Wednesday, January 30, 2008

जिले भर के अधिकारियों की मिली भगत से बड़े स्तर पर भरा रही गैस, खाद्य गैस का उपयोग हो रहा निजी वाहनों में

सीहोर २९ जनवरी (फुरसत)। जिस प्रकार नगर में हर तीसरा चार पहिया वाहन खुले आम घरेलू उपयोग में आने वाली गैस से चल रहा है और चार पहिया वाहनों में यही गैस भरकर कई लोग कमाई करने में लगे हुए हैं। स्कूलों में वाहन किराये पर चल रहे हैं उससे लगता है कि नगर में खाद्य विभाग नाम का कोई अमला अब शेष ही नहीं बचा है। आखिर खाद्य विभाग लोगों के जीवन से सौदा करके इतनी छूट क्यों दे रहा है ?
गत वर्ष बस स्टेण्ड पर अवैध रुप से एक व्यक्ति द्वारा मारुती वेन में जब घरेलू गैस टंकी से गैस भरी जा रही थी तभी अचानक वहाँ आग लग गई थी और एक बड़ा हादसा घट गया था। यह तो सौभाग्य ही रहा कि इसमें कोई व्यक्ति हताहत नहीं हुआ था सिर्फ एक व्यक्ति के हाथ जल गये थे जिसे पुलिस ने गुपचुप रुप से मामले से ही हटा दिया था लेकिन नगर में भी इस प्रकार के हादसे होते रहते हैं यह निश्चित ही है।
इन दिनों घरेलू गैस टंकी की कमी का सबसे बड़ा कारण यह है कि नगर भर के अधिकारियों के निजी चार पहिया वाहनों में गैस टंकियों का उपयोग हो रहा है इसके अलावा अन्य वजनदार और जुगाड़ू लोग भी इसी प्रकार घरेलू ईधन का उपयोग कर रहे हैं। बल्कि स्कूलों से बच्चों को लाने-ले जाने वाले कई वाहन मालिकों ने तो इसलिये ही यह धंधा करना शुरु किया है कि वह गैस की टंकी से सस्ता ईधन प्राप्त कर रहे हैं।
हालांकि सूत्र बताते हैं कि खाद्य अधिकारी ने विभिन्न विद्यालयों से इस संबंध में बातचीत भी की थी लेकिन पता चला कि विद्यालयों ने घरेलू गैस से उनके यहाँ वाहन चलने से स्पष्ट इंकार कर दिया है।
अब आवश्यकता है कि जिला खाद्य अधिकारी मामले को गंभीरता से लेकर एक बारगी अच्छी तरह से जांच अभियान प्रारंभ कर दें और वाहनों की धरपकड़ करें।