Friday, January 25, 2008

वन भूमि पर अतिक्रमण करने वालो ने की वनकर्मियों की धुनाई

सीहोर 24 जनवरी (नि.सं.)। शाहगंज पुलिस ने वन कर्मचारियों के साथ अभ्रद व्यवहार कर मारपीट करने वाले चार आरोपियों को त्वरित कार्यवाही करते हुये गिरफ्तार कर लिया है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम खटपुरा निवासी मंसूर भील, मरू उर्फ निर्भय, भागचन्द्र, जुल्लू उर्फ पवन ने मिलकर वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा था जिसे राजस्व एवं वनविभाग द्वारा संयुक्त रूप से प्रयास कर इस जमीन पर से इनका अवैध कब्जा दो-तीन वार हटवाया जा चुका था जिस पर पुन: इनके द्वारा कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा था गत बुधवार को वनविभाग का गस्तीदल जब इस जमीन पर चेक करने गया तो वहां पर अवैध लकड़ी बगैरह रखे मिले जिसे बन कर्मी अपने साथ जप्त कर ला रहे थे तभी इन चारों ने मिलकर उनके साथ अभ्रद व्यवहार व मारपीट की जिसमें एक वनकर्मी को चोट आई । शाहगंज थाना प्रभारी मनोज मिश्रा ने घटना की रिर्पोट पर प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए चारो आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया है ।

विश्वास के साथ श्रध्दा भी जरुरी है - अवधेश दास जी

जावर 24 जनवरी (फुरसत)। परम पूय संत अवधेश दास जी महाराज ने श्रीराम क था के दूसरे दिन कथा का प्रारंभ गुरु वंदना गुरु देव सहारा वन जाओ से किया। गुरुजी की शिष्या प्रियंका जोशी ने भी अपने गुरुजी का वंदन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। कथा में गुरुजी ने कहा कि जब तक शिव का विश्वास पार्वती की श्रध्दा भक्त के पास न हो तब तक कथा सुनने का कोई महत्व नहीं है। उन्होने कहा कि व्यक्ति में विश्वास के साथ श्रध्दा भी जरुरी है। प्रवचन के बीच-बीच में गुरुजी ने भक्ति गीत से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। गुरुजी ने राम अवतार का प्रसंग प्रस्तुत किया गुरुजी द्वारा की जा रही संगीतमय श्रीराम कथा का श्रवण का क्षेत्र की जनता सैकड़ो की संख्या में उपस्थित होकर धर्मलाभ उठा रही है। श्रीराम कथा में आज विशेष अतिथि के रुप में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेण्डी क्राफ्ट बोर्ड दिल्ली अक्षत कासट, राजकुमार जायसवाल अध्यक्ष युवक कांग्रेस, रघुवर गोहिया वरिष्ठ पत्रकार, आशीष गेहलोत पार्षद सीहोर पधारे थे। सभी अतिथियों का स्वागत समिति पदाधिकारियों ने किया। अतिथियों ने गुरुजी का स्वागत कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
श्रीराम कथा का श्रवण कर लाभ कमाया। समिति अध्यक्ष सचिन खत्री व बाबूलाल पटेल सहित सभी कार्यकर्ताओं ने अतिथियों को प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन सुभाष भावसार ने किया। कार्यक्रम के अंत में श्रीराम की आरती समिति के राजपाल ठाकुर, तेजपाल, शिवम सोनी, राकेश सिंह, वीरेन्द्र, कमलेश ठाकुर, तेज सिंह गुड्डु, सुदीप सिंह, राजेश लक्ष्कार, गुलाब सिंह, मयंक चौरसिया, शिवनारायण राठौर, विमल सोनी, चेतन पटेल, कृष्णपाल सिंह, हरिनारायण मालवीय कृपाजी, नीरज ठाकुर सहित सेकडों की संख्या में माता-बहन उपस्थित थे। अंत में प्रसाद वितरण किया गया।

महिला की कुंए में डूबने से मौत

आष्टा 24 जनवरी (फुरसत)। सिद्धिकगंज थाना अर्न्तगत आने वाले ग्राम बांदरिया हाट में एक विवाहिता की कुंए में डूबने से मौत हो गई है । पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम बांदरिया हाट में रहने वाले गजराज सिंह अजा. की 35 वर्षीय पत्नी सुमनबाई आज दोपहर को ग्राम के सार्वजनिक कुंये पर पानी भरने गई थी तभी अचानक पानी भरते समय वह कुंए में जा गिरी जिसकी डूबने से मौत हो गई । इसी प्रकार सुशीलनगर सिद्धीकगंज निवासी विनोद का साढ़े चार वर्षीय पुत्री अभिलाषा की मौत गत बुधवार को बिमारी के कारण हो गई । इधर दोराहा थाना अर्न्तगत आने वाले ग्राम बरखेड़ा खरेट निवासी 45 वर्षीय वीरमजी आ. धूलजी की मौत गत बुधवार को उसके मकानद पर सीने में दर्द होने के कारण उपचार हेतू लाते समय रास्ते में हो गई ।

रंगे हाथ पकड़े गए सटोरिए

आष्टा 24 जनवरी (फुरसत)। आष्टा पुलिस ने बजरंग कालोनी आष्टा निवासी हरिराम आ. भागीरथ काजीखेड़ी निवासी संजय आ. चन्दरसिंह कसाई पुरा निवासी रफीक आ. चन्दू खां, तथा कोतवाली पुलिस ने सीहोर निवासी राजेन्द्र आ. गोपी, मनीष राठौर, बमूलिया निवासी शंकरलाल आ. बाबूलाल, नयापुरा निवासी परमानंद आ. भवानी सिंह तथा मछलीपुल निवासी आत्माराम आ. रामप्रसाद को अवैश रूप से सट्टा पर्ची लिखते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है ।
पुलिस ने इनके कब्जे से 2860रुपये नगदी व सट्टा पर्ची जप्त कर धूत अधिनियम के तहत प्रकरण कायम किया है ।

ठंड ने दिखाया रंग

आष्टा 24 जनवरी (फुरसत)। किसी को इतनी उम्मीद नही थी कि मकर संक्रांति के बाद इतनी ठंड पडेग़ी ठंड ने ऐसा रंग दिखाया की अच्छो-अच्छो को एहसास करा दिया कि इसे कहते हे ठंड 4-5 दिनो से ठंड ने ऐसा रंग दिखाया की लोगो ने दिन-दिन भर टोपे, मफलर, श्वेटर को नही उतारे ठंड की चमक पड़ने से गर्म कपडे बेचने वालो के यहा अचानक ग्राहकी चल पड़ी है ।
पारा काफी नीचे आ गया पड़ रही ठंड फसलों के लिए अच्छी मानी जा रही है। वही आम जन ठंड से कंपकंपा उठा है। रात्रि में नगर में जिधर निगाह घुमाओ आलाव जलता नजर आता है ।ठंड में सुबह-सुबह लगने वाले स्कूलों में छोटे-छोटे बच्चों की उपस्थित कर हो गई है । वही इस ठंड से मौसमी बिमारी ने भी नागरिकों को घेरा है ।
कड़ाके की पड़ रही ठंड के कारण नगर के बाजार रात्रि में जल्दी बंद हो जाते है। और सुबह देर से खुल रहे है। कड़ाके की ठंड के कारण मवेशीयों की काफी परेशानी हो रही है । ठंड के कारण चाय की दुकानो पर बिक्री बढ़ गई है ।

पशु क्रूरता की बात करने वाले यह बतायें क्या पशुओं से भी गऐ बीते हैं सीहोर के ये यात्री...?

सीहोर 24 जनवरी (फुरसत)। पशु क्रूरता अधिनियम के तहत आये दिन गाय-बैल से भरे ट्रक पकड़ने वाले पुलिस वालों तथा सामाजिक संगठन पहले यह बतायें कि क्या नगर में चल रही यात्री बसों में यात्रा करने वाले मनुष्य पशुओं से भी गये-बीते हैं। बसों में उन्हे बैठने तो दूर लटकने तक की जगह उपलब्ध नहीं कराई जाती, ठूंस-ठूंस कर भरा जाता है तो फिर पशुओं की चिंता करने वालों को मनुष्यों की फिक्र क्यों नहीं सताती। क्या यातायात विभाग पहल कर नगर के यात्रियों की दशा सुधारने का काम करना उचित नहीं समझता?
उक्त बात नगर के वरिष्ठ समाजसेवी व सेवा संस्था के संस्थापक नेत्र प्रेरक कमल झंवर ने फुरसत से अपनी बातचीत के दौरान कही। श्री झंवर ने कहा कि नगर में आये दिन पशु क्रूरताओं के मामले देखने-सुनने को मिलते हैं लेकिन देखा गया कि जिन ट्रकों या वाहनों में वह पशु भरे जाते हैं उन्हे कम से कम खड़े रहने की तो जगह मिलती है लेकिन इसके बावजूद भी हर एक पशु से भरे वाहन की जांच पुलिस पूरी मुस्तैदी से करती है कि कहीं कोई मूक पशु के साथ अत्याचार तो नहीं हो रहा ? पुलिस की यह चौकस कार्यप्रणाली तारीफ के काबिल है वह पशु क्रूरता के खिलाफ अपना अभियान जारी रखे इससे कोई गिला शिकवा नहीं है लेकिन नगर में जिस प्रकार मनुष्य के साथ अमानवीय व्यवहार यात्री बस चालकों द्वारा किया जा रहा है उसके खिलाफ भी पुलिस की सक्रियता आवश्यक है।
उल्लेखनीय है कि यहाँ नगर में सीहोर से आष्टा के मध्य चलने वाले वाहनों में अधिकांशत: जितने भी यात्री बैठते हैं उन्हे ठूंस-ठूंस कर ही भरा जाता है। उन्हे सही से बैठने के लिये सीट तक नहीं दी जाती है। महिलाएं भी परेशानी के साथ बैठती हैं। बैठने की सीट पूरी होने के बाद भी दुगनी सवारियाँ इन वाहनों में भरी जाती है। वाहन चालक आगे भी अधिकाधिक सवारी बैठाता है और परिचालक पीछे सीट पूरी होने के बाद कईयों को खड़ा करवा देता है और फिर उसके बाद यात्रियों को लटकवा भी देता है।
इस प्रकार यात्री एक-दूसरे के बीच दबे-सिकुड़े बैठने को और यात्रा करने को मजबूर हो जाते हैं। कईयों की सांस फूल जाती है। कईयों की दशा ही बिगड़ जाती है। जो लटककर जाते हैं उनके जीवन के साथ खिलवाड़ की स्थिति रहती है। कुल मिलाकर पशुओं से यादा अत्याचार यात्री वाहनों में मनुष्यों के साथ हो रहा है और वह भी खुले आम हर दिन हो रहा है।
इसके बावजूद लम्बे समय से यातायात विभाग अपनी सेटिंग के चलते इन वाहन वालों से कभी कुछ नहीं कहता। वाहन चालक जैसे चाहे वैसे अपने वाहनों में यात्रियों को ठूंस-ठूंस कर भरते हैं, अभद्र व्यवहार करते हैं। महिलाओं को खासी परेशानी आती है लेकिन यातायात पुलिस का इसकी तरफ ध्यान नहीं जाता।
यदि कोई यात्री इसका व्यवस्था का विरोध करता है तो वाहन चालक-परिचालक या वाहन मालिक उनके साथ दुर्व्‍यवहार करते हैं और बात बढ़ने पर नौबत मारपीट तक पहुँच जाती है बल्कि उन्हे बीच रास्ते में भी छोड़ कर उन्हे बेइज्‍जत करने का क्रम भी यह लोग करने से बाज नहीं आते। आये दिन इस प्रकार की घटनाएं सीहोर से आष्टा के बीच आसानी से देखी जा सकती है।