Monday, September 8, 2008

पेपर मिल के अंतिम अवशेष को काट रहे चोर, पुलिस ने 20 हजार में दिया चोरों को संरक्षण



सीहोर 7 सितम्बर (नि.सं.)। पेपर मिल के अंतिम अवशेष लोहे की एक विशाल कई टन वजनी टंकी की चोरी कार्य युध्द स्तर पर चल रहा है। गैस कटर से यहाँ टंकी को काट-काटकर चोर ले जा रहे हैं जिसमें पुलिस ने संरक्षण देने का सहयोग दिया है। 20 हजार रुपये लेकर मामले में आंख बंद कर लिये जाने की चर्चाएं सरगर्म हैं। चोरी के सबूत फुरसत ने भी फोटों के माध्यम से संग्रहित किये हैं। शासन-प्रशासन किसी को इसकी परवाह नहीं। खण्डर समाप्ति के बाद जमीन पर कब्जे की कार्यवाही कुछ नेताओं के संरक्षण की जाने की योजना है।
चोर-पुलिस भाई-भाई, यह खबर पेपर मिल के खण्डहरों से आई....। जी हाँ पेपर मिल जो समृध्द कारखाना था और जहाँ हजारों टन लोहा था इसे काट-काटकर कस्बा क्षेत्र के कुछ उठाईगिरों ने अपना घर खर्च चलाया । अपना पेट भरा और घर-परिवार व बच्चों को इसी चोरी के सामान से रहना सिखाया। इन कुछेक चोरों ने विगत 18-20 वर्षों में धीरे-धीरे पेपर मिल का सारा लोहा चुरा लिया और अपना घर खर्च चलाते रहे। इनमें कुछ चोर तो नेता हो गये और कुछ नेताओं के चमचे हो गये। ताकि स्थानीय नेता इन्हे संरक्षण देते रहे और चोर चोरी करने के अपने दुरुह कार्य में लगे रहें।
चोरों की संख्या पेपर मिल के चलते बढ़ती रही लेकिन वाह-रे प्रशासन और स्थानीय जनसेवक, प्रतिनिधि, समाजसेवी किसी को इस पेपर मिल के खण्डहर में तब्दील होने पर दुख-अफसोस नहीं हुआ, वह बर्वाद हुआ करे तो हो, उनकी बला से। आज तक किसी ने यह मांग भी नहीं की कि पेपर मिल को जिला प्रशासन सुरक्षित करवाये।
विगत 20 वर्षों में आये सारे पुलिस अधीक्षक और पुलिस विभाग के कर्मियों ने भी इस तरफ ध्यान देना मुनासिफ नहीं समझा। चोरी हो रही हो या फिर यहां मिल के अंदर जुंआ-सट्टा, चरस-गांजा का कारोबार फैले उन्हे मतलब नहीं। बस जब कभी ऐसे पुलिस वालों की जेब को रुपये की जरुरत पड़ती तो इन चोर लोगों से पुलिसिया अंदाज में ही रुपये की भीख मांग लाते और चुपचाप अपने थाने में आकर बैठ जाते।
ऐसे ही पुलिस का संरक्षण यहाँ चोरों को मिलता रहा। विशाल समृध्द पेपेर मिल के खण्डहर ही अब शेष है। इसका निर्माण इतनी मजबूती के साथ किया गया था कि एक-एक दीवार में लोहे के वजनी मोटे सरिये डाले गये थे। इस सारे लोहे पर चोरों की निगाह लगी हुई थी। और धीरे-धीरे सबकुछ चोरी चला गया।
अब एकमात्र लोहे की बड़ी टंकी मात्र बची थी जिसे चोरों के लिये एक रात मे उठाकर ले जाकर असंभव कार्य है। यह टंकी खोलने के लिये भी भारी मशक्कत करना पड़ेगी।
इसलिये चोरों ने पीछे की तरफ से बैठकर इस विशाल लोहे की टंकी को गैस कटर से काटना शुरु कर दिया है। लगातार चोर इस विशाल लोहे की टंकी को काट रहे हैं और उसके हिस्से ले जा रहे हैं।
गत दिवस एक व्यक्ति ने जब पुलिस को इस चोरी की सूचना दी तो पुलिस के चार जवान यहाँ पहुँचे। उन्होने देखा, सेटिंग की। चर्चा है कि 20 हजार रुपये लिये और चुपचाप यहाँ से आ गये। अब चोर खुल्ले हो गये हैं उन्हे किसी का भय नहीं है क्योंकि पुलिस को रुपये दिये जा चुके हैं। अब आराम से चोरी हो रही है। ऐसी भी चर्चाएं हैं कि इस मामले में किसी भाजपा समर्थित व्यक्ति का भी हाथ है।
कुल मिलाकर पेपर मिल का आखिरी अवशेष भी धीरे-धीरे समाप्ति की और है और सिर्फ इतिहास के पन्नों में यह मिल दर्ज रह जायेगी जिसके साथ यह कहानी भी दर्ज रहेगी कि किस प्रकार चोरों ने इस पेपर मिल को खत्म कर दिया और पुलिस ने संरक्षण दिया।


हमारा ईपता - fursatma@gmail.com यदि आप कुछ कहना चाहे तो यहां अपना पत्र भेजें ।

ढूंढो भैया सब मिलकर ढूंढो - जिसने टंकियाँ गायब कि है पुलिस में उसकी शिकायत होगी

सीहोर 7 सितम्बर (नि.प्र.)। काम के प्रति जुझारु व्यक्तित्व के धनि मुख्य नगर पालिका अधिकारी डी.एस. परिहार की कार्यप्रणाली अब नगर पालिका के हितों का ध्यान रखते हुए सही दिशा में बढ़ती नजर आ रही है। पिछले दिनों कुछ ठेकेदारों को जबरन लाभ पहुँचाने के लिये जानबूझकर काली टंकियाँ नगर के प्रमुख वार्डों, चौराहों, बस्तियों व क्षेत्रों में रखी गई थी। सिंटेक्स यह महंगी टंकियाँ अधिकांश जगह से रातों रात गायब हो गईं और कहां गई पता ही नहीं चला।
अब जबकि डी.एस.परिहार वापस सीहोर आ गये हैं तो उन्होने आज इन सिंटेक्स की टंकियों के संबंध में सूचना जारी कर दी है। उन्होने कहा है कि जो टंकियाँ गर्मी में पेयजल व्यवस्था के लिये रखी गई थीं वे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की थी जिन्हे वापस लौटाया जाना थी। अभी तक 39 टंकियाँ लौटाई जा चुकी है किन्तु कुछ स्थानों की टंकियाँ नहीं मिल रही है। यदि किसी सम्मानीय पार्षद महोदय अथवा नागरिकों ने सुरक्षा की दृष्टि से इन्हे कहीं और रखवा दी है तो कृपया कलेक्ट्रेट टंकी प्रभारी अथवा नगर पालिका कार्यालय को सूचित करें जिससे टंकी लोक स्वा.यांत्रिकी विभाग को लौटाई जा सके। इनके नहीं मिलने पर थाने में एफआईआर दर्ज कराई जायेगी। सहयोग प्रदान कर टंकी लौटाने का कष्ट करें। मुरलीग्राम वार्ड क्रं.7, कृषि उपज मण्डी गेट के पास वार्ड 20, पटेल मार्केट के पास वार्ड 24, एमपीईबी वर्कशाप ग्राउण्ड मण्डी वार्ड 23 की टंकी नहीं मिली है। देखते हैं श्री परिहार के उक्त प्रयास कहाँ तक सफल होते हैं और क्या जनता भी इस कार्य में सहयोग करती है ।

ट्रांसफारमर नष्ट किया 63 हजार का नुकसान

आष्टा 7 सितम्बर (नि.प्र.)। एक बार फिर क्षेत्र में म.प्र. विद्युत मण्डल के लगे ट्रांसफार्मर, तार एवं डी.पी. में से आइल व अन्य कीमती उपकरण चुराने वाला गिरोह सक्रिय हो गया है दो दिन पूर्व जावर क्षेत्र के ग्राम कुरावर के सब स्टेशन से 2 लाख का आइल एवं उपकरण चोर ले गये थे।
अब चोरों ने अरोलिया बाउपुरा की कांकड पर लगी डी.पी. एवं अहमदपुर-बाउपुरी की डी.पी. को निशाना बनाकर उसमें से आइल कीमती सामान, तार चुराकर डी.पी. को नष्ट कर गये है हकीमाबाद के लाइन मेन भगवत सिंह ने आष्टा थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसमें लगभग 63 हजार रुपये का नुकसान अज्ञात चोरों ने किया लिखाया है पुलिसने प्रकरण दर्ज कर लिया है लगातार हो रही उक्त घटनाओं के बाद डी.ई. श्यामलाल नरेडा ने अधिनस्थों के साथ बैठकर सुरक्षा के उपयों पर चर्चा की है। स्मरण रहे इसके पूर्व भी आष्टा क्षेत्र से कई डी.पी. के समान आइल अज्ञात चोर ले जा चुके है लेकिन आज तक पुलिस और ना ही मण्डल इन चोरों तक पहुंच सकी है खबर है कि इस कार्य में कोई बडी ग़ेंग सक्रिय है तथा इस गेग में ऐसे लोग है जो डी.पी. का पूरा कार्य जानता है हो सकता है कही ना कही इस कार्य में मंडल के भी किसी कर्मचारी का सहयोग हो।

डाक्टर बनना आसान है पर अच्छा इन्सान बनना मुश्किल-श्री शिव ज्योति

सीहोर 7 सितम्बर (नि.सं.)। मनुष्य के लिए डाक्टर, इंजीनियर बनना काफी सरल हे, पर अच्छा इंसान बनना मुश्किल कार्य है लेकिन इंसान बनना जरूरी है जिसके लिए हमें जीने की कला सीखनी होगी। यह बात आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम में श्रीश्री रविशंकर जी का सानिध्य प्राप्त स्वामी श्री शिव ज्योति ने कही।
ब्ल्यू बर्ड स्कूल के सभागार में आयोजित एक गरिमामय समारोह में स्वामी श्री शिवज्योति ने कहा कि हर व्यक्ति जीवन जी रहा है लेकिन कला के साथ वह जीवन जी नहीं पा रहा है क्योंकि उसके इर्द-गिर्द इतना तनाव है कि वह जीवन जीने की कला ही नहीं सीख पा रहा है। अच्छा इंसान बनने के लिए जीने की कला सीखना जरूरी है। गुरुवार श्री श्री रविशंकर जी यही कला लोगों को सीखा रहे है। श्री शिव ज्योति जी ने कहा कि आज 98 प्रतिशत बीमारियां तनाव के कारण है। हम अपनी उम्र के चालीस वर्ष पैसे कमाने में व्यतीत कर देते है। इस पैसे के लिए शरीर व मन को भी बेच देते है और शेष जीवन डाक्टरों के पास जाकर अपना इलाज कराते रहते है। इसलिए बीमारियों से बचने के लिए तनाव मुक्त होना जरूरी है जिसके लिए सुदर्शन क्रिया का प्रयोग करने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि आगे बढ़ेगे तो तनाव होगा ही लेकिन ध्यान के माध्यम से इसे दूर करना बहुत आसान कार्य है जब तक हम कुछ सीखते नहीं तब तक हमें हर कार्य कठिन लगता है। तैरना नहीं सीखते है तो पानी के पास जाना कठिन लगता है, और साइकल नहीं सीखते है तो सारे रास्ते टेढ़े नजर आते है। लेकिन जिस दिन हम तैरना सीख जाते है तो उस दिन समुद्र ओर नदी में कोई अंतर नजर नहीं आता है और साइकल सीख जाते है तो सारे रास्ते सीधे नजर आने लगते है। उन्होंने कहा कि जब तक दिशाएं तय नहीं होती तब तक मन अशांत और अस्थिर बना रहता है। इसलिए अपनी दिशाएं भी तय करना जरूरी है। स्वामी जी ने कहा कि हमें जिन्दा रहने के लिए चार पेड़ों की आक्सीजन की जरूरत रहती है। लेकिन हम वृक्षों के साथ खिलवाड़ कर रहे है और प्रकृति का नजारा आप सभी के सामने है इसलिए हर व्यक्ति को वृक्ष लगाना चाहिए और इन वृक्षों की सेवा परिवार के सदस्य की भांति करना चाहितए तभी प्रकृति का संतुलन बरकरार रह सकेगा।
इस अवसर पर जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भी अपने सारगर्भित उद्बोधन में स्वामी जी का स्वागत करते हुए कहा कि मनुष्य को अपना कर्म पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ करना चाहिए और फल की चिन्ता प्रभु पर छोड़ देना चाएि।
इससे पहले स्वामी जी ने मां सरस्वती जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रावलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारींा किया। प्रतिभा संपन्न बाल कलाकार शिरोनी पालीवाल ने मां सरस्वती तथा गुरूवंदना प्रस्तुत की। स्वामी जी का स्वागत जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक राममूर्ति शर्मा, शैलेनद्र सिंह चन्देल, डा. अनिल शर्मा, नरेन्द्र ठाकुर, प्रकाश मोती चन्दानी, पत्रकार प्रदीप चौहान, राजेन्द्र उपाध्याय, श्रीमति बी.के. जायसवाल आदि ने किया।

श्रीमति प्रीति कोचर ने किये 11 उपवास

आष्टा 7 सितम्बर (नि.प्र.)। महावीर भवन स्थानक में विराजित पूज्य म.सा. श्री मधुबाला जी की प्रेरणा एवं उनके आशीर्वाद से तपस्या की झड़ी लगी हुई है। सुश्राविका श्रीमति प्रीति कोचर पत्नि रूपेश कोचर ने 11 उपवास की कठिन तपस्या की 11 उपवास के महाराज श्री ने पचकान कराये तथा श्री संघ ने उनके द्वारा की गई तपस्या की अनुमोदना की।

नये सोयाबीन का श्रीगणेश हुआ

आष्टा 7 सितम्बर (नि.प्र.)। कृषि उपज मण्डी में नये सोयाबीन का श्री गणेश हो गया। नया सोयाबीन आष्टा मण्डी में 2392 रुपये क्विंटल बिका। मण्डी के व्यापारी डा. राजेन्द्र जैन ने फुरसत को बताया कि मण्डी में उक्त नये सोयाबीन की प्रथम ट्राली कन्नौद मिर्जी के कृषक हरिसिंह पाटीदार लेकर आये थे उक्त 15 बोरे सोयाबीन जायसवाल ट्रेडर्स आष्टा ने खरीदा।