Friday, March 7, 2008

सीहोर में बजरंग दल ने की पहल, शिवरात्री पर सेंटएनीस में छुट्टी कराई

मजबूर होकर तहसीलदार ने स्कूल में जाकर छुट्टी की घोषणा की, बजरंग दल की पूरे नगर में प्रशंसा हुई
सीहोर 6 मार्च (फुरसत)। ईसामशीह के क्रिसमस डे के एक दिन के त्यौहार को जबरन 10 की बड़े दिन की छुट्टी के रुप में लादकर भारतीय बच्चों को ईसाई पर्व मनवाने वाली ईसाई मिशनरी के सेंटएनीस स्कूल में राष्ट्रीय स्तर की घोषित महाशिवरात्री की छुट्टी भी नहीं की गई थी। जानबूझकर संस्थान हिन्दु पर्व पर कोई न कोई बहाना बनाकर स्कूल खोलता है जबकि छोटे-छोटे ईसाई पर्व यहाँ मनाये जाते हैं, छुट्टी कर दी जाती है। यहाँ बच्चों को अंग्रेजी सिखाने के लालच में अभिभावक चुप इनकी सारी यादती झेलते हैं, और शिक्षा विभाग वाले हमेशा इस तरफ से आंखे मूंंद कर रखते हैं। जबकि कलेक्टर और बड़े अधिकारी खुद के बच्चे यहाँ पढ़वाकर इस संस्थान के इतने दबते हैं कि उनके मुँह से इस संस्था के खिलाफ आवाज भी नहीं निकलती। कोई शिकायत की भी जाती है तो बहाने बनाकर यह बच जाते हैं।
आज इसका विरोध करते हुए शिवरात्री पर खुले स्कूल में बजरंग दल के कार्यकर्ता अतुल काका और शंकर ठाकुर के अगुवाई में पहुँचे और यहाँ बच्चों की छुट्टी का निवेदन किया। साथ ही भी समझाया कि यह बड़ा हिन्दु पर्व है। हालांकि संस्थान संचालिका ने इस पर आपत्ति की लेकिन जब उन्हे समझाया तो वह मानने को मजबूर हुई कि हाँ यह बड़ा हिन्दु पर्व है जिसे भारत में मनाना होगा। बाद में पुलिस बल पहुँचा। अंत में नहीं चाहते हुए भी जिला प्रशासन के तहसीलदार ने मजबूरन यहाँ आकर छुट्टी की घोषणा की और सारे बच्चे धीरे-धीरे रवाना हो गये।

सीहोर में शिव बारात का पूरे नगर में हुआ जोरदार स्वागत, शिवनाद से गूंजे शिवालय

सीहोर 6 मार्च (फुरसत)। सूरज की पहली किरण के साथ जहाँ पूरा नगर शिवनाद से गूंज उठा वहीं शाम को मंदिरों पर मेला भरा गया। इधर शिवबारात की जोरदार अगवानी दोपहर बाद से ही करने वालों ने स्वागत तैयारियाँ शुरु कर दी थी। शाम होते-होते कस्बा से उठी महाशिवरात्री की महाबारात जब कस्बा से छावनी में प्रवेश करते हुए आई तो एक तरह पूरा वातावरण ही शिव मय हो गया। अनेकानेक जगह स्वागत हुआ। अनेक अखाड़ो के साथ हिन्दुधर्म की ध्वज पताकाएं लहराते हुए विशाल जुलूस निकला। अनेक जगह भोलेनाथ की आरती उतार कर पुष्पवर्षा कर पुण्यलाभ भी अर्जित किया गया।
हर वर्ष अपने स्वरुप का विस्तार कर रही महाशिवरात्री चल समारोह की शिव बारात ने आज कमाल कर दिया। लोकेश सोनी की निरन्तर मेहनत के फलस्वरुप यह पूरा तामझाम आज नगर के लिये एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम बन चुका है। इस वर्ष एक नये पायदान के रुप में शिव बारात के साथ करीब 4-5 अखाडे भी शामिल हो गये। शिव बारात पारम्परिक रुप से रामद्वारा शिव मंदिर कस्बा से उठी जो कस्बा से घूमती हुई छावनी में प्रवेश करते मुख्य मार्ग डॉ मुखर्जी से होती हुई कोतवाली से जगदीश मंदिर चौराहा से नमक चौराहा, बड़ा बाजार होते हुए वापस कस्बा पहुँची। बारात में सबसे आगे 8 घुड़सवार बकायदा साफा बांधे हिन्दु धर्म की पताकाएं हाथ में लिये चल रहे थे। इनके पीछे डीजे पर युवक नाचते हुए थे।
इसके पीछे एक आकर्षक अखाड़ा अपना प्रदर्शन करते हुए, उसके पीछे भी एक और अखाड़ा था। इसके पीछे डीजे पर नाचते हुए युवक और उसके पीछे शिव बारात के बाराती के रुप में ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु जी गरुड़ रथ पर सवार थे जिन्हे देखकर हर व्यक्ति नतमस्तक था।
इनके पीछे नारद जी रथ दो देवताओं के साथ चल रहा था जिसमें नारद की बारात की विशाल पर मुग्ध होकर नारायण नारायण जप रहे थे। इनके पीछे बैलगाडी क़े रथ पर भगवान भोलेनाथ सवार थे जिनकी स्थान-स्थान पर आरती हो रही थी।
आज मुस्लिम त्यौहार कमेटी ने गाड़ी अड्डा पर जोरदार स्वागत किया यहाँ मुस्लिम युवकों ने बिनाकी आदि चलाकर भी जुलूस का स्वागत किया। वहीं बड़ा बाजार में बजरंग दल के युवकों ने और रमेश सक्सेना मित्र मण्डल ने भी स्वागत किया। चरखा लाईन तिराहे पर सर्राफा संघ व आशीष गेहलोत मित्र मण्डली ने, जगदीश मंदिर चौराहा पर गाँधी क्लब ने और नमक चौराहा पर नव योति संगठन ने ठंडाई से स्वागत किया। नमक चौराहा पर वैष्णव भजन मण्डल ने श्री प्रदीप मिश्रा के नेतृत्व में स्वागत किया। आज नगर में सुबह से ही शिवालयों में ऊं नम: शिवाय की गूंज शुरु हो गई थी। नगर के प्रसिध्द शिव मंदिरों मनकामेश्वर महादेव मंदिर, चमत्कारेश्वर महादेव मंदिर, गुप्तेश्वर, नर्वदेश्वर, काशी विश्वनाथ, भूतेश्वर, सहस्त्रलिंगम, से लेकर सभी प्रमुख शिव मंदिरों पर सुबह से भक्तों की भीड़ पहुँचने लगी थी।
बिल्व पत्र से लेकर अन्य पूजन सामग्री से पूजन की जा रही थी। शाम को भी मंदिरों पर मेला लगा रहा।

आष्टा में महाशिवरात्री धूमधाम से मनी

आष्टा 6 मार्च (फुरसत)। आज महाशिवरात्री का पर्व आष्टा में भक्तों ने श्रध्दा-भक्ति उत्साह उमंग के साथ मनाया। सुबह से ही भोले के दरबार में भक्तों का पहुँचना शुरु हो गया था। अनेकों स्थानों पर आज अभिषेक विशेष पूजन आदि के कार्यक्रम हुए।
आज अनेकों भक्तों ने महाशिव रात्री पर उपवास व्रत आदि भी रखे नगर में आज शिवालयों में दिनभर बम-बम भोले के जयकारे गूंजे। आज नगर का प्राचीन ऐतिहासिक शिवालय पार्वती नदी किनारे स्थित भगवान शंकर के मंदिर पर हजारों भक्तों ने पहुँचकर भोले की पूजन दर्शन किये। बिलपत्र, पुष्प जल चढ़ाया। नगर के अन्य शिवालयों में भी आज भक्तों की दिन भर भीड़ रही। शिवरात्री पर आज बाबा रामदेव मंदिर सांई कालोनी में भी विशेष पूजन भक्ति एवं आरती के कार्यक्रम हुए। शंकर मंदिर में आज भोलेनाथ का विशेष श्रृंगार किया गया एवं यहाँ आरती में सैकड़ो भक्तगण शामिल हुए। नगर पालिका ने आज शिवरात्री पर मंदिरों के आसपास विशेष सफाई कराई चूने की लाईन डाली व विशेष प्रकाश की व्यवस्था की गई।

प्रशासन द्वारा बुलाई शांति समिति की बैठक में मात्र 4-5 सदस्य ही आये, ऐसी स्थिति क्यों बनी

आष्टा 6 मार्च (फुरसत)। आष्टा में स्थानीय प्रशासन के प्रमुख अधिकारियों का नगर के प्रमुख गणमान्य नागरिकों, पत्रकारों, शांति समिति के सदस्यों से किसी भी प्रकार का सीधा संबंध नहीं होने से इन दिनों नगर के स्थिति बड़ी ही विकट बनी हुई है। पिछले लगभग 6 माह से जब से आष्टा में एसडीएम के रुप में तेज तर्रार अधिकारी श्रीमति जी.व्ही.रश्मि आई हैं और उनके साथ तहसील में अन्य कार्यों के लिये इछावर के एसडीएम श्री अहिरवार जी को भी दो दिन के लिये आष्टा अटैच किया यहां के नागरिकों में बड़ी असमंजस की स्थिति बन गई की वे किससे चर्चा करें अब पूरी तरह से श्रीमति रश्मि एस.डी.एम. के रुप में कार्य कर रही है, लेकिन उनकी संवादहीनता के कारण स्थिति विचित्र है, इसका उदाहरण 4 मार्च को शाति समिति की बैठक में देखने को मिला जब नगर में महाशिव रात्री, होली रंग पंचमी का त्यौहार मनाने के लिये दूसरी बार शांति समिति की बैठक रखी जिसमें मात्र 4-5 लोग ही आये कईयों को टेलिफोन लगायें लेकिन कोई नहीं पहुँचा जब मजबूरी में प्रशासन ने उक्त बैठक को स्थगित किया और अब पुन: 14 मार्च को उक्त बैठक रखी है।
बैठक में शांति समिति के सदस्य एक बुलावे पर पहुँच जाया करते थे वे इस बार क्यों नहीं पहुँचे क्या यह स्थिति प्रशासन के अधिकारियों का जो रवैया इन दिनों चल रहा है उसके कारण बनी या कोई और कारण था। जिलाधीश सीहोर को संवेदनशील आष्टा में प्रशासन और नागरिकों के बीच जो यह स्थिति नजर आई उसे देखना चाहिए।

आष्‍टा में प्रतिष्ठा महोत्सव में आज भगवान का जन्मकल्याणक भक्ति भाव से मना
आष्टा 6 मार्च (फुरसत)। हमें केवल अपनी आत्मा की चिंता है लेकिन तीर्थंकर भगवान जो होते हैं उन्हे सभी आत्मा की चिंता होती है। तीर्थंकर भगवान की आत्मा ने भी एक बार अपने जैसे रहे हैं और 84 लाख योनियों में भ्रमण किया है। जब सम्यक दर्शन की प्राप्ति हो जाती है वहीं से तीर्थंकर बनने की साधना शुरु हो जाती है। कल जो था वो च्यवन कल्याणक था और आज भगवान का जन्म कल्याणक का पावन दिवस है।
उक्त बात श्री नेमिनाथ श्वेताम्बर जैन मंदिर किला आष्टा पर चल रही भगवान की प्रतिष्ठा एवं अंजनशलाका के 5 वें दिन जन्मकल्याणक दिवस के पावन अवसर पर उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं में संबोधित करते हुए आचार्य देव श्रीमद् विजय नयवर्धन सू.म.सा. ने कहे आचार्य श्री ने आगे कहा कि सारे जगत का उध्दार करने वाले परमात्मा हैं। तीर्थंकर पद का स्वरुप क्या होता है यह सब शास्त्रों में बताया गया है जब तीर्थंकरों का पंच कल्याणक होता है तो सारे जगत में प्रकाश ही प्रकाश एवं आनंद तथा उत्साह छा जाता है। यहाँ तक नरक के जीवों को भी क्षण भर के लिये आनंद की अनुभूती होती है। जब अपना उत्कर्ष होता है तब दूसरों के लिये यह आनंद का कारण बनना चाहिए। कल च्यवनकल्याणक और आज जन्म कल्याणक पर आपने जो देखा वो नाटक नहीं था यह परमात्मा की भक्ति थी। जिन पात्रों ने इस भक्ति में किरदान निभाया यह उनका सौभाग्य है कि उन्हे उक्त पात्र बनकर उसका किरदान निभाने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ। स्वर्ण में मेरु पर्वत पर भगवान का जन्माभिषेक होता है और चारों दिशाओं से छप्पन दिक् कुमारिकाएं उपस्थित होती हैं और गुणगान करती हैं इस अवसर परम पू.पन्यास प्रवर श्री हर्षतिलक विजय जी म.सा. ने भी अपने विचार रखे। इसके पूर्व प्रात: 8.15 बजे मंदिर जी पू.आचार्य भगवंत की निश्रा में जन्मकल्याणक विधान का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। दोप. में किला मंदिर से जन्कल्याणक का विशाल वरघोड़ा हाथ रथ, बैण्ड बाजे, शहनाई आदि के साथ निकला जो नगर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ किला मंदिर जी पर समाप्त हुआ। आज प्रात: किला मंदिर जी में विभिन्न प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा की बोलियां भी सम्पन्न कराई गई। आज श्रावक नंदकिशोर मनोज कुमार वोहरा परिवार का बहुमान की बोली लेने वाले श्रावक रविन्द्र चन्द्रप्रकाश रांका परिवार ने बहुमान किया। आज जन्म- कल्याणक कार्यक्रम में क्षेत्र के विधायक रघुनाथ मालवीय विशेष रुप से उपस्थित थे। प्रतिष्ठा महोत्सव में भाग लेने के लिये दूर-दूर से भक्तों का नगर आगमन प्रारंभ हो गया। रोजाना बड़ी संख्या में भक्त तीर्थ नगरी आष्टा में पधार रहे हैं। वही प्रतिष्ठा महोत्सव समिति भक्ति सेवा भाव से प्रतिष्ठा कार्यक्रम को सम्पन्न कराने में दिन रात जुटे हुए हैं।

सीहोर में जबर्दस्त महादेव की बारात निकली

सीहोर 6 मार्च (फुरसत)। जबर्दस्त महादेव मंदिर कृषि उपज मण्डी गेट से महाशिवरात्रि के अवसर पर एक विशाल शिव बारात जबर्दस्त महादेव मंदिर से माता मंदिर चौराहा, माता मंदिर चौराहा से नरसिंहगढ़ नाका होते हुए इंदिरा कालोनी से रेस्ट हाउस होते हुए गिन्नौरा आश्रम में भगवान भोलेनाथ की आराधना आरती की गई एवं वापस जबर्दस्त महादेव मंदिर पर बारात पहुंची। इस अवसर पर विधायक रमेश सक्सेना एवं कमलेश कटारे विशेष रुप से उपस्थित रहे।
रास्ते में जगह-जगह शिव बारात का भव्य स्वागत किया गया। बारात में घोड़े, बग्गी एवं डीजे चल रहे थे। शिव बारात में पप्पु यादव, डायरेक्टर हम्माल संघ, तुलावट संघ, ताराचंद यादव तुलावट संघ अध्यक्ष, विनोद यादव, रामकृष्ण शर्मा एवं समस्त व्यापारियों, मण्डी समिति के कर्मचारियों का विशेष सहयोग रहा। राजाराम कोली, मण्डी समिति के कर्मचारियों का विशेष सहयोग रहा। राजाराम कोली, राम भरोस राठौर, बने सिंह मेवाड़ा, कमल सिंह ठाकुर, तुलसीराम सेन, भोलाराम यादव, विनोद यादव, जगदीश यादव, जसमत मेवाड़ा आदि।

आष्‍टा अस्पताल में मृत घोषित

आष्टा 6 मार्च (फुरसत)। आज प्रात: इन्द्रा कालोनी निवासी रामगोपाल पुत्र नारायण उम्र 55 वर्ष को सीने में दर्द की शिकायत के बाद परिजन अस्पताल लेकर आये यहाँ डाक्टरों ने उन्हे मृत घोषित किया। सूचना के बाद आष्टा पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है।

सीहोर में ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एक अप्रैल से

सीहोर 6 मार्च (फुरसत)। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का यिान्वयन सीहोर जिले में एक अप्रैल से किया जाएगा जिसकी प्रारंभिक तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। योजनान्तर्गत गांवों के ऐसे प्रत्येक परिवार को साल में कम से कम 100 दिन का गारंटी शुदा रोजगार उपलब्ध कराया जायगा जिसके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम करने को तैयार हैं।
कैसे मिलेगी मजदूरी
ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (आरईजीएस) में एक वित्त वर्ष के दौरान 100 दिन के रोजगार की गारंटी ग्रामीण परिवारों को दी गई है। अगर किसी परिवार में एक से अधिक व्यक्ति काम करना चाहते हैं तो उन्हें (एक साथ या अलग-अलग समय पर) काम पर रखा जा सकेगा, परंतु परिवार की पात्रता 100 दिन होगी। पंजीकरण कराने वाले परिवार के सभी वयस्क सदस्य काम के लिए आवेदन दे सकते हैं। पंजीकरण के लिए जरूरी होगा कि आवेदक स्थानीय निवासी हो, स्थानीय का मतलब आवेदक ग्राम पंचायत क्षेत्र के भीतर रहता हो। उस इलाके के प्रवासी परिवारों को भी स्थानीय निवासी परिवारों की श्रेणी में ही रखा जाएगा। जो परिवार कुछ समय पहले वहां से जा चुके है लेकिन उनके वापस आने की संभावना है वे भी इस प्रावधान का लाभ उठा सकते हैं। पंजीकरण के लिए यह भी आवश्यक होगा कि व्यक्ति अकुशल शारीरिक श्रम करने को तैयार है। वह स्थानीय ग्राम पंचायत में एक परिवार के रूप में आवेदन करे। यदि किसी परिवार में केवल एक सदस्य है तो उसे भी एक परिपूर्ण परिवार की श्रेणी में रखा जायगा। पंजीकरण के लिए सादे कागज पर आवेदन दिया जाएगा जो ग्राम पंचायत में जमा होगा। पंजीकरण के लिए पंचायत के समक्ष मौखिक रूप से भी आग्रह किया जा सकता है।
रोजगार कार्ड (जॉब कार्ड)
प्रत्येक पंजीकृत परिवार को ग्राम पंचायत द्वारा रोजगार (जॉब) कार्ड जारी किया जाएगा। यह महत्वपूर्ण दस्तावेज है जिससे पारदर्शिता बनाए रखने और मजदूरों को जालसाजी से बचाने में सहायता मिलती है। रोजगार कार्ड की एक प्रति पंचायत में रखी जाएगी। कार्डधारक का मूल जॉब कार्ड खो जाने या क्षति ग्रस्त होने पर वह डुप्लीकेट जॉब कार्ड के लिए आवेदन कर सकेगा।
काम के लिए आवेदन
रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत काम के लिए आवेदन ग्राम पंचायत में दिया जाएगा जिसमें रोजगार कार्ड की पंजीकरण संख्या, आवेदक किस तारीख के बाद काम पर आना चाहता है तथा उसे कितने दिन रोजगार की जरूरत है का उगेख किया जाएगा। आवेदक को पावती दी जायगी जिस पर आवेदन जमा करने की तारीख लिखी होगी।
समयबध्द रोजगार
आवेदन प्राप्त होने की तारीख के 15 दिनाें के भीतर आवेदक को रोजगार उपलब्ध कराना संबंधित ग्राम पंचायत कार्यम अधिकारी की जिम्मेदारी होगा। अग्रिम आवेदन की स्थिति में उसी तारीख से रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा जिस तारीख से रोजगार की मांग की गई है। यदि कोई ग्राम पंचायत 15 दिवस के भीतर किसी आवेदक को रोजगार नहीं उपलब्ध करा पाती है तो रोजगार उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी कार्यम अधिकारी के ऊपर होगी। कार्यम अधिकारी द्वारा ऐसे आवेदक को समय पर रोजगार दिलाने की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।
बेरोजगारी भत्ता
राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत आवेदन करने वाले किसी मजदूर को उस तारीख के 15 दिन बाद तक भी रोजगार नहीं मिल पाता है जिस तारीख से वह काम करना चाहता है तो उसे अधिनियम के प्रावधान के मुताबिक निर्धारित दर के हिसाब से बेरोजगारी भत्ता दिया जायगा और इसके लिए संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। बेरोजगारी भत्ते का भुगतान भी उसी तरह किया जाएगा जिस तरह वेतन का भुगतान किया जाता है।
व्यापक प्रचार - प्रसार सुनिश्चित जनपद पंचायत सीहोर की मुख्य कार्यपालन अधिकारी मधुलिका शुक्ला ने बताया कि राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना का लाभ जरूरत मंद लोगों को दिलाने के लिए जनपद क्षेत्र में इसका व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया गया है। योजना के विभिन्न प्रावधानों से ग्रामीणों को अवगत कराने के लिए सघन प्रचार-प्रसार अभियान शुरू किया गया है जिसके तहत 7 मार्च 08 तक मैदानी अमले द्वारा घर घर जाकर जानकारी दी जायेगी।