Friday, June 27, 2008

मंत्री रुस्तम तो खुद एक समस्या हैं... यह क्या समस्या हल करेंगे...(टिप्‍पणी)

टिप्पणी आनन्द ऋषभ गाँधी

एक पुलिस अधिकारी रहते उच्चस्थ पदों पर रह चुके और वर्तमान में भाजपा के विधायक व शासन के मंत्री के रुप में रुस्तम सिंह नामक प्रभारी मंत्री सीहोर जिले को एक बार फिर नये सिरे से आज दिये गये हैं....। जिला प्रभार में रुस्तम सिंह को पुन: सीहोर का प्रभारी बनाया गया है। पिछले दिनों जिला मुख्यालय पर बाल विहार मैदान में आयोजित लोक कल्याण शिविर में इन्होने अपने अंदाज में भाषण दिया कि हमसे जो बन पड़ेगा उन समस्याओं को हल करेंगे....जो अभी होंगी उन्हे अभी हल किया जायेगा...जो नहीं हो सकती उन्हे बाद में किया जायेगा....सब काम प्रक्रिया के तहत होगा....।

लम्बे समय से प्रभारी मंत्री को झेल रहे सीहोर जिले के हर भाजपा कार्यकर्ता, नेता और आम जनमानस को मंत्री जी का संवाद रटा गया है कि जो नियमानुसार होगा वह किया जायेगा... सीहोर के लोगों को कभी लगता ही नहीं कि रुस्तम सिंह जी उनके जिले के प्रभारी मंत्री हैं....बंगले पर जितने लोग मिलने जाते हैं यदि वह सीहोर के हैं तो बैठे रह जाते हैं और मंत्री जी के गृह जिले से आये लोगों के काम हाथों-हाथ हो जाते हैं....क्योंकि वैसे भी सीहोर वालों के लिये तो नियम हैं ही...।

फिर खुद रुस्तम सिंह जी का सीहोर के प्रति कोई जिम्मेदार पूर्ण व्यवहार भी क भी नहीं दिख पाया....जबसे बने हैं तब से आज तक सीहोर के लिये अलग से कोई दौरा कार्यक्रम नहीं किया गया....एक बार पत्रकार वार्ता में पत्रकारों से मिले तो किसी प्रशासनिक अधिकारी की तरह 40 मिनिट तक लम्बा भाषण पेल दिया और अंत में बड़ी अदा के साथ कह गये कि कोई बात हो बताईयेगा...हम उसे भी सुनेंगे....करेंगे....और अब चलते हैं मुझे अन्य जगह जाना है...बाद में फिर मुलाकात होगी.....जब पत्रकारों ने पूछा कि आप हमारे जिले के प्रभारी मंत्री हैं आप जिले के अखबार तक तो पढ़ते नहीं....तो घुमा-फिरा कर जबाव दे गये हाँ पढ़ता हूँ....जब बताया कि सीहोर में सारे अखबार में अलग पेज आते हैं क्या सीहोर के पेज आप पढ़ते हैं ? कैसे पढ़ते तब जाकर गलती स्वीकार करते हुए बोले नहीं पढ़ता...आज तक भी यह अखबार पढ़ने की शुरुआत नहीं कर सके। जिस जिले के यह प्रभारी मंत्री हैं जब वहाँ की घटनाओं से उन्हे सरोकार ही नहीं तो फिर कैसे मान लिया जाये कि उन्हे सीहोर के प्रभार के प्रति गंभीरता है.....या सीहोर से कोई मतलब ।

यदि हम पूर्व प्रभारी मंत्री सजन सिंह वर्मा की कार्यशैली को देखें तो तुलनात्मक रुप से आज तक इन प्रभारी मंत्री ने कौन-सा विशेष पैकेज सीहोर जिले को दिलवाया है....क्या रोजगार गारंटी योजना में हुए भ्रष्टाचार की जानकारी इन्हे है...? क्या सीहोर में पेयजल संकट के समस्या के प्रति इन्होने कोई रुचि दिखाई...कई किसानों का गेहूँ समर्थन मूल्य से कम भाव में बिक गया क्या मंत्री जी को यह मालूम भी है....ढाई साल से सीहोर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की जमीन बिकने का क्रम जारी है....जमीन के भाव आसमान छू रहे हैं....जमीनों का सट्टा जारी है, इस वर्ष सीहोर में इसी कारण बोवनी आधी से कम हो पाई क्या यह बात मंत्री जी को मालूम है....और मालूम हैं तो इसका कोई हल उन्होने निकाला.....करोड़ों रुपयों का मुआवजा बुदनी-नसरुल्लागंज में बंट गया और सीहोर, आष्टा, इछावर के किसान आस लगाये बैठे रह गये....क्या इससे मंत्री जी को कोई मतलब है....बल्कि सच तो यह है कि खुद उनके विभाग की योजनाएं जिले में सही से नहीं चल पा रही....कई भ्रष्टाचार के मामले उनके विभाग में मौजूद हैं और हजारों किसान उनके विभाग से हैरान-परेशान हैं।

आश्चर्य तो यह है कि जिस पंचायत विभाग के वह मंत्री है उसी पंचायत विभाग ने दो लाख से यादा खर्च करके जिला स्तरीय समस्या समाधान शिविर लगाया और मात्र सवा सौ लोग ही यहाँ आये उसमें 50 प्रतिशत लोग तो बुला-बुलाकर एकत्र किये गये थे.....आंगनबाड़ी वालो, लाड़ली लक्ष्मी योजना की लाड़लियों, किसानों, सरपंचों और विभागों के अधिकारियों से पांडाल भर दिया गया था...क्या यह बात रुस्तम सिंह जी के समझ नहीं आ सकी...सवा सौ समस्याओं के आवेदन में से वह समस्याएं हल कर दी गई जिनमें गरीबी रेखा के नाम के आवेदन थे या राशन कार्ड बनवाने की बात....। और सारी मूलभूत समस्याएं धरी की धरी रह गई। भ्रष्टाचार के आरोपों के आवेदनों को सिरे से हटा दिया गया...क्यों मंत्री जी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया....स्पष्ट है क्योंकि उन्हे सीहोर से कोई मतलब ही नहीं....।

असल में प्रभारी मंत्री की बला से....जो हो सीहोर में उन्हे क्या.....यह उनका विधानसभा क्षेत्र तो है नहीं....और अब वो कोई शासकिय अधिकारी भी नहीं जो जहाँ जायें वहीं का हो जाये....अब वो नेता हैं नेता....और नेता का काम तो होता है अच्छे-अच्छे लच्छेदार भाषण देना...कुटिल मुस्कान भरना....जो यादा नाराज हो उसके कंधे पर हाथ रखना.....और आश्वासन देकर चले जाना....समस्या निवारण शिविर में किसी समस्या का हल, रुस्तम सिंह जी क्या खाक करते । असल तो सीहोर जिले के लिये प्रभारी मंत्री के रुप में वह खुद एक समस्या हैं....।

'नेताजी' अपने समर्थकों के साथ 'नाली' में घुसे और ऐसे अड़े की कोई उन्हे निकाल ही नहीं पाया

सीहोर 26 जून (घुमक्कड़)। जी हाँ साहब यह बात हो रही है सीहोर टाकीज चौराहा पर बनी अंग्रेजों के जमाने की नाली की जिसको एक नेताजी ने अपने समर्थकों के साथ नाली में प्रवेश कर चौक कर दिया। इनके चक्कर में विगत 10 दिन से नाली ऐसी जाम हुई यहाँ डाकघर के सामने के सारे दुकानदार नाली के पानी उफनने के कारण परेशान होने लगे। इतना ही नहीं बल्कि भयानक बदबू से भी सब परेशान हो चले। ऐसे में जब इसकी जानकारी नगर पालिका के सफाई अमले को हुई तो वह भी इन्हे अनुनय-विनय करके बाहर निकालने पहुँचे। सफाई कामगारों ने सारे प्रयास किये, बहुत नम्रता से काम किया, सारे मशीनी उपकरण लगाकर उन पर प्रेशर बनाया लेकिन वो थे कि टस से मस नहीं हो रहे थे। अंतत: आज अंग्रेजों के जमाने की नाली खोदकर इन्हे खेंच-खेंचकर बाहर निकाल ही डाृला। लेकिन इस चक्कर में आज यातायात काफी प्रभावित रहा। लोगों को परेशानी हुई और हाँ नगर पालिका को बैठे-बिठाये एक और काम मिल गया।
हुआ यूँ कि सीहोर टाकीज चौराहा पर जहाँ छविग्रह की फिल्मों के पोस्टर लगते हैं वहीं जिले भर के नेताजियों और कुछ संगठनों के बड़े-बड़े बेनर होर्डिंग जो आजकल फ्लेक्स के बनने लगे हैं वह भी लगते हैं। ऐसे ही किसी नेताजी और उनके समर्थकों को फ्लेक्स अपने साथ एक आध दो और फ्लेक्स लेकर काम निकल जाने उड़ गया और पीछे की तरफ नाली में गिर गया। इसके बाद वह बहता हुआ अंग्रेजों के जमाने की बनी सड़क के बीच की नाली में जाकर अड़ गया और ऐसा अड़ा की वह पानी को आगे ही नहीं बढ़ने दे रहा था। इसके कारण बरसात का पानी जब नाली में भराता तो नाली उफनती और दुकानदार परेशान होते। बल्कि सड़क पर नाली का पानी आता तो बदबू भी फैलती।
मजबूरन 3-4 दिन तक लगातार सफाई कर्मचारी यहाँ नाले को साफ करने का प्रयास करते रहे, कई बार बांस चलाये, कुछ मशीनों का भी उपयोग हुआ लेकिन वह फ्लेक्स था की ऐसा अड़ा जो टस से मस नहीं हो रहा था। उसे भी सीहोर टाकीज चौराहा ही मिला जो सर्वाधिक व्यस्त है। सीहोर का यह चौराहा शुरु से ही राजनेताओं की राजनीति सरगर्मी का केन्द्र भी रहा है। इस फ्लेक्स को भी यह चौराहा रास आ रहा था। मजबूरन नगर पालिका सफाई कर्मचारियों ने आज अंग्रेजों की जमाने की यह नाली सड़क पर से खोद डाली और उस फ्लेक्स को खींच-खींचकर बाहर निकालकर फेंक दिया और हाँ नगर पालिका को पुलिया बनाने के नाम से संभवत: किसी ठेकेदार को खुश करने का मौका भी नसीब हो गया हो, हालांकि ऐसी पुलिया भी बनाने वाले श्रमिक पालिका में हैं। देखते हैं क्या होता है....।

'नेताजी' अपने समर्थकों के साथ 'नाली' में घुसे और ऐसे अड़े की कोई उन्हे निकाल ही नहीं पाया

सीहोर 26 जून (घुमक्कड़)। जी हाँ साहब यह बात हो रही है सीहोर टाकीज चौराहा पर बनी अंग्रेजों के जमाने की नाली की जिसको एक नेताजी ने अपने समर्थकों के साथ नाली में प्रवेश कर चौक कर दिया। इनके चक्कर में विगत 10 दिन से नाली ऐसी जाम हुई यहाँ डाकघर के सामने के सारे दुकानदार नाली के पानी उफनने के कारण परेशान होने लगे। इतना ही नहीं बल्कि भयानक बदबू से भी सब परेशान हो चले। ऐसे में जब इसकी जानकारी नगर पालिका के सफाई अमले को हुई तो वह भी इन्हे अनुनय-विनय करके बाहर निकालने पहुँचे। सफाई कामगारों ने सारे प्रयास किये, बहुत नम्रता से काम किया, सारे मशीनी उपकरण लगाकर उन पर प्रेशर बनाया लेकिन वो थे कि टस से मस नहीं हो रहे थे। अंतत: आज अंग्रेजों के जमाने की नाली खोदकर इन्हे खेंच-खेंचकर बाहर निकाल ही डाृला। लेकिन इस चक्कर में आज यातायात काफी प्रभावित रहा। लोगों को परेशानी हुई और हाँ नगर पालिका को बैठे-बिठाये एक और काम मिल गया।
हुआ यूँ कि सीहोर टाकीज चौराहा पर जहाँ छविग्रह की फिल्मों के पोस्टर लगते हैं वहीं जिले भर के नेताजियों और कुछ संगठनों के बड़े-बड़े बेनर होर्डिंग जो आजकल फ्लेक्स के बनने लगे हैं वह भी लगते हैं। ऐसे ही किसी नेताजी और उनके समर्थकों को फ्लेक्स अपने साथ एक आध दो और फ्लेक्स लेकर काम निकल जाने उड़ गया और पीछे की तरफ नाली में गिर गया। इसके बाद वह बहता हुआ अंग्रेजों के जमाने की बनी सड़क के बीच की नाली में जाकर अड़ गया और ऐसा अड़ा की वह पानी को आगे ही नहीं बढ़ने दे रहा था। इसके कारण बरसात का पानी जब नाली में भराता तो नाली उफनती और दुकानदार परेशान होते। बल्कि सड़क पर नाली का पानी आता तो बदबू भी फैलती।
मजबूरन 3-4 दिन तक लगातार सफाई कर्मचारी यहाँ नाले को साफ करने का प्रयास करते रहे, कई बार बांस चलाये, कुछ मशीनों का भी उपयोग हुआ लेकिन वह फ्लेक्स था की ऐसा अड़ा जो टस से मस नहीं हो रहा था। उसे भी सीहोर टाकीज चौराहा ही मिला जो सर्वाधिक व्यस्त है। सीहोर का यह चौराहा शुरु से ही राजनेताओं की राजनीति सरगर्मी का केन्द्र भी रहा है। इस फ्लेक्स को भी यह चौराहा रास आ रहा था। मजबूरन नगर पालिका सफाई कर्मचारियों ने आज अंग्रेजों की जमाने की यह नाली सड़क पर से खोद डाली और उस फ्लेक्स को खींच-खींचकर बाहर निकालकर फेंक दिया और हाँ नगर पालिका को पुलिया बनाने के नाम से संभवत: किसी ठेकेदार को खुश करने का मौका भी नसीब हो गया हो, हालांकि ऐसी पुलिया भी बनाने वाले श्रमिक पालिका में हैं। देखते हैं क्या होता है....।

आष्टा में घुसे कालनेमियों से सावधान रहने की आवश्यकता है-तपन भौमिक

आष्टा 26 जून (नि.सं.)। साढ़े चार साल पूर्व जब मध्य प्रदेश में चुनाव हुए और भाजपा किस तरह भारी बहुमत से सत्ता में आई उसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने जिस प्रकार नदी में बाढ़ आते वक्त कई प्रकार का कचरा कूडा बाढ़ अपने साथ ले जाती है उसी प्रकार सत्ता में आने के बाद भाजपा में भी कुछ कालनेमी रुपी लोग भाजपा के बनकर भाजपा में घुस आये हैं। भारतीय जनता पार्टी को ऐसे कालनेमियों से सावधान रहने की आवश्यकता है।
भाजपा ही एक मात्र ऐसी पार्टी है जिसमें जमीनी कार्यकर्ता लम्बे संघर्षों के बाद उच्च पदों पर पहुँचता है। जैसे मध्य प्रदेश में चुनाव होने के बाद प्रदेश की कमान उमा भारती उसके बाद बाबूलाल गौर एवं वर्तमान शिवराज सिंह चौहान जिनका राजनैतिक जीवन एक छोटे-से कार्यकर्ता के रुप में शुरु हुआ था और लम्बे संघर्षों के बाद आज वह उच्च पदों पर पहुँचे हैं। भाजपा में उच्च पदों पर पहुँचने वाला व्यक्ति एक कार्यकर्ता ही हो सकता है। उक्त उद्गार आंकलन समिति मध्य प्रदेश के सदस्य श्री तपन भौमिक ने आज स्थानीय शगुन गार्डन में आष्टा विधानसभा क्षेत्र के जावर, आष्टा नगर एवं ग्रामीण के कार्यकर्ताओं नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र के संयोजक एवं पालकों की बैठक में कहे। श्री तपन भौमिक ने आगे कहा कि संगठन ने जो पार्टी को मतदान केन्द्र स्तर तक मजबूत करने की योजना बनाकर प्रथम सीढ़ी के रुप में मतदान केन्द्र इकाई को मजबूत करने का कार्य प्रारंभ किया है इस योजना को पश्चिम बंगाल से लिया गया है। विचार मंथन किया गया कि एक ही प्रदेश में 35 साल से एक ही पार्टी की सरकार क्यों काबिज है। जब वहाँ जाकर गहराई से अध्ययन किया गया और पाया कि वहाँ जो भी कुछ है वो मतदान केन्द्र की जो इकाई वो मजबूत है और उसी के परिणाम स्वरुप वहाँ 35 सालों से एक ही पार्टी की सरकार बनती आ रही है।
भाजपा ने भी प्रयास प्रारंभ किये हैं की मतदान केन्द्र स्तर तक की हमारी इकाई भी मजबूती से खड़ी हो। जब तक पार्टी में छोटे कार्यकर्ताओं की पूछपरख नहीं होगी ऊपर तक का संगठन मजबूत नहीं हो पायेगा। प्रथम बैठक के सत्र में तीनों मण्डलों की और पार्टी के प्रमुख कार्यकर्ता, करण सिंह दादा, माखन सिंह वर्मा, देवकरण सिंह, अनोखीलाल खण्डेलवाल, किशोर सिंह पाटीदार, श्रीराम सोनी, संतोष झंवर, सुशील संचेती, रवि सोनी, बाबूलाल मालवीय, कृपाल सिंह ठाकुर, रमेश गुणवान, उमेश शर्मा, तुलजाराम भोजवानी, सजन सिंह मेवाड़ा, शैलेष वेद्य आदि कार्यकर्ताओं ने तपन भौमिक के सामने अपने विचार रखकर तीन बिन्दुओं पर उन्होने जो सुझाव मांगे थे वो दिये।
बाद में बैठक स्थल पर नगर व ग्राम केन्द्रों के पालक संयोजकों की बैठक हुई। तीसरे सत्र में आष्टा विधानसभा क्षेत्र के प्रबंधन समिति की बैठक हुई। आज की सम्पन्न हुई बैठक में पूर्व विधायक रणजीत सिंह गुणवान, संगठन मंत्री देवी सिंह रघुवंशी, देवी सिंह परमार, धर्म सिंह आर्य, राकेश सेंधव, पूर्व जिलाध्यक्ष राकेश सुराना, मुकेश बड़जात्या सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

चापलूसी बंद करो.........भाजपा की बैठक में हुई नारेबाजी

आष्टा। आज बैठक प्रात: तपन भोमिक के आगमन के बाद शुरु हुई तथा काफी देर तक बैठक व्यवस्थित रुप से चलती रही। फिर जब कार्यकर्ताओं को विचार व्यक्त करने बुलाया गया, तब अधिकांश कार्यकर्ताओं ने साढ़े चार साल की भडास तथा क्षेत्रीय विधायक द्वारा जो कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की गई उसको लेकर तथा अन्य कई मुद्दों पर गंभीर आरोप प्रत्यारोप जब लगाये। इसी बीच एक कार्यकर्ता ने जब चापलूसी भरे शब्दों में अपना उद्बोधन शुरु किया तो बैठक में उपस्थित सभी कार्यकर्ता खड़े हो गये तथा जोर-जोर से चिल्लाने लगे चापलूसी बंद करो....यह चापलूसी पार्टी को नुकसान ना दे दे। काफी देर तक हंगामा होता रहा। भाजपा जिलाध्यक्ष व तपन भौमिक ने कार्यकर्ताओं को शांत करने के काफी प्रयास किये तब जाकर बमुश्किल से बैठक में शांति का वातावरण निर्मित हुआ। उसके बाद शाम तक बैठक व्यवस्थित रुप से चलती रही। आज कार्यकर्ताओं ने खुले शब्दों से कहा कि पार्टी आष्टा विधान सभा क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को टिकिट दे लेकिन जिसे टिकिट दे वो स्थानीय व्यक्ति होना चाहिये पार्टी का कार्यकर्ता हो, बाहरी व्यक्ति स्वीकार नहीं होगा। आज बैठक में कार्यकर्ताओं ने जिस प्रकार से आरोप प्रत्यारोप खुलकर लगाये उसके बाद कई लोगों के चेहरे उतर गये....।

पेट्रोल मूल्य वृद्धि के खिलाफ युमो ने साईकल रैली निकाली

सीहोर 26 जून (नि.सं.)। केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोलियम पदार्थो मे की गई बेतहशा वृद्धि के खिलाफ भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एवं जिला भाजपा महामंत्री रमाकांत समाधिया के नेतृत्व मे एक विशाल साईकल रैली निकाली गई रैली कोतवाली चौराहा से प्रारंभ होकर नगर के प्रमुख मागों से होती हुई जिला भाजपा कार्यालय पहुंची जहां कार्यकर्ता को संबोधित करते हुए पं.रमाकांत समाधिया ने कहा कि यह साईकिल रैली केन्द्र सरकार को सांकेतिक विरोध है।
युवा मोर्चा जिला महामंत्री सुशील ताम्रकार ने संबोधित करते हुए कहा कि यह साइकिल रैली सीहोर नगर से प्रारंभ हुई है। जो आगामी दिनों मे हर मंडल स्तर पर निकाली जायेगी कार्यक्रम को जिला भाजपा उपाध्यक्ष राजकुमार गुप्ता मंडल अध्यक्ष धमेन्द्र न.पा. एवं अशोक सिसोदिया वरिष्ठ नेता अशोक राठौर एवं व्यापारी प्रकोष्ठ अध्यक्ष किशोर कोशल ने भी संबोधित किया एवं आभार माखन परमार ने व्यक्त किया।
साईकिल रैली के प्रमुख रूप से मोहन चोरसिया,प्रदीप गौतम, कीर्ति श्रीवास्तव, अमित कटारिया, अखलेश चौरसिया, शेरसिंह, संतोष कुशवाह, विवेक राय, राजू सिकरवार, खुशालसिंह,बिजेन्द्र सोलंकी, वंटी राय, सुदीप व्यास, बंटू कुल्हारिया, रविन्द्र जैन, सोरभ सिन्हा, मनोज विश्वकर्मा, रोहित सिसोदिया, ब्रिजेश, करण मेवाड़ा, कपिल गौर, महेन्द्र राय, राम भरोसा शर्मा, धन्ना राय, राजेश नाथ, गुलाब सिंह ठाकुर, कल्याण सिंह राय, रामचन्द्रर पटेल, महेश महेश्वारी, अंकुश शर्मा, अशोक पहलवान सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।

पन्नानाथ ने दीवार के अंदर बैठा सांप पकड़ा

सीहोर 26 जून (नि.सं.)। प्रसिध्द सपेरे पन्नानाथ लगातार सांप पकड़ने का काम कर रहे हैं, वर्षा ऋतु में नाग बाहर निकल रहे हैं जिससे पन्नानाथ की सेवा का कार्य शुरु हो गया है। हाल ही में सतपीपलिया ग्राम के लखन वर्मा के मकान में एक सांप निकला जो अलमारी में बैठा था ।
श्रीमति वर्मा जब अलमारी में कुछ रखने गई तो पता चला कि उनका हाथ किसी नरम से चीज से टकराया है, वह झटका खा गई और देखा की सांप है, तो हाथ में रखे तेल की शीशी उनसे छूट गई। घर में घबराहट फैल गई और सांप अलमारी में ही कहीं गायब हो गया। तब प्रसिध्द सपेरे पन्नानाथ नापली को बुलाया गया। पन्नानाथ ने अलमारी को बारीकी से देखा तो डेढ़ ईंट की दीवार में ही एक बड़ा सा छेद था, जब दीवार खोदना शुरु की तो और अंदर देखा तो दीवार के अंदर काला मोटा सांप बैठा दिखा। उसे बहुत चतुराई पूर्वक पन्नानाथ ने पकड़ लिया।

52 बोरे गेहूँ के जप्त

आष्टा 26 जून (नि.सं.)। सिध्दिकगंज से आष्टा के लिये आ रहे एक ट्राली में 52 बोरे गेहूँ आ रहे थे सिध्दिकगंज के पूर्व सरपंच शांतिलाल की शिकायत के बाद आष्टा में आष्टा पुलिस ने रोके तथा खाद्य अधिकारी को सूचना भेजी। खाद्य अधिकारी ने आकर इन सभी बोरों को जप्त कर मार्केटिंग सोसायटी के सुपुर्द किये तथा ट्रेक्टर ट्राली पुलिस के सुपुर्द की।
शांतिलाल ने शिकायत की थी कि जो गेहूँ बिकने आ रहा है उसमें उचित मूल्य की दुकानों का गेहूँ भी है। वहीं ट्रेक्टर मालिक आशीष तापड़िया का कहना है कि सिध्दिकगंज में वह गल्ले का व्यापार करता है तथा चेतन ट्रेडर्स के नाम से उसकी फर्म है तथा उसकी दुकान पर आसपास के क्षेत्र के ग्रामीण छोटी-छोटी पोटलियों में गेहूँ बेचने आये थे जो मैने खरीदा और उसे लेकर आया हूँ वो किसान भी ट्रेक्टर ट्राली के साथ थे जिनका नाम अमन उल्ला एवं परस राम है इन्होने बताया कि इस ट्राली में 17 बोरे गेहूँ हमारा है जो हम भाड़े पर मण्डी लाये थे।

शिवराज कहते हैं ले लो चावल पर कहाँ है चावल

सीहोर 26 जून (नि.सं.)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जी एक तरफ तो कहते हैं कि 4 रुपये किलो चावल ले लो और दूसरी तरफ गरीब के चावल ही राशन की दुकानों पर से गायब है.....। उपरोक्त जुमला शहर की राशन दुकानों पर चावल लेने वाले उपभोक्ताओं के मुँह से आज कल हर दिन सुनने को मिल रहा है। असल में प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के गेहूँ और चावल सस्ते बेचने के विज्ञापन जिधर निगाह घुमाओं उधर नजर आते हैं अनेक दीवारों पर लिखा हुआ है कि प्रदेश में सस्ते चावल और गेहूँ मुख्यमंत्री जी बंटवा रहे हैं लेकिन इन दिनों जिले भर की राशन दुकानों पर से चावल गायब है। गरीबी के इस दौर में गरीबों का चावल गायब हो जाये तो वो वैसे ही परेशान हो जाते हैं, हालांकि उपभोक्ता दुकानों पर चावल के बदले गेहूँ बढ़ाकर दिया जा रहा है लेकिन उपभोक्ताओं का कहना है कि हमें चावल दिया जाना चाहिये।

भाजयुमो की रैली देखते रह गये लोग : नगर में 38 वार्ड और कुल 40 साईकिल सवार

कटौती के कारण लोग ठीक से नींद नहीं ले पाते

जावर 26 जून (नि.प्र.)। वैसे तो नगर सहित पूरे क्षेत्र में लम्बे समय से बिजली की अघोषित कटौती का दौर जारी है लेकिन पिछले चार दिनों से कटौती कुछ यादा ही होने लगी है जिस कारण नगर वासी खासे परेशान होने लगे हैं। इस कारण पड़ रही तेज गर्मी उमस व मच्छरों से लोग परेशान हैं नगर में 24 घंटे में से दस-बारह घंटे ही बिजली मिल पा रही है वह भी टुकड़ों में बिजली कटौती के कारण ही नगर की जल वितरण व्यवस्था भी प्रभावित होने लगी है।
बिजली कटौती के चलते लोगों की भीड़ हेण्डपम्पों पर पानी भरने के लिये लगने लगी है। नगर के हरीश शर्मा का कहना है कि नगरवासी बिजली की अघोषित कटौती लम्बे समय से झेलते आ रहे हैं लेकिन इस समस्या की और आज तक कोई ध्यान नहीं दे पा रहा है इस समय नगर में 24 घंटे में से मात्र दस से बारह घंटे ही बिजली मिल पा रही है वह भी टुकड़ों में अभी तीन चार दिनों से तो यादा ही कटौती होने लगी है बिजली कटौती के कारण लोग गर्मी उमस व मच्छरों से परेशान होते रहते हैं दिन की कटौती तो जैसे-तैसे सहन कर लेते हैं लेकिन रात्रि की कटौती सहन नहीं कर पाते हैं। रात्रि के समय मच्छर लोगों को ठीक से सोने नहीं देते हैं। कई लोग तो बिजली आने के इंतजार में इधर-उधर टहलते रहते हैं। बिजली कटौती के कारण नगर की जल व्यवस्था भी प्रभावित होने लगी है। नागरिकों ने बिजली व्यवस्था में सुधार की मांग की है।

सड़क हादसों में दो घायल

आष्टा 26 जून (नि.सं.)। जिले के आष्टा एवं इछावर थाना अन्तर्गत हुए अलग अलग दो सड़क हादसे में दो लोग घायल हो गये। पुलिस ने प्रकरण कायम कर लिये है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आष्टा थाना अर्न्तगत स्थानीय पुष्प विघालय आष्टा के पास गत दिवस शाम पांच बजे इन्द्रा कालोनी आष्टा निवासी 50 वर्षीय लीलाबाई पत्नी भेरूलाल सब्जी लेने बाजार जा रही थी कि पीछे से आ रहे महेन्द्रा टेक्टर लाल रंग के चालक ने तेजगति एवं लापरवाही से चलाकर टक्कर मारकर घायल कर दिया जिसे प्राथमिक उपचार हेतु अस्पताल आष्टा में दाखिल कराया गया। इधर इछावर थाना अर्न्तगत आने वाले ग्राम कल्याणपुरा निवासी इमरलाल आ.बलमतसिंह घाकड़ गत दिवस शाम को अपनी बाइक क्रमांक एमपी-37-2668 से इछावर से बोरदीकंला जा रहे थें कि सामने से आ रही बाइक क्रमांक एमपी-04 एनएन-7210 के चालक ने बाइक में टक्कर मारकर घायल कर दिया जिसे उपचार हेतु अस्पताल इछावर में दाखिल कराया गया है।