Sunday, September 7, 2008

चाहे जो-चाहे जैसे निर्माण कार्य न कराये, वरना संवेधानिक कार्यवाही होगी-मुख्य नपा अधिकारी

सीहोर 6 सितम्बर (नि.सं.)। नगर पालिका क्षेत्र में चाहे जो चाहे जैसे निर्माण कार्य करा रहा है, परिषद के पार्षद अपनी मनमर्जी से कहीं भी भूमि पूजन करा लेते हैं और फिर निर्माण कार्य शुरु कर देते हैं ना तो नगर पालिका के इंजीनियरों से पूछा जाता है ना ही संबंधित कार्य की आवश्यकता और उसकी गुणवत्ता की तरफ ध्यान दिया जाता है बस मन पड़े वहाँ काम शुरु हो जाता है। यह क्रम लम्बे समय से चल रहा है। जिसको लेकर आज पहली बार तेजतर्रार मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने सख्त लहजे में हिदायत दे दी है अब जो भी ऐसे कार्य करायेगा उस पर कार्यवाही होगी।
आज मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री डीएस परिहार ने अपने एक आदेश क्रमांक एफसूचनासा.प्र.नगर पालिका083291 के तहत यह आदेश जारी किया है कि नगर में विभिन्न स्थानों पर संविदाकारों के द्वारा बिना तकनीकी सलाह लिये एवं अधिकृत कर्मचारी से ले-आउट कराये बिना निर्माण कार्य स्वयं मर्जी से प्रारंभ कर दिये जा रहे हैं। इस संबंध में संबंधित जन को सूचित किया जाता है कि बिना प्रक्रिया का पालन किये हुए नगर पालिका की सम्पत्ति पर किसी प्रकार का निर्माण कार्य अथवा सम्पत्ति में किसी प्रकार की हानि पहुँचाई जाती है तो उनके विरुध्द संवैधानिक कार्यवाही की जायेगी। सीसी निर्माण कार्यों पर शासन के द्वारा आज दिनाँक तक प्रतिबंध नहीं हटाया गया है, इसलिये सीसी कार्य प्रतिबंधित रहेंगे। संबंधित सूचित हों।
ज्ञातव्य है कि नगर पालिका के कुछ पार्षद अपने-अपने क्षेत्रों में कुछ भी निर्माण कार्य कराकर लम्बे चौड़े बिल बनाने की जुगत रहते हैं। आये दिन कहीं भी भूमि पूजन हो जाता है और निर्माण कर लिया जाता है उसके बाद फाईल बनाकर उसके भुगतान के लिये तरह-तरह से दबाव डाला जाता है। इस प्रक्रिया पर लगाम कसते हुए आज मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने उक्त आदेश जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि नगर में अनेक स्थानों पर अपनी मनमर्जी से निर्माण कार्यों का दौर विगत दिनों से चल पड़ा था। जिसकी चर्चाएं नगर पालिका के गलियारों में गूंजती रहती थी। कई बार निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाता था और उसके बाद परिषद की स्वीकृति के बिना ही एक फाईल बनाकर लगा दी जाती थी और उसके बाद भुगतान कराने के लिये सारी चालें चली जाती थी। इस प्रक्रिया में नगर पालिका से जुड़े अनेक जिम्मेदार लोग भी शामिल थे। ऐसे में फिर किस प्रकार ऐसी गड़बड़ी पर रोक लगती?
लेकिन आज मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने अपने आदेश में ऐसे लोगों को स्पष्ट कर दिया है कि काम सोच समझकर नियमानुसार करायें, वरना भुगतान में दिक्कत तो आयेगी ही बल्कि नगर पालिका की सम्पत्ति पर हुए कार्यों के चलते कार्यवाही भी की जायेगी।

सामुहिक क्षमापना व तपस्वियों का बहुमान हुआ

सीहोर 6 सितम्बर (नि.सं.)। पर्वाधिराज पर्यूषण महापर्व की समाप्ति पर श्वेताम्बर जैन समाज ने धूमधाम बरघोड़ा निकाला। पर्यूषण पर्व के दौरान अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने तपस्याएं की थी, जिनका आज बहुमान सम्मान किया गया। मण्डी स्थित जैन श्वेताम्बर उपाश्रय में समस्त जैन धर्माबलम्बियों ने एक-दूसरे से वर्ष भर में हुई जानी-अनजानी गलतियों के लिये मिच्छामि दुक्खड़ं कहा।

विगत आठ दिन से चल रहे तपस्याओं के महापर्व पर्यूषण की समाप्ति पर कल जैन समाज का उत्सवी जुलूस निकला। भगवान महावीर स्वामी जी के पालने के साथ समाज का वरगोड़ा चल समारोह श्री शांति जैन श्वेताम्बर जैन मंदिर से चलकर मण्डी के मुख्य मार्गों से होता हुआ वापस मण्डी उपाश्रय में पहुँचा। इसके पश्चात यहाँ तपस्या करने वाले जैन श्रावक- श्राविकाओं व बच्चों का सम्मान श्रीसंघ द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमति कोकिला पटेल एवं विशेष अतिथि नवरत्न परिवार के प्रदेशाध्यक्ष पवन सुराना आष्टा एवं समारोह की अध्यक्षता कर रहे श्रीसंघ सीहोर के अध्यक्ष माणक चन्द्र जी गोलेछा ने की। अतिथियों का स्वागत पुष्पहारों द्वारा दिलीप शाह, लोकेन्द्र बनवट, आनन्द गाँधी, राजेश श्रीश्रीमाल एवं राजेन्द्र गाँधी ने किया। नवरत्न परिवार सीहोर जिलाध्यक्ष उमेश श्रीश्रीामल, प्रदेश संगठन मंत्री पंकज नाकोड़ा एवं आष्टा शाखा अध्यक्ष राहुल चतुर्मुथा का स्वागत नीलेश श्रीश्रीमाल, रुपेश जैन, प्रतीक शाह ने किया। स्वागत गीत मेघा श्रीश्रीमाल ने प्रस्तुत किया।

तपस्वियों के बहुमान की बेला में लोकेन्द्र बनवट, सोना श्रीश्रीमाल का बेलातप दो दिन का अखण्ड उपवास करने पर सम्मान किया गया। जबकि कठोर तीन दिन के अखण्ड उपवास करने वाले अशोक नाहटा, राजेश गोलेछा, श्रीमति योति जैन, के.के.श्रीवास्तव, गगन श्रीश्रीमाल, उषा श्रीश्रीमाल का भी सम्मान किया गया।

इस वर्ष तपस्वी सुश्राविका श्रीमति वंदना श्रीश्रीमाल ने आठ दिन का अखण्ड उपवास अट्ठई तप किया था जिनका उपस्थिति अतिथियों ने सम्मान किया तथा पूरे समाज ने इनकी तपस्या को धन्यवाद दिया।

इस वर्ष पर्यूषण महापर्व पर कल्पसूत्र वाचन के लिये लोकेन्द्र बनवट, सुमित गोलेछा एवं जयंत शाह का सम्मान किया गया। मण्डी जिनालय व छावनी जिनालय के सेवक जी भी सम्मान हुआ।

भगवान के सुन्दर श्रृंगार को पूरे मनोयोग से करने वाले आंगी रचना करने के लिये प्रतीक शाह, श्रीमति ममता गोलेछा, प्रभा शाह, आयूषी गोलेछा, सुदीप रुणवाल, गोल्डी गोलेछा, मयंक जैन, श्रीमति राजुल शाह, दीपाली धाड़ीवाल, प्रवीण धारीवाल, हितेश जैन का सम्मान किया गया।

सम्मान कार्यक्रम के पश्चात समाज ने सामुहिक क्षमायाचना की जिसका वाचन वरिष्ठ श्रावक एल.बी. शाह ने कराया। पालना पधराने का लाभ माणकचन्द्र जी गोलेछा परिवार द्वारा लिया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन जयंत शाह द्वारा किया गया। आज सामुहिक क्षमायाचना कार्यक्रम में समाज के सभी वरिष्ठ जन उपस्थित थे। इस वर्ष नवरत्न परिवार के सदस्यों द्वारा जो उत्साह पूर्वक प्रतियोगिताएं कराई गई उसके लिये सभी ने सराहना की। नवरत्न परिवार सीहोर अध्यक्ष नीलेश श्रीश्रीमाल ने सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया।



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गणेश मंदिर में लगा वातानुकूलित यंत्र आखिर कहाँ गया ?

सीहोर 6 सितम्बर (घुमक्कड़)। प्राचीन श्री सिध्द चिंतामन गणेश मंदिर के अंदर विगत वर्ष एक वातानुकुलित यंत्र गर्भगृह में लगा हुआ था। यह यंत्र कितने लगवाया था और किस मद से यह लगा था इसकी कोई नाम पट्टिका नहीं लगवाई गई थी लेकिन जैसे ही नये पंडित श्री पृथ्वीबल्लभ दुबे परिवार के हाथों में मंदिर की बागडोर आई तब से यह वातानुकुलित यंत्र नजर नहीं आ रहा है।

उल्लेखनीय है कि पूर्व वर्ष में यहाँ व्यास परिवार के प्रभार में न्यायालयीन आदेश के तहत प्राचीन श्री सिध्द गणेश मंदिर की बागडोर थी। इसी दौरान यहाँ एक वातानुकुलित यंत्र लगा हुआ सभी भक्त जन देखा करते थे। वह यंत्र ऐसा माना जाता था कि किसी भक्त द्वारा गणेश जी की सेवा में लगाया गया है। लेकिन जब यहाँ श्री दुबे पंडित जी ने कार्यभार संभाला तो यहाँ वातानुकुलित यंत्र नहीं बल्कि उसके लगे होने के निशान मात्र शेष मिले। मतलब व्यास परिवार के कार्यकाल में वातानुकुलित यंत्र ऐसी निकाल लिया गया था। यहाँ भक्तों में चर्चा है कि क्या वह ऐसी व्यास परिवार खुद अपने रुपयों से खरीद कर लाया था या फिर किस भक्त ने मंदिर में दान किया था ? या फिर वह ऐसी व्यास परिवार को दिया था और उन्होने यहाँ मंदिर लगा लिया था और अब जब वह अपने घर रवाना हो गये हैं तो उसे निकालकर भी ले गये। ऐसा विश्वास व्यक्त किया जाता है कि मंदिर में लगी यह सामग्री निश्चित ही मंदिर के लिये दान में आई होगी ? लेकिन जो भी इस संबंध में अभी कोई स्थिति स्पष्ट नहीं है। सिर्फ चर्चाओं का दौर जारी है क्योंकि पूरा सीहोर प्राचीन श्री सिध्द गणेश मंदिर के भक्त है और यहाँ लगभग सभी ने ऐसी देखा है अब जब ऐसी गायब रहता है तो लोग पूछते हैं कि आखिर यंत्र कहाँ गया तो पता चलता है कि साहब वो तो पूर्ववर्ती व्यास पंडित कार्यकाल में निकाल लिया गया है। जो भी हो श्री चिंतामन गणेश स्वयं सिध्द हैं और यदि उनको किसी भक्त ने कुछ चढ़ाया है मंदिर में दान दिया है और वह यदि कुछ इधर-उधर हो जाता है तो निश्चित ही यह दुखद घटना होगी।

आये दिन यहाँ आने वाले भक्तों में एक ही चर्चा बनी हुई है कि आखिर ऐसी कहाँ चला गया है ?

विद्युत विभाग हिन्दु धार्मिक आयोजनो पर मनमानी बंद करे

विश्व हिन्दु परिषद बजरंग दल ने दिया वक्तव्य
सीहोर 6 सितम्बर (नि.सं.)। विद्युत विभाग द्वारा हिन्दु धार्मिक आयोजनों मे जिस तरह से गणेश उत्सव समिति को दिये जा रहे नोटिस तथा अवेध वसुली करने वाले विद्युत विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से गणेश उत्सव समिती पर दबाव बन कर उनकी धार्मीक भावनाओ ठेस पहुचाती है अगर विद्युत विभाग ने इस तरह अपनी कार्यवाही नही रोकी तो विश्व हिन्दु परिषद बजरंग दल सभी गणेश उत्सव समिति से अपील करता है विद्युत विभाग की मनमानी वसुली को न दे ।
इसके खिलाफ एक जुट होकर आवाज उठाये तथा विश्व हिन्दु परिषद बजरंग दल विद्युत विभाग के खिलाफ एक जन आदोलन करेगा क्योकि यह हिन्दु धार्मिक भावनाओं पर कुठाराघात है। हिन्दु समाज विद्युत विभाग पर सीधी कार्यवाही करेगा जिसकी जिम्मेदारी विद्युत विभाग व जिला प्रशासन कि होगी अगर किसी भी प्रकार की गणेश उत्सव समारोह मे विद्युत विभाग वसुली करता है इस की सूचना विश्व हिन्दु परिषद बजरंग दल के पदाधिकारियों को सूचित करें।

ककड़ी तोड़ने पर सर्प ने काटा

सीहोर 6 सितम्बर (नि.सं.)। गत शुक्रवार को ग्राम हालियाखेड़ी निवासी की सर्प से काटने से एक युवक की तथा रेहटी थाना क्षेत्र में जहरीला पदार्थ सेवा से एक विवाहिता की मौत हो गई। सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरु कर दी हैं।
जानकारी के अनुसार इछावर थाना क्षेत्र के ग्राम हालियाखेड़ी में रहने वाले हरलाल सपेरा का 35 वर्षीय पुत्र कैलाश शुक्रवार की शाम अपने घर के समीप ककड़ी तोड़ रहा था तभी उसे सर्प ने काट लिया परिणामस्वरूप उसकी मौत हो गई।
इधर रेहटी क्षेत्र में ग्राम ओड़िया में रहने वाली उर्मिला पत्नी राधेश्याम कीर उम्र 28 ने अज्ञात कारणों से शुक्रवार की रात अपने घर पर जहरीली दवा का सेवन कर लिया था। जिससे उसकी मौत हो गई।

निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी

सीहोर 6 सितम्बर (नि.सं.)। सांसद राज्य सभा श्री लक्ष्मीनारायण शर्मा द्वारा आष्टा और सीहोर विधान सभा क्षेत्र में अनुशंसित पांच निर्माण कार्यों के लिए 10 लाख रूपयों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। इस सिलसिले में कलेक्टर श्री डी.पी. आहूजा द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं।
जारी आदेश के मुताबिक आष्टा जनपद पंचायत के ग्राम एवं पंचायत दरखेड़ा में पेयजल व्यवस्था हेतु पानी की पाईप लाईन एवं टंकी निर्माण के लिए एक लाख, सरस्वती शिशु मंदिर जावर के भवन निर्माण कार्य के लिए 3 लाख, ग्राम एवं ग्राम पंचायत कजलास में सीमेन्ट कांक्रीट रोड निर्माण हेतु 2 लाख तथा सरस्वती शिशु मंदिर मुरावर के भवन निर्माण के लिए 2 लाख रूपयों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। निर्माण कार्य के लिए सीईओ जनपद पंचायत आष्टा को क्रियान्वयन एजेन्सी बनाया गया है और 7 लाख 20 हजार की राशि प्रथम किश्त के रूप में उपलब्ध कराई गई है। इसी तरह सीहोर नगर में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 2 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सीहोर को क्रियान्वयन एजेन्सी बनाकर 1 लाख 80 हजार रूपयों की राशि उपलब्ध कराई गई है। निर्माण कार्य के संबंध में जारी शर्तों के मुताबिक इस कार्य के अंतर्गत निर्मित परिसम्पत्तियों के रिकार्ड संधारण और रखरखाव का दायित्व संबंधित स्थानीय निकाय संस्था का होगा। योजनांतर्गत किसी भी प्रकार के ठेकेदारसप्लायरों से अग्रिम राशि का भुगतान करना निषिध्द रहेगा। जहां भी विभागीय मार्गदर्शिक नियम ठेकदारों प्रायोजकों को काम में लगाने की अनुमति नहीं देते वहां ठेकेदारों प्रायोजकों को काम देना निषिध्द है। निर्माण कार्य संबंधी मस्टररोल, एम.बी.अन्य पावतियां इत्यादि क्रियान्वयन एजेन्सी द्वारा संधारित की जाएगी जो आडिट या अन्य किसी भी जांच के लिए मांगे जाने पर जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय को उपलब्ध करायी जांयगी। प्रशासकीय स्वीकृति की निर्धारित राशि में ही कार्य पूर्ण किया जाएगा। समयावघि में कार्य पूर्ण न होने की दशा में हुई मूल्य वृध्दि के आधार पर कोई अतिरिक्त राशि नहीं दी जावेगी। निर्माण स्थल पर एक बोर्ड लगाना होगा जिस पर सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना सहित सांसद का नाम, निर्माण कार्य का विवरण तथा नाम, स्वीकृति दिनांक, पूर्ण होने की अनुमानित अवधि, निर्मित होने वाले मानव दिवस की संख्या व निर्माण एजेन्सी का नाम दिया जायेगा। आदेश की प्राप्ति के 7 दिवस के अंदर निर्माण कार्य प्रारंभ कराना होगा। कार्य की गुणवत्ता बनाए रखने का दायित्व यिान्वयन एजेन्सी का होगा।
कार्य पूर्ण होने पर उसका पूर्णता प्रमाण पत्र तथा उपलब्ध कराई गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र क्रियान्वयन विभाग द्वारा जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय को उपलब्ध कराया जायगा। इस योजना के अंतर्गत धार्मिक तथा पूजा के स्थलों का कार्य कराने की मनाही रहेगी।