Monday, September 29, 2008

पुलिस ने दिये बैंक मैनेजरों को निर्देश: अब नकली नोट आते ही कर दें सूचना

सीहोर 28 सितम्बर (नि.सं.)। कल जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस ने एक नगर के समस्त बैंक मैनेजरों की एक बैठक बुलाई थी। जिसमें नकली नोटों के खिलाफ रणनीतियाँ तय की गई। इसमें बैंक कर्मियों की सहायता लेकर नकली नोटों के कारोबार पर अंकुश लगाने की योजना बनाई गई है। बैंक मैनेजरों से बातचीत के दौरान उन्हे पुलिस अधिकारियों ने अपने मोबाइल नम्बर भी दे दिये हैं ताकि जैसे ही कोई ऐसा व्यक्ति बैंक में आये जिसके पास नकली नोट मिलें उसकी सूचना भी बैंक कर्मी पुलिस को कर सकें।
उधर एक 27 लाख रुपये की विशाल राशि से मशीन भी सीहोर में उपलब्ध हो गई है जिसमें नकली नोट की जांच तत्काल की जा सकेगी। अब पुलिस के अभियान में बैंकों के ग्राहकों को क्या परेशानी सामने आती है यह तो समय ही बतायेगा।
जानकारी के अनुसार कल पुलिस नियंत्रण कक्ष कोतवाली थाना में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस उमेश शर्मा ने नगर में नकली नोटों के कारोबार और उनसे आये दिन हो रहे अपराधों से निपटने के लिये एक बैठक रखी थी। आर्थिक अपराधों और देश की नकली मुद्रा चलाने वालों के खिलाफ बुलाई गई इस बैठक में समस्त राष्ट्रीय कृत बैंकों के मैनेजरों को बुलाया गया था। बैंक मैनेजरों से हुई बैठक में पुलिस ने अपने गुर सिखाये कि किस प्रकार बैंक नकली नोटों के संचालन को रोकने में सफल हो सकते हैं। यहाँ विभिन्न बैंक के मैनेजरों ने अपने-अपने मत भी प्रकट किये तथा बताया कि बैंकों को किस प्रकार नकली नोट के संचालन रोकने में दिक्कत आती है और अब तक वह लोग किस प्रकार इससे बचते हैं।
पुलिस ने बताया कि स्टेट बैंक आफ इण्डिया में एक विशाल 27 लाख रुपये की मशीन लगी हुई है। इस मशीन में यदि कोई भी नोट की ऐसी गड्डी फंसाई जाये जिसमें एक भी नकली नोट है तो मशीन उसी स्थान पर काउंटिंग रोक देती है जहाँ नकली नोट है और नोट आसानी से पकड़ा जाते हैं। उन्होने बताया कि यदि आपको भी किसी नोट की गड्डी पर शक हो तो उसे इस मशीन पर निशुल्क रुप से जांच कराई जा सकती है ताकि नकली नोटों का चलन रोका जा सके। पुलिस अधिकारी श्री शर्मा ने बताया कि यदि बैंक में कोई ऐसा संदिग्ध व्यक्ति आये जो बड़े नोट लाया है तो उस पर ध्यान दें, उसके नोट अच्छे से जांच-परखे साथ ही यदि गड़बड़ी हो तो तत्काल पुलिस को सूचना दें। इसके लिये उन्होने पुलिस विभाग के आला अफसरों के नम्बर भी इन बैंक मैनेजरों को उपलब्ध कराये।
बैंको में चोरों के प्रवेश पर अलार्म बजने की जो व्यवस्था रहती है उसे हर स्थिति में दुरुस्त करने की बात भी कल पुलिस विभाग ने कही। ताकि कोई बड़ी आपराधिक घटना होने से बचा जा सके।

ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण की शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी

जावर 28 सितम्बर (नि.प्र.)। नगर पंचायत द्वारा जावर कजलास मार्ग पर 80 हजार रुपये की लागत से नागरिकों की सुविधा के लिये एक शौचालय का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन ठेकेदार द्वारा उक्त निर्माण कार्य मे घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग करने तथा निर्माण कार्य गुणवत्ता विहीन होने के कारण पिछले दिनों भारतीय जनता युवा मोर्चा के पदाधिकारी भूपेन्द्र सिंह सेंधव द्वारा उक्त घटिया निर्माण कार्य को लेकर स्थानीय प्रशासन जनप्रतिनिधि का ध्यान आकर्षित कराने के उद्देश्य से एक विज्ञप्ति जारी की गई थी।
उक्त विज्ञप्ति जारी होने के बाद निर्माण कार्य का ठेका लेने के बाद ठेकेदार अशफाक अली पुत्र मुबारिक अली बौखला गया तथा उसने आज अपने मोबाइल नम्बर 98930-70253 से भूपेन्द्र सिंह को धमकी दी कि बहुत बड़ा भाजपा का नेता बन रहा है, निर्माण कार्य की शिकायत करने का परिणाम तुझे भुगतना होगा, तथा तुझे जान से मार दूंगा।
उक्त मोबाइल पर मिली धमकी के बाद भूपेन्द्र सिंह ने जावर थाने में पहुँचकर ठेकेदार अशफाक अली के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। जावर थाने से मिली जानकारी के अनुसार भूपेन्द्र सिंह की शिकायत पर ठेकेदार अशफाक अली के खिलाफ धारा 506, 294 के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरु कर ली है।
वहीं भाजपा जावर मण्डल के कोषाध्यक्ष संजय अजमेरा जो की जावर नगर पंचायत के अंत्योदय समिति के सदस्य हैं गत दिवस अंत्योदय समिति की बैठक में भी संजय अजमेरा ने उक्त घटिया निर्माण का मुद्दा उठाया था ।
इस पर नाराज होकर ठेकेदार ने आज संजय अजमेरा को भी मोबाइल लगाकर काफी अपशब्द कहे एवं जान से मारने की धमकी। संजय अजमेरा ने भी इसकी शिकायत संगठन स्तर पर भाजपा जिलाध्यक्ष ललित नागौरी को की है।

जुंआरियों को पकड़ने पहुँची पुलिस को देख जुंआरी भागे

आष्टा 28 सितम्बर (नि.सं.)। मयूर टाकीज के पीछे आज दोपहर में कुछ युवक जुंआ खेल रहे थे। उन्हे जुंआ खेलते देख पारसमल जैन ने एसडीओपी आष्टा, ओंकार सिंह कलेश को सूचना दी। एसडीओपी की सूचना के बाद आष्टा थाने से चार-पाँच पुलिस कर्मी इन जुंआरियों को पकड़ने के लिये टाकीज मार्ग पर पहुँची। जुंआरियों ने पुलिस को देख दुड़की लगाई जिसमें एक जुंआरी पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
कुछ भाग गये। भागने में एक युवक जिसका नाम अयाज अली है, को पैरों में गंभीर चोंटे आई। तब जो लोग वहाँ आ गये थे उसे इलाज के लिये सिविल अस्पताल ले गये। थाना प्रभारी हनुमंत सिंह राजपूत ने बताया कि इरशाद नामक युवक पकड़ा गया है तथा अब्बास खां, शफीक खां, पीलू खां भाग गये तथा अयास उद्दीन जिसे पैरों में चोंट आई उसे उचित इलाज के लिये भोपाल भेज दिया गया है। आज जैसे ही उक्त खबर कसाईपुरा क्षेत्र के लोगों को मालूम पड़ी वह बड़ी संख्या में सिविल अस्पताल पहुँच गये तथा यहाँ इन्होने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस ने इसे डंडे से मारा है, इसलिये इसके पैर में चोंट आई है जबकि टीआई का कहना है कि जिस वक्त पुलिस सूचना पर इन्हे पकड़ने पहुँची तब शिकायतकर्ता तथा अन्य नागरिक लोग भी घटना स्थल भी उपस्थित थे तथा उनके सामने ही यह युवक पुलिस को देख पुलिस की पकड़ से बचने के लिये भागे जिसमें अयासउद्दीन के पैरों में चोंटे आई है। पुलिस ने घटना स्थल से इनके पास से 185 रुपये नगदी, 52 पत्ते जप्त कर जुंआ एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया है। आज सिविल अस्पताल में पहुँचे लोगों ने इस पूरे मामले को बड़ी सफाई से मोड़ देने के काफी प्रयास किये तथा वह इस मामले को लेकर पुलिस को घेरने के प्रयास में थे लेकिन इन्हे जो उम्मीद थी उन लोगों का सहयोग नहीं मिल पाया।

गोपाल सिंह, परमार के सारथी बने....(खबर ही तो है........)

आष्टा 28 सितम्बर (नि.प्र.)। राजनीति में कब क्या हो जाये नहीं कहा जा सकता राजनीति एक ऐसे ऊंट की तरह होती है जिसके बारे में कहा जा सकता है कि यह ऊंट (राजनीति)किस करवट बैठेगा। सभी जानते है ओर देखा भी है की अभी तक जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश परमार के वाहन की आगे का स्थान श्री परमार और उनके सारथी प्रदीप प्रगति के लिए ही रहा है लेकिन इन दिनों चुनावी रणनीति का सीजन चल रहा है आज जिसने भी दोपहर में जिला कांग्रेस अध्यक्ष के वाहन को कन्नौद रोड पर जाते देखा उनके वाहन में सारथी के रूप में प्रदीप प्रगति के स्थान पर आष्टा से टिकिट के दावेदार इंजीनियर गोपाल सिंह सारथी की भूमिका में नजर आये।
इंजीनियर गोपाल सिंह अच्छी तरह जानते है कि परमार का सारथी बने वे विधानसभा के वाहन पर सवार नहीं हो सकते है ऐसा नहीं है लेकिन अन्य को कभी परमार का सारथी बनते नहीं देखा गया है निश्चित इसमें भी कोइ गहरा राज छुपा हे नहीं तो कोई यू ही परमार का सारथी नहीं बन सकता जिसका कांग्रेस अध्यक्ष के वाहन में आगे श्री परमार के साथ प्रगति का अगर कोई स्थान ले तो यह चुनाव में राजनीतिक हल चल जरूर पैदा करता है और आज सारथी के रूप में गोपाल सिंह इंजीनियर को देखकर नगर में तरह-तरह की राजनीतिक हलचल शुरु हो गई है........