प्याज, लहसुन और आलू की रिकार्ड तोड़ आवक
आष्टा 11 अप्रैल (नि.प्र.)। जिस प्याज ने एक बार आसमान छुते भाव के कारण सरकार को रूला-रूला दिया था आज वो हि प्याज भाव के कारण उसको पैदा करने वाले किसान को रूला रही है। इस वर्ष आष्टा क्षैत्र में आलू, प्याज, लहसून का उत्पादन करने वाले किसानों के यहा भरपूर फसल पैदा हुई है । कम पानी और ठंड पड़ने के कारण फिर भी उक्त फसले प्रभावित हुई है । लेकिन फिर भी इतनी फसल हुई है कि आष्टा में ही नही हर जगह उसके भाव पानी की तरह हो गये है । आष्टा की सब्जी मंडी में रोजाना लहसुन, प्याज की डेढ़ से 2 हजार बोरी की भरपूर आवक हो रही है । वही कोन्ड स्टोरेज लबालब भरा जाने के कारण आलू की भी भरपूर आवक मंडी में हो रही है । आज सुबह इस प्रतिनिधि ने आष्टा सब्जी मंडी का भ्रमण किया तो भारी आवक का नजारा देखने को मिला मंडी में आडतियों के यहां ग्रामों से आया आलू लहसून, प्याज नीलाम हो रहा था देखा कि प्याज जिसकी क्वालिटी हल्की है । है वो नीलामी में थोक में 2 रुपये किलो तथा जो प्याज अच्छी क्वालिटी का है वो 4 रुपये किलो थोक में नीलाम हो रहा है । आष्टा नगर में इन दिनों खेरची प्याज बेचने वालों के अनेकों ठेलो दिनभर धुमते नजर आ रहे है । ये लोग खेरची में प्याज 10 रुपये का ढाई किलो से 3 किलो तक बेच रहे है । थोक में लहसून हल्की 10 से 15 एवं अच्छी 15 से 20 रुपये किलो नीलाम हो रही है ।
इसी प्रकार सब्जी मंडी में लहसुन की सबसे अधिक आवक नजर आई आज सुबह आष्टा तहसील के ग्राम छोटी खेड़ी के कृषक शिवनारायण मेवाड़ा अपने यहां उत्पादन की गई लहसून लेकर आये थे जब उनसे चर्चा की तो उन्होंने बतया की ठंड पड़ने से लहसून प्याज आलू की फसल काफी प्रभावित हुई है । ऊपर से भाव भी काफी कम मिल रहे है। उन्होनें बताया कि इस बार उन्होंने अपने खेत पर 1 क्ंविटल लहसुन लगाई थी और लगभग 10 कुन्टल लहसुन पैदा हुई है । अगर ठंड नही पड़ती तो उत्पादन इससे दुगना होता इसी प्रकार छोटी खेड़ी के कृषक गोपालसिंह मेवाड़ा जो की मंडी में प्याज लेकर आये थे ने बताया कि उत्पादन ठंड के कारण प्रभावित हुआ है । उन्होंने डेढ़ एकड़ में प्याज लगाया था ठंड से जल जाने के कारण आशा से आधा ही प्याज पैदा हुआ ठंड से क्वालिटी भी प्रभावित हुई है। इसलिए भाव भी कम मिल रहा है। वही क्षैत्र में प्याज और लहसुन के साथ-साथ आलू भी काफी पैदा हुआ है । क्षैत्र का किसान कम भाव के कारण आलू रोकना चाहता है लेकिन आष्टा में कोई भी कोन्ड स्टोरेज नही है। इसलिए जब वो आलू रखनेके लिए देवास ओर शुजालपुर कोन्ड स्टोरेज पहुंचा तो उसे निराश होकर लौटना पड़ा क्योंकि बड़ी-बड़ी कंपनीयों ने इस बार आलू जमीन से बाहर नही निकला उसके पहले ही कोन्ड स्टोरेज अपने नाम से बुक करा लिया था जो थोड़ी बहुत जगह थी वो स्थानीय कृषकों ने बुक करा ली और उन्हें निराशा मिली मजबूरी में अब वे कृषक आलू ओने पौने दाम में आलू बेचने ला रहे है । क्योंकि घरों में आलू रख नही सकते जल्दी खराब होने का डर रहता है। इस संबंध में सब्जी मंडी के आडतिया नरेन्द्र कुशवाह, गब्बू कुशवाह, से जब फुरसत ने चर्चा की तो आडतियों ने बताया कि आष्टा की सब्जी मंडी में लहसुन, प्याज, आलू की भरपूर आवक बनी है । इस बार उत्पादन अच्छा हुआ है । लेकिन क्वालिटी हल्की आ रही है। मंडी में रोजाना डेढ़ से दो हजार बोरी लहसून,प्याज, आ रहा है । नीलामी में हल्का लहसुन 10 से 15 रुपये एवं अच्छा लहसुन 15 से 20 रुपये किलो तक बिक रहा है । व्यापारी खरीद कर यहां से लहसुन बेग्लौर, मुम्बई, नीमच, मन्दसौर, जावरा, इंदौर, उज्जैन, बेचने जा रहे है । जो क्षैत्र के बड़े बड़े प्याज लहसून के उत्पादक किसान है वे तो अपना पुरा माल आष्टा से सीधे नीमच-जावरा मन्दसौर ले जा रहे है वही बेचकर आ रहे है। आष्टा मंडी में किसानों को भुगतान नगद दिया जाता है । इसलिए आस-पास की तहसील के किसान भी यहां माल बेचने के लिए लाते है ।
पाला ठंड का असर पड़ा है:- ऐसा नही है कि ठंड का असर केवल गेंहू चना मसूर आदि पर ही पड़ा है आज जिस प्रकार प्रतिनिधि को सब्जी मंडी में आये किसानों से चर्चा की और माल की क्वालिटी देखी उससे लगा की ठंड का जितना असर चने, मसूर पर पडा है । उतना ही असर आलू-प्याज-लहसुन पर भी पड़ा है ठंड लगने से क्वालिटी काफी हल्की हो गई है । कई जगह तो खराब हो गया है । इससे भाव कम मिलने के साथ साथ उत्पादन भी प्रभावित हुआ है ।
हमें मुआवजा क्यों नही :- सब्जी मंडी में आये किसानों ने कहा की गेंहू -चना -मसूर का ठंड के कारण नुकसान हुआ शासन ने उसका सर्वे कराया, मुआवजा भी दे रही है तो हमारी लहसुन, प्याज, आलू की फसल का भी सर्वे होना चाहिये एवं मुआवजा मिलना चाहिये ।
आष्टा को चाहिये एक कोन्डस्टोरेज:- इस बार क्षैत्र में ठंड पड़ने के बाद भी जिस प्रकार आलू, प्याज, लहसुन की भरपुर आवक हो रही है आवक होने के कारण भाव गिर चुके है । किसान कम भाव में बेचना नही चाहता है लेकिन इन बस्तुओं को रख भी नही सकता स्टोर करने के लिए कोन्ड स्टोरेज की आवश्यकता होती है । जो आष्टा में है ही नही अगर उसे रखना भी है तो उसे देवास-शुजालपुर जाना पड़ता है। जो मंहगा सौदा साबित होता है । इसलिए बेचने को मजबूर है । अब आष्टा में एक कोन्ड स्टोरेज की आवश्यकता महसूस हो रही है । जो लोग वेअर हाऊस गोदाम बना रहे है उन्हें इस और ध्यान देना चाहिये कोन्ड स्टोरेज की आष्टा में अति आवश्यकता है ।
हम्माल दौड़ पड़ते है:- भरपूर आवक के कारण सुबह 6 बजे से सब्जी मंडी में ग्रामीण क्षैत्रों से सब्जी मंडी में आलू,प्याज,लहसून की आवक शुरू हो जाती है । मंडी के कुछ नये आडतियों ने ऐसे हम्माल रखे है जो सब्जी मंडी के बाहर मुख्य मार्गो पर तैनात रहते है । लहसुन, प्याज, आलू, की कट्टीयों से भरे वाहन को आते देखकर उस पर दौड़कर चढ़ जाते है और अपने आडतियें के पास ले जाने का प्रयास करते है इससे उन्हें हम्माली के साथ-साथ शायद आडतियों से भी कुछ मिलता होगा । कई किसान ऐसे भी है जिन पर इनका असर नही पड़ता है । वे तो अपने वर्षो पुराने आडतियो के यही जाकर माल नीलामी के लिए उतारते है । दलाल रुपी ये हम्माल कई बार सब्जी मंडी में विवाद भी पैदा करवा देते है ।
प्याज का स्वभाव ही रूलाना है :- प्याज एक ऐसी बस्तु है जिसका स्वभाव ही रूलाना बन गया है । जब इसका उत्पादन कम हो तो यह किसान को रूलाता है, जब इसके भाव आसमान पर चढ़ जाये तो यह सरकार को रूला देती है और चढ़े भाव के कारण आम उपभोक्ता भी भाव सुन कर रो देता है । और तो और जब यह घरों में पहुंचता है तो और जब इसे काटा जाता है तो यह काटने वालो को भी रूला देता है इस प्रकार अब प्याज एक ऐसी वस्तु बन गई है जिसका स्वभाव किसी भी तरफ से देखो रूलाना ही रूलाना है ऐसे में केवल वे ही सुकुन में है जो इसका उपयोग और सेवन नही करते है।
Saturday, April 12, 2008
अब गल्ला मण्डी में होगी सब्जियों की भी नीलामी
आष्टा 11 अप्रैल (नि.प्र.)। आष्टा सब्जी मंडी के आदतियों की और से आष्टा कृषि उपज मंडी को एक प्रस्ताव लिखित में दिया है कि जिस प्रकार मंडी में कृषि जिन्सों की नीलामी की जाती है उसी प्रकार सब्जी मंडी में आने वाली सब्जीयों, आलू, प्याज, लहसुन, रतालु आदि की भी नीलामी मंडी के माध्यम से हो इस संबंध में आज मंडी सचिव छोटू खान ने बताया कि सब्जी मंडी के आडितियो की और से जो लिखित में प्रस्ताव आया था उस पर मंडी ने प्रस्ताव कर मंडी बोर्ड को नियमानुसार अधिसूचित कर स्वीकृति का प्रस्ताव भेज दिया है । आगे की कार्यवाही मंडी बोर्ड के समझ प्रस्तावित है । अगर बोर्ड की और से भी स्वीकृति मिल जाती है तो मंडी में कृषि जिन्सों की तरह सब्जीयों की भी नीलामी होगी इससे किसानों को फायदा होगा जो कृषक सब्जी उत्पादन करते है उन्हें उनकी उपज का पुरा भाव मिलेगा वही मंडी को भी आय प्राप्त होगी । अभी ऐसा म.प्र. की शुजालपुर मंडी को मंडी बोर्ड ने अधि सूचित किया है आष्टा को भी किया जाये । ऐसी मांग बोर्ड से की गई है । अगर ऐसा होता है तो आष्टा क्षैत्र में सब्जीयों का उत्पादन भी बढ़ेगा ।
बोरे नहीं है इसलिये गेहूं नहीं खरीद रही सरकार
आष्टा 11 अप्रैल (नि.प्र.)। कल आष्टा कृषि उपज मंडी में आये किसानों को सरकारी खरीदी केन्द्र पर अचानक वारदान खत्म होने से समर्थन मूल्य पर खरीदी बंद हो गई । जैसे ही ऐसा हुआ व्यापारियों ने जो गेहूं सरकारी एजेन्सी 1100 रुपये समर्थन मूल्य में खरीद रहा था उस गेहूं को व्यापारियों ने 900 से 1000 रुपये में खरीदा कम मूल्य पर गेहूं खरीदे जाने पर किसानों ने नाराजी दिखी । ऐसा क्यो हुआ सरकारी खरीदी कर रही एजेन्सी को जब ज्ञात है कि मंडी में रोजाना भरपूर आवक हो रही है तो उस हिसाब से वारदान की मांग करके मंगवाना चाहिये । इस संबंध में मार्केटिंग के प्रबंधक श्री शर्मा का कहना है कि हमने पहले ही वारदान की मांग आपूर्ति निगम को कर दी थी लेकिन समय पर वारदान नही आने से खरीदी रोकना पड़ी थी । बाद में जिलाधीश सीहोर को जब ज्ञात हुआ तो उन्होंने संबंधित अधिकारी को तत्काल खरीदी केन्द्र पर वारदान पहुंचाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। उसका असर भी हुआ और वारदान खरीदी केन्द्र तक पहुंचे खबर है कि फिर भी जिस मान से आष्टा में गेंहू की आवक खरीदी हो रही है उस मान से वारदान कम भेजे है । जितने वारदान आये है वो 4-5 दिन में ही खत्म हो जायेगें । इसके लिए अभी से चेतना होगा।
आष्टा में मवेशियों से भरा ट्रक जप्त, दो गिरफ्तार
आष्टा 11 अप्रैल (नि.प्र.)। आष्टा पुलिस ने एक ट्रक में क्रूरतापूर्वक भरकर मवेशियों को ले जाते हुये ट्रक को जप्त कर इस मामले में दो लोगों को बंदी बनाया । गुरूवार की रात आष्टा पुलिस को मुखविर से सूचना प्राप्त हुई कि ट्रक क्रमांक एमपी-07-जी-0827 में क्रूरतापूर्वक मवेशियों को भरकर ले जाया जा रहा है । इस सूचना पर पुलिस ने कन्नौद रोड़ पड़लिया जोड़ के समीप नाकाबंदी कर उक्त ट्रक को पकड़ा जिसमें 13 नग बैल क्रुरतापूर्वक बांधकर ले जाये जा रहे थे । पुलिस ने इस मामले में सियापुरा देवास निवासी मुबारिक आ. गनी खां तथा नागदा निवासी सरदार आ. नवाब शेख को गिरफ्तार कर पशु क्रुरूता अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया है ।
आष्टा में ट्रक ने टक्कर मारी, महिला की मौत
आष्टा 11 अप्रैल (नि.सं.)। ग्राम घटिया हाटपिपलिया से एक मोटर साईकिल पर सवार होकर आष्टा आ रहे दिनेश मालवीय उनकी पत्नि एवं बच्चे जिस मोटर साईकिल पर सवार थे, उसे एक ट्रक क्रमांक एम.पी.20 जी.एफ. 1686 ने टक्कर मार दी। जिसमें सुशीला पत्नि दिनेश मालवीय निवासी घटिया की मृत्यु हो गई। तथा बालक सुरेश घायल हो गया।
सीहोर में ट्रेक्टर के पहिये के नीचे आने से बालक की मौत
सीहोर 11 अप्रैल (नि.सं.)। पिता के साथ ट्रेक्टर से चना भरने जा रहे एक बालक की ट्रेक्टर से गिरने व पहिये के नीचे आ जाने से दर्दनाक मौत हो गई । पुलिस ने प्रकरण कायम कर लिया है ।
जानकारी के अनुसार ग्राम धबोटी निवासी 12 वर्षीय दीपक उर्फ अशोक आ. विपता प्रसाद गुरूवार की शाम अपने पिता के साथ विष्णु राय के बिना नम्बर के महेन्द्रा ट्रेक्टर से चना भरने जा रहा था कि तभी चालक की लापरवाही के कारण वह ट्रेक्टर से उछलकर नीचे गिरा और पहिये के नीचे आ गया जिससे उसकी मौत हो गई ।
जानकारी के अनुसार ग्राम धबोटी निवासी 12 वर्षीय दीपक उर्फ अशोक आ. विपता प्रसाद गुरूवार की शाम अपने पिता के साथ विष्णु राय के बिना नम्बर के महेन्द्रा ट्रेक्टर से चना भरने जा रहा था कि तभी चालक की लापरवाही के कारण वह ट्रेक्टर से उछलकर नीचे गिरा और पहिये के नीचे आ गया जिससे उसकी मौत हो गई ।
.......और प्रेम लीला समाप्त हो गई
आष्टा 11 अप्रैल (नि.प्र.)। आष्टा में कल नगर के लगभग अंमित छोर में बनी एक लांज जिसमें यात्री कम प्रेमी युगल अधिक आते जाते है क्योकि यह स्थान प्रेम लीला के लिए अच्छा और सुरक्षित स्थान माना जाता है कल दोपहर में इस लांज के एक कमरे में आष्टा के तीन युवक दो युवतियों के साथ पहुंचे लेकिन किसी को खबर लग गई और पुलिस को भी जो जुगाड मे ही घुमती है को खबर कर दी बस फिर क्या था पुलिस उक्त लांज पर पहुंची और पुलिस ने डंडा फटकारा यह देख प्रेमी युगलों के हाथ पैर फूल गये और उन्होंने अपने अपने परिचितों को भी बुला लिया । काफी देर तक यहां हल चल मची रही और बाद में सब कुछ शांत हो गया । प्रेमी युगल घर चले गये । क्योंकि युवक और युवतियां आष्टा के ही थे । पुलिस भी अपने हाथों की खुजली शांत होने के बाद पुन: अन्य जुगाड़ पर निकल गई और इस तरह पुलिस का भी काम हो गया और प्रेमी युगल थाने जाने और उसके बाद बदनामी से भी बच गये । धन्य है हमारे आष्टा की पुलिस.....
लाटरी खेलकर दिये गांव वालों को दी इंदिरा आवास योजना
सीहोर 11 अप्रैल (नि.सं.)। सीहोर जिले की कुल 499 ग्राम पंचायतों में से पचास फीसदी ग्राम पंचायतों का इंदिरा आवास के लिए आज लाटरी सिस्टम से चयन किया गया। शासन निर्देशानुसार प्रथम चरण में सीहोर विकासखंड की 72, आष्टा की 68, इछावर की 35, बुधनी की 32 और विकासखंड नसरूगागंज की 43 इस प्रकार कुल 250 ग्राम पंचायतों का चयन वर्ष 2008-09 में इंदिरा आवास के लिए किया गया। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अरूण कुमार तोमर ने लाटरी पध्दति से पर्चियां निकालकर ग्राम पंचायतों का चयन किया। उन्होंने बताया कि शेष ग्राम पंचायतों को दूसरे चरण में इंदिरा आवास उपलब्ध कराए जाएगें। इस मौके पर किसान संघ के जिला अध्यक्ष श्री मायाराम गौर, परियोजना अधिकारी श्री संजय शर्मा, परियोजना अर्थ शास्त्री श्री दिनेश राठौर एवं तकनीकी सहायक श्री एम.आर.पालवे मौजूद थे।
इन पंचायतों का हुआ चयन
राज्य शासन के निर्देशानुसार प्रथम चरण में जिन ग्राम पंचायतों का इंदिरा आवास के लिए चयन किया गया है उनमें सीहोर विकास खंड में बरखेडा खरेट, चांदबड, बडनगर, रोला, कादराबाद, ढाबला, मुगानी, लसुडियाखास, करंजखेडा, आवलीखेडा, कपूरी, वनखेडा, श्यामपुर, धबोटी, धनखेडी, बराडीकला, कचनारिया, बांसिया, छापरीकला, बिजौरा, हथियाखेडा, छतरपुरा, रसूलपुरा, कराडियाभील, खेडली, सातनवाडी, सांकला, बिलकीसगंज, गुडभेला, मोगराराम, धामनखेडा, जमोनियातालाब, शाहजहांपुर, हसनाबाद, अल्हादाखेडी, सेमरीकला, जहांगीरपुरा, आमाझिर, नापलाखेडी, पचामा, पिपलियामीरा, खामलिया, बरखेडी, देवली, बमूलिया दोराहा, गढी बगराज, लाखाखेडी, सेवनिया, टिटोरा, बरखेडा हसन, तकीपुर, पचपिपलिया, निमोटा, सगोनियाखुर्द, बिछिया, सोनकच्छ, सिराडी, जानपुर बावडिया, मूंडलाकला, संग्रामपुर, छापरी दोराहा, सोंठी, बमूलिया, आछारोही, निपानियाकला, चितोडियालाखा, माधोपुरा, सोडा, मुंगावली, मोगराफूल और चरनाल शामिल है। इसी तरह आष्टा विकास खंड की ग्राम पंचायतों में मुगली, भेरूपुर, सिध्दीकगंज, रिछाडिया, गुराडियावर्मा, बरछापुरा, टिटोरिया, जीवापुर महोरिया, लसूडिया विमसिंह, लसूडियापार, बमूलियाखीची, खामखेडाबैजनाथ, अरनियाराम, मूडलामहोबा, कल्याणपुरा, खडी, मैना, गोपालपुर, ग्वाली, बिगौद, पगारियाचोर, पगारियाहाट, हरनियागांव, चाचरसी, अरोलियाआष्टा, बैजनाथ, लसूडियासूखा, लाखिया, मेहतवाडा, खाचरोद, भंवरा, हसूडियाखास, भीलखेडी सडक, दुपाडिया, नवरंगपुर, डाबरी, बमूलियारायमल, बडधाटी, डूमा, बगडावदा, मानखेडी और पिपलिया सलारसी शामिल है। इछावर विकास खंड की जो ग्राम पंचायतें इंदिरा आवास के लिए चयनित की गई है उनमें सतपिपलिया, लसूडियाकांगर, छापरीतागुक, भाउखेडी, जमोनिया फतेहपुर, मुआडा, धामंदा, मोहनपुरखेडी, गुराडी, सेमलीजदीद, कनेरिया, नयापुरा, सारस, मोलगा, कुडी, बरखेडा कुर्मी, बावडियानोआबाद, खैरी, दीवडिया, कांकडखेडा, लोहापठार, बलोडिया, कालापीपल, नरसिंहखेडा, रामदासी, बोरदीकला, पालखेडी, लाउखेडी, जामली, नादान, लालियाखेडी, हालियाखेडी, नीलबढ, पांगराखाती तथा निपानिया शामिल है। इसी प्रकार बुधनी विकासखंड की ग्राम पंचायत पानगुराडिया, आवलीघाट, पहाडखेडी,मोगरा, डोबी, मुर्राहा, नादनेर, सेमरी, देवगांव, खोहा,खटपुरा, जहानपुर, हथनोरा, डुगरिया, खेरीसिलगेना, जैत, नोनभेट, जोनतला, खिरियाकुर्मी, अकोला, नारायणपुर, चीकली, सागपुर, बारधा, आमोन,सनखेडी,गादर, बोरना, माचनी, सरदारनगर,बायां ओर जवाहरखेडा तथा नसरूगागंज विकास खंड की चांदाग्रहण, आंबाजदीद, रफीकगंज, निम्नागांव, कोटरा पिपलिया, मगरिया, वासुदेव, इटावाकला, पाडलिया, दिगवाड, कुडीनयापुरा, सीगांव, इटावाखुर्द, बाई, छीपानेर, धुटवानी, छितगांव काछी, खात्याखेडी, नंदगांव, सतराना, गिगौर खजूरी, टीकामोड, इटारसी, बसंतपुर पांगरी, भादाकुई, निमोटा, सुकरवास, पांचोर, रमपुरा चकल्दी, सोठिया, सीलकंठ, श्यामूगांव, खनपुरा, तजपुरा, लाचोर, पिपलानी, चिचलाहकला, गौरखपुर, पाटतलाई, मुहाई, धोलपुर तथा अमीरगंज का चयन इंदिरा आवास के लिए किया गया है।
इन पंचायतों का हुआ चयन
राज्य शासन के निर्देशानुसार प्रथम चरण में जिन ग्राम पंचायतों का इंदिरा आवास के लिए चयन किया गया है उनमें सीहोर विकास खंड में बरखेडा खरेट, चांदबड, बडनगर, रोला, कादराबाद, ढाबला, मुगानी, लसुडियाखास, करंजखेडा, आवलीखेडा, कपूरी, वनखेडा, श्यामपुर, धबोटी, धनखेडी, बराडीकला, कचनारिया, बांसिया, छापरीकला, बिजौरा, हथियाखेडा, छतरपुरा, रसूलपुरा, कराडियाभील, खेडली, सातनवाडी, सांकला, बिलकीसगंज, गुडभेला, मोगराराम, धामनखेडा, जमोनियातालाब, शाहजहांपुर, हसनाबाद, अल्हादाखेडी, सेमरीकला, जहांगीरपुरा, आमाझिर, नापलाखेडी, पचामा, पिपलियामीरा, खामलिया, बरखेडी, देवली, बमूलिया दोराहा, गढी बगराज, लाखाखेडी, सेवनिया, टिटोरा, बरखेडा हसन, तकीपुर, पचपिपलिया, निमोटा, सगोनियाखुर्द, बिछिया, सोनकच्छ, सिराडी, जानपुर बावडिया, मूंडलाकला, संग्रामपुर, छापरी दोराहा, सोंठी, बमूलिया, आछारोही, निपानियाकला, चितोडियालाखा, माधोपुरा, सोडा, मुंगावली, मोगराफूल और चरनाल शामिल है। इसी तरह आष्टा विकास खंड की ग्राम पंचायतों में मुगली, भेरूपुर, सिध्दीकगंज, रिछाडिया, गुराडियावर्मा, बरछापुरा, टिटोरिया, जीवापुर महोरिया, लसूडिया विमसिंह, लसूडियापार, बमूलियाखीची, खामखेडाबैजनाथ, अरनियाराम, मूडलामहोबा, कल्याणपुरा, खडी, मैना, गोपालपुर, ग्वाली, बिगौद, पगारियाचोर, पगारियाहाट, हरनियागांव, चाचरसी, अरोलियाआष्टा, बैजनाथ, लसूडियासूखा, लाखिया, मेहतवाडा, खाचरोद, भंवरा, हसूडियाखास, भीलखेडी सडक, दुपाडिया, नवरंगपुर, डाबरी, बमूलियारायमल, बडधाटी, डूमा, बगडावदा, मानखेडी और पिपलिया सलारसी शामिल है। इछावर विकास खंड की जो ग्राम पंचायतें इंदिरा आवास के लिए चयनित की गई है उनमें सतपिपलिया, लसूडियाकांगर, छापरीतागुक, भाउखेडी, जमोनिया फतेहपुर, मुआडा, धामंदा, मोहनपुरखेडी, गुराडी, सेमलीजदीद, कनेरिया, नयापुरा, सारस, मोलगा, कुडी, बरखेडा कुर्मी, बावडियानोआबाद, खैरी, दीवडिया, कांकडखेडा, लोहापठार, बलोडिया, कालापीपल, नरसिंहखेडा, रामदासी, बोरदीकला, पालखेडी, लाउखेडी, जामली, नादान, लालियाखेडी, हालियाखेडी, नीलबढ, पांगराखाती तथा निपानिया शामिल है। इसी प्रकार बुधनी विकासखंड की ग्राम पंचायत पानगुराडिया, आवलीघाट, पहाडखेडी,मोगरा, डोबी, मुर्राहा, नादनेर, सेमरी, देवगांव, खोहा,खटपुरा, जहानपुर, हथनोरा, डुगरिया, खेरीसिलगेना, जैत, नोनभेट, जोनतला, खिरियाकुर्मी, अकोला, नारायणपुर, चीकली, सागपुर, बारधा, आमोन,सनखेडी,गादर, बोरना, माचनी, सरदारनगर,बायां ओर जवाहरखेडा तथा नसरूगागंज विकास खंड की चांदाग्रहण, आंबाजदीद, रफीकगंज, निम्नागांव, कोटरा पिपलिया, मगरिया, वासुदेव, इटावाकला, पाडलिया, दिगवाड, कुडीनयापुरा, सीगांव, इटावाखुर्द, बाई, छीपानेर, धुटवानी, छितगांव काछी, खात्याखेडी, नंदगांव, सतराना, गिगौर खजूरी, टीकामोड, इटारसी, बसंतपुर पांगरी, भादाकुई, निमोटा, सुकरवास, पांचोर, रमपुरा चकल्दी, सोठिया, सीलकंठ, श्यामूगांव, खनपुरा, तजपुरा, लाचोर, पिपलानी, चिचलाहकला, गौरखपुर, पाटतलाई, मुहाई, धोलपुर तथा अमीरगंज का चयन इंदिरा आवास के लिए किया गया है।
13 गांव में मिलेगा रोजगार, आ गये 39 लाख, सूखा राहत का होगा काम
सीहोर 11अप्रैल (नि.सं.)। प्रदेश सरकार द्वारा सूखाग्रस्त क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू कराने के चलते कलेक्टर श्री राघवेन्द्र कुमार सिंह ने सूखाग्रस्त तहसील सीहोर के 13 ग्रामों में जरूरतमंदों को रोजगार मुहैया कराने और अधोसंरचना के सदृढीकरण के लिए 39 लाख 30 हजार रूपयों की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की है। इस सिलसिले में कलेक्टर द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं।
जारी स्वीकृति के मुताबिक ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सीहोर द्वारा दी गई तकनीकी स्वीकृति के अनुसार 13 गांवों में कराये जाने वाले कार्य के लिए 39 लाख 30 हजार की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है। इसके तहत ग्राम वनखेड़ा में विद्युत आफिस से पीपल के पेड़ तक पहुंच मार्ग निर्माण के लिए 2 लाख, ग्राम रसूलपुरा पीपलखेडा गऊघाट से रसूलपुरा हिनो. पहुंच मार्ग निर्माण के लिए 2 लाख 18 हजार, ग्राम लसूड़ियाखास में लसूडिया खास से खेड़ा तक मिट्टी मार्ग निर्माण के लिए 2 लाख 14 हजार, ग्राम लसूड़ियाखास में पाल सुदृढीकरण कार्य के लिए 1 लाख 15 हजार, ग्राम ग़ढीवगराज में पारूवा से माताजी तक पहुंच मार्ग निर्माण कार्य के लिए 4 लाख 96 हजार, ग्राम पाटन में मुख्य सडक से पाटन तक पहुंच मार्ग निर्माण कार्य के लिए 3 लाख 32 हजार, और ग्राम साकला में साकला से कालूखेड़ी तक पहुंच मार्ग निर्माण कार्य के लिए 3 लाख 9 हजार रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है।
इसी प्रकार ग्राम सुआखेड़ी में सुआखेड़ी से अजमतनगर तक पहुंच मार्ग निर्माण के लिए 4 लाख 96 हजार, ग्राम आछारोही में आछारोही कुण्डी से पार्वती नदी तक पहुंच मार्ग निर्माण कार्य के लिए 4 लाख 82 हजार, ग्राम बिजौरा में गणेश मंदिर से बिजौरा तक मिट्टी मार्ग कार्य के लिए 1 लाख 92 हजार, ग्राम राबियाबाद में स्कूल से अमरसिंह के घर तक एक किलोमीटर के पहुंच मार्ग निर्माण कार्य के लिए 2 लाख 22 हजार, ग्राम दोराहा में ग्रेवल रोड़ निर्माण कार्य के लिए 2 लाख 96 हजार, और ग्राम बमूलियापुरा में बमूलियापुरा से बेरागढखुमान तक पहुंच मार्ग निर्माण के लिए 3 लाख 58 हजार रूपये की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है। निर्माण कार्य के लिए संबंधित ग्राम पंचायत को क्रियान्वयन एजेन्सी बनाया गया है।
जारी प्रशासकीय स्वीकृति की शर्तों में कहा गया है कि कार्य स्थल का बाकायदा मानचित्र तैयार कराया जाकर कार्य प्राक्कलन और प्रशासकीय स्वीकृति के मुताबिक कराए जांएगे। निर्देश दिए गए हैं कि प्रदान की गई स्वीकृति से अधिक व्यय नहीं किया जाए। इस कार्य में मशीनों का उपयोग कतई नहीं किया जायगा। मंजूर की गई राशि का 75 फीसदी भाग मजदूरी पर व्यय किया जायगा। मजदूरी का भुगतान श्रम आयुक्त द्वारा कृषि नियोजन में लगने वाले अकुशल श्रमिकों के लिए निर्धारित दर पर किया जायगा। राहत कार्य में मजदूरी का भुगतान टॉस्क बेसेस पर करने की ताकीद की गई। मजदूरी के रूप में तीन किलो खाद्यान्न प्रति मानव दिवस तथा शेष मजदूरी का भुगतान नकद किया जायगा। यह सुनिश्चित करने की ताकीद की गई है कि मजदूरी का भुगतान नियमित रूप से निर्धारित समयावधि में हो।
भुगतान के दस दिन से अधिक लम्बित रहने की दिशा में संबंधित अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायगी। मजदूरों की सूची और भुगतान का विवरण पंचायत के दृश्य पटल पर चस्पा किया जायगा। कार्य स्थानीय मजदूरों से कराने और कम उम्र के बाल श्रमिकों को रोजगार में नहीं लगाने की ताकीद की गई है। गौरतलब है कि जिले की तहसील सीहोर को सूखा प्रभावित तहसील घोषित किया गया है जिसमें राज्य सरकार द्वारा राहत कार्य चलाने के निर्देश दिए गए है।
जारी स्वीकृति के मुताबिक ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सीहोर द्वारा दी गई तकनीकी स्वीकृति के अनुसार 13 गांवों में कराये जाने वाले कार्य के लिए 39 लाख 30 हजार की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है। इसके तहत ग्राम वनखेड़ा में विद्युत आफिस से पीपल के पेड़ तक पहुंच मार्ग निर्माण के लिए 2 लाख, ग्राम रसूलपुरा पीपलखेडा गऊघाट से रसूलपुरा हिनो. पहुंच मार्ग निर्माण के लिए 2 लाख 18 हजार, ग्राम लसूड़ियाखास में लसूडिया खास से खेड़ा तक मिट्टी मार्ग निर्माण के लिए 2 लाख 14 हजार, ग्राम लसूड़ियाखास में पाल सुदृढीकरण कार्य के लिए 1 लाख 15 हजार, ग्राम ग़ढीवगराज में पारूवा से माताजी तक पहुंच मार्ग निर्माण कार्य के लिए 4 लाख 96 हजार, ग्राम पाटन में मुख्य सडक से पाटन तक पहुंच मार्ग निर्माण कार्य के लिए 3 लाख 32 हजार, और ग्राम साकला में साकला से कालूखेड़ी तक पहुंच मार्ग निर्माण कार्य के लिए 3 लाख 9 हजार रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है।
इसी प्रकार ग्राम सुआखेड़ी में सुआखेड़ी से अजमतनगर तक पहुंच मार्ग निर्माण के लिए 4 लाख 96 हजार, ग्राम आछारोही में आछारोही कुण्डी से पार्वती नदी तक पहुंच मार्ग निर्माण कार्य के लिए 4 लाख 82 हजार, ग्राम बिजौरा में गणेश मंदिर से बिजौरा तक मिट्टी मार्ग कार्य के लिए 1 लाख 92 हजार, ग्राम राबियाबाद में स्कूल से अमरसिंह के घर तक एक किलोमीटर के पहुंच मार्ग निर्माण कार्य के लिए 2 लाख 22 हजार, ग्राम दोराहा में ग्रेवल रोड़ निर्माण कार्य के लिए 2 लाख 96 हजार, और ग्राम बमूलियापुरा में बमूलियापुरा से बेरागढखुमान तक पहुंच मार्ग निर्माण के लिए 3 लाख 58 हजार रूपये की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है। निर्माण कार्य के लिए संबंधित ग्राम पंचायत को क्रियान्वयन एजेन्सी बनाया गया है।
जारी प्रशासकीय स्वीकृति की शर्तों में कहा गया है कि कार्य स्थल का बाकायदा मानचित्र तैयार कराया जाकर कार्य प्राक्कलन और प्रशासकीय स्वीकृति के मुताबिक कराए जांएगे। निर्देश दिए गए हैं कि प्रदान की गई स्वीकृति से अधिक व्यय नहीं किया जाए। इस कार्य में मशीनों का उपयोग कतई नहीं किया जायगा। मंजूर की गई राशि का 75 फीसदी भाग मजदूरी पर व्यय किया जायगा। मजदूरी का भुगतान श्रम आयुक्त द्वारा कृषि नियोजन में लगने वाले अकुशल श्रमिकों के लिए निर्धारित दर पर किया जायगा। राहत कार्य में मजदूरी का भुगतान टॉस्क बेसेस पर करने की ताकीद की गई। मजदूरी के रूप में तीन किलो खाद्यान्न प्रति मानव दिवस तथा शेष मजदूरी का भुगतान नकद किया जायगा। यह सुनिश्चित करने की ताकीद की गई है कि मजदूरी का भुगतान नियमित रूप से निर्धारित समयावधि में हो।
भुगतान के दस दिन से अधिक लम्बित रहने की दिशा में संबंधित अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायगी। मजदूरों की सूची और भुगतान का विवरण पंचायत के दृश्य पटल पर चस्पा किया जायगा। कार्य स्थानीय मजदूरों से कराने और कम उम्र के बाल श्रमिकों को रोजगार में नहीं लगाने की ताकीद की गई है। गौरतलब है कि जिले की तहसील सीहोर को सूखा प्रभावित तहसील घोषित किया गया है जिसमें राज्य सरकार द्वारा राहत कार्य चलाने के निर्देश दिए गए है।
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