Sunday, March 9, 2008

...और मारे भय के कलेक्टरी का शुध्दीकरण करवा डाला ( फागुन हास्‍य समाचार )

सीहोर। कलेक्टर कार्यालय में विगत कुछ दिनों से यह भ्रम फैला हुआ है कि यहाँ की दशा बिगड़ गई है, अब तरह-तरह के भ्रम और बातें तो यहाँ आम बात हैं ही क्योंकि पिछले कुछ दिनों से यहाँ आये दिन कुछ न कुछ गड़बड़ झाला हो ही रहा है। कभी कोई आंदोलन कारी आ जाते हैं, कभी घेराव हो जाता है। तरह-तरह के अपशकुन भी यहाँ होने लगे थे। पिछले कुछ दिनों से कुछ लोगों की छांव भी यहाँ गलत पड रही थी और कुछ लोग यहाँ से दूर भी हो गये थे। पूर्व के अनुभवी बाबु लोगों का मानना था कि गलत लोगों की संगत और छांव पूरी कलेक्टरी पर पड़ रही है, उसी के परिणामस्वरुप निरन्तर कोई ना कोई हानि हो रही है। बुरी छांव पड़ने का उतारा कैसे हो यह किसी को मालूम नहीं था....क्योंकि आजकल यहाँ अच्छी सलाह देने वाले कम ही आते हैं...और जो आते हैं वो ऐसा निपटवाते हैं बेचारा कोई समझ ही नहीं पाता कि उसके साथ कब ? कैसे ? किस प्रकार ? क्या हुआ है ? सीहोर में भी ऐसे महारथियों की कमी नहीं है जिनके पांव पढ़ते ही अच्छे-अच्छों की तबियत नासाज हो जाती है...तो चर्चा थी कि हो सकता है इसी का कुछ बुरा असर हो गया है। इधर लगातार बुरी छांव पढ़ने के फल भी देखने को मिलने लगे थे, कभी कहीं किसी का विवाद हो जाता था, कभी कहीं कोई बदमिजाज हो जाता था, कभी कहीं कोई अच्छे माहौल को बिगाड़ जाता था, कभी कोई तनाव की स्थिति पैदा हो जाती थी, कभी-कभी तो स्थिति इतनी विकट हो जाती थी कि लेने के देने पड ज़ाते थे और फिर पिछले दिनों महाशिवरात्री पर तो हद ही हो गई जब जबरन की कालदशा ने आकर घेर लिया। इसके पीछे किसका हाथ हो सकता है इतनी बुध्दी तो यहाँ किसी की नहीं चल पाई लेकिन भारतीय व्यक्तियों में जन्मजात कुछ संस्कार तो होते ही हैं उसी के परिणामस्वरुप न जानते हुए भी शुध्दीकरण का एक टोटका तो यहाँ कलेक्टरी में करवा ही दिया गया है।
गणपति जी का नाम लेकर यहाँ कलेक्टरी की कल धुलवाई करवाई गई। धुलवाई क्या थी शुध्दीकरण समारोह था जिसमें कलेक्टरी प्रांगण से लेकर दरवाजे के बाहर तक बकायदा सड़क की धुलाई अग्निशामक वाहन से हुई, कारखाने के श्रमिकों के टेंट तक की अच्छी धुलाई हुई ताकि कहीं कोई बुरी बला आदि हो तो शुध्दीकरण से दूर हट जाये और इस प्रकार कुछ निश्चिंतता आई है। वैसे ही पतझड़ के मौसम में आये दिन कई पत्तियाँ पेड़ों का साथ छोड़कर हवाओं में गोते लगा रही हैं...धुल भरी हवाएं भी चल ही रहीं हैं....जो आये दिन सबकुछ धूलमधूल कर देती हैं...फिर होली आने ही वाली हैं जहाँ सारे चेहरे एक रंगे में रंग जायेंगे तो फिर ऐसे मौसम में शुध्दीकरण क्यों कराया गया इसको लेकर चर्चाएं हैं और कलेक्टरी में इसी पर हास्य उत्पन्न हो रहा है।

सीहोर में कोटवारों को मिली महिला दिवस पर साईकिल

हवा थी इतनी कम कि सारे पैदल ले गये, हल्की
किस्म की साईकिल देखते रह गये कोटवार.....
सीहोर 8 मार्च (फुरसत)। आज मध्य प्रदेश शासन की और से जिले भर के कोटवारों को बड़े स्तर पर नई साईकिलों का वितरण किया गया। नई साईकिल देखकर पहले तो कोटवार खासे खुश हुए लेकिन जब बाहर निकले तो पता चला कि उनमें तो हवा तक नहीं भरी है। साईकिल इतनी लुंज-पुंज थीं कि कोटवारों की खुली एक ही टिप्पणी थी कि भैया ये गांव के गड्डे में कैसे चल पायेगी।
करना धरना कुछ नहीं नाम दरोगा धर दो, वाली कहावत में यहाँ प्रशासन ने कोटवारों को आज साईकिल वितरित की, लेकिन साईकिल ऐसी दी गई कि बस नाम को ही साईकिल है, लेकिन मजबूती उसमें अपेक्षा से बहुत कम है।
सामान्य साईकिलों के वजन से लगभग आधे वजन की साईकिल को आज कोटवारों को बांटा गया। साईकिल में पहले पहल तो देखने पर पाया गया कि अधिकांश में हवा ही नहीं भरी थी। जब खोज हुई तो यह युक्ति समझ आई कि हवा इसलिये कम कि कोटवार यहाँ से जब जायें तो खुशी-खुशी जायें अगर हवा होगी तो बैठकर जायेंगे और बैठ गये तो कमजोर साईकिलें कहीं इधर-उधर न हो जाये इसलिये हवा कम थी। पूरे प्रदेश में करोड़ रुपये के लगभग की साईकिलें कोटवारों को बांटी गई हैं। हर साईकिल पर कम्पनी द्वारा लिखवा दिया गया है मध्य प्रदेश शासन को सप्लाई। इस प्रकार की साईकिले लेकर तहसील कार्यालय से बाहर निकले कोटवारों से जब फुरसत के प्रतिनिधि ने बात की तो उनका एक ही कहना था कि ऐसी साईकिल पर गांव में क्या काम होगा। गड्डो में कूदेगी तो चैस-कमानी कहां जायेगी पता ही नहीं चलेगा। साईकिल के कम वजन होने पर भी वह नाराज थे और एक हाथ से उठा-उठाकर बता रहे थे कि देखो इतने कम वजन की साईकिल में क्या खाक मजबूती होगी। लेकिन जब फ्री में मिल रही है तो ले तो जायें।

आष्टा का गिरनार (जैन तीर्थ)

आस्थावान नगरी आष्टा में श्री नेमिनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर का इतिहास अत्यंत ही रोचक तथ्यों से भरा हुआ है। सम्प्रति महाराजा के काल में आज से लगभग बाईस सौ वर्ष पूर्व इस मंदिर का जीर्णोध्दार हुआ था न कि निर्माण। देश के कई शासकों के समय भी यह अपनी भव्यता एवं अलौकिकता का परिचय देता रहा। समय गुजरता गया, शासकों ने इसे नुकसान पहुँचाने की कुचेष्ठा भी की। जिसके परिणाम स्वरुप समाज के बुध्दी प्रमुखों ने कुछ मूर्तियाँ सुरक्षा की दृष्टि से प्राचीन मंदिर के तलघर में स्थापित की। लेकिन कोई भी ऐसा पुख्ता सबूत देकर नहीं गये कि मंदिर के नीचे भी मूर्तियां हें। इसे हम संयोग कहें या अद्भुत घटना की हजारो साधु संतों के आवागमन के पश्चात भी किसी साधु साध्वी या श्रावक को यह आभास नहीं हो सका। लेकिन पूय पन्यास प्रवर श्री हर्षतिलक विजय जी म.सा. को ईश्वरीय तौर पर ऐसे संकेत या आभास हुआ कि इस प्राचीन मंदिर के नीचे भी मूर्तियाँ हैं। साधु भगवंत के अथक प्रयास और साहस से यह स्वप् साकार हुआ जिसे लोग मूर्तियां होने का स्वप् मान रहे थे। खुदाई आरंभ होने पर पता लगा कि वहाँ कई मूर्तियाँ विराजित हैं जिसे पूयश्री ने विशेष क्रिया मांगलिक विधि के माध्यम से श्रावकों द्वारा बाहर निकलाया। सबसे यादा भव्य और प्रभावी मूर्ति श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथ प्रभु की है जिनके प्रभाव का वर्णन शब्दों में करना असंभव है। मूलनायक श्रीनेमिनाथ भगवान तो प्रकट प्रभावी हैं, आशा पूरण हैं। इतनी प्राचीन मूर्ति आज के युग में देखने और पूजने के लिये बहुत मुश्किल से उपलब्ध होती है। इसकी प्राचीनता की देश के जाने माने पुरातत्व वेत्ता श्री वाकणकर ने भी आष्टा प्रवास के समय पुष्टि की थी। मूलनायक श्रीनेमिनाथ प्रभु के दर्शन जब करते हैं तो ऐसा लगता है साक्षात प्रभु विराजमान हैं। प्रभु पूजा से सच्चे सुख की अनुभूति होती हैं। पापों का क्षय होता है। मोक्ष मार्ग प्रशस्त होता है। कईयों के मनोरथ सफल होते हैं। प्रथम बार दर्शन से ही जो आकर्षण और अलौकिकता की किरणें बिखरती हैं वे दर्शक का मनमोह लेती हैं और वह श्रीनेमिनाथ प्रभु का भक्त हो जाता है। साध्वी उमा भारती और कनकेश्वरी देवी तो बेहद प्रभावित हुईं।
इस मंदिर का जीर्णोध्दार पिछले लगभग 25 वर्षों से निरन्तर चल रहा है। कई बार कई तरह के चमत्कार हुए। जैसे श्वेत नाग देवता का प्रकट होना, आकाश से केशर की बरसात होना, प्रभु की मूर्ति से अमि झरना, इसके अतिरिक्त एक सबसे बड़ा प्रभाव जो देखने को मिला वह यह कि जबसे जीर्णोध्दार कार्य प्रारंभ हुआ नगर के हर समाज के हर घर की निरन्तर प्रगति हुई लोगों में धर्म की भावना प्रबल हुई साथ ही अधिक से अधिक धन को धर्म में समर्पित करने की भावना जाग्रत हुई।
इस मंदिर के निर्माण को सर्वोच्च मुकाम पर पहुँचाने का श्रेय परम पूय आचार्य श्री राज तिलक सू.म.सा. को हैं जिन्होने गुजरात विचरण के समय केवल मूर्ति के फोटो के दर्शन किये और उन्होने इसके निर्माण की पूरी जिम्मेदारी ली लोगों को अधिक से अधिक प्रेरित कर दान कराया और उन्ही की प्रेरणा से यहाँ विशाल आराधना भवन, यांत्रिक भवन, भोजन शाला, ज्ञान भंडार, पेढ़ी, नेमिनाथ नगर, विशाल द्वार, भावी चौबीसी के गोखले, जीवदया मंडप, समोहशरण, उपाश्रय का नव निर्माण कराया, लेकिन विधाता को यह स्वीकार नहीं था कि जिस महाप्रासाद का निर्माण करा रहे हैं वहाँ उनके चरण पड़ सकें और प्रतिष्ठा करा सकें।
इसके पूर्व ही वे दिव्य लोक में विहार कर गये लेकिन उनकी दिव्य कृपा आज भी बरस रही है, जिनके घट-घट में श्रीनेमिनाथ प्रभु बसे थे उनके अस्वस्थ होने से उनका भार इस तीर्थोध्दारक श्री हर्षतिलक विजय जी पर आया। जिन्होने कर्मठ परिश्रम, अद्वितीय साहस, योग्यता, प्रभु निष्ठा, प्रेरक प्रवचन और मधुरवाणी का परिचय देते हुए अनेक संकटों, समस्याओं बाधाओं का जिंदादिली से सामना करते हुए आज इसे भारत प्रसिध्द बनाने में सफल हुए समाज सदा ऋणी रहेगा।
उन्ही की कृपा से यह विशाल जिनालय प्रतिष्ठा की प्रतीक्षा में हिमालय की तरह शान से आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। इसकी मनमोहनी चित्ताकर्षक नक्काशी की जितनी प्रशंसा की जाये कम है। पत्थरों को जिस तरह तराशा गया है वह शायद आबू देलवाड़ा के मंदिरों से कम नहीं है। मालवा के गिरनार के रुप में यह सम्पूर्ण भारत में प्रसिध्द हो चुका है। विदेशों में भी इसकी गूंज सुनाई दे रही है।
अपने अमृत वचनों से लाभान्वित करने वाले प्रशांतमना प.पू.आचार्य भगवंत श्री अजित सेन सू.म.सा. तथा मुम्बई से उग्र विहार करके आष्टा पधारकर अपनी चरण रज से इस भूमि को पावन करने वाले आचार्य भगवंत श्री नयवर्धन सू.म.सा. तथा पन्यास प्रवर श्री हर्ष तिलक विजयजी म.सा. आदि साधु-साध्वी भगवंतों की शुभ निश्रा में 2 से 11 मार्च 2008 तक भव्य अंजन शलाका एवं प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न होगा। जिस ऐतिहासिक घड़ी का बेसब्री से इंतजार थ वह अब आ चुकी है। वे सब भाई बहन भाग्यशाली हैं जो अपने जीवनकाल की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण प्रभु प्रतिष्ठा को देखकर लाभान्वित होंगे क्योंकि यह सौभाग्य इस प्रतिष्ठा के पश्चात इसी मंदिर की पुन: प्रतिष्ठा के रुप में शायद न जाने कितनी पीढ़ियों के बाद प्राप्त हो। सबको शुभकामनाएं एवं हार्दिक बधाई।

वाराणसी के महाराज की दासी को मिली स्वर्णचैन

आष्टा 8 मार्च (फुरसत)। तीर्थ नगरी आष्टा में चल रहे प्रतिष्ठा एवं अंजन शलाका महोत्सव में आज छटे दिन प्रात: 6.15 बजे 18 अभिषेक एवं ध्वजदंड, कलश पूजन आदि का कार्यक्रम मंदिर जी में विधि-विधान के साथ पूय आचार्य श्रीमद् विजय अजितसेन सू.म.सा., आचार्य देव श्रीमद् विजय नयवर्धन सू.म.सा.पन्यास प्रवर श्री हर्ष तिलक विजयजी म.सा. की निश्रा में सम्पन्न हुई। पूजा आदि के कार्यक्रम के पश्चात प्रियंवदादासी के द्वारा पुत्र जन्म की वाराणसी के महाराज को खुश-खबरी सुनाकर उन्हे बधाई देने का कार्यक्रम, भुआ एवं उनके परिजनों द्वारा नाम स्थापना पालनाजी झुलाना, फोईयारा तथा भगवान का पाठशाला गमन का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ सभी पात्रों ने बहुत ही आकर्षक एवं सुंदर ढंग से अपना-अपना किरदार निभाया। आज प्रियंवदादासी द्वारा महारानी के पुत्र जन्म की खबर महाराजा को सुनाने का जो कि रदार कु.मेघा रांका ने निभाया उसकी सभी ने जमकर अनुमोदना की। खुशखबरी सुनने के बाद वाराणसी के महाराज ने दासी को स्वर्णचैन व अन्य भेंट दी। पूरे पंडाल में कलदार रुपयों की वर्षा की गई उसके बाद भतीजे का नामकरण कार्यक्रम हुआ जिसमें भुआ (पारसमल जी सिंघवी) का पूरा परिवार वाराणसी पहुँचा और पुत्र रत्न जन्म पर भैया और भाभी को बधाई दी। पुत्र जन्म की खुशी पर वाराणसी के महाराज ने अपने दरबार के मंत्री, कोषाध्यक्ष आदि को आमंत्रित कर घोषणा की कि कैदियों को रिहा कर दिया जाये, राजकोष खोल दिया जाये सभी के ऋण माफ कर दिये जायें। पूरे नगर में महोत्सव मनाया जाये अभयदान दिया जाये। उसके बाद नामकरण पाठशालागमन आदि का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। नामकरण की विधि नवीन भाई जामनगर वालों ने सम्पन्न कराई, जैसे ही भगवान के जन्म की खुशखबरी आई पूरे पांडाल में हर्ष उत्साह का माहौल छा गया, सभी ने नृत्य कर भगवान के जन्म की खुशियाँ मनाई। आज प्रतिष्ठा महोत्सव में पूर्व मुख्यमंत्री क्षेत्र के सांसद कैलाश जोशी भी उपस्थित हुए। उन्होने भगवान के दर्शन किये एवं मंदिर जी के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की बाद में श्री जोशी का स्वागत-अभिनंदन किया एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया। आज कार्यक्रम में जिला कांग्रेस के अध्यक्ष कैलाश परमार जिला भाजपा के अध्यक्ष ललित नागौरी, भाजपा नगर के अध्यक्ष संतोष झंवर भी विशेष रुप से उपस्थित थे। आज पूजन के लाभार्थी परिवार गुलाबचंद जेशजी परिवार एवं नौकारसी-स्वामीवात्सल्य का लाभ लेने वाले रविन्द्र कुमार चन्द्रप्रकाश रांका परिवार का बहुमान राजकुमार स्वरुपचंद सुराना परिवार आष्टा एवं विमल कुमार परासकुमार सारंगपुर वालों ने किया।

सीहोर में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुये

सीहोर 8 मार्च (फुरसत)। जिला पंचायत के पूर्व सदस्य व कांग्रेस नेता कमलेश कटारे के नेतृत्व में गत दिवस म.प्र. कांग्रेस क मेटी के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी व प्रदेश के सहप्रभारी जतीन प्रसाद के स्वागत में आयोजित जन आक्रोश रैली के दौरान ग्राम खापरा, खण्डवा, चांदबड़, सोंठी, श्यामपुर, आदि क्षैत्रों के ग्रामीण कार्यक र्ताओं ने भाजपा छोड़ कांग्रेस की सदस्यता श्री कटारे के नेतृत्व में ली । इस अवसर पर कटारे ने सभी नये साथियों का पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया । सदस्यता लेने वालो में जमना प्रसाद गौर, रामलाल सिंह गौर, बद्रीप्रसाद, भवानी प्रसाद गौर, खुशीलाल गौर, शिवनारायण गौर, गोविन्द प्रसाद गौर, गोरधन गौर, लखन गौर, पन्ना लाल गौर, माधवसिंह गौर, रमेश गौर, कैलाश गौर, अवधनारायण गौर, प्रेमनारायण गौर, भगत सिंह पटेल गौर, तुलसीराम गौर, जीवन दास, तुलसीराम सेन, कृपाल सिंह गौर, हरिनारायण गौर, कमलश गौर, विनोद गौर, खण्डवा से - कुंवर जी मेम्बर साहब, विनोद पटैल सरपंच खण्डवा, मांगीलाल जाट, रामगोपाल मुकाती , मंगल पुरी, अशोक टेलर, रमेश प्रजापति, इब्राहिम अली, देवनारायण वर्मा, बद्रीप्रसाद वर्मा, बद्रीप्रसाद धनगर, जयराम जाट, बंशीलाल जाट, कमल सिंह विश्वकर्मा, राम पुरविया, मांगीलाल विश्वकर्मा, कुंवर जी नाथ, अरूण वर्मा, अनिल वर्मा, चांदबढ़ से राम पटेल, राम चन्दर शर्मा, ज्ञान सिंह मेवाड़ा, चन्दर सिंह, संतोष कुमार, शिवचरण गौर, अरविन्द कुमार शर्मा, सोंठी से - पटेल सोदान सिंह दांगी, रामनारायण शर्मा, सुमेर सिंह दांगी रायपुरा, विक्रम सिंह जाट, हृदेश दांगी आदि लोगों ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की ।

इछावर में आलू चोर महिला ने लगाई उठक-बैठक

इछावर 8 मार्च (फुरसत)। प्रति सप्ताह हाट बाजार के दिन सब्जी दुकानों पर पहुँचकर और सब्जी व्यापारी को अपनी बातों में उलझा कर एक महिला आलुओं पर हाथ साफ कर रही थी। गत दिवस हाट बाजार के दिन इस आलू चोर महिला ने जब एक सब्जी दुकान से आलू चोरी करने की कोशिश की तो दुकानदार की नजर उस पर पड़ गई और उसने उसे रंगे हाथ पकड़ कर उससे उठक-बैठक लगवाकर आगे चोरी न करने का कह कर भगा दिया उठक बैठक के दौरान सब्जी दुकान पर काफी भीड़ एकत्र हो गई थी।

आष्‍टा में वीतराग प्रभु का शुभ मुहूर्त में विवाह व अभिषेक संपन्न हुआ

आष्टा 8 मार्च (फुरसत)। बड़े ही पुण्यों से आज जो यह जीवन मिला है यह राग के लिए नही वैराग्य के लिए है । सभी तीर्थकरों ने फरमाया है कि 8 वर्ष की उम्र में दीक्षा ग्रहण करना चाहिये । भगवान के कुछ कर्म ऐसे थे इसलिये उन्होंने शादी की लेकिन शादी के वक्त भी उनके भाव भोग के नही वैराग्य के थे । भगवान ने जो बताया को करने जैसी बात है । भगवान ने जो किया वो सभी करें यह जरूरी नही ।
उक्त उद्गार प्रतिष्ठा महोत्सव के सातवें दिन श्री नेमिनाथ श्वैताम्बर जैन मंदिर परिसर में पूज्य आचार्य देव श्रीमद् विजय जयवर्धनन सू.म.सा. ने भगवानके लग् एवं राज्याभिषेक दिवस के अवसर धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहे । आचार्य श्री ने आगे कहा कि राग की प्रवृत्ति के समय भी भगवान के मन में जो भाव थे वो राग के नही वैराग्य के थे । सभी का यह पुण्योदय है कि उन्हें भगवान के पांचों कल्याणक प्रत्यक्ष देखने को मिल रहे हैं। संसार के रूप को आकर्षक तो होता ही है, लेकिन रूप देखकर स्वरूप बढ़ना चाहिये । आचार्य श्री ने कहा कि संसार में छ: प्रकार की आत्मा दिखा ही है , ये है अधमाधम, अधम, विमध्यम, मध्यम, उत्तम, और उत्तमोत्तम, आचार्य श्री ने उक्त छ: आत्मा के बारे में विस्तार से बताया, उन्होंने कहा कि समय मिला है धर्म करो ताकि आपका अगला भव सुधर जाये । आचार्य श्री ने कहा की वैराग्य, विद्या और विवेक से विरती और विरती से मुक्ति मिल जाती है। पूज्य पन्यास प्रवर श्री हर्षतिलक विजय जी म.सा. ने भी अपने विचार रखे । आज प्रात: प्रतिष्ठा महोत्सव में मंदिर जी में गुरूमूर्ति के अभिषेक, लग् महोत्सव, मामेरा, पार्श्वनाथ महापूजन, भगवान का राज्याभिषेक एवं नवलोकांतिक देवों की विनती आदि के कार्यक्रम संपन्न हुए । भरी राज्यसभा में राजकन्या द्वारा राजकुमार पार्श्वकुमार का तिलक किया । राज्याभिषेक की विधि संपन्न होने के बाद कलाकार मोहनभाई द्वारा सिर पर गागर के ऊपर एक नन्हें बालक को बिठाकर नृत्य प्रस्तुत किया । आष्टा के मण्डल द्वारा भी विशेष वेशभूषा धारण कर जय-जय नन्दा, जय-जय भद्दा, के साथ नृत्य प्रस्तुत किया । मुम्बई श्रीपाल नगर निवासी अरूणाबेन कुमार पाल भाई झवेरी परिवार द्वारा मामेरा किया गया । वहीं भगवान के माता-पिता ने मामेरे में आये सभी लोगों का बहुमान किया। आज कई बोलियां भी लगाई गई वही आज शुभमुहूर्त में भगवान श्री नेमिनाथ जी की प्रतिष्ठा का चढ़ावा की शुरूआत हुई। आज नवकारसी का लाभ लेने वाले लाभार्थी गोरधन लाल, बसन्तीलाल, बडें ग़ांव वालों का बहुमान राजमल, छगनमल संचेती परिवार के नवनीत संचेती ने किया । पूजन का लाभ लेने वाले लाभार्थी श्रीमति हीराबेन, राजेश भाई, बाबूभाई मोदी परिवार, मुम्बई का बहुमान योगेश भाई, जयंत भाई मेहता द्वारा किया गया । आज वाराणसी नगरी पर भगवान का विवाह, मामेरा, राज्याभिषेक आदि के कार्यक्रम की उपस्थित नागरिकों ने जमकर अनुमोदना की। 9 मार्च को प्रात: 8.30 बजे भगवान की दीक्षाकल्याणक का ऐतिहासिक वरघोड़ा किला मंदिर जी से प्रांरभ होगा, जिसको लेकर श्रीसंघ एवं प्रतिष्ठा महोत्सव समिति ने भव्य तैयारियां की है। सभी धर्मप्रेमी जनता से श्रीसंघ ने भगवान के वरघोड़े में शामिल होने की अपील की है ।

सड़क हादसे में दो घायल

इछावर 8 मार्च (फुरसत)। प्राप्त जानकारी के अनुसार इछावर थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम पालखेड़ी निवासी हरि प्रसाद आ. भूरा जी सुतार 55 साल सायकल से पालखेड़ी से आज दोपहर सवा 12 बजे आटा पिसाने इछावर जा रहे थे कि सामने से आ रहे मोटर सायकल क्रं. एमपी - 37-बी-7753 के चालक सुरेश बारेला निवासी लोदड़ी थाना नसरूल्लागंज ने बाइक को तेजी व लापरवाही से चलाकर इनकी सायकल में टक्कर मारकर घायल कर दिया परिणाम- स्वरूप दोनो को चोट आने से इलाज हेतू इछावर अस्प. में दाखिल कराया गया ।

उपचार के दौरान मौत

इछावर 8 मार्च (फुरसत)। इछावर थाना क्षैत्र में एक युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई । पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी
जानकारी के अनुसार ग्राम दीबड़िया निवासी 35 वर्षीय चन्दरसिंह आ। सिद्धूलाल विश्वकर्मा को गत दिनों जलने के कारण एल।वी।एस। अस्प। भोपाल में दाखिल कराया गया था जहां पर उसकी मौत हो गई ।

सीहोर अभी तक समर्थन मूल्य पर 130 क्विंटल गेहूं खरीदा

सीहोर 8 मार्च (फुरसत)। सीहोर जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी 1 मार्च,08 से प्रारंभ की जा चुकी है। जिले में 130 क्विंटल गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है । जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि समर्थन मूल्य पर गेहूं का खरीदा मूल्य 1000 रुपये तथा म.प्र. शासन द्वारा 100 रुपये प्रति क्ंविटल बोनस का लाभ किसानों को दिलाया जा रहा है। जिले में 41 खरीदी केन्द्र गेहूं उपार्जन हेतू प्रारंभ किए गए है। गेहूं खरीदी के संबंध में किसी प्रकार की समस्या या शिकायत हो तो नागरिक आपूर्ति निगम के टोल फ्री टेलीफोन नं. 18002336451 पर संपर्क किया जा सकता है।