सीहोर 4 सितम्बर (नि.सं.)। रमजान का पवित्र माह चल रहा है और पूरे नगर के मुस्लिम सम्प्रदाय में इसको लेकर धार्मिक उत्साह का माहौल बना हुआ है। छोटे-छोटे बच्चे भी रमजान के कठिन रोजे रखकर इबादत में लगे हुए हैं। ऐसे में पानी की कठिन समस्या और विद्युत की आपदा भी इन्हे झेलना पड़ रही है जिससे मुस्लिम सम्प्रदाय में नाराजगी भी है।
ज्ञातव्य है कि सीहोर में भी रमजान पर्व मुस्लिम समुदाय पूरे उत्साह के साथ मनाता है। नन्हे बच्चे तक रमजान के रोजे रखने में पीछे नहीं हटते। लेकिन इन दिनों बिजली की कटौती ने खासी परेशानी कर रखी है। सेहरी के समय जहाँ बिजली गुल हो जाती हैं वहीं तराफियों के समय भी बिजली चली जाती है जिससे नगर के समस्त मुस्लिम समुदाय को खासी दिक्कत उठाना पड़ती है।
इतना ही नहीं यह तो अलग बात है कि मस्जिद कमेटी कितनी मुश्किलों से पानी की व्यवस्थाएं कर रही हैं इसलिये बजू के लिये तो पानी की व्यवस्था बमुश्किल हो रही है बल्कि 10-10 दिन में एक बार पानी आ रहा है वह थोड़ी-बहुत देर चलकर बंद हो जाता है ऐसे में पानी की समस्या भी बहुत बड़े स्तर पर है जिससे रमजान के दौरान खासी परेशानी आ रही है।
जिला वक्फ बोर्ड ने इस संबंध में जिलाधीश को एक ज्ञापन भी सौंपा है लेकिन इस संबंध में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
Thursday, September 4, 2008
धूमधाम से मनी चतुर्थी, 12 दिवसीय उत्सव शुरु गणेश मंदिर पर भराया मेला, रही भारी भीड़
सीहोर 3 सितम्बर (नि.सं.)। आज से नगर में गणेश उत्सव का पर्व पूर्ण उत्साह उमंग के साथ प्रारंभ हो गया। जहाँ प्राचीन गणेश मंदिर पर जन्म आरती के बाद मेला प्रारंभ हुआ वहीं नगर भर में अनेक मण्डलों द्वारा सार्वजनिक गणेश प्रतिमाओं की स्थापना का क्रम देर रात तक जारी रहा। अनेक जुलूस भी निकले। आगामी 12 दिनों तक गणेश उत्सव नगर में धूमधाम से मनाया जायेगा। आज पहले ही दिन गणेश मंदिर बहुत भारी भीड़ दर्शनार्थियों की पहुँची।
गणपति बप्पा मोरिया, चार लड्डु चोरिया के जयकारों के साथ गणेश जी महाराज का गणेशोत्सव पर्व आज सीहोर में प्रारंभ हुआ। चतुर्थी के अवसर पर आज प्रात: काल से ही प्राचीन चिंतामन गणेश मंदिर पर दर्शनार्थियों की भीड़ जुट गई थी। यहाँ पुजारी पं. पृथ्वीबल्लभ दुबे के अनुसार प्रात: काल 5.30 बजे से ही यहाँ भक्तों की भारी तादात पहुँचना शुरु हुई और लाईन लग गई, यह लाईन दिनभर लगी रही और दिन उगते-उगते तो लाईन इतनी लम्बी हो गई कि बहुत दूर सड़क तक यह लाईन चली गई इसके बाद लाईन छोटी नहीं हुई। यहाँ आज भक्तों को पर्याप्त दर्शन व्यवस्था के लिये दो लाईन लगवाई गई थी। एक लाईन में महिलाएं दूसरी में पुरुष शामिल थे लेकिन दोनो ही लाईन बहुत लम्बी हो गई थी। भक्तों को शीघ्रता पूर्वक दर्शन करने का निवेदन व व्यवस्था की गई थी ताकि पीछे वालों को भी शीघ्र दर्शन हो सकें। दर्शन तेजी से कराये जा रहे थे लेकिन लाईन उससे भी तेज बढ़ती जा रही थी। दोपहर जन्म आरती के समय भारी भीड़ यहाँ लगी। आज कई समाचार चैनल व दूरदर्शन समाचार वाहिनियों के कैमरामेन भी यहाँ बडी संख्या में पहुँचे। देर रात तक यहाँ भक्तों की लाईन लगी रही।
लम्बे समय दोपहर तक पुलिस को इसका भान ही नहीं था कि मेले में व्यवस्था विशेष रुप से संभालनी है। जब दोपहर में पुलिस का ध्यान दिलाया गया तब जाकर मेले की व्यवस्था के लिये पुलिस बड़ी मात्रा में पहुँचा और व्यवस्था संभाली। मेले में आये झूले, दुकानों की रौनक और चाट ठेलों पर भी भीड़ उमड़ी। कुल मिलाकर मेला पहले ही दिन से जम गया है। आगामी अनन्त चतुर्दशी तक यहाँ मेला लगा रहेगा।
इधर नगर भर में गणेश उत्सव को लेकर उत्साह था। छावनी बड़ा बाजार में जहाँ भारी भीड़ थी और लोग मूर्तियाँ खरीद रहे थे वहीं नमक चौराहा पर शाम तक गणेश प्रतिमाएं बहुतायत में बिक चुकी थी और कुछ स्टाल हट ही गये थे। आज गणेश प्रतिमाओं को बिक्रा भी अच्छा रहा।
नगर भर में छोटे-बड़े सार्वजनिक गणेश उत्सव समितियों की गणना 80 से 100 तक आज नजर आई। जहाँ गणेश जी की स्थापना की गई। कुछ सार्वजनिक मंचों पर, कुछ खाली दुकानों पर, कुछ ओटलों, कुछ गुमठियों में ऐसे ही अनेक स्थानों पर गणेश जी विराजित हुए। जिनकी मोहल्ले के लोगों द्वारा आरती पूजा अर्चना आज से प्रारंभ हो गई है।
आज दिनभर गणेश जी की प्रतिमा उठाने के साथ ही निकले जुलूस भी आकर्षण का केन्द्र रहे। रंग-गुलाल के साथ ढोलों की थाप नृत्य करते गणेश भक्तों ने जुलूस निकाले। यह क्रम शाम तक जारी रहा।
गणपति बप्पा मोरिया, चार लड्डु चोरिया के जयकारों के साथ गणेश जी महाराज का गणेशोत्सव पर्व आज सीहोर में प्रारंभ हुआ। चतुर्थी के अवसर पर आज प्रात: काल से ही प्राचीन चिंतामन गणेश मंदिर पर दर्शनार्थियों की भीड़ जुट गई थी। यहाँ पुजारी पं. पृथ्वीबल्लभ दुबे के अनुसार प्रात: काल 5.30 बजे से ही यहाँ भक्तों की भारी तादात पहुँचना शुरु हुई और लाईन लग गई, यह लाईन दिनभर लगी रही और दिन उगते-उगते तो लाईन इतनी लम्बी हो गई कि बहुत दूर सड़क तक यह लाईन चली गई इसके बाद लाईन छोटी नहीं हुई। यहाँ आज भक्तों को पर्याप्त दर्शन व्यवस्था के लिये दो लाईन लगवाई गई थी। एक लाईन में महिलाएं दूसरी में पुरुष शामिल थे लेकिन दोनो ही लाईन बहुत लम्बी हो गई थी। भक्तों को शीघ्रता पूर्वक दर्शन करने का निवेदन व व्यवस्था की गई थी ताकि पीछे वालों को भी शीघ्र दर्शन हो सकें। दर्शन तेजी से कराये जा रहे थे लेकिन लाईन उससे भी तेज बढ़ती जा रही थी। दोपहर जन्म आरती के समय भारी भीड़ यहाँ लगी। आज कई समाचार चैनल व दूरदर्शन समाचार वाहिनियों के कैमरामेन भी यहाँ बडी संख्या में पहुँचे। देर रात तक यहाँ भक्तों की लाईन लगी रही।
लम्बे समय दोपहर तक पुलिस को इसका भान ही नहीं था कि मेले में व्यवस्था विशेष रुप से संभालनी है। जब दोपहर में पुलिस का ध्यान दिलाया गया तब जाकर मेले की व्यवस्था के लिये पुलिस बड़ी मात्रा में पहुँचा और व्यवस्था संभाली। मेले में आये झूले, दुकानों की रौनक और चाट ठेलों पर भी भीड़ उमड़ी। कुल मिलाकर मेला पहले ही दिन से जम गया है। आगामी अनन्त चतुर्दशी तक यहाँ मेला लगा रहेगा।
इधर नगर भर में गणेश उत्सव को लेकर उत्साह था। छावनी बड़ा बाजार में जहाँ भारी भीड़ थी और लोग मूर्तियाँ खरीद रहे थे वहीं नमक चौराहा पर शाम तक गणेश प्रतिमाएं बहुतायत में बिक चुकी थी और कुछ स्टाल हट ही गये थे। आज गणेश प्रतिमाओं को बिक्रा भी अच्छा रहा।
नगर भर में छोटे-बड़े सार्वजनिक गणेश उत्सव समितियों की गणना 80 से 100 तक आज नजर आई। जहाँ गणेश जी की स्थापना की गई। कुछ सार्वजनिक मंचों पर, कुछ खाली दुकानों पर, कुछ ओटलों, कुछ गुमठियों में ऐसे ही अनेक स्थानों पर गणेश जी विराजित हुए। जिनकी मोहल्ले के लोगों द्वारा आरती पूजा अर्चना आज से प्रारंभ हो गई है।
आज दिनभर गणेश जी की प्रतिमा उठाने के साथ ही निकले जुलूस भी आकर्षण का केन्द्र रहे। रंग-गुलाल के साथ ढोलों की थाप नृत्य करते गणेश भक्तों ने जुलूस निकाले। यह क्रम शाम तक जारी रहा।
अहं के रहते हुए जीवन में अर्हम की प्राप्ति संभव नहीं
आष्टा 3 सितम्बर (नि.सं.)। वृक्ष का मूल मजबूत होगा वृक्ष मजबूत होगा, मकान की नींव मजबूत होगी तो मकान मजबूत होगा इसी प्रकार जीवन का मूल विनय को बताया है जिसके जीवन में विनय का भाव रहता है उसका जीवन मजबूत होगा। विनय की हर स्ािान पर महत्ता बताई है। जीवन में अगर अहं होगा तो उस जीवन में अर्हम की प्राप्ति संभव नहीं है।
उक्त उद्गार पूय म.सा. मधुबाला जी ने आज लोकप्रिय बनने के प्रमुख कारणों में से एक कारण विनयवान की व्याख्या करते हुए कहे। म.सा. ने कहा कि आज गणेश चतुर्थी है जगह-जगह उनकी स्थापना होगी वर्षों से स्थापना कर रहे हैं लेकिन कभी किसी ने गणेश जी की मूर्ति को देखकर वो जो संदेश देती है उन संदेशों को क्या ग्रहण किया है ? शायद नहीं क्योंकि उनकी मूर्ति जो संदेश देती है उसे समझा ही नहीं। सूंड उनकी लम्बी होती जिससे हमें सीखना चाहिये कि हमारी साख, प्रतिष्ठा, इात लम्बी हो, पेट संदेश देता है जीवन में कोई भी बात हो उसे पचाना सीखो, उछालना नहीं, इसी व्यवहार जगत में जो व्यक्ति बातों को पचा लेता है उसे बड़ा पेट वाला कहते हैं।
बड़ी प्रतिमा में छोटी आंखे संदेश देती है कि दृष्टि को नजदीक रखो ताकि जीवों पर दया हो सके। गणेश के कान बड़े होते हैं उनकी जीभ नजर नहीं आती दोनो ही संदेश हैं कि यादा सुना और कम बोलो। गणेश की सवारी छोटा सा चूहा है जो संदेश देता है कि चाहे व्यक्ति कितना ही बड़ा हो छोटे व्यक्ति को भी साथ लेकर चलना चाहिये, किसी को छोटा-बड़ा नहीं समझना चाहिये। इसलिये गणेश की मूर्ति से संदेश ग्रहण कर जीवन में उतारो। म.सा. ने इसके बाद अपने प्रवचन में कहा कि विनय से जीवन में सतगुण आते हैं इसलिये कहा है जो नमता है वह गमता है। जीवन में अहंकार का त्याग करो और विनयवान बनो। फलदार वृक्ष भी पेड़ पर फल लगते हैं झुक जाते हैं, कल संवत्सरी का महापर्व है, एक-दूसरे के प्रति जो बैर की लड़ाई, झगड़े या किसी कारण अगर गांठ बंध गई हो तो उससे विनय भाव से क्षमा याचना करना है। इस अवसर पर सुनीता जी म.सा. ने कहा कि श्रध्दा परम दुर्लभ है सासांरिक जीव की श्रध्दा 4 प्रकार की होती है बाह्य प्रकार की, नैतिक, दैविक शक्ति की आस्था एवं वीतराग दर्शन में आस्था। बिना आस्था श्रध्दा के जीवन में कोई कार्य नहीं हो सकता। प्रथम दो श्रध्दा व्यवहार जीवन से संबंध रखती है तथा देव और भगवान में मोटे तौर पर अंतर है। देव जो है वो सरागी होते हैं और भगवान वीतरागी होते हैं। कई बार समय-समय पर व कुछ पर्व पर जो मूक पशुओं की बलि दी जाती है महाराज साहब ने कहा कि जो बलि चढ़ाते हैं वह बतायें इन मूक पशुओं की क्या गलती है जो इनकी बलि चढ़ाई जाती है।
उक्त उद्गार पूय म.सा. मधुबाला जी ने आज लोकप्रिय बनने के प्रमुख कारणों में से एक कारण विनयवान की व्याख्या करते हुए कहे। म.सा. ने कहा कि आज गणेश चतुर्थी है जगह-जगह उनकी स्थापना होगी वर्षों से स्थापना कर रहे हैं लेकिन कभी किसी ने गणेश जी की मूर्ति को देखकर वो जो संदेश देती है उन संदेशों को क्या ग्रहण किया है ? शायद नहीं क्योंकि उनकी मूर्ति जो संदेश देती है उसे समझा ही नहीं। सूंड उनकी लम्बी होती जिससे हमें सीखना चाहिये कि हमारी साख, प्रतिष्ठा, इात लम्बी हो, पेट संदेश देता है जीवन में कोई भी बात हो उसे पचाना सीखो, उछालना नहीं, इसी व्यवहार जगत में जो व्यक्ति बातों को पचा लेता है उसे बड़ा पेट वाला कहते हैं।
बड़ी प्रतिमा में छोटी आंखे संदेश देती है कि दृष्टि को नजदीक रखो ताकि जीवों पर दया हो सके। गणेश के कान बड़े होते हैं उनकी जीभ नजर नहीं आती दोनो ही संदेश हैं कि यादा सुना और कम बोलो। गणेश की सवारी छोटा सा चूहा है जो संदेश देता है कि चाहे व्यक्ति कितना ही बड़ा हो छोटे व्यक्ति को भी साथ लेकर चलना चाहिये, किसी को छोटा-बड़ा नहीं समझना चाहिये। इसलिये गणेश की मूर्ति से संदेश ग्रहण कर जीवन में उतारो। म.सा. ने इसके बाद अपने प्रवचन में कहा कि विनय से जीवन में सतगुण आते हैं इसलिये कहा है जो नमता है वह गमता है। जीवन में अहंकार का त्याग करो और विनयवान बनो। फलदार वृक्ष भी पेड़ पर फल लगते हैं झुक जाते हैं, कल संवत्सरी का महापर्व है, एक-दूसरे के प्रति जो बैर की लड़ाई, झगड़े या किसी कारण अगर गांठ बंध गई हो तो उससे विनय भाव से क्षमा याचना करना है। इस अवसर पर सुनीता जी म.सा. ने कहा कि श्रध्दा परम दुर्लभ है सासांरिक जीव की श्रध्दा 4 प्रकार की होती है बाह्य प्रकार की, नैतिक, दैविक शक्ति की आस्था एवं वीतराग दर्शन में आस्था। बिना आस्था श्रध्दा के जीवन में कोई कार्य नहीं हो सकता। प्रथम दो श्रध्दा व्यवहार जीवन से संबंध रखती है तथा देव और भगवान में मोटे तौर पर अंतर है। देव जो है वो सरागी होते हैं और भगवान वीतरागी होते हैं। कई बार समय-समय पर व कुछ पर्व पर जो मूक पशुओं की बलि दी जाती है महाराज साहब ने कहा कि जो बलि चढ़ाते हैं वह बतायें इन मूक पशुओं की क्या गलती है जो इनकी बलि चढ़ाई जाती है।
कमरे में झांकना मंहगा पड़ा, निलम्बित कर दिया
सीहोर 2 सितम्बर (नि.सं.)। मुख्य नगर पालिका अधिकारी डी एस परिहार की कार्यप्रणाली एक बार फिर चर्चाओं में आ गई है। आज मुख्य नगर पालिका अधिकारी अपने कक्ष में बैठे हुए थे कुछ कार्य में व्यस्त थे। इसी दौरान एक जनसेवक भृत्य जो यहाँ एक नगर पालिका की ही शाखा में संबंध्द है, वहाँ की कुछ फाईलें लेकर आया। यह फाईलें जब वह मुख्य नगर पालिका अधिकारी के कक्ष में लेकर पहुँचा तो पहले तो बाहर ही खड़ा हो गया फिर कुछ देर दरवाजे पर खड़ा रहा।
इधर श्री परिहार मंत्रणाओं में कार्य में व्यस्त थे। इस भृत्य कर्मी ने आकर उनसे कहा कि साहब फाईलें हैं, श्री परिहार ने बाद में आने को कहा तो यह बजाय सही से समझने और उलझाने लगा। इस पर श्री परिहार ने सीधे उसका नाम पूछा, पद और स्थान पूछा और कुछ ही देर में शासकिय कार्य में बाधा उत्पन्न करने के दोष के तहत अपनी टाईपिंग मशीन पर नगर पालिका अधिनियम की धारा 1961 के तहत धारा 50 व अन्य दो धाराओं के तहत उसको निलंबित करने का एक सूचना पत्र थमा दिया। अब वो कर्मचारी इस तरह के निलंबन से हतप्रभ है। और नगर पालिका के समस्त अधिकारी और कर्मचारियो में श्री परिहार की तेज-तर्रार कार्यवाही से कुछ भय सा बन गया है।
इधर श्री परिहार मंत्रणाओं में कार्य में व्यस्त थे। इस भृत्य कर्मी ने आकर उनसे कहा कि साहब फाईलें हैं, श्री परिहार ने बाद में आने को कहा तो यह बजाय सही से समझने और उलझाने लगा। इस पर श्री परिहार ने सीधे उसका नाम पूछा, पद और स्थान पूछा और कुछ ही देर में शासकिय कार्य में बाधा उत्पन्न करने के दोष के तहत अपनी टाईपिंग मशीन पर नगर पालिका अधिनियम की धारा 1961 के तहत धारा 50 व अन्य दो धाराओं के तहत उसको निलंबित करने का एक सूचना पत्र थमा दिया। अब वो कर्मचारी इस तरह के निलंबन से हतप्रभ है। और नगर पालिका के समस्त अधिकारी और कर्मचारियो में श्री परिहार की तेज-तर्रार कार्यवाही से कुछ भय सा बन गया है।
गौभक्त तखत सिंह की दुर्घटना में मृत्यु
सीहोर 3 सितम्बर (नि.सं.)। चाँदबड़ गौशाला के और पूय संत नागर जी के गौभक्त तखत सिंह पुत्र अचल सिंह आज ग्राम बड़बेली से ग्राम सेमरादांगी अपनी मोटर साईकिल से जा रहे थे। रास्ते में उच्च विद्युत क्षमता के तार सड़क पर पड़े थे इनकी मोटर साईकिल ऊपर से निकली वैसे ही तखत सिंह विद्युत प्रवाह में आ गये और यह जल गये। जिससे उनकी मृत्यु हो गई। ग्राम चाँदबड़ गौशाला के सभी भक्तजन आज इस घटना से स्तब्ध रह गये।
जैन धर्म विश्व के महान धर्मों में एक: मुनि विजय सागर
आष्टा 3 सितम्बर (नि.प्र.)। जैन धर्म विश्व के महान धर्मों में से एक है। विभिन्न पंथों में बंटे होने के बावजूद भगवान ऋषभ देव से लेकर भगवान महावीर तक के चौबीस तीर्थंकरों की आराधना और नवकार मंत्र की आराधना को लेकर इस धर्म के अनुयायी की आज भी निष्ठा एक है। जैनप धर्म के मानवीय हितों से जुड़े हुए तीन ऐसे सिद्धांत दिए गए है, जिन्हें विश्व के हर कौने में फैलाने की आवश्यकता है।
उक्त बातें अमलाहा ग्राम में श्री दिगम्बर जैन मुश्री श्री विजय सागर जी ने धर्मसभा के दौरान कही। आपने कहा कि भगवान महावीर ने तीन सिद्धांत अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकांत के धर्म रूपी महल को खड़ा किया है। भगवान महावीर के सिद्धांतों को हर धर्म ने किसी न किसी रूप में स्वीकार किया है। अहिंसा और मानवता की सभी को आवश्यकता है। इन्हीं सिद्धांतों पर भगवान महावीर ने मुक्ति पाई है। महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाई, अहिंसा के पथ से। गीता से लेकर कुरआन तक हर शास्त्र का सार अहिंसा है।
अहिंसा अपने लिए चाहते हो वह सभी के लिए चाहो और जो अपने लिए नहीं चाहते, वह किसी के लिए मत करो और न ही चाहो, यही अहिंसा का ह्दय तुम्हारे हाथ में सौ लोगों को मारने की क्षमता है, पर व्यक्ति उस समय कितना असहाय हो जाता है जब सौ हाथ मिलकर भी किसी एक को न बचा पाए। मुनि विजय सागर जी ने ईश्वर से कामना की कि धरती पर अहिंसा का इतना विस्तार हो जाए कि हर व्यक्ति अभयदाता बने और हर प्राणी भय मुक्त जीवन जिए।
आपने कहा कि अहिंसा का अर्थ मात्र इतना ही नहीं है कि हमें किसी की हिंसा नहीं करें, अपितु अपनी ओर से मानवता के लिए समर्पित की जाने वाली सेवाएं ही अहिंसा का निवर्हन है।
बड़े ही दु:ख की बात है कि अहिंसा पर चर्चा तो बहुत होती है, किन्तु अहिंसा का अनुपालन कम होती जा रही है। वे लोग भी अपने आप को हिंसा से बचा हुआ कैसे कह सकते है, जिनके पांवों में जूते, कमर में बेल्ट और हाथ में पर्स चमड़े का होता है। पांव में चमड़े के जूते किस बात का चूक है। वे आपके अहिंसक होने पर प्रश्चिन्ह खड़ा नहीं कर सकें। हम जुलूस-शोभायात्रा में अहिंसा परमोधर्म के बैनर दिखाने व जयकारा करने के बजाय अपने आचरण के द्वारा अहिंसा को जन-जन में प्रतिष्ठित करें। प्रवचन की जानकारी पूर्व सरपंच दीपक जायसवाल ने एक विज्ञप्ति में दी।
उक्त बातें अमलाहा ग्राम में श्री दिगम्बर जैन मुश्री श्री विजय सागर जी ने धर्मसभा के दौरान कही। आपने कहा कि भगवान महावीर ने तीन सिद्धांत अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकांत के धर्म रूपी महल को खड़ा किया है। भगवान महावीर के सिद्धांतों को हर धर्म ने किसी न किसी रूप में स्वीकार किया है। अहिंसा और मानवता की सभी को आवश्यकता है। इन्हीं सिद्धांतों पर भगवान महावीर ने मुक्ति पाई है। महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाई, अहिंसा के पथ से। गीता से लेकर कुरआन तक हर शास्त्र का सार अहिंसा है।
अहिंसा अपने लिए चाहते हो वह सभी के लिए चाहो और जो अपने लिए नहीं चाहते, वह किसी के लिए मत करो और न ही चाहो, यही अहिंसा का ह्दय तुम्हारे हाथ में सौ लोगों को मारने की क्षमता है, पर व्यक्ति उस समय कितना असहाय हो जाता है जब सौ हाथ मिलकर भी किसी एक को न बचा पाए। मुनि विजय सागर जी ने ईश्वर से कामना की कि धरती पर अहिंसा का इतना विस्तार हो जाए कि हर व्यक्ति अभयदाता बने और हर प्राणी भय मुक्त जीवन जिए।
आपने कहा कि अहिंसा का अर्थ मात्र इतना ही नहीं है कि हमें किसी की हिंसा नहीं करें, अपितु अपनी ओर से मानवता के लिए समर्पित की जाने वाली सेवाएं ही अहिंसा का निवर्हन है।
बड़े ही दु:ख की बात है कि अहिंसा पर चर्चा तो बहुत होती है, किन्तु अहिंसा का अनुपालन कम होती जा रही है। वे लोग भी अपने आप को हिंसा से बचा हुआ कैसे कह सकते है, जिनके पांवों में जूते, कमर में बेल्ट और हाथ में पर्स चमड़े का होता है। पांव में चमड़े के जूते किस बात का चूक है। वे आपके अहिंसक होने पर प्रश्चिन्ह खड़ा नहीं कर सकें। हम जुलूस-शोभायात्रा में अहिंसा परमोधर्म के बैनर दिखाने व जयकारा करने के बजाय अपने आचरण के द्वारा अहिंसा को जन-जन में प्रतिष्ठित करें। प्रवचन की जानकारी पूर्व सरपंच दीपक जायसवाल ने एक विज्ञप्ति में दी।
नगर में बिगड़ी सफाई व्यवस्था को लेकर कर्मचारी भिड़े
आष्टा 3 सितम्बर (नि.प्र.) । नगर में बिगड़ी सफाई व्यवस्था को लेकर अगर कोई नागरिक या जनप्रतिनिधि न.पा. को कोसे तो न.पा. को बुरा लगता है लेकिन हकीकत यही है कि नगर में सफाई व्यवस्था बुरी तरह से चौपट हो चुकी है जिसके जिम्मे यह कार्य है वे अपनी जिम्मेदारी कितनी मुश्तैदी से निभाते है इसको देखना है तो नगर में किसी भी क्षेत्र में भरी नालिया, पडी गंदमी कचरे के ढेर देखे जा सकते है
आज तो इस मुद्दे को लेकर न.पा. के गलियारे में न.पा. में दो अधिकारी जमकर भिड गये एक अधिकारी जिसके जिम्मे भी नगर की उक्त व्यवस्था रही थी ने वर्तमान जिम्मेदार अधिकारी को नगर की सफाई व्यवस्था को लेकर जमकर कोषा यहां तक की भोपाली भाषा का भी एक दूसरे पर प्रहार किया गया वर्तमान में जिसके जिम्मे नगर की सफाई व्यवस्था है उनका अधिकांश समय अधिकारियों कर्मचारियों से लड़ाई झगड़े शिकवा शिकायत में गूजर जाता है तो कैसे नगर की सफाई व्यवस्था सुधरे जिसने आज नगर में व्याप्त गंदगी को लेकर अपना मुंह खोला उन महाशय को आज ही नगर की बिगड़ी सफाई व्यवस्था क्यों नजर आ गई ।
इसके पीछे उनका एक कारण है उन्हें पहले क्यों नगर की बिगड़ी सफाई व्यवस्थ नहीं दिखी जबकि वे रोज नगर में विचरण करते है आज न.पा. के गलियारों में हुआ भोपाली झगड़ा न.पा. के हाल बेहाल है यही दर्शाता है।
आज तो इस मुद्दे को लेकर न.पा. के गलियारे में न.पा. में दो अधिकारी जमकर भिड गये एक अधिकारी जिसके जिम्मे भी नगर की उक्त व्यवस्था रही थी ने वर्तमान जिम्मेदार अधिकारी को नगर की सफाई व्यवस्था को लेकर जमकर कोषा यहां तक की भोपाली भाषा का भी एक दूसरे पर प्रहार किया गया वर्तमान में जिसके जिम्मे नगर की सफाई व्यवस्था है उनका अधिकांश समय अधिकारियों कर्मचारियों से लड़ाई झगड़े शिकवा शिकायत में गूजर जाता है तो कैसे नगर की सफाई व्यवस्था सुधरे जिसने आज नगर में व्याप्त गंदगी को लेकर अपना मुंह खोला उन महाशय को आज ही नगर की बिगड़ी सफाई व्यवस्था क्यों नजर आ गई ।
इसके पीछे उनका एक कारण है उन्हें पहले क्यों नगर की बिगड़ी सफाई व्यवस्थ नहीं दिखी जबकि वे रोज नगर में विचरण करते है आज न.पा. के गलियारों में हुआ भोपाली झगड़ा न.पा. के हाल बेहाल है यही दर्शाता है।
अजैन बहन ने किया तेला तप
आष्टा 3 सितम्बर (नि.प्र.) महावीर भवन स्थानक में चल रहे पर्यूषण पर्व के अन्तर्गत पूज्य म.सा. श्री मधुबाला जी की प्रेरणा से अजैन बहन श्रीमति रितु किशन भोजवानी ने भी तेले तप की कठिन आराधना कर कर्मो को क्षय किया।
भोजवानी परिवार की ओर से स्थानक में प्रभावना भी वितरीत की गई। रितु भोजवानी जिनकी की जैन धर्म के प्रति रूचि के तहत वे प्रतिदिन स्थानक पहुंचकर प्रवचन भी श्रवण कर रही है।
भोजवानी परिवार की ओर से स्थानक में प्रभावना भी वितरीत की गई। रितु भोजवानी जिनकी की जैन धर्म के प्रति रूचि के तहत वे प्रतिदिन स्थानक पहुंचकर प्रवचन भी श्रवण कर रही है।
अजैन बहन ने किया तेला तप
आष्टा 3 सितम्बर (नि.प्र.) महावीर भवन स्थानक में चल रहे पर्यूषण पर्व के अन्तर्गत पूज्य म.सा. श्री मधुबाला जी की प्रेरणा से अजैन बहन श्रीमति रितु किशन भोजवानी ने भी तेले तप की कठिन आराधना कर कर्मो को क्षय किया।
भोजवानी परिवार की ओर से स्थानक में प्रभावना भी वितरीत की गई। रितु भोजवानी जिनकी की जैन धर्म के प्रति रूचि के तहत वे प्रतिदिन स्थानक पहुंचकर प्रवचन भी श्रवण कर रही है।
भोजवानी परिवार की ओर से स्थानक में प्रभावना भी वितरीत की गई। रितु भोजवानी जिनकी की जैन धर्म के प्रति रूचि के तहत वे प्रतिदिन स्थानक पहुंचकर प्रवचन भी श्रवण कर रही है।
सड़क हादसे में तीन घायल
सीहोर 3 सितम्बर (नि.सं.) जिले के थाना आष्टा क्षेत्र अन्तर्गत हुये अलग-अलग सड़क हादसों में तीन लोग घायल हो गये। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गत दिवस पौने चार बजे अमलाहा के पास देकवरण की गुमठी के पास राधेश्याम एवं रमेश बैठे थे कि भोपाल तरफ से आ रहे ट्रक क्रमांक जीजे-7-8027 के चालक ने तेजगति एवं लापरवाही पूर्वक वाहन को चलाते हुये देवकरण की गुमठी में टकरा दिया जिससे पास बैठे राधेश्याम एवं रमेश को साधारण चोट आई।
इसी प्रकार गत दिवस रात्रि साढ़े 9 बजे सुभाष चौक आष्टा पर अवनीश, गौरव, सुनील शर्मा बगैरह झांकी तैयार कर रहे थे कि मानस भवन की ओर से नजरगंज तरफ आ रहे बाइक चालक पल्लव जैन निवासी आष्टा से वाहन को तेजगति एवं लापरवाहीपूर्वक चलाते हुय सुनील शर्मा को पीछे से टक्कर मार दी। परिणाम स्वरूप सुनील को चोटे आने से अस्पताल आष्टा में दाखि कराया गया।
दहेज लोभियों के खिलाफ मामला दर्ज
सीहोर 3 सितम्बर (नि.सं.)। ससुरालालों द्वारा दहेज की मांग को लेकर दी जाने वाली प्रताड़ना से तंग आकर एक विवाहिता ने थाना सिद्दीकगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
ग्राम रिछोदा (शाजापुर) निवासी रूबीना बी 25 साल का विवाह ग्राम सिंगार चोरी निवासी इरफान खां के साथ हुआ था। बताया जाता है कि शादी के बाद से ही रुबीना को उसका पति उसका मामा शहादत्त खां, जेठ इमरान द्वारा भी सहयोग किया जाता था। ससुराल पक्ष की इस प्रताड़ना से तंग आकर रुबीना बी ने सिद्दीकगंज थाने में पहुंचकर अपनी व्यथा पुलिस को सुनाई जिस पर पुलिस ने उसके पति एवं सास, मामा ससुर, जेठ के विरूद्ध दहेज प्रताड़ना के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गत दिवस पौने चार बजे अमलाहा के पास देकवरण की गुमठी के पास राधेश्याम एवं रमेश बैठे थे कि भोपाल तरफ से आ रहे ट्रक क्रमांक जीजे-7-8027 के चालक ने तेजगति एवं लापरवाही पूर्वक वाहन को चलाते हुये देवकरण की गुमठी में टकरा दिया जिससे पास बैठे राधेश्याम एवं रमेश को साधारण चोट आई।
इसी प्रकार गत दिवस रात्रि साढ़े 9 बजे सुभाष चौक आष्टा पर अवनीश, गौरव, सुनील शर्मा बगैरह झांकी तैयार कर रहे थे कि मानस भवन की ओर से नजरगंज तरफ आ रहे बाइक चालक पल्लव जैन निवासी आष्टा से वाहन को तेजगति एवं लापरवाहीपूर्वक चलाते हुय सुनील शर्मा को पीछे से टक्कर मार दी। परिणाम स्वरूप सुनील को चोटे आने से अस्पताल आष्टा में दाखि कराया गया।
दहेज लोभियों के खिलाफ मामला दर्ज
सीहोर 3 सितम्बर (नि.सं.)। ससुरालालों द्वारा दहेज की मांग को लेकर दी जाने वाली प्रताड़ना से तंग आकर एक विवाहिता ने थाना सिद्दीकगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
ग्राम रिछोदा (शाजापुर) निवासी रूबीना बी 25 साल का विवाह ग्राम सिंगार चोरी निवासी इरफान खां के साथ हुआ था। बताया जाता है कि शादी के बाद से ही रुबीना को उसका पति उसका मामा शहादत्त खां, जेठ इमरान द्वारा भी सहयोग किया जाता था। ससुराल पक्ष की इस प्रताड़ना से तंग आकर रुबीना बी ने सिद्दीकगंज थाने में पहुंचकर अपनी व्यथा पुलिस को सुनाई जिस पर पुलिस ने उसके पति एवं सास, मामा ससुर, जेठ के विरूद्ध दहेज प्रताड़ना के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया हैं।
दिसम्बर तक के त्यौहारों के लिये कर ली शांति की व्यवस्था
सीहोर 3 सितम्बर (नि.सं.)। विभिन्न त्यौहारों के मद्देनजर गत् दिवस शांति समिति की बैठक का आयोजन कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में किया गया। समिति का अभिमत था कि त्यौहारों को शानदार तरीके से मनाने की परम्परा आगे भी कायम रखी जायेगी।
गणेश चतुर्थी, 11 सितम्बर को डोल ग्यारस, 14 सितम्बर को अनन्त चर्तुदशी, 2 अक्टूबर को ईदुल-फितर, 9 अक्टूबर को दशहरा (विजया दशमी), 28 अक्टूबर को दीपावली 13 नवम्बर को गुरू नानक जयन्ती और 9 दिसम्बर को ईदुज्जुहा त्यौहारों के मद्देनजर शांति समिति की बैठक कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में इन त्यौहारों पर की जाने वाली व्यवस्थाओं पर समिति में विस्तार से चर्चा कर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई। ए.डी.एम. श्रीमती भावना वालिम्बे ने आश्वस्त किया कि जिला प्रशासन की ओर से की जाने वाली सभी व्यवस्थाएं समयानुसार की जांएगी।
बजाना हो तो सिर्फ धार्मिक
गाने ही बजाना पड़ेंगे
समिति ने निर्णय लिया कि गणेशोत्सव के दौरान केवल धार्मिक गाने ही बजाए जायें जिससे त्यौहार की गरिमा बनी रहे। रात्रि 10.00 बजे के बाद गाने न बजाए जायें और यदि बजाए भी जांय तो आवाज मध्यम रखी जाय।
समिति ने व्यवस्थापकों से अनुरोध किया है कि वे स्थापना के स्थानों की जानकारी जिला एवं पुलिस प्रशासन को दें जिससे व्यवस्थाएं बनाने में आसानी रहे।
झांकी बनाओ तो फिर बिजली
का कनेक्शन लेना पड़ेगा
झांकियों में लाइट की व्यवस्था के लिए समिति में टैम्प्रेरी कनेक्शन लिए जाने पर चर्चा की गई। विद्युत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सवा चार सौ रूपये में टैम्प्रेरी कनेक्शन दिए जांयगे। उसके बाद बिजली के उपयोग के मुताबिक निर्धारित दर से भुगतान किया जायगा।
प्रतिमा भी ज्यादा बड़ी नहीं ला सकते, झांकी का भी ध्यान हो
एस.डी.एम. श्री चन्द्र मोहन मिश्रा ने कहा कि व्यवस्थापक प्रतिमा के आकार की ओर आवश्यक रूप से ध्यान दें जिससे चल समारोह और प्रतिमा विसर्जन के दौरान व्यवधान की स्थिति निर्मित न हो। उन्होंने कहा कि साधनों के मुताबिक प्रतिमा और झांकी का निर्माण किया जाना चाहिए।
दो सदस्य झांकी पर रहें
समिति में तय किया गया कि रात्रि के समय आयोजन समिति के कम से कम दो सदस्य अपनी झांकी पर आवश्यक रूप से रहें जिससे व्यवस्थाएं बनी रहें और झांकी की देखभाल ठीक से हो सके। समिति सदस्य एवं वरिष्ठ पत्रकार अंबादत्त भारतीय ने कहा कि इन त्यौहारों पर नगर सुरक्षा समिति की सेवाएं ली जाना उचित होगा।
ईद पर सफाई का सर्वाधिक
ध्यान दिया जाये
त्यौहारों के दौरान साफ-सफाई और स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नगर पालिका द्वारा की जायेगी। बैठक में तय किया गया कि ईद-उल-फितर के मौके पर नमाज अता करने वाले स्थानों पर साफ सफाई और पानी की व्यवस्था की ओर विशेष ध्यान दिया जाये।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अनिता भण्डेरिया, पूर्व विधायक मदन लाल त्यागी,वरिष्ठ पत्रकार डॉ.एम. हैदर, एडिशनल एस.पी. जगत सिंह राजपूत सहित समिति के सदस्यगण मौजूद थे।
हमारा ईपता - fursatma@gmail.com यदि आप कुछ कहना चाहे तो यहां अपना पत्र भेजें ।
गणेश चतुर्थी, 11 सितम्बर को डोल ग्यारस, 14 सितम्बर को अनन्त चर्तुदशी, 2 अक्टूबर को ईदुल-फितर, 9 अक्टूबर को दशहरा (विजया दशमी), 28 अक्टूबर को दीपावली 13 नवम्बर को गुरू नानक जयन्ती और 9 दिसम्बर को ईदुज्जुहा त्यौहारों के मद्देनजर शांति समिति की बैठक कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में इन त्यौहारों पर की जाने वाली व्यवस्थाओं पर समिति में विस्तार से चर्चा कर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई। ए.डी.एम. श्रीमती भावना वालिम्बे ने आश्वस्त किया कि जिला प्रशासन की ओर से की जाने वाली सभी व्यवस्थाएं समयानुसार की जांएगी।
बजाना हो तो सिर्फ धार्मिक
गाने ही बजाना पड़ेंगे
समिति ने निर्णय लिया कि गणेशोत्सव के दौरान केवल धार्मिक गाने ही बजाए जायें जिससे त्यौहार की गरिमा बनी रहे। रात्रि 10.00 बजे के बाद गाने न बजाए जायें और यदि बजाए भी जांय तो आवाज मध्यम रखी जाय।
समिति ने व्यवस्थापकों से अनुरोध किया है कि वे स्थापना के स्थानों की जानकारी जिला एवं पुलिस प्रशासन को दें जिससे व्यवस्थाएं बनाने में आसानी रहे।
झांकी बनाओ तो फिर बिजली
का कनेक्शन लेना पड़ेगा
झांकियों में लाइट की व्यवस्था के लिए समिति में टैम्प्रेरी कनेक्शन लिए जाने पर चर्चा की गई। विद्युत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सवा चार सौ रूपये में टैम्प्रेरी कनेक्शन दिए जांयगे। उसके बाद बिजली के उपयोग के मुताबिक निर्धारित दर से भुगतान किया जायगा।
प्रतिमा भी ज्यादा बड़ी नहीं ला सकते, झांकी का भी ध्यान हो
एस.डी.एम. श्री चन्द्र मोहन मिश्रा ने कहा कि व्यवस्थापक प्रतिमा के आकार की ओर आवश्यक रूप से ध्यान दें जिससे चल समारोह और प्रतिमा विसर्जन के दौरान व्यवधान की स्थिति निर्मित न हो। उन्होंने कहा कि साधनों के मुताबिक प्रतिमा और झांकी का निर्माण किया जाना चाहिए।
दो सदस्य झांकी पर रहें
समिति में तय किया गया कि रात्रि के समय आयोजन समिति के कम से कम दो सदस्य अपनी झांकी पर आवश्यक रूप से रहें जिससे व्यवस्थाएं बनी रहें और झांकी की देखभाल ठीक से हो सके। समिति सदस्य एवं वरिष्ठ पत्रकार अंबादत्त भारतीय ने कहा कि इन त्यौहारों पर नगर सुरक्षा समिति की सेवाएं ली जाना उचित होगा।
ईद पर सफाई का सर्वाधिक
ध्यान दिया जाये
त्यौहारों के दौरान साफ-सफाई और स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नगर पालिका द्वारा की जायेगी। बैठक में तय किया गया कि ईद-उल-फितर के मौके पर नमाज अता करने वाले स्थानों पर साफ सफाई और पानी की व्यवस्था की ओर विशेष ध्यान दिया जाये।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अनिता भण्डेरिया, पूर्व विधायक मदन लाल त्यागी,वरिष्ठ पत्रकार डॉ.एम. हैदर, एडिशनल एस.पी. जगत सिंह राजपूत सहित समिति के सदस्यगण मौजूद थे।
हमारा ईपता - fursatma@gmail.com यदि आप कुछ कहना चाहे तो यहां अपना पत्र भेजें ।
अध्यापक मनायेंगे काला दिवस
आष्टा 3 सितम्बर (नि.प्र.)। छटवें वेतनमान व गजट से निराश अध्यापक शिक्षक दिवस को काला दिवस के रूप में मनायेगा। शासन की भेदभावपूर्ण नीति व अपने 2003 के चुनावी घोषणा पत्र जिसमें समान कार्य के लिये समान वेतन देने की बात की थी, से मुकरने के कारण प्रदेश भर के एक लाख पच्चीस हजार शिक्षाकर्मियों व संविदा शिक्षकों में भारी रोष व्याप्त है। 13 अगस्त 08 को जारी मध्य प्रदेश शासन के राजपत्र में अध्यापकों को पूर्व में दी जा रही सुविधाओं को समाप्त करने से राज्य अध्यापक संघ ने आगामी 04 सितम्बर को जिला स्तर पर राजपत्र की होली जलाने व 5 सितम्बर 2008 को कालादिवस मनाने का निर्णय लिया है।
इसके बाद भी यदि शासन ने अध्यापकों की इन मांगों को नहीं माना तो प्रदेश भर के अध्यापक 10 सितम्बर 2008 से भोपाल में डेरा डालों घेरा डालों अभियान में एकत्रित होकर मुख्यमंत्री व मंत्रियों का घेराव करेंगे जो मांगे पूरी नहीं होने तक जारी रहेगा।
राज्य अध्यापक संघ द्वारा इन आंदोलनों में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने की अपील की है। अपील करने वालों में राजेन्द्र शर्मा, यशवंत ठाकुर, जयसिंह ठाकुर, मो. सितवत खान, मनीष सारसिया, जीवनसिंह ठाकुर, सुभाष दुबे, अशोक परमार, कृपालसिंह ठाकुर, कमल वर्मा, चंदर तोमर, ओ.पी. सारसिया, आर.पी. मालवीय, जगदीश मालवीय, भारतसिंह, लखनसिंह, कैलाश जाट, मो. इलियास, चंदन पाटीदार, मनोज श्रीवास्तव, मनोहर जैन, ज्ञानसिंह मेवाड़ा, सोभाल सिंह ठाकुर, सजन तोमर, संजय बड़ोले आदि प्रमुख है।
इसके बाद भी यदि शासन ने अध्यापकों की इन मांगों को नहीं माना तो प्रदेश भर के अध्यापक 10 सितम्बर 2008 से भोपाल में डेरा डालों घेरा डालों अभियान में एकत्रित होकर मुख्यमंत्री व मंत्रियों का घेराव करेंगे जो मांगे पूरी नहीं होने तक जारी रहेगा।
राज्य अध्यापक संघ द्वारा इन आंदोलनों में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने की अपील की है। अपील करने वालों में राजेन्द्र शर्मा, यशवंत ठाकुर, जयसिंह ठाकुर, मो. सितवत खान, मनीष सारसिया, जीवनसिंह ठाकुर, सुभाष दुबे, अशोक परमार, कृपालसिंह ठाकुर, कमल वर्मा, चंदर तोमर, ओ.पी. सारसिया, आर.पी. मालवीय, जगदीश मालवीय, भारतसिंह, लखनसिंह, कैलाश जाट, मो. इलियास, चंदन पाटीदार, मनोज श्रीवास्तव, मनोहर जैन, ज्ञानसिंह मेवाड़ा, सोभाल सिंह ठाकुर, सजन तोमर, संजय बड़ोले आदि प्रमुख है।
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