Thursday, February 14, 2008
त्यागी बाबा के आश्रम में मनाया गया बसंत उत्सव
सीहोर 13 फरवरी (फुरसत), सीहोर शहर के वद्र श्री श्री 108 त्यागी बाबा के आश्रम में बसंत उत्सव मनाया गया जिसमें शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों से बाबा का आशीर्वाद लेने बड़ी संख्या भक्तगण पहुँचे वहीं बाबा ने उपस्थित भक्तों पर केसरिया रंग की पिचकारी भर आपने शिष्यों को आशीर्वाद दिया वहीं जिला पंचायत के पूर्व सदस्य व कांग्रेस नेता कमलेश कटारे द्वारा बाबा की पुष्पमाला पहनाकर आरती कर चरण वंदना की व बाबा श्री से आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री त्यागी बाबा ने आपने भक्तों को आशीष वचन भी दिये वहीं देर रात तक भक्तों ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण भी किया। fursat sehore
दस इन्द्रियों की स्थिति से बनते हैं दशरथ और दशानन - स्वामी रामकमल दास जी
सीहोर 12 फरवरी (फुरसत)। पाँच इन्द्रियाँ और पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ ये दस इन्द्रियों पर जिसका नियंत्रण होता है जो इन पर लगाम कसकर संयम के कोड़े बरसाता हुआ जीवन रथ भगवान के चरणों में बढाता है, उसे ही दशरथ कहते हैं और जो इन दस इन्द्रियों पर कोई संयम नहीं रख पाता और दसों इन्द्रियों के घोड़ों को काबू में नहीं रखते हुए निरंकुश जीवन जीता है, वही दशानन है।
इस आशय के उद्गार काशी से पधारे स्वामी रामकमल दास जी महाराज ने विधायक रमेश सक्सनो के गृह ग्राम में लगातार 27 वीं बार मानस प्रचार समिति बरखेड़ाहसन के तत्वाधान में हो रही संगीतमयी श्रीरामकथा के पहले दिन बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। स्वामी जी ने कहा कि नास्तिक कभी सुखी नहीं हो सकता क्योंकि किसी का सुख-दुख किसी की समृध्दि से नहीं पाता चलता है। उन्होने कहा कि गरीबों को दुख होता है और अमीरों को कष्ट होता है। जिस गरीब के पास खाने को दाने नहीं हो, सोने को बिस्तर नहीं हो तो उसे दुख होता है लेकिन जिस अमीर को छप्पन प्रकार के व्यंजन बनने के बाद डाक्टर ने खाने से मना कर दिया हो, और सोने के लिये गद्दा होने पर भी नींद न आए तो उसे कष्ट होता है। उन्होने कहा कि मानव जीवन भी एक कला है जिसे यह कला आती है वह हर स्थिति में आनंद के साथ जीता है और जिसे जीवन जीने की यह कला नहीं आती वह हाय-हाय करता रहता है। उन्होने राम बनवास प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि जब भरत जी वशिष्ठ जी से कहा कि राम जी के वनवास के लिये पूरी तरह कैकेयी दोषी नहीं है क्योंकि कैकेयी ने पहले वरदान मांगा था भरत को राजगद्दी और दूसरे नंबर पर राम को बनवास तो पहले राम को वनवास क्यों दिया गया ? भरत जी ने कहा कि यदि पहले नम्बर के वरदान को पहले दिया जाता तो किसी की ताकत नहीं थी कि रामजी को वनवास हो जाता। इस पर श्री वशिष्ठ जी ने कहा कि यह सब दोष कैकयी का नहीं क्योंकि कैकेयी तो मात्र एक माध्यम थी, इस पूरी कथा के सूत्रधार तो श्रीराम स्वयं थे। उनकी ही प्रेरणा से यह सब हुआ क्योंकि यदि कैकेयी ये दो वर नहीं मांगती तो आज राजा राम, भगवान राम नहीं बन पाते। स्वामी जी ने कहा कि राजा हरीश्चन्द्र ने श्रीराम से भी अधिक दुख पाया क्योंकि उन्होने तो राजा बनने के बाद पत्नि को त्यागा और अपने पुत्र की मृत्यु होने पर भी अपनी पत्नि से श्मशान को टैक्स मांगा किंतु कहीं भी राजा हरीश्चन्द्र की पूजा नहीं होती क्योंकि उनके जीवन में कोई कैकेयी नहीं थी। स्वामी जी ने कहा कि जीवन में पात्रों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। यह कर्मयुग है इसलिये कर्म करने पर आदमी की पहचान बनती है। आज कथा की शुरुआत में विधायक रमेश सक्सेना ने सपत्निक व्यासगादी की पूजा अर्चना कर कथा की विधिवत शुरुआत कराई। कथा स्थल पर व्यापक तैयारियाँ कर इसे भव्य स्वरुप प्रदान किया गया है। आज से लगातार बरखेड़ाहसन में श्रीरामरस में गंगा बहती रहेगी। विधायक श्री सक्सेना ने सभी धर्मप्रेमियों से श्रीरामकथा में उपस्थित होने का अनुरोध किया है। sehore fursat
इस आशय के उद्गार काशी से पधारे स्वामी रामकमल दास जी महाराज ने विधायक रमेश सक्सनो के गृह ग्राम में लगातार 27 वीं बार मानस प्रचार समिति बरखेड़ाहसन के तत्वाधान में हो रही संगीतमयी श्रीरामकथा के पहले दिन बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। स्वामी जी ने कहा कि नास्तिक कभी सुखी नहीं हो सकता क्योंकि किसी का सुख-दुख किसी की समृध्दि से नहीं पाता चलता है। उन्होने कहा कि गरीबों को दुख होता है और अमीरों को कष्ट होता है। जिस गरीब के पास खाने को दाने नहीं हो, सोने को बिस्तर नहीं हो तो उसे दुख होता है लेकिन जिस अमीर को छप्पन प्रकार के व्यंजन बनने के बाद डाक्टर ने खाने से मना कर दिया हो, और सोने के लिये गद्दा होने पर भी नींद न आए तो उसे कष्ट होता है। उन्होने कहा कि मानव जीवन भी एक कला है जिसे यह कला आती है वह हर स्थिति में आनंद के साथ जीता है और जिसे जीवन जीने की यह कला नहीं आती वह हाय-हाय करता रहता है। उन्होने राम बनवास प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि जब भरत जी वशिष्ठ जी से कहा कि राम जी के वनवास के लिये पूरी तरह कैकेयी दोषी नहीं है क्योंकि कैकेयी ने पहले वरदान मांगा था भरत को राजगद्दी और दूसरे नंबर पर राम को बनवास तो पहले राम को वनवास क्यों दिया गया ? भरत जी ने कहा कि यदि पहले नम्बर के वरदान को पहले दिया जाता तो किसी की ताकत नहीं थी कि रामजी को वनवास हो जाता। इस पर श्री वशिष्ठ जी ने कहा कि यह सब दोष कैकयी का नहीं क्योंकि कैकेयी तो मात्र एक माध्यम थी, इस पूरी कथा के सूत्रधार तो श्रीराम स्वयं थे। उनकी ही प्रेरणा से यह सब हुआ क्योंकि यदि कैकेयी ये दो वर नहीं मांगती तो आज राजा राम, भगवान राम नहीं बन पाते। स्वामी जी ने कहा कि राजा हरीश्चन्द्र ने श्रीराम से भी अधिक दुख पाया क्योंकि उन्होने तो राजा बनने के बाद पत्नि को त्यागा और अपने पुत्र की मृत्यु होने पर भी अपनी पत्नि से श्मशान को टैक्स मांगा किंतु कहीं भी राजा हरीश्चन्द्र की पूजा नहीं होती क्योंकि उनके जीवन में कोई कैकेयी नहीं थी। स्वामी जी ने कहा कि जीवन में पात्रों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। यह कर्मयुग है इसलिये कर्म करने पर आदमी की पहचान बनती है। आज कथा की शुरुआत में विधायक रमेश सक्सेना ने सपत्निक व्यासगादी की पूजा अर्चना कर कथा की विधिवत शुरुआत कराई। कथा स्थल पर व्यापक तैयारियाँ कर इसे भव्य स्वरुप प्रदान किया गया है। आज से लगातार बरखेड़ाहसन में श्रीरामरस में गंगा बहती रहेगी। विधायक श्री सक्सेना ने सभी धर्मप्रेमियों से श्रीरामकथा में उपस्थित होने का अनुरोध किया है। sehore fursat
ग्राम पटेल को माता ने दिये स्वप्न में दर्शन पूरा ग्राम मनायेगा माता पूजन का उत्सव
जावर 12 फरवरी (फुरसत)। चाहे संचार क्रांति एवं विज्ञान आज भले ही बहुत आगे निकल गया हो लेकिन गांवों में आज भी सैकड़ो वर्ष पुरानी परम्पराओं का निर्वहन किया जा रहा है। ऐसी ही परम्परा का निर्वहन तहसील क्षेत्र के ग्राम ग्वाला में 13 फरवरी को किया जायेगा। सैकड़ों वर्ष पुरानी गांव गौर माता पूजन जिसे ढोलावा की माता पूजन भी कहा जाता है।
यह पूजन आज भी पूरे ग्राम की एकता के रुप में सम्पन्न होती है। मान्यता के अनुसार ग्राम पटेल को स्वप् आने के बाद पूरा गांव उसका अनुसरण करता है और सभी घरों में माता का पूजन किया जाता है। गांव में प्रत्येक घर में बिना जाति एवं वर्ग भेद के मेहमानों का आगमन होता है एवं एक ही देवी शीतला माता का पूजन किया जाता है। माता पूजन को लेकर पूरे गांव में उत्साह का माहौल है। ग्राम पटेल धन सिंह ने बताया कि उन्हे एक माह पूर्व सपना आया था । सपने में माता ने कहा था कि गांव में माता का पूजन किया जाये। इसकी सूचना पूरे ग्राम के लोगों को बकायदा मुनादी करके दी गई थी। इसके बाद ग्रामीणों ने पंडित से इस आयोजन की मुहूर्त 13 फरवरी का निकाला। मुहूर्त निकलने के बाद से गांव के हर घर में आमंत्रण पत्रिका छपवाकर रिश्तेदारों तथा मिलने वालों को निमंत्रण भेजकर आमंत्रित किया गया है। यह पूजन शाकाहारी एवं मांसाहारी दोनो प्रकार की होती है। इसमें विशेष बात यह है कि गांव में सामुहिक पूजन हो जाने से उस गांव में विवाह आदि में अलग से माता पूजन को कार्यक्रम नहीं होता है। ग्राम के धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि माता-पूजन के दौरान महिलाएं अपने सिर पर अग्नियुक्त सिगड़ी रखकर नंगे पैर तथा दोनो हाथों को कच्चे सूत से बांधकर पूजन के लिये जाती है। उसके बाद उन महिलाओं के भाई सिगड़ी उतारने की रस्म पूरी करते हैं।
इस माता पूजन कार्यक्रम में कई लोग जानवर की बली भी देते हैं। गांव के बुजुर्गों के अनुसार गांव में करीब 48 वर्ष पहले माता पूजन का कार्यक्रम हुआ था इसके बाद अब हो रहा है। ग्राम के माधो सिंह ने बताया कि माता पूजन को लेकर पूरे गांव में उत्साह का माहौल है वहीं गांव के प्रत्येक घरों की साफ-सफाई कर दीवारों का रंग रोगन किया गया है। वहीं माता-पूजन कार्यक्रम में शामिल होने के लिये आये मेहमानों द्वारा अपने रिश्तेदारों का वस्त्र भेंट किये जावेंगे। इसी प्रकार का माता पूजन कार्यक्रम नजदीकी ग्राम बरछापुरा में भी 18 फरवरी को होगा इसके लिये इस गांव में भी तैयारियाँ जोर शोर से चल रही है। इसके पहले इस प्रकार से माता पूजन का आयोजन क्षेत्र के ग्राम टोल का खेड़ा मूण्डला चौकी बाजखेड़ी आदि गांवों में पूर्व में हो चुका है। sehore fursat
यह पूजन आज भी पूरे ग्राम की एकता के रुप में सम्पन्न होती है। मान्यता के अनुसार ग्राम पटेल को स्वप् आने के बाद पूरा गांव उसका अनुसरण करता है और सभी घरों में माता का पूजन किया जाता है। गांव में प्रत्येक घर में बिना जाति एवं वर्ग भेद के मेहमानों का आगमन होता है एवं एक ही देवी शीतला माता का पूजन किया जाता है। माता पूजन को लेकर पूरे गांव में उत्साह का माहौल है। ग्राम पटेल धन सिंह ने बताया कि उन्हे एक माह पूर्व सपना आया था । सपने में माता ने कहा था कि गांव में माता का पूजन किया जाये। इसकी सूचना पूरे ग्राम के लोगों को बकायदा मुनादी करके दी गई थी। इसके बाद ग्रामीणों ने पंडित से इस आयोजन की मुहूर्त 13 फरवरी का निकाला। मुहूर्त निकलने के बाद से गांव के हर घर में आमंत्रण पत्रिका छपवाकर रिश्तेदारों तथा मिलने वालों को निमंत्रण भेजकर आमंत्रित किया गया है। यह पूजन शाकाहारी एवं मांसाहारी दोनो प्रकार की होती है। इसमें विशेष बात यह है कि गांव में सामुहिक पूजन हो जाने से उस गांव में विवाह आदि में अलग से माता पूजन को कार्यक्रम नहीं होता है। ग्राम के धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि माता-पूजन के दौरान महिलाएं अपने सिर पर अग्नियुक्त सिगड़ी रखकर नंगे पैर तथा दोनो हाथों को कच्चे सूत से बांधकर पूजन के लिये जाती है। उसके बाद उन महिलाओं के भाई सिगड़ी उतारने की रस्म पूरी करते हैं।
इस माता पूजन कार्यक्रम में कई लोग जानवर की बली भी देते हैं। गांव के बुजुर्गों के अनुसार गांव में करीब 48 वर्ष पहले माता पूजन का कार्यक्रम हुआ था इसके बाद अब हो रहा है। ग्राम के माधो सिंह ने बताया कि माता पूजन को लेकर पूरे गांव में उत्साह का माहौल है वहीं गांव के प्रत्येक घरों की साफ-सफाई कर दीवारों का रंग रोगन किया गया है। वहीं माता-पूजन कार्यक्रम में शामिल होने के लिये आये मेहमानों द्वारा अपने रिश्तेदारों का वस्त्र भेंट किये जावेंगे। इसी प्रकार का माता पूजन कार्यक्रम नजदीकी ग्राम बरछापुरा में भी 18 फरवरी को होगा इसके लिये इस गांव में भी तैयारियाँ जोर शोर से चल रही है। इसके पहले इस प्रकार से माता पूजन का आयोजन क्षेत्र के ग्राम टोल का खेड़ा मूण्डला चौकी बाजखेड़ी आदि गांवों में पूर्व में हो चुका है। sehore fursat
सरकारी गेहूँ बेचने आया एक और व्यापारी पकड़ाया
सीहोर 12 फरवरी (फुरसत)। एक बार फिर शासकिय लाल गेहूँ यहाँ खुले आम गल्ला मण्डी में बिकने आया जिसकी जानकारी मिलने पर तत्काल कार्यवाही की गई लेकिन विक्रेता का कहना था कि मैं क्या करुं मेरे पास रखा है तो बेचूंगा ही। असल में हुआ यूँ कि ओम प्रकाश राठौर ब्रिजिस नगर इछावर निवासी आज एक 407 कट्टा में खुला लाल सरकारी गेहूँ भरकर लाया था और इसने इसे मण्डी में नीलामी में लगा दिया था। जब इसकी जानकारी हुई तो इसे सबने पकड़ लिया। मण्डी सचिव को जानकारी हुई। जब ओम प्रकाश से इस बावत पूछा गया तो उसने कहा कि मेरी ब्रिजिस नगर में किराने की दुकान है जहाँ गरीब परिवार के लोग मुझे गेहूँ देकर बदले में किराने का सामान ले जाते हैं जब गेहूँ यादा हो गया तो इस बार मैं यहाँ बेचने ले आया हूँ। उल्लेखनीय है कि ओम राठौर की पत्नि पालक शिक्षक संघ की अध्यक्ष हैं। sehore fursat
हत्या के आरोप में आजीवन कारावास
सीहोर 12 फरवरी (फुरसत)। आज विशेष न्यायाधीश श्री एम.के.महेन्द्रा ने आरोपी रामप्रसाद पुत्र कनीराम रघुवंशी निवासी हैदरगंज थाना मण्डी सीहोर को प्रेम सिंह की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास एवं 5 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया।
अपर लोक अभियोजक अनिल शर्मा के अनुसार 1 नवम्बर 06 को मृतक प्रेमसिंह एवं आरोपी राम प्रसाद की मेड़ का विवाद चल रहा था तभी आरोपी रामप्रसाद ने मृतक के सिर में कुल्हाड़ी से वार किया तथा आरोपी नारायण एवं धनलाल ने डंडे से वार किया जिसके कारण उसकी उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। साक्ष्य का मूल्यांकन करने के उपरांत एवं दोनो पक्षों की बहस के उपरांत न्यायालय ने अपने 33 पृष्ठीय निर्णय में आरोपी रामप्रसाद को धारा 302 में आजीवन कारावास एवं आरोपीगण धनलाल एवं नारायण को धारा 323 में 3-3 माह के कारावास से दंडित किया। sehore fursat
अपर लोक अभियोजक अनिल शर्मा के अनुसार 1 नवम्बर 06 को मृतक प्रेमसिंह एवं आरोपी राम प्रसाद की मेड़ का विवाद चल रहा था तभी आरोपी रामप्रसाद ने मृतक के सिर में कुल्हाड़ी से वार किया तथा आरोपी नारायण एवं धनलाल ने डंडे से वार किया जिसके कारण उसकी उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। साक्ष्य का मूल्यांकन करने के उपरांत एवं दोनो पक्षों की बहस के उपरांत न्यायालय ने अपने 33 पृष्ठीय निर्णय में आरोपी रामप्रसाद को धारा 302 में आजीवन कारावास एवं आरोपीगण धनलाल एवं नारायण को धारा 323 में 3-3 माह के कारावास से दंडित किया। sehore fursat
युवक ने फांसी लगा खुदकुशी की
इछावर 12 फरवरी (फुरसत)। नहर कालोनी इछावर निवासी एक युवक ने बीती रात सागौन के पेड़ से फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरु कर दी है। जानकारी के अनुसार नहर कालोनी इछावर निवासी मदनलाल पारदी का 23 वर्षीय पुत्र दिनेश ने बीती रात्रि अज्ञात कारणों से रुप सिंह की बीड़ में सागौन के पेड़ से फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। पुलिस ने सूचना पर शव को पोस्ट मार्टम हेतु भेज मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरु कर दी है। इधर मण्डी थाना अन्तर्गत नरसिंहगढ़ नाका निवासी 45 वर्षीय हुकुमचंद्र पुत्र लक्ष्मी सिंह धोबी लाईनमेन को गत दिनों बिजली करंट लगने से उपचार हेतु पालीवाल अस्पताल भोपाल में भर्ती कराया गया था जहाँ पर उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। sehore fursat
सडक़ हादसा तीन घायल
सीहोर 12 फरवरी (फुरसत)। जिले में हुए अलग-अलग सड़क हादसों में तीन लोग घायल हो गये। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिये हैं।
जानकारी के अनुसार त्रिपोलिया आष्टा निवासी 28 वर्षीय नवेद अली गत सोमवार को साढ़े बारह बजे अपनी बाइक से घर से आष्टा बस स्टेण्ड तरफ आ रहा था तभी सामने से आ रहे बिना नमबर के बाईक चालक ने उसकी बाइक में टक्कर मारकर घायल कर दिया।
उधर नस.गंज थाना अन्तर्गत नेहरुगांव निवासी 26 वर्षीय भगत सिंह कीर नंदगांव बस स्टेण्ड पर आज सुबह ट्रेक्टर का टायर पंचर बनवा रहा था तभी विपरीत दिशा से आ रहे बाइक चालक सुमेर ने लापरवाही पूर्वक वाहन चलाकर टक्कर मारकर घायल कर दिया जिसे प्राथमिक उपचार के बाद भोपाल के लिये स्थानान्तरित किया गया है।
इधर मण्डी थाना क्षेत्र में फ्रीगंज मण्डी निवासी राम सिंह आज दोपहर को साइकल से एक बजे दिन गल्ला मण्डी तरफ आ रहा था तभी पीछे से ट्रक एमपी 28 बी 1080 के चालक ने लापरवाही पूर्वक वाहन चलाकर उसे टक्कर मारकर घायल कर दिया। sehore fursat
जानकारी के अनुसार त्रिपोलिया आष्टा निवासी 28 वर्षीय नवेद अली गत सोमवार को साढ़े बारह बजे अपनी बाइक से घर से आष्टा बस स्टेण्ड तरफ आ रहा था तभी सामने से आ रहे बिना नमबर के बाईक चालक ने उसकी बाइक में टक्कर मारकर घायल कर दिया।
उधर नस.गंज थाना अन्तर्गत नेहरुगांव निवासी 26 वर्षीय भगत सिंह कीर नंदगांव बस स्टेण्ड पर आज सुबह ट्रेक्टर का टायर पंचर बनवा रहा था तभी विपरीत दिशा से आ रहे बाइक चालक सुमेर ने लापरवाही पूर्वक वाहन चलाकर टक्कर मारकर घायल कर दिया जिसे प्राथमिक उपचार के बाद भोपाल के लिये स्थानान्तरित किया गया है।
इधर मण्डी थाना क्षेत्र में फ्रीगंज मण्डी निवासी राम सिंह आज दोपहर को साइकल से एक बजे दिन गल्ला मण्डी तरफ आ रहा था तभी पीछे से ट्रक एमपी 28 बी 1080 के चालक ने लापरवाही पूर्वक वाहन चलाकर उसे टक्कर मारकर घायल कर दिया। sehore fursat
कांग्रेस नेता बाबूलाल वर्मा का हृदयघात से निधन, आज 9 बजे अंतिम यात्रा
सीहोर 12 फरवरी (फुरसत)। जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्री बाबूलाल वर्मा का आज हृदयाघात से निधन हो गया। श्री वर्मा के निधन का समाचार फैलते ही शहर में शोक व्याप्त हो गया और उनके शुभेच्छु, कांग्रेस कार्यकर्ता उन्हे श्रध्दासुमन अर्पित करने उनके निवास पर पहुँचते रहे।विगत चार माह पूर्व स्व. श्री वर्मा की वायपास सर्जरी हुई थी तभी से उनका स्वास्थ्य नरम-गरम रहा करता था। आज हृदयाघात होने पर उनका निधन हो गया। आज स्व. श्री वर्मा की अंतिम यात्रा उनके निवास लुनिया मोहल्ले से प्रात: 9 बजे प्रारंभ होगी। sehore fursat
श्री सांईबाबा समिति संस्थान की बैठक सम्पन्न
सीहोर 12 फरवरी (फुरसत)। श्री सांई बाबा समिति संस्थान राजीव नगर चाणक्यपुरी सीहोर में सांई मंदिर निर्माण बावत सर्वसांई भक्तों के समक्ष मंदिर निर्माण की समिति का गठन किया गया। समस्त सांई भक्त धर्मप्रेमी एवं नगर तथा कालोनी निवासी का आभार प्रकट किया गया। इस पुनीत कार्य में समाज एवं कालोनी के प्रबुध्दजनों ने सहयोग कर इस पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करने का पूर्ण आश्वासन दिया।
मंदिर की भव्यता एवं अग्रिम कार्य की रुपरेखा पर चर्चा की गई। जिसमें जसपाल सिंह अरोरा, अक्षत कासट, डॉ अनिल शर्मा, अखलेश राठौर, राजेन्द्र सिंह सिसोदिया, नरेन्द्र सिंह सिसोदिया, अजय तिवारी, राजेश राठौर, संतोष रैकवार, संतोष राठौर, अमित जैन, यशवंत ठाकुर, किशन राठौर, बबलु चतुर्वेदी, अजय शर्मा, पप्पु धाड़ी, खरे जी, संतोष गुप्ता, महेश राय, राधेश्याम खरे, अशोक जैन, परवेज आजाद, नरेन्द्र तिवारी, गोपाल ठाकुर, वेश साहब, रवि शर्मा, संजय ठाकुर, रुपम के.एम.शर्मा, किशन ठेकेदार, पंडित बी.पी. मिश्रा, नवीन, राजेश चौहान, प्रमोद पाटीदार, नरेन्द्र सिंह चौहान, नीरज परमार, पप्पु मालिक, राम शिरोमणी तिवारी, रवि तिवारी, राजेन्द्र मालवीय, शंभु दयाल शर्मा, मदनलाल रैकवार, सोनू धाड़ी एवं छगन बैरागी आदि उपस्थित रहे। अंत में सभी का आभार प्रकट संस्था के अध्यक्ष पदम जैन ने किया एवं समापन भाषण एवं आभारी संस्था के संयोजक सुनील धाड़ी ने किया। sehore fursat
मंदिर की भव्यता एवं अग्रिम कार्य की रुपरेखा पर चर्चा की गई। जिसमें जसपाल सिंह अरोरा, अक्षत कासट, डॉ अनिल शर्मा, अखलेश राठौर, राजेन्द्र सिंह सिसोदिया, नरेन्द्र सिंह सिसोदिया, अजय तिवारी, राजेश राठौर, संतोष रैकवार, संतोष राठौर, अमित जैन, यशवंत ठाकुर, किशन राठौर, बबलु चतुर्वेदी, अजय शर्मा, पप्पु धाड़ी, खरे जी, संतोष गुप्ता, महेश राय, राधेश्याम खरे, अशोक जैन, परवेज आजाद, नरेन्द्र तिवारी, गोपाल ठाकुर, वेश साहब, रवि शर्मा, संजय ठाकुर, रुपम के.एम.शर्मा, किशन ठेकेदार, पंडित बी.पी. मिश्रा, नवीन, राजेश चौहान, प्रमोद पाटीदार, नरेन्द्र सिंह चौहान, नीरज परमार, पप्पु मालिक, राम शिरोमणी तिवारी, रवि तिवारी, राजेन्द्र मालवीय, शंभु दयाल शर्मा, मदनलाल रैकवार, सोनू धाड़ी एवं छगन बैरागी आदि उपस्थित रहे। अंत में सभी का आभार प्रकट संस्था के अध्यक्ष पदम जैन ने किया एवं समापन भाषण एवं आभारी संस्था के संयोजक सुनील धाड़ी ने किया। sehore fursat
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