Sunday, July 13, 2008

यातायात पुलिस अधिकारी व चार पुलिस कर्मियों के सामने हुई तोड़फोड़, यह क्यों गवाही नहीं देते?

पुलिस अधीक्षक क्यों नहीं करते कार्यवाही, उनके अधिनस्थ क्या यूं ही खुलेआम गुण्डागर्दी करवाते रहेंगे

सीहोर 12 जुलाई (नि.सं.)। दो दिन पूर्व जब नगर पालिका में तोड़फोड़ हो रही थी। तब यातायात पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी अपने चार जवानों के साथ नगर पालिका में एक काम से आये हुए थे। सीहोर की कर्तव्य से विमुख और भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिस का यह ताजा वलंत उदाहरण है जहाँ पुलिस की एक चार की गार्ड मौजूद थी वहाँ कुछ तत्व गेती-फावड़े लट्ठ लेकर आये और उसी कार्यालय में तोड़फोड़ करते रहे पुलिस के ही सामने जहाँ पुलिस खड़ी थी। अब पुलिस अधीक्षक कह रहे हैं कि कोई नाम क्यों नहीं बताता ? मिस्टर राजेन्द्र प्रसाद के कारिंदे ही इतने भयभीत हैं कि वो तोड़फोड़ करने वालों को भगा नहीं सके, पुलिस वायरलेस से किसी को सूचित नहीं कर सके तो फिर कोई अन्य आम आदमी कैसे उन तत्वों का नाम अपने मुख से निकाले।

दो दिन पूर्व नगर पालिका में जब कुछ तत्व तोड़फोड़ करने के लिये हाथों में सामान लेकर आये थे। ठीक उसी समय मुख्य नगर पालिका अधिकारी से मिलने के लिये सीहोर यातायात के एक वरिष्ठ अधिकारी खाकी वर्दी में और 4 जवान सफेद यातायात पुलिस की वर्दी में यहाँ आये थे। यह पूछताछ कर रहे थे कि अधिकारी कहाँ है और जिस महत्वपूर्ण कार्य से आये थे वो यह था कि आगामी दिनों में लाल परेड मैदान भोपाल में सीहोर के जमीन पट्टेधारियों को ले जाना है उसकी व्यवस्था के संबंध में बातचीत करना थी। हालांकि अधिकारी का एक पर्सनल काम भी था लेकिन वह पर्सनल था। इस प्रकार बकायदा पुलिस की वर्दी में यहाँ एक चार की गार्ड अधिकारी के साथ मौजूद थी। 2-3 वायरलेस सेट भी इनके पास मौजूद थे।

यह वहीं यातायात अधिकारी हैं जो सिर्फ ठेले वालों से हफ्ता वसूली करना जानते हैं ? यह वहीं है जिनके कारण अस्पताल चौराहे से लेकर नमक चौराहा और यहाँ से लेकर गाँधी रोड पान चौराहे तक अतिक्रमण पटा पड़ा है ? यह वहीं है जिनके कारण सब्जी मण्डी के आसपास की यातायात व्यवस्था वर्षों से नहीं सुधर रही। सीहोर के यातायात कर्मचारी इतने कर्तव्यविमुख और खाईबाज हो गये हैं कि उनके सामने ही अपराधी अपराध करता रहता है और यह कुछ बोलने को तैयार नहीं होते। कहीं झगड़ा हो रहा हो, कहीं गदर मच गया हो, चाकू-छुरी चल रही हो...गप्पे खिलाने वाले गप्पे खिलाकर ग्रामीणों को लूट रहे हो...कुछ भी अपराध घटे यातायात पुलिस कर्मी कभी किसी को टोकते नहीं देखे गये। बीच सड़क पर भी यदि कोई ठेले वाला खड़ा हो जाता है तो यह यातायात कर्मी उससे कुछ कहते नजर नहीं आते हालांकि दिनभर यह इनके वाहनों का एक्सीलेटर इतना घुमाते हैं कि पूरे नगर के कई चक्कर दिनभर में काट लेते हैं लेकिन मजाल है कि कभी व्यवस्थाओं की तरफ ध्यान दें। क्या यह इनका कर्तव्य नहीं है ?

पुलिस की वर्दी पहनकर अपराधियों से डरने वाले इस पुलिस वालों को अपनी वर्दी उतार देनी चाहिये जब इनके सामने ही कुछ तत्व गुण्डागर्दी कर रहे हैं, शासकिय सम्पत्ति को हानि पहुँचा रहे हैं? और फिर भी यह चुपचाप तमाशा देखते रहे। इनके हाथ में वायरलेस सेट किस लिये थमाया गया है ? आखिर क्यों वायरलेस सेट इन्हे दिया गया है ? क्या उस पर यह सूचना नहीं कर सकते थे ? क्या यह पुलिस फोर्स चीता पुलिस को बुला नहीं सकते थे ? पुलिस अधीक्षक को इन पाँचों ही पर कार्यवाही करने से बचना नहीं चाहिये, यदि वह बचते हैं तो फिर पुलिस अधीक्षक की कार्यप्रणाली संदिग्ध हो जायेगी ?

जब पुलिस ही सामने रहकर शासकिय सम्पत्ति तुड़वायेगी तो फिर आम आदमी क्या करेगा? जब पुलिस ही आपराधिक तत्वों के साथ मिल जायेगी उन्हे संरक्षण देगी, उनका बचाव करेगी ? तो फिर आम आदमी से कैसे अपेक्षा की जा सकती है कि वह अपराधियों के खिलाफ मोर्चा खोल ले। अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस सीहोर में किस हद तक अपराधियों को संरक्षण दे रही है ? पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद जी को इस अव्यवस्था को सुधारने के कारगर उपाय करना चाहिये।

वो अध्यक्ष का चहेता ठेकेदार गंदी-गदीं गालियाँ सुनता रहा लेकिन पुलिस को फोन नहीं कर सका

सीहोर। अध्यक्ष राकेश राय के कथित समर्थक उनके कितने खास हैं यह बात उस वक्त सिध्द हो गई जब नगर पालिका में टूट-फूट के साथ अध्यक्ष व उनके परिवार को अपशब्द बोले जा रहे थे तब यहीं अध्यक्ष के सबसे प्रिय ठेकेदार खड़े थे। वह तोड़फोड़ देखते रहे लेकिन उन्होने पूरे एक घंटे तक चली तोड़फोड़ के दौरान किसी को भी सूचना नहीं दी। क्या ठेकेदार चाहता तो पुलिस को सूचित नहीं कर सकता था ? क्या यह चाहता तो अध्यक्ष राकेश को खबर नहीं दे सकता था? लेकिन एक घंटे से अधिक समय तक तोड़ फोड़ होती रही यह ठेकेदार समर्थक खड़ा रहा और मुस्कुराता रहा क्योंकि उसे मालूम है कि फिर ठेका तो उसे ही मिलना है।

दूसरे एक अन्य कर्मचारी जिसे अध्यक्ष राकेश राय अपना बता-बताकर इतना सिर पर बैठा चुके हैं कि वो भ्रष्टाचार का सिरमौर बन गया है। राकेश राय के राजनीतिक जीवन पर लगातार कुठाराघात करने वाले इस अधिकारी जिसे राकेश राय अपना बताते हैं, ने भी पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस को सूचना नहीं दी आखिर क्यों ? क्या यह लोग बाहर जाकर सूचना नहीं दे सकते थे।

घटना के वक्त पर एक अधिकारी जिसे अध्यक्ष परिवार अपना पारीवारिक सदस्य बताते नहीं अघाता, साथ ही सारे भ्रष्टाचारी काम करने, और पार्षदों द्वारा जिसे 'असली अध्यक्ष' की उपमा दी गई है उसने भी तो यहाँ टूट-फूट के दौरान कुछ नहीं किया वो भी पुलिस को फोन करने से बचता रहा। यह चर्चाएं नगर पालिका कर्मचारियों के बीच तेजी से व्याप्त हैं।


जब वो सबकुछ करके चले गये तो ये चिल्लाने लगा कौन है बाहर निकलो

सीहोर । जब नगर पालिका में तोड़फोड़ करने वाले सबकुछ करके चले गये, अध्यक्ष के कमरे को बर्वाद कर गये तब जब यह जानकारी सबको मिल गई कि अब वो तत्व वापस नहीं आयेंगे तब अध्यक्ष समर्थक यहाँ एकत्र होने लगे। एक ऐसे ही एक समर्थक ने यहाँ नगर पालिका में घटना के करीब 3 घंटे बाद आकर चिल्लाना शुरु किया 'कौन-है बाहर निकलो....कौन था अब क्यों नहीं आ रहा बाहर....' इसके इस तरह चिल्लाने पर सब यही कर रहे थे कि देखा आपने शेर तो चले गये अब कैसे चिल्ला रहा है। इतनी ही हिम्मत है तो यहाँ नगर पालिका के अंदर क्यों नगर पालिका कर्मचारियों पर प्रभाव जमा रहा है कुछ करके दिखाता क्यों नहीं.....?

अधिकारी को फोन करके बताया कि हम तोड़ने आ रहे हैं आप हट जाना...

सीहोर 12 जुलाई (नि.सं.)। नगर पालिका में तोड़फोड़ करने वाले लोगों ने यहाँ दो वरिष्ठ अधिकारियों को सुबह से ही बता दिया था कि हम वहाँ आकर तोड़ फोड़ करेंगे। जब तोडफ़ोड़ करने वालों की पूरी तैयारी हो गई। हाथों में लट्ठ, गेती-फावड़े आदि ले लिये तब इन्होने फिर एक अधिकारी को फोन किया की भैया हम तोड़ने आ रहे हैं, तुम्हे पहले ही बता देते हैं। इस मोबाइल आने पर यह अधिकारी नगर पालिका से गायब हो गया। दिनभर घर में रहा । एक अन्य अधिकारी ने मोबाइल बंद कर दिया। और आराम से नगर पालिका अध्यक्ष का कमरा टूट गया। असल में तोड़-फोड़ तो अध्यक्ष के कमरे में ही की जाना थी इसलिये वहाँ खूब हंगामा हुआ, इतनी गालियाँ बकी की राकेश राय ने पूरे जीवन में इतने अपशब्द नहीं सुने होंगे, इतनी गंदी-गंदी गालियाँ बकी की कर्मचारियों को बाकई यह बहुत बुरा लगा और एक ने गालियाँ बकने पर टोका भी तो अन्यों ने अपशब्द न सुनने पडे ऌसलिये यहाँ से दूर हो जाना उचित समझा लेकिन यहीं खड़े एक ठेकेदार की हंसी हर गाली पर दोगुनी होती जा रही थी, वो अध्यक्ष जी का सबसे चहेता है, सबसे यादा ठेके लेता है इसलिये कर्मचारी उसकी हंसी देखकर हतप्रभ थे कि आखिर इसे आक्रोश क्यों नहीं आ रहा ? यह तो खुद को बड़ा समर्थक बताता फिरता है। प्रश् उठता है कि जब कुछेक अधिकारियों को पहले ही पता था कि तोड़फोड़ होने वाली है तो उन्होने इसकी सूचना किसी को क्यों नहीं दी।

गौरतलब बात यह भी है कि जितनी दुर्गति अध्यक्ष के कमरे की गई है उतने ही आराम से मुख्य नगर पालिका अधिकारी व एक यंत्री श्री जैन के कक्ष में सिर्फ टेबिल दिखावे मात्र के लिये टेड़ी-आड़ी की गई और कुर्सी उठाकर एक तरफ भर दी गई।

पहले सबको समोसा खिलाया, चाय पिलाई फिर पालिका में तोड़फोड़ की

सीहोर । नगर पालिका में तीन दिन पूर्व जब तोड़फोड़ करने के लिये उपद्रवी तत्व आने वाले थे, उससे पहले ही इसकी भूमिका तय कर ली गई थी। यहाँ बकायदा कर्मचारियों के कमरो में कुछ विशेष लोगों द्वारा समोसा नाश्ता भिजवाया गया, इसके बाद सबको चाय पिलाई गई फिर बकायदा तोड़फोड़ करने वाले अपनी अदा से आये और अध्यक्ष के कमरे को तहस-नहस करने के बाद मुख्य नगर पालिका अधिकारी और एक अन्य यंत्री के कमरे में कुछ सामान बिखेरा और आराम से चले गये। इनसे कोई कुछ नहीं बोला।

नपा कर्मियों की हड़ताल का राज?

सीहोर । नगर पालिका कर्मचारियों द्वारा सोमवार से हड़ताल करने की बात कही गई है। यह हड़ताल क्यों की जा रही है, किसी से मारपीट तो हुई नहीं, फिर किस बात का आक्रोश? क्या इसके पीछे कोई गणित है ? किसी का आदेश है ? इस संबंध में आगामी अंकों में फुरसत में कुछ तथ्य प्रकाशित हो सकते हैं।



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अघोषित विद्युत कटौती के कारण विद्यार्थी, पालक व किसान लुट रहे

सीहोर 12 जुलाई (नि.सं.)। विगत दिनों से सम्पूर्ण नगर में दिन के समय अघोषित विद्युत कटौती के कारण वर्तमान में स्कूल के छात्र-छात्राएं पालक व किसान अकारण लूट का शिकार हो रहे हैं। क्योंकि सुबह 10 बजे से 12 बजे व इधर 4 बजे तक हर कभी अघोषित विद्युत कटौती हो जाती है। जिसके कारण कलेक्ट्रेट व तहसील कार्यालय में आने वाले किसान व छात्र-छात्राएं व पालक जिन्हे मूल निवासी सहित स्कूल कालेजों में लगने वाले अलग-अलग प्रमाण-पत्रों तहसील कलेक्ट्रेट में जरुरी कार्यों के लिये अनेक कागजातों की दर्जनों फोटो काफी बनवाना आवश्यक रहता है।

उन्हे प्रति फोटो कापी 60 पैसे के स्थान पर अघोषित विद्युत कटौती के कारण 2 प्रति प्रति कापी देने को मजबूर होना पड़ रहा है क्योंकि फोटो कापी वाले जनरेटर से फोटो कापी करने के नाम पर तीन गुना वसूली करने पर उतारु हैं। मजबूर पालक छात्र-छात्राएं किसान कार्यालय में समय पर अपना कार्य कराने के लिये लुटने को मजबूर हो रहे हैं। सभी ने नवनियुक्त जिलाधीश से मांग की है कि अकारण लुटने से बचाने के लिये अघोषित विद्युत कटौती बंद कराने की पहल करें।

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अमरनाथ यात्रा को लेकर महिला जत्था रवाना

सीहोर 12 जुलाई (नि.सं.)। हिन्दी संस्कृति के अराध्य देव भगवान अमरनाथ के दर्शन को लेकर जहॉ पुरूषों के साथ-साथ महिलाओं में भी उत्सुक्ता बरकार है इसी धार्मिक उत्सुक्ता को लेकर भगवान अमरनाथ के दर्शन के लिये सीहोर से पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सश्री रूकमणी रोहिला के नेतृत्व में कई महिला दर्शनाथियों का दल आज मालवा एक्सप्रेस से अमरनाथ तीर्य धाम के लिये रवाना हुआ जहॉ वरिष्ठ समाजसेवी राजाराम कसौटिया बडे भाई एवं कांग्रेस नेता मुदूल राज तोमर के नेतृत्व में रेल्वें स्टेशन पहुंचकर यात्रा में जाने वाले जत्थे का पुष्प-मालाओं से स्वागत् कर सुखद यात्रा की मंगल कामना की। अमरनाथ जाने वाले जत्थे में सुश्री रूकमणी रोहिला,उमा रोहिला, रितू रोहिला, मिथलेश,श्रोती,संतोष राजपूत,निलम शर्मा, आदि अन्य महिला सम्मिलित है। इस अवसर पर स्वागत करने वालों में राजाराम कसौटिया बड़े भाई मूदुल राज तौमर, राजकुमार कसौटिया, योगेश वेदी, अनिल रोिहिला, संदीप रोहिला, अमित रोहिला, सुरेश गुप्ता, लखन मालवीय, इकबाल सिंह,आसू रोहिला, पप्पू रोहिला, आशीष रोहिला आदि सम्मिलित है।

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अलीपुर में पागल कुत्ते ने कईयों को काटा

आष्टा 12 जुलाई (नि.सं.)। आष्टा नगर पालिका के वार्ड क्रं. 2 में आने वाली पटवारी कालोनी में एक कुत्ता पागल हो गया है मोहल्ले वालों ने एक लिखित ज्ञापन सीएमओ नगर पालिका आष्टा को सौंप कर बताया की उक्त पागल कुत्ते ने इस कालोनी में कई लोगों को काटकर घायल कर दिया है इसमें कई बच्चे भी है।
पटवारी कालोनी के रहने वाले राजेन्द्र जैन, महेश कुमार, मोहम्मद शाहिद, मेहबूब चालक, जितेन्द्र ठाकुर, लखन, सलीम आदि ने सीएमओ आष्टा को लिखित में इस पागल कुत्ते की शिकायत कर समस्या का अवगत कराया है।

फरार आरोपियों की होगी सम्पत्ति कुर्क
आष्टा 12 जुलाई (नि.प्र.)। जावर पुलिस ने 25 अप्रैल को मेहतवाड़ा के पास बीलपान मार्ग के किनारे एक खेत में बने मकान मे से 565 पेटी अंग्रेजी शराब कीमत 10 लाख 20 हजार एवं 15 नग सागौन कीमति 7 हजार रुपये की जप्त कर क्षेत्र में हलचल मचा दी थी। हलचल इसलिये मची थी कि इस प्रकरण के आरोपी पिता-पुत्र मेहतवाड़ा के जाने-पहचाने नेता है।
उक्त मामले को दर्ज हुए लगभग ढाई माह बीत जाने के बाद भी तीन में से एक आरोपी हरिनाल नौकर गिरफ्तार हो गया। लेकिन मुख्य आरोपी भीष्म सिंह एवं भीम किसंह जो की पिता-पुत्र हैं अभी तक फरार हैं। वैसे खबर यह भी है कि उन्हे क्षेत्र में ही देखा जाता रहा है लेकिन पुलिस की निगाह उन पर नहीं पड़ती है।
इस संबंध में आज एसडीओपी मनु व्यास ने फुरसत को बताया कि पुलिस ने इनको पकड़ने के लिये कई जगह दल भेजे लेकिन पुलिस इनकी गिरफ्तारी करने में सफल नहीं हो पाई। श्री व्यास ने बताया कि अब आरोपियों की सम्पत्ति की जानकारी एकत्रित कर सम्पत्ति कुर्क करने को जावर के अतिरिक्त तहसीलदार को पुलिस ने पत्र लिखा है। दोनो फरार आरोपियों की सम्पत्ति कुर्क की जायेगी। स्मरण रहे आष्टा के इतिहास में पुलिस ने पहली बार इतनी बढ़ी मात्रा में लाखों की अंग्रेजी शराब जप्त की थी।

रुपये के लेन देन को लेकर मारपीट
आष्टा 12 जुलाई (नि.सं.)। आज बुधवारा निवासी धर्मेन्द्र सोनी के साथ रुपये के लेन-देन को लेकर गोविन्द सोनी ने मारपीट कर दी। पुलिस ने बताया कि धर्मेन्द्र सोनी ने एक सोने की चैन गिरवी रखी थी। जिसे गोविन्द उठा ले गया। जब धर्मेन्द्र, गोविन्द के पास उक्त चैन लेने पहुँचा तो गोविन्द ने कहा कि तेरे पिता मुझसे 11 सौ रुपये ले गये हैं 11 सौ रुपये ला दे और चैन ले जा। धर्मेन्द्र ने 11 सौ रुपये दे दिये और चैन ले गया।
जब यह बात धर्मेन्द्र ने अपने पिता गोपाल सोनी को बताई तब गोपाल सोनी ने कहा कि गोविन्द को 11 सौ नहीं 700 रुपये देना है उससे 400 रुपये वापस लेकर आओ। धर्मेन्द्र जब वापस 400 रुपये लेने पहुँचा तब गोविन्द ने रुपये तो नहीं दिये लेकिन धर्मेन्द्र के साथ मारपीट कर दी। धर्मेन्द्र ने आष्टा थाने पहुँचकर गोविन्द के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।

जस्सुपुरा में खेत में बागड़ लगाने पर विवाद 10 घायल
आष्टा 12 जुलाई (नि.प्र.)। सिध्दिकगंज थाने के अन्तर्गत आने वाले ग्राम जस्सुपुरा में आज सुबह खेत को सुरक्षित करने के उद्देश्य से लगाई जा रही बागड क़ो लेकर झगड़ा हो गया। इस झगड़े में हुई मारपीट से दोनो और से 10 लोग घायल हुए जिनका सिध्दिकगंज अस्पताल में मेडिकल कराया इलाज कराया गया।
सिध्दिकगंज पुलिस ने दोनो और से आई रिपोर्ट पर विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत प्ररकण दर्ज कर लिया है। सिध्दिकगंज पुलिस ने फुरसत को बताया कि एक शिाकयत जाकिर खां पुत्र शाकीर खां उम्र 30 वर्ष निवासी जस्सुपुरा ने लिखाइ्र हे इस प्रकरण में फरियादी ने सिराजउद्दीन, इनाम उल्ला, अमान उल्ला, इनाम उद्दीन, फखरुद्दीन के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई है। वहीं दूसरी रिपोर्ट सिराजउद्दीन पुत्र वहीद खां निवासी जस्सुपुरा ने लिखाई है इसमें आरोपी शाकीर खां, जाकिर खां, रेहमान खां, जेबुन-बी एवं मसीद खां हैं।
दोनो की शिकायत पर जो आरोपी हैं वे सभी मामूली घायल हैं जिनका मेडिकल कराया गया है। पुलिस ने दोनो और से आई शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।


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मंत्री विजय शाह को श्री परशुराम जी के फर्सो से वध कर पुतला जलाया जावेगा

सीहोर 12 जुलाई (नि.सं.)। मध्यप्रदेश के आदिम जाति कल्याण मंत्री कुॅवर शाह ने गत दिनो भोपाल मे एक कार्यक्रम मे ब्राहमण समाज के प्रति की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध सीहोर जिले के समस्त ब्राहामण बन्धुओं से अपील है कि सर्व ब्राहामण समाज धर्मशाला खजान्ची लाईन पर दिन सोमवार दिनांक 14.07.2008 को दोपहर बजे 12 बजे उपस्थित होकर सीहोर सर्व ब्राहामण समाज द्वारा उक्त मंत्री का पुतला बनाकर भगवान परशुराम जी के फर्सो से वध कर पुतले का दहन सोमवार को दोपहर 2 बजे स्थानीय सीहोर टाकीज चौराहे पर किया जावेगा एवं पुतला वध एवं दहन कार्यक्रम मे शामिल होकर अपनी एकता का परिचय देते एवं समाज की गरिमा को बनाये रखे उक्त आशाय की जानकारी सर्व ब्राहामण समाज के अध्यक्ष मदनमोहन शर्मा मद्दीगुरू ने दी है। श्री शर्मा ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से ऐसे बड़बोले मत्री के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुऐ उन्हें मंत्री मंडल से निकालने की मॉग की है एवं भविष्य किसी भी समाज के प्रति इस प्रकार की अपमान जनक टिप्पणी का प्रयोग न किया जावें।

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