैस सिलेण्डर उपलब्ध कर उपभोक्ताओं को परेशान कर रहा है। fursat sehore
काहिरी के मोटर पंप खराब पड़े हैं पेयजल आपूर्ति ठप्प
सीहोर 13 फरवरी (फुरसत)। नगर पालिका परिषद के नल जल उपभोक्ता जल प्रदाय नहीं होने से हैरान परेशान है। और अन्य पेयजल स्त्रोतों पर पहुँच कर पीने के पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। पार्वती पेयजल प्रदाय व्यवस्था ठप्प होने से शहर में पेयजल का संकट उत्पन्न हो गया है। वहीं नया परिषद फिल्टर प्लांट पर तकनीकि खराबी बताकर हाथ खड़े कर चुकी हो तो पेयजल संकट का उत्पन्न होना लाजमी है। fursat sehore
पचौरी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने, परमार हुए पावर फुल
सिंधिया-कमलनाथ समर्थकों के चेहरे उतरे
आष्टा 13 फरवरी (फुरसत)। यूँ तो सभी को पूरी उम्मीद थी कि रायसभा सदस्य एवं केन्द्रिय मंत्री सुरेश पचौरी जिनका राय सभा कार्यकाल समाप्त हो रहा है एवं 10 जनपथ में अच्छी पेठ रखने वाले सुरेश पचौरी को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी जा सकती है वहीं कांग्रेस के ही सिंधिया कमलनाथ एवं दिग्विजय सिंह समर्थकों को उम्मीद नहीं थी कि पचौरी प्रदेश अध्यक्ष बन जायेंगे लेकिन आज जैसे ही खबर आई सुरेश पचौरी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बन गये हैं पूरे प्रदेश में कांग्रेस के खासकर पचौरी समर्थकों में अपार उत्साह छा गया। सीहोर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष केलाश परमार पचौरी के प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनते ही और पावर फुल हो गये क्योंकि जिले में कैलाश परमार पचौरी के पुराने और कट्टर समर्थक माने जाते हैं वहीं कैलाश परमार आज जिस मुकाम पर हैं अगर यह कहें की यह सब पचौरी के ही कारण है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। म.प्र. कांग्रेस की कमान सुरेश पचौरी के हाथों में सौंपे जाने के बाद अब प्रदेश में कांग्रेस में कई नये गणित उभरकर सामने आयेंगे। पचौरी को प्रदेश कांग्रेस की कमान ऐसे समय में सौंपी है जिस वक्त कांग्रेस में अभी प्राण वायु देने की जरुरत है क्योंकि पहले प्रदेश कांग्रेस की कमान जब सुभाष यादव को सौंपी थी उसके बाद वर्षों तक वे कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी तक घोषित नहीं कर पाये थे केवल प्रवक्ताओं के भरोसे ही वे प्रदेश में कांग्रेस चला रहे थे। हाँ पूर्व मंत्री सान सिंह वर्मा ने जरुर अपने चिरपरिचित अंदाज में एवं हमेशा कार्यकर्ताओं को तबाो देने के कारण प्रदेश के कई क्षेत्रों में खासकर इन्दौर-देवास, आष्टा-सीहोर उजैन सक्रिय देखे जाते रहे थे। पचौरी को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष पद सौंपा जाना निश्चित उनके सिर पर एक ऐसा कांटो का ताज है जिसे आने वाले विधानसभा के चुनाव में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। सबसे पहले सुरेश पचौरी के सामने अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल चुनाव के लिये तैयार करना होगा उसके बाद प्रदेश की कार्यकारिणी का गठन करना भी उनके सामने एक विशाल चुनौती होगी क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेता योतिरादित्य सिंधिया, कमलनाथ, विजय सिंह, अर्जुन सिंह, जमुना देवी और निवृत्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष यादव को अपने साथ खड़े करने में उन्हे पसीना आ सकता है। fursat sehore
त्यागी बाबा के आश्रम में मनाया गया बसंत उत्सव
सीहोर 13 फरवरी (फुरसत), सीहोर शहर के वद्र श्री श्री 108 त्यागी बाबा के आश्रम में बसंत उत्सव मनाया गया जिसमें शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों से बाबा का आशीर्वाद लेने बड़ी संख्या भक्तगण पहुँचे वहीं बाबा ने उपस्थित भक्तों पर केसरिया रंग की पिचकारी भर आपने शिष्यों को आशीर्वाद दिया वहीं जिला पंचायत के पूर्व सदस्य व कांग्रेस नेता कमलेश कटारे द्वारा बाबा की पुष्पमाला पहनाकर आरती कर चरण वंदना की व बाबा श्री से आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री त्यागी बाबा ने आपने भक्तों को आशीष वचन भी दिये वहीं देर रात तक भक्तों ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण भी किया। fursat sehore
श्रीराम मंदिर में महाआरती का आयोजन
सीहोर 13 फरवरी (फुरसत)। राजपूत समाज ट्रस्ट द्वारा 14 फरवरी को श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा दिवस के अवसर पर अखण्ड रामायण पाठ का आयोजन किया जा रहा है जो कि 13 फरवरी दिन बुधवार प्रात: 9 बजे से प्रारंभ होकर अगले 14 फरवरी को समाप्त होगा, तत्पश्चात हवन व दिन में 12 बजे महाआरती का आयोजन किया गया है।
समस्त धर्मप्रेमी बंधुओं से रामायण पाठ व महाआरती में शामिल होकर धर्मलाभ लेने की अपील समाज के अध्यक्ष गोविन्द सिंह सिसोदिया, बाबू सिंह चौहान, प्रेमनारायण सिंह, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, डॉ. राजेन्द्र सिंह, राम सिंह चौहान, कु.नरेन्द्र सिंह सिसोदिया, श्रीमति गायत्री चौहान, डॉ. प्रहलाद सिंह सोलंकी, डा. किशोर सिंह, अजीत सिंह सिंहल, विक्रम सिंह सिसोदिया, त्रिलोचन सिंह एवं देवेन्द्र कुमार सोलंकी ने की है। fursat sehore
समस्त धर्मप्रेमी बंधुओं से रामायण पाठ व महाआरती में शामिल होकर धर्मलाभ लेने की अपील समाज के अध्यक्ष गोविन्द सिंह सिसोदिया, बाबू सिंह चौहान, प्रेमनारायण सिंह, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, डॉ. राजेन्द्र सिंह, राम सिंह चौहान, कु.नरेन्द्र सिंह सिसोदिया, श्रीमति गायत्री चौहान, डॉ. प्रहलाद सिंह सोलंकी, डा. किशोर सिंह, अजीत सिंह सिंहल, विक्रम सिंह सिसोदिया, त्रिलोचन सिंह एवं देवेन्द्र कुमार सोलंकी ने की है। fursat sehore
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