Tuesday, June 24, 2008

नगर की कई सड़कों के नमूने ले गये भोपाल

सीहोर 23 जून (विशेष सं.)। नगर पालिका में हुए करोड़ों रुपयों के कामों की सूची निकालों तो पता चलता है कि एक-दो काम ही ऐसे हैं जिनकी गुणवत्ता ठीक-ठाक हो जिन्हे पुराने अनुभवी ठेकेदारों ने किया हो शेष काम इतने गुणवत्ता हीन किये गये हैं कि आश्चर्य घटित होता है।
सीमेंट की मजबूत सड़के बनाई और दिखाई तो गई हैं लेकिन बनते ही महिने भर में पत्थर उछल गये और गड्डे हो गये हैं। सीमेंट की अधिकांश सड़कें जो नगर पालिका ने बनवाई है वह इतनी निम् स्तर की हैं और नियमों के विरुध्द बनाई गई हैं जिनकी जांच वाकई होना आवश्यक है। अधिकांश सीमेंट सड़कें बिना किसी आधार पत्थर-गिट्टी डाले डामर की सड़क पर बना डाली गई? अब जांच में सारे मामले उजागर हो रहे हैं तो ठेकेदारों के हालत पतली होती जा रही है नगर में बनी कौन-कौन-सी सड़कों की जांच हुई है आज पढ़िये ।
जब सड़कों की जांच करके उनके नमूने भरने के लिये दूसरे दिन जांच दल सीहोर आया तो वह सीधे मुर्दी गंज सुदामा नगर वार्ड 11 में उसी गली में पहुँचा जहाँ की सड़क घटिया स्तर की बनी दिख रही थी। इसकी जांच की गई जांच में पाया गया कि सीमेंट की सड़क के नीचे मिट्टी है। मतलब मिट्टी की गली में सीधे सीमेंट का माल डालकर सड़क बना दी गई थी और लाखों रुपये का काम करवा लिया गया था। यहां सड़क का कुछ मटेरियल खोद कर जप्त कर लिया गया और आसपास रहने वाले लोगों तथा कुछ पार्षदों के सामने जांच कर व दिख रही स्थिति का एक कागज पर लिखकर पंचनामा बनवाया गया।
इधर मछली बाजार से लेकर छावनी चोकी तक बनी एक सीमेंट सड़क का भी सेम्पल लिया गया है जिसमें पाया गया कि नीचे डामर बिछा है।
विशेष रुप से सबसे यादा घपला तो वार्ड 29 में नजर आया। यहाँ तो ठेकेदार ने हद ही कर दी। ऐसा लग रहा था मानों ठेकेदार और नगर पालिका के कर्मचारी एक ही नाव में सवारी करते हाें जिन्होने घटिया काम को देखा तक नहीं। यहाँ महारानी लक्ष्मीबाई विद्यालय से लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक की सड़क की जांच में पाया गया कि जितनी मोटाई होना चाहिये थी वह नहीं रखकर सड़क पतली बनाई गई थी। लेकिन बात यहाँ तक भी धक जाती जब सड़क की खुदाई हुई तो यहाँ जांच अधिकारी ए.जी.खान स्तब्ध रह गये। यहाँ भी बीच बाजार में सड़क निम् स्तर की साबित हुई नीचे डामर की सड़क निकल आई थी जिसके ऊपर सीमेंट की सड़क बना दी गई थी। जबकि नियम है कि पहले डामर की सड़क को खोदकर अलग किया जाये, उसे यहाँ से पूरी तरह हटा दिया जाये फिर मिट्टी के ऊपर मोटे-मोटे बोल्डर डाले जायें उन्हे बिछाकर दबाकर फिर उसके ऊपर बारीक चूरी की गिट्टी डाली जाये और फिर उसका लेबल हो और इसके बाद सीमेंट की सड़क इसके ऊपर बनाई जाये। हालांकि इस सड़क के लिये क्या योजना नगर पालिका ने बनाई थी और क्या निर्देश थे यह नहीं कहा जा सकता लेकिन ए.जी. खान जांच अधिकारी ने फुरसत से बातचीत करते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में डामर के ऊपर सीधे सीमेंट की सड़क बनना नियमों के विपरीत कार्य है इसकी बारीकी से जांच की जायेगी।
जब वो पुलिया ढूंढते रह गये
भोपाल से आये जांच अधिकारी ए.जी.खान और उनका जांच दल तथा 13 पार्षदों का समूह जब वार्ड 29 में ही कागजों पर लिखी एक पुलिया ढूंढने का प्रयास करने लगा तो उसे वह कहीं नजर नहीं आई। असल में महारानी लक्ष्मी बाई से लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय मार्ग तक बनी सीमेंट की सड़क में ही बीच में कहीं पुलिया निर्माण किये जाने की जानकारी भी कागजों में उल्लेखित है जिसको लेकर 2 कम 40 हजार रुपये के करीब का भुगतान किये जाने की जानकारी है। इतनी बड़ी राशि की पुलिया आखिर कहाँ बनी है इसकी जांच और पुलिय ढूंढते हुए जब जांच अधिकारी और पार्षद थक गये तो उन्होने नगर पालिका के मुख्य अधिकारी और सब इंजीनियर से पूछा कि आखिर इस मार्ग जो पुलिया दर्शाई गई है वो कहाँ हैं ? तब इन दोनो ने पहले तो ना-नुकूर की लेकिन मजबूर होकर यह फाईलों की बात करते हुए कहने लगे की साहब मस्जिद के सामने बनी है, जब मस्जिद के सामने गये तो पाया गया कि मस्जिद में से जो पानी निकलता है उसके लिये बकायदा एक बंद नाली बनाई गई है उसे ही पुलिया दर्शाया गया है। इस जांच अधिकारी श्री खान ने यहाँ अधिकारियों को डांटा-डपटा भी और कहा कि क्या यही पुलिया है ? सीहोर नगर पालिका के अधिकारी इसका जबाव कुछ नहीं दे पाये और मुँह नीचा करके खड़े रहे। तब इस कथित पुलिया अर्थात नाली की जांच भी की गई और इसका पूरा आंकलन कर इसका पंचनामा बनाया गया । साथ ही वीडियो शूटिंग भी की गई। आश्चर्य है कि ठेकेदार ने इसे पुलिया कैसे बता दिया और नगर पालिका ने इसका भुगतान किस आधार पर 38 हजार रुपये कर दिया ? ए.जी.खान ने यहाँ इस कथित पुलिया की फाईल अच्छी तरह देखी-परखी और उसे अपने साथ रख लिया।
और यहाँ सामने आई ईमानदारी...
वार्ड 26 कसाई मण्डी में पिछले दिनों ही एक बोर हुआ था जो 200-400 नहीं बल्कि 510 फिट बताया जा रहा था। इतना गहरा बताकर बिल तो बन गया था लेकिन क्या वास्तव में यह इतना गहरा खुदा होगा जब इसकी जांच शुरु हुई तो जनता ने यहाँ कहा कि साहब यह पूरा-पूरा खुदा है, लेकिन विश्वास नहीं हो रहा था, जनता कह रही थी कि सांच को आंच क्या देख लीजिये जब जांच हुई तो पता चला कि पूरा 510 फिट नीचे तक जांच की रस्सी चली गई थी। यहाँ जनता ने कहा कि साहब हमने तो खोदने वाली राड भी नाप ली थी और रातभर जगे भी थे।
लेकिन यहाँ मामला उलट गया
लेकिन जब गणेश मंदिर के पीछे एक बोर की जांच करने के लिये जांच दल प्रभारी एजी खान गये यहाँ 300 फिट के आसपास खुदे बोर में मात्र 209 फिट तक ही रस्सी जा पाई थी। इसका भी पंचनामा बनाया गया है।
जब पार्षद ने ठंडा पिलाया कहा धन्यवाद
पीली मस्जिद कस्बा क्षेत्र में बनी सीमेट की सड़क के लिये यहाँ जब जनता ने जांच दल से कहा कि साहब यहाँ तो सड़क बनी ही नहीं है बल्कि प्लास्टर हुआ है प्लास्टर। तो जांच में भी कुछ ऐसा ही पाया गया लेकिन यहाँ पार्षद शमीम ने जांच दल को वार्ड में आकर जांच करने के लिये धन्यवाद दिया और उन्हे ठंडा पिलाकर स्वागत भी किया।

जिलाधीश श्री आहूजा ने पदभार संभाला, अस्पताल पहुँचे


सीहोर 23 जून (नि.सं.)। रीवा से स्थानांतरित होकर आए नवागत कलेक्टर डी.पी.आहुजा ने आज सोमवार 23 जून को कलेक्टर सीहोर का पदभार ग्रहण किया।

नवागत कलेक्टर श्री आहुजा आज प्रात: 10.30 बजे कलेक्ट्रेट पहुंचे और उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर स्थित भू-अभिलेख, नजारत, एन.आई.सी. और भंडार शाखाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने ए.डी.एम. कोर्ट और अधीक्षक कक्ष को भी देखा। भू-अभिलेख शाखा में उन्होंने अभिलेख संधारण की जानकारी हासिल की। इसके बाद करीब 11 बजे कलेक्टर अपने कक्ष में पहुंचे जहां उन्होंने जिलाधिकारियों से परिचय लिया और विभागीय कार्य तथा स्टॉफ की जानकारी प्राप्त की।

नवागत कलेक्टर डी.पी.आहुजा ने आज पदभार ग्रहण करने के पहले दिन जिला चिकित्सालय का निरीक्षण कर यह जता दिया कि वे जिले में कुछ बेहतर कर गुजरने के मूड से ही यहां आए हैं। उन्होंने चिकित्सालय की व्यवस्थाओं के सिलसिले में सी.एम.ओ. से जिस तरीके में बात की उससे यह साफ जाहिर होता नजर आया कि निकट भविष्य में जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाओं में बदलाव निश्चित है।

कलेक्टर श्री आहुजा दोपहर में अचानक जिला अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने शिशु रोग विभाग, महिला वार्ड, किसान वार्ड, ओ.पी.डी.,आई.सी.यू. और डाक्टर्स चैम्बर्स के साथ ही निर्माणाधीन मैटरनिटी वार्ड का निरीक्षण किया। निर्माणाधीन मैटरनिटी वार्ड के निरीक्षण के दौरान उन्होंने सी.एम.ओ. डॉ. मरावी से कार्य पूरा होने की अवधि जानना चाही। सी.एम.ओ. ने बताया कि निर्माण कार्य छ: माह में पूरा कर लिया जायगा। कलेक्टर इस जवाब से सहमत नही दिखे और उन्होंने कार्य को चार माह में पूरा करने की हिदायत दे डाली। कार्य करा रहे कांट्रेक्टर से उन्होंने पेमेन्ट के बारे में पूछा और कहा कि पेमेन्ट में कोई दिक्कत आती है तो वे यह बात उनके ध्यान में ला सकते हैं बशर्ते काम पूरी गुणवत्ता के साथ चार माह में ही पूरा किया जाएगा।जिलाधीश श्री आहुजा ने चिकित्सालय परिसर का निरीक्षण कर उन संभावनाओं को टटोला जहां आगे और कार्य कराये जाने की गुंजाइश बन सकती है। उन्होंने डॉ.मरावी को नक्शा और बजट सहित कलेक्ट्रेट आने की ताकीद की। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना के तहत किए जा रहे कार्य की जानकारी हासिल की। गरीबी रेखा के प्रकरणों को चेक किया और मरीजों से बात कर मिल रही दवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। जिला चिकित्सालय में चल रहे नि:शक्तजन शिविर का भी उन्होंने अवलोकन किया जहां 118 प्रकरण दर्ज किए गए थे। विकलांगों को दिए जाने वाले प्रमाण-पत्र और अन्य सहूलियतों के बारे में उन्होंने उप संचालक पंचायत एवं सामाजिक न्याय से चर्चा की और जरूरी निर्देश दिए।

कांग्रेसी चाय पी गये और रुपये नहीं दिये....

सीहोर 23 जून (नि.सं.)। पिछले दिनों जिला मुख्यालय पर कांग्रेस ने प्रदेश शासन के खिलाफ एक धरना प्रदर्शन किया था, बड़ा भारी तामझाम था, टेंट भी था और माईक भी। बड़ी संख्या में लोग भी उपस्थित थे। भारीभरकम कांग्रेस नेता भी शामिल थे और गांव-गावं से आये नेतागण भी। शुरुआती दौर में ही जब भीड़ बढ़ने लगी तो एक नेताजी उत्साह-उत्साह में पास ही एक दुकान पर 100 चाय का आर्डर दे आये। चाय दुकानदार ने 100 चाय बनाना शुरु कर दी।
चाय बनी तो फिर उसे ट्रे में लगाया गया, जब चाय भेजी जाने लगी तो एक कार्यकर्ता ने कहा अभी थोड़ा रुक जाओ....फिर थोड़ी देर रुकने के बाद फिर पूछा गया तो कहा गया अभी थोड़ा रुक जाओ...इधर चाय ठंडी हो रही थी, इस पर दुकानदार ने फिर तीसरी बार पूछने की बजाय चाय भेज ही दी। गर्मागर्म चाय आई सबने मजे से पी भी ली। दो घंटे के भाषण खत्म भी हो गये और टेंट-तंबू उखड़ने लगे लेकिन जब चाय वाला अपना भुगतान लेने गया तो वहाँ कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हुआ....। उसने कुछ लोगों से कहा भी कि भैया चाय के रुपये तो दे दो...लेकिन सब टाल गये। मजबूर होकर चाय वाला अपनी दुकान पर लौट आया अब तलाश रहा है....अब जो भी आता है उसकी दुकान पर सहज ही उसके मुँह से निकल पड़ता है बताईये साहब कांग्रेसी चाय पी गये और रुपये नहीं दे रहे....।

लुटेरे 20 लाख का लोहे से भरा ट्रक लूट ले गये, चालक को शिवनी मालवा के जंगल में छोड़ा

आष्टा 23 जून (नि.सं.)। आष्टा भोपाल मार्ग पर दो दिन पूर्व सोंडा के पास अंजाल नदी के पुल के पास से मंडीद्वीप से लोहा भरकर इन्दौर जा रहे ट्रक क्रं.एमपी07 एचबी 1293 के आगे रात में लगभग डेढ़ बजे एक बुलेरो वाहन ने ट्रक के आगे रोककर ट्रक में से ट्रक चालक धर्मेन्द्र नारायण तोमर उम्र 30 वर्ष निवासी भिण्ड को उतारा और अपने वाहन में बैठा लिया तथा लुटेरे जो आये थे वो इस चालक को साथ ले गये तथा लोहे से भरा ट्रक भी लूट कर ले गये। दो दिन बाद धर्मेन्द्र तोमर ने आष्टा थाने पहुँचकर उक्त घटना की शिकायत दर्ज कराई।

टीआई अतीक अहमद खान ने बताया कि दो दिन पूर्व उक्त ट्रक लूट ले गये थे चालक को लुटेरे दिनभर व रातभर अपने वाहन में घुमाते रहे बाद में शिवनी मालवा के जंगल में इसे छोड़ गये। फरियादी शिवनी मालवा थाने पहुँचा वहाँ से यह आज आष्टा आया व पूरी घटना की शिकायत दर्ज कराई। आष्टा पुलिस ने लूट का प्रकरण दर्ज कर घटना स्थल की तस्दीक की। टीआई खान का कहना है कि फरियादी जो कुछ बता रहा है तथा लूट की पूरी घटना बड़ी पेचीदी लग रही है फिर भी प्रकरण दर्ज जांच प्रारंभ की है।

और बाढ़ आ गई तो नुकसान का जिम्मेदार कौन होगा... ? आपत्ति के बाद पार्वती की खोली शटर बंद की

आष्टा 23 जून (नि.प्र.)। हर वर्ष पार्वती में गर्मी के बाद 15 जून को लगे शटर खोलकर रुका पानी बहने के लिये छोउ दिया जाता है क्योंकि बरसात कब जमकर हो जाये और नदी में कब बाढ़ की स्थिति बन जाये इसका कोई अनुमान नहीं रहता है।
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 15 के स्थान पर आष्टा नगर पालिका ने 21 जून शनिवार को पार्वती में रुका बहे इसके लिये शटर खोलना शुरु की रुका पानी वह कर जब संगम तक पहुँचा जहाँ पर इन दिनों फोर लेन सड़क निर्माण के तहत पपनास पर पुल बनाने का कार्य दिन रात चल रहा है तो कार्य प्रभावित एवं आये पानी से नुकसान को देखते हुए फोरलेन के अधिकारियों ने अधिकारियों को फोन खटखटाये इसको असर यह हुआ कि खोली शटर नगर पालिका को पुन: लगाने को कहा। नगर पालिका ने आदेश का पालन कर पुन: शटर लगा दी वहीं पानी बरसना प्रारंभ हो गया है। मौसम भी बरसात का बन गया है अगर बरसात जमकर हो गई और नदी में पानी आ गया कहीं बाढ़ की स्थित बन गई तो शटर लगी होने से नदी का पानी शहर में घुस सकता है और कहीं भयावह स्थिति निर्मित हो गई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ? स्मरण रहे किलेरामा में जहाँ पर पार्वती और पपनास नदी का संगम स्थल है वहाँ पर किलेरामा से निकले फोरलेन सड़क का बड़ा पुल फोरलेन द्वारा पुल का दिन रात निर्माण कार्य युध्द स्तर पर चल रहा है इसी कारण से फोरलेन वालों ने 15 दिन पार्वती की शटर ना खोले और रुका पानी ना बहाये के लिये नगर पालिका को कहा है।
नाव चल रही है कई वर्षों के बाद इन दिनों पार्वती में रुके पानी के कारण एक नाव पार्वती में चल रही है जो भी बच्चे इस चलती हुई नाव को देखते हैं उनका मन ललचाता है कि हम भी नाव में बैठे और शेर करें आनन्द उठाये।

सड़क हादसों में घायल

सीहोर 23 जून (नि.सं.)। जिले के विभिन्न थाना अन्तर्गत हुए चार सड़क हादसों में 20 लोग घायल हो गये। पुलिस ने सभी मामले कायम कर लिये हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिलकीसगंज थाना अन्तर्गत आने वाले ग्राम पाटनी निवासी असफाक खां पुत्र सईद खां 16 वर्ष अपनी वाइक एमपी 37 एमए 1348 से गत दिवस शाम साढ़े सात बजे घर से चक्की पर जा रहा था कि सामने से आ रहे बाइक एमपी 37 एम 4734 के चालक ने बाइक को तेजगति व लापरवाही से चलाकर असफाक की बाइक में टक्कर मारकर घायल कर दिया।
इधर मण्डी थाना अन्तर्गत बजरंग कालोनी लखन पुत्र रमेश चंद केवट की भावी बबलीबाई अन्य चार पांच महिलाओं के साथ जंगल से लकड़ी लेकर आज दोपहर डेढ़ बजे डाइट इछावर रोड से पैदल आ रही थी कि पीछे से आ रहे महेन्द्रा जीप एमपी 37 बीए 0327 के चालक ने जीप से बबली को घायल किया। इधर आष्टा थाना अन्तर्गत संतुष्टि ढाबा के पास गत दिनों स्कार्पियों एमपी 05 एचडी 2977 के चालक ने स्कार्पियों को तेजगति से चलाकर खड़े ट्रक से टकरा दिया जिससे इन्दौर निवासी वीरेन्द्र कुमार कांतीलाल, दिलवर सिंह को चोंट आई।

ग्राम करमनखेड़ी बीस दिनों से अंधेरे में डूबा

जावर 23 जून (नि.प्र.)। नजदीकी ग्राम करमनखेड़ी में विगत बीस दिनों से अंधेरा छाया हुआ है जिस कारण ग्रामीणों को काफी परेशान का सामना करना पड़ रहा है ग्राम के सवाई सिंह ने बताया कि गांव की डीपी जिससे पूरे गांव की बिजली सप्लाई होती है। एक जून से जली पड़ी है डीपी जलने की सूचना विद्युत मण्डल के अधिकारी को दी दी गई उसके बावजूद आज तक डीपी नहीं बदली गई। गांव में बीस दिनों से अंधेरा छाया हुआ है। लोगों को अनाज पिसवाने के अलावा पानी की भी समस्या बिजली नहीं होने के कारण आती है। ग्रामीणों ने मण्डल के अधिकारियों से गांव की जली डीपी शीघ्र बदलने की मांग की है। उधर मण्डल के एई आर.एस.मालवीय का कहना है कि करमनखेड़ी गांव की डीपी पर मण्डल का दो लाख अठारह हजार पांच सौ सत्रह रुपये लेना बताया है गांव वाले उक्त राशि भर देते हैं तो डीपी बदल दी जायेगी।

विशेष स्वच्छता अधिकारी ने निर्मल ग्रामों का दौरान किया

सीहोर 23 जून (नि.सं.)। राज्य स्तरीय क्वालिटी मॉनीटर सनत कुमार श्रीवास्तव ने गत दिवस जिले का भ्रमण कर समग्र स्वच्छता अभियान का जायजा लिया। उन्होने निर्मल ग्राम के लिए प्रस्तावित ग्राम पंचायतों का भ्रमण कर व्यक्तिगत शौचालय निर्माण, स्कूल एवं आंगनबाडी शौचालय निर्माण, ग्रामीण स्वच्छता आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की।
राज्य स्तरीय क्वालिटी मॉनीटर सनत कुमार श्रीवास्तव ने 18 से 20 जून,08 तक जिले के सभी विकासखंडों का दौरा किया। वे निर्मल ग्राम पुरस्कार प्राप्त ग्राम पंचायत राजूखेड़ी और सोयत पहुंचे जहां उन्होने स्वच्छता के क्षेत्र में किए गए कार्यों को देखा। स्वच्छता के संबंध में उन्होने ग्रामीणों से चर्चा की और उन्हें गांव में स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। ग्रामीणों द्वारा किए गए स्वच्छता कार्यों की उन्होने सराहना की। गुणवत्ता मॉनीटर श्री श्रीवास्तव ने प्रस्तावित निर्मल ग्राम पंचायत रोला, लसूड़िया परिहार, नागली, मुगली, सेमरी, सलकनपुर और बैदाखेड़ी पहुंचकर समग्र स्वच्छता कार्यम का जायजा लिया और व्यक्तिगत शौचालय, स्कूल शौचालय और आंगनबाड़ी शौचालय निर्माण का निरीक्षण किया। उन्होने सामुदायिक स्वच्छता परिसर एवं ग्रामीण स्वच्छता केन्द्र का भी निरीक्षण किया। उन्होने ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (तदर्थ समिति) सदस्यो एवं ग्रामीणो से ग्राम पंचायत स्तर पर ऑडिट, आदि विभिन्न मुद्दो पर चर्चा की। सरपंच एवं सचिवो को स्टॉक रजिस्टर का विधिवत संधारण करने की उन्होने ताकीद की। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि ग्राम पंचायतो में खाते की पास बुक में सरपंच सचिव का पद व नाम का उल्लेख होना चाहिए। उन्होने यह भी सुझाव दिया कि निर्मल वाटिका के तहत कार्य योजना बनाकर इसका लाभ ग्रामीणो को उपलब्ध कराया जाना चाहिए।