सीहोर 2 फरवरी (फुरसत)। जिले भर में विभिन्न कारणों से 6 लोगों की अकाल मौत हो गई है।
ग्राम चकल्दी थाना रेहटी अन्तर्गत निवासी स्वरुप सिंह की 48 वर्षीय पत्नि सुमन बाई गत दिवस जल गई थी जिसकी जलने के कारण उपचार के दौरान मौत हो गई है।
इसी प्रकार रमगढ़ा निवासी मौजीराम अजा. के 35 वर्षीय पुत्र अमर सिंह की दुर्घटना में आई चोंटों के कारण इलाज के दौरान मौत हो गई।
इंग्लिशपुरा सीहोर निवासी 26 वर्षीय देवेन्द्र पुत्र पी.एन.पाठक की अज्ञात कारणों से कीट नाशक की दवा पी लेने से उपचार के दौरान अपेक्स अस्पताल भोपाल में मौत हो गई।
इधर इछावर थाना अन्तर्गत आने वाले ग्राम दीबड़िया निवासी 50 वर्षीय सजन सिंह पुत्र हीरालाल को हृदयघात आने पर उन्हे अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहाँ उनकी मौत हो गई। आष्टा थाना क्षेत्र में रफीकगंज निवासी भागीरथ की 25 वर्षीय पत्नि चन्द्राबाई को अज्ञात कारणों से उपचार हेतु गत दिवस अस्पताल सीहोर लाया गया था जहाँ पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने सभी मामले पंजीबध्द कर जांच की है।
Monday, February 4, 2008
कीर समाज करेगा भीख मांगों आंदोलन
सीहोर 2 फरवरी (फुरसत)। कीर समाज युवा कल्याण समिति के तत्वाधान में आरक्षण जागरुकता रैली के रुप में क्षेत्र में भ्रमण के बाद एक दिवसीय उपवास का आयोजन रखा गया जो की कीर जाति का आरक्षण समाप्त करने के विरोध में था। म.प्र. एवं केन्द्रीय सरकार ने बार-बार आश्वासन दिया किंतु कोई हल नहीं निकाला गया इसलिये समाज ने आंदोलन करने का निर्णय लिया है। कार्यक्रम के संयोजक सामाजिक नेता कमल सिंह कीर के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में एक दिवसीय उपवास में सामाजिक बंधु बैठे। इस अवसर पर कमल कीर ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी समाज, कीर जाति, आर्थिक एवं सामाजिक तथा शैक्षणिक रुप से पिछड़ी जाति है जो अत्यंत गरीब एवं आदिम है। आज इस समाज का आदिवासी का दर्जा समाप्त होने से कीर जाति पिछड़ रही है। समाज के छात्र छात्राएं आगे शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे हैं। पढ़े लिखे नौजवान बेरोजगार घूम कर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। लेकिन अब हम उग्र आंदोलन करेंगे और अपना हक मांगेंगे। आरक्षण हमें बहुत जरुरी है, हमारा कांग्रेस समाज से आव्हान है कि आप उठ जागो और अपना हक मांगों। बाबा साहब अंबेडकर ने हमें आरक्षण दिया है, कोई सरकारों ने नहीं दिया है। हमारी अगली कड़ी में भीख मांगों आंदोलन होगा और फिर आगे उग्र आंदोलन होगा। कार्यक्रम को अन्य वक्तागणों ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन नवल सिंह कीर आगरा ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रुप से कैलाश कीर चारुआ, रामभरोस कीर पाड़लिया, उदयराम चौहान, रामकरण कीर, हरगोविंद कीर, शिव प्रसाद कीर सहित सामाजिक बंधु उपस्थित थे। अंत में आभार गया प्रसाद कीर महागांव ने माना। समस्त सामाजिक कार्यकर्ताओं ने महामहिम राष्ट्रपति एवं रायपाल के नाम एस.डी.एम. महोदय को ज्ञापन सौंपा।
8 हजार से अधिक के सामान पर किया हाथ साफ अज्ञात चोरों ने
सीहोर 2 फरवरी (फुरसत)। मण्डी थाने के तहत ग्राम धबोटी में महिला दुग्ध सहकारी समिति मर्यादित के कार्यालय का ताला तोड़कर अज्ञात चोर वेस टर्मिनल, बेटरी, चार्जर सहित करीब 4650 रुपये नगद चुरा कर ले गये।
पुलिस ने राजेन्द्र पुत्र छगनलाल की शिकायत पर अज्ञात चोरों के खिलाफ भादवि की धारा 380 के तहत प्रकरण पंजीबध्द कर उनकी तलाश प्रारंभ कर दी है।
दूसरी और ग्राम बरखेड़ा निवासी 30 वर्षीय दिनेश पुत्र गेंदालाल यदुवंशी के आंगन में रखे दो बोरे सोयाबीन जिसकी कीमत 3600 रुपये थी। अज्ञात चोर उठाकर ले गये दिनेश की शिकायत पर पुलिस ने भादवि की धारा 380 के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है।
पुलिस ने राजेन्द्र पुत्र छगनलाल की शिकायत पर अज्ञात चोरों के खिलाफ भादवि की धारा 380 के तहत प्रकरण पंजीबध्द कर उनकी तलाश प्रारंभ कर दी है।
दूसरी और ग्राम बरखेड़ा निवासी 30 वर्षीय दिनेश पुत्र गेंदालाल यदुवंशी के आंगन में रखे दो बोरे सोयाबीन जिसकी कीमत 3600 रुपये थी। अज्ञात चोर उठाकर ले गये दिनेश की शिकायत पर पुलिस ने भादवि की धारा 380 के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है।
वायपास चौड़ीकरण से कहीं खत्म न हो जाये लाखों की तकीपुर बंधान योजना
सीहोर 1 फरवरी (विशेष सं. फुरसत)। रविन्द्र सांस्कृतिक भवन के पास स्थित पानी के स्टापडेम नाले की भव्य योजना जिसे किसी जमाने में शकर कारखाने में प्रारंभ किया गया था और भगवानपुरा तालाब से तकीपुर बंधान तक पानी और फिर इस बंधान से सीहोर तक पानी लाने की योजना विद्यमान थी जिसे पूर्ववर्ती अपनी विशेष कार्यप्रणाली से चर्चित रहीं जिलाधीश श्रीमति स्मिता चन्द्रा गाटे ने रुचि लेकर नया रुप दिया था अब आगामी सप्ताह भर कहीं पूरी तरह खत्म न हो जाये। इस महती योजना को यह व्यवस्थित कर दिया जाये तो निश्चित रुप से आगामी वर्षों में जब कलेक्टर कार्यालय भोपाल राजमार्ग पर बस डिपो के पास बन जायेगा, और वहाँ अनेक नये निवास, कालोनियाँ बनेगी तब इस क्षेत्र की भूमि में पानी रिचार्जिंग के लिये तकीपुर की यह योजना वापस जीवित करना बहुत टेढ़ी खीर हो जायेगा ? क्योंकि नया वायपास मार्ग चौड़ीकरण कार्य युध्द स्तर पर जारी है जिसके चलते भविष्य में तकीपुर से आई पाईप लाईन मिट्टी में दबकर रह जायेगी। अपने कार्यकाल में नया कलेक्ट्रेट भवन बनवाने वाले जिलाधीश राघवेन्द्र सिंह को भविष्य की भी चिंता कर लेने की आवश्यकता है....।
उल्लेखनीय है कि आज से कुछेक वर्ष पूर्व ही यहाँ रविन्द्र सांस्कृतिक भवन टाउन हाल के पास स्थित नहर जिसमें स्टापडेम भी बना हुआ है को लेकर जाग्रति आई थी। तत्कालीन जिलाधीश श्रीमति स्मिता गाटे चन्द्रा ने इस मामले में रुचि लेते हुए यहाँ बने पुल तक पानी भराने की योजना का क्रियान्वयन शुरु किया था और इस पुल के लिये लोहे के द्वार भी बनना तय थे। आसपास जेसीबी मशीन से खुदाई कर यहाँ यादा से यादा पानी भरा सके इसकी व्यवस्था कराई गई थी।
साथ ही एक रिचार्जिंग बोर भी लगवाया था जिससे पानी रिचार्ज होकर जमीन में बैठ सके। यहाँ तक पानी लाने के लिये भगवान पुरा तालाब से तकीपुर बंधान तक पानी लाने की व्यवस्था को दुरुस्त करते हुए तकीपुर बंधान पर कई वर्षों बाद लोहे के दरबार लगवाये गये थे जिससे यहाँ के ग्रामीणजन काफी खुश हो गये थे और इस ग्राम में पानी की समस्या ही हल हो गई थी। इसी बंधान से छूटकर पानी सीहोर तक लाने के लिये कारखाने द्वारा डाली गई पाईप लाईन का उपयोग किया गया था। तब वायपास मार्ग बनने पर पाईप लाईन लाना मुश्किल हो रहा था तो तत्कालीन जिलाधीश ने अपने विशेष प्रभाव का उपयोग करते हुए मार्ग कार्य के दौरान ही पहले पाईप लाईन डलवाई थी फिर सड़क बनने दी गई थी आज भी वह मोटी पाईप लाईन व्यवस्थित रुप से सड़क में मौजूद है इसके आगे नहर खुदवाकर पानी सीहोर तक लाया गया था।
इस योजना को समझते हुए लोकप्रिय विधायक रमेश सक्सेना ने भी इस मामले में रुचि दिखाई थी। उन्होने सीवन नदी में अंग्रेज सैनिकों छावनी के लिये जिस जगह पर अंग्रेजों ने नदी को गहरा कर नदी में दीवार खड़ी की थी वहाँ से पानी की नई पाईप लाईन डलवाकर पुन: यहाँ रविन्द्र सांस्कृतिक भवन तक लाये थे। ताकि यहाँ पानी भरा रहे और यही पानी आगे बढ़कर इंग्लिशपुरा मार्ग पर बने पुल में लोहे के दरबार लगवाकर वहाँ तक भरा गया था। ताकि इंग्लिशपुरा क्षेत्र में रहने वाले लोगों के नलकूप आदि रिचार्ज होते रहें।
उल्लेखनीय है कि अब बस डिपो क्षेत्र से लेकर भोपाल नाका तक तथा सैकड़ाखेड़ी मार्ग पर भी अंदर ही अंदर बहुत तेजी से विकास हो रहा है और यहाँ लगातार नये-नये भवन और कार्यालय बन रहे हैं। कलेक्टर कार्यालय जिस समय यहाँ प्रारंभ हो जायेगा तब से तो निश्चित ही यहाँ और भी बहुत अधिक विकास शुरु हो जायेगा। ऐसे में इस क्षेत्र की भूमि में पानी की रिचार्जिंग की महती आवश्यकता रहेगी। वैसे ही अभी यहाँ के बोर सूखे जाते हैं तो उस स्थिति में कहीं यादा समस्या बढ़ेगी।
इस दृष्टि से तकीपुर बंधान से लेकर सीहोर तक आई नहर से पानी लाना जहाँ सीवन नदी में हस्तक्षेप को रोकेगा वहीं ऊपर से आ रहे पानी के कारण यह क्षेत्र यादा अच्छी तरह रिचार्ज होगा। लेकिन वायपास मार्ग पर बन रही चार लाईन सड़क के चलते नहर की जो पाईप लाईन सड़क के नीचे से लाई गई थी वह दबने की स्थिति में आ गई। नई सड़क बनते समय यह दब जायेगी। नई सड़क आगामी सप्ताह भर में यहाँ भी बन जायेगी और सड़क के नीचे ही पाईप लाईन दब कर रह जायेगी। अभी इस पाईप लाईन का उपयोग तो नहीं हो रहा लेकिन लाखों रुपये की एक योजना मात्र 3 पाईप यहाँ वापस लगा दिये जाने से जहाँ जीवित रह जायेगी वहीं पाईप लाईन का उपयोग भी होता रहेगा। वर्तमान में एक किसान अपनी विद्युत की डोरी इस पाईप लाईन से सड़क के दूसरी और ले गया ।
शहर के चहुँमुखी विकास की सारी संभावनाएं जहाँ ध्वस्त होती नजर आ रही है ऐसी स्थिति में राजनेताओं, समाजसेवी संस्थाओं, भाजपा-कांग्रेस नेताओं को इन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर नगर के भविष्य की चिंता करने की आवश्यकता है।
उल्लेखनीय है कि आज से कुछेक वर्ष पूर्व ही यहाँ रविन्द्र सांस्कृतिक भवन टाउन हाल के पास स्थित नहर जिसमें स्टापडेम भी बना हुआ है को लेकर जाग्रति आई थी। तत्कालीन जिलाधीश श्रीमति स्मिता गाटे चन्द्रा ने इस मामले में रुचि लेते हुए यहाँ बने पुल तक पानी भराने की योजना का क्रियान्वयन शुरु किया था और इस पुल के लिये लोहे के द्वार भी बनना तय थे। आसपास जेसीबी मशीन से खुदाई कर यहाँ यादा से यादा पानी भरा सके इसकी व्यवस्था कराई गई थी।
साथ ही एक रिचार्जिंग बोर भी लगवाया था जिससे पानी रिचार्ज होकर जमीन में बैठ सके। यहाँ तक पानी लाने के लिये भगवान पुरा तालाब से तकीपुर बंधान तक पानी लाने की व्यवस्था को दुरुस्त करते हुए तकीपुर बंधान पर कई वर्षों बाद लोहे के दरबार लगवाये गये थे जिससे यहाँ के ग्रामीणजन काफी खुश हो गये थे और इस ग्राम में पानी की समस्या ही हल हो गई थी। इसी बंधान से छूटकर पानी सीहोर तक लाने के लिये कारखाने द्वारा डाली गई पाईप लाईन का उपयोग किया गया था। तब वायपास मार्ग बनने पर पाईप लाईन लाना मुश्किल हो रहा था तो तत्कालीन जिलाधीश ने अपने विशेष प्रभाव का उपयोग करते हुए मार्ग कार्य के दौरान ही पहले पाईप लाईन डलवाई थी फिर सड़क बनने दी गई थी आज भी वह मोटी पाईप लाईन व्यवस्थित रुप से सड़क में मौजूद है इसके आगे नहर खुदवाकर पानी सीहोर तक लाया गया था।
इस योजना को समझते हुए लोकप्रिय विधायक रमेश सक्सेना ने भी इस मामले में रुचि दिखाई थी। उन्होने सीवन नदी में अंग्रेज सैनिकों छावनी के लिये जिस जगह पर अंग्रेजों ने नदी को गहरा कर नदी में दीवार खड़ी की थी वहाँ से पानी की नई पाईप लाईन डलवाकर पुन: यहाँ रविन्द्र सांस्कृतिक भवन तक लाये थे। ताकि यहाँ पानी भरा रहे और यही पानी आगे बढ़कर इंग्लिशपुरा मार्ग पर बने पुल में लोहे के दरबार लगवाकर वहाँ तक भरा गया था। ताकि इंग्लिशपुरा क्षेत्र में रहने वाले लोगों के नलकूप आदि रिचार्ज होते रहें।
उल्लेखनीय है कि अब बस डिपो क्षेत्र से लेकर भोपाल नाका तक तथा सैकड़ाखेड़ी मार्ग पर भी अंदर ही अंदर बहुत तेजी से विकास हो रहा है और यहाँ लगातार नये-नये भवन और कार्यालय बन रहे हैं। कलेक्टर कार्यालय जिस समय यहाँ प्रारंभ हो जायेगा तब से तो निश्चित ही यहाँ और भी बहुत अधिक विकास शुरु हो जायेगा। ऐसे में इस क्षेत्र की भूमि में पानी की रिचार्जिंग की महती आवश्यकता रहेगी। वैसे ही अभी यहाँ के बोर सूखे जाते हैं तो उस स्थिति में कहीं यादा समस्या बढ़ेगी।
इस दृष्टि से तकीपुर बंधान से लेकर सीहोर तक आई नहर से पानी लाना जहाँ सीवन नदी में हस्तक्षेप को रोकेगा वहीं ऊपर से आ रहे पानी के कारण यह क्षेत्र यादा अच्छी तरह रिचार्ज होगा। लेकिन वायपास मार्ग पर बन रही चार लाईन सड़क के चलते नहर की जो पाईप लाईन सड़क के नीचे से लाई गई थी वह दबने की स्थिति में आ गई। नई सड़क बनते समय यह दब जायेगी। नई सड़क आगामी सप्ताह भर में यहाँ भी बन जायेगी और सड़क के नीचे ही पाईप लाईन दब कर रह जायेगी। अभी इस पाईप लाईन का उपयोग तो नहीं हो रहा लेकिन लाखों रुपये की एक योजना मात्र 3 पाईप यहाँ वापस लगा दिये जाने से जहाँ जीवित रह जायेगी वहीं पाईप लाईन का उपयोग भी होता रहेगा। वर्तमान में एक किसान अपनी विद्युत की डोरी इस पाईप लाईन से सड़क के दूसरी और ले गया ।
शहर के चहुँमुखी विकास की सारी संभावनाएं जहाँ ध्वस्त होती नजर आ रही है ऐसी स्थिति में राजनेताओं, समाजसेवी संस्थाओं, भाजपा-कांग्रेस नेताओं को इन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर नगर के भविष्य की चिंता करने की आवश्यकता है।
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