सम्वत् 2064 की निरयन मकर संक्रांति तथा उसका फल
सीहोर 14 जनवरी (फुरसत)। श्रीशुभ विक्रम संवत् 2064 शालिवाहन शके 1929 विरोधी नाम संवत्सरे, उत्तरयण, शिशिर ऋतौ शुभ पौष मासे शुभे शुक्ल पक्षे षष्ठम्याम तिथौ 15 का 044 मि. परं सप्तम्याम् संक्रांति तिथौ सोम वासरे, उत्तरा भाद्रपद नक्षत्रे 24 का. 29 मि. परिध नाम योगे19 का 004 मि. परं शिव नाम संक्रांति योगे, गरनाम संक्रान्ति करणे। सूर्यदेव निरयन मकर राशि पर दि. 24 का. 10 मि. पर प्रवेश करेंगे।
संक्रान्ति पर्व काल- दि. 15 जनवरी 2008 मंगलवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक रहेगा।
संक्रांति वाहन :- इस वर्ष संक्रांति वाहन हाथी है। उपवाहन गधा है, रंगीन वस्त्र धारण किये हुए है। हाथ में धनुष धारण किए हुए है। मस्तक पर गोरोचन का तिलक लगाये हुए है गोमेद रत्न का आभूषण पहिने हुए है। संक्रान्ति वार नाम ध्वांसी तथा नक्षत्र नाम नन्दा है। दक्षिण दिशा से आ रही है तथा उत्तर दिशा की और जा रही है। संक्रांति का मुख पश्चिम दिशा की तरफ है तथा ईशान दिशा की तरफ देख रही है। दूध का भक्षण किये हुए है।
संक्रांति जिन-जिन वस्तुओं को धारण किये हुए है तथा जिन वस्तुओं से संक्रांति का संबंध है उन वस्तुओं की हानि तथा पैदावार में कमी होगी उन वस्तुओं में तेजी करती है। जंगली जानवरों हाथी तथा गधा वर्ग के पशुओं को त्रास्त तथा कपड़ों में तेजी रहेगी, उन वस्तुओं के पैदा करने वाले कर्मचारियों को कष्ट उठाना पडेग़ा। युद्ध कराती है तथा सेना को कष्ट देती है। वर्ष की ग्रह स्थिति के अनुसार भारतीय शासन सत्ता के समक्ष आधारित घटनाओं के साथ कई समस्याएं खड़ी होंगी।
प्राकृतिक प्रकोप से जन धन हानि सुदूर उत्तरीय ईशान क्षैत्र एवं पश्चिमी समुद्रतट विपदाग्रस्त होंगे तथा वन क्षैत्रों में पशुओं की हानि सम्भव है । केन्द्रीय सरकार से सहयोगी राजनीतिज्ञ संगठनों का शक्ति परीक्षण असफल एवं पुन: देश में राजनैतिक संतुलन को बिगाड़ सकते है। असम, गुजरात में सत्ता परिवर्तन हो सकता है। कहीं प्राकृतिक प्रकोप से जनधन हानि अग्निकाण्ड भयंकर बाढ़ से हानि होगी। कश्मीर में भयंकर युद्ध वीर जवानों को शहीद होना पडेग़ा। अमेरिका के हस्तक्षेप से विवाद विश्व युद्ध की स्थिति बनेगी। मुस्लिम राष्ट्र में प्राकृतिक विनाश लीला का दृश्य उपस्थित होगा। भारत के कुछ क्षैत्रों में अकाल की स्थिति पैदा होगी।
इस वर्ष संयुक्त सरकार की गतिविधि पर विशेष आक्षेप होंगे। वर्तमान केन्द्रीय संयुक्त सरकार कुछ पार्टियां अपनी अस्मिता को बनाए रखने के लिए स्वतंत्र सिद्धांतों के कारण विमुख होने लगेंगी। पूर्वार्ध से ही गुजरात सरकार संकट को पार करने में असमर्थ अनुभव करेगी। वर्ष के अंत तक का समय सत्तारूढ़ पार्टी के लिए तथा प्रधान नेताओं के लिए सत्ता से विलय होगा। भारतीय ज्योतिष की भविष्यवाणी की सत्यता पर देश-विदेशों में प्रमाणिता को स्वीकार करेंगे। राजनैतिक क्षितिज पर विस्तार भाजपा को लाभ मिलेगा कांग्रेस नेतृत्व को पार्टी को पुन: चेतना मिलेगी। उत्तरी भारत में कहीं भंयकर दुध तथा दुध से बनी वस्तुओं की कमी का अनुभव होगा। भारत के उत्तरी क्षैत्र के राष्ट्रों से हानि ज्यादा होगी सावधान रहना होगा समुद्री तुफान ज्वारभाटा ज्यादा आयेंगे। समुद्र से ज्यादा हानि होगी। भंयकर अग्निकांड भूकंपन धुमकेतूओं का उदय ज्यादा होगा।