Thursday, August 21, 2008

मुख्यमंत्री की अर्थी निकली, अंतिम संस्कार हुआ, पुलिस देखती रही...

सीहोर 20 अगस्त (नि.सं.)। रात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अर्थी सीहोर टाकीज चौराहा से प्रारंभ होकर कोतवाली चौराहा पर पहुँची जहाँ पुतले को डंडे से खूब मारा गया । अर्थी निकालने वाले युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने यहाँ हाय डम्फर-हाय डम्फर चिल्ला-चिल्लाकर रोना-पीटना मचा दिया। इसके साथ ही विधायक व मुख्यमंत्री के खिलाफ बहुत बुलंदगी के साथ नारे लगाये। इसके बाद अर्थी को अगि्दाह कर दिया गया। इतना ही नहीं युवक कांग्रेस के कार्यकर्ता इसके बाद बकायदा नदी चौराहा पहुँचकर नहाकर ही वापस लौटे।
कांग्रेस नेता सेवादल प्रमुख और नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय को मध्य प्रदेश शासन द्वारा पदच्यूत किये जाने की घटना से यहाँ राय समर्थकों में खासा आक्रोश व्याप्त है। आज जहाँ राकेश राय ने इस संबंध में तीखे बयान पत्रकार वार्ता में दिये वहीं शाम युवक कांग्रेस और कांग्रेस पार्षदों की महत्वपूर्ण उपस्थिति में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक रैली निकाली। यहाँ बकायदा मुख्यमंत्री का पुतला बनाकर उनकी अर्थी सजाई गई। दो तख्ती मुख्यमंत्री के नाम की अर्थी के साथ लगाई गई। इसके बाद बकायदा अर्थी निकालते हुए कार्यकर्ता नारे बाजी करते हुए कोतवाली चौराहा पहुँचे। यहाँ आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने रोना-पीटना शुरु करते हुए हाय डम्फर-हाय डम्फर करना शुरु क र दिया। यहीं विधायक व मुख्यमंत्री जी के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। बोरिया बिस्तर बांध ले......, तानाशाही नहीं चलेगी जैसे नारे यहाँ आक्रोशित कार्यकर्ताओं न लगाये।
यहाँ कोतवाली चौराहा पर पुलिस शांति से खड़ी रही और मुख्यमंत्री के पुतले पर लट्ठ बरसाये गये इसके बाद उनका अग्नि दाह कर दिया गया। अंतिम संस्कार की क्रिया करके कुछ कार्यकर्ता तो आक्रोश में नदी चौराहा जाकर कुछ पानी के छींटे भी अपने ऊपर डालकर नहाने की क्रिया पूरी कर आये।
जबकि सारे कार्यकर्ता पुन: सीहोर टाकीज चौराहे पर एकत्रित हुए और यहाँ बकायदा उन्होने एक शोक सभा आयोजित की तथा दो मिनिट तक मौन भी रखा गया।
आज कोतवाली चौराहा पार्षद मिंदी अरोरा ने यहाँ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा के शासन में 13 मंत्रियों पर लोकायुक्त का शिकंजा कसा हुआ है यदि मुख्यमंत्री ईमानदारी का चोला ही पहने हुए हैं तो पहले अपने 13 मंत्रियों जिनके खिलाफ मामला दर्ज है उन्हे पहले हटायें। उसके बाद सीहोर विधायक रमेश सक्सेना जिन्होने किसानों को कागजों पर मारकर करोड़ो रुपये का बीमा घोटाला किया है, उन्हे हटायें। कांग्रेस के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष जसपाल अरोरा हों या रुकमणी रोहिला उनके कार्यकाल में भी भेदभाव पूर्ण कार्य नहीं हुआ और वर्तमान में राकेश राय के कार्य भी भेदभाव रहित हो रहे हैं जिससे भाजपा सरकार बौखला रही है।


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उनके पैर क्या पढ़े...बरसात ही थम गई...(बैठे-ठाले)

सीहोर। एक नई कहावत है जहाँ-जहाँ पैर पढ़े संतन के...तहाँ-तहाँ बंटाधार...। यह कहावत आजकल बन बैठे आधुनिक संतों के लिये है, असल में आज संत मिलना मुश्किल है, लेकिन संत बनकर घूम रहे लोगों की कोई कमी भी नहीं है...किसी एक कला में पारंगत होते ही कुछ लोग स्वयं को संत सिध्द करने में उद्यत हो जाते हैं....यदि कोई व्यक्ति पंडित है... यदि कोई योतिषाचार्य है....कोई अंकशास्त्री है....कोई किसी देवता का सिध्द भक्त है....यदि कोई भागवत कथाकार है जिसके पास भक्तों की भीड़ लगी रहती हो...या कोई रामायण जी पर प्रवचन अच्छे देता है...अथवा कोई योगासन में पारंगत है....कोई प्रवचन अच्छे दे लेता है....तो क्या इन विधाओं के लोग संत जैसी विशिष्ट पदवी के मान लिये जायेंगे ? आज कल देखने में आ रहा है कि ऐसी विधाओं में पारंगत कई लोग स्वयं को संत सिध्द करने में जुट जाते है... और इस आढ़ में फिर वही रुपयों की भूख मिटाने का प्रयास करते नजर आते हैं....। इनके साथ ऐसे राजनेता और रुपये वाले शहद में मक्खी की तरह चिपक जाते हैं कि फिर वह स्वयं को इनका बड़ा भक्त सिध्द करने का प्रयास करते हैं....यह क्रम पूरे देश में ही नहीं बल्कि विश्व में देखने को मिल रहा है। इन राजनेताओं की अपनी गणित रहती है और रुपये वाले लोग रु पये के बाद 'यश' की कामना से ऐसे कथित संत या अन्य प्रकार के उस्तादों के आगे-पीछे नाचते नजर आते हैं।
इछावर से लेकर सीहोर तक के सैकड़ो बांस कटवाकर और सागौन की लकड़ियों को एकत्र करके गत वर्षों में जिस क थित संत ने अपना चौमासा धूमधाम से मना डाला था, आज वही संत फ्री घूम रहे हैं ? फ्री का मतलब फालतू हैं.... बरसात हो रही है तो होने दो इस बार यह चातुर्मास नहीं कर रहे ? गोया चातुर्मास नहीं हुआ उपवास हो गया कि एक बार कर लिया दूसरी बार नहीं करेंगे ?
आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी से कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी के बीच चार माह के समय को हिन्दु धर्मशास्त्र में चातुर्मास का समय बताया गया है। शास्त्रों में इस दौरान एक स्थान पर बैठकर चिंतन -मनन करने की बात कही गई है, तो विज्ञान भी इन चार महिनों में शारीरिक और मानसिक विकास की बात स्वीकार करते हुए सावधानियाँ बरतने की बात कहता है। एक कथा के अनुसार शंखचूर का वध करने के दौरान भगवान श्री हरि को थकान की अनुभूति हुई। थकान को दूर करने के लिये वे क्षीर सागर में अनंत शय्या पर जिस दिन गये, वो आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी था, उनके शयन पर जाने के दिन को देवशयनी एकादशी कहा गया वहाँ वे चार मास तक निंद्रा में रहे। उनका जागरण दिवस कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी है। न सिर्फ चातुर्मास से धार्मिकता जुड़ी है बल्कि वैज्ञानिकता भी जुड़ी है। रामायण के किष्किंधा कांड में श्रीराम ने सुग्रीव का राजतिलक करने के बाद कहा था कि चातुर्मास प्रारंभ होने वाला है । इस दौरान संत, राजा, व्यापारी और भिखारी अपनी यात्राओं को विराम देते हैं। चातुर्मास के लिये स्वयं भगवान श्रीराम भी एक स्थान पर रुक गये थे। माता सीता को खोजने के अतिमहत्वपूर्ण कार्य को भी मर्यादापुरुषोत्तम ने चातुर्मास में रोक दिया था।
ऐसे में आज के कथित संत चातुर्मास में वाहनों में घूमते नजर आते हैं। मुझे आश्चर्य होता है कि कल जो संत चातुर्मास कर रहे थे और बजाय शांति से चिंतन, मनन, अध्ययन करने के वह लाखों रुपये खर्च कर यज्ञ आहूतियाँ छुड़वा रहे थे, चढ़ावा स्वीकार कर रहे थे वही संत आज चातुर्मास अवधि में घूमते फिर रहे हैं, अपने भक्तों के पास पहुँचकर स्वागत-सत्कार करवा रहे हैं......।
राम जी भला करें...नदी चौराहे पर इछावर में हो रहे एक यज्ञ की समाप्ति के बाद बांसो का एक दरवाजा खड़ा हुआ था, जिसके संबंध में फुरसत में एक खबर छपी थी, उसके बाद इस बांसों के दरवाजे को जनता ने जाकर तोड़ दिया था और उसी रात महिने भर से रुकी हुई बरसात जिससे जीवन अस्त-व्यस्त हो रहा था....घूमड़-घूमड़ कर बादल आये और खूब बरसात हुई। पिछले दिनों इछावर में एक बार फिर एक कथित संत के पैर पड़े और इधर जिले भर में बरसात रुक गई है। इछावर में संकल्प हुआ है कि आगामी कुछ वर्ष में फिर कोई महायज्ञ और कोई चातुर्मास आदि होगा....। जो भी हो लेकिन बरसात अभी रुकी हुई है....सहज कहने में आ रहा है कि उनके पैर क्या पड़े...बरसात ही थम गई।


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राकेश राय ने खुलकर बोला विधायक के खिलाफ, पत्रकार वार्ता में कहा : मुझे विश्वास है कि सत्य की विजय होगी

सीहोर 20 अगस्त (नि.सं.)। मध्य प्रदेश की भ्रष्ट और निकम्मी भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री से विधानसभा क्षेत्र सीहोर के विधायक रमेश सक्सेना ने मुझे नगर पालिका अध्यक्ष पद से हटवा कर लोकतंत्र की हत्या करवा दी है। आगामी विधानसभ चुनाव में जनता कांग्रेस का समर्थन कर अब भाजपा को सबक सिखा देगी। जनता ने बहुमत से मुझे चुना था आज शासन की इस हरकत से जनता नाराज होगी।
उपरोक्त बात नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय ने आज एक आपात पत्रकार वार्ता में कही। श्री राय ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र सीहोर में तीन बार चुनाव जीतकर विधायक रमेश सक्सेना ने कोई विकास कार्य तो कराये नहीं बल्कि स्वयं ही इस क्षेत्र को विनाश की और धकेला है। प्रदेश में तीन मुख्यमंत्री दे चुकी भाजपा सरकार मुख्यमंत्री के गृह जिले में जब नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव में शर्मनाक पराजय की और धकेली गई तो आज भाजपा सरकार गुस्से में आकर सीहोर के साथ पक्षपात कर रही है। आज तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर के विकास के लिये कोई सौगात नहीं दी जबकि आसपास के क्षेत्रों बुदनी, नसरुल्लागंज, रेहटी अन्य स्थानों पर विकास के लिये करोड़ो रुपये दिये जा रहे हैं आखिर क्या कारण है जो सीहोर को यह लोग भूल गये हैं, क्या की जनता को मुर्ख समझ रही है भाजपा ? जो आसपास विकास हो रहा है और यहां विकास होने से रोका जा रहा है। यह सीहोर का सौभाग्य है कि जिले का मुख्यमंत्री का बना है लेकिन श्री चौहान को सीहोर से मतलब ही नहीं है।
विधायक ने सीहोर को विकास के लिये कोई सौगात तो नहीं दी बल्कि अधिकारियों पर दबाव बना कर लोकतंत्र की हत्या जरुर करवा दी। विधायक खुद सीहोर का विकास नहीं चाहते।
नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय ने अपनी पत्रकार वार्ता में कहा कि नगर की सम्मानीय जनता ने अध्यक्ष चुनाव में 12 हजार 771 मतों से महाविजय दिलाई थी और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुरेश पचौरी ने भी मुझे कांग्रेस में शामिल कर लिया था।
अध्यक्ष ने स्पष्ट आरोप लगाया कि मेरे द्वारा नगर विकास के कार्यों में लगातार भाजपा व विधायक द्वारा रोड़े डाले गये तथा आज नगर पालिका अध्यक्ष पद से हटाकर सीहोर की जनता का अपमान कर दिया गया है।
राकेश राय ने चैलेंज दिया है कि भाजपा सरकार नगर पालिका सीहोर की कितने ही स्तरों पर जांच करा ले यहाँ किसी भी स्तर पर ना तो कोई अनियमितता हुई है और ना ही कोई भ्रष्टाचार हुआ है। जांच के बाद सब कुछ साबित हो जायेगा और अंत में जीत सत्य की ही होगी।
श्री राय ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में सीहोर सहित पूरे प्रदेश से भाजपा का सफाया होने जा रहा है इसलिये भाजपा बौखलाहट में जनता द्वारा भारी बहुमत से चुने गये प्रतिनिधियों को ही हटाने में लग गई है। चूंकि सीहोर मुख्यमंत्री का गृह जिला है इसलिये भाजपा यहाँ अपनी पराजय होता देख यह कदम उठा रही है। राय ने कहा कि सीहोर की राजनीति का इतिहास इस बात का गवाह है कि जब-जब जनता के आदेश को कुचलने की कोशिश की गई है ऐसे महत्वाकांक्षी नेताओं को जनता ने सबक सिखाया है।

अभी तक नहीं मिला कोई पत्र
सीहोर 20 अगस्त। नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय ने आज इस संबंध में सायं 8 बजे फुरसत से बातचीत करते हुए स्पष्ट कहा कि मुझे अभी तक ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है। श्री राय ने कहा कि मुझे यह जानकारी अवश्य मालूम है कि ऐसा कुछ हुआ है। लेकिन अभी तक ऐसे आदेश मुझ तक नहीं पहुँचे हैं।
देर रात तक होती रही मंत्रालय में बैठक
सीहोर 20 अगस्त । भोपाल में जिन अधिकारी ने अखबारों में यह वक्तव्य दे दिये हैं कि राकेश राय को पदच्यूत किया गया है आज वह अधिकारी दिनभर फोन उठाने से बचते नजर आये। जबकि सूत्रों के अनुसार आज देर रात 8 बजे तक नगरीय प्रशासन विभाग के उच्चस्थ अधिकारियों की एक विशेष बैठक चलती रही जिसमें सीहोर के मामले पर बातचीत विचार विमर्श हुआ।


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मजदूरों की ताकत की परीक्षा न ले सरकार-संध्या शैली

सीहोर 20 अगस्त (नि.सं.)सीटू सहित समस्त बीमा बी.एस.एन.एल. डाक यूनियन की 20 अगस्त की देश व्यापी हड़ताल के आव्हान अंतर्गत 19 अगस्त को रात्रि 8 बजे एक मशाल रैली तहसील चौराहे से प्रारंभ होकर सम्पन्न हुई। साथ ही आज हड़ताल के आव्हान पर 20 अगस्त को सीहोर में सीटू, बीमा, बी.एस. एन. एल., तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ सहित अधिकांश यूनियन के हजारों मजदूर और कर्मचारी गर्म जोशी के साथ नारे लगाते हुए सड़कों पर उतरे, रैली कोतवाली चौराहे से प्रारंभ होकर कलेक्ट्रेट तक पहुंची, वहां पर प्रधानमंत्री के नाम 6 सूत्रीय मांग पत्र जिलाधीश महोदय के प्रतिनिधि अनुविभागीय अधिकारी चन्द्रमोहन मिश्रा को सौंपा गया।
कार्यक्रम का संचालन सीटू के जिला महासचिव राजेश दुबे ने किया एवं अन्य वक्ताओं में राजीव गुप्ता, दीपेन्द्र तोमर, जमीर बहादुर, पी.सी. उमरिया, गोपाल दास सोनी, रामचरण मालवीय, एम.तिर्की इत्यादि रहे। प्रमुख वक्ता के रूप में बोलते हुए कामरेड संध्या शैली ने कहा कि अब समय आ गया है मजदूर अपनी ताकत को पहचाने, चुनाव नजदीक है, सभी राजनैतिक दलों की लार मजदूरों के वोट बैंक को देखकर टपक रही है, हमें किसी राजनीति से लेना-देना नहीं लेकिन सरकार जो लगातार मजदूर विरोधी, कर्मचारी विरोधी और जन विरोधी निर्णय ले रही है इनका हम विरोध करते हैं। संसद में बहुमत हासिल करने के बाद सरकार ने जो नवरत्न कंपनिया बीमा, बी.एस.एन.एल. महिला बाल विकास, बी.एच.ई.एल. को ठिकाने लगाने की बात कही है यह देश हित के खिलाफ है, जिसका हम विरोध करते हैं। म.प्र. की सरकार दै.वे.भो. कर्मचारियों से किया वादा आज तक पूरा नहीं कर पाई, अब फिर चुनाव सर पर है इसलिये हम केन्द्र की सरकार और राज्य सरकार को चेतावनी देते हैं कि मजदूरों की ताकत की परीक्षा न ले अन्यथा परिणाम क्या होंगे इसका आंकलन सरकार स्वयं कर ले। दै.वे.भो. कर्मचारियों, गैंगमेनों, दाई, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, निर्माण मजदूरों, ठेल मजदूरों, हम्मालों, बीड़ी मजदूरों सहित शहर की आम गरीब जनता के लिये हमारा संघर्ष इनको जब तक अधिकार नहीं मिलता जारी रहेगा और हमारा संघर्ष हमेशा जारी रहेगा। कार्यक्रम में शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्र के हजारों कार्यकर्ताओं ने बड़चढ़ कर हिस्सा लेते हुए संघर्ष तेज करने का संकल्प लिया।


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अशोक जैन ने कुलदीप सेठी से पूछा साढ़े चार साल से जनाव कहाँ थे?

आष्टा 20 अगस्त (नि.प्र.)। आठ अगस्त के अंक में सीहोर के वरिष्ठ कांग्रेस नेता कुलदीप सेठी ने जिले में कांग्रेस की स्थिति, जिला कांग्रेस का गठन नहीं होना, कार्यालय नहीं खुलने आदि बातों कोलेकर जो पत्र जिला कांग्रेस अध्यक्ष को लिखा वो प्रेस में भी पहुँचा और छपा। पढ़ने के बाद आष्टा जनपद पंचायत के पूर्व सदस्य कोठरी के युवा कांग्रेस नेता अशोक जैन ने फुरसत को अपनी प्रतिक्रिया एक पोस्ट कार्ड पर लिखकर भेजी है।
श्री जैन ने सेठी जी का भेजे पत्र का समाचार 8 अगस्त के फुरसत के अंक में पढ़ने के बाद जैन ने सेठी से पूछा है कि जनाब आज आपको कांग्रेस की चिंता हो रही है पिछले साढ़े चार साल से आप कहाँ थे ? आप भी जिले के वरिष्ठ नेता है जनसमस्याओं को लेकर सड़क पर सरकार के खिलाफ क्यों नहीं उतरे ? जो पद पर बैठता है निश्चित उसकी जिम्मेदारी अधिक होती है लेकिन आप भी वरिष्ठ है आप क्यों मौन थे ? कार्यालय खुलने पर जैन ने लिखा है कि प्रमोद पटेल के बाद कैलाश परमार के कार्यकाल में जितना कार्यालय खुला उतना शायद ही इसके पहले खुला जिला कांग्रेस के गठन के बारे में जैन ने लिखा की कहने को जिला कांग्रेस का गठन जिला अध्यक्ष को करना होता है लेकिन यह सब वास्तव में होता ऊपर से ही है, सीहोर का हर नेता पद चाहता है जो पद के बिना रह जायेगा, वो जिला कांग्रेस से खफा होगा और अपने ऊपर के आका से मिलकर अपना नाम जुड़वाकर पद ले आयेगा जिले में कांग्रेस सोई हुई के बारे में जैन ने लिखा है कि सेठी जी जिले में ही नहीं साढ़े चार साल से पूरे प्रदेश में कांग्रेस सोई हुई थी। जैन ने सेठी जी को निवेदन किया है की आपको कांग्रेस की चिंता हुई इसके लिये धन्यवाद एक निवेदन है कि कांग्रेस के लिये आपके मन में जो चिंता जागी है अब उसे चुनाव तक सोने मत देना।
आप उठो घर से बाहर जन समस्याओं को लेकर सड़कों पर उतरे मैं और सब कांग्रेस के साथी आपके साथ है।


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कांग्रेस ने फल वितरण कर मनाया स्व. राजीव गांधी का जन्म दिन

सीहोर 20 अगस्त (नि.सं.)। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी जी का जन्म दिवस जिला कांग्रेस कमेटी सीहोर द्वारा जिला चिकित्सालय सीहोर में रोगियों को फल वितरत कर एवं स्व. श्री राजीव जी की भावना अनुरूप कार्य करने का संकल्प लेकर मनाया गया।
आज आयोजित कार्यक्रम में सर्वप्रथम पूर्व प्रधानमंत्री जी के चित्र पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक शंकरलाल साबू एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कैलाश परमार ने पुष्प माला अर्पित कर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। कार्यक्रम में छात्र नेता राहुल कोठारी ने स्व. राजीव जी की मंशा अनुरूप कार्य करने का उपस्थित कांग्रेसजनों को संकल्प दिलाया। इसके पश्चात् उपस्थित कांग्रेसजनों ने जिला चिकित्सालय सीहोर में उपचरार्थ भर्ती रोगियों को फल वितरित कर उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
इस अवसर पर शंकरलाल साबू, कैलाश परमार, जसपाल सिंह अरोरा, राधा वल्लाभ गुप्ता, प्रेमबंधु शर्मा, कमलेश कटारे, सुश्री रुकमणी रोहिला, मांगीलाल मंझेड़ा, सतीश पचौरी, हेमंत शर्मा, राजाराम कसौटिया, श्रीमति कल्पना हरणे, गोपाल इंजीनियर, राजेन्द्र वर्मा, राजकुमार भारती, संजय सोनी, पवन राठोर, दिनेश भैरवे, शील राय, जगदीश निगोदिया, महेश चंद्रवंशी, दिनेश सिरोलिया, मुनब्बर पठान, नरेन्द्र खंगराले, सुभाष चौरसिया, श्रीमति रेखा दीक्षित, रुकमणी अग्रवाल, जलज छोकर, राहुल कोठारी, आशीष गुप्ता, आशीष गेहलोत, प्रदीप प्रगति, डॉ. अनीस खान, राजकुमार कसौटिया, मुमताज खान, विनय पालीवाल, रामदयाल परमार, पंकज गुप्ता, बेनी प्रजापति, अखलेश राठौर, बंटी जादोन, जितेन्द्र ठाकुर, बाबूलाल परमार, राजीव गुजराती, निर्मल राजपूत, एस.कुमार राठौर, राजू गोयल आदि कांग्रेस जन उपस्थित थे।


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पीएचई द्वारा ठेकेदार के खिलाफ शिकायत दर्ज

आष्टा 20 अगस्त (नि.सं.)। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग आष्टा के सहायक यंत्री गोपाल प्रसाद ने एक ठेकेदार जिसका नाम रमाकांत ओझा है के खिलाफ गवाखेड़ा में बनने वाली पानी की टंकी के ठेके के दस्तावेज में एसबीसी की परीक्षण रिपोर्ट फर्जी लगाने तथा बाद में पकड़ा जाने पर उसके खिलाफ आष्टा थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने धारा 467, 468, 470, 420, 511 भादवि के तहत प्रकरण दर्ज किया है।



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आष्टा नपा ने लिया संकल्प: घूसखोरी कमीशन खोरी बंद करेंगे

आष्टा 20 अगस्त (नि.प्र.) पूर्व प्रधानमंत्री, आधुनिकता के जनक स्व. राजीव गांधी के जन्म दिवस के अवसर पर शासन ने संकल्प लेने के निर्देश सभी कार्यालयों को दिए थे, इसी कड़ी में नगर पालिका आष्टा के सभाकक्ष में समस्त कर्मचारियों को शासकीय संकलप दिलाया गया, स्व. राजीव गांधी ने कहा था कि यदि एक रुपये केन्द्र से दिया जाता है तो नीचे तक 10 पैसे पहुंच पाता है, बाकी पैसा घूसखोर, कमीशनखोर खा जाते हैं, उनकी इसी पीड़ा को दूर करने के लिए नपा के सभी कर्मचारियों ने आगे बढ़कर संकल्प लिया कि अब घूसखोरी कमीशनखोरी बंद कराई जाएगी।

सबसे पहले नपा से शुरूआत होगी। सभी घूसघोर, कमीशनखोरों को पब्लिक के सामने बेनकाब किया जाएगा, ताकि नगर के नागरिकों को उनके दिए गए टैक्स की वापसी सुविधाओं के रूप में सौ पैसे की जा सके, इसके लिए जब जिस वरिष्ठ अधिकारी के पास ऐसी खबर पहुंचे तो त्वरित छापामार कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया।

ऐसा संकल्प लेने वाली प्रदेश की नगर पालिका आष्टा पहली नगर पालिका बन गई है परन्तु इस कार्य में जब तक जनसहयोग नहीं मिलेगा, यह संकलप अधूरा रहेगा, प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि साईड पर देखे कि ठेकेदार एक तगारी सीमेंट, दो तगारी रेत तथा दो तगारी गिट्टी नहीं मिला रहा है, उसका दायित्व है कि वह मौके पर उस ठेकेदार तथा उसे घटिया निर्माण करने में सहयोग करने वाले को पकड़े।

इस अवसर पर पीके साहू उपयंत्री, नरेन्द्र दुबे, राजनिरीक्षक हबीब असलम, कैलाश श्रीवास्तव, अलका कात्यायन, अरुण श्रीवास्तव, फखरुल हसन, दुलीचंद कुशवाह, रशीद खां, रमेश राठौर, जगदीश नामदेव, मनीष श्रीवास्तव, अजय द्विवेदी, सेवाराम, चतरीबाई, फूलसिंह, कमल बांकड़े, प्रेम मालवीय आदि सहित समस्त कर्मचारी उपस्थित थे।



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