Saturday, August 9, 2008

श्रीकृष्णा भोजनालय के संचालक बाबू भाई ने हम सबसे की अलविदा

सीहोर 8 अगस्त (नि.सं.)। आंख बंद करके भी यदि कोई शुध्द शाकाहारी भोजनालय का पता पूछते हुए जाये तो बाबु भाई के श्रीकृष्ण भोजनालय ही पहुँचेगा, प्रसिध्दि के इस आलम और स्वाद की दुनिया बेताज बादशाह बाबु सिंह लोधी का आज अचानक असामायिक निधन हो गया। श्री लोधी के चाहने वाले स्तब्ध से रह गये। लम्बे समय से अपने अंत: में कई दर्द समेटे बाबु भाई ने आज दुनिया से विदा भले ले ली हो लेकिन वह लोगों के दिलों में हमेशा बसे रहेंगे। कल प्रात: निज निवास स्थान से उनकी अंतिम यात्रा निकलेगी।

रसोई के जादूगर और स्वाद के बेताज बादशाह बाबु भाई ने सीहोर में श्रीकृष्ण भोजनालय के संचालक के रुप में अपनी पहचान बनाई लेकिन बहुत शीघ्रता के साथ आपने लोगों के दिलो में जगह बना ली। शुध्द और स्वादिष्ट भोजनालय के रुप में श्रीकृष्ण भोजनालय की पहचान पूरे शहर के हर-एक कोने में विद्यमान है तो इसके पीछे बाबू भाई की रुचि और लगन ही महत्वपूर्ण रही। स्व. बाबू भाई न सिर्फ होटल संचालन करते थे बल्कि रसोई बनाने में उन्हे महारथ हासिल था। उनके हाथ से बनी रसोई जो एक बार खा लेता था फिर दूसरे के हाथ की रसोई उसे पसंद ही नहीं आती थी।

यही कारण था कि एक बार सिर्फ एक रोटी और दाल खाने वाली उमाश्री भारती तक बाबु सिंह के स्वाद की ऐसी दिवानी हो गई थी कि उन्होने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान अपने भोजन शाला का जिम्मा इन्ही को सुपुर्द कर दिया था। विधायक श्री सक्सेना जब कभी छोटा-बड़ा आयोजन करते तो उन्हे सिर्फ बाबु सिंह की भोजन व्यवस्था ही पसंद आती। नगर का बहुत बड़ा वर्ग जब कभी स्वादिष्ट भोजन की तलाश करता तो बड़े-बड़े होटल श्रीकृष्ण भोजनालय के आगे उसे फीके नजर आते और वह स्वादिष्ट भोजन के लिये स्वयं ही श्रीकृष्ण भोजनालय के लिये चल पड़ता है। स्व. बाबु भाई के हाथ की काजूकरी की सब्जी हो या फिर जीरे के छोंक की दाल, बस जो खाता था सारी दुनिया भूल जाता था....।

स्व. बाबू भाई के चेहरे पर मुस्कुराहट और बातों में कुछ नया करने का जबा हमेशा प्रकट होता था। पिछले कुछ दिनों से आप आंशिक बीमारियों से पीडित थे लेकिन कल दोपहर बाद अचानक आपके पेट में कुछ दर्द बढ़ा, आपको एक निजी चिकित्सालय में भर्ती किया गया वहाँ से भोपाल भर्ती करना पड़ा जहाँ पेट लगातार फूलता रहा और आपको नहीं बचाया जा सका। पिछले दिनों उमाश्री भारती की नई भाजपा पार्टी भारतीय जनशक्ति पार्टी के जिला अध्यक्ष का पद भी आपने संभाला था लेकिन फिर भी राजनीति से दूर आप एक आम इंसान की तरह जीने में यादा खुशी महसूस करते नजर आये।

स्व. बाबू भाई किसी को बताते भले ना हो लेकिन उनकी एक विशेषता और थी। होटल पर नित 30-40 गरीबों को चुपचाप भोजन कराने की आदत भी इनमें थी। कई गरीब, भिखारी व अन्य लोग स्व. बाबू भाई के होटल पर चुपचाप जाते और उन्हे भोजन दिया जाता था। भिखारियों को बकायदा कायदे से ताजे भोजन का पैकेट बनाकर देने की इनकी खासियत थी और इस मंहगाई के युग में भी उनकी यह आदत पर कोई असर नहीं पड़ा था वह जिसको भी कराते भरपेट भोजन ही कराते। भिखारी व गरीब उन्हे दुआएं देते नहीं थकते थे। स्व. बाबू भाई धार्मिक भी बहुत थे। होटल के सामने खड़ी गौमाता को रोटी खिलाने में कभी चूकते नहीं थे, गौमाता खड़ी है तो रोटी देकर ही उसे विदा करते थे।

कल 9 अगस्त शनिवार को 11 बजे प्रात: आपकी अंतिम यात्रा निज निवास स्थान नेहरु कालोनी से निकलेगी। जो छावनी इन्द्रा नगर श्मशान घांट पहुँचेगी। आज बहुत बड़ी संख्या में स्व. बाबू भाई को लोगों ने दुखी मन से श्रध्दांजली दी।

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अगर चिकित्सक ध्यान दे देते तो शायद युवक बच जाता...

सीहोर (आनन्द )। कल एक दुर्घटना में घायल 20-22 वर्षीय नवयुवक अस्पताल आया। इसकी विभत्स चेहरा रोंगटे खड़े कर रहा था। फिल्मी दृष्यों की तरह इसके चेहरें पर कांच गड़े हुए थे और यह चेहरे खून से लथपथ था। इसके आसपास भीड़ लगी थी। चिकित्सालय में डयूटी पर सिर्फ एक ही चिकित्सक उपलब्ध था। पुलिस इसकी व्यवस्था में लगी थी। चिकित्सक ने आकर देखा और इसको आदत अनुसार भोपाल स्थानान्तरित कर दिया गया।
इसके न सिर में चोंट थी, न कहीं अन्य स्थान टूट-फूट गये थे। खून यादा बह रहा था और कांच गड़े हुए थे। लेकिन प्राथमिक उपचार के नाम पर भी इसका इलाज नहीं किया गया। न चेहरे के कांच निकाले गये, न डाक्टर ने इसे हाथ लगाया बल्कि इसे दर्द निवारक इंजेक्शन तक नहीं लगाया गया। इतना ही नहीं कोई बोतल आदि भी नहीं लगाई गई। मतलब जैसा आया था वैसा का वैसा ही इसे भोपाल भेज दिया गया। अस्पताल तक लाया जाना और यहाँ से ढिल्ली कार्यप्रणाली के चलते आधे घंटे भर बाद भोपाल रवाना होने की प्रक्रिया अवश्य इस घायल नवयुवक के लिये अभिशाप सिध्द हो गई। दर्द से तड़पता युवक बेहोंशी की स्थिति में आ रहा था, आसपास खड़े लोग स्तब्ध थे कि इसका कोई इलाज डाक्टर क्यों नहीं कर रहे। लेकिन चिकित्सक और कम्पाउण्डर ने कुछ विशेष रुचि नहीं ली। शायद कल मन नहीं रहा होगा ।
जो भी हो, नवयुवक का प्राथमिक उपचार नहीं हो सका, खून बहता रहा और वह भोपाल स्थानान्तरित कर दिया गया। आज सूचना आई कि उसकी मृत्यु हो गई है। नवयुवक की मृत्यु भोपाल में गहन चिकित्सा के बाद भी इसलिये होना बताई गई कि उसके शरीर से अत्याधिक मात्रा में खून बह गया था।

पुरानी रंजिश को लेकर प्राण घातक हमला

सीहोर 8 अगस्त (नि.सं.)। सिद्धिकगंज थाना क्षेत्र के ग्राम खाचरोंद नाले के समीप पुरानी रंजिश से लेकर लिये गये प्राण घाटक हमले में एक युवक घायल हो गया। जिसे आष्टा अस्प.से प्राथमिक उपचार के बाद भोपाल रेफर कर दिया गया हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम बापचा निवासी 26 वर्षीय महेन्द्र सिंह आ. मांगीलाल सेधौं गत बुधवार की शाम सवा 6 बजे दुर्गा वाहनी बस में आष्टा से बैठकर ग्राम बापचा जा रहा था।
बताया जाता है कि जैसे ही यह बस खाचरोंद से आगे नाले के समीप पहुंची तभी वहा पहले से खड़े ज्ञानसिंह सेधौं,लखनसिंह,लोकेन्द, अर्जुन राणा, ने गाड़ी रोक कर महेन्द्र को उतार लिया और चारों ने मिलकर उसे लाठी से मारना शुरू कर दिया,तथा मरा समझकर छोड़कर चले गये। घटना पुरानी रंजिश को लेकर घटित होता बताया जाता हैं। घायल महेन्द्र आष्टा में स्टेण्ड पर ऐजेन्टी का कार्य करता है पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपिंयों की तलाश शुरू कर दी है।

उपचार के दौरान मौत
सीहोर 8 अगस्त (नि.सं.)। अज्ञात करणों से जहरीला पदार्थ सेवन करने वाले एक युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई। सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार कोतवाली थाना क्षैत्र के बस स्टैन्ड निवासी लक्ष्मण आ.मोहन सिंह उम्र 22 वर्ष ने गत दिनों जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया था, जिसे उपचार हेतु सुदिती अस्पताल भोपाल में दाखिल कराया गया था जहां पर उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज
आष्टा 8 अगस्त (नि.सं.)। अपने घर में बहू को दहेज के लिए सताने वाले ससुरालियों के खिलाफ आष्टा पुलिस ने दहेज एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया है। जानकारी के अनुसार इछावर थाना क्षैत्र के ग्राम मूडला में रहने वाले मोती सिंह की 25 वर्षीय पुत्री सुशीला का विवाह 10-12 वर्ष के पूर्व ग्राम बापचा निवासी मानसिंह के साथ हुआ था।
शादी के पांच छ: साल तक अच्छे से रखा, फिर इसके बाद सुशीला का पति मानसिंह और अधिक दहेज में एक लाख तक रूपये की मांग कर इसे प्रताड़ित करने लगा, मानसिंह के इस कार्य में सुशीला का जेठ सौभाल सिंह, भादर सिंह, देवर सुरेन्द्र एवं सास शांता बाई, द्वारा भी सहयोग किया जाता था। ससुराल पक्ष की इस प्रताड़ना से तंग आकर सुशीला ने थाना आष्टा पहुचकर अपनी व्यथा पुलिस को सुनाई जिस पर पुलिस ने पति सहित पांच लोगों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर कानूनी कार्यवाही प्रारंभ कर दिया।

संदिग्ध परिस्थितियों में कुंए से युवक का शव बरामद
जावर 8 अगस्त (नि.प्र.)। जावर थाना पुलिस ने ग्राम कल्याणपुरा स्थित एक कुएं से संदिग्ध परिस्थितियों में एक युवक का शव बरामद किया है। पुलिस ने हत्या की आशंका को मद्दे नजर रखते हुए भादवि की धारा 302,201 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।
उल्लेखनीय है कि ग्राम कल्याणपुरा के रहने वाले पर्वत सिंह अनुजाति का 21 वर्षीय पुत्र अरविंद गत दिनों गांव से लापता था, जिसके परिजनों द्वारा थाना जावर में गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। बताया जाता है कि गत गुरूवार को उक्त युवक का शव बाबूलाल खाती के कुएं में पड़ा मिला जिसके हाथ पैर बंधे हुए थे। पुलिस ने शव को पोस्ट मार्टम हेतु भेज मर्ग कायम अपराध कायम कर लिया है।

5 ग्रामों के ट्रांसफार्मरों में तोड़फोड़, 1 लाख से अधिक का नुकसान
आष्टा 8 अगस्त (नि.सं.)। पिछले कुछ दिनों में विद्युत मण्डल आष्टा के विभिन्न ग्रामों में लगे ट्रांसफार्मरों को अज्ञात लोगों ने तोड फ़ोड़ कर उसमें लगा कीमत सामान आईल चुरा ले गये। आज जे.ई. कैलाश ठाकुर ने आष्टा थाने में 3 जुलाई 2008 से 22 जुलाई के बीच तहसील के ग्राम भंवरा, मूंडला, कुमड़ावदा, अहमदपुर और बमूलिया के ग्रामों में लगे ट्रांसफार्मरों में तोड़ फोड़ करने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में मण्डल को लगभग 1 लाख रुपये से अधिक का नुकसान होना बताया गया है।


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रघुनाथ जी के ग्राम में केसरी जी की दस्तक चर्चा का विषय बनी

आष्टा। इन दिनों भाजपा से टिकिट को लेकर जमकर उठा-पटक मची है वर्तमान विधायक एक बार फिर के लिये जी जान से जुटे हैं वहीं उन्हे उनके कार्यकाल में क्या-क्या हुआ की शिकायतें बैठकों में होने और वरिष्ठ नेताओं के कानों तक पहुँचने से वर्तमान काफी परेशान है उन्हे अब एहसास हो रहा है कि अगर वे साढ़े चार साल तक चौकड़ी से घिरे नहीं रहते तो आज यह दिन देखने को नहीं मिलते सबसे अधिक परेशान वे अपने ऊपर बैठों में जो आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं उससे हैं लेकिन अब उन्हे एक नई परेशानी नजर आई है क्योंकि अब आष्टा के पूर्व विधायक एवं वर्तमान में रायसभा के सदस्य नारायण सिंह केसरी लगातार आष्टा क्षेत्र में दस्तक दे रहे हैं। गत दिवस वे इसी कड़ी में कोठरी पहुँच गये और वहाँ पर वे ऐसे लोगों से मिले जो हैं तो भाजपा के लिये वर्तमान विधायक के विरोधी माने जाते हैं। एक सहकारी नेता ने तो कोठरी में केसरी की चरण वंदना कर उनका स्वागत किया। केसरी जो की आष्टा के पूर्व विधायक रह चुके हैं व क्षेत्र से एवं यहाँ के नेताओं से अच्छी तरह परिचित भी हैं इस बार केसरी की पूरी इच्छा है कि अपने पुत्र भूपेन्द्र केसरी को आष्टा से भाग्य अजमाने के लिये मैदान में उतारने के प्रयास कर ऊपर भी वे सतत प्रयास में लगे हैं लेकिन भूपेन्द्र केसरी को उस दिन झटका जरुर लगा था जब आष्टा में आंकलन समिति की बैठक में क्षेत्र के सभी भाजपा नेताओं ने एक स्वर में तपन भौमिक के सामने यह बात रखी थी कि प्रत्याशी पार्टी किसी को भी बनाये स्थानीय ही हो। देखना है रघुनाथ जी के ग्राम में केसरी जी की दस्तक क्या रंग दिखाती है। लेकिन केसरी ने दस्तक देकर रघुनाथ मालवीय की नींद जरुर उड़ा दी है।