Friday, October 31, 2008

आज फुरसत के ग्यारहवें वर्ष में प्रवेश करने पर आप सभी को बधाई

व्यावसायिक पत्रकारिता के इस दौर में जहाँ हर खबर रुपये पर तौलकर पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करने की रीति-नीति बन चुकी है, समस्याओं से परे भ्रष्ट जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को संरक्षण देती पत्रकारिता, सामाजिक सरोकारों से दूर, संस्कृति से परे, नगर या राष्ट्र हित को तिलांजली देकर स्वहित के लिये हो रही पत्रकारिता के इस विषम दौर में जहाँ हर तरफ नीचे से लेकर ऊपर तक भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया जा रहा है, जहाँ हर तरफ भ्रष्ट अधिकारियों को सहयोग दिया जा रहा है, राजनीतिज्ञों से मिलने वाले विज्ञापनों की आस में उन्हे मक्खन लगाया जा रहा है, अपने पाठकों का गलत लाभ उठाकर मतदान के पूर्व झूठी बिकी हुई खबरें प्रकाशित करने का चलन शुरु हो चुका है....ऐसी विषमतम स्थितियों में भी विगत 10 वर्ष से आपका फुरसत निरन्तर इन समस्त झंझावातों बुराईयों से मुक्त यदि निकल रहा है तो निश्चित ही आप सबके सहयोग, आपके प्यार की ताकत के दम पर निकल रहा है। ्र

      सीहोर जैसे छोटे-से और विषम आर्थिक स्थिति वाले शहर में जहाँ रोजगार-धंधे की कमी है, ऐसे शहर में भी फुरसत जैसे किसी अखबार को हम सबने मिलकर दस वर्ष तक निरन्तर प्रकाशित किया, समय-समय पर इसे सहयोग दिया और आगे बढ़ाया यह हम सबकी फुरसत परिवार के आप सभी पाठकों की उपलब्धि है। जहाँ कई अखबार आये और आर्थिक विषमताओं की धूप में निस्तेज हो गये...वहीं आपके प्यार और दुलार के कारण फुरसत निरन्तर प्रखरता के साथ, अपनी दमदारी के साथ, हम सबके सामने हम सबकी ताकत के रुप में खड़ा रहा।

      दसवें वर्ष में फुरसत ने अपना अंतराष्ट्रीय संस्करण निकालते हुए सुदूर क्षेत्रों में, पूरे देश भर में और विदेशों तक में नाम रोशन कर रहे सीहोर के रहवासियों, नागरिकों और जुड़े लोगों तक सीहोर की बात पहुँचाना शुरु किया। आज हमारा फुरसत इंटरनेट पर भी निरन्तर पढ़ा जाने लगा है और विदेशों तक में जो सीहोर के लोग हैं वह सीधे इंटरनेट पर फुरसत पढ़कर सीहोर की ताजा खबरों के माध्यम से सीहोर से जुड़ जाते हैं। इस प्रकार फुरसत ने सीहोर छोड़ गये उन लोगों को वापस सामाजिक रुप से जोड़ने, सीहोर से लगाव बनाने का प्रयास किया है। फुरसत उत्सव के माध्यम से संस्कृति और परम्पराओं के प्रति जाग्रति लाने के छोटे-से प्रयास में भी फुरसत के सोमवारीय उत्सव अंक ने अपना गरिमापूर्ण स्थान पाठकों के बीच विशेषकर महिला पाठकों में बनाया है।

      आज के युग में जब हर एक समाचार बिक रहा हो....जब हर एक समाचार को प्रोजेक्ट किया जा रहा हो....जब हर एक समाचार को तूल देकर नये-नये आयाम से और कई बार उसके मूल स्वरुप को बिगाड़कर उसे स्वयं के फायदे के अनुरुप रंग दिया जा रहा हो.....जब हर एक तरफ समाचारों की बोलियाँ लग रही हों....समाजवादी व राष्ट्रवादी विचारों से दूर पूंजीवादी लोग इस क्षेत्र में अपना कब्जा जमा रहे हों.....समाचार बेचने की वस्तु बन गया हो.....समाचार कमाई का साधन बन गया हो....बौद्धिक विचारक  और लेखक पूंजीवादी लोगों के हाथों की कठपुतली बनकर उनकी मानसिकता के अनुरुप लेख-टिप्पणी लिखकर जनता को भ्रमित करने में लगे हों....शासन-प्रशासन-सरकार-पुलिस से लेकर आम आदमी तक समाचारों को बिका हुआ मान रहे हों....अपराधी और पुलिस, लालफीताशाही फैलाने वाले अधिकारी और जनता के चुने नेता आपस में सांठ-गांठ कर अपनी-अपनी सोच रहे हों और जनता के पक्ष में लिखने वाले समाचार-पत्रों का उन पर कोई असर नहीं हो रहा हो....बल्कि पत्रकारिता भी बहुत बड़े स्तर पर सिर्फ इसलिये की जाने लगी हो ताकि उस पत्रकार के संबंध बड़े-बड़े प्रशासनिक अधिकारियों से हो जायें....और आराम से अपने पक्ष में समाचार लिखवाते रहे....तो फिर ऐसी अनेक विषम स्थितियों के बावजूद निरन्तर दस वर्षों फुरसत का निकलते रहना, जहाँ फुरसत परिवार के लिये सुखद है वहीं एक बारगी यह विचार भी आता है कि क्या फुरसत जैसा छोटा-सा अखबार इन बुराईयों पर अंकुश लगा सकता है? क्या आज फुरसत का निकलते रहना प्रांसगिक है ?

      निरन्तर प्रकाशन के साथ आज फुरसत दस वर्ष का हो गया है और ग्यारहवें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। हम आशा करते हैं कि फुरसत अपने ग्यारहवे वर्ष में प्रवेश के साथ ही अब और भी नई ऊँचाईयों को छुऐगा। अपनी कमियों को दूर करते हुए नये कदम बढ़ायेगा। यह वर्ष फुरसत के  लिये मंगलदायक सिद्ध होगा।

      जहाँ अच्छे कार्यों को समाज सराहता है, वहीं समाज विरोधी तत्वों को इससे परेशानी भी होती है। फुरसत के साथ भी ऐसे क्षण समय-समय पर आते रहते हैं जब कहीं समाज विरोधी गतिविधियों को प्रमुखता से उठाते हुए, उससे समाज को हो रही हानियों को प्रकाशित करते फुरसत अपनी पूरी ताकत के साथ उस कार्य का विरोध करता है, सच्चाई को सामने लाने का प्रयास करता है तो समाज विरोधी तत्व विचलित हो उठते हैं...लेकिन फुरसत पाठक वृंद अर्थात आपकी संयुक्त ताकत के आगे उन्हे अंतत: झुकना ही पड़ता है। किसी अखबार की ताकत उसका पाठक वर्ग ही होता है। फुरसत के पाठकों की संख्या भी गरिमापूर्ण है। हम सभी को इसे और भी अधिक हाथों में पहुँचाकर एक संयुक्त शक्ति का निर्माण करना चाहिये जिससे एक सात्विक ताकत हमारी संस्कृति की रक्षा के लिये सदैव पूरी तत्परता और मजबूती के साथ खड़ी रह सके। विज्ञापनदाताओं के निरन्तर सहयोग के चलते फुरसत की आर्थिक स्थिति अनुकू ल बनी रहती है। आज जब बड़े-बड़े अखबार सम्पूर्ण रंगीन पृष्‍ठों के साथ बहुत सस्ते मूल्य पर बिक रहे हैं ऐसे में छोटा-सा श्वेत-श्याम फुरसत आज भी आपकी पसंद बना हुआ है निश्चित ही यह सात्विक प्रयास की सात्विक शक्ति का ही परिणाम है।

      31 अक्टूबर 1998 से लेकर फुरसत के निरन्तर प्रकाशन को आज दस वर्ष पूर्ण हो गये हैं हम नये वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं।  परम पूज्यनीय संस्थापक स्व.श्री ऋषभ जी गाँधी का पुण्य स्मरण भी हम करते हुए उनके द्वारा रखी हुई ठोस नींव जो आज भी अडिग है उसे नमन करते हैं। संस्थापक जी के वेबाक विशेषण और निष्पक्ष समाचारों से फुरसत की लोकप्रियता निरन्तर बढ़ती चली गई थी उनकी उपस्थिति, उनकी लेखनी ने ही फुरसत को एक मजबूत आधार दिया है।

      फुरसत को आठ वर्ष पूर्ण होने पर हमारी आर्थिक शक्ति विज्ञापन-दाताओं, हमारी ताकत वृहद फुरसत परिवार व पाठक वृंद, हमारे आशीर्वादाता, मार्गदर्शक, हमारी सफलता में सहयोगी, लेखक, संवाददाता सभी को इस अवसर पर कोटश: बधाई। दीपावली हम सभी के लिये मंगलदायक हो इन्ही शुभकामनाओं के साथ....।

आपका

आनन्द ऋषभ गाँधी

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मारपीट के बाद बना साम्प्रदायिक तनाव, भारी पुलिस बल ने किया मामला काबू

कुछ भडक़ाऊ लोगों ने बाजार बंद कराया, एक ठेले वाले ने झूठी अफवाह फैलाकर गाँधी रोड बंद कराया

      सीहोर 30 अक्टूबर (नि.सं.)। दीपावली की पड़वा पर गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव के दिन कस्बा क्षेत्र बजरिया में एक तांगे वाले की टक्कर कस्बा बजरिया में मोटर साईकिल से हो गई। तांगा चालक यादा जल्दी में था, इधर रास्ता संकरा था, बगल में एक ठेला भी खड़ा था। दोनो टक्कर पर यहाँ विवाद हो गया। तांगा चालक सोहेल यहाँ विवाद के बाद अपने मेवातीपुरा स्थित घर की तरफ चला गया और कुछ ही देर में अपने अनेक साथियों के  साथ यहाँ पहुँच गया। इन सबके हाथ में हथियार थे। उन्होने आते ही त्यौहार के इस माहौल में मोटर साईकिल चालक मधुसुदन व सोनू चन्द्रवंशी पर हमला कर दिया। मधुसुदन के हाथ में धारदार हथियार से घायल हो गया। इस प्रकार एकत्रित होकर आकर मारने की इस घटना से कस्बा क्षेत्र में क्षण में तनाव बन गया। लोगों ने यहाँ एकत्र होना शुरु कर दिया। मेवातीपुरा मार्ग पर राठौर मंदिर के पास वाली गली में भागे सोहेल व उसके साथियों की तरफ जब मधुसुदन व सोनू चन्द्रवंशी के पक्ष के लोग लपके तो यहाँ पथराव हो गया। दोनो तरफ से पथराव हुआ। जिससे तनाव बन गया।

      उधर तत्काल पुलिस को सूचना मिली तो पुलिस भी फुर्ती के साथ यहाँ पहुँची। अनुविभागीय अध्ािकारी राजस्व श्री मिश्रा, भारी पुलिस बल, थाना कोतवाली अजय वर्मा, एसडीओ पुलिस के साथ पुलिस बल ने कस्बा को घेरना शुरु कर दिया। इधर कस्बा क्षेत्र में दोनो पक्ष एकत्र हो गये और उन्होने नारेबाजी के साथ चिल्लाचोंट शुरु कर दी। अतिरिक्त कलेक्टर भावना बालिम्बे भी मौके पर कुछ देर बाद ही पहुँच गई। पुलिस का बज्र वाहन भी तिलक पार्क पर खड़ा हो गया। करीब घंटे भर चली गर्मागर्मी के बाद बमुश्किल समाज के कुछ समझदार लोगों की समझाईश पर दोनो पक्ष शांत हुए।

      इतने में ही जिलाधीश डीपी आहूजा भी आ गये। उन्होने सीधे शासकिय वाहन के माईक को पकड़कर कहा कि सिर्फ 5 मिनिट के अंदर सारे लोग अपने-अपने घरों के अंदर चले जायें, धारा 144 लगी हुई है इसके बाद लाठी चार्ज शुरु हो जायेगा। उनका इतना कहना था कि भीड़ स्वयं ही तितर-बितर हो गई।

      इधर कुछ युवक कस्बा क्षेत्र से तेज वाहन चलाते हुए सीहोर टाकीज से कोतवाली तक गये, जिससे बाजार में भी तनाव की स्थिति बनना शुरु हुई। लगभग इस समय अचानक पुलिस वाहन आया और उसने रुटर बजा दिया, जिसकी तेज आवाज से व्यापारियों को लगा की दंद हो चुका है इसलिये व्यापारियों ने ताबड़-तोड़ शटर गिराना शुर कर दिये। इस पर कुछ समझदार व्यापारियों ने जाकर पहले पुलिस बात की, तो पुलिस थाना प्रभारी ने समझाया कि दुकान बंद नहीं करना है हम तो चाहते हैं कि सब यह समझें की पुलिस सतर्क है सब खुशी से त्यौहार मनायें, इस पर व्यापारियों ने पुलिस से ही कहा कि आप ही व्यापारियों से कहे, तब थाना प्रभारी ने खुद व्यापारियों से हाथ जोड़ते हुए कहा कि दुकानें खोलकर रखें हम आपके साथ हैं, किसी प्रकार के भय की आवश्यकता नहीं।

      इसी दौरान गाँधी मार्ग पर एक ठेला व्यापारी ने अपनी तेज आवाज में चिल्लाना शुरु कर दिया कि एक मर गया, दंगा हो गया, उसकी इस हरकत से पूरा गाँधी मार्ग बंद हो गया, जिसे बमुश्किल कुछ लोगों ने वापस खुलवाने का प्रयास किया। लेकिन फिर रौनक नहीं जमी।

      इधर रात तक पुलिस ने विशेष सुरक्षा बल भी बुला लिया और कस्बा क्षेत्र की गलियों तक में पुलिस ने घेराव कर दिया। अनेक संदिग्ध जगहों की तलाशी के साथ कुछ लोगों के घर की तलाशी ली गई। फिर मेवातीपुरा में भी तलाशी ली गई। पुलिस को कई तलवार व अन्य हथियार मिले हैं जिसे जप्त कर लिया गया है। देर रात तक पुलिस ने सघन तलाशी लेकर सभी को सख्ते में डाल दिया और माहौल को शांत कर दिया। कल रात मार्चपास्ट कर पुलिस ने यह जता दिया था कि पुलिस बहुत चैतन्य व  सजग है।

      आज गुरुवार को भी भोपाली फाटक से पुलिस ने मार्च पास्ट के साथ कस्बा में प्रवेश किया तो हड़कंप सा मच गया। कहीं भी भीड़ एकत्र नहीं होने देने का कार्य भी पुलिस करती रही। उधर बकरी पुल के आगे इन्दौर नाका क्षेत्र में दो युवकों की पिटाई पुलिस द्वारा किये जाने की खबर ने भी पुलिस के सख्त रुख का प्रचार कस्बा क्षेत्र में कर दिया।

      दोनो पक्षों की और से पुलिस ने मामला कायम किया है।

सात पर और जिला बदर की कार्रवाई

              सीहोर 30 अक्टूबर (नि.सं.)। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने श्यामपुर थाना दोराहा निवासी श्यामसिंह वल्द मोरसिंह ठाकुर और फारूख वल्द अली हसन तथा सीहोर बकरीपुल निवासी राजू बोयत वल्द मलखान, रानी मोहल्ला गंज निवासी नीरज वल्द रमेश राठौर और अन्नी उर्फ अनिल वल्द राम सिंह खटीक के खिलाफ म.प्र.राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें सीहोर जिला सहित जिले की सीमा से लगे अन्य जिलों से बाहर चले जाने के निर्देश दिए हैं। इस सिलसिले में आदेश जारी कर दिया गया है।

      जारी आदेश में बताया गया है कि श्यामसिंह वर्ष 1991 से लगातार आपराधिक गतिविधियों में संलग्न रहा है। उसके खिलाफ मारपीट, बलवा, हत्या का प्रयास, सरकारी काम में बाधा पहुंचाना, सट्टा खिलाना जैसे गंभीर अपराध दर्ज किए जा चुके हैं। उसके खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 307, 341, 323, 294, 506, 147, 148 जैसे अनेकों मामले कायम किए जा चुके है। तकरीबन आठ बार जा.फौ 107, 116 की कार्यवाही किए जाने के बावजूद उसमें कोई सुधार नहीं आया। इसी तरह पुलिस प्रतिवेदन में फारूख को भी खतरनाक किस्म का आदतन अपराधी बताया गया जिसके खिलाफ भारतीय दण्ड विधान की धारा 363, 366, 379, 395, 397, 376, 341, 325, 294, 506 के मामले अनेकों बार दर्ज किए जा चुके हैं।

      इसके अलावा दस बार उसके खिलाफ 107, 110, 116 जा.फौ. के इस्तगासे हो चुके हैं। राजू बोयत के खिलाफ भी अनेकों बार भारतीय दण्ड संहिता की धारा 324, 341, 323, 506, 294 147, 148, 353, 332 के मामले कायम किए जा चुके हैं। नीरज राठौर के अपराधिक रिकार्ड में 323, 294, 506, 452, 353, 332 भारतीय दण्ड विधान के मामले दर्ज है। यह जुआ सट्टे में लिप्त है। इसी तरह अन्नी उर्फ अनिल के आपराधिक रिकार्ड में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 307, 201, 384 सहित 25 आर्म्स एक्ट के मामले शामिल हैं।

             इन आदतन अपराधियों के अच्छे खासे आपराधिक रिकार्ड को देखते हुए लोक शांति बनाए रखने और विधान सभा चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था कायम रखने को लेकर इनके खिलाफ म.प्र. राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई।

वोट के भिखारियों कम से कम नुक्तों में तो राजनीतिक फायदा मत खोजों

      आष्टा 30 अक्टूबर (सुशील संचेती)। जब चुनाव आये, चुनाव लडो तो जनता के सामने-उनके बीच जाओ और उनसे वोअ मांगो राजनीति का यही धर्म है लेकिन राजनीति का यह धर्म कभी नहीं रहा है और ना ही होना चाहिये की मौत-मैय्यत, शोक निवारण, नुक्तों को भी अपनी राजनीति के लाभ -नुकसान के लिए उपयोग करो आज के नेता चाहे वे भाजपा के हो कांग्रेस के हो या अन्य दलों के हो जिस किसी भी परिवार में गमी हो जाती है उसके यहां सच्ची श्रद्धांजली अर्पित करने का उसके यहां यह दर्शाने की मंशा से जरूर जाते है कि भैय्या मैं आपके दु:ख में शामिल होने उस वक्त आया था जब आपके यहां पर गमी हुई थी अब में चुनाव के दंगल में हूं दर-दर वोट की भीख मांग रहा हूं मेरे कटोरे में आपके वोट की भीख जरूर डालना धिक्कार है ऐसे नेताओं को जो जाते तो जाते है श्रद्धांजली अर्पित करने कम ऐसे वोट के भिखारियों को समय आने पर देखना चाहिये। यह आज के मतदाताओं के लिए एक बड़ा चिन्ता का विषय होना चाहिये की राजनीति में क्या इतनी गिरावट आ गई है की आज का नेता खुशी और गमका अंतर भूल गया है उसे खुशी में क्या कहना करना चाहिये, और उसे किसी के गम में शामिल होने के लिए क्या कहना चाहिये। इन दिनों चुनाव का मौसम पांचवी ऋतु की तरह चल रहा है हर दल का नेता अपनी जमीन बनाने में जुटा है लेकिन वो इतना भी भूल गया है कि नुक्तों में वोटों की जमीन नहीं बनती है हाल ही में आष्टा तहसील के एक ग्राम में एक परिवार में दो सदस्यों की मृत्यु के बाद यहां पर शोक निवारण के रूप में बड़ा नुक्ता किया गया नुक्ते में शोकाकुल परिवार ने पूरे क्षेत्र के ही नहीं आस-पास के सगे-सम्बंधितों, नाते रिश्तेदारों को चिट्ठी   भेजी सब आये उक्त नुक्ते में पहुंचे क्योंकि उक्त नुक्ता प्रतिष्ठित परिवार में था जिस समाज के शोकाकुल परिवार के सदस्य थे वो आष्टा की राजनीति में बड़ा रोल अदा करता है इसलिए यहां नेता नुक्ते में शामिल होने की मंशा से कम वोट की राजनीति के उद्देश्य से अधिक मन से पहुंचे थे चलो वो वहां गये जाना भी चाहिये जब यहां पर नेताओं को मत आत्मा के प्रति श्रद्धांजली अर्पित करने के लिए समाज के वरिष्ठजनों को आमंत्रित किया और आये कुछ नेताओं को भी आमंत्रित किया तो उन्होंने अपनी श्रद्धांजली में मृत आत्मा के प्रति श्रद्धांजली कम राजनीति की बात अधिक कर दर्शा दिया की वो वोट की मंशा लिये आये है यह किसी एक नुक्ते में ही ऐसा हुआ है देखने में और सुनने में आता है कि क्षेत्र में जब भी कहीं ऐसे प्रसंग आते है तो वोट के भिखारी नेता वहां श्रद्धांजली कम वोट और नेतागिरी करने के उद्देश्य से अधिक पहुंचते है ऐसे आयोजनों में जो नेता नेतागिरी करते है श्रद्धांजली के बदले राजनीति की बाते करते है अब इस बात पर विस्तृत विचार और चिन्तन की आवश्यकता है अब नुक्तों को राजनीतिज्ञों की राजनीति से मुक्त करने के लिए किसी ना किसी को आगे आकर कदम उठाना होगा श्रद्धांजली के दौरान केवल श्रद्धांजली नेतागिरी नहीं का सिद्धांत लागू करना चाहिये। आष्टा में वर्षो पहले इसकी शुरु आत स्थानीय शमशान घाट से शुरु की गई और उसके परिणाम यह आये की आज आष्टा में कितने बडे से बडे या छोटे से छोटे व्यक्ति की जब मृत्यु होती है तो श्मशान घाट में पंचलकडी के पहले केवल सामूहिक मौन श्रद्धांजली अर्पित की जाती है यह परम्परा यह डल चुकी है नहीं तो इसके पहले जब भी किसी व्यक्ति की मृत्यु होती थी तो श्मशान घाट पर घंटो श्रद्धांजली देने का कार्यक्रम चलता था यहा भी कई वक्ता उस वक्त राजनीति करने से बात नहीं आते थे लेकिन उस वक्त श्मशान घाट समिति ने एक सख्त निर्णय लिया और श्रद्धांजली के नाम पर होने वाली भाषणबाजी को सिलसिता बन्द किया। ऐसा ही ठोस निर्णय ग्रामीण क्षेत्रों में नुक्तों के वक्त श्रद्धांजली कार्यक्रम में केवल श्रद्धांजली ही हो इसके लिए ग्रामीण जनों को सोचना और विचारना होगा तो ही नुक्ते राजनीति से मुक्त होकर वोट के भिखारियों के लिए नुक्ते राजनीति के अखाडे नहीं बन कर सच्ची श्रद्धांजली का एक स्थान बनेगा। कुछ नेता तो ऐसे भी देखे जाते है जिन्हें ना ही कोई चिट्ठी दी जाती है और ना ही सूचना उसके बाद भी वे बिन फेरे हम तेरे की तरह बिना बुलाये आ जाते है वैसे उनका ऐसे आना उस मायने में उचित कहा जा सकता है अब वे जहां पहुंचे सच्ची श्रद्धांजली देने के उद्देश्य से आये लेकिन अगर वो वोट की राजनीति के तहत वहां घड़ियाली आंसू बहाने पहुंचे तो ऐसो को क्या कहे........वे खुद समझे समझदार हो तो अब जब भी नुक्तों में जाये तो केवल सच्ची श्रद्धांजली अर्पित करे वोट का फायदा ना सोचे तो फायदा तो अपने आप कटोरे में आ जायेगा......

सरकारी तंत्र का नहीं हो सकेगा चुनाव में उपयोग

      सीहोर 30 अक्टूबर (नि.सं.)। भारत निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव के मद्देनजर सत्तारूढ दल की गतिविधियों के लिए सीमाएं तय कर दी हैं । इस सिलसिले में विधानसभा चुनाव के लिए लागू आचार संहिता में कई हिदायतें देकर उन पर सख्ती से अमल की ताकीद की गई है। आयोग द्वारा मुकर्रर किए गए कायदे केन्द्र और प्रदेश दोनों के सत्तारूढ़ दलों पर समान रूप से लागू होंगे ।

      कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डी.पी.आहूजा ने मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा जारी निर्देशों के हवाले से बताया है कि सत्तारूढ दल यह पक्का कर लें कि  अपने चुनावी मकसद को पूरा करने में उन्हें सरकारी ओहदे और तंत्र का इस्तेमाल हरगिज नहीं करना है । तयशुदा कायदे के मुताबिक केन्द्र और प्रदेश के मंत्री अपने सरकारी दौरों को चुनावी प्रचार से नहीं जोड़ेंगे । जब वे प्रचार करेंगे तब भी सरकारी तंत्र या कर्मचारियों का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करेंगे । यह साफ किया गया है कि चुनाव प्रचार के लिए सरकारी विमान, गाड़ियों, मशीनरी और अमले का सत्तारूढ दल के हितों को साधने में कतई इस्तेमाल नहीं किया जाएगा ।

      निर्देशों के मुताबिक सत्तारूढ दल चुनावी आमसभा करने के लिए किसी सार्वजनिक स्थान और चुनाव यात्रा के लिए हवाई उड़ानों में हेलिपेड के इस्तेमाल पर अपना एकाधिकार नहीं जमाएंगे । अलबत्ता, इनका इस्तेमाल अन्य सभी राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए भी उन्हीं शर्तों पर हो सकेगा जो सत्तारूढ दलों के लिए तय हैं । यही कायदा सरकारी रेस्ट हाउस, सर्किट हाउस के इस्तेमाल में भी लागू होगा । इनके  इस्तेमाल की इजाजत अन्य दलों और उम्मीदवारों को भी होगी। हालांकि यह भी खुलासा कर दिया गया है कि कोई भी दल या उम्मीदवार इन जगहों और इनसे जुड़े परिसरों का इस्तेमाल बतौर चुनावी दफ्तर नहीं करेगा। प्रचार के लिए इन जगहों का इस्तेमाल हरगिज नहीं किया जायगा।

      चुनाव के दौरान राजनैतिक खबरों और प्रचार-प्रसार के लिए सरकारी खर्च से किसी भी अखबार या अन्य माध्यम को विज्ञापन नहीं दिया जा सकेगा। चुनाव के दौरान सरकारी प्रचार माध्यमों का भी बेजा इस्तेमाल हरगिज नहीं किया जा सकेगा । ऐसा कोई प्रचार ये माध्यम नहीं करेंगे जिसमें सत्तारूढ दल के हितों को साधने के लिए उसकी उपलब्धियाँ बतायी जाएं। मंत्री और सार्वजनिक उपमों के प्राधिकारी अपनी विवेकाधीन निधि से किसी अनुदान या भुगतान की मंजूरी नहीं दे सकेंगे ।

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उम्मीदवार के चुनावी खर्च का हिसाब जरूरी

सीहोर 30 अक्टूबर  (नि.सं.)। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी   डी.पी.आहूजा ने निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के हवाले से बताया है कि जिले के बुधनी, इछावर, आष्टा और सीहोर विधान सभा से चुनाव लड़ने जा रहे उम्मीदवारों को चुनाव में खर्च होने वाले पैसों का पूरा हिसाब रखना होगा। जहां तक राजनीतिक दलाें के स्टार प्रचारकों के दौरों पर होने वाले परिवहन खर्च का सवाल है तो उसे उम्मीदवारों के खाते में नहीं जोड़ा जाएगा। चुनाव आयोग ने इस बारे में लोक जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के प्रावधानों का खुलासा किया है।

      चुनाव आयोग के ताजा निर्देशों के मुताबिक विधानसभा चुनाव लड़ने वाले हर उम्मीदवार को खुद या फिर अपने चुनाव एजेंट के जरिये पूरे चुनावी खर्च का अलग और सही हिसाब तैयार रखना होगा। यह राशि खुद उम्मीदवार या उनके द्वारा अधिकृत या फिर उनके चुनाव एजेंट द्वारा खर्च की जाने वाली राशि होगी। इस खर्च का हिसाब उम्मीदवार के चुनाव के लिए नामजद होने से नतीजों के ऐलान होने की तारीख तक का रखा जाएगा। हिसाब में खर्च के वो सारे ब्यौरे शामिल होंगे जो आयोग ने तय किए हैं। खर्च की अधिकतम् सीमा भी हर उम्मीदवार के लिए आयोग द्वारा मुकर्रर रकम से ज्यादा नहीं होगी।

      कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डी.पी.आहूजा ने स्पष्ट किया है कि अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक राजनैतिक दल के स्टॉर प्रचारकों द्वारा अपने दल के पक्ष में प्रचार में किया जाने वाला खर्च संबंधित उम्मीदवार या उनके अधिकृत चुनावी खर्च में नहीं जोड़ा जाएगा। स्टॉर प्रचारकों के परिवहन खर्च से उम्मीदवार के हिसाब में दी गई इस छूट के बारे में यह भी साफ किया गया है कि राजनैतिक दलों के नेताओं द्वारा अपने उम्मीदवार के निर्वाचन क्षेत्र में उनके चुनाव प्रचार संबंधी किसी भी परिवहन माध्यम का खर्च उम्मीदवार के कुल खर्च का हिस्सा नहीं होगा। यह खुलासा भी किया गया है कि यदि किसी राजनैतिक दल ने अपने उम्मीदवार को चुनावी मकसद से अपना नेता भी घोषित किया है तो वह खुद के निर्वाचन क्षेत्र में ऐसा नेता नहीं माना जाएगा। अपने चुनाव क्षेत्र में पहले वह उम्मीदवार ही रहेगा। लिहाजा वहां किसी भी परिवहन माध्यम से उनके द्वारा प्रचार पर होने वाला खर्च इसकी अधिकतम सीमा के हिसाब में जुड़ेगा। प्रावधान के तहत यह भी बताया गया है कि यदि कोई उम्मीदवार ही बतौर स्टॉर प्रचारक अपने निर्वाचन क्षेत्र के बाहर किसी अन्य निर्वाचन क्षेत्र में जाता है तो उसकी अपने क्षेत्र से उस क्षेत्र के लिए की गई आवाजाही के खर्च को उसके हिसाब में नहीं जोड़े जाने की छूट रहेगी। लेकिन अपने निर्वाचन में वापस पहुंचने के बाद खुद के निर्वाचन क्षेत्र में होने वाली यात्रा का खर्च उम्मीदवार के चुनावी खर्च के हिसाब में शामिल किया जाएगा।

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धार्मिक स्थलों का चुनाव प्रचार में इस्तेमाल नहीं, निजी जीवन पर आक्षेप भी नहीं लगाये जा सकेंगे

सीहोर 30 अक्टूबर (नि.सं.)। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डी.पी. आहूजा ने कहा है कि आदर्श आचरण संहिता पर अमल को लेकर भारत निर्वाचन आयोग का रूख सख्त है। चुनाव के दौरान जातिगत, धार्मिक या भाषायी तौर पर मतभेद पैदा करने और नफरत या तनाव  फैलाने वाले भाषण से बचने की समझाइश दी गई है। धार्मिक स्थानों को चुनावी प्रचार का मंच बनाने की मनाही की गई है। निर्वाचन विधि के तहत आयोग ने मतदाता को रिश्वत या किसी अन्य तरीके से लालच देने को भी भ्रष्ट आचरण और अपराध माना है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने इस बारे में निर्देशों का खुलासा किया है।

      राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों से कहा गया है कि वे ऐसा कोई काम न करें जो विभिन्न समुदायों के बीच मतभेदों को बढ़ावा देता हो। अन्य दलों की आलोचना करते वक्त इसे दल विशेष की नीति, कार्यम, पुराने तौर-तरीकों और काम तक ही सीमित रखा जाएगा। ऐसे मौके पर सामने वाले के व्यक्तिगत जीवन के उन पहलुओं की आलोचना नहीं की जा सकेगी जिसका संबंध उसके निजी जीवन से होगा। ऐसे आरोप नहीं लगाए जाएंगे जिनकी सच्‍चाई प्रमाणित न हुई हो।

      इसी तरह मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर आदि अन्य पूजा स्थल चुनाव प्रचार के मंच नहीं बनाए जाएंगे।

      राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों को यह सलाह भी दी गई है कि वे निर्वाचन विधि के तहत भ्रष्ट आचरण और अपराध माने गए कार्यो से ईमानदारी से बचें।

      इनमें मतदाता को रिश्वत देना और डराना-धमकाना, मतदाता का प्रतिरूपण, मतदान केन्द्र के 100 मीटर के दायरे में वोट मांगना, मतदान समाप्ति के तयशुदा वक्त में खत्म होने वाले 48 घंटों में आम सभाएं करना और मतदाताओं को किसी सवारी से मतदान केन्द्रों तक लाना और वापस ले जाना शामिल है। इसी तरह चुनाव प्रचार के झण्डे, बैनर, नारों आदि के लिए बगैर संबंधित व्यक्ति की इजाजत के उसकी  जमीन, भवन, अहाते और दीवार का इस्तेमाल नहीं किया जायेगा।

      राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों से कहा गया है कि उनके समर्थक अन्य दलों की सभा और जुलूस में खलल न करें। दूसरे दल की सभाओं में लिखित प्रश्न पूछ कर या अपने पर्चे बॉट कर गड़बड़ी नहीं की जाए।

      अपने जुलूस उन जगहों से न गुजारें जहां दूसरे दल की सभा चल रही हो। एक-दूसरे के पोस्टरों को न हटाएं।

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31अक्टूबर से भरेंगे नामजदगी के पर्चे, वक्त रहेगा 11 से 3 बजे तक : आखिरी तारीख 7 नवंबर होगी

सीहोर 30 अक्टूबर (नि.सं.)। मध्य प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए विभिन्न उम्मीदवारों द्वारा नामजदगी के पर्चे दाखिल करने का सिलसिला 31 अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। इसी दिन राज्यपाल द्वारा अधिसूचना जारी की जाएगी। चुनाव आयोग ने पर्चे भरने का वक्त पूर्वान्ह 11 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक का तय किया है। सार्वजनिक अवकाश को छोड़कर हर दिन इसकी तयशुदा आखिरी तारीख 7 नवंबर तक पर्चे भरे जाएंगे। सीहोर जिले के विधानसभा क्षेत्र बुधनी के लिए जिला पंचायत अधिकारी को रिटर्निंग ऑफीसर बनाया गया है जिसके चलते बुधनी विधानसभा के नाम निर्देशन पत्र जिला मुख्यालय स्थित जिला पंचायत अधिकारी के कार्यालय में दाखिल होंगे। शेष विधानसभा क्षेत्रों आष्टा, इछावर और सीहोर के लिए संबंधित एस.डी.एम. रिटर्निंग ऑफीसर बनाए गए है जहां उनके स्थानीय कार्यालयों में ही नाम निर्देशन पत्र दाखिल किए जांएगे।

      चुनावी प्रक्रिया के पहले अहम हिस्से के बतौर नामजदगी के पर्चे भरे जाने का काम 31 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है। नामांकन दाखिल करते वक्त उम्मीदवार द्वारा 5000 रुपए की सुरक्षा निधि जमा की जाएगी लेकिन अनुसूचित जाति और जनजाति के उम्मीदवार को इसकी आधी रकम के बतौर केवल 2500 रुपए ही जमा करने होंगे। भले ही ये उम्मीदवार सामान्य सीट से ही चुनाव लड़ें।

      नामांकन दाखिल करते वक्त रिटर्निंग और सहायक रिटर्निंग अफसर की तयशुदा जगह पर 100 मीटर के दायरे में उम्मीदवारों के साथ तीन से ज्यादा गाड़ियों और उम्मीदवार समेत अधिकतम पाँच लोगों के प्रवेश की इजाजत दी जाएगी। पर्चा उम्मीदवार द्वारा खुद या उसके प्रस्तावक द्वारा पेश किया जाएगा। किसी भी उम्मीदवार द्वारा उसी निर्वाचन क्षेत्र में उसके या उसकी तरफ से अधिकतम चार पर्चे भरे जाएंगे। इसी तरह किसी भी उम्मीदवार द्वारा दो से ज्यादा संसदीय या विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों से पर्चे नहीं भरे जा सकेंगे।

      उम्मीदवार को चुनाव में यदि किसी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय या राज्य के राजनैतिक दल द्वारा खड़ा किया जा रहा है तो नामांकन के लिए उस निर्वाचन क्षेत्र का ही एक मतदाता उसका प्रस्तावक होगा। लेकिन, यदि उम्मीदवार किसी पंजीकृत पर गैर मान्यता प्राप्त दल द्वारा खड़ा किया जाता है या निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ता है तो उसके प्रस्तावकों की संख्या 10 होगी और इनका उसी निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता होना जरूरी होगा। नामांकन पत्र संशोधित फार्मों में भरे जाएंगे जो रिटर्निंग अफसर देंगे।

             इन्हें दाखिल करने का सिलसिला 31 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होते ही शुरू हो जाएगा। एक शपथपत्र का प्रारूप, चुनाव संचालन नियम और आयोग के निर्देश की प्रतियाँ भी उन्हें दी जाएंगी।

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कस्बे में 144 का उल्लंघन करने वालों पर प्रकरण दर्ज

      सीहोर 30 अक्टूबर (नि.सं.) कोतवाली पुलिस ने गत दिवस धारा 144 का उलंघन करने वाले 22 लोगों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज किया हैं।

      उल्लेखनीय है कि 29 अक्टूबर को दो वर्ग विशेष के लोगों ने कस्बा बजरिया में विवाद होने के पश्चात अपने-अपने समर्थकों को लेकर भीड एकत्रित कर ली थी। जबकि इस सम्बंध में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिला दण्डाधिकारी सीहोर ने धारा 144 द.प्र.सं. के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये हैं। जिला दण्डाधिकारी के विधि सम्मत आदेश का लोकेन्द्र सोनी, संतोष यादव, रवि यादव, सतीश राय, मंगला सोनी, महिपाल जैन, कैलाश चन्द्रवंशी, मनोज चंद्रवंशी, इशरार मियां, इरशाद पहलवान, हफीज, आरिफ, कामरान, इमरान पिता मकबूल, पप्पू खुरचन, अनवर पिता मजीद, जावेद पिता अजीज, भीमा, चम्पायादव, शाकिल पिता गफूर, इरफान, पिता नन्ने, फैजान पिता इरफान ने स्पष्ट उल्लंघन किया हैं। जिनके विरूद्ध धारा 188 भादवि. के तहत अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया हैं।

 

लूट का मामला दर्ज

      सीहोर 30 अक्टूबर (नि.सं.) बुधवार की शाम खेरी के समीप बस में सवारियां बैठाने की बात को लेकर लगभग आधा दर्जन लोगों ने बस के कन्डेक्टर के साथ मारपीट कर उससे नगदी 1000 रुपये छुडा लिये।

      राठौर बस क्रमांक एमपी-04-एच-7067 का कन्डेक्टर हरीशंकर गत बुधवार की शाम बारहा खम्बा से अपने बस में सवारिया भरकर आ रहा था जो खेरी से पहले सवारिया बैठाने के लिये बस को रोका तभी आयसर ट्रक का ड्रायवर बसीम ने आकर उससे कहा कि तुम सवारियों को नहीं ले जाओगे और यदि इन्हें ले जाओगे तो कमीशन देना पडेगा हरिशंकर द्वारा कमीशन देने से मना करने की बात को लेकर बसीम, शेरू, ईशू, व इकरार आदि ने उसके साथ मारपीट कर नगदी 1000 रुपये छुड़ा लिये। घटना की रिपोर्ट पर इछावर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया हैं।

 

सड़क हादसे में पांच घायल

      सीहोर 30 अक्टूबर (नि.सं.) जिले में हुये अलग-अलग सड़क हादसों में पांच लोग घायल हो गये। पुलिस ने सभी मामले दर्ज कर लिये है।

      जानकारी के अनुसार बुदनी रेहटी मार्ग पर बुधवार की शाम होलीपुरा के समीप लालरंग के एचएमटी ट्रेक्टर 2522 के चालक ने अपने वाहन को तेजगति एवं लापरवाहीपूर्वक चलाकर गोदी गुराड़िया तरफ जा रहे स्वरूपसिंह व रामबाबू तथा इनके एक अन्य साथी को टक्कर मारकर घायल कर दिया। घायल रामबाबू को  गंभीर अवस्था में उपचार हेतु भोपाल भेजा गया हैँ

      उधर आष्टा थाना क्षेत्र में आष्टा शुजालपुर रोड पर काजीखेड़ी के समीप नीले रंग के ट्रेक्टर चालक ने लापरवाही पूर्वक ट्रेक्टर को चलाते हुये सायकल सवार सेवाराम को टक्कर मारकर घायल कर दिया।

      इधर कोतवाली थाना क्षेत्र में काजीपुरा कस्बा के समीप बाईक क्रमांक एमपी-04 एमएल-4621 के चालक ने सैकड़ाखेड़ी निवासी सुनील शर्मा को टक्कर मारकर घायल कर दिया।

 

प्राणघातक हमले में दो घायल

      सीहोर 30 अक्टूबर (नि.सं.) ग्राम सेवनिया परिहार में मामूली सी बात को लेकर प्राणघातक हमले में दो लोग घायल हो गये। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया हैं।

      बिलकिसगंज थाना अन्तर्गत आने वाले ग्राम सेवनिया परिहार निवासी नाहर सिंह व नौकर सिंह में मंगलवार की रात आठ बजे कहा सुनी हो गई थी बुधवार को रमेश बारेला व नौकरसिंह बारेला, रामू बारेला, वीरपुर डेम से दिन करीब 3 बजे वापस अपने घर लौट रहे थे तभी लक्ष्मन बारेला के मकान के पीछे रास्ते पर रमेश बारेला खामखेडा वाले ने नौकरसिंह बारेला को सामने से रोककर गाली गुफ्तार करने लगा। इसी बीच नाहर सिंह बारेला हाथ में धारिया लेकर आया व गाली गालौच करते हुये राम बारेला को धारिया से सिर में प्रहर कर दिया नौकरसिंह बारेला जब रामू को बचाने गया तो उसे भी नाहर सिंह ने सिर में धारिया से प्रहार कर चोटे पहुंचाई। बिलकिसगंज पुलिस ने रमेश बारेला की रिपोर्ट पर नाहर सिंह व रमेश बारेला के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर घायलों को उपचार हेतु भर्ती कराया गया है।

 

25 जुंआरी गिरफ्तार

      सीहोर 30 अक्टूबर (नि.सं.) जिले की पुलिस ने असामाजिक तत्वों की धरपकड़ के दौरान 24 जुंआरियों को गिरफ्तार करते हुये इनसे लगभग 20 हजार रुपये नगदी जप्त किये है।

      प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त कार्यवाही के तहत रेहटी थाना पुलिस ने ग्राम सगोनिया निवासी बादशाह आ. नानेश, कमलसिंह आ. नन्दलाल, श्याम आ. गोवर्धन तथा सलकनपुर निवासी अनिल आ. मिटठूलाल, लक्ष्मण आ. रामलाल राधेश्याम आ. चैनसिंह ग्राम बांया निवासी रमेश, मंगलसिंह, राकेश, सीताराम कोतवाली पुलिस ने राशिद आ. रहीश, मुबारिक, हनीफ आ. हबीव तथा इछावर पुलिस ने कालापीपल निवासी महेश, दौलत, दिनेश एवं इछावर निवासी लईक, मनोज, शहीद, इकबाल, कदीर, सुनील, योगेन्द्र को ताश पत्तों से हारजीत व ताश पत्ते जप्त कर धूत अधिनियम के तहत कार्यवाही की हैं। उधर नस.गंज थाना पुलिस ने सार्वजनिक स्थान पर तलवार लेकर घूमते पाये जाने पर बजरंग कुटी निवासी राजेन्द्र उर्फ रामू आ. रामचन्द्र को गिरफ्तार कर आर्म्स एक्ट के तहत कार्यवाही की हैं।

 

कुएं में डूबने से विवाहिता की मौत

      सीहोर 30 अक्टूबर (नि.सं.) बीती रात बिलकिसंज स्थित कुंये में डूबने से एक विवाहिता की मौत हो गई। सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरु कर दी हैं।

      जानकारी के अनुसार ग्राम जीवनताल निवासी 45 वर्षीय रामकूबाई अपने पति माछा भईया बारेला के साथ बुधवार की रात्रि को अपने बियाई के यहां पर रहे थे, रामकू बाई अंधेरे में आगे-आगे चल रही थी तभी अचानक वह फतेसिंह परमार के बाड़ी वाले कुये में जा गिरी जिसे पति बचाने के लिये कुये में कूदा किन्तु वह बच नहीं सकी और उसकी मौत हो गई।

 

एक ने फांसी लगायी दूसरी ने जहर खाना तीसरी चिमनी से जली

      सीहोर 30 अक्टूबर (नि.सं.)। मण्डी थाना क्षेत्र में आग से जली एक विवाहिता सहित तीन लोगों की मौत हो गई। सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरु कर दी हैं।

      जानकारी के अनुसार मण्डी थाना क्षेत्र के ग्राम फूलमोगरा में रहने वाले राजेन्द्र की 25 वर्षीय पत्नि गत दिनों अपने ही घर में गैस चूल्हे पर चिमनी गिरने से गंभीर रूप से जल गई थी जिसे उपचार हेतु अस्पताल सीहोर लाया गया। जहां पर उसकी मौत  हो गई।

      उधर रेहटी थाना क्षेत्र में ग्राम चिचलाय निवासी नर्बदा प्रसाद वर्मा की 20 वर्षीय पत्नी सुलेखा ने गत दिनों अज्ञात कारणों के चलते जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया था जिसे उपचार हेतु हमीदिया अस्पताल भोपाल में दाखिल कराया गया  था जहां पर उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

      इधर बिलकिसगंज थाना क्षेत्र के वीरपुर में रहने वाले 60 वर्षीय भोलाराम आ. इसमाल बारेला ने गत दिवस अपने ही घर में म्याल से रस्सी का फंदा अपने गले में डालकर खुदखुशी कर ली थी। बताया जाता है कि भोलाराम अपने 18 वर्षीय पुत्र मुन्नाराम के साथ अपने घर में रहता था घटना दिनांकी सुबह भोलाराम का पुत्र घर के पीछे था जब वह अपने घर में आगे आया तो देखा कि उसका पिमा म्याल में रस्सी से गले में फंदा लगाकर लटका हुआ हैं। जिसने तत्काल चौकी पहुंचकर पुलिस को सूचना दी सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने भोलाराम को नीचे उतारा तब तक उसकी सांचे चल रही थी किन्तु कुछ ही समय पश्चात उसकी मौत हो गई।

 

जान से मारने की धमकी

      आष्टा 30 अक्टूबर (नि.प्र.) मैना में एक शराब की दुकान पर शराबी को उधार शराब नहीं देने पर शराब दुकान संचालक शंकरलाल को देवीलाल खाती ने शराब उधार मांगी नहीं दी तो गालिया बकी और जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है।

 

पेरों में चोंट पहुंचाई

      आष्टा 30 अक्टूबर (नि.प्र.) बुधवारा में एक मोटर सायकल चालक ने वाहन को तेजी व लापरवाही पूर्वक चलाते हुए रमेश मालवीय निवासी हाथीखाना आष्टा को टक्कर मारकर पैरों में चोंट पहुंचाई।


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