आष्टा 27 फरवरी (फुरसत)। अचानक आष्टा से निकलने वाले इन्दौर भोपाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर जावर जोड़ पर मेहतवाड़ा के बीच में स्थित खेड़ापति हनुमान मंदिर के सामने बरसो पुराना एक छोटा पुल है। जिसमें आज अचानक दरार पड़ गई उक्त पुल नदी से लगभग 15-20 फिट ऊपर है समय से उक्त दरार को देख लिया गया नहीं तो इसके कारण इस पुल से निकलने वाला कोई सा भी वाहन अगर पुल पर आई दरार के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो जाता तो बड़ी घटना घट जाती। आज शाम को इसके लिये अस्थाई मार्ग की खोज में स्थानीय प्रशासन जुट गया। तथा खबर लिखे जाने तक उक्त पुल से वाहनों का गुजरना रोक दिया गया था। इस संबंध में एसडीओपी मनु व्यास ने बताया कि सूचना मिली है। मैं उक्त स्थान पर ही जा रहा हूं तथा देखता हूँ क्या हो सकता है। वहीं एसआई श्री जाट इस क्षेत्र से परिचित लोगों को नये रास्ते की खोज में निकले हुए हैं। खबर लिखे जाने के समय पुल के दोनो तरफ सैकड़ो वाहन एकत्रित हैं।
Thursday, February 28, 2008
प्रशासन कान में अंगुली डालकर सो गया
सीहोर 27 फरवरी (फुरसत)। मार्च के प्रथम सप्ताह से 10 वीं-12 वीं बोर्ड की परीक्षाएं प्रारंभ हो रही हैं इसके अतिरिक्त स्कूलों की अन्य कक्षाओं की परीक्षाएं भी लगभग इसी समय प्रारंभ हो रही है। इन दिनों स्कूलों में वार्षिक परीक्षाओं की तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही हैं। छात्र-छात्राओं के अध्ययन में कोई रुकावट न हो इसके लिये जिला प्रशासन ने पूर्व में ही शोर शराबे और ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। प्रशासन के प्रतिबंध का बैण्ड बाजे वालों और डी.जे.साउण्ड वालों पर इसका कोई असर दिखाई नहीं देता है। विवाह समारोह में ध्वनि विस्तारक यंत्रों की तेज आवाज के साथ बैण्ड बाजे और डी.जे.साउण्ड का धड़ल्ले से प्रयोग हो रहा है। लाउडस्पीकर और ढोल-ढमाकों की कान फोड़ू आवाज से जहाँ आमजन परेशान है वहीं अध्ययनरत विद्यार्थियों के अध्ययन में भी बाधा पहुँचा रही है। एक ही स्थान पर घंटो बजने वाले ढोल बाजों की आवाज खुले आम जिला प्रशासन के निर्देशों की अवहेलना करने पर उतारु हैं लेकिन प्रतिबंध के बाद लगता है प्रशासन कान में उंगली डाल कर सो गया है।
तुमसे क्या उम्मीद की जाये, आप किसी काम के नहीं हो (खुसुर:फुसुर)
सीहोर (घुमक्कड़) । एक बार फिर नगर की एक सबसे महत्वपूर्ण संस्था की बैठक लीक से हटकर एक नये स्थान पर की गई, असल में हर-बार छुपकर करने के बाद भी बैठक की बातें फैल जाती हैं इसलिये इस बार स्थान ही बदल दिया गया था, जो बैठक पहले चार महिने में एक बार होती थी वो अब महिने में चार बार होने लगी है। इस बार की बैठक क्या थी, सीधे-सीधे मुद्दे की बात यह थी कि भईया पिछली बैठक में तो स्पष्ट नहीं हुआ था कि विकास कैसे होगा लेकिन अब तो 'मौसम' आ गया है अब तो 'विकास' हो ही जाना चाहिये।
इस संस्था के प्रमुख जो हैं वह अध्यक्ष के रुप में बैठते हैं और सामने बैठक में जो तरह-तरह की उनकी पसंद वाले प्रतिनिधि रहते है वह बैठते हैं। फिर खिचडी पकना शुरु होती है कि आगे कैसे 'विकास' जारी रखा जाये। विकास मतलब 'विकास', मतलब सबका विकास....अरे भाई विकााााााााास अब भी नहीं समझे ?
इस बार की बैठक पिछली बार की बैठक से यादा गंभीर थी। पिछली बार वाली बैठक में सिर्फ बातचीत की गई थी कि किस प्रकार 'विकास' किया जाना है लेकिन जब 'विकास' शुरु ही नहीं हुआ तो आज सारे लोग पूरी तैयारी से उपस्थित हुए। उन्होने बैठक के शुरु होते ही शिकायतों की झडी लगा दी और वह आपा खोने की स्थिति में आ गये। इस पर अध्यक्ष ने अपनी गरिमा का बखान किया कि भाई मैं अध्यक्ष हूँ....और उन्होने जाने क्या-क्या बोला तब जाकर सब शांत हुए।
एक ने कहा कि 'तुमसे हम क्या उम्मीद रखें....तुम किसी काम के नहीं हो....। दूसरे ने बोला 'मैने कहा भी था कि उस वाली को वहाँ से हटा दो, लेकिन वो आज तक नहीं हटाई गई जब जाता हूँ वो ही बैठी रहती है वहाँ, उसे दूसरी जगह क्यों नहीं किया जा रहा है'। तीसरे ने तो स्पष्ट ही कह दिया कि 'कि हम फुकलेट घूम रहे हैं तुम्हारे अपने वाले मजे उठा रहे हैं'। चौथा और भी नाराज था अचानक बोल पड़ा 'लगता है जैसे प्रशासन हमें चला रहा हो'। सब अपनी-अपनी बात रख रहे थे। अचानक सामने बैठा अध्यक्ष संभलते हुए बोला कि नाराज क्यों होते हो भाई.....मैने तुम्हारे लिये सब किया है...फिर वो भी अपनी-अपनी बोलने का प्रयास करने लगा। लेकिन आज तो कोई उसकी सुनने को तैयार ही नहीं था। सब अपना आपा खोये हुए थे। जाने क्या-क्या बोल रहे थे। भड़ास निकलने के बाद अंतत: सबने मांग की कि भैया अब तो 'मौसम' आ गया है। मौसम में ही तो चलती है, मौसम में ही तो बंटता है। पिछली बार भी मौसम आते ही खूब चलवाये थे आपने, सबको पूरा-पूरा लाभ मिला था, अच्छा-खासा मामला बन गया था। इस बार भी चलवाना ही है जल्दी चलवाओ ताकि 'मौसम' का पूरा-पूरा लाभ उठाया जा सके। बरना फिर मौसम बिगड़ जाये बादल आ जायें, बादल गरज जायें....बिजली कड़क जाये...तो फिर गया अपना तो साल। कितनी मेहनत के बाद मौसम के शुरुआत में ही ऐसी स्थिति बनती है कि 'मौसम' का लाभ उठाया जा सके। सबने अध्यक्ष से कहा कि देखो-देखो मौसम बदल गया है, अब आप भी संभलो, और हमारा ख्याल रखते हुए इस मौसम में कुछ करो। इससे हमारा ही नहीं आपका और सबका कल्याण हो जायेगा। बैठक में इस बार भी अंत में निष्कर्ष निकाला गया कि अब आगे क्या करना है....निष्कर्ष निकला कि एकदम सही-सही 'मौसम' आ गया है इसलिये तत्काल कार्यवाही शुरु करते हुए सबके गले तर कर दिये जायें....बैठक में लग रही गर्मी से और बातचीत से हुई गर्मागर्मी में फिर सबने पानी पिया और यह कहते चले गये कि देखो भैया 'मौसम' बदल गया है।
इस संस्था के प्रमुख जो हैं वह अध्यक्ष के रुप में बैठते हैं और सामने बैठक में जो तरह-तरह की उनकी पसंद वाले प्रतिनिधि रहते है वह बैठते हैं। फिर खिचडी पकना शुरु होती है कि आगे कैसे 'विकास' जारी रखा जाये। विकास मतलब 'विकास', मतलब सबका विकास....अरे भाई विकााााााााास अब भी नहीं समझे ?
इस बार की बैठक पिछली बार की बैठक से यादा गंभीर थी। पिछली बार वाली बैठक में सिर्फ बातचीत की गई थी कि किस प्रकार 'विकास' किया जाना है लेकिन जब 'विकास' शुरु ही नहीं हुआ तो आज सारे लोग पूरी तैयारी से उपस्थित हुए। उन्होने बैठक के शुरु होते ही शिकायतों की झडी लगा दी और वह आपा खोने की स्थिति में आ गये। इस पर अध्यक्ष ने अपनी गरिमा का बखान किया कि भाई मैं अध्यक्ष हूँ....और उन्होने जाने क्या-क्या बोला तब जाकर सब शांत हुए।
एक ने कहा कि 'तुमसे हम क्या उम्मीद रखें....तुम किसी काम के नहीं हो....। दूसरे ने बोला 'मैने कहा भी था कि उस वाली को वहाँ से हटा दो, लेकिन वो आज तक नहीं हटाई गई जब जाता हूँ वो ही बैठी रहती है वहाँ, उसे दूसरी जगह क्यों नहीं किया जा रहा है'। तीसरे ने तो स्पष्ट ही कह दिया कि 'कि हम फुकलेट घूम रहे हैं तुम्हारे अपने वाले मजे उठा रहे हैं'। चौथा और भी नाराज था अचानक बोल पड़ा 'लगता है जैसे प्रशासन हमें चला रहा हो'। सब अपनी-अपनी बात रख रहे थे। अचानक सामने बैठा अध्यक्ष संभलते हुए बोला कि नाराज क्यों होते हो भाई.....मैने तुम्हारे लिये सब किया है...फिर वो भी अपनी-अपनी बोलने का प्रयास करने लगा। लेकिन आज तो कोई उसकी सुनने को तैयार ही नहीं था। सब अपना आपा खोये हुए थे। जाने क्या-क्या बोल रहे थे। भड़ास निकलने के बाद अंतत: सबने मांग की कि भैया अब तो 'मौसम' आ गया है। मौसम में ही तो चलती है, मौसम में ही तो बंटता है। पिछली बार भी मौसम आते ही खूब चलवाये थे आपने, सबको पूरा-पूरा लाभ मिला था, अच्छा-खासा मामला बन गया था। इस बार भी चलवाना ही है जल्दी चलवाओ ताकि 'मौसम' का पूरा-पूरा लाभ उठाया जा सके। बरना फिर मौसम बिगड़ जाये बादल आ जायें, बादल गरज जायें....बिजली कड़क जाये...तो फिर गया अपना तो साल। कितनी मेहनत के बाद मौसम के शुरुआत में ही ऐसी स्थिति बनती है कि 'मौसम' का लाभ उठाया जा सके। सबने अध्यक्ष से कहा कि देखो-देखो मौसम बदल गया है, अब आप भी संभलो, और हमारा ख्याल रखते हुए इस मौसम में कुछ करो। इससे हमारा ही नहीं आपका और सबका कल्याण हो जायेगा। बैठक में इस बार भी अंत में निष्कर्ष निकाला गया कि अब आगे क्या करना है....निष्कर्ष निकला कि एकदम सही-सही 'मौसम' आ गया है इसलिये तत्काल कार्यवाही शुरु करते हुए सबके गले तर कर दिये जायें....बैठक में लग रही गर्मी से और बातचीत से हुई गर्मागर्मी में फिर सबने पानी पिया और यह कहते चले गये कि देखो भैया 'मौसम' बदल गया है।
सीहोर में कालबेलिया चड्डी बनियान धारी गिरोह को तिहरा आजीवन कारावास, 95 हजार अर्थदण्ड
आष्टा 27 फरवरी (फुरसत)। न्यायालय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट टे्रक कोर्ट आष्टा राजेश श्रीवास्तव द्वारा धारा 395 सहपठित धारा 397 एवं धारा 395 एवं धारा 396 भादसं के अंतर्गत सत्र प्र. क्र. 4305 एवं 4405 शासन विरूद्व धर्मेन्द्र आदि में आरोपीगण धर्मेन्द्र आ. हीरा नाथ, गुड्डू नाथ आ. बैजनाथ, सुक्कू नाथ आ. हीरा नाथ नि. ग्राम खामला पाड़ा थाना पेटलावद जिला झाबूआ एंव फून्दानाथ आ. अमरनाथ, भंवर नाथ आ. पन्ना लाल नाथनि. ग्राम रामगढ़ जिला झाबूआ, पीरूनाथ आ. नाहर जी नि. छायन जिला धार, सूरजनाथ आ. रतनलाल नि. बड़नगर जिला उौन तथा निकटस्थ ग्राम अरनिया कला थाना अवंतीपुर बड़ोदिया, जि. शाजापुर में आरोपी, पदमनाथ पुत्र पन्नानाथ को प्रत्येक धाराओं में प्रथक-प्रथक आजीवन कारावास एवं क्रमश: 10,000-रुपये, 25000- रुपये, 10,000-रुपये, इस प्रकार प्रत्येक आरोपी को नब्बे हजार रुपये अर्थदण्ड से एवं सत्र प्र. क्र. 4605 में उक्त सभी आरोपीगण को 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5-5 हजार रूपये के अर्थदंड से धारा 395 सहपठित धारा 397 भादसं. के अंतर्गत दण्डित किये जाने का निर्णय पारित किया ।
विदित हो कि वर्ष 2004 में चड्डी बनियान धारी गिरोह के नाम से कुख्यात डकैतो द्वारा आष्टा तहसील सहित म.प्र. एवं अन्य राज्यों में हत्या सहित डकैती की कई घटनाएें अंजाम दी थी । जिससे क्षैत्र में आंतक का माहौल बन गया था । उक्त आरोपीगण ने दिनों 11.05.04 को रात्रि लगभग 9 बजे अन्य दो आरोपीयों के साथ आष्टा के निकट ग्राम डाबरी में देवीप्रसाद के टप्पर पर लाठियों से लेस होकर फरियादी कैलाशसिंह नि. डाबरी जो वहां सो रहा था के साथ मारपीट कर डकैती की और और उसके 600 रुपये व हाथ की घड़ी छीनकर उसके कपड़े फाड़कर उन्हीं कपड़ों से बांध कर भाग गये । जिसे दूसरे दिन सुबह भांजे देवीप्रसाद ने खोला तब कैलाश की रिपोर्ट पर थाना आष्टा में अप. क्र. 28105 पंजीबद्ध हुआ तथा मान. न्यायालय द्वारा इस अपराध के सत्र प्र.क्र . 4805 में उपर्युक्त 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपये के अर्थदण्ड से सभी आरोपीगण को दण्डित किया ।
दूसरी घटना में दि. 12.05.04 की रात्रि लगभग 1 बजे उक्त आरोपीगण ने फरियादी मोहनसिंह मेवाड़ा नि. मालीपुरा के खेत स्थित चाचरसी जोड़ के पास बने मकान पर डकै ती हेतू धावा बोलकर उसके परिवार में उसकी मां लीलाबाई एवं पत्नी ममता बाई के सोने चांदी के जेवर छीने उसे भी बिजली के तार एवं साड़ी के टुकड़ें से बांध दिया व मकान के बाहर सोये उसके पिता अनारसिंह को बांध कर पलंग पर हत्या कारित की व मामा मेहरबान सिंह को भी बांध कर मारपीट की तथा भाई अजाबसिंह को भी बांधकर पैसे छीने जिसकी रिपोर्ट फरियादी मोहनसिंह द्वारा थाना आष्टा में किये जाने पर अप. क्र. 2805 थाना आष्टा में पंजीबद्ध हुआ इस अपराध के सत्र प्र.क्र. 4305 में सभी आरोपीगण को तिहरा आजीवन कारावास एवं 45 हजार रुपये अर्थदंड से मा. न्यायालय द्वारा दण्डित किया गया । तीसरी घटना दिनांक 28.05.04 को रात्रि लगभग 1 बजे ग्राम कुमड़ावदा जोड़ के पास धरमसिंह खाती के कुएं पर बने मकान पर जहां बाहर मेहरबानसिंह, उमाशंकर एवं धरमसिंह सोये थे तथा फरियादीया प्रेमलता बाई एवं सास मोतन बाई बच्चों के साथ मकान के अंदर सोई थी आरोपीगण लकड़ियों से लैस होकर डकैती हेतू आये तो फरियादी प्रेमलता बाई एवं सास मोतन बाई के चांदी के जेवर डरा धमका कर एवं मारपीट कर छीन लिया व बाहर सोये धरमसिंह एवं उमाशंकर के हाथ पैर बांध दिये व मारपीट की तथा नरबतसिंह की हत्या कर दी । जिसकी रिपोर्ट प्रेमलता बाई द्वारा देहाती नालासी के रूप में पुलिस आष्टा को दी जिस पर थाना आष्टा ने अप. क्र. 31905 पंजीबद्ध हुआ । इस अपराध क्र.सत्र प्र. क्र. 4405 में सभी आरोपीगण को तिहरा आजीवन कारावास एवं 45,000 रुपये अर्थदण्ड से मा. न्यायालय द्वारा दण्डित किया गया ।
विदित हो कि वर्ष 2004 में चड्डी बनियान धारी गिरोह के नाम से कुख्यात डकैतो द्वारा आष्टा तहसील सहित म.प्र. एवं अन्य राज्यों में हत्या सहित डकैती की कई घटनाएें अंजाम दी थी । जिससे क्षैत्र में आंतक का माहौल बन गया था । उक्त आरोपीगण ने दिनों 11.05.04 को रात्रि लगभग 9 बजे अन्य दो आरोपीयों के साथ आष्टा के निकट ग्राम डाबरी में देवीप्रसाद के टप्पर पर लाठियों से लेस होकर फरियादी कैलाशसिंह नि. डाबरी जो वहां सो रहा था के साथ मारपीट कर डकैती की और और उसके 600 रुपये व हाथ की घड़ी छीनकर उसके कपड़े फाड़कर उन्हीं कपड़ों से बांध कर भाग गये । जिसे दूसरे दिन सुबह भांजे देवीप्रसाद ने खोला तब कैलाश की रिपोर्ट पर थाना आष्टा में अप. क्र. 28105 पंजीबद्ध हुआ तथा मान. न्यायालय द्वारा इस अपराध के सत्र प्र.क्र . 4805 में उपर्युक्त 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपये के अर्थदण्ड से सभी आरोपीगण को दण्डित किया ।
दूसरी घटना में दि. 12.05.04 की रात्रि लगभग 1 बजे उक्त आरोपीगण ने फरियादी मोहनसिंह मेवाड़ा नि. मालीपुरा के खेत स्थित चाचरसी जोड़ के पास बने मकान पर डकै ती हेतू धावा बोलकर उसके परिवार में उसकी मां लीलाबाई एवं पत्नी ममता बाई के सोने चांदी के जेवर छीने उसे भी बिजली के तार एवं साड़ी के टुकड़ें से बांध दिया व मकान के बाहर सोये उसके पिता अनारसिंह को बांध कर पलंग पर हत्या कारित की व मामा मेहरबान सिंह को भी बांध कर मारपीट की तथा भाई अजाबसिंह को भी बांधकर पैसे छीने जिसकी रिपोर्ट फरियादी मोहनसिंह द्वारा थाना आष्टा में किये जाने पर अप. क्र. 2805 थाना आष्टा में पंजीबद्ध हुआ इस अपराध के सत्र प्र.क्र. 4305 में सभी आरोपीगण को तिहरा आजीवन कारावास एवं 45 हजार रुपये अर्थदंड से मा. न्यायालय द्वारा दण्डित किया गया । तीसरी घटना दिनांक 28.05.04 को रात्रि लगभग 1 बजे ग्राम कुमड़ावदा जोड़ के पास धरमसिंह खाती के कुएं पर बने मकान पर जहां बाहर मेहरबानसिंह, उमाशंकर एवं धरमसिंह सोये थे तथा फरियादीया प्रेमलता बाई एवं सास मोतन बाई बच्चों के साथ मकान के अंदर सोई थी आरोपीगण लकड़ियों से लैस होकर डकैती हेतू आये तो फरियादी प्रेमलता बाई एवं सास मोतन बाई के चांदी के जेवर डरा धमका कर एवं मारपीट कर छीन लिया व बाहर सोये धरमसिंह एवं उमाशंकर के हाथ पैर बांध दिये व मारपीट की तथा नरबतसिंह की हत्या कर दी । जिसकी रिपोर्ट प्रेमलता बाई द्वारा देहाती नालासी के रूप में पुलिस आष्टा को दी जिस पर थाना आष्टा ने अप. क्र. 31905 पंजीबद्ध हुआ । इस अपराध क्र.सत्र प्र. क्र. 4405 में सभी आरोपीगण को तिहरा आजीवन कारावास एवं 45,000 रुपये अर्थदण्ड से मा. न्यायालय द्वारा दण्डित किया गया ।
खेत में मवेशी घुसने की बात को लेकर जानलेवा हमले में पिता पुत्र घायल
सीहोर 27 फरवरी (फुरसत)। रविवार की शाम को ग्राम सेवनिया के रास्ते में खेत में मवेशी घुसने की बात को लेकर तीन लोगों ने मिलकर गांव को लौट रहे पिता पुत्र पर डंडो से प्रहार कर घायल कर दिया ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अहमदपुर थाना क्षैत्र के ग्राम इमलिया बुगली वाली रहने वाले मखमल बेलदार व उसका पुत्र आजाद, लतीफ रविवार की सुबह ग्राम सेवनिया गये थे जहां से तीनों शाम को अपने घर वापस आ रहे थे तभी गांव के समीप सेवनिया के रास्ते में असरफ खां, असीन खां, रईस खां ने मिलकर रास्ते में इन्हें रोक लिया व गामी गुफतार करते हुये मखमल व उसके पुत्र आजाद पर डंडो से प्रहार कर सिर व शरीर में जानलेवा चोटें पहुंचाई ।
बीच-बचाव करने आये अजीज व लतीफ के साथ भी इन्होंने मारपीट कर चोटें पहुंचाई इस घटना में गंभीर रूप से घायल मखमल को उपचार हेतू भोपाल अस्प. में दाखिल कराया गया है । शेष घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी कर दी गई है । पुलिस ने घटना में शामिल आरोपी असरफ को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जाता है कि मखमल की भैंस रविवार की संछा को असरफ के खेत में भरा गई थी जिसको लेकर दोनो पक्षों के मध्य गाली गलौच व कहा-सुनी हुई थी । और इसी बात को लेकर असरफ बगैरह ने शाम को इनके साथ यह उक्त घटना घटित की ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अहमदपुर थाना क्षैत्र के ग्राम इमलिया बुगली वाली रहने वाले मखमल बेलदार व उसका पुत्र आजाद, लतीफ रविवार की सुबह ग्राम सेवनिया गये थे जहां से तीनों शाम को अपने घर वापस आ रहे थे तभी गांव के समीप सेवनिया के रास्ते में असरफ खां, असीन खां, रईस खां ने मिलकर रास्ते में इन्हें रोक लिया व गामी गुफतार करते हुये मखमल व उसके पुत्र आजाद पर डंडो से प्रहार कर सिर व शरीर में जानलेवा चोटें पहुंचाई ।
बीच-बचाव करने आये अजीज व लतीफ के साथ भी इन्होंने मारपीट कर चोटें पहुंचाई इस घटना में गंभीर रूप से घायल मखमल को उपचार हेतू भोपाल अस्प. में दाखिल कराया गया है । शेष घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी कर दी गई है । पुलिस ने घटना में शामिल आरोपी असरफ को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जाता है कि मखमल की भैंस रविवार की संछा को असरफ के खेत में भरा गई थी जिसको लेकर दोनो पक्षों के मध्य गाली गलौच व कहा-सुनी हुई थी । और इसी बात को लेकर असरफ बगैरह ने शाम को इनके साथ यह उक्त घटना घटित की ।
सीहोर में प्रो.डॉ. भागचंद जैन को शिवना सारस्वत सम्मान प्रदान किया गया
सीहोर 27 फरवरी (फुरसत)। शहर की अग्रणी साहित्यिक प्रकाशन संस्था शिवना प्रकाशन ने सुकवि मोहन राय की प्रथम पुण्य तिथि पर गीतांजली समारोह का आयोजन कर उनको अपनी श्रध्दांजलि अर्पित की । इस अवसर पर शिक्षाविद् प्रो. डॉ. भागचन्द जी जैन को शिवना सारस्वत सम्मान से समादृत किया गया ।
सुकवि मोहन राय की प्रथम पुण्यतिथि पर शहर के साहित्यकारों तथा बुध्दिजीवियों ने शिवना प्रकाशन के आयोजन में उनको अपनी श्रध्दांजलि अर्पित की । कार्यक्रम का अध्यक्षता पूर्व विधायक श्री शंकरलाल जी साबू ने की जबकि मुख्य अतिथि के रूप में मुम्बई से पधारे श्री केशव राय उपस्थित थे । विशेष अतिथि के रूप में सारणी से पधारे गीतकार श्री सजल मालवीय और सहकारी बैंक के प्रबंधक श्री अजय चंगी उपस्थित थे तथा कार्यक्रम के सूत्रधार शिवना प्रकाशन के प्रकाशक पंकज सुबीर थे । कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने तथा मां सरस्वती तथा सुकवि श्री राय के चित्र पर माल्यर्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । युवा कवि जोरावर सिंह ने मां सरस्वती की वंदना का सस्वर पाठ किया । शिवना की ओर से डॉ. कैलाश गुरू स्वामी, बृजेश शर्मा, अनिल राय ने पुष्प हारों से तथा ओम राय ने बैज लगाकर अतिथियों का स्वागत किया । वरिष्ठ कवि श्री रमेश हठीला तथा हरीओम शर्मा दाऊ ने स्व. श्री राय के गीतों का सस्वर पाठ करे उनको गीतांजलि अर्पित की। तत्पश्चात शिवना प्रकाशन की ओर से दिया जाने वाला सुकवि मोहन राय स्मृति शिवना सारस्वत सम्मान कन्या महा विद्यालय के प्राचार्य तथा शहर के वरिष्ठ शिक्षाविद् प्रो. डॉ. भागचन्द जी जैन को दिया गया । अतिथियों ने शाल श्रीफल तथा सम्मान पत्र भेंट कर श्री जैन को ये सम्मान प्रदान किया । इस अवसर पर बोलते हुए श्री केशव राय ने कहा कि धन्यवाद के पात्र होते हैं वे लोग जो किसी साहित्यकार को उसके जाने के बाद भी इतनी शिद्दत के साथ याद करते हैं । प्रो. डॉ. भागचन्द जैन ने सीहोर के साथ अपने अट्ठाईस साल पुराने रिश्तों का जिक्र करते हुए कहा कि इतने वर्षों में इस शहर ने मुझे इतना कुछ दिया है कि मुझे कभी भी अपने गृह नगर सागर लौट कर वापस जाने का विचार भी नहीं आया । उन्होंने सीहोर की साहित्यिक चेतना की भी प्रशंसा की । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व विधायक श्री शंकरलाल साबू ने कहा कि मोहन राय के साथ पूरे शहर के लोगों को नेह का नाता था सभी के साथ उनके आत्मीय संबंध थे । सुकवि मोहन राय अपनी कविताओं अपने साहित्य के कारण हमेशा हमारे दिलों में रहेंगें वे कभी हमसे जुदा नहीं हो पाएंगें । सजल राय ने मोहन राय को गीतों का राजकुमार निरूपित करते हुए उनको गीतों के माध्यम से अपनी श्रध्दांजलि अर्पित की । अंत में आभार व्यक्त करते हुए डॉ. मोहम्मद आजम ने सभी को आभार व्यक्त किया । कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहर के पत्रकार, साहित्यकार, सुधि श्रोता उपस्थित थे ।
सुकवि मोहन राय की प्रथम पुण्यतिथि पर शहर के साहित्यकारों तथा बुध्दिजीवियों ने शिवना प्रकाशन के आयोजन में उनको अपनी श्रध्दांजलि अर्पित की । कार्यक्रम का अध्यक्षता पूर्व विधायक श्री शंकरलाल जी साबू ने की जबकि मुख्य अतिथि के रूप में मुम्बई से पधारे श्री केशव राय उपस्थित थे । विशेष अतिथि के रूप में सारणी से पधारे गीतकार श्री सजल मालवीय और सहकारी बैंक के प्रबंधक श्री अजय चंगी उपस्थित थे तथा कार्यक्रम के सूत्रधार शिवना प्रकाशन के प्रकाशक पंकज सुबीर थे । कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने तथा मां सरस्वती तथा सुकवि श्री राय के चित्र पर माल्यर्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । युवा कवि जोरावर सिंह ने मां सरस्वती की वंदना का सस्वर पाठ किया । शिवना की ओर से डॉ. कैलाश गुरू स्वामी, बृजेश शर्मा, अनिल राय ने पुष्प हारों से तथा ओम राय ने बैज लगाकर अतिथियों का स्वागत किया । वरिष्ठ कवि श्री रमेश हठीला तथा हरीओम शर्मा दाऊ ने स्व. श्री राय के गीतों का सस्वर पाठ करे उनको गीतांजलि अर्पित की। तत्पश्चात शिवना प्रकाशन की ओर से दिया जाने वाला सुकवि मोहन राय स्मृति शिवना सारस्वत सम्मान कन्या महा विद्यालय के प्राचार्य तथा शहर के वरिष्ठ शिक्षाविद् प्रो. डॉ. भागचन्द जी जैन को दिया गया । अतिथियों ने शाल श्रीफल तथा सम्मान पत्र भेंट कर श्री जैन को ये सम्मान प्रदान किया । इस अवसर पर बोलते हुए श्री केशव राय ने कहा कि धन्यवाद के पात्र होते हैं वे लोग जो किसी साहित्यकार को उसके जाने के बाद भी इतनी शिद्दत के साथ याद करते हैं । प्रो. डॉ. भागचन्द जैन ने सीहोर के साथ अपने अट्ठाईस साल पुराने रिश्तों का जिक्र करते हुए कहा कि इतने वर्षों में इस शहर ने मुझे इतना कुछ दिया है कि मुझे कभी भी अपने गृह नगर सागर लौट कर वापस जाने का विचार भी नहीं आया । उन्होंने सीहोर की साहित्यिक चेतना की भी प्रशंसा की । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व विधायक श्री शंकरलाल साबू ने कहा कि मोहन राय के साथ पूरे शहर के लोगों को नेह का नाता था सभी के साथ उनके आत्मीय संबंध थे । सुकवि मोहन राय अपनी कविताओं अपने साहित्य के कारण हमेशा हमारे दिलों में रहेंगें वे कभी हमसे जुदा नहीं हो पाएंगें । सजल राय ने मोहन राय को गीतों का राजकुमार निरूपित करते हुए उनको गीतों के माध्यम से अपनी श्रध्दांजलि अर्पित की । अंत में आभार व्यक्त करते हुए डॉ. मोहम्मद आजम ने सभी को आभार व्यक्त किया । कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहर के पत्रकार, साहित्यकार, सुधि श्रोता उपस्थित थे ।
दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज
आष्टा 27 फरवरी (फुरसत)। अपने घर में विवाहिता को दहेज की मांग को लेकर सताने वाले ससुरालियों के खिलाफ सिद्धिकगंज पुलिस ने दहेज एक्ट के तहत तीन लोगो के विरूद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम अभयपुर देवास निवासी अजाबसिंह की 22 वर्षीय पुत्री माया का विवाह 4-5 वर्ष पूर्व ग्राम पगारिया हाट निवासी जितेन्द्र सिंह के साथ हुआ था बताया जाता है कि माया का पति जितेन्द्र सिंह दहेज में एक लाख रुपया नगद मोटर सायकल व रंगीन टी.वी. की मांग कर माया को प्रताड़ित करता था तथा उसके इस कार्य में लखन एवं पपीता द्वारा भी सहयोग दिया जाता था । जिनकी प्रताड़ना से तंग आकर मायाबाई ने थाना सिद्धिकगंज पहुंचकर अपनी व्यथा पुलिस को सुनाई जिस पर पुलिस ने इनके विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर कानूनी कार्यवाही प्रारंभ कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम अभयपुर देवास निवासी अजाबसिंह की 22 वर्षीय पुत्री माया का विवाह 4-5 वर्ष पूर्व ग्राम पगारिया हाट निवासी जितेन्द्र सिंह के साथ हुआ था बताया जाता है कि माया का पति जितेन्द्र सिंह दहेज में एक लाख रुपया नगद मोटर सायकल व रंगीन टी.वी. की मांग कर माया को प्रताड़ित करता था तथा उसके इस कार्य में लखन एवं पपीता द्वारा भी सहयोग दिया जाता था । जिनकी प्रताड़ना से तंग आकर मायाबाई ने थाना सिद्धिकगंज पहुंचकर अपनी व्यथा पुलिस को सुनाई जिस पर पुलिस ने इनके विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर कानूनी कार्यवाही प्रारंभ कर दी है।
अब पचौरी 3 को आयेंगे सीहोर
सीहोर 27 फरवरी (फुरसत)। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद यहाँ सीहोर में पहली बार आ रहे हैं जो पहले 2 मार्च को आने वाले थे अचानक इनका कार्यक्रम बदलकर 3 मार्च हो गया है जिससे कांग्रेसी यादा उत्साहित हैं अब पचौरी जी सुबह 1 बजे कोतवाली चौराहा पर पहुँचेंगे जो शाम तक सीहोर में रहेंगे। शाम 5 बजे पत्रकार वार्ता भी सभा स्थल पर ही होगी। आज वरिष्ठ कांग्रेस नेता जसपाल सिंह अरोरा, अध्यक्ष कैलाश परमार सहित अन्य कांग्रेसी नेता भोपाल जाकर सुरेश पचौरी से इस संबंध में मिलकर बातचीत करके आये।
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