Saturday, June 21, 2008

नगर पालिका के कारनामों की जांच जारी सीमेंट सड़कें खोदी तो नीचे डामर निकला (फुरसत की खास खबर)

सीहोर 20 जून (विशेष सं.)। नगर पालिका में हुए कार्यों में कितना भ्रष्टाचार हुआ है इसकी जांच करने भोपाल से आये स्थानीय नगरीय निकाय के अधीक्षण यंत्री जी.के.श्रीवास्तव व उनकी 8 सदस्यीय टीम ने जब पिछले दिनों सीहोर नगर का दौरा किया तो वह अचरज से भर गये। स्वयं श्रीवास्तव ने सडक़ों को देखते ही कह दिया कि यह एक दम घटिया बनी है, कुछ जगह निर्माण कार्य के फर्जी बिल देखकर वह नाराज नजर आये तो कुछ गुणवत्ता का अति निम् देखकर आश्चर्य में डूबे दिखे। नगर पालिका सीहोर के सारे कामों के वहीखाते और आवश्यक कागजात तो श्रीवास्तव अपने साथ जप्त करके ले ही गये हैं बल्कि चार सदस्यों को यहाँ कागजों की जांच पड़ताल करने के लिय भी छोड़ गये।
इस घटना के साथ ही जिन 13 पार्षदों की शिकायत पर जांच शुरु हुई है वह खुश नजर आ रहे हैं लेकिन उन ठेकेदारों की हवाईयाँ उड़ रही हैं जिन्होने लम्बे घोटाले किये हैं। जांच दल ने क्या-क्या किया इस लगातार सिलसिलेवार क्रम फुरसत के पाठकों तक पहुँचेगा ताकि जनता जनार्दन को भी पता चले कि जो निर्माण हुए हैं वो कितने घटिया और निम्न स्तर के हुए हैं। जांच दल की पहले दिन कार्यवाही पर डालिये एक नजर.............।
वो बुरी तरह घबरा गये,
कैमरा चालू रहा
गत रविवार 15 जून को सुबह से ही भोपाल से अधीक्षण यंत्री स्थानीय नगरीय निकाय जी.के.श्रीवास्तव अपनी 8 सदस्यीय जांच दल के साथ सीहोर नगर पालिका में आ गये थे। इनके आने की गूंज इतनी तेज उठी थी कि नगर पालिका के सारे कर्मचारियों-अधिकारियों और इससे जुड़े ठेकेदारों व संबंधित पार्षदों के हाथ-पाँव फूल गये थे। जब श्री श्रीवास्तव ने यहाँ उन सारे 13 पार्षदों को बुलवाया जिन्होने शिकायत की थी तो पार्षद भी अपने ताम-झाम के साथ पहुँचे। पार्षदों के साथ एक कैमरा वाला भी मौजूद था ताकि कल को जांच में आये तथ्य और अन्य बातें सारी गायब कर दी जायें तो कैमरे में रिकार्ड मौजूद रहे। जांच दल अधिकारी श्री श्रीवास्तव ने यहाँ सारे फाईलें पार्षदों के सामने ही बुलवाई उन्हे थोड़ी देर देखा और अपने अधिनस्थों से उसकी जांच करने को कहा। इसके बाद पार्षदों से पूछा गया कि जिन सड़कों व नलकूपों की शिकायत आपने की है उनकी जांच के स्थान आप दिखा दें ताकि वहाँ जांच की जा सके।
वो काम देखने गये,
यह फाईल टटोलते रहे
इसके बाद जांच दल और पार्षदों का दल एक साथ नगर में विभिन्न स्थानों पर पहुँच गया और इधर जांच दल के 4 सदस्यों को नगर पालिका में अन्य महत्वपूर्ण फाईलों को देखने और संग्रहित करके भोपाल ले चलने के लिये छोड़ दिया गया। इस दिन विशेष रुप से परिषद की बैठक का रजिस्टर और खास कर अध्यक्षीय समिति जिनमें अध्यक्ष और उनके खास 5 पार्षद शामिल रहकर तरह-तरह के निर्णय कर लेते हैं और फिर काम शुरु हो जाता है उसका रजिस्टर भी जप्त कर लिया गया।
अध्यक्षी समिति का रजिस्टर भी ले गये
सूत्रों का कहना है कि अध्यक्षीय समिति जितने निर्णय ले सकती है उसकी अपेक्षा बहुत अधिक निर्णय लिये गये हैं जो नियम में नहीं आता है। विषय के अनुसार नये विषय जोड़े जाते हैं लेकिन यादा ही नये विषय जोड़ लिये गये हैं और काम हो गये हैं इसकी भी जांच की जायेगी।
सड़क देखते ही बोले इसमें जांच
करने लायक बचा क्या है?
उधर जांच दल अधिकारी श्री जी.के.श्रीवास्तव, ए.जी.खान के नेतृत्व में जब सबसे पहले वार्ड 11 पार्षद मीना सतीश दरोठिया के यहाँ सुदामा नगर पहुँचा और वहाँ बनी एक गली के सीमेंटीकरण को देखा तो अचरज से देखता रहा।
जरा-सी गली का निर्माण 1 लाख 60 हजार रुपये के लगभग में होना दर्शाया गया था जिसमें सीमेंट के नीचे बैस डला ही नहीं था सीधे मिट्टी के ऊपर सड़क बना दी गई थी। और जब श्रीवास्तव ने एक कोने पर हाथ लगाया तो सीमेंट की बनी सड़क का कुछ अंश हाथ में ही आ गया। मोटाई बहुत कम थी। इस दौरान यहाँ जनता की भारी भीड़ एकत्र हो गई और वह लगातार कहती रही कि साहब यह सडक़ बहुत खराब बनवाई गई है...। जनता आक्रोश स्पष्ट दिख रहा था।
इस सड़क की जांच क्या करें? पार्षद बोला किसी ने सुनी नहीं
नगर पालिका द्वारा हुए घटिया निर्माण कार्यो की पोल खोलते हुए जांच का यह दल जब यहाँ से सीधे वार्ड 21 हाउसिंग बोर्ड पं.दीनदयाल नगर पहुँचा तो वहाँ सड़क पर उतरने के बाद जांच अधिकारी श्री श्रीवास्तव के मुँह से जो पहले शब्द निकले वह यह थे कि इस सड़क की क्या जांच करें ? सब स्पष्ट नजर आ रहा है। यहाँ वार्ड पार्षद मनोज गुजराती भी आये उन्होने भी जांच अधिकारी से यही कहा कि साहब जब सड़क बन रही थी तब मुझे भी लग रहा था कि खराब बन रही है, मैने ठेकेदार व इंजीनियर से भी कहा था सबसे बोला था लेकिन साहब किसी ने नहीं सुनी। पार्षद ने यह भी कहा कि मैने 4-5 बार शिकायत भी की कुछ मौखिक तो कुछ लिखित में लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई जूं तक नहीं रेंगी। पार्षद की बात गंभीरता से सुनते हुए अधिकारी ने उन्हे आश्वास्त किया की शीघ्र ही जांच के बाद सारी बातें सामने आ जायेंगी। यहाँ निरीक्षण में ही सड़क की गिट्टी उखड़ती देखी गई।
यहाँ घटा रोचक घटनाक्रम
जांच अधिकारी श्री श्रीवास्तव इसके बाद जब वार्ड 17 में जा रहे थे तो वार्ड 15 में प्रेम पहलवान के घर के सामने अचानक उन्होने वाहन रोका। यहाँ बड़ा ही रोचक घटनाक्रम घटा। जनता और अधिकारियों के बीच जो बातचीत हुई और फिर जांच अधिकारी ने क्या निर्णय सुनाया इस पर विस्तार पूर्वक खबर कल प्रकाशित की जायेगी।
और यहाँ सड़क ही गायब हो गई
यहाँ से आगे वार्ड 17 में जब जांच दल गया तो सारे के सारे जांच अधिकारी हक्के-बक्के रह गये ? यह क्या हुआ ? वह जिस सड़क को ढूंढने गये थे वो उन्हे मिल नहीं पा रही थी ? जबकि फाईलों में जो जगह दर्शाई गई थी उसी जगह वह खड़े हुए थे ? आखिर सड़क का क्या है राज और सड़क कहा चली गई ? क्या जमीन खा गई या आसमान में समा गई ? वो बनी तो थी लेकिन गायब कैसे हो गई ? वार्ड पार्षद का क्या है कहना इस संबंध में भी कल जानकारी प्रकाशित की जायेगी। वार्ड 17 में हुए आचरणों को देखकर तो जांच अधिकारी लगभग झल्लाने की स्थिति में आ गये थे, वह पहले आश्चर्य मुद्रा में थे लेकिन बाद में नाराजगी की स्थिति में आ गये थे, वह दुखी भी थे कि गजब के काम हुए हैं। इसके बाद वह काहिरी गये जहाँ उन्होने हाली नसीम के खेत में हुए नगर पालिका के बोर और काहिरी का काम देखा और वह वापस आ गये। जांच अधिकारी श्रीवास्तव ने प्रारंभिक तौर पर यह निरीक्षण किया था और इसके बाद उन्होने पाया कि शिकायत में सत्यता है और 50 प्रतिशत भ्रष्ट आचरण सामने आया है। उन्होने दूसरे ही दिन से लगातार 8-10 दिन तक सीहोर में समस्त सडक़ों, नलकूपों व अन्य कामों की जांच के लिये दल प्रभारी ए.जी.खान को बनाते हुए कहा कि वह कल से जांच करें, पक्के सबूत एकत्र करें, हर जगह पंचनामा बनवाये, जनता और शिकायत कर्ताओं के हस्ताक्षर करवायें। इसके बाद दूसरे दिन जब जांच दल ने उन्ही जगहों पर जाकर बारीकी से जांच शुरु की तो पूरी पोल सामने आ गई। जांच में क्या-क्या सामने आया है, कितने नलकूपों की खुदाई कम हुई है और किस सड़क के नीचे निकला डामर यह जानकारी आगामी अंकों में प्रकाशित हो सकेगी।

भाजयुमों का प्रपंच भाजपा के लिये घातक न हो जाये...(टिप्पणी)

आनन्द भैया गाँधी
बुजुर्ग भाजपा कार्यकर्ताओं को सिरे से खारिज करके सरकार बनते ही जिस तरह से भाजपा ने नये आये लोगों को सिर पर बैठाया.....कभी संघ से आमद कराकर अराजनैतिक लोगों को प्रदेश कार्यालय के महत्वपूर्ण पदों का पदाधिकारी बनाया तो कभी कांग्रेस से आये नये लोगों को पदासीन कर दिया... इस तरह की घटनाओं से पहले से ही भाजपा के पारम्परिक लोगों की स्थिति कुछ नाराजगी वाली चल रही है। उस पर भाजपा अब अपने युवा दल को भी व्यवस्थित नहीं कर पा रहा है। जबकि किसी भी राजनैतिक संगठन के लिये युवा कार्यकर्ताओं का महत्व सर्वाधिक होता है लेकिन भाजपा की स्थिति जिले में दयनीय है....सत्तासीन भाजपा सत्ता से दूर रहकर जितनी व्यवस्थित चल पा रही थी बेचारी सत्ता में आने के बाद संगठन की दृष्टि से बहुत पीछे नजर आ रही है।
प्रदेश भर में प्रसार-प्रचार का हंगामा-सा खड़ा करके और सत्ता का लाभ उठाकर कुछ अखबारों में तरह-तरह के समाचार प्रकाशित कराकर पिछले दिनों से भले ही भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष युवाओं को जोड़ने विशाल वाहनों के काफिले के साथ निकल पड़े हों लेकिन मुख्यमंत्री के गृह में उनकी यह यात्रा टांय-टांय फिस्स नजर आई है, तो फिर अन्य जिलों में जो वो परचम लहराने की बात करते हैं उससे कैसे सरोकार रखा जा सकता है। जिला मुख्यालय पर जब भाजयुमो का प्रदेश अध्यक्ष आया तो उसके स्वागत के लिये इन-बीन-तीन लोग नजर नहीं आये। वरना युवाओं का उत्साह क्या किसी से छुप सकता है....।
उत्साह से याद आया जिस दिन भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष की रात बड़ा बाजार में कार्यकर्ता सभा थी उसी दिन सीहोर टाकीज की अंग्रेजी शराब दुकान के आसपास कुछ बाहर से आये युवाओं की टोली काफी देर तक गदर मटरगश्ती करती नजर आई, यह युवक बकायदा मारुती में आये थे, खुले आम नशा कर रहे थे और स्वयं को किसी दादा से कम नहीं मान रहे थे। इनका आचरण, व्यवहार, बातचीत और रुपये खर्च करने का तरीका सबकी निगाह में खटक रहा था....। इसी नगर में एक स्थान पर युवाओं को राष्ट्रवादी विचारधारा से जुड़ने की बात हो रही थी और दूसरी तरफ कुछ युवा अपसंस्कृति फैलाकर असामाजिक कृत्य कर रहे थे यह कौन थे...क्या थे....क्यों इसी दिन सीहोर आये थे...यह प्रश् न सिर्फ जनता के लिये विचारणीय है बल्कि जिला भाजयुमो (यदि कहीं है) को भी इस पर विचार कर लेना चाहिये।
मुख्यमंत्री शिवराज के चक्कर में प्रदेश भाजपा का जो हुआ सो हुआ होगा लेकिन सीहोर का भाजपा संगठन ठिकाने लग गया प्रतीत होता है तभी जिला भाजपा संगठन आज तक अपने पदाधिकारियों की नियुक्तियाँ नहीं कर पाया है, न सीहोर में एल्डरमेन बने हैं न बनेंगे, न शासकिय संस्थाओं में सत्ता संगठन के प्रतिनिधियों के पद भराये हैं....और जहाँ कांग्रेसी काबिज हैं वह आज भी यथावत हैं....यहाँ ऐसा लगता है कि सत्तासीन भाजपा नहीं बल्कि बेचारी भाजपा सीहोर में है। यही हाल भारतीय जनता युवा मोर्चा का नजर आता है, जिलाध्यक्ष जिस युवक को बनाया जिले के पदाधिकारियों से उसका 36 का आकड़ा रहता है, कुछ से उसकी पटती ही नहीं है और कुछ उससे बातचीत करना पसंद नहीं करते.....ऐसे में पदों की नियुक्ति की बात करना तो बहुत दूर की बात है....।
और ऐसी जीर्ण-शीर्ण-दयनीय भाजपा के युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अपनी पत्रकार वार्ता में कह गये कि हम इस जिले में 20 हजार कार्यकर्ता बनायेंगे... उनसे संकल्प पत्र भरवायेंगे...उन्हे शिवराज सिंह चौहान को पुन: मुख्यमंत्री बनवाने का संकल्प दिलायेंगे.... क्या ऐसे ही संकल्प दिला दिया जायेगा.....क्या जैसे कागजों पर भाजपा सरकार की योजनाएं चल रही हैं....वैसे ही अब कागजों में 20 हजार कार्यकर्ता भी बन जायेंगे....क्या सत्ता में आने के बाद भाजपा इतनी दयनीय स्थिति में आ गई है कि वह भी झूठे प्रलाप करने लगी है...जमीन को छोड़ चुकी है....चने खाने वाली पार्टी अब जमीनी कार्यकर्ताओं की पहुँच से दूर हो गई है....ग्लैमर पैदा करके, पत्रकार वार्ता में और मंचों से ढींगे हांककर जमीनी हकीकत से मुंह मोड़कर, भाजयुमो क्या दर्शाना चाहता है....जिस सीहोर भाजयुमों संगठन का ही कहीं अता-पता नहीं चल पा रहा है....जो अपने निर्माण और विस्तार के लिये तरस रहा है....वो बेचारा क्या खाक 20 हजार नये युवाओं को जोड़ेगा....।
लगता है दिल बहलाने को गालिब ये ख्याल अच्छा है की तर्ज पर ही विश्वास सारंग जबरिया विश्वास जता रहे हैं कि हर जिले में 20 हजार से यादा कार्यकर्ता बनाऊंगा....।
सत्तासीन भाजपा को एक बार फिर विचार कर लेना चाहिये कि उसके अनुशांगिक संगठन भाजयुमो का प्रदेश अध्यक्ष यदि मुख्यमंत्री के गृह जिले में जाता है....और उसके स्वागत के लिये कोई नजर नहीं आता है...संकल्प पत्र भराने की बात तो दूर संगठन के पदाधिकारियों की सूची ही अधूरी रह जाती है...तो फिर विश्वास सारंग का फैलाया हुआ यह प्रपंच कहीं भाजपा के लिये घातक साबित न हो जाये...।

बिना निविदा बुलाये कैसे दे दिया ठेका ?, ज्ञापन सौंपा

सीहोर 20 जून (नि.सं.)। विशाल लोक कल्याण शिविर जो बाल विहार मैदान में लगेगा के लिये जिला पंचायत ने कोई निविदा आमंत्रित किये बिना ही सीधे टेंट व विद्युत का ठेका दे दिया है। इस संबंध में जब आज टेंट हाउस एसोसियेशन के सीओ अरुण तोमर से बातचीत की तो उन्होने कहा कि यह हमारी मर्जी का मामला है, हम चाहें जिसे ठेका दे, हमने कलेक्टर द्वारा अनुमोदित दर पर ठेका दिया है। इस पर जब संगठन के अध्यक्ष सुरजीत सिंह सेठी ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिये, निविदा बुलाने से सरकार को लाभ होता तो इस पर श्री तोमर ने कहा कि आप किसी को भी शिकायत कर दीजिये, मंत्री के पास जाईये, हमें निविदा बुलाना जरुरी नहीं है।
इस पर आज टेंट हाउस एसोसियेशन एक ज्ञापन भी सौंपा है जिसमें कहा है कि विभाग द्वारा अपनी पसंद की फर्म से कार्य करा लिया जाता है, जो नियमानुसार सही नहीं है। संगठन ने पूछा है कि आखिर यह कलेक्टर द्वारा अनुमोदित दर क्या होती है ? यह कैसे तय होती है ? और किन कार्यक्रमों में कलेक्टर की दर चलती रहेगी ? यह भी बताया जाये। आज ज्ञापन देने वालों में श्री सेठी के साथ राठी टेंट हाउस से शैलेष राठी शैलू, शर्मा टेंट हाउस से राजेश शर्मा, सरदार टेंट हाउस से राजू सरदार, राजक्ष्मी के सुनील गुप्ता, अनीता इलेक्ट्रीकल्स के सतेन्द्र राठौर, राठी डेकोरेटर्स के निवास राठी, बिंदास डीजे से शर्मा जी, जैन इलेक्ट्रीकल्स बड़ा बाजार के राजेश जैन आदि शामिल थे। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों लगे किसान मेले में मात्र 45 पैसे दर में वाटर प्रुफ टेंट, 15 पैसे प्रति दिन की दर में फायवर कुर्सी आदि लगे थे।

आष्टा में 40 प्रतिशत बिजली चोरी हो रही, इसलिये लग रहे मीटर बाहर

आष्टा 20 जून (सुशील संचेती)। लाख प्रयास के बाद भी आष्टा में बिजली की चोरी आखिर नहीं रुक पा रही है प्रयास कर-करके विद्युत मंडल थक चुका लेकिन वो भी चाहकर बिजली चोरी नहीं रोक पाया। बिजली की थोड़ी बहुत चोरी होती तो नजर अंदाज भी किया जा सकता था लेकिन आष्टा नगर में आज भी 40 प्रतिशत बिजली की चोरी हो रही है। इन बिजली चोरों के कारण आज सभी उपभोक्ताओं को शक की दृष्ठि से विद्युत मंडल देख रहा है।
अब विद्युत मंडल ने आष्टा में हो रही लगातार 40 प्रतिशत बिजली की चोरी को रोकने के लिये एक और कदम उठाया है। वो कदम है आष्टा नगर के सभी विद्युत उपभोक्ताओं के घरों-दुकानों, मे लगे बिजली के मीटरों को घर के बाहर लगाने का तथा विद्युत की सर्विस लाईन के तारों को हटाकर उसके स्थान पर केवल की सर्विस लाईन लगाने का इसके पीछे मंडल का सोच है कि इससे बिजली चोरी रुकेगी। रुकेगी या नहीं यह तो नगर के सभी लगभग 8500 कनेक्शनों के मीटर डोरी बदलने के बाद ही ज्ञात होगा। लेकिन ऐसा करने से ईमानदार विद्युत उपभोक्ता खासा नाराज हैं क्योंकि उसे भी मंडल ने एक तरह से शंका की दृष्टि से देखा है।
मंडल के उक्त अभियान पर कोई आरोप-प्रत्यारोप ना लगाये और उपभोक्ता नाराज ना हो इसके लिये मंडल ने आष्टा नगर में मीटर बाहर लगाने एवं सर्विस लाईन केवल की डालने का अभियान का श्री गणेश मंडल कालोनी में 98 कनेक्शन है जो सब बाहर लगा दिये गये हैं। अब उक्त अभियान मारुपुरा में चल रहा है। म.प्र. विद्युत मण्डल में पदस्थ डी.ई. श्यामलाल नरेड़ा ने फुरसत को बताया कि पूरे नगर में लगभग 8500 कनेक्शन है इसमें 6351 घरेलू 1850 व्यवसायिक 123 ओद्योगिक, 121 कृषि व 17 अन्य कनेक्शन हो आष्टा नगर में प्रत्येक माह लगभग 19 से 21 लाख यूनिट की खपत है इसके बदले मंडल को प्रतिमाह विद्युत बिलों की राशि के रुप में लगभग 60 लाख रुपया मिलना चाहिये लेकिन इसकी अपेक्षा प्रतिमाह मंडल को लगभग 40 से 50 लाख रुपये ही मिल रहे हैं प्रतिमाह मंडल को 10 से 20 लाख की चपत बिजली चोरी करने वाले लगा रहे हैं और इसीलिये उक्त अभियान शुरु किया गया है। मंडलजाम एवं खराब मीटर बदल रहा है, पुरानी डोरियों की सर्विस लाईन हटा कर उसके स्थान पर केवल लगा रहा है ताकि बीच में कहीं भी कट डालकर विद्युत चोरी ना की जा सका।
कई जगह हो रहा है विरोध- मंडल द्वारा चलाये जा रहे उक्त अभियान का कई जगह उपभोक्ता कड़ा विरोध कर रहे हैं जब उन्हे बताया जाता है कि यह सब बिजली चोरी रोकने के लिये किया जा रहा है तब उपभोक्ता का जबाव होता है तो क्या हम बिजली चोरी करते हैं जो कर रहे हैं जहाँ बिजली चोरी हो रही है वहाँ जाने की हिम्मत जुटाओ।
केवल उपभोक्ता से मंगाने पर नाराजी- मंडल बिजली चोरी रोकने के लिये सर्विस लाईन पुरानी बदल कर उसके स्‍थान पर केवल की सर्विस लाईन डाल रहे हैं। मंडल के लाईनमेन उक्त केवल उपभोक्ता से मांग रहे हैं। उपभोक्ता इस खर्च को उठाने को तैयार नहीं है उसका कहना है तकलीफ हमें नहीं आपको है केवल आप लाओ और बदलो कई उपभोक्ता केवल लाकर भी दे रहे हैं इस बात पर नाराजी बनी हुई है।

सड़क हादसे में एक घायल

आष्टा 20 जून (नि.सं.)। आष्टा थाना क्षेत्र के राजमार्ग स्थित सोया चौपाल के समीप टेंकर की टक्कर से इण्डिका सवार एक युवक घायल हो गया।
आष्टा पुलिस ने टेंकर चालक के विरूद्व प्रकरण दर्ज कर लिया है। जानकारी के अनुसार इंडिका क्रमांक एमपी-09 -सीसी- 4551 को लेकर गुरूवार की शाम चालक प्रमोद शुक्ला कन्नौद से आष्टा आ रहा था तभी शाम को सौया चौपाल के समीप टेंकर क्रमांक टक्कर एमपी-04-के-5153 के चालक ने लापरवाही पूर्वक वाहन चलाकर इंडिका में टक्कर मार दी। परिणाम स्वरूप वाहन मे सवार सुरेश परिहार को साधारण चोंटे आई।
महिला ने फांसी लगाई
सीहोर । थाना क्षेत्र में गत दिनों टेक्टर से गिरे अरनियां कलां निवासी 60 वर्षीय मांगीलाल आ. रामलाल दर्जी की सोनकच्छ अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। इधर आष्टा थाना क्षेत्र में अज्ञात कारणों के चलते उपचार हेतु अस्पताल में उपचार हेतु आष्टा लाई गई ग्राम भंवरा निवासी 25 वर्षीय सीमा पत्नी कैलाश परमार की मौत हो गई।
सीहोर। इधर मण्डी थाना क्षेत्र मे चलते एक युवती फांसी लगाकर झूल गई पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम हेतु भेज मर्ग कायम कर लिया है। जानकारी के अनुसार पुलिस लाईन निवासी दमोदर पटेल की 21 वर्षीय पुत्री नीलम उर्फ नीलू ने आज दोपहर के करीब अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
बिजली कंरट लगने से बालक मृत
इछावर 20 जून । थाना क्षेत्र में आज शाम बिजली कंरट लगने से एक बालक की मौत हो गई । जानकारी के अनुसार ग्राम ढाबला माता निवासी सुरेश भील का 13 वर्षीय पुत्र राहुल आज शाम अपनी दादी मॉ व भाई के साथ खेत पर जा रहा था तभी चैनसिंह के खेत स्थित मेढ़ के पास से निकलते समय नीचे पड़े बिजली के तार से उसे कंरट लग गया । जिसकी मौत हो गई ।

खबर लगी तो उड ग़ये....तोते (खबर ही तो है)

सीहोर 20 जून (नि.सं.)। छावनी के एक छुटभैया ठेकेदार इन दिनों नगरीय प्रशासन की टीम द्वारा की जा रही जांच से खासे परेशान हैं, क्योंकि उक्त ठेकेदार भी कुछ ऐसी फाईलों में फंस चुके हैं कि यदि उन फाईलों की जांच हो गई तो वह परेशानी में आ जायेंगे। बताया जाता है कि उक्त छुटभैया ठेकेदार द्वारा पिछले दिनों एक दूसरे व्यक्ति के नाम की ठेकेदारी का लायसेंस लेकर गंज क्षेत्र की एक सड़क बनाई थी, पहली बार कोई बड़ा काम इन्होने किया था...बाकी फाईलों का काम तो चलता ही था। लेकिन यह क्या पहली ही सडक़ बनाई और नगरीय प्रशासन की निरीक्षण टीम ने पार्षद के कहने पर उक्त सड़क का निरीक्षण कर डाला है। अब इन ठेकेदार महाशय को अभी दाम्पत्य सूत्र में बंधने जाने की जितनी खुशी चेहरे पर थी अब उतना ही गम उनके द्वारा बनाई गई घटिया सड़क की जांच का है। बताया जा रहा है कि छावनी के यह छुटभैया ठेकेदार साहब जांच से परेशान होकर पार्षदों के चक्कर काट रहे हैं....लेकिन इन पार्षदों का कहना है कि अब तो हाथ से तोते उड़ गये.....।

सीहोर। यह पानी का कोई गड्डा नहीं बल्कि कस्बा क्षेत्र में नदी का घांट है जहाँ जलकुंभी के कारण स्थानीय युवकों ने बांस-बल्ली गाड़कर जलकुंभी को घांट पर आने

मेहतवाड़ा में खरीफ की बोवनी का कार्य सम्पन्न

मेहतवाड़ा 20 जून (नि.सं.)। विगत दिनों क्षेत्र के कुछ हिस्सों में अच्छी बारिस होने के कारण खरीब की फसल का बोवनी का कार्य 14 जून से प्रारंभ हो गया था। तेज गति से बोवनी का कार्य किसानों ने सम्पन्न कर लिया, जिन क्षेत्रा में बोवनी सम्पन्न हुई।
जिनमें मेहतवाड़ा, सेमलीबारी, कुण्डियाधागा, भाटीखेड़ा, बनखेड़ा शामिल है। क्षेत्र के जिन ्रगामों में अभी तक बोवनी प्रारंभ हुई हुई, उनमें ईस्माईलखेड़ी, निजामडी, झीकड़ी, भानाखेड़ी, बीलपान, खटसुरा, ग्वाला-ग्वाली, सतबड़ा यहाँ के किसान बारिस की प्रथम वर्षा का इंतजार कर रहे हैं। ईस्माईलखेड़ी के वसूली पटेल पर्वत सिंह ठाकुर, झीकड़ी के पटेल चंदर सिंह आदि लोगों ने बताया कि पर्याप्त वर्षा नहीं होने के कारण खरीब फसल बोवनी का कार्य प्रारंभ नहीं कर सके।
विक्रम वृहत्ताकार सहकारी समिति अध्यक्ष आजाद पहलवान ने बताया कि हमने क्षेत्र के किसानों के लिये समिति के माध्यम से 560 क्विंटल सोयाबीन बीज उपलब्ध कराया है। उन्होने बताया कि समिति में बीज उपलब्ध होने से किसानों को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा। श्री पहलवान ने यह भी बताया कि हम शतप्रतिशत किसानों को फिर भी बीज उपलब्ध नहीं करवा सके।
मंडी सदस्य एवं किसान अके सिंह ठाकुर, ज्ञान सिंह मामा, धीरज सिंह, सौभाल सिंह ठेकेदार, राजेश शर्मा, लाखन जायसवाल, मोहन मालवीय, संतोष जैन, संतोष भावसार, मदन मिस्त्री, लोकेन्द्र भावसार, बाबू पड़ियार, पंकज जैन, सुरेश शर्मा, बबलू गामा, कमल ठाकुर, कृपाल सिंह, रुपेश दादा आदि लोगों ने अच्छी वर्षा होने की ईश्वर से कामना की।